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E - MAGAZINE KV CENTRAL UNIVERSITY OF JAMMU RAHYA SUCHANI

Published by Gurpreet140293, 2021-12-16 08:50:30

Description: EM 16-12-2021E - MAGAZINE KV CENTRAL UNIVERSITY OF JAMMU RAHYA SUCHANI
































Prepared by: - Mr. Gurpreet Singh, Computer Instructor, KV CUJ

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21 दहिंा ी खांड दिवयाजां लल 2021-22 कें द्रीय विद्यालय कंे द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 51

दहिां ी कय महत्ि सीधी बयत विश्ि की प्राचीन और सरल भार्ाओां की सूची में दहिंा ी को अगग्रम स्त्र्ान लमला “झाँक रहे हैं इधर उधर सब, अपने अंिा र झाकँ े है। दहिंा ी भारत की मूल भार्ा है। यह भार्ा हमारी ससंा ्त्कृ तत और संास्त्कारों की पहचान है। दहिंा ी भार्ा हमें अतंा राषष ्ट्रीय स्त्तर पर मान और गौरि प्रिान कौन? ढूँढ रहे ितु नया मंे कलमयाँ, अपने मन में करिाती है। विश्ि की सबसे ज्जयािा बोली जाने िाली भार्ा में दहिंा ी का स्त्र्ान ताके कौन? िसू रा आता है। ितु नया सधु रे सब गचल्लाते, खुि को आज सधु ारे भारत िेि मंे यह भार्ा सबसे ज्जयािा बोली जाती है इसललए दहिंा ी भार्ा को “कौन? हम सधु रे तो जग सधु रेगा, यह सीधी 14 लसतंबा र1949 के दिन, आगधकाररक से राज्जयभार्ा का िजाष दिया गया। बात स्त्िीकारे कौन? भारत ही एक ऐसा िेि है जजसकी राष्ट्रभार्ा और राजभार्ा एक ही है। जो यह सात्रबत करता है कक भारत िेि मंे दहिां ी का ककतना महत्ि है। िपणय जमियि दहिंा ी भार्ा का जन्म लगभग 1000 िर्ष पहले हु आ र्ा। ऐसा माना जाता है कक्षय – द्विती् कक दहिंा ी का जन्म िेिभार्ा संास्त्कृ त की कोख से हु आ है ।संास्त्कृ त,पाली, कें द्री् विद््यि्, कें द्री् विश्िविद््यि् जम्मू प्राकृ त,अपभ्रािं अिहट्ट, दहिां ी- यह दहिां ी भार्ा का विकास िम है। दहिां ी एकभािात्मक भार्ा है, जो लोगों के दिल को आसानी से छू लेती है। दहिंा ी भार्ा िेि की एकता का सूर है। पूरे विश्ि में भारतीय सासं ्त्कृ तत का प्रचार करने का श्रेय एकमार दहिंा ी भार्ा को दिया जाता है। भार्ा की जननी और सादहत्य की गररमा दहिां ी भार्ा जन- आिंा ोलन की भी भार्ा रही है। आज भारत मंे पजश्चमी सासं ्त्कृ तत को, अपनाया जा रहा है, जजसके चलते अगां ्रेजी भार्ा का सभी क्षरे मंे चलन बढ़ गया है। िास्त्तविक जीिन से भले ही हम दहिंा ी का प्रयोग जरूर करते हंै लेककनकॉरपोरेि जगत में ज्जयािातर अगां ्रेजीभार्ा का ही प्रयोग होता है, जो हमारी ललएएक िमनष ाक बात है। कफर भी ितु नया में दहिंा ी की बढ़ती पॉपुलरै रिी को िेखकर यह कहना गलत नहीां होगा कक दहिां ी भविष्ट्य की भार्ा है।एक भारतीय होने के नाते यह हमारा कतवष यहै कक हमें भी दहिां ी के महत्ि को बढ़ािा िेना चादहए। तषृ ्णय बयगि कक्षय – निमी कंे द्री् विद््यि्, कंे द्री् विश्िविद््यि् जम्मू कें द्रीय विद्यालय कंे द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 52 दिवयांाजलल 2021-22

नयरी की आस “ “चुिकु िय मन करता है पांख लगा कर, उड़ जाए नीले नभ में। अध्यापक - नाकु , आज तुमने काम क्या ककया? पररिां ों की भांता त उड उड़कर, लहराए नीले नभमें। नाकु - सर, आज मनैं े ि चार अन्य लड़कों ने लमलकर अपने बलबतू े से एक नई पहचान,बनाएंा नीले नभ में।। एक बुदढया को सड़क पार कारिाई.... इस नारी ने सीता बनकर, पततव्रता का धमष तनभाया। अध्यापक - िाधबास! पर पाचँ लडकों की जरुरत क्यों इसी ने बनकर लक्ष्मीबाई, भारत को आजाि कराया।। पड़ी? नाकु - क्योंकक िह बुदढया सड़क के पार जाना ही नहींा तोड़ िो इनके सारे बंधा न,खोल िो सब इनकी जांजीरे। चाहती र्ी...! छू लेने िो आसमान क्योंकक यही है असली हीरे।। कोमल है कमजोर नहींा तू, िजक्त का नाम ही नारी है। श्रिी डबगोिय सबको जीिन िेने िाली, अब मौत भी तुझ से हारी है।। कक्षय – सप्तम कंे द्री् विद््यि्, कंे द्री् विश्िविद््यि् जम्मू प्रथम शमयय कक्षय – अष्िम कें द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 53 कें द्री् विद््यि्, कंे द्री् विश्िविद््यि् जम्मू दिवयाजंा लल 2021-22

हमयरे लशक्षक “बेिी “जब-जब जन्म िेती है बेिी, अाधं ेरे जीिन में हमारे, खुशी्ॉ सयथ ियती है बेिी। नया सिेरा लाते हंै, ईश्िर की सौगयत ही बेिी, उनकी ऊंा ची िान है, सबु ह की पहिी फकरण है बेिी। लिक्षक िो कहलाते हैं। तयरों की शीति छय्य है बेिी, तरह-तरह की लिक्षा िेकर, आगां न की धचडड्य है बेिी। कात्रबल इांसान बनाते हैं, त््यग और समपण॓ लसखयती है बेिी, उनकी अलग पहचान है, न्े न्े ररश्ते बनयती है बेिी। लिक्षक िो कहलाते हैं। स्जस घर जयए, उजयिय ियती है बेिी, सही-गलत और झूठ-सच का, बयर-बयर ्यि आती है बेिी। पाठ िो पढ़ाते हैं, बेिी की कीमत उनसे पूछो, आिर, सच्चाई की राह पर, स्जनके पयस नहींा है बेिी। चलना िो लसखाते हैं, िो तो एक भगिान है, पल्ििी चौधरी लिक्षक िो कहलाते हंै। कक्षय – निमी कें द्री् विद््यि्, कें द्री् विश्िविद््यि् जम्मू सुहयनी खलु ्िर कक्षय – अष्िम कंे द्री् विद््यि्, कें द्री् विश्िविद््यि् जम्मू दिवयाांजलल 2021-22 कंे द्रीय विद्यालय कंे द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 54

