उस दन ापारी ने लड़के को ड ले के स तयै ार करने क इजाज़त दे द । हर कसी का सपना एक ही तरह से साकार नह हो सकता। *** दो और महीने इसी तरह बीत गए, और उस ड ले शे फ़ क वजह से टल क कान म ब त-से ाहक आए। लड़के ने हसाब लगाया क अगर वह छह महीने और इसी तरह काम करता रहा, तो वह पने वापस लौटकर साठ भड़े तो ख़रीद ही लगे ा, साठ और भी भेड़ ख़रीद लगे ा। साल भर से भी कम के समय म वह अपनी भेड़ क सं या गनु ी कर लगे ा, और वह अरब के साथ कारोबार कर सके गा, य क अब वह उनक अजीबो-ग़रीब ज़बान बोल सकता था। बाज़ार क उस सुबह के बाद से उसने दोबारा यू रम और थु मम का इ तेमाल नह कया था, य क म अब उसके लए उतना ही र का सपना था जतना उस कानदार के लए म का था। ख़रै , लड़का अब अपने काम से ख़ुश रहने लगा था और सारे समय उस दन के बारे म सोचता रहता था जब वह एक वजेता के प म टे रफ़ा म जहाज़ से उतरेगा। “तु ह हमेशा यह मालमू होना चा हए क तमु या चाहते हो,” बूढ़े राजा ने कहा था। लड़का जानता था, और अब उसी दशा म काम कर रहा था। मुम कन ह,ै उसका एक अजनबी मु क म जा प ँचना, एक चोर से टकराना, और और एक धेला ख़च कये बना अपनी भड़े क सं या को गुना कर लेना ही उसका ख़ज़ाना हो। उसे ख़ुद पर गव था। उसने कु छ मह वपूण बात सीखी थ , जसै े क टल से कस तरह बरतना चा हए, और बना श द क ज़बान… और भ व य-सचू क संके त के बारे म। एक दन दोपहर बाद उसने पहाड़ी क चोट पर चढ़कर आए एक आदमी को देखा था, जो शकायत कर रहा था क इतना चढ़ने के बाद भी उसको कोई ऐसी ठ क-ठाक जगह मलना नाममु कन लग रहा था, जहाँ उसे कु छ पीने को मल सकता। लड़का भ व य-सूचक सकं े त को पहचानने का अ य त हो चकु ा था, इस लए उसने कानदार से बात क । “ य न हम उन लोग को चाय बचे ा कर, जो पहाड़ी चढ़कर आते ह?” “यहाँ ढेर लोग ह जो चाय बचे ते ह,” कानदार ने कहा। “ले कन हम टल के गलास म चाय बचे सकते ह। लोग चाय का आन द लगे और गलास भी ख़रीदना चाहगे। मने सुना है क ख़ूबसूरती इसं ान को लभु ाने वाली सबसे बड़ी चीज़ है।” कानदार ने कोई जवाब नह दया, ले कन उस शाम नमाज़ पढ़ने और कान ब द करने के बाद उसने लड़के को अपने साथ का पीने का यौता दया। यह एक व च क़ म का पाइप था, जो अरब लोग पया करते थ।े
“तमु चाहते या हो?” बूढ़े कानदार ने पूछा। “म आपको पहले ही बता चकु ा ँ। मुझे अपनी भेड़ वापस ख़रीदनी ह, और इसके लए मझु े पैसा कमाना ज़ री ह।ै ” कानदार ने के म कु छ और अगं ारे डाले और एक गहरा कश लया। “मेरी इस कान को तीस साल हो चुके ह। मझु े अ छे और बरु े टल क परख है, और टल के बारे म जानने लायक़ हर चीज़ जानता ँ। म इसके पहलु से और इसके काम करने के ढंग से वा कफ़ ँ। अगर हम टल म चाय देना शु कर दगे तो कान फै लेगी। और मुझे अपनी ज़ दगी का ढरा बदलना पड़ेगा।” “हाँ, तो या यह अ छा नह ह?ै ” “मझु े तो जैसा चल रहा है उसक आदत पड़ चुक ह।ै तु हारे आने से पहले म सोचता था क मने एक ही जगह पर बने रहते ए कतना व त बरबाद कर दया है, जब क मरे े साथी नए-नए काम म लग गए, और या तो वे दवा लया हो गए या पहले से बेहतर हालत म आ गए। यह सोचकर म ब त मायसू हो जाया करता था। अब म समझ सकता ँ क यह ब त बुरा नह रहा। मरे ी कान ठ क उतनी ही बड़ी है जतनी म चाहता था। म कु छ भी बदलना नह चाहता, य क म नह जानता क कसी तरह के बदलाव से म कै से नपटँूगा। म जसै ा ँ, उसक मझु े आदत पड़ चुक है।” लड़के को समझ म नह आ रहा था क वह या कह।े बु े ने अपनी बात जारी रखी, “तमु मरे े लए एक स ची नेमत सा बत ए हो। आज म ऐसा कु छ समझने लगा ँ जो म पहले नह जानता था : अगर तमु कसी नमे त को नज़रअ दाज़ करते हो तो वह एक ब आ बन जाती ह।ै अब म ज़ दगी म और कु छ नह चाहता। तमु मझु े ऐसी दौलत और मज़ं र क ओर देखने को मज़ बूर कर रहे हो, जनको मने कभी नह देखा। अब जब क मने उ ह देख लया है, म उससे बदतर महससू क ँ गा जसै ा तु हारे आने से पहले करता था, य क अब म जानता ँ क म या हा सल करने के क़ा बल ँ और तब भी उसे हा सल नह करना चाह रहा ँ।” अ छा ही आ क टे रफ़ा म मने उस बके री वाले से कु छ नह कहा, लड़के ने मन-ही- मन सोचा। वे उसी तरह कु छ देर का गड़ु गुड़ाते रहे और उधर सरू ज ढलने लगा। वे अरबी म ब तया रहे थ,े और लड़का इससे फ़ महसूस कर रहा था। एक ऐसा भी व त रहा था जब वह सोचता था क उसक भड़े ही उसे नया क सारी जानने लायक़ चीज़ सखा सकती ह, ले कन वे उसको अरबी तो कभी न सखा पात । शायद नया क कई और भी ऐसी चीज़ ह जो मुझे भड़े नह सखा सकत , लड़के ने उस बूढ़े कानदार को यान म लाते ए सोचा। सच तो यह है क वे सफ़ चारे और पानी क
तलाश ही करती रहती ह। और मुम कन है क वे मुझे कु छ भी न सखाती रही ह , ब क म ही उनसे सीखता रहा होऊँ । “म ू ब,” अ त म ापारी ने कहा। “इसका या मतलब होता ह?ै ” “यह समझने के लए तु ह एक अरब के प म पैदा होना ज़ री था,” उसने जवाब दया। “ले कन तु हारी ज़बान म इसका मतलब कु छ इस तरह होगा क ‘यह पहले से लखा आ है’।” का के अंगार को राख से ढँकते ए उसने लड़के से कहा क तमु टल के गलास म चाय बचे ना शु कर सकते हो। कभी-कभी द रया के सैलाब को रोकने का कोई तरीक़ा नह होता। *** लोग पहाड़ी पर चढ़ते थे और ऊपर प ँचने पर थक जाते थ,े ले कन उ ह वहाँ एक टल क कान दखती जो ताज़गी से भर देने वाली पदु ने वाली चाय बेचती थी। वे वहाँ वह चाय पीने जाते, जो ख़ूबसरू त टल के गलास म पेश क जाती थी। “मेरी बीवी के दमाग़ म यह बात कभी नह आयी,” एक आदमी ने कहा, और उसने टल के कु छ बतन ख़रीदे। उस रात वह कु छ महे मान को दावत देने वाला था, और उसने सोचा क उसके महे मान काचँ के उन बतन से भा वत ह गे। सरे आदमी ने कहा क चाय जब टल के गलास म पशे क जाती ह,ै तो वह हमशे ा ज़ायक़े दार होती है, य क उन गलास म उसक महक क़ायम रहती ह।ै तीसरे ने कहा, परू ब म तो टल के गलास म चाय देने का रवाज़ ह,ै य क उसम त ल मी ताक़त होती है। ज द ही यह ख़बर फै ल गयी और लोग उस कान को देखने पहाड़ी चढ़ने लगे जो इतनी पुरानी होती ई भी कारोबार के े म नया कु छ कर रही थी। सरी कान भी खुल गय , जो टल के गलास म चाय देती थ , ले कन वे पहाड़ी क चोट पर नह थ , और उनका ध धा ब त कम चलता था। आ ख़रकार, ापारी को दो और कमचा रय को काम पर रखना पड़ा। उसने टल के बतन के साथ-साथ बड़ी तादाद म चाय मगँ ानी शु कर द , और नयपे न क चाह से भरे मद और औरत उसक कान खोजते ए आने लग।े और इस तरह महीन गज़ु र गए। ***
लड़का पौ फटने से पहले ही उठ गया। अ क महा प म क़दम रखे ए उसको पूरे यारह महीने और नौ दन हो चकु े थ।े उसने सफ़े द लनन क अरबी शलै ी क पोशाक पहनी, जो उसने ख़ास इसी दन के लए ख़रीद थी। सर ढँकने के कपड़े को ऊँ ट क खाल से बने छ ले म कस लया। अपनी नयी जू तयाँ पहनकर वह ह के क़दम से सी ढ़याँ उतरने लगा। शहर अभी भी सोया आ था। उसने अपने लए एक सै ड वच तयै ार कया और टल के एक गलास म थोड़ी-सी गरम चाय पी। इसके बाद वह दरवाज़े पर आकर धपू म बठै गया और का पीने लगा। वह धीर-े धीरे का गुड़गड़ु ा रहा था, क़तई कु छ भी न सोचते ए, और उस हवा क आवाज़ को सनु ते ए जो रे ग तान क महक लेकर आ रही थी। जब वह का पी चुका, तो उसने अपनी एक जेब म हाथ डाला और कु छ देर वह बैठा उस चीज़ को देखता रहा जो उसने जेब से नकाली थी। वह नोट क एक ग ी थी। यह पसै ा इतना पया त था क वह एक सौ बीस भेड़ और वापसी का टकट ख़रीद सकता था, और अपने मु क के लए अ का से सामान मगँ ाने का लाइसस हा सल कर सकता था। वह कानदार के जागने और कान खोलने का धीरज-से इ तज़ार करता रहा। उसके बाद वे दोन चाय पीने लग।े “आज म नकल रहा ँ,” लड़के ने कहा। “मरे े पास भेड़ ख़रीदने के लए पसै ा है। और आपके पास म का जाने के लए पसै ा है।” बु े ने कु छ नह कहा। “ या आप मुझे आशीवाद दगे?” लड़के ने पछू ा। “आपने मरे ी मदद क है।” आदमी, चुपचाप अपनी चाय बनाता रहा। फर वह लड़के क ओर मुड़ा। “मुझे तुम पर नाज़ ह,ै ” उसने कहा। “तमु ने मेरी टल क कान को एक नए अहसास से भर दया है, ले कन तुम जानते हो क म म का जाने वाला नह ।ँ वैसे ही जैसे क तमु जानते हो क तुम भड़े ख़रीदने वाले नह हो।” “यह आपसे कसने कहा?” लड़के ने च कते ए पछू ा। “म ु ब,” टल के बु े कानदार ने कहा। और उसने लड़के को आशीवाद दया। *** लड़के ने अपने कमरे म जाकर अपना सामान बाधँ ा। सामान से तीन बोरे भर गए थ।े नकलते समय उसने कमरे के एक कोने म अपना गड़ रया वाला थैला देखा। वह बँधा पड़ा
था, और उसने उसके बारे म अरसे से सोचा ही नह था। उसने थैले से अपनी जैके ट नकालते ए मन-ही-मन सोचा क वह उसे रा ते म कसी को दान कर देगा, तभी उसम से वे र न नकलकर फ़श पर गरे। यू रम और थु मम। उ ह देखकर लड़का बूढ़े राजा के बारे म सोचने लगा, और इस अहसास से उसे हरै त ई क उसे उस राजा के बारे म सोचे ए कतना ल बा अरसा गुज़र गया है। लगभग एक साल से लगातार काम करते ए वह सफ़ कु छ पसै ा जमा करने के बारे म ही सोचता रहा था, ता क वह फ़ के साथ पेन वापस लौट सके । “ वाब देखना कभी ब द मत करना,” बढ़ू े राजा ने कहा था। “भ व य-सूचक संके त के मतु ा बक़ चलते रहो।” लड़के ने यू रम और थु मम उठाए, और, एक बार फर उसे यह अजीब-सा अहसास आ क वह बढ़ू ा राजा पास म ही कह है। उसने साल भर तक कड़ी महे नत क थी, और भ व य-सूचक सकं े त यही कह रहे थे क अब जाने का व त आ गया ह।ै अब म फर से वही करने जा रहा ँ, जो म पहले कया करता था, लड़के ने सोचा। भले ही भड़े ने मझु े अरबी बोलना नह सखाया। ले कन भड़े ने उसे इससे कह य़ादा मह वपणू कोई चीज़ सखायी थी; वह यह थी क नया म एक ऐसी ज़बान ह,ै जो हर कोई समझता ह,ै वह ज़बान जसका इ तेमाल लड़के ने उस सारे व त म कया था जब वह कान क हालत सधु ारने क को शश कर रहा था। यह ज़बान थी जोशो-खरोश क , ेम और यये के साथ चीज़ को अमल म लाने क , और कसी ऐसी चीज़ क खोज का ह सा थी जसम वह व ास करता था और जसक आकां ा करता था। ट ज़यर अब अजनबी शहर नह रह गया था, और उसने महसूस कया क जस तरह उसने इस जगह को जीत लया ह,ै उसी तरह वह नया को जीत लगे ा। “जब तमु कु छ पाना चाहते हो, तो सारा संसार उस चीज़ को हा सल करने म एकजटु होकर तु हारी मदद क योजना बनाने लगता ह,ै ” बढ़ू े राजा ने कहा था। ले कन बढ़ू े राजा ने चोरी का शकार होने के बारे म कु छ नह कहा था, या अ तहीन रे ग तान के बारे म, और न ही ऐसे लोग के बारे म जो अपने वाब के बारे म तो जानते ह ले कन जो उन वाब को परू ा नह करना चाहते। बूढ़े राजा ने उसे यह नह बताया था क परा मड महज़ प थर का एक ढेर ह, या यह क ऐसा एक परा मड कोई भी अपने घर के पछवाड़े खड़ा कर सकता है। और वह इस बात का ज़ करना भी भूल गया था क जब तु हारे पास इतना पसै ा हो जाए क तमु उससे य़ादा भेड़ ख़रीद सकते हो जतनी वे तु हारे पास अभी ह, तो तु ह उनको ख़रीद लेना चा हए। लड़के ने अपना थलै ा उठाया और उसे भी अपनी सरी चीज़ के साथ रख लया। वह नीचे गया और उसने देखा क कानदार एक वदेशी द प त को सामान बेच रहा था, और दो
