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NBSE Hindi Course B Class 10 Sample Papers

Published by Full Marks, 2022-09-16 12:07:22

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तदश नप (2022-23) हदं (ब) कोड सं या 085 क ा - दसवीं नधा रत समय :3 घटं े पणू ाक :80 सामा य नदश :-  इस नप म दो खंड ह - खंड 'अ' और 'ब'।  खडं 'अ' म उप न स हत 45 व तुपरक न पूछे गए ह। दए गए नदश का पालन करते हुए कु ल 40 न के उ र द िजए।  खंड 'ब' म वणना मक न पूछे गए ह, आतं रक वक प भी दए गए ह।  नदश को बहुत सावधानी से प ढ़ए और उनका पालन क िजए।  दोन खडं के कु ल 18 न ह । दोन खडं के न के उ र देना अ नवाय है।  यथासंभव दोन खंड के न के उ र मशः ल खए। खडं - अ (व तपु रक न) न 1 न न ल खत ग याशं को यानपवू क पढ़कर इसके आधार पर सवा धक उपयु त उ र वाले वक प चनु कर ल खए- (1×5=5 ) द ता:पा य पु तक से इतर कसी सा हि यक व सामा य ग याशं को पढ़कर अथ हण करने क यो यता। 'एक भारत े ठ भारत' अ भयान देश के व भ न रा य म सां कृ तक एकता को बढ़ावा देता है। भारत एक अनोखा रा है, िजसका नमाण व वध भाषा, सं कृ त, धम के तान -बान , अ हसं ा और याय के स धा त पर आधा रत वाधीनता सं ाम तथा सां कृ तक वकास के समृ ध इ तहास वारा एकता के सू म बाँधकर हुआ है। हम इ तहास क बात कर या वतमान क भारतवष म कला एवं सं कृ त का अनठू ा दशन हर समय एवं हर थान पर हुआ है। नृ य, सगं ीत, च कला, मू तकला, वा तुकला इ या द से समृ ध भारत क पहचान पूरे व व म है। भारतीय वा तुकला एवं मू तकला क परंपरा अ यतं ाचीन है। इस कला क कहानी लगभग पाचँ हज़ार वष पूव सधं ु घाट क स यता से आरंभ होती है। इसके दो मखु नगर ;मोहनजोदाड़ो और हड़ पा म अ छ सड़क, दो मिं ज़ले मकान, नान-घर, प क ट के योग के सबतू मले ह। गजु रात के लोथल नामक थान क खुदाई से पता चलता है क वहाँ नाव से सामान उतारने के लए 216 x 37 मीटर ल बी-चौड़ी तथा 15 फ ट गहर गोद बनी हुई थी। ये लोग म ट , प थर, धात,ु ह डी, काचँ आ द क मू तयाँ

एवं खलौने बनाने म कु शल थ।े धातु से बनी एक मू त म एक नार को कमर पर हाथ रखे नृ य मु ा म दशाया गया है। दसू र मू त पशपु तनाथ शव क तथा तीसर मू त दाढ़ वाले यि त क है। ये तीन मू तयाँ कला के सव े ठ नमनू े ह। मू त का े ठ होना मू तकार के कौशल पर नभर करता है। मू त क येक भावभं गमा को दशाने म मू तकार जी-जान लगा देता है। भारत के येक कोने म इस कार क व भ न कलाएँ हमार सं कृ त म त बं बत होती ह। इस अतलु नीय न ध का बचाव और चार- सार ह एक भारत े ठ भारत क प रक पना है। (1) भारत को 'अनोखा रा ' कहने से लखे क का ता पय है- (क) बहुमखु ी तभा का दशन (ख) मू तकला के सव े ठ नमनू े (ग) सवं ेदनशील भारतीय नाग रक (घ) व भ नता म एकता का तीक (2 ) सधं ु घाट क स यता तीक है- (क) मू तकार के कौशल का (ख) एक भारत े ठ भारत का (ग) ाचीन सु यवि थत स यता का (घ) वाधीनता सं ाम के नायक का (3) ग याशं हम सदं ेश देता है- (क) कलाकार अपनी कला का े ठ दशन करता है। (ख) भारतीय नृ य और सगं ीत क कला व व स ध है। (ग) भारतीय स यता व सं कृ त का सरं ण आव यक है। (घ) वाधीनता सं ाम म ां तका रय का वशषे योगदान है। (4) ग यांश म मू तय का स व तार वणन दशाता है- (क) सू म अवलोकन एवं कला- ेम (ख) ाचीन मू तय क भावभं गमा (ग) थलू अवलोकन एवं कला- मे (घ) सां कृ तक एकता एवं सौहा

