Important Announcement
PubHTML5 Scheduled Server Maintenance on (GMT) Sunday, June 26th, 2:00 am - 8:00 am.
PubHTML5 site will be inoperative during the times indicated!

Home Explore Hindi Portfolio

Hindi Portfolio

Published by narayanikalra16, 2020-12-12 06:38:46

Description: Hindi Portfolio

Search

Read the Text Version

PORहTदं FीOLIO नाम - नारायणी कालरा प्रवेश संख्या - 12561 कक्षा - 9 इ अनु-क्रमाकं - 21

सूची सूची 1. स्पशय्र 1. अपने पसदं ीदा स्पश्यर के 2. क वता पाठ के प्रश्न उ र 3. सचं यन 4. ए आई एल 2. अपनी पसंदीदा क वता 5. वाक्य कौशल 6. व्याकरण का प्र तपाद्य/व्याख्या 3. अपने पसंदीदा सचं यन के पाठ के प्रश्न उ र 4. हदं ी ऐ आई एल 5. वाक्य कौशल की जानकारी 6. अनछु े द, पत्र, संदेश, वज्ञापन, नारा

01 स्पशर्य तुम कब जाओगे अ त थ

02 क वता - एक फू ल की चाह प्र तपाद्य :

03 सचं यन : हा मद खां Book Title. P52

04 हदं ी ए आई एल नारायणी कालरा कक्षा नवीं ई 21 ऍलकों पिब्लक स्कू ल

सिक्कम सिक्कम भारत के पूवर्वो र भाग में िस्थत एक पवतर्य ीय राज्य है। अगं ठू े के आकार का यह राज्य पिश्चम में नेपाल, उ र तथा पवू र्य मंे चीनी तब्बत स्वाय क्षते ्र तथा द क्षण-पवू यर् मंे भूटान से लगा हुआ है। भारत का पिश्चम बगं ाल राज्य इसके द क्षण में है अगं ्रेजी, ग़ोखा्यर खस भाषा, लेप्चा, भू टया, लबं ू तथा हन्दी आ धका रक भाषाएँ हंै परन्तु ल खत व्यवहार में अंग्रेजी का ही उपयोग होता है। हन्दू तथा बज्रयान बौद्ध धमय्र सिक्कम के प्रमखु धमय्र हैं। गगं टोक राजधानी तथा सबसे बड़ा शहर है।

दल्ली दल्ली, आ धका रक तौर पर राष्ट्रीय राजधानी क्षते ्र दल्ली भारत की राजधानी और एक कें द्र-शा सत प्रदेश है। इसमंे नई दल्ली सि म लत है जो भारत की राजधानी है। दल्ली राजधानी होने के नाते कंे द्र सरकार की तीनों इकाइयों - कायप्रय ा लका, ससं द और न्यायपा लका के मखु ्यालय नई दल्ली और दल्ली मंे स्था पत हैं। १४८३ वगय्र कलोमीटर मंे फै ला दल्ली जनसखं ्या के तौर पर भारत का दसू रा सबसे बड़ा महानगर है।यहाँ की जनसखं ्या लगभग १ करोड़ ७० लाख है। यहाँ बोली जाने वाली मखु ्य भाषाएँ हैं : हन्दी, पंजाबी, उदयर्ू और अगं ्रेज़ी। भारत मंे दल्ली का ऐ तहा सक महत्त्व है। इसके द क्षण पिश्चम में अरावली पहा ड़यां और पवू य्र में यमुना नदी है, िजसके कनारे यह बसा है।

सिक्कम मे खाये जाने वाले पारंप रक आहार सिक्कम के व्यजं न पवू र्वो र भारत में िस्थत सिक्कम राज्य का व्यजं न है । चावल एक मखु ्य भोजन है, और कि वत खाद्य पदाथय्र पारंप रक रूप से भोजन का एक महत्वपूणयर् हस्सा हंै। नेपाली व्यजं न लोक प्रय है, क्यों क सिक्कम भारत का एकमात्र ऐसा राज्य है जहाँ जातीय नेपाली बहुमत है। सिक्कम में कई रेस्तरां व भन्न प्रकार के नेपाली व्यंजन परोसते हंै, जसै े क नेवा और थाकली व्यजं न। तब्बती व्यजं नों ने सिक्कम के व्यंजनों को भी प्रभा वत कया है।

दल्ली मे खाये जाने वाले पारंप रक आहार दल्ली में खाने-पीने की बहुत-सी दकु ानें और भोजनालय हैं। देश के व भन्न प्रांतों के व्यंजनों का स्वाद लेने के लए  दल्ली हाट का रुख़ कर सकते हंै। यहाँ देश के लगभग हर भाग का भोजन मलता है। कु ल मलाकर दल्ली मंे हर तरह के भोजन का ज़ायक़ा लया जा सकता है। दल्ली मंे चाँदनी चौक एक जगह है, जो फ़्ूरट चाट, गोल गप्पों, पकौड़ों और बहुत-सी चीज़ों के लए मशहूर है।

05 वाक्य कौशल पछले कई दशकों से हमारे सामािजक और पा रवा रक ढंग में प रवतन्रय हुए है | संयकु ्त प रवार के स्थान पर ‘एकल प रवार सुखी प रवार’ के नारे ने प रवार को सी मत कर दया है | अब मनषु ्य के वल अपनी पत्नी व बच्चों के साथ रहकर अपना जीवन सुखमय करना चाहता है | माता- पता को बोझ समझकर वह उन्हें वदृ ्धाश्रम भेजकर अपने क वय्र ्य की पू तर्य कर लेता है, िजसका प्रभाव बच्चों को भगु तना पढ़ता है | माता-पीता दोनों कामकाजी होने के कारण बच्चे अके लेपन का शकार हो रहे है | वह स्वयं को असरु क्षत समझते है तथा उन्हें दादा-दादी व नानी-नाना के प्यार से भी वं चत रहना पढ़ता है | बच्चों मंे नै तक शक्षा की कमी भी दषु ्प रणाम हंै | य द घर मंे माता- पता होंगे तो वे बच्चों का सही मागद्रय शनय्र करंेगे तथा उन्हंे अच्छे ससं ्कार मलंेगे | अत: आज फर सयं कु ्त प रवार की आवश्यकता महसूस होने लगी है , ता क बच्चों के सदृढ़ भ वष्य का नमारण्य हो सके |

06 6. व्याकरण - a) अनचु ्छे द अवकाश गहृ काययर् का अनचु ्छे द लेखन : कलम और तलवार

b) पत्र :

c) सदं ेश एवं d) नारा सदं ेश एवं नारा की एिक्ट वटी दीवाली के अवसर पर |

रशक्तववदजर्ञाानपपनर e) वज्ञापन

धन्यवाद!! iicpnSorflneoissgwdberCaebynaRssytpEgFahDcoFrtiIr,leicTeaeosSaitpn:tnii&eccktTdlo.eihunmmibd,pasyilgnaaegntsde


Like this book? You can publish your book online for free in a few minutes!
Create your own flipbook