ाहक कान म आकर टल के गलास म चाय पी रहे थ।े सुबह के इस व त ऐसी गहमागहमी देखने म नह आती थी। जहाँ वह खड़ा था, वहाँ से उसने पहली बार देखा क उस बढ़ू े कानदार के बाल बूढ़े राजा के बाल से काफ़ कु छ मलत-े जलु ते थ।े उसे उस कडी व े ता क मु कराहट भी याद आयी, जब ट ज़यर म उसका पहला दन था, और जब उसके पास न तो खाने को कु छ था और न जाने के लए कोई ठकाना था - वह मु कराहट भी बढ़ू े राजा क मु कराहट जसै ी ही थी। ये तो कु छ ऐसा है मानो वह राजा कभी यहाँ रहा हो और अपनी नशा नयाँ छोड़ गया हो, उसने सोचा। और तब भी इनम से कोई भी कभी उस बूढ़े राजा से नह मला। सरी तरफ़ यह भी था क उसका कहना था क वह हमशे ा ऐसे लोग क मदद करने को कट हो जाता है जो अपनी नय त को पाना चाहते ह। वह टल के कानदार को अल वदा कये बना ही चला गया। वह वहाँ मौजदू सरे लोग के सामने रोना नह चाहता था। उसे इस जगह क और यहाँ रहकर सीखी गयी तमाम चीज़ क ब त याद सताने वाली थी। हालाँ क, उसम पहले से य़ादा आ म व ास था और उसे लग रहा था क वह नया को फ़तह कर सकता है। “ले कन म तो अपनी भड़े को पालने उ ह मदै ान म वापस जा रहा ँ जनको म जानता ँ,” उसने न य के साथ मन-ही-मन कहा, ले कन अब वह अपने इस फ़ै सले से ख़शु नह था। उसने एक सपना पूरा करने क ख़ा तर परू े साल भर काम कया था, और वह सपना, मनट-दर- मनट, कम मह वपूण होता जा रहा था। हो सकता है वह सपना वाक़ई उसका रहा ही न हो। कौन जाने… टल के कानदार जैसा होना ही शायद बहे तर हो : कभी म का नह जाना, और उसक चाह म पूरा जीवन बता देना, उसने एक बार फर ख़ुद को व ास दलाने क को शश करते ए सोचा, ले कन उसने जैसे ही यू रम और थु मम को अपने हाथ म लया, वैसे ही उन र न ने उसके भीतर बढ़ू े राजा क साम य और इ छा-श का सचं ार कर दया। सयं ोग से - या हो सकता है यह कोई भ व य-सूचक संके त हो, लड़के ने सोचा - वह उसी कै फ़े म जा प चँ ा जसम उसने पहले दन क़दम रखे थ।े वह चोर वहाँ नह था, और कै फ़े के मा लक ने उसे एक कप चाय लाकर द । म गड़ रया बनने के लए कभी भी वापस जा सकता ँ, लड़के ने सोचा। मने भेड़ को पालना सीखा था, और म भलू ा नह ँ क यह कै से कया जाता ह,ै ले कन ममु कन है क मुझे म के परा मड पर जाने का सरा मौक़ा फर कभी न मले। उस बढ़ू े ने सोने का कवच पहन रखा था और वह मरे े अतीत के बारे म जानता था। वह वाक़ई एक राजा था, एक रदश राजा। एडं ालू सया क पहा ड़याँ सफ़ दो घ टे क री पर थ , जब क उसके और परा मड
के बीच एक समचू ा रे ग तान फै ला आ था। ले कन लड़के को लगा क अपनी थ त को देखने का एक सरा ढंग भी है : वह अपने ख़ज़ाने से दो घ टे क़रीब भी तो है… इससे या फ़क पड़ता था क वे दो घ टे एक पूरे साल म फै ल चुके थ।े “म जानता ँ क म अपनी भड़े के झु ड के पास वापस य जाना चाहता ,ँ ” उसने सोचा। “म भड़े को समझता ;ँ वे अब कोई सम या नह ह, और वे अ छ दो त हो सकती ह। सरी तरफ़, म नह जानता क रे ग तान दो ताना हो सकता है, और मुझे अपने ख़ज़ाने क खोज उसी रे ग तान म करनी होगी। अगर वह मुझे नह मला, तो भी म अपने घर तो कभी भी वापस जा सकता ।ँ आ ख़रकार मेरे पास काफ़ पसै ा ह,ै और जतना समय ज़ री है उतना समय भी ह।ै तब फर य न जाया जाए?” सहसा उसे अपार ख़शु ी का अहसास आ। वह जब चाहे फर से गड़ रया बन सकता ह,ै जब चाहे फर से टल से समैन बन सकता है। हो सकता है, नया म और भी छपे ए ख़ज़ाने ह , ले कन उसने एक वाब देखा था, और उसक मलु ाक़ात एक राजा से हो चकु थी। ऐसा हर कसी के साथ तो नह होता! कै फ़े से नकलते ए वह मन-ही-मन योजना बना रहा था। उसे याद आया क टल के कानदार को माल प ँचाने वाला एक उन कारवा क माफ़त टल लाया करता था, जो रे ग तान को पार कर आते थे। उसने यू रम और थु मम को अपनी मु म जकड़ लया; इ ह दो र न क वजह से वह एक बार फर से अपने ख़ज़ाने क राह पर था। “जब भी कोई अपनी नय त को हा सल करना चाहता है, तो म हमशे ा क़रीब होता ,ँ ” बूढ़े राजा ने कहा था। माल आपू त करने वाले के गोदाम तक जाने और यह पता लगाने म कतना ख़च आएगा क या परा मड वा तव म इतने र ह? *** वह अँ ेज़ एक ऐसी इमारत म एक बच पर बैठा आ था जसम जानवर , पसीने और धलू क ग ध भरी ई थी; वह कु छ-कु छ एक मालगोदाम था, कु छ-कु छ अ तबल। “मने कभी सोचा भी नह था क एक दन म ऐसी जगह पर आ प ँचगँू ा,” उसने रसायन शा क प का के प े पलटते ए सोचा। दस साल यू नव सट म बताने के बाद आज म यहाँ ,ँ एक अ तबल म। ले कन मझु े चलते रहना होगा। वह भ व य-सचू क सकं े त म व ास करता था। उसके परू े जीवन और पढ़ाई- लखाई का एक ही उ े य रहा था, और वह था ससं ार क एक स ची भाषा को पाना। पहले उसने ए परा तो भाषा का अ ययन कया, फर नया के मज़हब का अ ययन कया, और अब यह क मया गरी थी, जो वह सीख रहा था। वह ए परा तो
बोलना जानता था, उसे सारे बड़े मज़हब क अ छ समझ थी, ले कन वह अभी तक क मयागर नह बन पाया था। उसने मह वपूण सवाल के पीछे न हत स य को उजागर कर लया था, ले कन उसका सारा अ ययन उसे एक ऐसे मक़ाम पर ले गया था, जहाँ से आगे जाना ममु कन नह लग रहा था। उसने एक क मयागर से र ता क़ायम करने क न फल को शश करके देख ली थी। ले कन क मयागर व च क़ म के लोग आ करते थ,े जो सफ़ अपने ही बारे म सोचते थ,े और लगभग हमेशा ही उसक मदद करने से इकं ार करते रहे थ।े कौन जान,े वे उस महानतम रह य को - उस पारस प थर के रह य को - सलु झा पाने म नाकामयाब रहे ह , और इसी वजह से अपना ान अपने तक ही सी मत रखते ह । उसके पता जो भी स प उसके लए छोड़ गए थ,े उसका य़ादातर ह सा वह पारस- प थर क खोज क नाकामयाब को शश म गवँ ा चुका था। उसने नया के महानतम पु तकालय म अपार समय ख़च कया था, और क मया गरी के तमाम लभतम और सबसे य़ादा मह वपूण थ ख़रीद डाले थ।े एक थ म उसने पढ़ा था क ब त साल पहले एक स अरब क मयागर ने यूरोप क या ा क थी। कहा जाता है क उसक उ दो सौ साल से भी य़ादा थी, और उसने पारस प थर और अमतृ का पता लगा लया था। अँ ज़े इस क़ से को पढ़कर ब त भा वत आ था। ले कन अगर उसके एक दो त - जो रे ग तान के परु ाता वक अ भयान से लौटा था - ने उसे उस एक अरब के बारे म न बताया होता जसम असाधारण श याँ थ , तो इसे उसने एक मथक से य़ादा मह व न दया होता। “वह अल-फ़ यमू नामक नख़ ल तान (ओए सस) म रहता है,” उसके दो त ने कहा था। “और लोग बताते ह क वह दो सौ साल का ह,ै और वह कसी भी धातु को सोने म बदल सकता ह।ै ” अँ ज़े अपनी उ ेजना पर क़ाबू नह पा सका। उसने अपने सारे काय म र कर दए, और अपनी सबसे मह वपूण पु तक नकाली, और अब वह एक धूल-भर,े बदबूदार अ तबल म बठै ा था। बाहर एक वशाल कारवाँ सहारा को पार करने क तैयारी म लगा आ था, और वह कारवाँ अल-फ़ यमू से होकर गज़ु रने वाला था। म उस नगोड़े क मयागर को ढूँढ नकालँूगा, अँ ज़े ने सोचा। और जानवर क ग ध उसे कु छ और सहने लायक़ लगने लगी। एक नौजवान अरब अपना असबाब लादे कमरे म द ख़ल आ, और उसने अँ ज़े को सलाम कया। “आप कहाँ जाने क तयै ारी म ह?” नौजवान अरब ने पछू ा। “म रे ग तान म जा रहा ँ,” आदमी ने जवाब दया और फर से अपनी पु तक क ओर मड़ु गया। फ़लहाल वह कसी बातचीत के मूड म नह था। वह तो अभी सफ़ उस सब कु छ
क समी ा करना चाहता था जो उसने वष के दौरान सीखा था, य क वह जानता था क क मयागर न य ही उसक परी ा लगे ा। नौजवान अरब ने एक पु तक उठायी और उसे पढ़ने लगा। वह पु तक पे नश भाषा म लखी गयी थी। यह अ छा है, अँ ेज़ ने सोचा। वह अरबी क तलु ना म पहानी य़ादा अ छे से बोल पाता था, और, अगर यह लड़का भी अल-फ़ यमू जा रहा ह,ै तो कोई तो होगा, जससे वह ख़ाली समय म बातचीत कर सके गा। *** “यह अजीब ह,ै ” लड़के ने कहा, वह एक बार फर दफ़नाए जाने के उस य के बारे म पढ़ रहा था, जससे वह पु तक शु होती थी। “म पछले दो साल से इस पु तक को पढ़ने क को शश कर रहा ,ँ और म कभी इन थोड़े-से प से आगे नह बढ़ सका।” इस व त तो वह राजा भी नह था जसने उसके पढ़ने म बाधा डाली थी, तब भी वह उस पर एका नह हो पा रहा था। जो फ़ै सला उसने लया था, उसको लके र उसके मन म अभी भी सशं य बना आ था, ले कन उसके एक बात समझ म आ पा रही थी : फ़ै सला लेना सफ़ एक शु आत भर होती है। जब कोई फ़ै सला लते ा ह,ै जो वह एक ऐसे ज़बरद त सैलाब म छलागं रहा होता है, जो उसको ऐसी-ऐसी जगह पर ले जाने वाला होता है, जनक उसने फ़ै सला लेते व त क पना भी नह क होती है। जब मने अपने ख़ज़ाने को ढँूढ नकालने का फ़ै सला कया था, तो मने क पना भी नह क थी क म एक टल क कान म काम करने लग जाऊँ गा, उसने सोचा। और इस कारवाँ म शा मल होना भले ही मेरा फ़ै सला हो, ले कन यह कहाँ जाता ह,ै यह मरे े लए एक रह य ही बनने वाला है। पास म वह अँ ज़े था, जो पु तक पढ़ रहा था। वह मलनसार नह लगता था, और उसके कमरे म आने पर उसके चहे रे पर चढ़ नज़र आ रही थी। उनम शायद दो ती हो सकती थी, ले कन अँ ज़े ने तो बातचीत ही ब द कर द थी। लड़के ने अपनी पु तक ब द कर द । उसे लगा क उसे ऐसा कु छ भी नह करना चा हए जससे वह उस अँ ज़े जसै ा दखायी दे। उसने अपनी जेब से यू रम और थु मम नकाले और उनके साथ खेलने लगा। वह अजनबी चीख़ उठा, “यू रम और थु मम!” लड़के ने एक झटके -से उनको अपनी जबे म रख लया। “ये बचे ने के लए नह ह,” उसने कहा। “उनक कोई ख़ास क़ मत भी नह है,” अँ ेज़ ने कहा। “वे मा फ टक प थर ह, और
धारती पर ऐसे लाख फ टक प थर ह। ले कन इस तरह क चीज़ क जानकारी रखने वाला जानता है क ये यू रम और थु मम ह। मझु े नह मालमू था क ये यहाँ के लोग के पास भी होते ह।” “ये मझु े एक राजा ने तोहफ़े के तौर पर दए थ,े ” लड़के ने कहा। अजनबी ने जवाब नह दया; इसक बजाय उसने अपनी जबे म हाथ डालकर उसी तरह के दो र न नकाले जैसे लड़के के पास थ।े “तुमने या कहा, राजा?” उसने पछू ा। “मेरा ख़याल है आपको इस पर व ास नह होगा क कोई राजा मरे े जसै े से, मरे े जैसे गड़ रये से, बात करेगा,” उसने बातचीत को ख़ म करने के इरादे से कहा। “ऐसा क़तई नह है। वे गड़ रये ही थ,े ज ह ने सबसे पहले उस राजा को मा यता द थी जसको परू ी नया पहचानने से इकं ार करती रही थी। इस लए इसम आ य क बात नह है क राजा गड़ रय से बात कर।” और वह बोलता रहा, हालाँ क उसे लगातार यह आशंका बनी ई थी क लड़का उसक बात समझ पाएगा या नह । “यह बाइबल म लखा आ है। वही पु तक जसने मझु े यू रम और थु मम के बारे म सखाया। ये र न उस भ व यवाणी के एकमा प ह, जसक इजाज़त परमे र ने द ह।ै पादरी इ ह अपने सोने के कवच म रखते ह।” लड़के को उस माल-गोदाम म होने को लके र सहसा ख़शु ी का अहसास आ। “हो सकता है यह कोई भ व य-सचू क सकं े त हो,” अँ ज़े ने धीमे वर म कहा। “भ व य-सचू क सकं े त के बारे म आपको कसने बताया था?” लड़के क दलच पी हर पल बढ़ती ही जा रही थी। “जीवन क हर चीज़ एक भ व य-सूचक सकं े त ह,ै ” अँ ज़े ने उस प का को ब द करते ए कहा, जो वह पढ़ रहा था। “एक सावभौ मक भाषा ह,ै जसे हर कोई समझता था, ले कन वह अब भलु ा द गयी है। म सरी चीज़ के साथ-साथ उसी सावभौ मक भाषा क तलाश म ।ँ इसी लए म यहाँ ँ। मुझे उस आदमी क तलाश है जो वह सावभौ मक भाषा जानता ह।ै एक क मयागर।” अचानक गोदाम के मा लक के आ जाने से बातचीत म बाधा पड़ी। “तुम लोग ख़ुश क़ मत हो, तुम दोन ,” उस मोटे अरब ने कहा। “आज ही एक कारवाँ अल-फ़ यमू के लए रवाना हो रहा ह।ै ” “ले कन म तो म जा रहा ,ँ ” लड़के ने कहा। “अल-फ़ यमू म म ही है,” अरब ने कहा। “तमु कस तरह के अरब हो?” “यह एक ख़शु क़ मती का शगनु ह,ै ” उस मोटे अरब के चले जाने के बाद अँ ेज़ ने कहा। “अगर म लख सकता, तो म मा इन दो श द , भा य और सयं ोग, के बारे म एक
