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Published by skharshita470, 2020-11-06 00:57:40

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Education and E-Learning The Covid-19 pandemic has affected educational system worldwide, leading about closure of all school. In response to school closures UNESCO recommended the use of distance learning programmes and open educational applications and platforms that schools and teachers can use to reach learners remotely and Limit the disruption of education because as the child's growth cannot be stopped so do the education. It is an ongoing process and has to be continued. As the students and teachers cannot impart education under one roof therefore e-learning concept has been introduced for this. Now, let me tell you about e-learning. It is a learning system based on formalized teaching but with the help of electronic gadgets such as mobile phone, laptops etc. This type education system has not only helped the students but also the parents and the teachers are also helped by this type of learning. They have become much equipped with the advanced technology. Archana Yadav Teacher

AMAZING FACTS FACTS ABOUT INDIA  India is the world largest,oldest, continous cultivation, civilization and also the world largest democracy!  India never invaded any countries in the last 1000 years of history.  India is the largest English speaking nation in the world.  About 50% of the residents in India are under 25 years of age.  India is home to the highest bridge in the world- The Baily Bridge.  The number system was invented by India. 0(digit) was invented by Aryabhatta.  The game chess was invented by India.  India is the second largest number of scientist and engineers in the world.  Yoga the well known spiritual and physical exercise, has its origins in India and existed for over 5000 years.  Varanasi, also known as Banaras, is known as the ancient city. Om Prakash Pandey Class: - VII B

बालर्िदिू ी एकबातकहूींगा कहूंीगामपंै ूरी। बच्चौंकीहाथोंकीबेडडयांी होतीहैयबे ालमज़दरू ी। इसहे मेंभीदरू करनाहीहोगा, इसने जरअदीं ाजकरके हमारादेिकबतकसोएगा? जजसमदैं ानमंे अभीखेलनाहैवहींीसाफ़करातहे ै। बहुतजगहइसबातकोभावनहीीदं ेतहे ंै। कु छलोगतोइसबात को मज़ाकमंेलते ेहंै। मेरीबातध्यानसेसुनोआपकोभीलगेगाअच्छा, सोचके देखोअगरपढेगादेिकाहरएकबच्चा। बच्चेक्याकरपाएींगे, अगरआपरखतेहैंउनकोकामपे, जजतनाकामवोकरंे गे, उतनातोआपभीकरसकतेहंैअगरआप सोचोगधे ्यानसे। आहदत्य झा कक्षा - आठवी

हहदंि ीभार्ा प्रकृ ति की पहली ध्वति ॐ ह,ै मेरी तहिंदी भाषा भी इसी ॐ की देि ह।ै देविागरी तलतप है इसकी,देवों की कलम से उपजी, बांिग्ला,गजु रािी,भोजपुरी,डोंगरी,पंिजाबी और कई, तहंिदी ही है इि सबकी जििी। जो बोलिे ह,ंै वही तलखिे ह।ंै मि के भाव सही उभरिे ह।ैं तहंिदी भाषा ही िुम्हंे,प्रकृ ति के समी पले जाएगी, मि की शुति,िि की शतु ि,सहायक यहािं बि जाए, कु छ हवाचली है ऎसी यहांि, कहिे हंै इस राष्ट्र भाषा को बदल डालो। बदल सको क्या िुम अपिी मािा को, राष्ट्रभाषा का क्यों िुम बदलाव करो। बदल सको िो िुम अपिी सोच को बदल डालो हर एक भाषा का िुम तदल से सम्माि करो। तहिंदी की जडों पर आओ हम गवव करंे । तहिंदी भाषा पर हम गवव करें । सौम्या कु मारी कक्षा आठवीीं