(5) न न ल खत कथन (A) तथा कारण (R) को यानपवू क प ढ़ए। उसके बाद दए गए वक प म से कोई एक सह वक प चनु कर ल खए। कथन (A) भारतवष म कला एवं सं कृ त का अनठू ा दशन हर समय हुआ है। कारण (R) भारतीय वा तकु ला एवं मू तकला क परंपरा अ यंत ाचीन है। (क) कथन (A) तथा कारण (R) दोन गलत है। (ख) कथन (A) गलत है ले कन कारण (R) सह है। (ग) कथन (A) सह है ले कन कारण (R) उसक गलत या या करता है। (घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोन सह ह तथा कारण (R) कथन (A) क सह या या करता है। न 2 न न ल खत ग याशं को यानपवू क पढ़कर इसके आधार पर सवा धक उपयु त उ र वाले वक प चनु कर ल खए- (1×5=5 ) द ता:पा य पु तक से इतर कसी सा हि यक व सामा य ग यांश को पढ़कर अथ हण करने क यो यता। प र म यानी महे नत अपना जवाब आप ह है। उसका अ य कोई जवाब न है, न हो सकता है अथात िजस काम के लए प र म करना आव यक हो, हम चाह क वह अ य कसी उपाय से पूरा हो जाए, ऐसा हो पाना कतई सभं व नह ं। वह तो लगातार और मन लगाकर प र म करने से ह होगा। इसी कारण कहा जाता है क 'उ यो गनं पु ष सहं मपु ै त ल मी' अथात उ योग या प र म करने वाले पु ष सहं का ह ल मी वरण करती है। सभी कार क धन-सपं याँ और सफलताएँ लगातार प र म से ह ा त होती ह। प र म ह सफलता क कंु जी है, यह पर ण क कसौट पर कसा गया स य है। नरंतर ग त और वकास क मिं ज़ल तय करते हुए हमारा ससं ार आज िजस तर और ि थ त तक पहुँच पाया है, वह सब हाथ पर हाथ रखकर बठै े रहने से नह ं हुआ। कई कार के वचार बनान,े अनसु धं ान करने, उनके अनसु ार लगातार योजनाएँ बनाकर तथा कई तरह के अभाव और क ठनाइय को सहते हुए नरंतर प र म करते रहने से ह सभं व हो पाया है। आज जो लोग सफलता के शखर पर बैठकर दसू र पर शासन कर रहे ह, आदेश दे रहे ह, ऐसी शि त और स ा ा त करने के लए पता नह ं कन- कन रा त से चलकर, कस- कस तरह के क ट और प र मपूण जीवन जीने के बाद उ ह इस ि थ त म पहुँच पाने म सफलता मल पाई है। हाथ-पैर हलाने पर ह कु छ पाया जा सकता है, उदास या नराश होकर बैठ जाने से नह ं। नरंतर प र म यि त को चु त-दु त रखकर सजग तो बनाता ह है, नराशाओं से दरू रख आशा-उ साह भरा जीवन जीना भी सखाया करता है। (1) पर ण क कसौट पर कसे जाने से ता पय है- (क) स य स ध होना

