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Do Bakriyan Book

Published by Shradha Pandey, 2021-01-06 17:36:43

Description: Do Bakriyan Book

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दो बकरिय ँा श्रद्ध प ांडये

एक नाला था। नाले के दोनों ककनारों पर हरी हरी घास उगी हुई थी। वहाँा भेड़ बकररयााँ घास चरने आती थी।ंी

न ले पि एक पेड़ गिि िय । इससे न ले पि पुल-स बन िय । पुल पि से होकि कभी कोई बकिी य भेड़ आती-ज ती िहती थी।

एक ददन दो बकररयाँा दोनों तरफ से आईं। पुल बहुत छोटा था। पलु पर से के वल एक ही बकरी जा सकती थी।

दोनों सोचने लिींा- भिू ी बकिी बोली- बहन क्य किंे?

हम दोनों एक स थ तो ज नहीां प एँािे। मंै बठै ज ती हूँा, तुम ननकल ज ओ।

क ली बकिी ने कु छ सोच । वह बठै ते-बैठते बोली-पहले तुम क्यों नहींा ननकल ज ती?

भिू ी बकिी ने धीिे से प वँा क ली बकिी पि िखे औि दसू िी औि कू द िई।

उसने क ली बकिी की ओि देख । बोली- शुक्रिय ,बहन शुक्रिय ।

क ली बकिी उठते हुए बोली-बहन ममलकि चलंे तो सब ठीक हो ज त है।


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