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गोदावयी ई वाणी \"जीवन गोदावयी\" भॊडर कामाारम, भोयॊऩडू ी, याजभडॊ ्री - ऩू.गो.जज आॊध्रप्रदेश – 533107 प्रधान सयॊ ऺक श्री जी फी वी याभय्मा वरयष्ठ भॊडर प्रफॊधक सॊयऺक श्री जी यवव कु भाय ववऩणन प्रफॊधक प्रधान सॊऩादक श्री ए नागेन्द्र कु भाय प्रफॊधक (का.औ.स)ॊ एवॊ सॊऩका अधधकायी (या.का) सॊऩादक श्री एभवीएसडीवीआय पजण कु भाय याजबाषा अधधकायी सहामक सऩॊ ादक श्री.ऩी.धशयीष कु भाय याजबाषा सहामक आवयण ऩषृ ्ठ ऩय ददमा गमा छामाधित्र आवयण ऩषृ ्ठ का रूऩधशजपऩ श्री.एभ.फारकृ ष्ण भूती उ.श्र.े स (का.औ.स)ॊ प्रकाशन याजबाषा ववबाग
3 धनगभ गीत आओ प्माये साथ हभाये जन सेवा दहत साझॉ सकाये । जन सेवा दहत साझॉ सकाये सम्मक सिॊ म औय धनवेशन जन जन का ही दहत सवॊ धना धनगभ नीधत का उच्छ रक्ष्म है व्मवि औय ऩरयवायोत्थान रोक दहतैषी सेवा दीऺा जनभन प्रेरयत सतत सुयऺा \"मोगऺेभ\" ही ऩयभ ध्मेम है धनगभ हभाया वप्रम सॊस्थन । उठो धनगभ के सच्िे सेवक अधबकताा जन औय प्रफन्द्धक फुरा यहे है, कामा धरकदहत तुभ ऩय धनबया जन-कपमाण । आओ प्माये साथ हभाये जन सेवा दहत साझॉ सकाये । जन सेवा दहत साझॉ सकाये 3
4 सदॊ ेश \"गोदावयी वाणी\" के भाध्मभ से आऩसे सॊवाद कयते हुए, भझु े हषा की अनबु धू त हो यही है । मह अनबु धू त इसधरमे हो यही है दक मह ववषम याजबाषा से जडु ा है । मह अनबु धू त इसधरमे बी हो यही है दक गत वषा की \" गोदावयी वाणी\" के प्रकाशन के फाये भें हभंे फहुत प्रशॊसा धभर गई है । भै उम्भीद कयता हूॉ की इस अॊक को बी हभाया याजबाषा प्रकोष्ट से जुडे प्रत्मेक व्मवि अऩनी ऩयू ी ताकत रगाकय सदॊु य औय भहत्वऩणू ा फनाएॊगे । याजबाषा कामाान्द्वमन की दृवष्ट से, याजभॊड्री भॊडर भंे अच्छा कामा हो यहा है । हभाये भॊडर भें इन सबी कामों के ऩीछे , हभाया कभिा ारयमों का श्रभ औय याजबाषा एवॊ धनगभ के प्रधत धनष्ठा का बी हाथ है । \" गोदावयी वाणी\" के भाध्मभ से हभाया प्रमास यहा है दक अऩने अधधकारयमों एवॊ कभिा रयमों की यिनात्भक शवि को फाहय रामंे । इसे ऩठनीम एवॊ आकषका फनाने का प्रमास बी दकमा जाए । इन प्रमास भे हभ दकस सीभा तक सपर यहे, मह आऩकी प्रधतदिमा से ही स्ऩष्ट हो सके गा । फधाई के साथ जी फी वी याभय्मा वरयष्ठ भडॊ र प्रफॊधक 4