(ख) कथन का ामा णक होना (ग) आकलन या ती होना (घ) यो यता का मू यांकन होना (2)'हाथ-पैर हलाने से कु छ पाया जा सकता है।'पंि त के मा यम से लेखक........................ क रे णा दे रहे ह। (क) तैराक (ख) प र म (ग) पर ण (घ) ह त श प (3) न न ल खत कथन पर वचार क िजए - द ता:वतृ अ ययन (i) प र म यि त को सकारा मक बनाता है। (ii) आज ससं ार पतन क ओर बढ़ रहा है। (iii) पु षाथ के बल पर ह यि त धनाजन करता है। उपयु त कथन म से कौन-सा /कौन-से कथन सह है /ह? (क) के वल (i) (ख) के वल (ii) (ग) (i) और (iii) (घ) (ii) और (iii) (4) न न ल खत म से कौन-सा श द ग यांश म दए गए 'अनसु धं ान' श द के सह अथ को दशाता है- (क) पर ण (ख) योजनाएँ (ग) अ वेषण (घ) सहं मपु ै त (5) न न ल खत म से कस कथन को ग याशं क सीख के आधार पर कहा जा सकता है - (क) अ प ान खतरनाक होता है। (ख) गया समय वापस नह ं आता है। (ग) मेहनत से क पना साकार होती है।

(घ) आव यकता आ व कार क जननी है। न 3 नदशानुसार ‘पदबधं ' पर आधा रत पाचँ बहु वक पीय न म से क ह ं चार न के उ र द िजए- (1x4=4) द ता : व भ न सा हि यक वधाओं को पढ़ते हए याकर णक सरं चनाओं पर चचा/ ट पणी करते ह। (1) ‘वामीरो फटती हुई धरती के कनारे चीखती हुई दौड़ रह थी।’ रेखां कत पदबधं का भेद है - (क) सं ा पदबधं (ख) सवनाम पदबधं (ग) या पदबधं (घ) वशषे ण पदबधं (2) ‘ नभ क और साहसी वज़ीर अल अपने अ धकार के लए लड़ रहा था।’ इस वा य म वशषे ण पदबधं है – (क) साहसी वज़ीर अल (ख) लए लड़ रहा था (ग) नभ क और साहसी (घ) अपने अ धकार के लए (3) या पदबधं का उदाहरण छाँ टए - (क) ब ल ने उचककर दो म से एक अडं ा तोड़ दया। (ख) यह काम तो हमशे ा आदशवाद लोग ने ह कया है। (ग) दोन कबतू र रातभर खामोश और उदास बैठे रहते ह। (घ) शलै तो फ़ म- नमाता बनने के लए सवथा अयो य थे । (4) ‘ बादशाह सलु ेमान मानव जा त के साथ-साथ पशु प य के भी राजा ह।’ रेखां कत पदबधं का भेद है - (क) सं ा पदबधं (ख) सवनाम पदबधं (ग) वशषे ण पदबधं (घ) या वशषे ण पदबधं

(5) 'ह रहर काका धीरे-धीरे चलते हुए आगँ न तक पहुँचे।' रेखां कत पदबधं का भदे है- (क) सं ा पदबधं (ख) या पदबधं (ग) वशषे ण पदबंध (घ) या वशषे ण पदबधं न 4 नदशानसु ार 'रचना के आधार पर वा य भेद' पर आधा रत पाँच बहु वक पीय न म से क ह ं चार न के उ र द िजए- (1x4=4) द ता: व भ न सा हि यक वधाओं को पढ़ते हए याकर णक सरं चनाओं पर चचा/ ट पणी करते ह। (1) ' जब उसने तताँरा को देखा तो वह फू टकर रोने लगी।' इस वा य का सरल वा य होगा - (क) तताँरा को देखते ह वह फू टकर रोने लगी। (ख) ततारँ ा को देखकर वामीरो फू टकर रोने लगी। (ग) वामीरो ने तताँरा को देखा और फू टकर रोने लगी। (घ) जैसे ह वामीरो ने तताँरा को देखा वह फू टकर रोने लगी। (2) ' हम जब अके ले पड़ते ह तब अपने आप से लगातार बड़बड़ाते रहते ह।' रचना के आधार पर वा य भदे है- (क) सरल वा य (ख) सयं ु त वा य (ग) म त वा य (घ) सामा य वा य (3) ‘आपके अ छे काय म को सभी पसदं करते ह ।‘ दए गए वा य का म त वा य होगा - (क)आपके अ छे काय म सभी के पसदं दा होते ह। (ख) जब काय म होते ह अ छे ह सभी पसदं करते ह ह। (ग) आपके काय म इतने अ छे होते ह क सभी पसदं करते ह। (घ) आपके काय म इतने अ छे ह इस लए सभी को पसदं आते ह । (4) न न ल खत वा य म से सयं ु त वा य है - (क) आपने मझु े कारतसू दए इस लए आपक जान ब शी करता हूँ। (ख) उसके अफ़साने सनु के रॉ बनहुड के कारनामे याद आ जाते ह।