सम् कय महत्ि “ प्ययिरण और हम जीिन मंे समय का सबसे अगधक महत्ि है।समय ककसी की प्रतीक्षा “हमारे चारों तरफ का िह प्राकृ ततक आिरण जो हमें नहींा करता है।िह सजृ ष्ट्िका काल- चि है जो कभी नहींरा ्मता है जहांा समय के सिपु योग से मानि महान ् बनता है,िहीसंा मय के सरलतापूिकष जीिन यापन करने में सहायक होता है, िरु ुपयोग से मानि का घोर पतन हो जाता है।समय सबसे अगधक पयाषिरण कहलाता है।पयाषिरण से हमें िह हर संसा ाधन मूल्यिान है और यह मनषु ्ट्यका सबसे बड़ा धन है।एक अांग्रेजी उपलधध हो जाते हंै जो ककसी सजीि प्राणी को जीने के ललए कहाित है – Time is money.परंातु समय कोईरुपया- पैसा ि सोना- आिश्यक है।पयाषिरण ने हमंे िाय,ु जल, खाद्यपिार्,ष अनुकू ल चाांिी तो नहीां हैकफर भी इसको धन कहा गया हैक्योंकक धन का िातािरण आदि उपहार स्त्िरूप भेंि दिया है। हम सभी ने लाक्षणणकका अर्ष है- मलू ्यिान िस्त्तु इसललए जो िस्त्तु अगधक हमेिा से पयािष रण के सासं ाधनों का भरपरू इस्त्तेमाल ककया है महत्ि की होती है,उसको मूल्यिान कहते हंै।समय सबसे अगधक और आज हमारे इतना विकास कर पाने के पीछे भी महत्ि का है इसललए इसको मूल्यिान कहा गया हैएिम्धन कहांा पयािष रण का एक प्रमुख योगिान रहा है। गया है। सभी प्रकार के धन एक बार खो जाने पर पनु ःलमल सकते हैं लेककन समय एक ऐसा अमलू ्य धन है जजसकाएक ही क्षण खोने लसमरन डबगोिय से कभीपुनःनहीां लमलता है। समय पर काम करने से ही हम कक्षय – चतथु य सफलता प्राप्त कर सकते हैं। हमारे पास दिन मंे के िल 24 घिंा े का कें द्री् विद््यि्, कंे द्री् विश्िविद््यि् जम्मू सीलमत समय होता है। 24 घिां े मंे हम अपने सोने,खाने, नहाने,खेलने, पढ़ने ि अपने अतनिायष कामों के ललएसमय तनयत कें द्रीय विद्यालय कंे द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 55 कर िेना चादहए।एक छार को अपनी आििष दिनचयाष बनानी चादहए।ककसी भी प्रकार के वयर्ष के कायों मंे समय नष्ट्ि नहींा करना चादहए। हमंे प्रकृ तत के इस संसा ार में एक तनजश्चत समय तक ही रहना होता है।इस तनजश्चत समय का सिपु योग करना ही जीिन को सफल बनाना है। गोकु ि लसहंा कक्षय – निमी कें द्री् विद््यि्, कंे द्री् विश्िविद््यि् जम्मू दिवयांाजलल 2021-22

कु छ पुष्प भयरती् सेनय को समवपतय “ कवितय “बरसयत” कश्मीर में सिी न होती, ररमणझम ररमणझम पानी बरसे 56 मबुंा ई में गमी न होती, िपक रही है, बुांिे सर से हम भी हर त्योहार मनाते अगर, इस जजस्त्म पर ये ििी न होती। “अब जाकर लमली है, ठांडक अपना घर छोड़ कर, सरहिों को, दठकाना बना ललया, मोर, पपीहा लमलकर नाचे अपनी भी माँ है, पर भारत माँ को, चाय,पकोड़े सबने खाए ही माँ बना ललया । चलो पानी मंे नाि चलाए ककसी गजरे की खिु बू को. पेड़ पौधे सब तुम्हें पकु ारे महकता छोड़ के आया हूँ। धरती की प्यास बूझाजाओ मेरी नन्हींा सी गचडड़या को, बच्चे सारे राह िेखते इंाद्रधनरु ् बन जाओ चहकता छोड़ के आया हूँ। ररमणझम ररमणझम पानी बरसे मझु े छाती से अपनी तां,ू िपक रही है, बुांिे सर से लगा लेना ऐ भारत मा,ँ मैं अपनी तरसती माँ की बाहों को. नदंा ितय जमियि छोड़ कर आया हूँ। कक्षय – ततृ ी् कंे द्री् विद््यि्, कंे द्री् विश्िविद््यि् जम्मू \"जय दहन्ि ' कंे द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू अदितत शमयय कक्षय – अष्िम कें द्री् विद््यि्, कें द्री् विश्िविद््यि् जम्मू दिवयाजां लल 2021-22

धरती हमयरी मयतय है “ पहेलि्याँ धरती हमारी माता है, माता को प्रणाम करो। “1. एक र्ाल मोती से भरा सबके लसर पर औधा बनी रहे इसकी सनु ्िरता, ऐसा कु छ काम करो| धरा चारों और िह र्ाली कफरे मोती उससे एक आओ हम सब लमल जलु कर, इस धरती को न गगरे ? (उत्तर: - आकाि) स्त्िगष बना िे| 2. अगर नाक पे चढ जाऊँ , कान पकड कर तमु ्हे िेकर सिांु र रूप धरा को, कु रूपता को िरू भगा िे| नतै तक जजम्मेिारी समझ कर, नतै तकता से काम पढाँऊ बताओ कौन? (उत्तर: - चश्मा) करंे | गंािगी फै ला कर भलू म पर, माां को ना बिनाम 1. लसमरन डबगोिय करें | कक्षय – चतथु य माां तो है हम सब की रक्षक, हम इसके क्यँू बन कें द्री् विद््यि्, कें द्री् विश्िविद््यि् जम्मू रहे भक्षक| जन्म भलू म है पािन भलू म, बन जाए इसके हम 2. श्रिी डबगोिय सरंा क्षक| कक्षय – सप्तम कु िरत ने जो दिया धरा को, उसका सब सम्मान कें द्री् विद््यि्, कंे द्री् विश्िविद््यि् जम्मू करो| ना छे ड़ो इन उपहारों को, ना कोई बुराई का काम कें द्रीय विद्यालय कंे द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 57 करो| धरती हमारी माता है, माता को प्रणाम करो| समर कक्षय – चतुथय कें द्री् विद््यि्, कंे द्री् विश्िविद््यि् जम्मू दिवयाांजलल 2021-22