5 सदॊ ेश सदॊ ेश भझु े इस फात का हषा है दक हभाया याजबाषा ववबाग, दहन्द्दी को प्रसारयत कयने तथा धनगभ भें कामया त अधधकारयमों एवॊ कभिा रयमों की सजृ नात्भक ऺभता को उजागय कयने के रक्ष्म को ध्मान भे यखते हुए, याजबाषा ऩवत्रका \" गोदावयी वाणी\" का नवीनतभ अॊक प्रकाधशत कयने जा यहा है । भेये वविाय से, ऩत्र- ऩवत्रकाओॊ का प्रकाशन, अऩने वविायों को प्रकट कयने का एक साझा भिॊ है । अत: इन सफ रक्ष्मों को ध्मान भे यखते हुए, याजबाषा ववबाग द्वाया दकमा जाने वारा मह प्रमास प्रशॊसनीम है । \" गोदावयी वाणी\" के भाध्मभ से, भै मह बी कहना िाहता हू दक हभाया याजभडॊ ्री भॊडर ववत्तीम वषा 2020-2021 के सभाधि ऩय है, औय भै उम्भीद कयता हूॉ दक हभ अऩने व्मवसाम रक्ष्मों को बी, आऩ सबी के सहमोग से आसनी से ऩयू ा कय सकंे गे औय ऺेत्रीम स्तय ऩय एवॊ देश की स्तय ऩय बी हभे प्रथभ स्थान धभर सके । हाददाक शबु काभनाओॊ सदहत जी यवव कु भाय 5
6 सॊदेश हभाये भॊडर की याजबाषा गहृ ऩवत्रका \"गोदावयी वाणी\" के भाध्मभ से आऩ सबी के साथ सॊवाद स्थावऩत कयते हुए, भझु े अत्मतॊ प्रसन्द्न्द्ता हो यही है । कामसा ाधक ऻान प्राि कयना औय कामाारमीन काभकाज भे याजबाषा के उऩमोग एवॊ भहत्व को फढाना ही हभाया धनगभ के भानव सॊसाधन ववकास ववबाग का भरू उद्देश्म यहा है । याजबाषा हभाये देश की याष्डीम एकता औय असीभता को सदु ृढ कयने का प्रबावी भाध्मभ है । बायतीम जीवन फीभा धनगभ एक सेवादाई सॊस्थान है जहाॉ ग्राहक सतॊ ुष्ठ औय गुणवत्ता ही हभाया ऩयभ ध्मेम है । भै आऩ सबी अधधकारयमों एवॊ कभिा ारयमों से अनयु ोध कयता हूॉ दक \" दहन्द्दी हभायी देश के याजबाषा\" होने के नाते हभें ऩयू ी रगान औय धनष्ठा के साथ याजबाषा भे कामा कयना िादहए । आऩ सबी को \" गोदावयी वाणी\" के प्रकाशन की शबु अवसय ऩय अन्द्म प्रकाय की प्रगधत एवॊ ववकास के धरए हभायी हाददाक शबु ाकाभनाएॊ । सद्भाव से, ए नागेन्द्र कु भाय भॊडर प्रफॊधक (का एवॊ औ सॊ) याजबाषा सॊऩका अधधकायी 6
7 सदॊ ेश \"गोदावयी वाणी \" हभाये भडॊ र की भहत्वऩणू ा वाणी आऩके सभऺ प्रस्तुत कयते हुए भझु े अत्मॊत खुशी हो यही है । के न्द्र सयकाय की याजबाषा नीधत के अनऩु ारन भें याजबाषा ऩवत्रकाओॊ के प्रकाशन एक भहत्व ऩणू ा बधू भका यही है । \" गोदावयी वाणी \" ऩवत्रका भें याजबाषा के धनयॊतय प्रमास सफॊ ॊध साभग्री, ववधबन्द्न तयह की रखे , कववताएॉ आदद उऩमोगी जानकायी का प्रियु भात्र सभवेश है । हभाये याजबाषा प्रकोष्ठ व कामाान्द्वमन ववबाग हय सार से इसकी प्रकाशन औय प्रिाय को काभमाफ औय सपर फनाने के धरए अत्मॊत रगन एवॊ धनष्ठा के साथ कामा कयते है । भझु े ववश्वास है दक इस ऩवत्रका आऩको रुधिकय एवॊ ऻानवधका रगगे ी औय आऩ सबी से अनयु ोध है दक हभायी \" गोदावयी वाणी \" को औय अधधक आकषका , उऩमोगी एवॊ प्रबावी फनाने के धरए अऩने सझु ाव से हभंे अवगत कयाएॉ । \" गोदावयी वाणी \" के 2020-2021 वावषका अॊक का सपरता ऩवू ा प्रकाशन के धरए सभस्त वरयष्ठ अधधकारयमों व साथी कभिा ारयमों के सॊऩणू ा सहमोग के धरए आबाय प्रकट कयते हुए आऩ सबी को हाददाक शबु काभानाएॊ सदहत..... एभ वी एस डी वी आय पजण कु भाय प्रशासधनक अधधकायी (का एवॊ औ सॊ) 7
8 फुद्ध के प्रविन एक फाय फदु ्ध एक गाॊव भें अऩने दकसान बि के महाॊ गए। शाभ को दकसान ने उनके प्रविन का आमोजन दकमा। फदु ्ध का प्रविन सुनने के धरए गाॊव के सबी रोग उऩजस्थत थे, रेदकन वह बि ही कहीॊ ददखाई नहीॊ दे यहा था। गावॊ के रोगों भंे कानापू सी होने रगी दक कै सा बि है दक प्रविन का आमोजन कयके स्वमॊ गामफ हो गमा। प्रविन खत्भ होने के फाद सफ रोग घय िरे गए। यात भें दकसान घय रौटा। फुद्ध ने ऩूछा, कहाॊ िरे गए थे? गावॊ के सबी रोग तुम्हें ऩूछ यहे थे। दकसान ने कहा, दयअसर प्रविन की सायी व्मवस्था हो गई थी, ऩय तबी अिानक भेया फरै फीभाय हो गमा। ऩहरे तो भैनं े घयेरू उऩिाय कयके उसे ठीक कयने की कोधशश की, रेदकन जफ उसकी तफीमत ज्मादा खयाफ होने रगी तो भुझे उसे रेकय ऩशु धिदकत्सक के ऩास जाना ऩडा। अगय नहीॊ रे जाता तो वह नहीॊ फिता। आऩका प्रविन तो भैं फाद भंे बी सुन रगूॊ ा। अगरे ददन सफु ह जफ गावॊ वारे ऩनु : फुद्ध के ऩास आए तो उन्द्होंने दकसान की धशकामत कयते हुए कहा, मह तो आऩका बि होने का ददखावा कयता है। प्रविन का आमोजन कय स्वमॊ ही गामफ हो जाता है। फुद्ध ने उन्द्हें ऩयू ी घटना सनु ाई औय दपय सभझामा, उसने प्रविन सनु ने की जगह कभा को भहत्व देकय मह धसद्ध कय ददमा दक भेयी धशऺा को उसने वफपकु र ठीक ढॊग से सभझा है। उसे अफ भेये प्रविन की आवश्मकता नहीॊ है। भैं मही तो सभझाता हूॊ दक अऩने वववेक औय फुवद्ध से सोिो दक कौन सा काभ ऩहरे दकमा जाना जरूयी है। मदद दकसान फीभाय फरै को छोड कय भेया प्रविन सनु ने को प्राथधभकता देता तो दवा के फगैय फैर के प्राण धनकर जाते। उसके फाद तो भेया प्रविन देना ही व्मथा हो जाता। भेये प्रविन का साय मही है दक सफ कु छ त्मागकय प्राणी भात्र की यऺा कयो। इस घटना के भाध्मभ से गावॊ वारों ने बी उनके प्रविन का बाव सभझ धरमा। सॊकरन कताा : श्रीभधत के सजु ाता , उ.श्र.े स (आशुधरवऩक) (वव एवॊ रेखा ववबाग) भडॊ र कामारा म, याजभडॊ ्री 8