वशालकाय व कोश लख डालता। यही तो वे दो श द ह जनसे सावभौ मक भाषा लखी गयी है।” उसने लड़के से कहा, “यह कोई सयं ोग नह है क तमु यू रम और थु मम लये ए मुझसे मल”े । और उसने लड़के से पछू ा, “ या तुम भी क मयागर क तलाश म नकले हो?” “म तो एक ख़ज़ाने क तलाश म ँ,” लड़के ने कहा, और यह कहते ही उसको पछतावा आ, ले कन लगा जसै े अँ ेज़ ने उसक इस बात को कोई अह मयत नह द । “एक तरह से म भी उसी क तलाश म ँ,” उसने कहा। “म तो यह तक नह जानता क क मया गरी या होती है,” लड़का कह रहा था क तभी माल-गोदाम के मा लक ने उ ह बाहर आने क पुकार लगायी। *** “म इस कारवाँ का सरदार ँ,” एक काली आँख वाले द ढ़यल आदमी ने कहा। “मरे े साथ चलने वाले हर क ज़ दगी और मौत मेरे हाथ म होती है। रे ग तान एक मनचली औरत क तरह होता है, और वह कभी-कभी मद को पागल कर देती है। वहाँ क़रीब दो सौ लोग एक थ,े और चार सौ जानवर - ऊँ ट, घोड़े, ख चर, और मगु - मु गयाँ। उस जमावड़े म औरत, ब चे, और अपने कमरब द म तलवार ख से या अपने क ध पर रायफ़ल टाँगे ब त सारे मद थ।े अँ ज़े के पास कई सटू के स थे जनम पु तक भरी ई थ । चार तरफ़ शोर मचा आ था, और सरदार को अपनी बात समझाने के लए उसे बार- बार दोहराना पड़ रहा था। “यहाँ ब त-से अलग-अलग तरह के लोग ह, और हरेक का अपना ख़दु ा है, ले कन म एक ही ख़ुदा क खदमत करता ,ँ और वह है अ लाह, और उसके नाम पर क़सम खाता ँ क म रे ग तान को फ़तह करने के लए हर ममु कन को शश क ँ गा, ले कन म चाहता ँ क आप जस कसी भी ख़दु ा म भरोसा रखते ह , उसके नाम पर क़सम खाएँ क म आपको जो भी म ँगा, आप उसको मानग।े रे ग तान म नाफ़रमानी का एक ही मतलब होता है - मौत।” भीड़ म फु सफु साहट तैर गय । हर कोई आ ह ता-आ ह ता अपन-े अपने ई र के नाम पर क़सम ले रहा था। लड़के ने ईसा मसीह के नाम पर क़सम ली। अँ ेज़ ने कु छ नह कहा। और वे फु सफु साहट उससे य़ादा देर तक जारी रह जतनी कसी सरल-सी शपथ लने े म लगती है। लोग ई र से अपनी हफ़ाज़त के लए ाथना भी कर रहे थे। बगलु क एक ल बी आवाज़ गँूजी, और हर अपन-े अपने जानवर पर सवार हो गया। लड़के और अँ ज़े ने ऊँ ट ख़रीदे थ,े और वे अ न य के भाव से उनक पीठ पर सवार
हो गए। लड़के को अँ ज़े के ऊँ ट पर दया आ रही थी, जस पर पु तक के ब से लदे ए थ।े “सयं ोग जैसी कोई चीज़ नह होती,” अँ ज़े ने बातचीत का सरा फर वह से पकड़ते ए कहा जहाँ से वह माल-गोदाम म टूट गया था। “म यहाँ इस लए ँ य क मरे े एक दो त ने एक ऐसे अरब के बारे म सुन रखा है जो…” ले कन कारवाँ चल पड़ा था, और अँ ेज़ क बात को सुन पाना असभं व हो गया था, हालाँ क, लड़का जानता था क अँ ेज़ कस चीज़ के बारे म बताना चाह रहा था : वह रह यमय शंखृ ला जसम एक चीज़ सरी चीज़ से जड़ु ी होती ह,ै वैसी ही शृखं ला जसक वजह से वह गड़ रया बना, जसक वजह से उसे बार-बार एक ही सपना आया, जो उसे अ का के एक शहर के क़रीब ले आया, जहाँ उसक मलु ाक़ात उस राजा से ई, और जसक वजह से वह ठगा गया ता क वह उस टल के कानदार से मल पाता, और… इंसान अपनी नय त को हा सल करने के जतने ही क़रीब प चँ ता जाता ह,ै उतनी ही वह नय त उस इंसान के जी वत बने रहने क स ची वजह बनती जाती ह,ै लड़के ने सोचा। कारवाँ पूरब क ओर चल पड़ा। वह सुबह के व त सफ़र करता था, जब सूरज सर पर आ जाता, तो वह पड़ाव डाल देता था, और दोपहर बीतने के बाद फर से चल पड़ता था। लड़का अँ ज़े से ब त कम बात करता था, य क अँ ेज़ य़ादातर व त अपनी पु तक म ही डूबा रहता था। लड़का ख़ामोशी के साथ रे ग तान म जानवर और लोग क आवाजाही को बारीक -से देखता रहता था। अब सब कु छ उस दन से अलग था, जस दन वे सफ़र पर नकले थे : तब अफ़रा-तफ़री और चीख़-पकु ार थी, ब च के रोने क आवाज़ और जानवर क हन हनाहट थ , और ये सब गाइड और सौदागर के प त आदेश म ग म हो रहे थ।े ले कन रे ग तान म सफ़ शा त हवा क आवाज़, और जानवर के परै क टाप सुनायी दे रही थ । यहाँ तक क गाइड भी एक- सरे से ब त कम बातचीत कर रहे थ।े “म इन रते से कई बार गुज़रा ँ,” एक ऊँ ट-सवार ने एक रात कहा था। “ले कन रे ग तान इतना वशाल है और तज इतने र ह क वे को छोटे होने का अहसास कराते ह, और मानो उसको ख़ामोश बने रहने को कहते ह। हालाँ क, लड़के ने इससे पहले कभी रे ग तान म क़दम भी नह रखा था, तब भी वह सहज ही समझ गया क वह आदमी या कहना चाह रहा था। वह जब भी कभी समु को या आग को देखता था, तो उनक ता वक श के भाव से ख़ामोश हो जाया करता था। मने भड़े से सीखा है, और मने टल से सीखा है, उसने सोचा। म रे ग तान से भी कु छ सीख सकता ँ। यह बजु ग और ानी लगता ह।ै हवा कभी नह थमती थी, और लड़के ने उस दन को याद कया जब उसने टे रफ़ा के क़ले म क़दम रखा था और अपने चहे रे पर ऐसी ही हवा को बहते ए महससू कया था।
इससे उसे अपनी भेड़ के ऊन क याद आ गयी… उसक भेड़ जो अब एडं ालू सया के मैदान म चारा-पानी तलाश रही थ , जैसा क वे हमशे ा से करती आयी थ । “अब वे मरे ी भड़े नह रह ,” उसने मन-ही-मन कहा, और यह कहते ए उसे अतीत को लेकर कोई मोह नह था। “अब तो उनको अपने नये गड़ रय क आदत पड़ चकु होगी, और शायद वे मझु े भलू भी चकु ह गी। यह अ छा ही है। भड़े क तरह के ाणी, जो सफ़र के अ य त होते ह, आगे बढ़ते रहने के बारे म अ छ तरह से जानते ह।” उसने उस ापारी क बेट के बारे म सोचा, और उसे व ास था क अब तक उसक शाद हो चकु होगी। शायद कसी बके री वाले से, या कसी गड़ रये से जो पढ़ना जानता होगा और उसको रोमाचं क क़ से सनु ा सकता होगा - आ ख़रकार, वह कोई अके ला तो वसै ा इंसान नह है। ले कन उसने उस ऊँ ट-सवार क बात को जस तरह सहज ढंग से समझ लया था, उससे वह ब त उ सा हत था : शायद वह भी उस सावभौम भाषा को सीख रहा था जो लोग के अतीत और वतमान से ता लक़ु रखती है। उसक माँ उनको ‘इलहाम’ कहा करती थी। लड़का इस बात को समझना शु कर रहा था क पूवाभास जीवन के उस सव ापी वाह म आ मा का अक मात लय हो जाना है, जसके भीतर सारे लोग के इ तहास आपस म जड़ु े ए ह, और हम सब कु छ जानने म स म ह, य क सब कु छ वहाँ लखा आ ह।ै “म ू ब,” लड़के ने टल के कानदार को याद करते ए कहा। रे ग तान म कु छ ह स म रेत-ही-रेत थी, तो कु छ ह स म च ान थ । अगर कारवाँ के रा ते म कोई वशाल च ान आ जाती थी, तो कारवाँ को उसका च कर लगाना पड़ता था; और अगर कोई बड़ा च ानी इलाक़ा आ जाता था, तो उनको ल बा च कर लगाना पड़ता था। जहाँ कह रते क परत इतनी बारीक़ होती थी क जानवर के खुर ठोस ज़मीन से टकराते थ,े तो वे ऐसा रा ता तलाशते थे जहाँ रते क परत मोट हो। कु छ जगह पर ज़मीन सूखी झील के नमक से ढँक ई थी। ऐसी जगह पर जानवर आगे अड़कर क जाते थ,े और ऊँ ट-सवार को नीचे उतरना पड़ता था और उन पर लदा सामान हटाना पड़ता था। ऐसी गम जगह को सवार को ख़ुद ही अपना सामान लादकर पार करना होता था, और बाद म सामान को फर से ऊँ ट पर लादना होता था। अगर कोई गाइड बीमार पड़ जाता या मर जाता, तो ऊँ ट सवार लॉटरी नकालकर नया गाइड नयु करते थ।े ले कन यह सब होता एक ही वजह से था : कारवाँ को चाहे कतने ही च कर य न लगाने पड़ते ह या रा ते के मामले म कतने ही समझौते य न करने पड़ते ह , वह चलता उसी दशा म था, जसक ओर दशा-सचू क य क सुई इशारा करती थी। जैसे ही बाधाएँ पार होत , वह अपने सही रा ते पर वापस लौट आता था और उस सतारे को तलाशने लगता था जो नख़ ल तान का संके त देता था। जब लोग भोर के आकाश म उस तारे को चमकता
आ देखते थे, तो वे समझ जाते थे क वे सही रा ते पर ह और उस दशा क तरफ़ बढ़ रहे ह जहाँ पानी होगा, खजूर के वृ ह गे, सर पर छाया होगी, और सरे लोग ह ग।े सफ़ अँ ेज़ ही इस सबसे बेख़बर रहता था; वह तो य़ादातर व त अपनी पु तक म डूबा रहता था। लड़के के पास भी उसक अपनी पु तक थी, और उसने सफ़र के शु आती कु छ दन के दौरान उसको पढ़ने क को शश भी क थी, ले कन उसको कारवाँ को देखना और हवा क आवाज़ सनु ना य़ादा दलच प लगा। जसै े ही उसने अपने ऊँ ट को समझना सीख लया, उसने पु तक को एक ओर फक दया। हालाँ क, लड़के के मन म एक अ ध व ास ने जड़ जमा ली थी क जब भी वह पु तक को खोलेगा, उसे उससे कोई मह वपूण बात सीखने को मलगे ी, ले कन तब भी उसने उसे एक अनाव यक बोझ मानकर अलग कर दया था। उसने अपनी बग़ल के ऊँ ट हाकँ ने वाले से दो ती कर ली थी। रात म जब वे अलाव के इद गद बैठते थे, तो लड़का उसे अपने गड़ रया दन के साह सक कारनाम के क़ से सनु ाता था। ऐसी ही एक बातचीत के दौरान उस ऊँ ट हाकँ ने वाले ने उसे अपनी ज़ दगी के बारे म बताया था। “म अल कै म के क़रीब रहा करता था,” उसने कहा। मेरा अपना बाग़ान था, ब चे थे, और एक ऐसा जीवन था जो मेरे मरने के पल तक बदलने वाला नह था। एक साल जब सबसे अ छ फ़सल आयी, तो हम सब म का गए, और मने अपनी ज़ दगी क अके ली मरु ाद पूरी क । अब म, ख़ुशी-ख़ुशी मर सकता था, और यह सोचकर मुझे ख़ुशी होती थी। “एक दन धरती काँपने लगी, और नील का पानी अपने तट से बाहर बह नकला। म सोचता था क ऐसा सफ़ सर के साथ ही हो सकता था, मरे े साथ कभी नह हो सकता था। मेरे पड़ो सय को डर था क बाढ़ म जैतनू के उनके सारे दर त बह जाएगँ े, और मरे ी बीवी को डर था क हम अपने ब च को खो दग।े मझु े लग रहा था क मेरा सब कु छ बरबाद हो जाएगा। “ज़मीन उजड़ चुक थी, और मेरे लए रोज़ी-रोट कमाने का कोई सरा तरीक़ा ढूँढना ज़ री हो गया था। इस लए अब म एक ऊँ ट हाकँ ने का काम करने लगा ,ँ ले कन उस तबाही ने मुझे अ लाह क सीख को समझना सखा दया : अगर कोई मनमा फ़क चीज़ को हा सल करने क क़ा ब लयत रखता ह,ै तो ऐसे इंसान को अ ात से डरने क ज़ रत नह ह।ै “हम उस चीज़ को गँवा देने से डरते ह, जो हमारे पास होती है, चाहे वह हमारी अपनी ज़ दगी हो या हमारा माल और स प हो, ले कन यह ख़ौफ़ उस व त भाप बनकर उड़ जाता है जब हम यह समझ लेते ह क हमारी ज़ दगी के क़ से और नया क तवारीख़