ऑनियइन अध्््न “ ऑनलाइन अध्ययन लिक्षा एक आधतु नक डडजजिल मकु ु ि लसहां तरीका है,जहांा पर लिक्षक और छार उपकरणों जसै े कक्षय – सप्तम की लपै िॉप,स्त्मािष फोन,िैब या अन्य उपकरणों से कें द्री् विद््यि् कें द्री् विश्िविद््यि् जम्मू बातचीत कर सकते हैं।अध््यन की यह प्रणाली इन “ दिनों काफी प्रचललत है,कोरोना महामारी फै लने के बाि हमें घर से बाहर न तनकलने को कहा गया छारों को लबंा े समय तक कभी –कभी 2 से 3 घिंा े 58 है।कोविड – 19 महामारी को िेखते हुए कई स्त्कू लों ने लगातार स्त्िीन पर िेखना पड़ता है जजससे कु छ ऑनलाइन अध््यन के तरीके को अपनाया है और छारों में लसरििष, और आँख की समस्त्या िेखने को इस प्रकिया को काफी हि तक सफल भी बनाया लमलती है। कक्षा में जहा लिक्षक कई अन्य बातों है।यह बहुत सवु िधाजनक है।इस सवु िधा के उपयोग से के बारे में भी बात कर सकता है िहीां िह आप अपने घर पर ही रहकर क्लासरूम की तरह एक ऑनलाइन कक्षा मंे के िल विर्य से सबां गंा धत बात - िसू रे से सिाल जिाब कर सकते हैं।क्लासरूम ही बताता है।ऑनलाइन अध्ययन का तरीका कु छ प्रणाली से अध््यन करने में पेपर के उपयोग की मामलों मंे पूणष नहींा है।यह तो तनजश्चत है कक मारा लगभग न के बराबर हो जाती है।ऑनलाइन इसके कु छ नकु सान है पर कु छ महत्िपूणष अध््यन की विगध छारों के सार् – सार् के लिक्षकों पररजस्त्र्ततयों में यह हमारे ललए बहुत फायिेमिां के ललए भी काफी उपयोगी और सवु िधाजनकहै।उन्हंे सात्रबत हुआ है। एक – िसू रे से जडु ़ने के ललए अच्छे डडिाइस और इांिरनेि कनेक्िन की आिश्यकता होती है।ऑनलाइन कंे द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू अध्ययन की प्रकिया मंे कई लाभों के अलािा कु छ नुकसान भी हमारे सामने प्रस्त्ततु होते हंै।जजस तरह िास्त्तविक कक्षा मंे जो उत्साह का िातािरण होता है यहांा उस िातािण का अभाि होता है। दिवयाजां लल 2021-22

कौन हूाँ म?ैं “पह“ेलि्यँास्त्िच्छता कोई काम नहींा है, जो पैसे कमाने के ललये ककया जाए बजल्क, ये एक अच्छी आित है क्या हूँ म,ंै कौन हूँ म,ैं यही सिाल करती हूँ म,ैं जजसे हमंे अच्छे स्त्िास्त््य और स्त्िस्त्र् जीिन के ललये अपनाना चादहये। स्त्िच्छता पुण्य का काम है लड़की हो, लाचार, मजबरू , बेचारी हो, यही जिाब जजसे जीिन का स्त्तर बढ़ाने के ललये, एक बङी जजम्मेिारी के रुप मंे हर वयजक्त को इसका सनु ती हूँ म।ंै अनुकरण करना चादहये। हमें अपनी वयजक्तगत स्त्िच्छता, पालतू जानिरों की स्त्िच्छता, पयाषिरण बड़ी हुई, जब समाज की रस्त्मों को पहचाना, की स्त्िच्छता, अपने आस-पास की स्त्िच्छता, और कायसष ्त्र्ल की स्त्िच्छता आदि करनी चादहये। अपने ही सिाल का जिाब, तब मनंै े खिु में ही हमंे पेड़ों को नहींा कािना चादहये और पयािष रण को स्त्िच्छ बनाए रखने के ललये पेड़ लगाना पाया, लाचार नही, मजबरू नहीां म,ैं एक धधकती चादहये। गचगंा ारी हूँ, जजसकों माँ ने बड़े प्यार से हैं पाला, ये कोई कदठन कायष नहीां है, लेककन हमंे इसे िांता तपूणष तरीके से करना चादहये। ये हमें मानलसक, उस माँ की बेिी हूँ म,ैं उस माँ की बेिी हूँ म।ंै िारीररक, समाजजक और बौवद्धक रुप से स्त्िस्त्र् रखता है। सभी के सार् लमलकर उठाया गया किम सजृ ष्ट्ि की उत्पजत्त का प्रारांलभक बीज हूँ म,ंै नये- एक बड़े किम के रुप मंे पररितततष हो सकता है। जब एक छोिा बच्चा सफलतापिू कष चलना, नये ररश्तों को बनाने िाली रीत हूँ म,ैं ररश्तों को बोलना, िौड़ना सीख सकता है और यदि अलभभािकों द्िारा इसे बढ़ािा दिया जाए, तो िो बहुत प्यार में बाधंा ने िाली डोर हूँ म,ैं आसानी से स्त्िच्छता सबंा धां ी आितों को बचपन मंे ग्रहण कराया जा सकता है। छे ड़ों मत जल जाओगें, िगु ाष और काली हूँ म,ंै पररिार का सम्मान, मा-ँ बाप का अलभमान हूँ म,ंै सोनम कांु डि औरत के सब रूपों में सबसे प्यारा रुप हूँ म,ैं कक्षय – चतथु य जजसकों को हर मजु श्कल में सभां ाला, उस वपता की कें द्री् विद््यि्, कें द्री् विश्िविद््यि् जम्मू बेिी हूँ म,ंै उस वपता की बेिी हूँ म।ैं एकतय कक्षय – निमी कें द्री् विद््यि्, कें द्री् विश्िविद््यि् जम्मू दिवयाांजलल 2021-22 कें द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 59

