हबीब तनवीर कारतसू 1
अगं ्रेज इस देश मंे व्यापारी का भेष धारण कर के आये थे। ककसी को कोई शक न हो इसलिए वे शरु ू-शुरू मंे व्यापार ही कर रहे थे, परन्तु उनका इरादा के वि व्यापार करने का नहीं था। व्यापार के लिए उन्होंने जजस ईस्ट-इंडिया कं पनी की स्थापना की थी, उस कं पनी ने धीरे-धीरे देश की ररयासतों पर अपना अधधकार स्थापपत करना शुरू कर ददया। उनके इरादों का जसै े ही देशवालसयों को अदं ाजा हुआ उन्होंने देश से अगं ्रेजों को बाहर ननकािने के प्रयास शरु ू कर ददए। 2
प्रस्ततु पाठ में भी एक ऐसे ही अपनी जान पर खेि जाने वािे शूरवीर के कारनामों का वणनण ककया गया है। जजसका के वि एक ही िक्ष्य था -अगं ्रेजों को देश से बाहर ननकािना। कं पनी के हुक्म चिाने वािों की उसने नींद हराम कर राखी थी। वह इतना ननिर था कक मसु ीबत को खदु बुिावा देते हुए न लसर्ण कं पनी के अर्सरों के बीच पहुँचा बजकक उनके कनिण पर ऐसा रौब ददखाया कक कनिण के मुँह से भी उसकी तारीफ़ मंे ऐसे शब्द ननकिे जसै े ककसी दशु ्मन के लिए नहीं ननकि सकते। 3
पात्र:- 1- कनिण , 2-िेफ़्टीनेंट, 3-लसपाही 4-सवार [वजीर]। स्थान – गोरखपरु का जंगि समय- रात्रत्र 4
गोरखपरु के जगं ि मंे कनिण कलिजं के खेमे का अदं रूनी दहस्सा 5
हफ्तों हो गए खेमा िािे हुए। लसपाही तगं आ गए हंै। ये आदमी है या भूत ? 6
उसको देख कर उन्हें रॉत्रबनहुि की याद आ जाता है। रात्रबनहुि जो सरकार का दशु ्मन था और उनका खजाना िूटकर गरीबों मंे बाँुट देता था 7
ये सआदत अिी कौन है ? कनिण और िेजफ्टनेंट जगं ि में खेमा िािे आपस मंे वजीर अिी के बारे में बात करते हैं 8
िखनऊ के नवाब आलसर्द्दौिा उनका भाई और वजीर अिी का चाचा सआदत आिी आलसर्ऊददिु ा का बेटा और सआदत आिी का भतीजा 9
कनिण िेजफ्टनेंट को सआदत अिी यानन वजीर अिी के चाचा के बारे मंे बताता है 10
सआदत अिी यानन वजीर अिी के चाचा ऐश पसदं इंसान है उसने अवध के लसहं ासन पर बने रहने के लिए अगं ्रेजो को अपनी आधी दौित और दस िाख रूपए ददए थ।े 11
आलसर्द्दौिा के यहाुँ िड़के की कोई उम्मीद नहीं थी इसलिए उसने अपने भाई को नवाब घोपषत कर ददया 12
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तभी तो परू ी र्ौज लिए उसका पीछा कर रहा हूँु और वह बरसों से हमारी आखँु ों मंे धिू झोंक रहा है । 16
ये वकीि की हत्या का क्या मामिा है ? 17
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वहाँु पहुँच कर उसकी योजना है कक वह दहन्दसु ्तान पर अर्गाननस्तान के हमिे का इंतजार करेगा, 21
अपनी ताकत को बढाएगा, सआदत अिी को लसहं ांसन से हटाकर खुद अवध पर कब्जा करेगा और अगं ्रेजों को दहन्दसु ्तान से ननकािेगा। 22
दरू धिू उड़ती लसपादहयों से कह ददखाई दे दो तैयार रहें रही है 23
धिू तो ऐसे उड़ रही है मानो काकफ़िा चिा आ रहा हो 24
सिपाहियों िे किो कक िवार पर नज़र रखंे 25
वज़ीर अली का भेज दो कोई आदमी िोगा उिे िमिे समलकर उिे गगरफ्तार करवाना चािता िोगा 26
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कं पनी का हुक्म यहाुँ पर खेमा वजीर अिी की है कक वजीर क्यों िाि रखा धगरफ़्तारी अिी को है ? बहुत मजु श्कि धगरफ्तार ककया है क्योंकक वह जाबँु ाज लसपाही जाए है 28
तुम्हें क्या चंद कारतूस चादहए ? वजीर अिी को ककसलिए धगरफ्तार करने के लिए 29
ये िो 10 वजीर अिी। आपने कारतसू कारतूस ददए इसलिए आपकी जान बख्शी तुम्हारा नाम? करता हूुँ । 30
एक जाुँबाज कौन था ? लसपाही 31
द्वारा – श्रद्धा पांिये 32
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