एक ही हाथ से लखे गए ह।” कभी-कभी उनके कारवाँ क मलु ाक़ात कसी सरे कारवाँ से हो जाती थी। एक कारवाँ के पास हमशे ा ही कु छ-न-कु छ ऐसा होता था, जसक ज़ रत सरे को होती थी - जैसे सब कु छ वाक़ई एक ही हाथ का लखा आ हो। जब ऊँ ट हाकँ ने वाले अलाव के इद गद बैठते, तो वे अ धड़ के बारे म एक- सरे को जानकारी देत,े और रे ग तान के बारे म अपन-े अपने क़ से सनु ाते। कभी-कभी, रह यमय क़ म के , नक़ाबपोश आदमी कट हो जाते। ये ब थे जो रे ग तान के रा त क नगरानी कया करते थे। वे चोर और बबर क़बील के बारे म चेताव नयाँ देते थ।े वे ख़ामोशी के साथ आते थे और उसी तरह चले जाते थे। वे सर से पैर तक काली पोशाक से ढँके होते थे, जनम से सफ़ उनक आखँ ही दखायी देती थ । एक रात, एक ऊँ ट हाँकने वाला उस अलाव के पास आया जहाँ यह लड़का और वह अँ ज़े बठै े ए थ।े “क़बीलाई जगं क अफ़वाह सुनने म आ रही ह,” उसने बताया। तीन ख़ामोश हो गए। लड़के ने महसूस कया क माहौल म भय ा त था, हालाँ क कोई कु छ कह नह रहा था। एक बार फर वह बना श द वाली भाषा को… सावभौ मक भाषा को महसूस कर रहा था। अँ ज़े ने पूछा, “कोई ख़तरा तो नह है?” “एक बार आप रे ग तान म आ गए, फर वापसी ममु कन नह ह,ै ” ऊँ ट हाकँ ने वाले ने कहा। “और जब वापसी मुम कन नह होती, तब आपको सफ़ इस बात क च ता करनी होती है क आगे बढ़ने का सबसे अ छा तरीक़ा या ह।ै बाक़ सब तो अ लाह के हाथ म ह,ै चाहे वह ख़तरा ही य ने हो।” और अपनी बात ख़ म करते ए उसने उसी रह यमय श द का इ तेमाल कया : “म ू ब।” “आपको कारवाँ क तरफ़ य़ादा यान देना चा हए,” ऊँ ट हाकँ ने वाले के चले जाने के बाद लड़के ने अँ ेज़ से कहा। “हम ढेर च कर लगाते ह, ले कन हम हमशे ा एक ही दशा म बढ़ते रहते ह।” “और तु ह नया के बारे म य़ादा-स-े य़ादा पढ़ना चा हए,” अँ ज़े ने जवाब दया। “इस मामले म पु तक कारवाँ जैसी ही होती ह।” बड़ी तादाद म लोग और जानवर ने और भी तज़े र तार के साथ सफ़र शु कर दया। दन तो यूँ भी हमेशा ही ख़ामोशी म बीतते थे, ले कन अब वे रात भी ख़ामोशी म बीतने लग , जब मुसा फ़र को आम तौर से अलाव के इद गद बठै कर गपशप करने क आदत आ करती थी। और, एक दन, कारवाँ के मु खया ने फ़ै सला सुना दया क अब से अलाव नह जलाये जाएगँ े, ता क कारवाँ क तरफ़ कसी का यान न जाए।
मुसा फ़र ने यह आदत डाल ली थी क रात के समय वे अपने चार तरफ़ जानवर का घरे ा बना लेते, और रात के समय क ठ ड से बचने के लए सब लोग एक साथ उस घेरे के बीच सो जाते। और सरदार उस समहू के चार तरफ़ ह थयारब द पहरदे ार को तैनात कर देता। एक रात अँ ज़े को न द नह आ रही थी। उसने लड़के को बलु ाया और दोन डेरे को घरे ते ट ल क तरफ़ चहलक़दमी करने लग।े आसमान म पूरा चाँद चमक रहा था। चहलक़दमी करते ए लड़के ने अँ ेज़ को अपनी ज़ दगी क दा तान सनु ायी। जब अँ ज़े ने टल क कान पर काम करने के दौरान लड़के ारा हा सल क गयी कामयाबी का क़ सा सनु ा, तो वह च कत रह गया। “यही वह स ा त है जससे ससं ार क सारी चीज़ नय त होती ह,” उसने कहा। “क मया गरी म इसे कायनात क ह कहा जाता ह।ै जब आप परू े मन से कोई चीज़ चाहते ह, तभी आप कायनात क ह के सबसे य़ादा क़रीब होते ह। वह सदा एक सकारा मक श होती ह।ै ” उसने यह भी कहा क यह तोहफ़ा सफ़ इंसान को ही मला आ नह ह,ै धरती पर जतनी भी चीज़ ह, उनम ह है, फर वह ख नज हो, वन प त हो, या जानवर हो - या महज़ कोई साधारण-सा वचार ही य न हो। “धरती क हर चीज़ लगातार श ल बदल रही ह,ै य क धरती जी वत है… और उसक ह है। हम उस ह का ह सा ह, इस लए हम अ सर पहचान नह पाते क वह हमारे लए काम कर रही ह,ै ले कन उस टल क कान म तमु ने शायद इस बात को समझा होगा क वे काचँ के गलास तक तु हारी कामयाबी म मदद कर रहे थे। लड़के ने च मा और उजली रते क ओर नहारते ए उसक बात पर कु छ पल ग़ौर कया। “मने रे ग तान को पार करते ए कारवाँ को देखा है,” उसने कहा। “कारवाँ और रे ग तान एक ही ज़बान म बात करते ह, और यही वजह है क रे ग तान कारवाँ को गज़ु रने क इजाज़त देता है। अब यह कारवाँ के एक-एक क़दम पर नगाह रखते ए यह देखेगा क वह समय के साथ चल रहा है या नह , और अगर चल रहा होगा, तो हम नख़ ल तान तक प ँच जाएगँ े।” “अगर हमम से हरेक अपने नजी बतू े पर इस कारवाँ म शा मल आ होता, और उस ज़बान को न समझता होता, तो यह कह य़ादा मु कल होता।” वे वहाँ खड़े-खड़े च मा को नहारने लग।े “यही भ व य-सचू क संके त का जा है,” लड़के ने कहा। “मने देखा है क गाइड कस तरह से रे ग तान के संके त को पढ़ते ह, और कस तरह कारवाँ क ह रे ग तान क ह से बात करती है।”
अँ ज़े ने कहा, “अब से म कारवाँ क ओर य़ादा यान ँगा”। “और म आपक पु तक पढ़ा क ँ गा,” लड़के ने कहा। *** वे अजीबो-ग़रीब पु तक थ । वे पारे के बारे म, नमक के बारे म, ैगन के बारे म, और राजा के बारे म बात करती थ , और वह इनम से कसी को भी नह समझता था। ले कन एक वचार था जो सारी पु तक म ख़दु को दोहराता लगता था। वह वचार था : सारी चीज़ सफ़ एक ही चीज़ क अ भ ह। एक पु तक पढ़ते ए उसे समझ म आया क क मया गरी से स ब धत सा ह य के सबसे मह वपूण मज़ मनू म सफ़ कु छ ही वा य थ,े और वे एक प ा (जवाहर) क सतह पर उके रे ए थे। “यह जवाहर क ट कया है,” अँ ज़े ने कहा। उसके कहने म इस गव का भाव था क वह भी लड़के को कु छ सखा सकता ह।ै “अ छा, तो फर हम इन सारी पु तक क या ज़ रत ह?ै ” लड़के ने पछू ा। “ता क हम उन थोड़े-से वा य को समझ सक,” अँ ज़े ने जवाब दया, हालाँ क उसके अ दाज़ से ऐसा लगता था जैसे उसे ख़ुद ही अपनी कही बात पर व ास न हो। लड़के को वह पु तक सबसे य़ादा दलच प लगी जसम स क मयागर के क़ से बयान कये गए थे। ये वे लोग थे ज ह ने अपनी योगशाला म धातु का शु करण करते ए अपनी ज़ द गयाँ खपा द थ ; उनका व ास था क अगर कसी धातु को कई वष तक तपाया जाए, तो वह अपनी सारी नजी फ़तरत से आज़ाद हो जाएगी, और जो बचगे ा वह कायनात क ह होगी। कायनात क यह ह ही उ ह पृ वी क कसी भी चीज़ को समझने क गंुजाइश देती थी, य क यह वह भाषा थी जसम सारी व तुएँ आपस म ब तयाती थ । उ ह ने इस खोज को धान कृ त क सं ा द थी - वह आं शक प से तरल थी, और आं शक प से ठोस थी। “ या आपको नह लगता क उस भाषा को समझने के लए इसं ान और शगुन पर बारीक -से यान देना भर काफ़ ह?ै ” लड़के ने पछू ा। “तु हारे दमाग़ पर हर चीज़ को सरलीकृ त करने का फ़तूर सवार ह,ै ” अँ ज़े ने चढ़ते ए जवाब दया। “क मया गरी एक ग भीर व ा ह।ै इसम हर क़दम ठ क उसी तरह रखना पड़ता ह,ै जस तरह इस व ा के उ ताद ने रखा ह।ै ” लड़के को पता चला क धान कृ त के तरल ह से को अमृत के नाम से जाना जाता ह,ै और इससे सारी बीमा रयाँ र हो जाती ह; इसके सेवन से क मयागर बढ़ू े भी नह होते थे। और उसके ठोस ह से को ‘पारस प थर’ क सं ा द जाती ह।ै
“‘पारस प थर’ को हा सल करना आसान नह ह,ै ” अँ ज़े ने कहा। “क मयागर अपनी योगशाला म उस आग को ग़ौर से देखते ए साल बता देते थे जो धातु का शु करण करती थी। वे आग के क़रीब रहकर इतना य़ादा व त गज़ु ारते थे क अपनी सारी सासं ा रक मह वाकां ा को तज देते थे। उ ह ने यह जान लया था क धातु के शु करण क वजह से वयं उनका शु करण हो जाता था। लड़के ने टल के कानदार के बारे म सोचा। उसने लड़के से कहा था क यह अ छा है क तमु टल के बतन क सफ़ाई के काम म लगे रहते हो, नराशा पैदा करने वाले ख़याल नह आएगँ े। लड़के को लगातार यह यक़ न होता जा रहा था क इसं ान अपनी रोज़मरा ज़ दगी म ही क मया गरी सीख सकता है। अँ ेज़ ने कहा, “पारस प थर क एक और भी ज़बरद त ख़ूबी है। इस प थर का एक छोटा-सा टुकड़ा कसी भी धातु क बड़ी मा ा को सोने म बदल सकता है।” यह सुनने के बाद क मया गरी म लड़के क दलच पी और भी बढ़ गयी। उसने सोचा क थोड़े-से धीरज से काम लेते ए वह हर चीज़ को सोने म बदल लगे ा। उसने ऐसे ब त-से लोग के जीवन के बारे म पढ़ा था जो ऐसा करने म कामयाब रहे थे : हे वे शयस, ए लयास, फ के नेली, और गबे र। वे ब त ही आकशक क़ से थे : उनम से हर ने अपनी नय त को अ त तक जया था। उ ह ने या ाएँ क थ , ानी पु ष से वातालाप कया था, अ व ास करने वाले लोग के सामने चम कार का दशन कया था, और पारस प थर तथा अमृत का वा म व ा त कया था। ले कन जब लड़के ने उस धान कृ त को हा सल करने का तरीक़ा सीखना चाहा, तो उसे कु छ भी समझ म नह आया। उसे सफ़ रेखाकं न, कू टब नदश, और अबूझ इबारत ही दखायी द । *** “ये लोग चीज़ को इतना पेचीदा य बना देते ह?” एक रात उसने अँ ेज़ से पछू ा। लड़के ने देखा था क अँ ेज़ चड़ चड़ा हो गया था, और उसे अपनी पु तक क कमी खटकती थी। “ता क जन पर समझने क ज़ मेदारी है, वे उनको समझ सक,” उसने कहा। “ज़रा क पना करो क हर आदमी रागँ े को सोने म बदलने लग,े तो या होगा। सोना अपनी क़ मत खो देगा।” “उस धान कृ त को के वल वही लोग हा सल करते ह, जो उसे हा सल करने के अपने ण पर अ डग बने रहते ह और गहराई म जाकर अ ययन करने को त पर होते ह। इसी लए म यहाँ ँ, इस रे ग तान के बीच। म उस स चे क मयागर क तलाश म ँ, जो इन गढ़ू इबारत को पढ़ने-समझने म मरे ी मदद कर सके ।”
“ये पु तक कब लखी गयी थ ?” लड़के ने पछू ा। “स दय पहले।” “ले कन उस ज़माने म छपाई क मशीन तो थी नह ,” लड़के ने तक कया। “हर कोई क मया गरी सीख लेता, इसका तो कोई उपाय ही नह था। फर उ ह ने इस क़दर रखे ा च से भरी अजीबो-ग़रीब भाषा का इ तमे ाल य कया?” अँ ेज़ ने उसक बात का सीधा जवाब नह दया। उसने कहा क म कु छ दन से कारवाँ के काम करने के ढंग पर यान देता रहा ,ँ ले कन मझु े तो कु छ भी नया सीखने नह मला। मने तो एक ही बात देखी है क जगं क चचा ही अब बार-बार होती ह।ै *** फर एक दन लड़के ने अँ ज़े को उसक पु तक लौटा द । “ या तमु ने कु छ सीखा?” अँ ज़े ने पछू ा, वह जानने को उ सुक था क लड़के ने या सीखा होगा। उसे कसी से बात करना ज़ री लग रहा था ता क वह अपने दमाग़ को जंग क आशकं ा के ख़याल से र रख सकता। “मने यह सीखा क इस सृ क एक आ मा ह,ै और जो भी कोई इस आ मा को समझ लते ा है, वह चीज़ क भाषा को भी समझ सकता ह।ै मने सीखा क ब त-से क मयागर ने अपनी नय त को पा लया था, और उ ह ने अ ततः व क आ मा, पारस प थर, और अमृत क खोज कर ली थी। “ले कन जो सबसे मह वपूण बात मने सीखी, वह यह है क ये सारी चीज़ इतनी सरल ह क उनको एक र न क सतह पर भी लखा जा सकता है।” अँ ज़े को नराशा ई। वष का शोध, जा ई तीक, अजीबो-ग़रीब श द, और योगशाला के उपकरण… इनम से कसी चीज़ से लड़का भा वत नह आ था। इसक आ मा इतनी पछड़ी ई है क वह इस तरह क बात को समझ ही नह सकती, उसने सोचा। उसने अपनी पु तक वापस ल , और उनको अपने थलै े म रख लया। “जाओ, कारवाँ को देखो,” उसने कहा। “उसने भी मझु े कु छ नह सखाया।” लड़का एकबार फर रे ग तान क ख़ामोशी और जानवर के खरु से उड़ती रेत पर अपने वचार म डूब गया। “सीखने का हर का अपना-अपना ढंग होता है,” उसने मन-ही-मन कहा। “उसका ढंग मरे ा नह ह,ै न ही मेरा ढंग उसका है, ले कन हम दोन ही अपनी-अपनी नय त क खोज म ह, और इसके लए म उसका आदर करता ।ँ ” ***