प्रेिकऔििोिककथा एकबािभगवानबुद्धके पा एकव्यजक्तआया, वहउन ेईष्र्या _ द्वरे ्किताथा।वहउनपिक्रोचधतहोकिगाशलयांिदेनेलगा।भगवानबुद्धिाितं भाव उे कीगाशल यांि ुनतेिहेउन्होंनके ु छभीनहीकंि हा।िबवहव्यजक्तगाशलयादंि ेते _ देतथे ककििांितहोगया , तोभगवानबुद्धनेउन पे ूछा_\" क्यातुम्हािेघिकभीकोईर्ेहर्ानआताह ? उ व्यजक्तनके हा _ \"हांबि हुतआतेहैं \"।यहउत्ति नु किबुद्धनके हा _\"तोतुर्उनका त्कािभीकितहे ोंग\"े ? गसु ् ेर्ेंव्यजक्तनउे त्तिहदया_\" हाकिं ्योंनहींिउन्हंेभोिनकिाताहूिंऔि म्र्ानभीदेताहूिं।बदु ्धनेपूछा _ \"यहदतुर्र्ेहर्ानकोकोईवस्तखु ानके ोदोऔिवहनाखाएतोवहवस्तुकहािंि हेगी\"? इ पिउ नउे त्तिहदया _\" र्हे र्ानद्वािानहीखिं ाएिानवे ालीवस्तुर्िे ेपा हीिहेगी\"।यह ुनकिभगवानबदु ्धगंिभीिहोकि उ े र्झातहे ुएबोले _ \" वत् ! तुर्नरे ्झु िे ोगाशलयांदि ीहउन्हंेर्सैं ्वीकािनहींिकिताअतिःयहतमु ्हािेपा हीलौटिाएिगं ी\"।यह ु नतहे ीउ व्यजक्तकाश िलज्िा ेझकु गयाउ नेभपवष्यर्ंेकक ीके ाथबुिाव्यवहािनाकिने का िकं ल्लपशलया। नार्- आहदत्यहर्भ वग-भ छ:

र्िेदाि औि िोिक तथ्य 1. एक वषि मंे इींसान औसतन 50लाख बार साींस लेता है। 2. जन्म के समय मानवीय िरीर में 300 हड्डडयाीं होती है वयस्कहोने तक िरीर मंे 209 हड्डडयाीं रह जाती है। 3. आपके िरीर की एक चौथाई हड्डडयाीं आपके परै ों में होती है। 4. कोका_कोला का रींग हरा होता अगर इसमंे फू ड कलोरंेटनहीीं शमलाया होता। 5. पजश्चम अफ्रीका के माध्यशमक जनजातत के लोग मर चकु े मानव की खोपडी का इस्तेमाल फु टबॉल खले ने में करते हंै। 6. छ ींकतेसमय आपका ददल एक सेकंे ड के शलए रुक जाता है। 7. कॉकरोच अपने सर के त्रबना कई हफ्तों तक जजदंी ा रह सकते ह।ैं 8. पथृ ्वी ही ऐसा ग्रह है जजसका नाम ककसी भी देवता के नाम पर नहीीं रखा गया है। 9. अगर आितु नकदतु नयाके तनावकोहटाददयाजाएतोआदमीऔसतनददनमंे 10घटीं ेसोएगा। 10.एकपोंडिहदके शलएमिमु क्खीको 20 लाखफू लोंतकघमू नापडताहै। िंि नाकु र्ािी वग-भ छ:

विद्यावथियोंके कर्िव्य ककसीभीराष्रकीसबसेमलू ्यवानपंूजी ीवहाींकीजनताहोतीहै।इसवाक्यमंेजनताकातात्पययि वु कसहे ै।बचपनमंेयुवकमाता- वपताके भरोसजे ीवनव्यतीतकरताहै, परबडहे ोनेपरसमयके साथ- साथउनकादातयत्वकु छबढजाताहै।अतःछािजीवनमंेछािोंके कु छकतिव्यहोतेहंै ,जसै े_ उन्हंेसमयपरउठनाचादहए, उन्हंेसमयपरखानाचादहए, समयपरपढनाचादहएतथासमयपरसोनाचादहएआदद।इन्हींसी बकतिव्यकापालनकरनपे रछािअपनेभावीजीवनके योग्यब नताहै।इन्हीींसबकतिव्योंकातनयशमतरूपसपे ालनकरनेपरभावीजीवनकातनमािणहोताहै।ववद्याधथियोंकाप्रमुखकतिव्यहै_ अध्ययनकरना।उन्हेंिांीतजगहपरददमागकोएकजगहकें दितकरपढनाचादहए।ऐसाकरनेसेछािोंकोपाठयादकरनमे ंेआसा नीहोतीहै।छािोंकोएकाग्रहोकरपढनाचादहएछािोंकोपाठ्यज्ञानके अलावाबाहरीज्ञानकोभीप्राप्तकरनाचादहएछािोंकोभौ ततक, व्यापाररक, सामाजजकआददहरप्रकारकाज्ञानअजनि करनाचादहए।इनसभीपरभीछािोंकोध्यानदेनाचादहए।स्वास्थ्यहीिनहै, पूंजी ीहै, ऐसासोचकरउन्हंेआनवे ालेजीवनकीतैयारीकरनीचादहए।छािजीवनमेंहीछािके योग्ययाअयोग्यहोनेकीछववददखाईदेतीहै ।छािकासबसेबडािनसमयहोताहै।छािजीवनमेंप्रत्येककामकरनेकाएकतनजश्चतसमयहोताहै।औरप्रत्यके कायकि ासम यपरहोनाअच्छालगताहै।छािोंकोजीवनकोसींतुशलतरखनेकाहरसंीभवप्रयासकरनाचादहए।ववद्याथीजीवनबहुतहीकदठन जीवनहै।इसीजीवनमंेछािशिक्षाके साथ-साथज्ञानकीबढोतरीकरतहे ंै।छािजीवनभावीजीवनकीआिारशिलाहोतीहै, जजसपरइमारतखडीहोतीहै।छािोंकोजीवनके सवाांगीणववकासके शलएप्रयासकरनाचादहए।अनिु ासनकापालनकरनाछा िोंकाप्रिानकतवि ्यहै।अनुिासनमेंरहनेपरहमहरजगहसम्मातनतहोतेहंै।अतःअपनके तवि ्योंके पालनसहे ीछािोंकाजीवन सखु ी, िांती तपूणऔि रआनंीदमंेबनताहै। विविका अनीमादिे ी

वतरभ ्ान' काकिंे हीउपयोग वतरभ ्ानर्ंेिीनाही हीर्ायनरे ्ंेिीनाकहलाताह।वतरभ ्ानके क्षणोंकाउपयोगही र्यका ाथकभ उपयोगह।यहहर्ािीअनर्ोलपििंतुगनतिील िं पपत्तह।यहकभीभीजस्थिनहीििं हताननििंतिआगेबढ़तािहताहऔिइ ेहाश लकिने ंिभालनेकाएकहीतिीकाहकक_ इ के ाथहीिलतिे लािाएननिंितिइ काउपयोगककयािाएजितनाहर्इ काउपयोगकिेंगेउतनाहीर्ात्रार्ेंयहहर्ािाहअन्यथाहर्ािेपा हो किभीहर्ािेकक ीकार्कानहींिह।जिन्होंनेवतरभ ्ानको र्झाह, इ के र्हत्वकोिानाह, इ कीकीर्तकोपहिानाहवेइ के ाथननििंतििटु ेिहतेह।ैं इ ेव्यथनभ हीगंि िवं ाते।इ के हिपलका ाथकभ उपयोगकितेहैं।इ शलएकहाभीगयाह _ \"कालकिे ोआिकिआिकिे ोअबपलर्ेंप्रलयहोएगीबहुरिकिेगाकब\" अथाभत _ कक ीभीकार्कोहर्ेंटालनेकीआदतनहीििं खनीिाहहएहो कताहककबादर्ेंकोईऔिकार्आिाएतोपहलाकार्िोथावहटलताहीिलािाताह। िोबीतगयावहअतीतहऔििोआनेवालाहवहभपवष्यह, पििंतयु हदोनोंहीहर्ािेहाथोंर्ेंनहीहंि ोतहे र्ािीकल्लपनाओरंि ्ेंहोतेह।ंै अतीतऔिभपवष्यदोनोंहीहर्ािीचितिं नर्ंेहोतेहंै, लेककनहर्इनर्ंेप्रवेिकिके इ र्ंेिीनहींि कते।अतीतकीयादंेहर्ंेपिेिानकितीह।भपवष्यकीचितंि ाहर्ेंप्रेरितकि कतीह, लेककनके वलवतरभ ्ानहीएकर्ात्रऐ ाहजि र्ेंहर्अपनाकायकभ ि कतहे ।ंै अतीतवहआकािहिोढलिुकाहऔिभपवष्यवहआकािहिोअभीब नानहीहिं ।लेककनवतरभ ्ानवहआकािह, िोअभीहर्ािे ार्नेउपलब्धहऔिइ ेहर्अपनेअनु ािआकािदे कतेहं।ै यहदननधाभरित र्यपिकायपभ िू ानहींिहोतातोवहकायअभ धूिाकहािा ताहऔियहद र्य ीर्ाके अंदि िपिू ाहोताहतोिेर् र्यबििाताह।कायकभ ीखूब ूितीतभीह, िबवहननधाभरित र्यके पूिे दपु योग े फलवपणू हभ ोिाएऔियहतभी िंभवहिबहर्वतरभ ्ानका हीतिीके ेउपयोगकिना ीखिातहे ।ैं इ शलएवतरभ ्ानकीअर्लू ्लय िंपदाकाउपयोग भीकोईर्ानदािी ेकिना ीखनािाहहए। एकशिक्षकहोनेके नातेबच्िों ेर्ेिीनम्रननवेदनहककवहअपनेवतरभ ्ानका हीउपयोगकिंेप्रात: उठकि 5 शर्नटअपनेपिू ेहदनके कक्रयाकलापोंके बािेर्ंेअपनरे ्जस्तष्कर्ेंएकआकाितयािकिलेऔिअपनेआपको ुव्यवजस्थतकिअपनेपूिेहदनकोउ ी आकािके ाथजिएवहब अपनेवतरभ ्ानकाउपयोगअगिईर्ानदािीके ाथकिंेगेतोउनके भपवष्यकोउज्िवलबनाने ेकोईनहींिि ोक कता। धन्यवाद। विविका अविबंदनासमु न