(ग) वह एक छह मिं ज़ल इमारत थी िजसक छत पर एक सदंु र पणकु ट थी। (घ) वा लयर से बंबई क दरू ने ससं ार को काफ़ कु छ बदल दया था। (5) 'सभी लख चकु े ह ले कन कनक अभी तक लख रह है।' रचना के आधार पर इस वा य का भदे होगा- (क) सरल वा य (ख) सयं ु त वा य (ग) म वा य (घ) वधानवाचक वा य न 5 नदशानसु ार समास पर आधा रत पाचँ बहु वक पीय न म से क ह ं चार न के उ र द िजए- (1x4=4) द ता: व भ न सा हि यक वधाओं को पढ़ते हए याकर णक सरं चनाओं पर चचा/ ट पणी करते ह। (1) 'महावीर' श द/सम तपद कौन-से समास का उदाहरण है? (क) वगु समास (ख) कमधारय समास (ग) त पु ष समास (घ) अ यीभाव समास (2)'चं खलौना'-सम त पद का व ह होगा - (क)चं का खलौना (ख)चं और खलौना (ग) चं पी खलौना (घ) चं के लए खलौना (3) न न ल खत यु म पर वचार क िजए : द ता:वतृ -अ ययन सम तपद समास (i) गहृ वेश (i) वं व समास (ii) साफ़ - साफ़ (ii) अ ययीभाव समास (iii) कोण (iii) त पु ष समास

(iv) मगृ लोचन (iv) बहु ी ह समास उपयु त यु म म से कौन-से सह समु े लत ह – (क) i और ii (ख)i और iii (ग) ii और iv (घ) iii और iv (4) 'स या ह' श द के लए सह समास- व ह और समास का चयन क िजए - (क) स य और ह - वं व समास (ख) स य का आ ह - त पु ष समास (ग) स य आ ह - अ ययीभाव समास (घ) स य के लए आ ह - त पु ष समास (5) 'चतुमखु ' का समास व ह एवं भदे होगा - (क) चतुर है जो - बहु ी ह समास (ख) चार मखु - त पु ष समास (ग) चार ह मखु िजसके अथात मा - बहु ी ह समास (घ) चतरु ाई झलकती है िजसके मखु से अथात यि त वशषे - बहु ी ह समास न 6 नदशानसु ार महु ावरे पर आधा रत छह बहु वक पीय न म से क ह ं चार न के उ र द िजए- (1x4=4) द ता: व भ न सा हि यक वधाओं को पढ़ते हए याकर णक सरं चनाओं पर चचा/ ट पणी करते ह। (1)महु ावरे और अथ के उ चत मेल वाले वक प का चयन क िजए- (क) गरह बाँधना - मार डालना (ख)तलवार खीचं ना-सब कु छ न ट करना (ग)प ने रंगना- यथ म लखना (घ)कदम उठाना - सामना करना (2)'अयो य को कोई मह वपणू व तु मलना' के लए उपयु त महु ावरा है - (क)दातँ तले उँ गल दबाना