कारवाँ रात और दन सफ़र करने लगा। वे नक़ाबपोश ब अ सर नमदू ार होने लग,े और उस ऊँ ट हाँकने वाले न,े जो क लड़के का अ छा दो त बन गया था, लड़के को बताया क क़बील के बीच लड़ाई ठन चकु है। अगर कारवाँ नख़ ल तान तक प ँच गया, तो यह उसक ब त बड़ी ख़शु क़ मती ही होगी। जानवर थक गए थे, और लोग क आपस क बातचीत कम-से-कम होती चली गयी। ख़ामोशी रात के समय अपनी बदतर थ त म होती थी, और कसी ऊँ ट क महज़ एक कराह - जो पहले ऊँ ट क एक कराह के अलावा और कु छ नह आ करती थी - अब हर कसी को डरा देती थी, य क वह कसी हमले के लए सकं े त हो सकती थी। हालाँ क, वह ऊँ ट हाँकने वाला जंग के ख़तरे को लके र ब त च तत नह लगता था। “म ज़ दा ,ँ ” उसने एक रात लड़के से कहा। वे खजूर खा रहे थे, जस व त न अलाव जल रहा था और न आसमान म चाँद था। “जब म खा रहा होता ँ, तो म सफ़ उसी के बारे म सोचता ँ। अगर म कू च पर होता ँ, तो अपना सारा यान कू च पर लगाता ँ। अगर मुझे लड़ना पड़ जाए, तो फर मुझे मरने के लए वह दन कसी भी सरे दन जसै ा ही होगा। “ य क म न तो अपने अतीत म रहता ँ और न अपने भ व य म रहता ।ँ मरे ी दलच पी तो सफ़ वतमान म है। अगर तमु सफ़ अपने वतमान पर यान लगा सको, तो तुम सुखी इसं ान होग।े तमु देखोगे क रे ग तान म भी जीवन ह,ै आसमान म तारे ह, और क़बील के लोग इस लए लड़ते ह य क वे मानव- जा त का ह सा ह। जीवन तु हारे लए एक दावत हो जाएगा, एक ब त बड़ा ज , य क जीवन वह पल ह,ै जसे हम ठ क इस व त जी रहे ह।” दो रात बाद, जब लड़का ब तर पर लेटने क तयै ारी कर रहा था, तो लड़के ने उस तारे को खोजा, जसका वे लोग हर रात पीछा कया करते थे। उसे लगा जसै े तज रोज़ के मुक़ाबले कु छ नीचे आ गया था, य क उसे लग रहा था जैसे वह तारा रे ग तान म ही दखायी दे रहा हो। “यह नख़ ल तान है,” उस ऊँ ट हाकँ ने वाले ने कहा। “अ छा, तो हम तुर त ही वहाँ य नह चले जाते?” लड़के ने पछू ा। “ य क हम सोना ज़ री ह।ै ” *** सरू ज के उगने के साथ ही लड़का जाग गया। उसके सामन,े जहाँ पछली रात छोटे-छोटे तारे झल मला रहे थे, अब खजूर के वृ क एक अ तहीन क़तार थी, जो रे ग तान के आरपार फै ली थी। “हमने कर दखाया,” अँ ेज़ ने कहा, जो ख़ुद भी ज द जाग गया था।
ले कन लड़का चुप था। उसे रे ग तान क ख़ामोशी आ मीय लग रही थी, और उन वृ को देखकर उसे स तोष का अनुभव हो रहा था। परा मड तक प ँचने के लए उसे अभी भी ल बा सफ़र तय करना था, और एक दन ऐसा आने वाला था जब आज क यह सुबह महज़ एक मृ त बनकर रह जाने वाली थी, ले कन यह वतमान का ण था - वह दावत जसका ज़ उस ऊँ ट हाकँ ने वाले ने कया था - और इस ण को वह उसी तरह जीना चाहता था जस तरह उसने अपने अतीत क सीख और भ व य के सपन को जया था, हालाँ क, खजरू के दर त का वह नज़ारा एक दन महज़ एक याद बनकर रह जाने वाला था, ले कन इस व त उसका मतलब था, छाया, पानी, और जगं से बचने क पनाह। कल ऊँ ट क कराह ख़तरे का संके त थी, और आज खजूर के वृ क क़तार एक चम कार क सचू ना दे रही थी। सृ कई भाषाएँ बोलती ह,ै लड़के ने सोचा। *** व त ब त तेज़ी-से भागता है, और उसी तरह कारवाँ भी भागता है, क मयागर ने सकै ड़ लोग और जानवर को नख़ ल तान के क़रीब आते देखकर सोचा। लोग नए आग तकु के आने से च ला रहे थे, उड़ती ई धलू ने रे ग तान के सरू ज क रोशनी को धुँधला दया था और नख ल तान के ब चे इन अजनबी आग तुक को देखकर उ जे ना से भरे ए थे। क मयागर ने क़बीले के मु खया को कारवाँ के सरदार का वागत करते, और उसके साथ ल बी बातचीत करते देखा। ले कन क मयागर को इसम से कसी भी चीज़ से कोई फ़क नह पड़ता था। उसने ऐसे ब त-से लोग को आत-े जाते देखा था, और रे ग तान जहा-ँ का-तहाँ बना आ था। उसने सुलतान और फ़क र को रे ग तान क रेत म चलते ए देखा था। रेत के ट ले हवा क वजह से लगातार अपनी जगह बदलते रहते थे, तब भी यह वही रेत थी जसे वह अपने बचपन से जानता आया था। उसे उस ख़ुशी को देखकर हमशे ा आन द आता था जो उन मसु ा फ़र को उस व त महससू होती थी जब वे पीली रते म और नीले आसमान के तले ह त का सफ़र करने के बाद पहली बार खजरू के वृ क ह रयाली को देखते थे। ख़ुदा ने रे ग तान शायद बनाया ही इस लए था ता क इंसान खजूर के वृ क सराहना कर सके । उसने सांसा रक मसल पर यान देने का फ़ै सला कया। उसे मालूम था क उस कारवाँ म एक ऐसा श स मौजदू था, जसको उसे अपने कु छ रह य सखाने थ।े यह बात उसको भ व य-सूचक संके त क माफ़त मालूम ई थी। वह उस आदमी को अभी तक जानता तो नह था, ले कन उसे मालमू था क जैसे ही वह आदमी कट होगा, उसक अनुभवी आँख उसको पहचान लगी। वह उ मीद कर रहा था क यह आदमी उसी तरह क़ा बल होगा जस
तरह उसके पछले चले े रहे थे। मुझे समझ म नह आता क इन बात को ज़बानी बताना य ज़ री होता है, उसने सोचा। मसला यह नह था क ये बात रह यमय थ ; ख़ुदा ने तो अपने रह य को अपने सारे ा णय के सामने आसानी-से ज़ा हर कर रखा ह।ै उसके पास इस बात क सफ़ एक ही ा या थी : इन बात को सर तक इस तरह प चँ ाया जाना इस लए ज़ री होता है य क वे वशु जीवन से रची गयी ह, और इस तरह के जीवन को तसवीर या श द म नह पकड़ा जा सकता। य क लोग तसवीर और श द से मो हत हो जाते ह, और अ ततः सृ क भाषा को भलू जाते ह। *** लड़का जो कु छ देख रहा था, उससे उसे अपनी आखँ पर व ास नह हो रहा था : यह नख़ ल तान वैसा ब कु ल नह था, जसै ा उसने कभी भगू ोल क अपनी एक पु तक म देख रखा था; खजूर के थोड़े-से वृ से घरे इलाक़े क बजाय यह पेन के कई क़ ब से भी बड़ा था। वहाँ तीन सौ कु एँ थे, खजूर के पचास हज़ार दर त थे, और उनके बीच फै ले असं य रगं - बरंगे त बू थे। “यह तो सह रजनी च र (द थाउजड एडं वन नाइट्स) के क़ से जसै ा लग रहा है,” अँ ज़े ने कहा, जो क मयागर से मलने के लए उतावला हो रहा था। वे उन ब च से घरे ए थे, जो नवाग तकु और जानवर को देखने के कौतूहल से भरे ए थे। नख़ ल तान के लोग उनसे जानना चाहते थे क या उ ह ने कोई जगं होते देखी थी, और औरत म उन कपड़ तथा बेशक़ मती र न को देखने क होड़ लगी ई थी जो कारवाँ के सौदागर लेकर आए थे। रे ग तान क ख़ामोशी एक र का सपना बन चुक थी; कारवाँ के मुसा फ़र लगातार ब तया रहे थे, हसँ रहे थे और चीख़-पुकार मचा रहे थे, जसै े वे कसी हानी नया से नकलकर इसं ान क नया म आ प ँचे ह । वे आज़ाद और ख़ुशी महससू कर रहे थे। जब वे रे ग तान म थे, तो हर तरह क सावधानी बरतते रहे थे, ले कन उस ऊँ ट हाँकने वाले ने लड़के को समझाया क नख़ ल तान को तट थ इलाक़ के प म देखा जाता है, य क वहाँ य़ादातर औरत और ब चे रहते ह। पूरे रे ग तान म नख़ ल तान थ,े ले कन रे ग तान म क़बीले आपस म लड़ते ह, और नख़ ल तान को शरण- थल के प म छोड़ देते ह। कारवाँ के सरदार ने कु छ मु कल से अपने आद मय को एक कया और उ ह नदश दए। उसने कहा क समहू के सभी लोग को क़बील क तकरार ख़ म होने तक
नख़ ल तान म ही रहना होगा। चँू क हम महे मान ह, इस लए हम वहाँ के लोग के साथ उ ह क रहाइश म ही रहना होगा, और वे हम रहने क भरसक बेहतर सु वधाएँ मुहैया कराएगँ ।े यह महे मान-नवाज़ी का उसलू है, फर उसने अपने पहरदे ार समेत हर कसी को अपने- अपने ह थयार क़बील के सरदार ारा नयु लोग के हवाले कर देने को कहा। “ये यु के नयम ह,” उसने समझाया। “इन नयम के मुता बक़ नख़ ल तान म फ़ौज या फ़ौजी टुक ड़य को पनाह नह द जा सकती।” लड़के ने आ य के भाव से देखा क अँ ेज़ ने अपने बैग से एक ोम- लेटेड रवॉ वर नकालकर उस आदमी को स प द , जो ह थयार जमा कर रहा था। “यह रवॉ वर य ?” उसने पछू ा। “इसने लोग पर भरोसा करने म मरे ी मदद क थी,” अँ ेज़ ने जवाब दया। इस बीच, लड़के ने अपने ख़ज़ाने के बारे म सोचा। वह अपने सपने के पूरा होने के जतने ही क़रीब प ँचता जा रहा था, हालात उतने ही मु कल होते जा रहे थे। ऐसा लगता था क जसे उस बूढ़े राजा ने ‘शु आत करने वाले क क़ मत’ का नाम दया था वह अब काम नह कर रही थी। अपने सपने का पीछा करने क या म उसे लगातार अपनी ज़द और साहस क परी ा देनी पड़ रही थी। इस लए वह न तो हड़बड़ी-से काम ले सकता था और न उतावलेपन स।े अगर वह ज दबाज़ी कर आगे बढ़ता, तो ई र ारा रा ते म छोड़े गए सकं े त और शगनु को देखने से चकू जाता। ई र ने उनको मेरे रा ते म रख दया था। इस ख़याल से वह च कत हो उठा। अब तक भ व य-सूचक सकं े त को वह सासं ा रक चीज़ क तरह देखता आया था। खाने और सोने जसै ी चीज़ क तरह, या मे क तलाश करने या कोई रोज़गार हा सल करने जैसी चीज़ क तरह। उसने उनको कभी उस भाषा क तरह देखा ही नह था, जनका इ तेमाल ई र यह सकं े त देने के लए करता था क उसे या करना चा हए। “उतावलापन मत दखाओ,” उसने एक बार फर ख़ुद से कहा। “उसी तरह जसै ा उस ऊँ ट हाकँ ने वाले ने कहा थाः ‘जब खाना खाने का व त हो, तब खाना खाओ। और जब आगे बढ़ने का व त हो, तब आगे बढ़ो।”’ उस पहले दन अँ ेज़ समेत हर कोई थकान क वजह से सो गया। लड़के को अपने दो त से र, एक त बू म उसी क उ के पाचँ सरे नौजवान के साथ, जगह द गयी थी। वे सब रे ग तान के रहने वाले थे और वशाल नगर से स ब धत उसके क़ स को सुनने के लए बते ाब थे। लड़के ने उ ह गड़ रये के प म बतायी गयी अपनी ज़ दगी के बारे म बताया, और अभी वह टल क कान के अपने तजरब के बारे म बताने ही वाला था क तभी त बू म वह अँ ज़े आ गया।
“म पूरी सबु ह तु ह खोजता रहा ,ँ ” उसने लड़के को बाहर लाते ए कहा। “मुझे क मयागर के ठकाने का पता लगाने म तु हारी मदद क ज़ रत है।” पहले उ ह ने ख़दु ही उसे ढँूढने क को शश क । उनका ख़याल था क क मयागर स भवतः नख़ ल तान के सरे लोग से अगल ढंग से रहता होगा, और इस बात क पूरी स भावना थी क उसके त बू म लगातार चू हा जलता रहता हो। उ ह ने हर कह तलाश क , और पाया क वह नख़ ल तान उससे कह ब त य़ादा बड़ा था जतने क उ ह ने क पना क थी; उसम सकै ड़ त बू थे। “हमने लगभग पूरा दन बरबाद कर दया,” अँ ेज़ ने लड़के के साथ एक कुँ एँ के क़रीब बठै ते ए कहा। “शायद यह बेहतर होगा क हम कसी से पूछ,” लड़के ने सझु ाव दया। अँ ेज़ नह चाहता था क वह कसी को बताता क वह नख़ ल तान म य आया था, और इस लए लड़के के सुझाव से पूरी तरह सहमत नह हो पा रहा था, ले कन, अ ततः, वह उससे सहमत आ, और चँू क लड़का उससे बेहतर ढंग से अरबी बोलना जानता था, इस लए उसने लड़के से ही यह पूछताछ करने को कहा। लड़का एक औरत के पास प चँ ा जो बकरे के चमड़े से बनी छागल म कु एँ से पानी भरने आयी थी। “सलाम वालके ु म, मोहतरमा। म यह पता लगाने क को शश कर रहा ँ क इस नख़ ल तान म क मयागर कहाँ रहता है।” औरत ने कहा, “मने ऐसे कसी आदमी के बारे म कभी नह सुना,” और इतना कह कर वह तेज़ी-से चली गयी, ले कन भागने के पहले उसने लड़के को सलाह द क वह काला बरु क़ा पहने औरत से बात करने क को शश न कर,े य क वे शाद शुदा औरत होती ह। उसको रवायत का लहाज़ करना चा हए। अँ ज़े को नराशा ई। उसे लगा क उसने इतना ल बा सफ़र बके ार ही कया। लड़का भी उदास था; उसका दो त अपनी नय त क तलाश कर रहा था। और, जब कोई इस तरह क तलाश म होता ह,ै तो सारी कायनात उसक कामयाबी के लए उसक मदद करती है - बढ़ू े राजा ने यही तो कहा था। उसक बात ग़लत तो नह हो सकती। “मने इसके पहले कभी क मयागर के बारे म नह सनु ा था,” लड़के ने कहा। “हो सकता ह,ै यहाँ भी कसी ने न सनु ा हो।” अँ ेज़ क आँख चमक उठ । “अब समझ म आया! मुम कन है यहाँ कोई जानता ही न हो क क मयागर या होता है! यह पता लगा लगाओ क यहाँ ऐसा कौन ह,ै जो लोग क बीमारी ठ क करता है!” काला बरु क़ा पहने कई औरत पानी भरने कु एँ पर आय , ले कन अँ ज़े के ज़ोर दए जाने के बावजदू लड़के ने उनम से कसी से बात नह क । फर एक आदमी वहाँ आया।