9 जीवन का रक्ष्म एक दकसान के घय एक ददन उसका कोई ऩरयधित धभरने आमा। उस सभम वह घय ऩय नहीॊ था। उसकी ऩत्नी ने कहा-„वह खेत ऩय गए हंै। भैं फच्िे को फरु ाने के धरए बेजती हूॊ। तफ तक आऩ इॊतजाय कयंे।’ कु छ ही देय भें दकसान खते से अऩने घय आ ऩहुॊिा। उसके साथ-साथ उसका ऩारतू कु त्ता बी आमा। कु त्ता जोयों से हाॊप यहा था। उसकी मह हारत देख, धभरने आए व्मवि ने दकसान से ऩछू ा- „क्मा तमु ्हाया खते फहुत दयू है?‟ दकसान ने कहा- „नहीॊ, ऩास ही है। रेदकन आऩ ऐसा क्मों ऩछू यहे हैं?‟ उस व्मवि ने कहा- „भुझे मह देखकय आश्चमा हो यहा है दक तभु औय तुम्हाया कु त्ता दोनों साथ-साथ आए, रेदकन तुम्हाये िेहये ऩय यॊि भात्र थकान नहीॊ जफदक कु त्ता फयु ी तयह से हाॊप यहा है।’ दकसान ने कहा- „भंै औय कु त्ता एक ही यास्ते से घय आए हंै। भेया खेत बी कोई खास दयू नहीॊ है। भंै थका नहीॊ हूॊ। भेया कु त्ता थक गमा है। इसका कायण मह है दक भंै सीधे यास्ते से िरकय घय आमा हूॊ, भगय कु त्ता अऩनी आदत से भजफयू है। वह आसऩास दसू ये कु त्ते देखकय उनको बगाने के धरए उसके ऩीछे दौडता था औय बौंकता हुआ वाऩस भेये ऩास आ जाता था। दपय जैसे ही उसे औय कोई कु त्ता नजय आता, वह उसके ऩीछे दौडने रगता। अऩनी आदत के अनसु ाय उसका मह िभ यास्ते बय जायी यहा। इसधरए वह थक गमा है।’ देखा जाए तो मही जस्थधत आज के इॊसान की बी है। जीवन के रक्ष्म तक ऩहुॊिना मॊू तो कदठन नहीॊ है, रेदकन रोब, भोह अहॊकाय औय ईष्माा जीव को उसके जीवन की सीधी औय सयर याह से बटका यही है। अऩनी ऺभता के अनुसाय जजसके ऩास जजतना है, उससे वह सॊतुष्ट नहीॊ। आज रखऩधत, कर कयोडऩधत, दपय अयफऩधत फनने की िाह भें उरझकय इॊसान दौड यहा है। अनेक रोग ऐसे हंै जजनके ऩास सफ कु छ है। 9
11 बगवान भझु े Mobile फना दे वह प्राइभयी स्कू र की टीिय थी। सुफह उसने फच्िो का टेस्ट धरमा था औय उनकी कॉवऩमा जािने के धरए घय रे आई थी। फच्िो की कॉवऩमा देखते देखते उसके आॊसू फहने रगे। उसका ऩधत वही रेटे mobile देख यहा था। उसने योने का कायण ऩछू ा। टीिय फोरी , “सुफह भैनं े फच्िो को ‘भेयी सफसे फडी ख्वाइश‘ ववषम ऩय कु छ ऩवॊ िमा धरखने को कहा था; एक फच्िे ने इच्छा जादहय कयी है की बगवन उसे Mobile फना दे। मह सनु कय ऩधत देव हॊसने रगे। टीिय फोरी, “आगे तो सुनो फच्िे ने धरखा है मदद भै mobile फन जाऊॊ गा, तो घय भें भेयी एक खास जगह होगी औय साया ऩरयवाय भेये इदा-धगदा यहेगा। जफ भै फोरगूॉ ा, तो साये रोग भुझे ध्मान से सुनंेगे। भझु े योका टोका नहीॊ जामंेगा औय नहीॊ उपटे सवार होंगे। जफ भै mobile फनगूॊ ा, तो ऩाऩा ऑदपस से आने के फाद थके होने के फावजूद भेये साथ फठै ें गे। भम्भी