एक जगह से दसू री जगह चिट्ठियााँ कौन पहाँिाता है ? डाककया कोररयर वाला आजकल संदेश पहँािाने के कौन- कौन से साधन है ? फोन द्वारा इंटरनेट द्वारा डाक द्वारा SHRADHA PANDEY कोररयर द्वारा 06-07-2020 1
भगवान के डाककए रामधारी ससहं ठदनकर पक्षी और बादल 06-07-2020 2 ये भगवान के डाककए हंै, जो एक महादेश से दसू रे महादेश को जाते हंै। हम तो समझ नहीं पाते हंै मगर उनकी लाई चिट्ठियाँा पेड, पौधे, पानी और पहाड़ बािँा ते हैं। SHRADHA PANDEY
कवव ने ककसे भगवान का डाककया माना है ? पक्षी और बादल SHRADHA PANDEY 06-07-2020 3
भगवान ने धरती को एक बनाया था। हमने उसको टकड़ों में बााँटा कफर ये मेरी सीमा रेखा है, ये तरे ी-कह कर खद भी बँाट गए पर पक्षी और बादल हमारी तरह स्वाथी नहीं हैं। SHRADHA PANDEY 06-07-2020 4
पक्षी और बादल को भगवान के डाककए क्यों कहा है ? क्योंकक पक्षी और बादल देश की सीमाओं के बंधन को नहीं मानते और वे एक महादेश से दसू रे महादेश सदं ेश लेकर आत-े जाते हैं। और उनका लाया सदं ेश पेड़, पौधे, पहाड़ और पानी पढ़ कर समझSHRADHA PANDEY जाते हंै तथा उसी के अनसार व्यवहार करते हैं।06-07-2020 5
लेखक को ककस बात का दख है ? लेखक को यह दख है कक उनके द्वारा लाए सदं ेश को हम समझ नहीं SHRADHA PANDEY पात।े हम क्यों नही समझ पाते और पेड़ पौधे पहाड़ कै से समझ लेते हंै ? क्योंकक हम प्रकृ तत से दरू रह कर सवं ेदन हीन होते जा रहे हंै और पेड़ पौधे प्रकृ तत के नज़दीक रहने के कारण सवं ेदनशील हैं इससलए वे प्रकृ तत06-07-2020 के सदं ेश6 को समझ लेते हंै।
हम तो के वल यह आँाकते हंै कक एक देश की धरती दसू रे देश को सगंध भेजती है। और वह सौरभ हवा मंे तैरते हए पक्षक्षयों की पााँखों पर ततरता है। और एक देश का भाप दसू रे देश मंे पानी बनकर चगरता है। SHRADHA PANDEY 06-07-2020 7
यह ककसका चित्र है ? हम मनष्यों न।े धरती को टकड़ों मंे ककसने बााँटा ? SHRADHA PANDEY 06-07- 8 2020
आाँकने का क्या अथथ है ? SHRADHA PANDEY 06-07-2020 9
हम क्या आकँा ते हंै ? कहीं हमारे देश की समट्टी की सगधं पक्षक्षयों के पंखों पर चिपककर दसू रे देश तो नहीं जा रही है ? SHRADHA PANDEY 06-07-2020 10
और ? और हम यह भी सोि-सोि कर परेशान होते रहते हैं कक हमारे देश की जमीन के भाप से बना बादल कही दसू रे देश मंे जाकर बरस तो नहीं रहा है ? SHRADHA PANDEY 06-07-2020 11
इस कववता द्वारा कवव क्या समझाना िाहते हैं ? पक्षी और बादल प्रकृ तत के करीब हंै। हम मनष्य प्रकृ तत से दरू होते जा रहे पक्षी और बादल प्रकृ तत के करीब होने के हंै। कारण उनके द्वारा लाए संदेश को समझ हम मनष्य प्रकृ तत से दरू होने के कारण जाते हैं। उनके सदं ेश को नहीं पात।े पक्षी और बादल देशों की सीमाओं के बधं न को नहीं मानत।े हमने भगवान की बनाई धरती को पहले पक्षी और बादल एक देश से दसू रे देश सीमाओं मंे बाँाटा उसके बाद अपना क्या तक प्यार का संदेश फे लाते हंै। और पराया क्या-इसी मंे उलझे रहते हैं। पक्षी सबसे प्यार करते हंै। ? हम मनष्य बस यही आँाकते रहते है कक SHRADHA PANDEY कहीं हमारे देश का सगधं दसू रे देश न िला जाए और हमारी समट्टी में बना बादल दसू रे देश06-07-2020 मंे न 12बरस जाए।
SHRADHA PANDEY 06-07-2020 द्वारा श्रद्धा पाडं े 13
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