“ या आप यहाँ ऐसे कसी आदमी को जानते ह, जो लोग का इलाज करता हो?” लड़के ने पछू ा। “हमारा इलाज तो अ लाह करता है,” आदमी ने कहा। उसे देखकर साफ़ समझ म आता था क वह अजन बय से डरता था। “ या तु ह ओझा क तलाश ह?ै ” उसने कु रान क कु छ आयत बुदबदु ाय और चला गया। एक और आदमी आया। वह पछले के मक़ु ाबले कु छ बुजग था और एक छोट -सी बा ट लये ए था। लड़के ने अपना सवाल दोहराया। “तु ह इस तरह के आदमी क तलाश य है?” उस अरबी ने पूछा। “ य क मेरा दो त उससे मलु ाक़ात करने कई महीन ल बा सफ़र करके यहाँ आया ह,ै ” लड़के ने कहा। “अगर इस नख़ ल तान म ऐसा कोई आदमी है, तो वह ज़ र ब त ताक़तवर होगा,” उस बजु ग ने कु छ पल सोचने के बाद कहा। “अगर क़बील के सरदार भी उससे मलना चाहते ह, तो वे तक उससे नह मल पात।े उससे तभी मलु ाक़ात हो पाती है, जब वह इसक मंज़रू ी देता ह।ै “लड़ाई ख़ म होने का इ तज़ार करो। उसके बाद कारवाँ के साथ रवाना हो जाओ। नख़ ल तान क ज़ दगी म दा ख़ल होने क को शश मत करो,” उसने कहा, और वहाँ से चला गया। ले कन अँ ज़े ब त ख़शु था। वे सही दशा म जा रहे थे। आ ख़रकार एक जवान औरत वहाँ आयी जसने काला बुरक़ा नह पहन रखा था। उसने क धे पर एक घड़ा उठा रखा था और उसके सर पर परदा था, ले कन उसका चहे रा खलु ा आ था। लड़का क मयागर के बारे म पूछने के लए उसके पास प चँ ा। उस ण, उसे लगा जसै े समय थम गया हो, और कायनात क ह उसके भीतर उमड़ पड़ी हो। जब उसने उसक काली आँख म देखा, और देखा क उसके ह ठ हँसी और ख़ामोशी के बीच ठठके ए थे, तो उसे उस भाषा का सबसे मह वपणू ह सा समझ म आ गया जो सारी नया बोलती थी - वह भाषा जसे पृ वी का हर आदमी अपने दय से समझ सकता था। यह मे था। वह चीज़ जो मनु यता से भी पहले क थी, रे ग तान से भी य़ादा ाचीन थी। एक ऐसी चीज़ जो, जब भी कभी दो जोड़ी आखँ मलती ह तो, हमशे ा एक- जसै ी ऊजा पैदा करती ह,ै उसी तरह जैसा इस व त इस कु एँ पर हो रहा था। वह मु करायी, और यह न य ही एक भ व य-सूचक संके त था - वह शगुन जसका वह जीवन भर इ तज़ार करता रहा था, तब भी जब क वह नह जानता था क वह उसका इ तज़ार कर रहा ह।ै वह शगुन जसक तलाश वह अपनी भेड़ के साथ और अपनी पु तक म करता रहा था, जसक तलाश वह टल म और रे ग तान क ख़ामोशी म करता रहा था।
यह वशु व -भाषा थी। इसके लए कसी ा या क ज़ रत नह थी, ठ क उसी तरह जसै े अन त काल म या ा करते इस ांड को कसी ा या क ज़ रत नह ह।ै उस ण लड़के ने अनुभव कया क वह अपने जीवन क अ तीय ी के क़रीब था, और, उस लड़क ने भी, बना क ह श द के , ठ क वसै ी ही चीज़ को पहचान लया। अपने इस अनुभव पर उसे जतना यक़ न था उतना नया क कसी चीज़ पर नह था। उसके माँ-बाप और दादा-दाद ने उससे कह रखा था क कसी भी के त वचनब होने से पहले उसे उससे मे करना और उसको अ छ तरह समझना ज़ री ह,ै ले कन मुम कन है क इस तरह सोचने वाले लोग ने सावभौ मक भाषा को कभी जाना ही न हो, य क, जब आप इस भाषा को समझ लेते ह, तो यह समझना आसान हो जाता है क कोई है जो इस नया म आपका इ तज़ार कर रहा ह,ै भले ही वह जगह रे ग तान के बीच या कसी वशाल नगर म य न हो। और जब ऐसे दो इसं ान एक- सरे से टकराते ह, और उनक नज़र आपस म मलती ह, तो गुज़रा आ व त और आने वाला व त अपनी अह मयत खो देता ह।ै होता है सफ़ वह अ तीय ण और यह अ व सनीय यक़ न क सूरज के तले जो कु छ भी है, वह एक ही हाथ का लखा आ ह।ै यही वह हाथ है जो मे जगाता है और के लए उसक एक जुड़वाँ आ मा उ प करता ह।ै ऐसे मे के बना के सपने बमे ानी होते ह। म ू ब, लड़के ने सोचा। अँ ज़े ने लड़के को झकझोरा : “कहाँ खोये हो, उससे पछू ो!” लड़का लड़क के और क़रीब गया, और जब वह मु करायी, तो वह भी मु करा दया। “तु हारा नाम या है?” उसने पूछा। “फ़ा तमा,” लड़क ने नज़र चरु ाते ए कहा। “मेरे देश क भी कु छ याँ इस नाम से पकु ारी जाती ह।” “यह पैग बर क बेट का नाम ह,ै ” फ़ा तमा ने कहा। “हमलावर इस नाम को हर कह ले गए।” हमलावर क बात उस ख़ूबसरू त लड़क ने ब त फ़ से कही थी। अँ ेज़ ने उसको क चा, और लड़के ने लड़क से उस आदमी के बारे म पूछा जो लोग का इलाज करता था। “यह वो इंसान है जो इस कायनात के सारे राज़ जानता है,” उसने कहा। “वह रे ग तान के ज से बात करता ह।ै ” ज को शुभ और अशुभ, दोन तरह क ह के प म जाना जाता था। और लड़क ने द ण क ओर इशारा करते ए सकं े त कया क वह व च इंसान वहाँ रहता ह।ै इसके बाद उसने अपना घड़ा पानी से भरा और वहाँ से चली गयी। अँ ज़े भी नदारद हो गया था। वह क मयागर क तलाश म नकल गया था। और लड़का देर तक उस कुँ एँ के क़रीब बैठा टे रफ़ा के उस दन को याद करता रहा, जब लवटर
समीर उस लड़क क ख़शु बू लेकर आया था, और तब उसे अहसास आ क वह उस लड़क को तब से यार करता आ रहा है जब उसे उसके वजदू के बारे म भी पता नह था। वह जानता था क उस लड़क के त उसका ेम उसे नया के हर ख़ज़ाने को खोजने म स म बना देगा। अगले दन, उस लड़क से मलने क उ मीद म लड़का कँु एँ पर लौटा। ले कन उसे यह देखकर आ य आ क वहाँ अँ ज़े था, जो रे ग तान क ओर ताक रहा था। “मने दोपहर के बाद से लके र परू ी शाम भर इ तज़ार कया,” उसने कहा। “वह आकाश म शाम के पहले सतार के उदय होने के साथ ही कट आ। मने उसे बताया क मझु े कस चीज़ क तलाश ह,ै और उसने मझु से पूछा क या मने कभी राँगे को सोने म बदला ह।ै मने उससे कहा क म वही सीखने तो यहाँ आया ँ। “उसने मझु से कहा क मझु े वैसा करने क को शश करनी चा हए। बस, उसने इतना ही कहा : ‘जाओ और को शश करो।’” लड़के ने कु छ नह कहा। बेचारे अँ ज़े ने इतना ल बा सफ़र तय कया, और हा सल यह रहा क उससे फर से वही करने को कहा गया, जो वह पहले ही कई बार कर चकु ा था। “तो को शश क रए,” उसने अँ ेज़ से कहा। “म वही करने जा रहा ।ँ म अभी शु करता ँ।” अँ ेज़ के जाते ही फ़ा तमा आयी और उसने गागर म पानी भरा। “म तुमसे सफ़ एक बात कहने आया ,ँ ” लड़के ने कहा। “म चाहता ँ क तुम मरे ी बीवी बन जाओ। म तुमसे यार करता ँ।” लड़क के हाथ से गागर छू ट गयी और उसका पानी छलक गया। “म हर रोज़ यहाँ तु हारा इ तज़ार क ँ गा। मने यह रे ग तान एक ख़ज़ाने क तलाश म पार कया है जो परा मड के आसपास कह ह,ै और यह जगं मुझे एक शाप क तरह लग रही थी, ले कन अब यह एक वरदान है य क इसक वजह से म तमु तक प ँचा ँ।” “जगं तो एक दन ख़ म हो जाने वाली है,” लड़क ने कहा। लड़के ने अपने चार ओर खड़े खजरू के वृ क ओर देखा। उसने ख़ुद को याद दलाया क वह एक गड़ रया आ करता था, और फर से गड़ रया बन सकता है। फ़ा तमा उसके ख़ज़ाने से य़ादा मह वपणू थी। “क़बील के लोग हमशे ा ख़ज़ान क तलाश म होते ह,” लड़क ने कु छ इस तरह कहा जसै े उसने अ दाज़ा लगा लया हो क वह या सोच रहा ह।ै “और रे ग तान क औरत अपने क़बील के लोग पर फ़ करती ह।” उसने अपनी गागर फर से भरी और चली गयी। लड़का फ़ा तमा से मलने रोज़ कु एँ पर जाने लगा। उसने लड़क को गड़ रये के प म
बताये गए अपने जीवन के बारे म, राजा और टल क कान के बारे म बताया। उनम दो ती हो गयी, और जो प ह मनट वह उसके साथ बताता था, उनके अलावा हर दन उसे पहाड़ क तरह लगने लगा। जब उसको नख़ ल तान म रहते लगभग एक महीना हो गया, तो कारवाँ के सरदार ने उन सब लोग क बठै क बलु ायी जो उसके साथ या ा कर रहे थ।े “हम नह जानते क जगं कब ख़ म होगी, इस लए हम अपना सफ़र जारी नह रख सकते,” उसने कहा। “ये लड़ाइयाँ ल बे समय तक जारी रह सकती ह, हो सकता है साल जारी रह। दोन तरफ़ तगड़ी फ़ौज ह, और यह जंग दोन फौज के लए मह वपूण है। यह बरु ाई के ख़लाफ़ अ छाई क लड़ाई नह है। यह उन ताक़त के बीच क जगं है जो स ा के स तलु न के लए लड़ रही ह, और जब इस तरह क जंग शु होती ह,ै तो यह सरी लड़ाइय के मक़ु ाबले ल बे समय तक खचती है - य क अ लाह दोन क तरफ़ होता ह।ै ” लोग जहाँ रह रहे थे वहाँ वापस चले गए, और लड़का उस दोपहर बाद फ़ा तमा से मलने गया। उसने उसे सबु ह क बठै क के बारे म बताया। फ़ा तमा ने कहा, “हमारी मलु ाक़ात के अगले ही दन तमु ने मझु से कहा था क तमु मुझे यार करते हो, फर तुमने मुझे संसार क साझा ज़बान के बारे म और कायनात क ह क के बारे म तालीम द । इस सबक वजह से म तु हारा ह सा बन गयी ँ।” लड़के ने उसक आवाज़ को सनु ा, और वह उसे उस आवाज़ से भी य़ादा मधरु लगी जो खजूर के वृ से गुज़रती हवा से पैदा हो रही थी। “म यहाँ इस नख़ ल तान म ल बे अरसे से तु हारा इ तज़ार करता रहा ।ँ म अपने गुज़रे ए कल के बारे म भलू चकु ा ,ँ अपनी रवायत के बारे म भूल चुका ,ँ और उस ढंग को भलू चुका ँ जस ढंग से रे ग तान के मद औरत से बरताव क उ मीद करते ह। म बचपन से ही यह वाब देखता रहा ँ क रे ग तान मुझे कोई ग़ज़ब का तोहफ़ा देगा। अब मेरा तोहफ़ा आ चकु ा ह,ै और वह तमु हो।” लड़का उसका हाथ अपने हाथ म लने ा चाहता था, ले कन फ़ा तमा के हाथ गागर को थामे ए थ।े “तमु ने मझु े अपने वाब के बारे म, बूढ़े बादशाह के बारे म, और अपने ख़ज़ाने के बारे म बताया है। और तमु ने मझु े शगनु के बारे म भी बताया है। इस लए अब मझु े कसी बात का ख़ौफ़ नह है, य क वही शगनु तो तु ह मेरे पास लाये ह। और म तु हारे वाब का ह सा ँ, उस चीज़ का ह सा ँ जसे तमु नय त कहते हो। “इसी लए म चाहती ँ क तुम अपनी मं ज़ल क तरफ़ बढ़ो। अगर तु ह जगं के ख़ म होने तक इ तज़ार करना पड़े, तो इ तज़ार करो। ले कन अगर तु ह उसके पहले भी जाना पड़े, तो तुम अपने वाब को परू ा करने जाओ। रेत के ट ले हवा क वजह से बदलते रहते ह, ले कन रे ग तान कभी नह बदलता। एक- सरे के लए हमारा यार भी ऐसा ही होगा।”