को जफ तनाव होगा, तो वे भझु े डाटंेगी नहीॊ, फजपक भेये साथ यहना िाहेंगी। भेये फडे बाई-फहनों के फीि भेये ऩास यहने के धरए झगडा होगा। महाॉ तक की जफ mobile फदॊ यहेंगा, तफ बी उसकी अच्छी तयह देखबार होंगी। औय हा, mobile के रूऩ भंे भै सफको खशु ी बी दे सकूॉ गा।” मह सफ सुनने के फाद ऩधत बी थोडा गॊबीय होते हुए फोरा, “हे बगवान! फेिाया फच्िा… उसके भाॉ-फाऩ तो उस ऩय जया बी ध्मान नहीॊ देते!” टीिय ऩत्नी ने आॊसूॊ बयी आखॉ ों से उसकी तयप देखा औय फोरी, “जानते हो, मह फच्िा कौन है? हभाया अऩना फच्िा…हभाया छोटू ।” सोधिमे, मह छोटू कही आऩका फच्िा तो नही।ॊ धभत्रों, आज की बाग-दौड बयी ज़िन्द्दगी भंे हभंे वैसे ही एक दसू ये के धरए कभ वक़्त धभरता है, औय अगय हभ वो बी धसपा टीवी देखने, भोफाइर ऩय खेरने औय पे सफकु से धिऩके यहने भें गॉवा दंेगे तो हभ कबी अऩने रयश्तों की अहधभमत औय उससे धभरने वारे प्माय को नहीॊ सभझ ऩामेंगे। सॊकरन कताा : श्रीभधत ऩी उभादेवी , टॊकक (न व्म ववबाग) भडॊ र कामारा म, याजभॊड्री 11
12 साधना फहुत सभम ऩहरे की फात है, एक जॊगर भंे नदी के दकनाये ऩय एक साधू की कु टीमा थी| एक ददन साधू ने देखा की उनकी कु दटमा के साभने वारी नदी भें एक सेफ तेयता हुआ आ यहा है| साधू ने सेफ को नदी से धनकारा औय अऩनी कु दटमा भें रे आए| भहात्भा सेफ को खाने ही वारे थे की तबी उनके अतॊ यभन से एक आवाज आई – “क्मा मह तेयी सम्ऩधत है ? मदद तभु ने इसे अऩने ऩरयश्रभ से ऩदै ा नहीॊ दकमा है तो क्मा इस सेफ ऩय तुम्हाया अधधकाय है ? अऩने अतॊ भना दक आवाज सनु साधू को आबास हुआ की उसे इस पर को यखने औय खाने का कोई अधधकाय नहीॊ है| इतना सोिकय साधू सेफ को अऩने झोरे भंे डाककय सेफ के असरी स्वाभी की खोज भंे धनकर ऩडे| थोडी दयू जाने ऩय साधू को एक सेफ का फाग़ ददखाई ददमा| उन्द्होंने फाग के स्वाभी से जाकय कहा – “आऩके ऩेड से मह सेफ धगयकय नदी भंे फहते-फहते भेयी कु दटमा तक आ गमा था, इसधरए भें आऩकी सॊऩवत्त रौटाने आमा हूॉ| वह फोरा, “भहात्भा, भंे तो इस फाग़ का यखवारा भात्र हूॉ! इस फाग़ की स्वाभी याज्म की यानी है| फाग़ के यखवारे की फात सनु कय साधू भहात्भा सेफ को देने यानी के ऩास ऩहुॊिे| यानी को जफ साधू के सेफ को महाॉ तक ऩहुॉिाने के धरए रम्फी मात्रा की फात ऩता िरी तो वह फहुत आश्चमािदकत हुई| उन्द्होंने एक छोटे से सेफ के धरए इतनी रम्फी मात्रा का कायण साधू से ऩछू ा| साधू फोरे, “भहायानी सादहफा! मह मात्रा भनंै े सेफ के धरए नहीॊ फजपक अऩने ़िभीय के धरए