सरहि पर बठै े िौजी के दिि की “ *बेिी बचाओ बेिी पढ़ाओ* आियज। “िो गचडड़या नहींा है रूकने िाली, जजसको कै ि कर है रखा िशु ्मन को गोली के तनिाने पे ललए बैठा हूंा, मेरी जजिां गी को मैं मौत के महुां ाने पे ललए बठै ा हूंा। इरािे उसके है अिु ि िफन कर िांगू ा हर कोलिि मंै िशु ्मन ए दहन्ि की, मन मे है उड़ने का सपना । मेरे िेि की िआु ओंा का मंै तूफान ललए बठै ा हूंा। है मजाल की, एक इांच भी ले जाए तू मेरी सरहि चाहे हो ककतनी भी बाधा , का, ना बिलेगा उसका इरािा । मैं एक दहन्िू हूंा और सार् मंे मसु लमान ललए बठै ा हूां। आओ हम भी किम बढ़ाए, तू ले जा जजतने चाहे काि कर सर मेरे, उस गचडडया को आजाि कराए। मैं िहाित के ललए पूरा कारिांा ललए बठै ा हूां। अके ला ना समझ जरा गौर से िेख मेरे िशु ्मन, ररधधमय अिी मंै सीने मंे अपनी भारत मांा ललए बठै ा हूां। कक्षय – चतुथय कफर ना करना दहमाकत इधर िेखने की कभी, कंे द्री् विद््यि्, कंे द्री् विश्िविद््यि् जम्मू मेरे पीछे मंै सारा दहिंा सु्त्तान ललए बठै ा हूां। ्शस्िी शमयय कक्षय – प्रथम कंे द्री् विद््यि्, कें द्री् विश्िविद््यि् जम्मू दिवयांजा लल 2021-22 कंे द्रीय विद्यालय कंे द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 60

कोरोनय से जागं “ जयततियि सब कु छ हो गया पराया पराया, जाततिाि यह प्रर्ा ककसने है चलाई. ऊंा च नीच की ये िीिार ककसने तरे ा आना ककसी को ना भाया। मम्मी बोले हार् धोए, घर से बाहर कोई न जाए| “है बनाई॥ सखा सहेली सब भलू जाए स्त्कू ल िीचर की याि सताए। डॉक्िर लोदहया ने जात तोड़ो आंिा ोलन चलाया र्ा, पर उसको आगे नानी का घर हमंे बलु ाए, िॉवपगां के ललए मन ककसी ने नहींा बढ़ाया र्ा ॥ ललचाए। जन्मदिन फीका फीका पड़ जाए ओ हमारे नेता अगर ये बात अपनाएंा, तो िेि को जाततिाि मकु ्त कोरोना तू बता हम छोिे-छोिे बच्चे कै से अपना बनाएंा || दिल बहलाए।ँ जब तक नौकरी और लिक्षा मंे जातीय आधार पर भीख बािंा ी तरे ा भय इतना सताए जाएगी, तब तक जाततिाि की लताएँ यँू ही बढ़ती जायगीl कोरोना तझु से नहींा डरते हम (नाम आदित्या, कक्षा िसू री) हम में है तझु से लड़ने का िम सोिल डडस्त्िंेलसगंा तनभाएगां े आदित्् गडु लसिीजन बनकर दिखाएगां े कक्षय – द्विती् सरकार के रूल्स अपनाएांगे कें द्री् विद््यि्, कें द्री् विश्िविद््यि् जम्मू घर में बठै कर तझु े हराएँगे और कफर अपना जीिन खुिहाल बनाएंगा े। अनन््य रयणय कक्षय – षष्ठी कंे द्री् विद््यि्, कंे द्री् विश्िविद््यि् जम्मू दिवयाजंा लल 2021-22 कंे द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 61

हयस्् कवितय\" विष्-\"कोरोनय कयि “ मेरी मैडम में लशक्षक “अ आ इ ई हमंे पढ़ाकर \"र्ा िीचर का धलकै बोड,ष कभी ज्ञान का खजाना। हुआ ये ककस्त्सा पुराना,अब है मोबाइल का जमाना। ज्ञान का िीप जलाती मडै म। लमल जाते है, मोबाइल पर ही गरु ु जी। सरै कराती ितु नया भर का कहते िहीां से तुम, पढ़ाई करो िरु ू जी। कई कई राग सनु ाती मडै म। बच्चे अब कर लेते हंै, िहीां से आज्ञा का पालन। घर बठै े ितु नया दिखलाती पढ़ाई के नाम पर होता,गेम का सचां ालन। त्रबगड़ी बात बनाती मैडम।। ऑनलाइन पढ़ाई से मम्मी पापा भी खिु , नहींा पता िहीां से लडू ो खेल रहा है उनका िषु्ट्ि। पररक्षक्षत मगोिय अब िीचर की डांिा से भी बच्चे होते बड़े प्रसन्न कक्षय – प्रथम क्योंकक िीचर को चुप करने का उनके पास है कें द्री् विद््यि्, कंे द्री् विश्िविद््यि् जम्मू बिन। िीचर मोबाइल से र्ोड़ा -र्ोड़ा ही पढ़ाएागं े, नहीां तो बच्चे मोबाइल बंिा करके भाग जाएंागे। अब सारे िीचर मोबाइल पर ही पढ़ाएगंा े मम्मी पापा भी खिु कक बच्चे कु छ कर दिखाएगंा े। ्िु रयज कक्षय – प्रथम कंे द्री् विद््यि्, कें द्री् विश्िविद््यि् जम्मू दिवयााजं लल 2021-22 कें द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 62

सांस्मरण:- हरर स्मरण कय प्रभयि “ “ यह घिना उन दिनों की है, जब मंै अपने गहृ नगर ऋवर्के ि सशु ्री रयधय रयनी (उत्तराखांड) में रहा करती र्ी| एक दिन मंै अपने माता वपता प्रयथलमक अध््यवपकय (सगां ीत) और अपने छोिे भाई के सार् भगिान िंाकर के मदंा िर श्री कंे द्री् विद््यि्, कंे द्री् विश्िविद््यि् जम्मू नीलकां ठ (ऋवर्के ि में दहमालय पर) पहाड़ों पर गई र्ी| बात १९९८ की है, जब मैं करीब ५ - ६ साल की र्ी| हम सभी कफर क्या र्ा, कु छ ही िेर मंे हम अपने तनधाषररत गांतवय को पहुँच लगभग िाम के 4 बजे मंदा िर पहुँचे| मंदा िर में ििनष के बाि गए| सचमचु , मैं और मेरा पररिार तनस्त्तधध, आश्चयचष ककत और हल्का अँधेरा छा गया र्ा| हमें िापस लौि कर ऋवर्के ि (अपने अखडां ब्रह्माण्ड के नायक की िजक्त के आगे नतमस्त्तक र्े| मंै घर) भी आना र्ा| परन्तु िहाँ के स्त्र्ानीय तनिालसयों से पछू ने आपको विश्िास दिला िँ ू कक िह रास्त्ता ६ घंिा े मंे पूरा ककया जाता पर पता चला कक िहाँ जांगली जानिरों का तनकलने का समय हो है, जजसे हमने रात के अधँ ेरे में, बाररि मंे, सार् ही इतने भय के चुका र्ा, अतः िावपस लौिना उस िक़्त जान पर जोणखम उठाना सार् के िल 3 घािं े मंे पूरा कर ललया| ही र्ा| कफर भी वपताजी ने यह तनश्चय ककया कक हम सभी अभी ही िावपस जाएँगे| तो यह र्ा भगिान के नाम का चमत्कार, इस घिना ने मेरे और मेरे पररिार का भगिान ् पर विश्िास और बढ़ा दिया और यह हम िापस चल पड़े र्े, तभी रास्त्ते में गचडड़या की घिना जीिनपयतां हमारे मानस पिल पर अाकं कत हो गई| आिाज सनु कर माँ ने पछू ा तो वपताजी ने बताया कक ‘डरो मत, ये गचडड़या है’| उसके ठीक िो लमनि बाि िरे की िहाड़ से पूरा जांगल िहल उठा| हम सभी बहुत डरे हुए र्े| जब हम सब रोने लगे, तो यह िेख कर वपताजी ने हमें “प्रहियि जी के नलृ सहंा भगियन” यह मांर तनरंातर जाप करने को कहा| सार् ही उन्होंने हमंे धैयष बंधा ाते हुए समझाया कक अगर हमारी आयु िेर् होगी तो भगिान हमारी रक्षा अिश्य करंेगे| अांततः कोई और रास्त्ता नहीां िेखते हुए हम सब ने ह्रिय से भगिान का िह मांर वयाकु ल होते हुए जाप करना, पकु ारना प्रारांभ कर दिया| दिवयाांजलल 2021-22 कंे द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 63