(ख) अधं े के हाथ बटेर लगना (ग) अधं े क लाठ बनना (घ) मोह-माया के बंधन म पड़ना (3) तू म है या श ु है? जहाँ भी जाता हूँ, वह ं मरे े सामन…े ……………………… । र त थान क पू त के लए उपयु त वक प का चयन क िजए - (क) डरे ा डालता है (ख) हवा म उड़ता है (ग) यौ रयाँ चढ़ा लते ा है (घ) द वार खड़ी कर देता है (4) पढ़ाई म मेहनत कर म…………….. हो सकता हूँ। उ चत महु ावरे से र त थान क पू त क िजए। (क) खून का घटूँ (ख) एक पंथ दो काज (ग) पैर पर खड़ा होना (घ)अपना हाथ जग नाथ (5)रेखां कत अंश के लए कौन-सा महु ावरा यु त करना उ चत रहेगा? तमु सारा दन काम म जटु े रहते हो, कभी आराम भी कर लया करो। (क) को हू का बैल (ख) खेत का बलै (ग) तीन तरे ह होना (घ) ह का-ब का (6)'अ य धक दखु ी होना' अथ के लए उपयु त महु ावरा है- (क) कड़वे घटँू पीना (ख) आपे से बाहर होना (ग) कलजे ा महँु को आना (घ) अ ल पर प थर पड़ना न 7 न न ल खत प यांश को पढ़कर पूछे गए न के उ र के लए सह वक प का चयन क िजए- (1x5=5)

चलो अभी ट माग म सहष खेलते हुए, ात होता है क क व…………….. के वप , व न जो पड़ उ ह ढके लते हुए । घटे न हेलमेल हाँ, बढ़े न भ नता कभी, अतक एक पथं के सतक पंथ ह सभी। तभी समथ भाव है क तारता हुआ तरे, वह मनु य है क जो मनु य के लए मरे (1) क व सभी को एक होकर चलने क रे णा देते ह। इससे प धर ह। (क) नर वय (ख) सम वय (ग) मा वय (घ) दरू ा वय (2) अभी ट माग से ता पय है- (क) वगगत माग (ख) मा णत माग (ग) ड़ा े ीय माग (घ) मनोवां छत माग (3)समथ भाव है, दसू र को (क) सफल करते हुए वयं सफल होना (ख) ान माग बताते हुए सफल बनाना (ग) शि त दशन वारा सफलता दलाना (घ) सफल करते हुए अपना वाथ स ध करना (4)' भ नता ना बढ़े' का आशय है- (क) मत भ नता हो (ख) मतभेद कम ह (ग) भेदभाव भ न ह (घ) मतभेद अ धक ह

(5) न न ल खत वा य को यानपवू क प ढ़ए- द ता:वतृ -अ ययन (i) हम मृ यु से कभी नह ं डरना चा हए । (ii) बा य आडबं र का वरोध करना चा हए। (iii) माग क वप य को ढके लते हुए आगे बढ़ना चा हए। (iv) ाकृ तक स दय के लए ई वर को ध यवाद देना चा हए। (v) हम अपने जीवन म सकारा मक ि टकोण अपनाना चा हए। प याशं से मेल खाते वा य के लए उ चत वक प चु नए - (क) (i),(ii),(v) (ख) (i),(iii),(v) (ग)(ii),(iii),(iv) (घ) ((ii),(iv),(v) न 8 न न ल खत न के उ र देने के लए उ चत वक प का चयन क िजए – (1x2=2) (1) 'तु ह ं राम, तु ह ं ल मण' क व ने ऐसा कहा है य क – (क) देश क र ा सभी देशवा सय का कत य है। (ख) राम और ल मण वारा सीता क र ा क गई है । (ग) सै नक यु ध भू म म वीरग त को ा त हो चकु े ह। (घ) आ मब लदान के अवसर नरंतर बने रहते ह। (2) 'तव मखु पहचानँू छन- छन म' का भाव है - (क) भु क स ा पर सदं ेह न करना। (ख) येक जीव म परमा मा को देखना। (ग) ई वर के दशन क अ भलाषा रखना। (घ) स माग पर चलकर जीवन यापन करना। न 9 न न ल खत ग यांश को पढ़कर पछू े गए न के उ र के लए सह वक प का चयन क िजए-(1x5=5) 'रात दस दशाओं से कहगी अपनी कहा नयाँ' पर सगं ीतकार जय कशन ने आप क । उनका याल था क दशक 'चार दशाएँ' तो समझ सकते ह- 'दस दशाए'ँ नह ं। ले कन शलै प रवतन के लए तयै ार नह ं हुए। उनका ढ़ मतं य था क दशक क च क आड़ म हम उथलेपन को उन पर नह ं