की है| मदद भेया ़िभीय भ्रष्ट होई जाता तो भेयी जीवन बय की तऩस्मा नष्ट हो जाती| साधू की ईभानदायी से भहायानी फडी प्रसन्द्न हुई औय उन्द्होंने साधू भहात्भा को याजगुरु की उऩाधध से सम्भाधनत कय उन्द्हंे अऩने याज घयाने भंे यहने का धनभतॊ ्रण ददमा| तो दोस्तों इस कहानी से हभंे मही धशऺा धभरती है दक हभें हय ऩरयजस्थधथ भें इभानदाय यहना िादहए क्मोंदक इभानदाय व्मवि हभेशा सम्भान ऩाता है| सॊकरन कताा : श्रीभधत के भाधवी रता, स.प्र.अ (दावा ववबाग) भॊडर कामारा म, याजभडॊ ्री 12
13 दहन्द्दी ऩखवाडा - 2020 की झरदकमाॉ दहन्द्दी ऩखवाडा - 2020 भंे ववजेताओॊ को ऩयु स्काय ववतयण कयते हुए वरयष्ठ भडॊ र प्रफधॊ क श्री जी फी वी याभय्मा जी, साथ भंे है..ववऩणन प्रफधॊ क श्री जी यवव कु भाय जी, काधभका एवॊ औद्योधगक सफॊ धॊ ी ववबाग के भडॊ र प्रफधॊ क श्री ए नागने ्द्र कु भाय जी, याजबाषा अधधकायी श्री पजण कु भाय जी, दहन्द्दी ऩखवाडा - 2020 के दौयान आमोजजत प्रधतमोधगताओॊ भें ववजेता श्रीभधत ए भहधत, स.प्र.अ श्रीभधत एभ शायदा देवी, स.प्र.अ श्रीभधत एन बानभु धत, स.प्र.अ 13
14 दहन्द्दी ऩखवाडा - 2020 की झरदकमाॉ दहन्द्दी ऩखवाडा - 2020 भंे ववजेताओॊ को ऩयु स्काय ववतयण कयते हुए वरयष्ठ भडॊ र प्रफधॊ क श्री जी फी वी याभय्मा जी, साथ भंे है..ववऩणन प्रफधॊ क श्री जी यवव कु भाय जी, काधभका एवॊ औद्योधगक सफॊ धॊ ी ववबाग के भडॊ र प्रफधॊ क श्री ए नागेन्द्र कु भाय जी, याजबाषा अधधकायी श्री पजण कु भाय जी, दहन्द्दी ऩखवाडा - 2020 के दौयान याजबाषा प्रकोष्ट को अऩना मोगदान देने के धरए श्रीभधत एन कपमाणी श्रीधनवास, प्र.अ श्रीभधत के भाधवी रता, स.प्र.अ श्रीभधत एभ वी यभणा, उ.श्र.े स 14
15 दहन्द्दी ऩखवाडा - 2020 की झरदकमाॉ दहन्द्दी ऩखवाडा - 2020 भंे ववजेताओॊ को ऩयु स्काय ववतयण कयते हुए वरयष्ठ भडॊ र प्रफधॊ क श्री जी फी वी याभय्मा जी, साथ भें है..ववऩणन प्रफधॊ क श्री जी यवव कु भाय जी, काधभका एवॊ औद्योधगक सफॊ धॊ ी ववबाग के भडॊ र प्रफधॊ क श्री ए नागेन्द्र कु भाय जी, याजबाषा अधधकायी श्री पजण कु भाय जी, दहन्द्दी ऩखवाडा - 2020 के दौयान याजबाषा प्रकोष्ट को अऩना मोगदान देने के धरए श्री एस आय जे भाथ्मूस, उ.श्र.े स श्री फी श्रीधनवास याव, उ.श्र.े स श्री के एस भतू ी, उ.श्र.े स 15