डॉक्टरसििपल्लीराधाकृ ष्णनकोसमवपिर् वििकवदिस बच्चेजबिोिलीजबािबोलिाप्रारंि भकरिेह,ैं बच्चेजबिोिलीजबािबोलिाप्रारंि भकरिेह,ंै अतभभावकगणउन्हंेतवद्यालयकारुखकरिेह।ंै कौिकहिाहै ? तशक्षकतशक्षाप्रदािकरिाह,ै कौिकहिाह?ै तशक्षकतशक्षाप्रदािकरिाह।ै बच्चोंके अिंिरमिकीबािेंपढ़िे-पढ़िे, वहस्वयपंि ाठकबिजािाह।ै गढ़िाहकै ु मारकुिं भ, ठोकबजाकर, गढ़िाहकै ु मारकंिु भ ठोकबजाकर, एकगलिचापपर, किंु भिष्टहोजािाह,ै िोक्याकुंि भकारसकु ू िपािाह?ै हाथमलिाह,ै पछिािाह,ै अफसोसजिाकर। रातशपािाहशै ्रतमक, पसीिाबहाकर, रातशपािाहशै ्रतमक, पसीिाबहाकर, वेििपािाहै , तशक्षक स्याहीसंगि चक्षजु ्योतिगविं ाकर। तशक्षकिोराष्ट्रतिमावणकरिाह,ै तशक्षकिोराष्ट्रतिमावणकरिाह,ै परशायदहीकोई------------- डॉक्टरसववपल्लीबिपािाह,ै डॉक्टरसववपल्लीबिपािाह!ै ! धन्यवाद आनंवदर्ािमाि िर्ि- सार्िीं