अनमोि सुविचयर “ अगर जजिां गी में कु छ पाना हो, तो तरीके श्रीमती मीनय खयजरू र्य बिलो, इरािे नहीां| िररष्ठ सधचियि् सहय्क जब तक जीिन है, तब तक सीखते रहो, कें द्री् विद््यि्, कंे द्री् विश्िविद््यि् जम्मू क्योंकक अनुभि ही सिशष ्रेष्ट्ठ लिक्षक है| “ झठू बोलकर अच्छा बनने से बेहतर है, सच बोलकर बरु ा बन जाना| िःु ख जीिन मंे इसीललए आते हैं, ताकक हम सुख का महत्ि समझ सकंे | लिक्षक और सड़क िोनों एक जसै े होते हैं, खिु जहाँ हंै िहीँी पर रहते हंै, मगर िसू रों को उनकी मंाजजल तक पहुांचा ही िेते हैं| अगर हम मीठा और अच्छा बोलते हंै, तो िसू रों के ह्रिय की िीतलता हमें आिीिािष िेती है| अपने िधिों का प्रयोग बहुत सािधानी से करें, क्योंकक िधि हमारी परिररि बताते हंै| दिवयााजं लल 2021-22 कंे द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 64

अनपढ़तय “ “ आऊंा तयां रेह््य अनपढ भ्रयिय सशु ्री अनु रयनी अग्गे तनंा रिै कोई । प्रयथलमक अध््यवपकय नयंा िैम िी रूट्टी थोह्ड़ी, कंे द्री् विद््यि्, कें द्री् विश्िविद््यि् जम्मू नयंा उप्परय िय िोई । । आऊंा तयां रेह््य अनपढ भ्रयिय आई जन्िी जिु ियड़ी 65 अग्गे तनंा रिै कोई । मांगिी ऐ सिू ते सयड़ी । िट्टे िय कु रतय , िू िे िय जोड़य , जयगते गी सड़कय उप्पर , पगड़ने पौंिय , हल्िय िय चाजं ोड़य । ियने पौंिी ध््यड़े । मयि खोलि्ै , जयने पौंिय चोई । चुक्की- चकु ्की िोकरी आऊंा तयंा रेह््य अनपढ भ्रयिय क््यड़ी जािं ी भज्जी । अग्गे तनां रिै कोई । रौंिे ते बथ्हेरय , जहे ्ड़े जयगत शिै पढ़िे , पर िैम जािं य ऐ होई । अिसर ओह् बनिे । आऊंा तयां रेह््य अनपढ भ्रयिय , मयऊ बधबय िी होंिी शोभय , अग्गे तनां रिै कोई । कन्नै करिे कमयई । रोज़ बरोि िोक पचु ्छिे , कंे द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू होई तन कड़मयई । सरु गय च पेई जािं ी ओह् कु ड़ी, जहे ्डी ओह्िे कन्नै फ्ही । आऊां तयां रेह््य अनपढ भ्रयिय अग्गे तनां रिै कोई । जेह्ड़े जयगत नेइ्ो पढ़िे , मगरय िय ओह् नै रौंिे । दिवयााजं लल 2021-22

ज् िकृ ्ष! ज् िकृ ्ष! “ “ श्रूयताम ् सिे िकृ ्षपुराणम,् अदितत शमयय कियताम ् तर्ा िकृ ्षारोपणम।् कक्षय – अष्िम िकृ ्षस्त्याजस्त्त सनु ्िरम ् यातत मलू ंा बहुिरू म।् । कंे द्री् विद््यि्, कंे द्री् विश्िविद््यि् जम्मू मलू ेपी अन्नम,् तस्त्य काष्ट्ठां कदठनम,् काष्ट्ठंा कदठनां भितत इन्धनार्मष ।् आतपे ततष्ट्ठतत िर्ाषनुिर्मष ,् 66 पणेर्ु भितत हररतद्रवयम,् अन्येर्ांा करोतत छायाप्रिानम।् । अतो दह अजस्त्त रे पणष हररतम।् । िकृ ्षो नैि अजत्त रे स्त्िकीयां फलम,् पुष्ट्पम ् सनु ्िरम,् अतीि मोहकम,् सिमष ् दह अगंा म ् तस्त्य लोकदहतार्मष ।् पषु ्ट्पम ् तस्त्य भितत रे िेिपूजार्मष ।् जनाः न स्त्मरजन्त तस्त्य उपकारम,् फलम ् रसमयां, तस्त्य फलां स्त्िािपूणमष ,् बहुधा कु िजष न्त िकृ ्षच्छे िनम।् । फलम ् दह अजस्त्त रे खगस्त्य अन्नम।् । मास्त्तु रे मास्त्तु ईदृिंा पापां, जलिातप्रकािैः तनमाषतत अन्नम,् यर्ािजक्त कियताम ् िकृ ्षारोपणम।् तेन दह अन्नेन िधतष े तनत्यम।् निै रे निै ास्त्तु िकृ ्षकतनष म’्, िकृ ्षस्त्य दृश्यताम ् सिमष ् दह कायमष ,् सिे दह कु िनष ्तु तद्सिां धनष म।् । जीिनंा तस्त्याजस्त्त परोपकारार्मष ।् । िकृ ्षे दह कु िजष न्त विहगाः नीडम,् कंे द्रीय विद्यालय कंे द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू के गचत ् तु कु िजष न्त काष्ट्ठे दह तछद्रम।् दिवयाांजलल 2021-22