“म ू ब,” वह बोली, “अगर म वाक़ई तु हारे वाब का ह सा ,ँ तो तमु एक दन वापस आओगे।” उस दन वहाँ से वदा लते े ए लड़का उदास था। उसने उन तमाम शाद शदु ा गड़ रय के बारे म सोचा, जनको वह जानता था। जब उ ह र मैदान म जाना होता था, तो इसके लए अपनी बी वय को तयै ार करने म उ ह ब त मु कल पेश आती थी। यार उनसे मागँ करता था क वे उ ह लोग के साथ रहते जनको वे यार करते थे। यह बात उसने फ़ा तमा को अपनी अगली मुलाक़ात म बतायी। “रे ग तान हमारे मद को हमसे छ न लेता है, और वे हमेशा लौट ही आते ह , ऐसा नह होता,” उसने कहा। हम यह जानते ह, और हम इसक आदत है। जो नह लौटते, वे बादल म समा जाते ह, उन जानवर म शा मल हो जाते ह जो खोह म छपे रहते ह, या उस पानी म मल जाते ह जो धरती से फू टकर नकलता ह।ै वे सब कु छ का ह सा बन जाते ह… वे कायनात क ह बन जाते ह। “कु छ वापस आ जाते ह। और सरी औरत ख़ुश हो जाती ह, य क उनको भरोसा हो जाता है क एक दन उनके मद भी वापस लौट आएगँ े। म ऐसी औरत क ओर देखती थी और उनक ख़ुशी पर ई या करती थी। अब म भी उ ह औरत क तरह इ तज़ार क ँ गी। “म एक रे ग तानी औरत ँ, और मझु े इसका फ़ है। म अपने प त को उसी तरह आज़ाद भटकते ए देखना चाहती ँ जैसे वह हवा भटकती है जो रते के ट ल को श ल देती ह।ै और अगर ज़ री आ, तो म इस स चाई को मज़ं ूर कर लगूँ ी क वह बादल म, और जानवर म, और रे ग तान के पानी म समा गया है।” लड़का अँ ज़े क तलाश म नकल गया। वह उसे फ़ा तमा के बारे म बताना चाहता था। उसे यह देखकर आ य आ क अँ ेज़ ने अपने त बू के बाहर एक भ तैयार कर ली थी, जसम लक ड़याँ जल रही थ और उसके ऊपर एक पारदश कु पी तप रही थी। जब अँ ज़े ने रे ग तान क ओर देखा, तो उसक आखँ उससे य़ादा चमकती लग रही थ , जतनी वे तब चमकती थ जब वह पु तक पढ़ रहा होता था। “यह उस काम का पहला चरण ह,ै ” उसने कहा। “मझु े ग धक को अलग करना होगा। इसे कामयाब ढंग से करने के लए, मझु े नाकामयाबी का कोई डर नह होना चा हए। यह नाकामयाबी का मरे ा डर ही था जसने मुझे पहले उस महान कृ त को गढ़ने से रोक रखा था। अब म उस काम क शु आत कर रहा ,ँ जो मुझे दस साल पहले शु कर देना चा हए था,ले कन मुझे ख़ुशी है क मने कम-से-कम बीस साल तो इ तज़ार नह कया।” वह लगातार आग म लक ड़याँ झ कता रहा, और लड़का तब तक वह का रहा जब तक क रे ग तान डूबते सरू ज क रोशनी से गलु ाबी नह हो गया। उसक ब त बल इ छा ई क वह रे ग तान म जाकर पता लगाये क कह उसक ख़ामोशी म ही तो उसके सवाल
के जवाब नह ह। वह नख़ ल तान के खजरू के दर त को अपनी नज़र क ज़द म बनाये रखते ए कु छ र तक भटकता रहा। उसने हवा क आवाज़ सनु ी, और अपने परै तले कं कड़ को महससू कया। उसे जहा-ँ तहाँ कोई सीपी दखायी दे जाती, और तब उसे समझ म आया क क ह ाचीन युग म वह रे ग तान समु रहा था। वह एक प थर पर बठै गया, और ख़ुद को ढ ला छोड़ दया ता क तज उसे स मो हत कर सके । उसने मे क अवधारणा को वा म व से भ प म देखने क को शश क , और दोन को एक- सरे से अलग नह कर सका, ले कन फ़ा तमा एक रे ग तानी ी थी, और, उसको समझने म अगर कोई चीज़ मदद कर सकती थी, तो वह रे ग तान ही कर सकता था। वह वहाँ बठै ा आ सोच रहा था क तभी उसे ऊपर कसी हलचल का अहसास आ। उसने ऊपर देखा, तो पाया क आसमान म ऊँ चाई पर बाज़ का एक जोड़ा उड़ता चला जा रहा था। उसने उन बाज़ को हवा म तैरते ए देखा। उनक उड़ान म हालाँ क कोई साफ़ आकार नह था, तब भी लड़के को उसम एक ख़ास तरह के अथ का अहसास आ। सफ़ इतना भर था क वह उस अथ को पकड़ नह पा रहा था। वह अपनी नगाह से उन प र द का पीछा करता रहा, और उस उड़ान म कोई अथ तलाशने क को शश करता रहा। वह सोच रहा था क ममु कन है ये रे ग तानी प र दे उसे वा म व-र हत मे का अथ समझा सक। वह उन दा महससू करने लगा। अ दर-ही-अ दर वह जागते रहना चाहता था, ले कन वह सोना भी चाहता था। “म संसार क भाषा सीख रहा ,ँ और नया क हर चीज़ म मुझे अथ दखायी देना शु हो रहा है… बाज़ क उड़ान तक म,” उसने ख़ुद से कहा। और, उस मान सक हालत म, वह कृ त था क उसे ेम हो गया था। जब तु ह कसी से मे हो जाता ह,ै तो चीज़ और भी अथवान लगने लगती ह, उसने सोचा। अचानक, उनम से एक बाज़ ने आसमान म तेज़ी-से छलांग लगाते ए सरे बाज़ पर हमला कया। उसके ऐसा करते ही, लड़के के दमाग़ म एक आक मक, णक य क ध गया : हाथ म तलवार उठाये, घोड़ पर सवार एक फ़ौज नख़ ल तान म चली आ रही ह।ै वह य तुर त ही लु त हो गया था, ले कन उसने उसको हला दया था। उसने लोग को मरी चका (रे ग तान म पानी के म) के बारे म बात करते ए सुना था, और ख़ुद भी ऐसी मरी चकाएँ देख चुका था : वे लालसाएँ थ , जो अपनी ती ता क वजह स,े रे ग तान क रते म एक आकार ले लेती थ , ले कन उसक ऐसी लालसा तो न य ही थी क कोई फ़ौज नख़ ल तान पर हमला कर दे। वह य को भुला देना चाहता था, और वापस अपने यान क ओर लौटना चाहता था। उसने एक बार फर रे ग तान क गुलाबी रंगत , और उसके प थर पर यान के त करने
क को शश क , ले कन कु छ था उसके दय म जो उसे इसक गुजं ाइश नह दे रहा था। “हमशे ा भ व य-सूचक संके त पर यान दो,” बूढ़े राजा ने कहा था। लड़के ने उस य म देखी गयी चीज़ को याद कया, और महससू कया क वह वाक़ई होने जा रहा था। वह उठा और खजूर के दर त क दशा म चल पड़ा। एक बार फर उसे ख़दु से ता लुक़ रखने वाली चीज़ म ब त-सी भाषा का बोध आ : इस बार रे ग तान महफ़ू ज़ था, और नख़ ल तान ख़तरनाक हो उठा था। ऊँ ट हाकँ ने वाला खजूर के एक दर त के नीचे बठै ा आ सयू ा त देख रहा था। उसने रेत के ट ल के पार से लड़के को कट होते देखा। “एक फ़ौज आ रही ह,ै ” लड़के ने कहा। “मुझे इलहाम आ है।” “रे ग तान लोग के दल को इलहाम से भरता रहता ह,ै ” ऊँ ट हाँकने वाले ने जवाब दया। ले कन लड़के ने उसे बाज़ के बारे म बताया : म उनक उड़ान देख रहा था और अचानक महसूस कया क मने ख़दु ही कायनात क ह म गोता लगा दया है। ऊँ ट हाँकने वाला लड़के क बात समझ गया। वह जानता था क पृ वी क कोई भी चीज़ उसक सारी चीज़ के इ तहास को उजागर कर सकती ह।ै आप पु तक का कोई भी प ा खोल सकते ह, या कसी का हाथ देख सकते ह; ताश का कोई भी प ा पलट सकते ह, प र द क उड़ान देख सकते ह… कु छ भी देख ल, आप उसम वतमान ण के अपने अनुभव का र ता पा सकते ह। दरअसल, बात यह नह है क वे चीज़ अपने आप म कु छ उजागर करती ह; बात सफ़ इतनी है क लोग अपने आसपास जारी घटना को देखकर व क आ मा को भेदने का कोई तरीक़ा हा सल कर सकते ह। रे ग तान ऐसे पु ष से भरा आ था, जो इस व -आ मा को भदे ने क अपनी सहजता के बल पर अपनी आजी वका कमाते थे। ऐसे लोग पीर -औ लया के नाम से जाने जाते थे, और औरत तथा बजु ग उनसे ख़ौफ़ खाते थ।े क़बीले के लोग भी उनसे परामश करने से बचते थे, य क अगर कसी को पहले से ही पता चल जाता क जंग म उसका मारा जाना तय है, तो फर उसके लए जगं म कारगर ढंग से लड़ पाना असभं व हो जाता। क़बीले के लोग को जगं का वाद चखना, और यह न जानने का रोमाचं बेहतर लगता था क जंग का नतीजा या होगा; आने वाले व त म या होने वाला है, यह तो अ लाह पहले ही लख चकु ा था, और उसने जो कु छ भी लख रखा था वह हमेशा ही इसं ान क भलाई के लए ही था। इस लए क़बील के लोग सफ़ वतमान क ख़ा तर ही जीते थे, य क वतमान आक मकता से भरा आ था, और उ ह ब त-सी चीज़ को लके र सतक रहना होता था : मन क तलवार कहाँ है? उसका घोड़ा कहाँ है? ज़ दा बने रहने के लए तु ह कस तरह का अगला वार करना ज़ री है? ऊँ ट हाकँ ने वाला लड़ाकू नह था, और वह
पीर -औ लया से मश वरा कर चुका था। उनम से कइय क भ व यवा णयाँ सही सा बत ई थ , जब क कु छ क ग़लत सा बत ई थ । फर, एक दन, जस सबसे बुजग (और जससे लोग सबसे य़ादा डरते थे) पीर को ऊँ ट हाँकने वाला तलाशता रहा था, उसने उससे पछू ा, “भ व य म तु हारी इतनी य़ादा दलच पी य है?” “इस लए… ता क म कु छ कर सकूँ ,” उसने जवाब दया। “और इस लए भी ता क म उस होनी को बदल सकँू जसको म होते नह देखना चाहता।” “ले कन तब वे तु हारे भ व य का ह सा नह ह गी,” पीर ने कहा था। “अ छा, तो भ व य के बारे म म शायद इस लए जानना चाहता ँ ता क जो कु छ होने वाला है, उसके लए म ख़दु को तयै ार कर सकँू ।” “अगर कु छ अ छा होने वाला है, तो वह सखु द आ य होगा,” पीर ने कहा। “अगर बरु ा होने वाला है, और उसके बारे म तु ह पहले से पता चल जाता है, तो उसके होने के पहले ही तमु उसके बारे म सोचकर ब त य़ादा ख उठाओग।े ” “म भ व य के बारे म इस लए जानना चाहता ,ँ य क म एक आदमी ,ँ ” ऊँ ट हाकँ ने वाले ने पीर से कहा। “और आदमी भ व य के आधार पर ही अपना जीवन जीते ह।” पीर टह नय को पासँ क तरह बरतने म मा हर था; वह उ ह ज़मीन पर फकता, और ज़मीन पर उनके गरने के आधार पर उनक ा या करता था। उस दन उसने टह नय को नह फका। उसने उन टह नय को कपड़े म लपेटकर अपने थलै े म डाल लया। “म लोग क भ व यवाणी करके अपनी रोज़ी-रोट कमाता ँ,” उसने कहा। “म टह नय के व ान को समझता ँ, और म यह भी जानता ँ क जस जगह सब कु छ लखा आ है, उस जगह सध लगाने के लए टह नय का इ तेमाल कस तरह करना चा हए। वहाँ घुसकर म अतीत को पढ़ सकता ,ँ जो व मृ त क गत म चला गया है उसे वहाँ से ढँूढ कर बाहर ला सकता ँ, और उन शगनु को समझ सकता ँ, जो यहाँ वतमान म ह। “जब लोग मुझसे परामश लेते ह, तो म उनका भ व य पढ़ नह रहा होता ;ँ म भ व य के बारे म क़यास लगा रहा होता ।ँ भ व य तो ख़ुदा के हाथ म ह,ै और वही, असाधारण प र थ तय म, उसको उजागर करता है। म भ व य का क़यास कै से लगाता ँ? मौजूदा व त के शगनु के आधार पर। रह य यहाँ ह,ै वतमान म। अगर आप वतमान पर यान देते ह, तो आप उसे बेहतर बना सकते ह। और अगर आप वतमान को बेहतर बनाते ह, तो जो कु छ भी होने वाला ह,ै वह भी बहे तर होगा। भ व य के बारे म भलू जाओ, और जो सीख द गयी ह उनके मुता बक़ वतमान को जयो, इस व ास के साथ क ख़ुदा अपने ब च को यार करता है। हर दन, अपने आप म, अपने साथ शा तता को लेकर आता ह।ै ” ऊँ ट हाकँ ने वाले ने पछू ा था क वे कौन-सी प र थ तयाँ ह गी, जनम ख़दु ा उसको भ व य को देखने क अनुम त देगा।
“ सफ़ तभी जब वह ख़दु उसको उजागर करता ह।ै और ख़ुदा गाहे-ब-गाहे ही भ व य को उजागर करता है। और ऐसा वह सफ़ एक ही वजह से करता है : उस भ व य क वजह से जो इस लए लखा गया होता है ता क उसको बदला जा सके ।” “ख़दु ा ने लड़के को भ व य का एक ह सा दखा दया है,” ऊँ ट हाँकने वाले ने सोचा। “ या वजह है क वह इस लड़के को अपने एक साधन के तौर पर काम करते देखना चाहता ह?ै ” “जाओ और क़बील के सरदार से बात करो,” ऊँ ट हाकँ ने वाले ने कहा। “उ ह उन फ़ौज के बारे म बताओ जो इस तरफ़ बढ़ रही ह।” “वे लोग मरे ी हसँ ी उड़ाएगँ े।” “वे सब रे ग तानी लोग ह, और रे ग तान के लोग शगुन से नपटने के आद होते ह।” “ठ क ह,ै तब तो उनको यह पहले से ही पता होगा।” “वे फ़लहाल इसको लेकर परशे ान नह ह। उनका मानना है क अगर उनको ऐसा कु छ जानना ज़ री है जो अ लाह चाहता है क वे जान, तो कोई-न-कोई उनको उस बारे म बताएगा। ऐसा पहले भी कई बार हो चकु ा है, ले कन, इस बार, बताने वाले तमु हो।” लड़के ने फ़ा तमा के बारे म सोचा और उसने फ़ै सला कया क वह क़बील के सरदार से मलने जाएगा। *** लड़का नख़ ल तान के बीच -बीच बने वशाल सफ़े द त बू के सामने खड़े पहरेदार के पास प ँचा। “म सरदार से मलना चाहता ँ। म रे ग तान से भ व य-सचू क संके त लके र आया ।ँ ” पहरेदार कोई जवाब दए बना त बू म चला गया, जहाँ वह कु छ देर बना रहा। जब वह कट आ, तो उसके साथ एक नौजवान अरब था जसने सफ़े द और सुनहरी पोशाक पहन रखी थी। लड़के ने जो भी देखा था, वह सब उस नौजवान को बता दया, और नौजवान ने उससे वह ककर इ तज़ार करने को कहा। वह त बू म चला गया। रात घर आयी, आपस म झगड़ते तरह-तरह के आदमी और सौदागर त बू म आते-जाते रहे। एक-एक कर अलाव बुझते गए, और नख़ ल तान रे ग तान क ही तरह ख़ामोश हो गया। सफ़ उस वशाल त बू क ब याँ ही जलती रह । इस परू े समय लड़का फ़ा तमा के बारे म सोचता रहा, और उसके साथ ई आ ख़री बातचीत को वह अभी तक समझ नह पा रहा था। आ ख़रकार, कई घ ट के इ तज़ार के बाद, पहरदे ार ने लड़के को त बू म जाने को