पनेऔि ंिघर्भ लेकरहजारसपनेचलीथीजजसपथपर पथनहीीथं ावोथाअग्नीपथ जलनाथामुझेतपनाथामझु े परनाथकनाथामुझेनारुकनाथामझु े उम्मीदोंसेभरीबाररिआई अग्नीपथथोडासानरमाई चलपडीमआंै धंी ियोंकीतरह कहीींकफरसेपथअजग्ननाबनजाए थोडीथमीथोडीरुकीबैठ पेडकीछाीवं में खत्मनाहुआसघीं षोंकाशसलशसला चूभाएककांटी ामेरेपांीवमें आहभरीसोचाछोडकरसपनेचलंीूअपनेगांीवमेंमुडकरदेखापीछे पथदेखमुझमे ुस्कु राई, पछू ाक्याहारगईतुमसीघं षकि रते-करते कहाींगएवहसपनेजोतअू पनेसाथलाई देखमसु ्कु राहटउसपथककमथंै ोडाघबराई सींभालाखुदकोकफरउठखडीहुई कहाउसपथसेमहैं ारीनहींही ूीं, मैं ककस्मतसेलडनासीखरहीहूीं, अपनेसपनोंकोसीचंी रहीहूीं दे खनावापसजीतकरलौटू ंी गीमंै पथयहीहोगा, वक्तभीयहीहोगा परपताहैमझु ेसघीं षनि ाहोगा। कृ नतकादबु े कक्षा- ातवींि

विद्याथीके जीिनमवें ििककामहत्ि मेरेववचारसेशिक्षककािाजब्दकअथहि ै_ शिक्षाप्रदानकरनेवाला।शिक्षककभीनहीींमरतावहअपनेववद्याधथयि ोंमेंहमेिाजीववतरहताहै।शिक्षककीजीवनकीसाथकि ताइसीमेंहैकक, ववद्याथीअपनेशिक्षकसभे ीआगेजाए।शिक्षाके क्षिे मेंजोयोगदानडॉक्टरसवपि ल्लीरािाकृ ष्णनकारहाहै, वहजनजनके मानसपटलपरहमेिाअंकी कतरहेगा।यहअटलसत्यहैककककसीभीव्यजक्तकीप्रथमशिक्षक्षकाउसकीमाींहीहोतीहैअथाितहमाराप्रथम ववद्यालयहमाराघरहीहै, जजसप्रकारएकमकानकीमजबूतीउसके बतु नयादपरतनभरि करतीहै, उसीप्रकारककसीभीव्यजक्तकाआचरणकासबीं िंी सीिेउसकीमासीं ेहै, क्योंककजबकोईबालकपैदाहोताहैतोउसकामजस्तष्ककोरेकागजकीतरहत्रबल्कु लहीखालीहोताहैउसपरअच्छाबुराजोभीप्रभावपडताहै, वहउसके परवररितथाआसपासके पररवेिपरतनभरि करताहै।आजके युगमेंजजसककसीभीव्यजक्तकोअगरएकसच्चागरु ुप्राप्तहोजाएवहीसही मायनेमंेभाग्यिालीहै।क्योंककशिक्षकहीएकमािअके लािख्सहैजोककबुरेसेबरु ेव्यजक्तकोभीसरलऔरसच्चमे ागकि ीओरअग्रसरकरदेताहै।ठ कहीकहागयाहै_ ' गुरुकु म्हारशिष्यकींु भहै, गढीगढीकाढे़ेखोट! अींतरहाथसहारदे , बाहरबाहेचोट !!' आददकालसेहीशिष्यगुरुकासंबी ीिं बडाहीमिरु रहाऔरस्वाथरि दहतरहाहै।गुरुअपनेशिष्यकोपिु वतप्रेमऔरस्नेहकरतेथे।शिष्यभीअपनेगुरुओंी के प्रततआदरकाभावरखतथे औे रउनकीआज्ञाकापालनएकपत्थरकीलकीरकीतरहकरतेथ।े परींतुसमयबदलनेके साथ- साथशिक्षकऔरशिष्यकास्वरूपबदलगयाहै।आजशिक्षकइसपेिाकोमािआजीववकाकासािनमानतेह।ैं वेभूलगएहकैं कउनकायहपेिारोजीरो टीकमानेकासािनमािनहीीहं ै।उनके कीं िेपरएकसढु ृ ढराष्रतनमािणकादातयत्वभीहै।क्योंककआजके शिष्यहीकलइसदेिके भावीनागररकबनेंगे। मखैं िु नसीबहूींककमभंै ीएकशिक्षक्षकाहूींऔरअगरमेरेबताएमागपि रचलकरकोईएकबच्चाभीसफलहोताहैऔरइसदेिके दहतके शलएकायकि रताहै, तोमअंै पनेआपकोिन्यसमझूंगी ी।अंती मेंइसपेिेसेजडु ेसभीलोगोंसेआग्रहकरूीं गी ,इसपेिसे ेजडु नेसेपहलेअपनेअंती रमंेझाींककरदेखले, क्याआपकोसभीछाि-छािाओमीं ेंअपनेपिु - पुिीकीछववनजरआतीहै? क्याआपअपनेबच्चोंकीतरहहीउनके भववष्यके शलएभीधचतंी ततहै ?अगरजवाबहैहांी।तोआपसभीसहीमायनमे ेंशिक्षककहलानेके 'हकदार' हैं? चंदािमाि विविका