सुभयवषतयतन “ “ सखु ार्ी िा त्यजते ् विद्यांा िीक्षक्षत विद्यार्ी िा त्यजते ् सखु म|् कक्षय – अष्िम सुखागर्नष : कु तो विद्यांा विद्यागर्नष : कु तो सखु म|् | कें द्री् विद््यि्, कें द्री् विश्िविद््यि् जम्मू अलसस्त्य कु तो विद्या कंे द्रीय विद्यालय कंे द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 67 अविद्यस्त्य कु तो धनम|् अधनस्त्य कु तो लमरम ् अलमरस्त्य कु तो सुखम|् | सिष परििंा िखु ंा सिां आत्मििंा सखु म|् एतद् विद्यात ् समासेन लक्षणंा सखु िखु यो:|| दििसेनैि तत ् कु यादष ् येन रारो सखु ां िसेत|् यािज्जजीिां च तत्कु यादष ् येन ् प्रेत्यसुखंा िसेत|् | िलै े िलै े न माणणक्यंा मौजक्तकंा न गजे गजे| साधनों न दह सिरष चन्िनां न िने िने|| आयरु ्: क्षणंा एकोअवप सिरष त्नैनष लभ्यते| नीयते तद् िरृ ्ा: येन प्रमाि: सुमहानहो|| दिवयाांजलल 2021-22

सिलय मिंास््यद्दशे यथमय ् “ “ िजक्तसमेतौममहस्त्तौ| श्रीमती पूनम रयनी िेिदहत-व्रत- सासं क्तौ|| प्रलशक्षक्षत स्नयतक (सांस्कृ त) श्राजन्तवििरु ौमेपािौ| कंे द्री् विद््यि्, कें द्री् विश्िविद््यि् जम्मू लक्ष्यलसद्धयेगततिरू ौ|| कंे द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 68 प्रबलाविमलामेदृजष्ट्ि| मंगा ल-दृश्य- कु तहू ललनी|| सन्ततमेतौमेकणौ| सुविचारश्रिणासक्तौ|| कु सुमकोमलंामेह्रियां | कष्ट्िेप्राप्तिे ज्रसमम|् | िाागं मानसेमेतनिु जक्त| सिलष मिंास्त्याद्दिे ार्मष |् | दिवयांजा लल 2021-22

सासं ्कृ त सप्तयह प्रततभयगी दिवयांजा लल 2021-22 कें द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 69

बयिकृ ष्ण की प्रयथनय य (आदि शंका रयचय्य –श्री बयिमुकंाु ियष्िकम)् लशक््े तनधय्यद्् प्ोिधीतन बदहगतय य्यंा व्रजनयत्कय्यम ् । भकु ्त्िय ्थषे ्िां कपिेन सपु ्तां बयिां मकु ु न्िां मनसय स्मरयलम ॥ अथयतय ् बयिकृ ष्ण मधयनी में से िधू और िही को चरु यते हंै,जब बजृ की गोवप्यंा घर से बयहर चिी जयती हैं। िही मयखन खयने के बयि िे तनद्रय मंे होनय प्रिलशतय करते हैं। ऐसे श्री बयिमकु ांु ि (श्री कृ ष्ण) को मंै स्मरण करती हूां। दिवयांजा लल 2021-22 सशु ्री रयधय रयनी, 70 प्रयथलमक अध््यवपकय सगां ीत, कंे द्री् विद््यि्, कंे द्री् विश्िविद््यि् जम्मू कें द्रीय विद्यालय कंे द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू

22 ENGLISH CORNER दिवयाजां लल 2021-22 कें द्रीय विद्यालय कंे द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 71

IMPORTANCE OF “ JOKE EDUCATION “Chintu- let’s go for movie 72 The importance of education in life is immense. It facilitates quality learning to people throughout their life. It inculcates knowledge, belief, Mintu- Shit, I have got a doctor’s skill, values and moral habits. It improves the way of living and raises the appointment today social and economic status of individuals. Education makes life better and Chintu– just cancel it ,tell him you peaceful. It transforms the personality of individuals and makes them feel are sick . confident. Shalvik Sharma Well said by Nelson Mandela, “Education is the most powerful weapon to Class – 7th change the world”. To elaborate, it is the foundation of the society which Kendriya Vidyalaya Central University of Jammu brings economic wealth, social prosperity and political stability. It gives power to people to put their views and showcase their real potential. It कंे द्रीय विद्यालय कंे द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू strengthens democracy by providing citizens with the tools to participate in the governance process. It acts as an integrative force to foster social cohesion and national identity. In India, education is a constitutional right of every citizen. So, people of any age group, religion, caste, creed and region are free to receive education. An educated person is respected everywhere and well treated in society. As a kid, every child dreams of being a doctor, lawyer, engineer, actor, sportsperson, etc. These dreams can come true through education. So, investment in education gives the best return. Well educated people have more opportunities to get a better job which makes them feel satisfied Abida Choudhary Class – 9th Kendriya Vidyalaya Central University of Jammu दिवयाजंा लल 2021-22

IMPACT OF COVID – 19 ON “ TRUST EDUCATION Trust is a state of mind, 73 Education is very necessary for us , everyone has the right to get education, A man with eyes become blind, Every human being wants to get education. Nowadays ,there is a competition among everyone to come first, everyone wants to make their “It does not require any investigations. name successful in different fields .There was rush going in our lives that suddenly everything stopped due to COVID-19 Without proofs there are confirmations, Trust is a sort of satisfaction, COVID-19 knocked all over the world and set her feet. There was a lot of Love with trust attains perfection, damage in different sectors due to COVID-19, especially education, it It is the force which runs the whole world. became difficult for young children to go to school, we could not go to school Everything will be in dis-array, if you break this cord, for last 2 years we all are in our homes. Trust in yourself make you to work hard, Trust in God will make you a Lord. Schools, colleges, parks and hotels all shut down, bus, rail, airplane and lf some one trusts you, never betray him. taxis all shut down. People were imprisoned in the wall of the house , when Beware! you are making your future grim. people got tired of sitting at home, everyone felt that it was too much. Then again new plans to start work was initiated. When once there used to be Drishti Verma boards of mobile prohibition in the school and college, today the same Class – 4th school and college were opened on mobile. The whole world has been Kendriya Vidyalaya Central University of Jammu reduced to mobile and internet. कंे द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू Even in this difficult time, our family members and our teachers supported us a lot, taught us through online classes and are trying to take education to a different level. We should have great respect for all our teachers and doctors. Karan Mehra Class – 6th Kendriya Vidyalaya Central University of Jammu दिवयांजा लल 2021-22