थोपना चा हए। कलाकार का यह कत य भी है क वह उपभो ता क चय का प र कार करने का य न कर और उनका यक न गलत नह ं था। यह नह ,ं वे बहुत अ छे गीत भी जो उ ह ने लखे बेहद लोक य हुए। शलै ने झठू े अ भजा य को कभी नह ं अपनाया। उनके गीत भाव- वण थे- दु ह नह ।ं 'मरे ा जतू ा है जापानी, ये पतलनू इगं ल तानी, सर पे लाल टोपी सी, फर भी दल है हदं ु तानी' - यह गीत शलै ह लख सकते थ।े शातं नद का वाह और समु क गहराई लए हुए। यह वशषे ता उनक िज़दं गी क थी और यह उ ह ने अपनी फ़ म के वारा भी सा बत कया था। (1) गीत ‘रात दस दशाओं से कहगी अपनी कहा नयाँ’ पर सगं ीतकार जय कशन ने आप क य क उनके अनसु ार - (क) दस दशाओं का गहन ान दशक को नह ं होगा। (ख) इससे दशक क चय का प र कार नह ं होगा। (ग) जाग क दशक ऐसी प ट बात पसदं नह ं करते थ।े (घ) दशक क च के लए उन पर उथलापन नह ं थोपना चा हए। (2) ‘उनका यह ढ़ मतं य था क दशक क च क आड़ म हम उथलपे न को उन पर नह ं थोपना चा हए।कलाकार का यह कत य भी है क वह उपभो ता क चय का प र कार करने का य न करे।‘ कथन के मा यम से ात होता है क शलै ह – (क) ढ़ न चयी, सफल फ़ म नमाता व क व (ख) सफल फ़ म नमाता, गीतकार व क व (ग) समाज-सधु ारक,कमयोगी गीतकार व क व (घ) आदशवाद ,उ चको ट के गीतकार व क व ( 3) न न ल खत कथन (A) तथा कारण (R) को यानपवू क प ढ़ए। उसके बाद दए गए वक प म से कोई एक सह वक प चनु कर ल खए। कथन (A)-उनके गीत भाव- वण थे- दु ह नह ं। कारण (R ) - शलै के वारा लखे गीत भावनाओं से ओत- ोत थे, उनम गहराई थी ।गीत क भाषा सहज, सरल थी, ि ल ट नह ं थी। (क) कथन (A) तथा कारण (R) दोन गलत है। (ख) कथन (A) गलत है ले कन कारण (R) सह है। (ग) कथन (A) सह है ले कन कारण (R) उसक गलत या या करता है।

(घ) कथन (A) तथा कारण (R) दोन सह ह तथा कारण (R) कथन (A) क सह या या करता है। (4) 'मरे ा जतू ा है जापानी……. 'यह गीत शलै ह लख सकते थे ।लखे क वारा ऐसा कहा जाना दशाता है, शलै के त उनका - (क) कत यबोध (ख) मै ीभाव (ग) यि त व (घ) अवलोकन (5) ग यांश के आधार पर शलै के नजी जीवन क छाप मलती है क वे थे - (क) बेहद गभं ीर, उदार, ढ इ छाशि त और सकं ण दय (ख) बहे द गभं ीर, उदार,कृ पणऔर सकं ण दय (ग) बेहद गभं ीर, भावकु ,कृ पण और ढ इ छाशि त (घ) बेहद गभं ीर, उदार, ढ इ छाशि त और भावकु न 10 न न ल खत न के उ र देने के लए उ चत वक प का चयन क िजए - (1x2=2) (1) न न ल खत म से कौन-से वा य 'बड़े भाई साहब' कहानी से ा त रे णा को दशाते ह - द ता:वतृ -अ ययन (i) कथनी और करनी का अंतर हमार ि थ त को हा या पद बना सकता है। (ii) पढ़ाई के साथ-साथ खले कू द भी छा जीवन के आव यक अगं ह। (iii) के वल पर ा से पहले यान लगाकर पढ़ लने े से थम आ सकते ह। (iv) बड़े भाई साहब ान क बात लखे क को आसानी से समझा देते ह। (क) के वल (i) (ख) (i) और (ii) (ग) के वल (iv) (घ) (ii),(iii),(iv) (2) सआदत अल को अवध के त त पर बठाने के लए पीछे कनल का उ दे य था- (क)अपने परम म सआदत अल क हरसभं व सहायता करना (ख) जाँबाज़ यो धा के प म म सआदत अल को स ध करना (ग) कं पनी के वक ल का क ल करवाने के लए मलकर षडयं रचना