21 ऩजत्न : सनु ो भेये भहु ॊ भे भच्छय िरा गमा, अफ क्मा करू..? ऩधत : ऩगरी ऑर आउट ऩी रे, 6 सेकंे ड भें काभ शुरू। एक रडके की फाइक से स्कू टी वारी रडकी की टक्कय हो गई, बीड ने रडके को खफू फयु ी तयह ऩीटा, दपय रडकी औय स्कू टी को उठामा एक आदभी फोरा- आऩको रगी तो नहीॊ... रडकी- नहीॊ मे तो योज का काभ है, स्कू टी सीख यही हूॊ न... टीनू दकु ानदाय से- सपोरा ऑमर देना दकु ानदाय- रो टीन-ू इसके साथ फ्री धगफ्ट नहीॊ ददमा दकु ानदाय- इसके साथ कु छ फ्री नहीॊ है टीन-ू इसभें तो धरखा है cholesterol Free सकॊ रन कताा : श्रीभधत एन बानभु धत, स. प्र. अ (वविम ववबाग) भॊडर कामाारम, याजभडॊ ्री 21
22 दहॊदी ददवस: कववता वसै े तो हय वषा फजता है नगाडा, नाभ रूॉ तो नाभ है दहॊदी ऩखवाडा। दहॊदी हैं हभ, वतन है दहन्द्दसु ्तान हभाया, दकतना अच्छा व दकतना प्माया है मे नाया। दहॊदी भें फात कयें तो भखू ा सभझे जाते हैं, अगॊ ्रेजी भें फात कयें तो जैंटरभेर हो जाते। अगॊ ्रेजी का हभ ऩय असय हो गमा, दहॊदी का भुजश्कर सफ़य हो गमा। देसी घी आजकर फटय हो गमा, िाकू बी आजकर कटय हो गमा। अफ भैं आऩसे इ़िा़ित िाहती हूॉ, दहॊदी की सफसे दहपा़ित िाहती हूॉ।। सकॊ रन कताा : श्रीभधत एभ वी यभणा, उ.श्र.े स (आशुधरवऩक) (ववऩणन ववबाग) भॊडर कामारा म, याजभडॊ ्री 22
23 दहॊदी ददवस ऩय नाये ववद्याधथमा ों औय फच्िों के धरए ·हभ सफ का अधबभान हंै दहॊदी, बायत देश की शान हैं दहॊदी। ·आइमे एकसाथ फढीमे दहॊदी को अऩनाइमे। ·दहॊदी भें ऩत्रािाय हो दहॊदी भें हय व्मवहाय हो, फोरिार भंे दहॊदी ही अधबव्मिी का आधाय हो। ·दहॊदी की दौड दकसी प्राॊतीम बाषासे नहीॊ अगॊ ्रेजी से है। ·एकता की जान है, दहॊदी देश की शान है। ·जफतक आऩके ऩास याष्डबाषा नही, आऩका कोई याष्ड बी नही। ·दहॊदी भै काभ कयना आसन है शरु ू तो दकजीमे। ·सीखो जी बय बाषा अनेक, ऩय याष्डबाषा न बूरों एक। ·याष्डबाषा के वफना याष्ड गगूॊ ा है। ·याष्डबाषा सवसा ाधायण के धरमे जरुयी है औय हभायी याष्डबाषा दहॊदी ही फन सकती है। ·प्रातॊ ीम ईष्माा द्वेष दयू कयने भंे जजतनी सहामता दहॊदी प्रिाय से धभरेगी उतनी दसू यी िीज भंे नही।ॊ ·दहॊदी धसखे वफना बायतीमो के ददरो तक नही ऩहुॉिा जा सकता। ·दहॊदी शताजब्दमोसे यावष्डम एकता का भाध्मभ यही है। ·दहॊदी का सन्द्भान, देश का सन्द्भान है। ·हभायी स्वतॊत्रता कहाॉ है, याष्डबाषा जहाॉ है। ·दहॊदी से दहॊदसु ्तान हैं, तबी तो दहॊदी देश की शान हंै। ·जन-जन की आशा हैं दहॊदी, बायत की बाषा हैं दहॊदी। ·हात भें अऩने देश की शान, दहॊदी अऩनाकय तुभ फनो भहान। सकॊ रन कताा : श्री टी ऩणू िा रॊ याव, सहामक (वव एवॊ रेखा ववबाग) भॊडर कामारा म, याजभॊड्री 23
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