EVERYTHING WILL BE FINE “ COLOUR WORLD Millions affected, Millions died, We are all born in a different way .How 74 In the last few months, we went through a roller coaster ride. For their loved ones, everyone cried, “we look and what we say. From different It was the Corona virus pandemic, that spread worldwide. To use a thing, it should be sanitized, countries around the world of different To wash your hands, it is advised. genders boys and girls , of many sizes and To find a solution to this problem, the scientists and doctors tried, colours, to the things we like and the Can’t believe we’re going to welcome 2022 in a few time, so fast the things we do , We're sure glad it works time flied. this way the world is so colorful every Sitting at home, watching mobile, reading books, we got bored, day. Missing friends, we haven’t even seen from 1 year, who are abroad. Symptoms of this Covid-19 are fever, cold, sore throat, Darpan Jamwal Taking stress, we are remembering God. Class – 2nd Hoping everything will we fine, Kendriya Vidyalaya Central University of Jammu We will meet our family and friends, waiting for that time. Hoping the number of cases will decline. कंे द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू Waiting for that good time when we will be able to shine. Narvi Class – 8th Kendriya Vidyalaya Central University of Jammu दिवयांजा लल 2021-22

OUR PARENTS SMILE I will protect you Smile is a precious gift of God to us From hurt and pain “We should smile I will never give you for every reason A chance to complain “When we smile We release stress and worry Because you have Smile adds charm to our looks done the same for We look like flowers aglow Me even I want you “So keep smiling Always” To always be happy Mohd Zubayr Malik For all your love Class – 1st Kendriya Vidyalaya Central University of Jammu and your support A million words would be too short The words \"I love you\" Seem too few to Jahnvi Saini Express the love Class – 5th KV Central University of Jammu I have for you. कें द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 75 दिवयांजा लल 2021-22

MY VICINITY, POLLUTION- “ FREE VICINITY Ms. Shivani Dogra, It is rightly said that CLEANLINESS IS GODLINESS but UNKEMPTNESS IS TGT (English) NEXT TO INCAUTIOUSNESS Cleanliness begins from oneself, it propagates and effects each and everyone. It is something essential for mind, body and well- KV Central University of Jammu being. Cleanliness is an essential trait, not a compulsion. It is when you think “ you should be surrounded by something beautiful, you mantain it. For instance you want your room to seem good so you maintain it, you want yourself to look कंे द्रीय विद्यालय कंे द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 76 good you maintain yourself but what about those roads, the parks ,the Theatre and all those public places, Oh they're PUBLIC, \"the public does not include me\" it is for the public is a common cliched term that we associate our thinking with. We do not keep our roads and other public places clean because we think we do not come into its authority or its responsibility. So aren't we backing up from our duties? The greatest sin is thinking that this stuff belongs to others, it is the duty of someone else's I think the thought of keeping our vicinity clean is quite secondary and something which seems useless or not my worthy sort of job to us. So now who's taking the force. This mammoth task falls on the shoulders of those who are ready to represent India and take up the task. Today if you are given pictures of filthy roads or public places and asked to represent yourself, your country with those picture, aren't we overshadowing our country due to our recklessness of all the exemplary things it has? But I feel that they truly show the true spirit of citizens in a country and their devotion towards their country. One who cannot find unity in his or her country or take up the responsibility towards his country cannot make his or her country great! And if we are one of them, it's time to change. The tips and tricks to conquer a healthy environment are no new to us but the aspiration of a clean Country is definitely more developed and with more force. Let's not be satisfied, let our unsatisfaction cause us to change our actions. Let's start from within and..... LET CLEAN INDIA NOT just BE PART OF A SCHEME BUT IN THE DREAMS OF THOUSANDS OF ASPIRING CITIZENS OF THE COUNTRY! दिवयााजं लल 2021-22

FINDING YOURSELF! “ Finding your passion is not just about careers and money. It is about finding Ms. Shivani Dogra, your authentic self that one you have buried beneath other people needs TGT (English) -Kristin Hannah KV Central University of Jammu “ Being a good/happy person can mean different things to different people. To some of us, it is based on a moral compass that revolves around charity, कें द्रीय विद्यालय कंे द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 77 generosity, empathy, doing no harm to others or the self and other such values whereas others associate these terms with material wealth, good careers and high standards of living. In the esoteric world it is recognized that to achieve a truly rewarding and fulfilling life one must gain balance between soul mind and body. Harmony in the soul mind and body is the key to ultimate wellness and happiness, and as such attaining this balance should be an important goal for every individual. However, most people rarely give it a thought. In today's materialistic world most people spend time and effort concentrating on the surface demands. and needs of the brain and body, and ignore the mind and soul. As a result greater and greater numbers of people are starting to suffer from disorders like stress, anxiety, depression, fear of the future, boredom, low confidence and are unhappy in lives. To stem this darkening cloud that is threatening humanity it is time that people started to recognise and connect with their inner guidance system and in so doing get back into balance, following their own natural blueprint and life path that is right for them rather than a compromised life directed towards satisfying the standards set by others and pressures created by society Through connecting to the Universal Intelligence/ God of your understanding a person can start to harness that universal energy/natures wisdom and as such start to attract all they need into their lives to allow them to grow and flourish. If you find yourself irritated or not well, it's a sign that you are spending less time with God and more time with this world. Learn to balance and see yourself shine from within. दिवयाजां लल 2021-22

PUZZLE “ How many days? Mrs. Chandresh Kumari, TGT (Science) Imagine a lake on which water lilies are growing. Observations show that the area covered by the lilies KV Central University of Jammu doubles each day. The whole lake was covered in 20 “ days. How long did it take the lilies to cover half of the area of the lake? कें द्रीय विद्यालय कंे द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 78 Ranking test In a class of 60, where girls are twice in number to that of boys, the head girl is ranked 16th from the top. If there are nine girls ahead of the head girl, how many boys are after her in the rank? Who is the youngest? Raghav, Tarun and Amit are three brothers. If the following statements are true which of them is youngest? Raghav is not the youngest Tarun is oldest Amit is not the oldest Answers:- 19Days, 14 boys, Amit दिवयांजा लल 2021-22

THE BEAUTY OF “ “ SIMPLICITY Ms. Swati Tyagi, Leonardo Da Vinci said “simplicity is the ultimate PRT sophistication”. You can be luxurious and elegant yet simple. Simplicity is clarity, directness and purity . It is KV Central University of Jammu the freedom from complication ,clutter and confusion. You have all you need without the excess that prevents What is it you really want in life? How can you realign you from enjoying it. Simplicity makes for success, your thoughts and attitude to find more happiness and peace, focus and happiness. But what stops us from fulfillment? Have the courage to get rid of unnecessary achieving this? The number one barrier in achieving things or knowledge that do not add value to you then simplicity is lack of awareness. View your life from a you will have all the time to focus on what is actually different perspective. Think afresh. Re examine what it important. Expand your mind identify your high means to be really successful. Live a life that is purpose your values your calling and your talent. It’s the deliberate and intentional. Not one that is influenced “must do” of your life. When values are clear, decisions by someone else. Look around you and also inside you. get simple. Then you can effortlessly say ‘no’ to the Is your home, office, environment, mind cluttered and unnecessary and unimportant things. You find messy? That is a sign of confusion chaos and happiness you find peace. disharmony begin by clearing up the mess. Throw out or discard all that is redundant. Prioritize your activities you cannot do everything. Identify the things that are really important and delete everything else. Focus on one thing at a time and give it your 100%. दिवयाांजलल 2021-22 कें द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 79