(घ) अ य प से अवध पर कं पनी का आ धप य था पत करना खडं - ब (वणना मक न) न 11 न न ल खत न म से क ह ं दो न के उ र लगभग 60 श द म द िजए - (1x2=2) (3x2=6) (1) मण हम सभी के जीवन का अ भ न अंग है। अपनी य ततम दनचया के बीच चनै से भरे कु छ पल शायद हम इसी कार नकाल सकते ह। शातं वातावरण म अपने तथा अपन के लए जीवन यतीत करना आव यक है। आपके वारा इस पा य म म पढ़े गए पाठ म चनै भरे पल बताने के लए लेखक ने या कया ? या वा तव म सभी को इसक आव यकता है? अपने वचार य त क िजए। द ता: अपने प रवेशगत अनभु व पर अपनी वतं और प ट राय मौ खक एवं ल खत प म य त करते ह। (2) 'डायर का एक प ना' के मा यम से आपने गलु ाम भारत के वतं ता दवस के आयोजन के वषय म जाना। आज हम आज़ाद भारत म आज़ाद का अमतृ महो सव मना रहे ह। देश के त अपने कत य को बताते हुए पाठ से ा त सीख का वणन क िजए। द ता: अपने प रवेशगत अनभु व पर अपनी वतं और प ट राय मौ खक एवं ल खत प म य त करते ह। (3) इस वष आपने पा य म म लोककथा पर आधा रत एक कहानी पढ़ है। यह कहानी समाज क वसगं तय को दरू करने का सदं ेश देती है। कथन का मू यांकन करते हुए अपने वचार ल खए। न 12 न न ल खत न म से क ह ं दो न के उ र लगभग 60 श द म द िजए - (3x2=6) 6) (1) आपके वारा इस पा य म म पढ़ गई कस क वता क अं तम पंि तयाँ आपको सवा धक भा वत करती ह और य ? लगभग 60 श द म य त क िजए। (2) कबीर और मीरा क भि त क वशषे ताओं का उ लखे क िजए ।

(3) आपके पा य म म कस क वता म वषा के ाकृ तक स दय का वणन कया गया है ? अपने श द म वणन क िजए। न 13 न न ल खत न म से क ह ं दो न के उ र लगभग 60 श द म द िजए - (3x2=6) ) (1) लोग के बीच बहस छड़ जाती है। उ रा धकार के कानून पर जो िजतना जानता है, उससे दस गनु ा अ धक उगल देता है। फर भी कोई समाधान नह ं नकलता। रह य ख म नह ं होता, आशकं ाएँ बनी ह रहती ह। ले कन लोग आशकं ाओं को नज़रअदं ाज कर अपनी प धरता शु कर देते ह। ह रहर काका सभी के लए चचा का क बने हुए थ।े ह रहर काका मामले म गाँव वाल क राय तकस हत प ट क िजए। (2) काउट परेड करते समय लेखक वयं को मह वपणू 'आदमी' फ़ौजी जवान समझने लगता था। कथन के आलोक म अपने वचार कट करते हुए बताइए क व यालय जीवन म श ण व ग त व धय क या उपयो गता है? (3)बालमन कसी वाथ या हसाब से चलायमान नह ं होता। बचपन ेम के र ते के अलावा कसी और र ते को कु बूल नह ं करता। 'टोपी शु ला' पाठ म टोपी अपने प रवार के एक सद य को बदलने क बात करता है। उसक सोच के आधार पर उसक मनोदशा का वणन क िजए। न 14 न न ल खत म से कसी एक वषय पर सकं े त- बदं ओु ं के आधार पर लगभग 100 श द म अनु छे द ल खए - (5x1=5) द ता : अपने आस-पास और कू ल सा थय क ज़ रत को अपनी भाषा म अ भ य त करते ह। (1) व याथ जीवन और च र नमाण  सपं णू जीवन क आधार शला • च र नमाण क आव यकता • देश व समाज के लए उपयोगी (2) वट - वट के ट का रोमाचं  मचै कब और कहाँ • ट म का सघं ष • दशक क त या (3) दौड़ती हुई िज़दं गी  कै से • कारण • आव यकताओं म वृ ध • या कर ?

