ससु माचार क्या है?
ससु माचार क्या है? “ससु माचार क्या है?” इस शीर्कष पर एक ले ख ललखना? एक ख्रीष्टीय वबे साइट के ललए थोडा अनावश्यक लग सकता ह।ै क्या सभी ख्रीष्टीय लोगों को पहले से ही ससु माचार को नहीं समझना चाहहए? हम ऐसा सोच सकते हंै, परन्तु दखु की बात है कक ससु माचार की सबसे आधारभतू अवधारणा को या तो अनदेखा कर हदया जाता है या तथाकलथत कवशरे ्ज्ञों द्वारा मान ललया जाता है और इसका कलीससया पर कवनाशकारी प्रभाव पडता है। इसललए हमें मलू भतू बातों पर वापस जाने और यह सलु नलित करने की आवश्यकता है कक हम ससु माचार को स्पष्ट रूप से समझते ह।ैं
1. सषृ्टिकताा परमशे ्वर परमेश्वर हमसे ठीक ही अपेक्षा करता है कक हम उसकी आराधना करंे, उसका आदर करें और उसके स्तरों के अनुसार उसके लिए जीएं यहद आप बाइबल के बडे धचत्र से यहद यह सच नहीं होता, तो हम जो कु छ भी बात अवगत हैं, तो आप जानते हंै कक पहली करते हंै वह के वल एक लमथ्या है। क्योंकक पसु ्तक उत्पधत्त से पता चलता है कक परमशे ्वर परमशे ्वर ने सब कु छ बनाया है, जो कु छ भी इस सषृ्टष्ट का सजृ नहार है। कु छ भी दृश्य है अन्थस्तत्व में है उसका अथष और उद्दशे ्य उसी से जो उसके कबना सजृ े अन्थस्तत्व मंे हो, और जो प्राप्त होता है। यही कारण है कक प्रकालशतवाक्य कु छ भी उसने बनाया वह अच्छा और अद्भतु 4:11 घोकर्त करता है, “हे हमारे प्रभु और परमशे ्वर, था। सबसे बढ़कर, परमशे ्वर ने मनषु ्य को तू ही महहमा, आदर और सामथ्यष के योग्य है, उसकी महहमा को प्रकतकबंि कबत करने और क्योंकक तू ने ही सब वस्तओु ं को सजृ ा, और उसकी आराधना करने और उसके साथ एक उनका अन्थस्तत्व और उनकी सषृ्टष्ट तरे ी ही इच्छा सम्बि मंे रहने के ललए अपने स्वरूप मंे से हुई।” परमशे ्वर हमसे ठीक ही अपके ्षा करता है बनाया। कक हम उसकी आराधना करंे, उसका आदर करंे और उसके स्तरों के अनसु ार उसके ललए यह सत्य कक परमशे ्वर सषृ्टष्टकताष है, परमशे ्वर जीएं । दसू रे शब्दों म,ें हम सब उसके प्रकत के प्रमखु गणु ों में से एक है सजसे हमंे उत्तरदायी हंै। ससु माचार के बारे में सोचते समय ध्यान में रखने की आवश्यकता ह।ै
2. पवित्र परमशे ्वर बाइबल के परमशे ्वर के पास न के वल शधिशाली सषृ्टष्टकताष है, ककन्तु पररभार्ा के अनसु ार वह अपने चररत्र और अन्थस्तत्व (जो वह ह)ै मंे भी परू ी तरह से पकवत्र ह।ै और क्योंकक वह पकवत्र है, वह ठीक ही अपके ्षा करता है कक मनषु ्य जो उसके स्वरूप मंे सजृ े गए हंै, उसकी पकवत्रता को प्रकतकबग्लम्बत करगें ।े उनके स्वरूप में बनाए जाने का तात्पयष है कक हम पथृ ्वी पर उसके प्रकतलनधध होने के ललए और परू ी पकवत्रता में उसकी ओर से सारी सषृ्टष्ट पर शासन करने के ललए है।ं परन्तु सषृ्टष्ट के शीघ्र पिात, हम देखते हंै कक पाप ने ससं ार मंे प्रवशे ककया और उत्पधत्त अध्याय 3 में एक बडी उथल-पथु ल का कारण बना। शतै ान ने आदम और हव्वा को उकसाया और उन्हें परमशे ्वर के कवरुद्ध कवद्रोह करने के ललए प्रोत्साहहत ककया और ऐसा करने मंे परू ी सषृ्टष्ट ने परमशे ्वर के क्रोध का सामना ककया। बाइबल का परमशे ्वर एक उदासीन और कवमुख सषृ्टष्टकताष नहीं है जो चीजों को बनाता है और उन्हंे स्वयं छोड देता ह।ै इसललए जब पाप ने प्रवेश ककया, तो मनषु ्य और पकवत्र सषृ्टष्टकताष के मध्य सम्बि बाधधत हो गया। पकवत्र परमशे ्वर, सम्भवतः पापी मानवता के साथ सम्बि मंे बने नहीं रह सकते थ।े
3. परमशे ्वर पवित्र है जब मनषु ्य ने पाप ककया, तो उसने सवशष धिमान, सम्प्रभ,ु पकवत्र सषृ्टष्टकताष परमशे ्वर के कवरुद्ध कवद्रोह ककया। हमंे उस घटना की गम्भीरता को उत्पधत्त के आरन्थम्भक अध्यायों मंे समझना चाहहए। यह बहुत बडी बात थी। यह गम्भीर था। यह इस सषृ्टष्ट के राजा के कवरुद्ध एक पणू ष कवद्रोह था। और क्योंकक परमशे ्वर पकवत्र और न्यायी है, वह इस अपराध को एक छोटे से उल्लं घन के रूप में अनदेखा नहीं कर सकता था। उसे इस अपराध के ललए मानवता को दण्डित करना पडा। पाप को दण्डित न होने देना, सम्प्रभु सषृ्टष्टकताष के रूप में उसके अधधकार, पकवत्रता के उसके स्तरों और उसकी न्याय प्रणाली के बारे में गम्भीर प्रश्न खडा करगे ा। न्यायपणू ष और सही होने के ललए, उसे जो कु छ भी है उसके ललए उसे दण्डित करना होगा। कबना ककसी दि के पाप क्षमा नहीं ककया जा सकता था। यह सब बहुत गम्भीर ह।ै इसके बारे में ध्यान से सोच:ंे परमशे ्वर सजसके पास सारी सषृ्टष्ट पर पणू ष अधधकार है, सजसने अपनी महहमा के ललए सब कु छ बनाया, सजसमंे मनषु ्य भी सन्थिललत है, परू ी लनष्ठा और आराधना की अपके ्षा करता है और योग्य ह।ै परन्तु इसके अकतररि, मानवता वास्तव मंे उसकी आराधना करने में कवफल रहती है और उसके कवरुद्ध कवद्रोह करती ह।ै इस सम्प्रभु परमशे ्वर के पास न्याय के ससद्ध स्तर हैं और इसका अथष है कक पाप से लनपटा जाना चाहहए, कवद्रोह को कु चला जाना चाहहए, पाहपयों को उसके क्रोध का सामना करना चाहहए!
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