सयंसा ्कृ ततक गततविधध्याँ दिवयांजा लल 2021-22 कें द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 80

सयंसा ्कृ ततक गततविधध्याँ दिवयांजा लल 2021-22 कें द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 81

23 धचििीथी Art Gallery दिवयांजा लल 2021-22 कें द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 82

23 धचििीथी Art Gallery दिवयांजा लल 2021-22 कें द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 83

धचििीथी 23 Art Gallery दिवयांजा लल 2021-22 कें द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 84

धचििीथी 23 Art Gallery दिवयांजा लल 2021-22 कें द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 85

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धचििीथी 23 Art Gallery ANKUSH BADYAL कंे द्रीय विद्यालय कंे द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 88 CLASS – IX KV CENTRAL UNIVERSITY OF JAMMU दिवयाजां लल 2021-22

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24 हमयरी उपिस्धध्याँ रयष्री् कवि सांगम, श्रीरयम कयव् पयठ प्रतत्ोधगतय 2021, जम्मू कश्मीर रयज्् मंे सुश्री रयधय रयनी सगां ीत लशक्षक्षकय को रयज््स्तरी् परु स्कयर दि्य ग्य| स्ितांितय दििस 2018, पलु िस तकनीकी प्रलशक्षण ससां ्थयन, कें द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 90 विज्पुर में बच्चों को सम्मयतनत फक्य ग्य| दिवयांजा लल 2021-22

24 हमयरी उपिस्धध्याँ जम्मू संाभयग द्ियरय संास्कृ त सप्तयह मंे कंे द्री् विद््यि् कंे द्री् कें द्री् विश्िविद््यि् जम्मू के स्नयतकोत्तर विद््यधथ्य ो हेतु आ्ोस्जत विश्िविद््यि् जम्मू को ससां ्कृ त नयिक 2019 के लिए कंे द्री् कय्कय ्रम मंे कें द्री् विद््यि् कें द्री् विश्िविद््यि् जम्मू के बच्चों को विद््यि् सुन्जिु यन मंे सभंा यग स्तरी् द्विती् पुरस्कयर दि्य ग्य | मयननी् कु िपतत महोि् प्रो० अशोक ऐमय द्ियरय रॉिी प्रियन कर सम्मयतनत फक्य ग्य| दिवयाजां लल 2021-22 कंे द्रीय विद्यालय कंे द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 91

24 हमयरी उपिस्धध्यँा भकंे िद्रीि्यिसंासज्कम्ृ तमू, विश्िविद््यि् श्री रणबीर पररसर, कोि- भकें िद्रीि्यिसंासज्कम्ृ तमू, विश्िविद््यि् श्री रणबीर पररसर, कोि- द्ियरय आ्ोस्जत “गीतय ज्ंता ी महोत्सि द्ियरय आ्ोस्जत “गीतय ज्तां ी महोत्सि 2021” प्रतत्ोधगतय मंे बच्चों को परु स्कयर रयलश वितररत की 2021” प्रतत्ोधगतय में बच्चों को पुरस्कयर रयलश वितररत की गई| गई| ततृ ी् स्थयन (प्रथम िगय कक्षय – 1-3) : - प्रथम स्थयन (प्रथम िगय कक्षय – 1-3) : - इशयनी रयजरय (कक्षय – द्विती्) अिभ्् िमयधथ्य (कक्षय – प्रथम) कें द्री् विद््यि् कें द्री् विश्िविद््यि् जम्मू कंे द्री् विद््यि् कंे द्री् विश्िविद््यि् जम्मू भकंे िद्रीि्यिससंाज्कम्ृ तमू, विश्िविद््यि् श्री रणबीर पररसर, कोि- द्ियरय आ्ोस्जत “गीतय ज्तां ी महोत्सि 2021” प्रतत्ोधगतय मंे बच्चों को परु स्कयर रयलश वितररत की गई| ततृ ी् स्थयन (ततृ ी् िगय कक्षय – 6-7) : - शगुन जमियि (कक्षय षष्ठ) कंे द्री् विद््यि् कंे द्री् विश्िविद््यि् जम्मू दिवयांाजलल 2021-22 कें द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 92

24 हमयरी उपिस्धध्यँा कंे द्री् विश्िविद््यि् जम्मू के मयननी् कु िपतत प्रो० अशोक ऐमय ि नयलमत अध््क्ष महोि् डॉ. ज.े एन. बलि्य द्ियरय ससंा ्कृ त सप्तयह मंे विजेतय बच्चों को, डोगरी नतृ ्् ि कश्मीरी नतृ ्् के प्रततभयधग्ों को नगि रयलश िेकर सम्मयतनत फक्य ग्य| दिवयाजंा लल 2021-22 कंे द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 93

कमचष ारी वििरण पि क्र० स०ां कमचय यरी कय नयम पसु ्त्तकालय अध्यक्ष (कायिष ाहक प्राचाय)ष प्रलिक्षक्षत स्त्नातक (W.E.) 1. श्री लीला धारी प्रलिक्षक्षत स्त्नातक (विज्ञान) 2. श्री अजीत कु मार िमाष प्रलिक्षक्षत स्त्नातक (संसा ्त्कृ त) 3. श्रीमती चन्द्रेि कु मारी प्रलिक्षक्षत स्त्नातक (गणणत) 4. श्रीमती पनू म रानी प्रलिक्षक्षत स्त्नातक (अगां ्रेजी) 5. श्रीमती गररमा प्रार्लमक अध्यावपका (संगा ीत) 6. सशु ्री लििानी डोगरा प्रार्लमक अध्यावपका 7. सशु ्री राधा रानी प्रार्लमक अध्यावपका 8. सुश्री स्त्िातत त्यागी प्रार्लमक अध्यावपका 9. सुश्री सरु लभ मीना िररष्ट्ठ सगचिालय सहायक 10. सशु ्री सोनाली सब स्त्िाफ 11. श्रीमती मीना खाजरू रया 12. श्री मिन लाल कें द्रीय विद्यालय कंे द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 94 दिवयाांजलल 2021-22

कमचष ारी वििरण (अंिा काललक) क्र० स०ां कमचय यरी कय नयम पि 1. सशु ्री अनु अन्डोरा प्रलिक्षक्षत स्त्नातक (सामाजजक अध्ययन) 2. श्री गरु प्रीत लसहां कम्प्यूिर अनिु ेिक 3. सुश्री अनु रानी प्रार्लमक अध्यावपका दिवयांजा लल 2021-22 कें द्रीय विद्यालय कंे द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 95

कें द्री् विद््यि् कंे द्री् विश्िविद््यि् जम्मू दिवयांजा लल 2021-22 कंे द्रीय विद्यालय कें द्रीय विश्िविद्यालय जम्मू 96


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