अहतररि कायथ प्रश्नोत्तर 1. फु टबॉल खेलने का शौक कै से पैदा आ? उ. पहले लिका फु टबॉल से अके ला ही खले ता था। बादमें उसे पता र्ला जक यह दल के साथ खले ा िाने वाला खले ह।ै तब उसके बारे मंे िानने के बाद यह खले उसे अच्छा लगने लगा। इस तरह वॉलीबाल खले ते-खले ते फु टबॉल खले ने का शौक भी पदै ा हो गया। 2. फु टबॉल का खेल कै सा ै? उ. फु टबॉल का खले टीम का खले ह।ै जमल-िलु कर खेलने का, ताकत और सावधानी का, र्सु ्ती और नज़र का खले ह।ै फु टबॉल पर, साजथयों पर, जवपजक्षयों पर, गोल पर, लाईन पर, समय पर और अपने पर नज़र रखने का खले ह।ै इसमंे एक की ताकत सबकी ताकत, एक की कमज़ोरी सबकी कमज़ोरी होती ह।ै हनबंिध-लेखन दूरदशथन प्रस्तावना- आि के यगु में दरू दशनच मानव-िीवन का एक उपयोगी अगं बन गया ह।ै आि दरू दशनच खले -कू द, जवश्व के समार्ार, जवजभन्न दृश्य, मनोरंिक घटनाए,ँा उत्सव, जफल्म,ें नाटक आजद अनके कायचिम दखे ने का साधन बन गया ह।ै दरू दशनच के माध्यम से कम समय म,ंे कम खर्च द्वारा घर बिै े ही अपना मनोरंिन कर सकते ह।ंै घर के सभी सदस्य एक साथ जमलकर दरू दशनच का आनंद उिाते ह।ैं दरू दशनच की खोि से एक अमलू ्य उपहार जवश्व को जमला ह।ै आि परू ा जवश्व उनका ऋणी ह।ै िब भी जवश्व के जकसी कोने मंे कोई घटना घटती ह,ै तो हम उसे घर बैिे ही कु छ क्षणों में दखे सकते ह।ैं दूरदशथन से लाभ- दरू स्थान के जवजभन्न क्षते ्रों को एक स्थान से दखे ना ही दरू दशनच का साधारण अथच ह।ै दरू दशनच ने आम िनता को एक अजतररक्त नेत्र दे जदया ह।ै वह नेत्र जबिली का नेत्र ह,ै जिसकी सहायता से मनषु ्य समरु पार भी दखे सकता ह।ै दखे ने में तो यह यंत्र बहतु साधारण जदखाई दते ा ह,ै लेजकन यह एक ऐसा यतं ्र है िो जवद्तु -र्मु ्बकीय तरंगों की सहायता से एक दृश्य को, एक स्थान से दसू रे स्थान पर भिे ता ह।ै िॉन बेर्र्च ने िब पहली बार अटलांजटक के दसू री ओर दृश्य भिे ा तब उन्हें अपार हषच हआु । आिकल तो भ-ू उपग्रहों के साथ दरू दशनच की व्यवस्था को िोि जदया गया ह।ै जिस कारण भारत के सभी गावँा ों व नगरों मंे हर िगह पर टी.वी के जवजभन्न र्नै ल दखे े िा सकते ह।ैं भारत के सभी राज्यों व उनके गावाँ ों मंे इस माध्यम द्वारा अजधक-से-अजधक जशक्षा का प्रसार जकया िा रहा ह।ै यह समाि को कृ जष कायों की अजधकाजधक िानकारी प्रदान कर रहा ह।ै सांस्कृ जतक और सामाजिक परम्पराओं की दृजि से रािस्थान और मध्य प्रदशे भाई-भाई ह,ैं जकं तु रािस्थान को जबहार से व मध्यप्रदशे को उिीसा से िोिना नया प्रयोग ह।ै इस दरू दशनच का मखु ्य कायच गाँवा ों मंे िन िागरण को प्रोत्साजहत करना ह।ै खते ी, स्वास््य, मनोरंिन का बोध कराना भी ह।ै घर पर बैि कर ही हम परू े जवश्व की खबरें प्राि कर सकते ह।ैं 67
दूरदशथन से ाहन- िहाँा इस यंत्र की इतनी आियिच नक उपलजब्धयाँा हैं वहीं इससे कई हाजनयााँ भी ह।ै दरू दशनच को बार-बार दखे ने से आखँा ों की रोशनी मदं हो िाती ह।ै मनोहर और आकषकच कायिच मों को दखे ते हएु हम अपने आवश्यक कायच भलू िाते हैं और समय की बरबादी करते ह।ैं दरू दशनच पर प्रसाररत कु छ कायचिम तो इतने अश्लील होते हंै जक इनसे न के वल हमारी यवु ा पीढ़ी पर बरु ा असर होता है बजल्क हमारे अबोध बच्र्े भी इसके दषु ्प्रभाव मंे फाँ स िाते ह।ंै बच्र्ों की पढ़ाई पर इसका बरु ा प्रभाव पिता ह।ै हनष्कषथ- माता-जपता यजद बच्र्ों पर जनयतं ्रण रखें तो इस बरु ाई को दरू जकया िा सकता ह।ै सरकार को भी र्ाजहए जक काननू ी रूप से अश्लील कायिच मों पर रोक लगाए। यजद ऐसा संभव हो सका तो आने वाले समय में जवज्ञान की इस तरक्की के द्वारा हम जवस्मयपणू च लाभ उिा सकंे ग।े अतं में यह कहना अजतशयोजक्त न होगी जक दरू दशनच हमारे जलए अजत उपयोगी और अनपु म उपहार ह।ै दशे -जवदशे में घजटत घटनाओं के समार्ार िल्दी ही प्राि हो िाते ह।ंै व्याकरण शब्दांिश जकसी मलू शब्द के आगे या पीछे ििु ने वाले अंश को शब्दांिश कहते ह।ैं शब्दांश दो प्रकार के होते ह।ैं 1. शब्दों से प ले िु़िने वाले शब्दािंश– िो शब्दांश शब्दों के पहले ििु ते हंै उन्हंे उपसगथ कहते ह।ंै जकसी शब्द के पहले लगकर उसके रूप और अथच में पररवतचन लाता ह।ै उपसगथ मुख्यतः तीन प्रकार के ोते ैं– 1. तत्सम उपसगच (ससं ्कृ त भाषा से आए उपसग)च 2. तद्भव उपसगच (संस्कृ त भाषा के प्रभाव से जहदं ी में जवकजसत हुए उपसग)च 3. आगत उपसगच (जवदशे ी भाषाओं से आए उपसग)च तत्सम उपसगथः उपसगथ अथथ उदा रण अ नहीं अशिु , अज्ञान अन् नहीं अनजु र्त, अनदु ार अजभ सामने अजभनय, अजभशाप उत् ऊाँ र्ा उत्कष,च उत्पात परा पीछे परािय, पराभव अजत अजधक अत्यार्ार,अत्यंत आ तक आदान,आिन्म उप समीप उपदशे ,उपग्रह जन रजहत जनपात,जनवास तद्भव उपसगथः उपसगथ अथथ उदा रण अ अभाव अभागा, अथाह 68
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