शिक्षकऔिछात्रके बदलते िंबिधं एकपारींपररकभारतीयव्यवस्थामेंगुरुशिष्यकाररश्ताएकबहुतहीपवविमानाजाताथाजहाींगरु ुथाशिक्षकअपनछे ािोंमेंअध्या जत्मकवदै दकनैततकऔरअकादशमकशिक्षाओंीकोसंची ाररतकरतेथेयहपारस्पररकसींबीिं शिक्षकके ज्ञानऔरछािकीआज्ञाका ररतापरआिाररतथाऐसगे ुरुशिष्यके सींबंीिमेंएकसक्षमगरु ुके कंी िोंपरसबकु छछोडददयाजाताथाजोएकतनमािताके रूपमेंअ शभनयकरके अपनीशिक्षकोंकोएकनईआकृ ततप्रदानकरताथालेककनआजकापररदृश्यअबपहलेकीतरहनहीरंी हायहपूरीतरह सेबदलगयाहैववद्याधथयि ोंके साथप्रततददनहोरहेअपरािोंके कईआत्मघातीमामलेअस्पष्टरुपसदे िािरहेहंैककबहुतकु छबदल चुकाहैयहशसफि एकहीनहीींबजल्ककईकारकोंकासींयोजनहैजोइसपररवतिनकोउत्पन्नकरनेकाकारणहै। आजकलशिक्षणअबएककतिव्यनहीींबजल्कपसै ाकमानेकास्रोतबनगयाहैबच्चेअपनशे िक्षकोंके साथछह_ सातघींटेत्रबतातहे ैंइससमयके दौरानशिक्षकबच्चोंकोनाके वलज्ञानदेतहे ैंबजल्कऐसाव्यजक्तबनातेहंैजोनैततकमहत्वकोस्था वपतकरेंतथाउन्हेंएकआदिसि ्वरूपप्रदानकरंेअधिकाींिछािअपनेशिक्षकोंकोअपनाआदिमि ानतेहैं। वतमि ानददनोंमेंशिक्षकछािके सबंी ींिव्यवसातयकहोगएहंैशिक्षकमाननेलगहे ंैककछािोंकोपढानाउनकीववविताहैक्योंककउ न्हंेइसकायिके शलएवेतनशमलताहैतथादसू रीऔरछािोंके मनमजस्तष्कमंेभीयहबातबठै गईहैककशिक्षाप्रदानकरके शिक्षकउ नपरकोईउपकारनहींीकरतेशिक्षाग्रहणकरनके े शलएउन्हेंिुल्कदेनापडताहैऔरउसीसशे िक्षकभीवते नप्राप्तकरतेहंैइसनई ववचारिाराके कारणशिक्षकछािसबंी ींिोंपरप्रततकू लप्रभावपडाहैऔरइससंीबिीं कीगररमात्रबखरनले गीऐसीजस्थततमंेछािोंकी गलतीपरशिक्षकोंके सख्तव्यवहारकाववरोिककयाजानेलगाशिक्षकछािके रूपोंमंेहुएपतनकादषु ्पररणामभीनहीींपीढीकोभु गतनापडरहाहैइसके अततररक्तनईपीढीमेंशिक्षाऔरसंीस्कारोंकाभीअभावदेखनेकोशमलरहाहैमेरेमतानुसारनईपीढीकोशि क्षक्षतिब्दतथामानशसकववकासहेतुशिक्षकछािके संबी ींिोंकोगररमाप्रदानकरनेकीवविषे आवश्यकताहैइसके अततररक्तछा िोंकोअपनीसमस्याओींकोशिक्षकके समक्षखुलकरप्रस्तुतकरनाचादहएतथाशिक्षककोभीउसकीगोपनीयताबनाएरखतहे ुए उसकीसमस्याओींके तनदानहेतुउधचतपरामिदि ेनाचादहएतभीइससबंी िंी कीगररमाबनीरहेगी। श्रीर्तीिीताश हिं शिक्षक्षका