 न 15 (1) आप वणे ु राजगोपाल /वेणी राजगोपाल ह। हदं ु तान टाइ स द ल के सपं ादक के नाम एक प लखकर सामािजक जीवन म बढ़ रह हसं ा पर अपने वचार य त क िजए।( श द-सीमा - लगभग 100 श द) द ता: औपचा रक प , जैसे— धानाचाय, सं पादक को अपने आस-पास क सम याओं को यान म रखकर प लखते ह। (5x1=5) अथवा (2) आपके व यालय म खले क उपयु त साम ी है तथा समय-समय पर सभी तर पर मचै का आयोजन भी कया जाता है। व यालय के खेल क तान होने के नाते धानाचाय के त आभार य त करते हुए प ल खए। न 16 न न ल खत म से कसी एक वषय पर लगभग 80 श द म सचू ना ल खए - (4x1=4) द ता: अपने आस-पास और कू ल सा थय क ज़ रत को अपनी भाषा म अ भ य त करते ह। (1) आप व यालय के सां कृ तक स चव ह। बाल दवस समारोह के अवसर पर व यालय म आयोिजत होने वाले सां कृ तक काय म के ववरण स हत सचू ना तैयार क िजए। अथवा (2) आप रजत च टोपा याय/ रजनी र तोगी, मोह ला सधु ार स म त के स चव ह। व छता अ भयान के अंतगत ' व छता पखवाड़ा' काय म म भाग लेने के इ छु क लोग के लए एक सचू ना तयै ार क िजए। न 17 न न ल खत म से कसी एक वषय पर लगभग 60 श द म व ापन तयै ार क िजए- (3x1=3) द ता: अपने आस-पास और कू ल सा थय क ज़ रत को अपनी भाषा म अ भ य त करते ह। (1) वा य मं ालय वारा योग दवस के अवसर के चार सार के लए एक आकषक व ापन लगभग 60 श द म तयै ार क िजए। अथवा

(2)लोकल फॉर वोकल ( थानीय उ पाद का योग ) के चार- सार के लए एक आकषक व ापन लगभग 60 श द म तयै ार क िजए। न 18 (1) 'जैसा करोगे वैसा भरोग'े वषय पर लघु कथा लगभग 100 श द म ल खए।(5x1=5) द ता: रे डयो, ट .वी. या प -प काओ व अ य य- य सं चार मा यम से सा रत, का शत प को कथा सा ह य एवं रचनाओ पर मौ खक एवं ल खत ट पणी/ व लषे ण करते ह। अथवा (2)आप वेता कपूर /शलै ेश कपरू ह। आप वतमान प र े य म हदं क उपयो गता जानते ह इसी लए यारहवीं क ा म व ान वषय के साथ भी हदं अ त र त वषय के प म पढ़ना चाहते ह। अपने धानाचाय को व यालय के ईमले पते पर ईमले लखकर अनमु त ा त क िजए। ( श द-सीमा लगभग 100 श द) द ता: अपने आस-पास और कू ल सा थय क ज़ रत को अपनी भाषा म अ भ य त करते ह। >>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>>


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