दपविाि 1. “अगर जीत लोगे अपने माँा - बाप का ददल , तो हो जाओगे कामयाब | नहींी तो सारी दतु नया जीत कर भी तमु सब से हार जाओगे “| 2. “जज़दंी गी मंे दो लोग का ख्याल रखना ज़रूरी है वपता- जजसने तुम्हारे जीत के शलए सब कु छ हारा है, माँा - जजसको तमु ने हर दःु ख मंे पकु ारा हो “| 3. “जब तक मन में लालच , स्वाथ,ि ईष्याि, नफरत पालते रहेंगे …………... िातीं त कभी नहींी शमलगे ी …………….. जब ये बात हम सभी जानते है …………….. तो कफर मानते क्यों नही”ंी ................? 4. “सखु सुबह जसै ा होता है माींगने पर नहीीं जागने पर शमलता है”| कृ नत कु र्ािी कक्षा - ातवींि

र्ााँ वो जो ईट के मकान को घर बनाती है, पैसो से नहीीं सादगी से घर को सजती है || अपने पापा का घर छोड कर, अपने बच्चों के पापा के घर आती || सब के गुस्सा होने पर भी।, उन्हें प्यार से मनाती है || पुरे ईमानदारी से हर ररश्ते को तनभाती है || २०६ हड्डी टू टने का ददि सह कर भी, एक पररवार को अपना वंिी दे जाती है || खदु आिी रोटी खा कर, अपने बच्चो को भर पेट खखलाती है || अपने ममता के आचँा ल से उसे हर मजु श्कल से बचाती है || हर शसचएु िन मंे हारते हारते जो जीतना शसखाती है || ना काम से एक कामयाब इींसान बनती है || पैसे होने पर भी गुरूर ना हो, ऐसे संीस्कार शसखाती है || जो मेरे हारने पर रोती, और मेरे जीतने पर मुझसे ज्यादा खुि हो जाती है || तभी तो वो माँा कहलाती है ||| र्चृ धकु र्ािी कक्षा - ातवींि

र्िे ेपापा जजदीं गीकीहरराहपर आपनेहीतोचलनाशसखलायाहै। मंजी जलकीउसमुकामपर आपनहे ीतोआगेबढायाहै। हारनमानोकभीभी आपनेयहहौसलामझु दे दया। कभीभीमेरेआखंी ोंमें भरनने ददयाबदूीं ोंको। जोकु छभीमनंै ेहैआपसेमागीं ा सबकु छहैआपनेमझु दे दया। सबसेज्यादाप्यारहैमुझेककया नाजानेमनंै हे ैकौनसापणु ्यककया। मेरीगलततयोंपरआपकोहैगसु ्साआता परनाजानेकु छहीपलमंेवहखोकहाींहैजाता मनंै हे ैदतु नयाकागोल्डमेडलजीता जोमझु शे मलाआपजसै ावपता। र्ेघरििा यादव कक्षा-ती िी







Maya kumari Teacher





WE ARE ONE We Are One is more than just our overarching value – it’s the backbone of our very philosophy. It captures our desire to foster an engaging and inclusive workplace; and our recognition that we are the sum of our collective talent. We are truly global, combining different cultural backgrounds. We believe that our diversity and different perspectives help us reach for new solutions and innovations. The complexity of our work also means that we rely on team work, there are no ‘one- person’ jobs, but collaborative efforts. This value of unitedness helps create an environment where everyone feels connected, enabling a collective intelligence. Being a master of one or a jack-of-all-trades in today’s world does not bring about success if you are unable to work as part of a team. The importance of teamwork cannot be stressed enough! ROSHNI KUMARI TEACHER


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