कहा। अ दर जाकर लड़के ने जो कु छ देखा, उससे वह अच भत रह गया। वह क पना भी नह कर सकता था क रे ग तान के बीच -बीच इस तरह का कोई त बू हो सकता था। ज़मीन पर ऐसे बहे द ख़बू सरू त क़ालीन बछे ए थे जन पर उसने कभी परै भी नह रखे थे, छत से सोने के बने सुघड़ क द ल लटक रहे थे, जनम मोमब याँ जल रही थ । क़बीलाई सरदार त बू के पछले ह से म, कसीदाकारी से स जत रशे म क मसनद से टके , अध- गोलाकार बनाकर बैठे ए थ।े नौकर-चाकर त त रय म मसाले और चाय लेकर आ-जा रहे थे। कु छ सरे नौकर क म आग जला रहे थे। वातावरण मीठ ख़शु बू और धुएँ से ा त था। यँू तो वहाँ आठ सरदार थे, ले कन लड़के को यह पहचानते देर नह लगी क उनम सबसे मह वपणू कौन था : वह एक अरब था, जो सफ़े द और सुनहरी पोशाक पहने उस अध- गोलाकार के बीच म बठै ा आ था। उसक बग़ल म वह नौजवान अरब था जससे लड़का पहले बात कर चुका था। “कौन है यह अजनबी, जो भ व य-सचू क सकं े त क बात करता ह?ै ” एक सरदार ने लड़के को देखते ए पछू ा। “म ँ,” लड़के ने जवाब दया। और उसने वह बता दया जो उसने देखा था। “रे ग तान इस तरह क बात एक अजनबी को य बताने लगा, जब क उसे मालूम है क हम यहाँ कई पु त से रहते आ रहे ह?” सरे सरदार ने कहा। “ य क मरे ी आँख को अभी रे ग तान क आदत नह पड़ी है,” लड़के ने कहा। “म ऐसी चीज़ को देख सकता ँ, ज ह शायद रे ग तान क अ य त आँख नह देख सकत ।” और इस लए भी क म कायनात क ह के बारे म जानता ,ँ उसने मन-ही-मन सोचा। नख़ ल तान ग़ैरतरफ़दार इलाक़ा है। नख़ ल तान पर कोई हमला नह करता,” तीसरे सरदार ने कहा। “म तो आपको वही बता सकता ँ जो मने देखा था। अगर आप मेरी बात पर यक़ न नह करना चाहते, तो आपको इस बारे म कु छ भी करने क ज़ रत नह ह।ै ” उनके बीच उ े जत चचा होने लगी। वे एक ऐसी अरबी बोली म बात कर रहे थ,े जो लड़के को समझ म नह आ रही थी, ले कन, जब वह जाने को आ, तो पहरदे ार ने उससे कने को कहा। लड़के को डर सताने लगा; भ व य-सूचक सकं े त उससे कह रहे थे क कु छ गड़बड़ है। उसे पछतावा आ क उसने आ ख़र उस ऊँ ट हाकँ ने वाले को वह सब बताया ही य जो उसने रे ग तान म देखा था। अचानक, बीच म बैठा बजु ग सरदार ब त ह के -से मु कराया, और लड़के ने कु छ बहे तर महसूस कया। उस आदमी ने चचा म ह सा नह लया था, और, दरअसल, अब तक एक श द भी ज़बान से नह नकाला था, ले कन लड़का तो कायनात क ज़बान से वा कफ़
था, और वह परू े त बू म ा त हो उठ शा त के प दन को महससू कर पा रहा था। अब उसे अ दर-ही-अ दर लगने लगा था क उसने वहाँ आकर ठ क ही कया था। चचा समा त हो गयी। सारे सरदार उस बजु ग क बात सुनने ख़ामोश हो गए। फर वह लड़के क ओर मुड़ा : इस बार उसके चहे रे पर कोई भाव नह था और लगता था जैसे वह कह र देख रहा था। “दो हज़ार साल पहले, र एक मु क म, वाब म यक़ न करने वाले एक आदमी को तहख़ाने म डाल दया गया था, और फर उसे ग़लाम के प म बेच दया गया था,” उस बुजग ने कहा, जो अब एक ऐसी बोली म बात कर रहा था जसे लड़का समझता था। “हमारे सौदागर ने उस आदमी को ख़रीद लया और उसे म म ले आए। हम सब जानते ह क जो भी कोई वाब म यक़ न करता है, वह उनक ा या करना भी जानता है।” बुजग ने अपनी बात जारी रखते ए कहा, “जब फै रो ने बली गाय और मोट गाय का वाब देखा था, तो इस आदमी ने, जसक म बात कर रहा ँ, म को अकाल से राहत दलायी थी। उसका नाम जोसेफ़ था। वह भी तरे ी ही तरह एक अजनबी मु क म एक अजनबी ही था, और वह शायद तरे ी ही उ का था।” वह का, उसक आँख म अभी भी खापन बना आ था। “हम हमशे ा रवायत को मानते ह। रवायत ने ही उस ज़माने म म को अकाल से बचाया था, और म के बा श द को सबसे य़ादा दौलतम द बना दया था। रवायत ही इसं ान को सखाती है क रे ग तान को कै से पार कया जाए, और उनके ब च को शा दयाँ कस तरह करनी चा हए। रवायत कहती है क नख़ ल तान ग़रै तरफ़दार इलाक़ा होता ह,ै य क नख़ ल तान दोन ही पाल म ह, और इस लए दोन को ही ख़तरा होता ह।ै ” कसी ने एक श द भी नह कहा। बुजग बोलता रहा। “ले कन रवायत यह भी कहती है क रे ग तान के पग़ै ाम पर यक़ न करना चा हए। हम जो कु छ भी जानते ह, वह सब हम रे ग तान ने ही सखाया ह।ै ” बुजग ने एक इशारा कया और हर कोई खड़ा हो गया। बठै क समा त हो चुक थी। के बुझा दए गए, और पहरेदार सावधान क मु ा म खड़े हो गए। लड़का जाने को आ, ले कन तभी बजु ग फर बोल पड़ा। “कल हम इस क़रार को तोड़ने वाले ह क नख़ ल तान म कोई भी अपने पास ह थयार नह रखेगा। परू े दन हम अपने मन क तलाश म रहगे। दन डूबते ही हर कोई अपन-े अपने ह थयार मेरे सामने रख देगा। हमारे मन क हर दस लाश के बदले तु ह सोने क एक मुहर मलेगी। “ले कन ह थयार तभी तानने के क़ा बल होते ह जब वे भी जगं म ह सा लते े ह। ह थयार भी रे ग तान क ही तरह मनमौजी होते ह, और, अगर उनका इ तेमाल नह कया
जाता, तो ममु कन है अगली बार वे कसी काम के ही न रह जाए।ँ अगर कल का दन ख़ म होने तक उनम से कम-स-े कम एक का इ तमे ाल नह कया गया, तो उसका इ तमे ाल तमु पर कया जाएगा।” जब लड़का त बू से नकला, तो नख़ ल तान म सफ़ पणू च मा क रोशनी ही थी। वह अपने त बू से बीस मनट क री पर था, और उसने चलना शु कर दया। जो कु छ भी आ था उससे वह चौक ा हो उठा था। वह कायनात क ह तक प चँ ने म कामयाब रहा था, और अब ऐसा करने क क़ मत उसे अपनी जान से भी चकु ानी पड़ सकती थी। यह एक ख़तरनाक बाज़ी थी, ले कन वह इस तरह क जो खम भरी बा ज़याँ तो उसी दन से लगाता आ रहा था जब उसने अपनी नय त का पीछा करने क ख़ा तर अपनी भेड़ को बचे डाला था। और जसै ा क उस ऊँ ट हाकँ ने वाले ने कहा था, “कल मर जाना कसी भी सरे दन मरने से बदतर नह है। हर दन या तो ज़ दा बने रहने के लए है या इस नया से ख़सत लने े के लए है। सब कु छ एक ही श द पर टका आ था : “म ू ब।” चार तरफ़ फै ली ख़ामोशी के बीच चलते ए, उसे कोई पछतावा नह था। अगर वह कल मर जाता है, तो ऐसा इस लए होगा य क ई र भ व य को बदलना नह चाहता होगा। अगर वह मर भी गया तो कम-स-े कम इस बात का तो स तोष होगा क वह खाड़ी पार करने के बाद, टल क कान म काम करने के बाद, और रे ग तान क ख़ामोशी और फ़ा तमा क आखँ को जान लेने के बाद मरा ह।ै अरसा पहले जब से उसने अपना घर छोड़ा था, तब से अपना हर दन उसने भरपूर ढंग से जया था। अगर वह कल मर भी जाता है, तो वह सरे गड़ रय के मुक़ाबले ब त कु छ देख चकु ने के बाद मरा होगा, और इस बात को लेकर उसे गव था। सहसा उसे एक भीषण गजना सुनायी द और तज़े हवा ने उसे धके लकर नीचे गरा दया। ऐसा अनुभव उसे पहले कभी नह आ था। परू ा इलाक़ा धूल के बवंडर म च कर खा रहा था, जो इतना घना था क च मा आँख से ओझल हो गया था। उसके सामने एक वशालकाय सफ़े द घोड़ा था, जो भयानक ढंग से हन हनाता आ बार-बार उसके सामने अपने पछले परै पर खड़ा हो जा रहा था। उस अ धा कर देने वाली धूल के थोड़ा-सा छँटने पर लड़के ने जो नज़ारा देखा, उससे वह कापँ उठा। घोड़े पर परू ी तरह काले लबादे म ढँका एक आदमी सवार था, और उसके बाएँ क धे पर एक बाज़ बैठा आ था। उस घड़ु सवार ने साफ़ा पहन रखा था, और, सवा आखँ के , उसका पूरा चेहरा एक काले कपड़े से ढँका आ था। देखने म वह रे ग तान का कोई हरकारा लगता था, ले कन उसक मौजदू गी नरे हरकारे से य़ादा कसी ताक़तवर इसं ान जसै ी लग रही थी। उस व च -से घड़ु सवार ने अपनी ज़ीन म कसी यान से एक वशाल मुड़ी ई तलवार
नकाली। तलवार के फलक का फौलाद च मा क रोशनी म चमक उठा। “कौन है जो बाज़ क उड़ान के अथ को पढ़ने का साहस करता है,” उसने पूछा, जसक आवाज़ इतनी गरजती ई थी क वह अल फ़ यूम के हज़ार दर त से टकराकर गँूज उठ । “म ँ जसने यह जरत क ह,ै ” लड़के ने कहा। उसे उस तसवीर क याद आ गयी जसम स टयागो माटामोरोस सफ़े द घोड़े पर सवार था और वधम उस घोड़े के खुर के नीचे दबे ए थे। यह आदमी ब कु ल वसै ा ही दखायी दे रहा था, सवा इसके क भू मकाएँ उलट गयी थ । “म ँ जसने यह जरत क ह,ै ” उसने दोहराया, और तलवार का वार झेलने के लए उसने अपना सर झकु ा दया। “ब त-सी ज़ द गयाँ बच जाएगँ ी, य क म कायनात क ह को देख सकता था।” तलवार का वार नह आ। इसक बजाय, अजनबी उसे धीर-े धीरे तब तक नीचे करता गया जब तक क उसक नोक लड़के के माथे को नह छू ने लगी। उससे र क बूदँ नकल आयी। घुड़सवार पूरी तरह थर था, उसी तरह लड़का भी। लड़के को यह तक नह सझू ा क वह वहाँ से भाग जाता। वह अ दर-ही-अ दर एक व च क़ म का आन द महससू कर रहा था : अपनी नय त क खोज म वह क़रीब-क़रीब मरने को था। और फ़ा तमा क ख़ा तर। भ व य-सचू क संके त आ ख़रकार सही सा बत ए थ।े अब वह मन के आमने-सामने था, ले कन मरने क च ता करने क कोई ज़ रत नह थी - कायनात क ह उसका इ तज़ार कर रही थी, और वह ज द ही उसका ह सा बन जाने वाला था। और, कल, उसका मन भी उस ह का ह सा बन जाएगा। अजनबी तलवार क नोक को उसके माथे से टकाये रहा। “तुमने प र द क उड़ान को य पढ़ा?” “मने तो सफ़ वह पढ़ा था जो वे प र दे मझु से कहना चाहते थे। वे नख़ ल तान क हफ़ाज़त करना चाहते थे। कल तमु सब मर जाओगे, य क उनक सं या नख़ ल तान के तु हारे आद मय से य़ादा है।” तलवार अपनी जगह पर बनी रही। “तमु कौन होते हो, जो अ लाह क मज़ को बदलना चाहते हो?” “अ लाह ने फ़ौज को गढ़ा ह,ै और उसने बाज़ को भी गढ़ा ह।ै अ लाह ने मुझे प र द क ज़बान सखायी है। सब कु छ एक ही हाथ का लखा आ है,” लड़के ने ऊँ ट हाँकने वाले के श द को याद करते ए कहा। अजनबी ने लड़के के माथे से तलवार हटा ली, और लड़के को अप र मत राहत का
अहसास आ, ले कन वह तब भी भाग नह सका। “अपनी भ व यवा णय को लके र सावधान रहना,” अजनबी ने कहा। ‘जब कोई चीज़ लखी होती है, तो उसको कसी भी तरह से बदला नह जा सकता।” “मने तो सफ़ एक फ़ौज देखी थी,” लड़के ने कहा। “मने जगं का नतीजा नह देखा था।” अजनबी इस जवाब से स तु लगता था, ले कन वह तलवार अपने हाथ म लये रहा। “एक अजनबी एक अजनबी मु क म या रहा ह?ै ” “म अपनी नय त के पीछे चल रहा ।ँ यह बात तु हारी समझ म नह आएगी।” अजनबी ने तलवार यान म रख ली, और लड़के ने चैन क साँस ली। “मझु े तो तु हारी ह मत का इ तहान लने ा था,” अजनबी ने कहा। नया क ज़बान को समझने के लए ह मत सबसे य़ादा ज़ री है।” लड़का च कत था। अजनबी ऐसी चीज़ के बारे म बात कर रहा था जनके बारे म ब त थोड़े-से लोग जानते थे। “तु ह अपनी को शश नह छोड़नी चा हए, तमु ब त र नकल आए हो,” उसने अपनी बात जारी रखी। “तु ह रे ग तान से यार ज़ र करना चा हए, ले कन उस पर पूरी तरह भरोसा नह करना चा हए। य क रे ग तान सभी लोग का इ तहान लते ा है : वह हर क़दम पर चनु ौ तयाँ पेश करता ह,ै और जन लोग का यान भटकता ह,ै उनक जान ले लते ा है।” उसक बात ने लड़के को बढ़ू े राजा क याद दला द । “अगर कोई यो ा यहाँ आते ह, और सूरज डूबने तक तु हारा सर सलामत रहता है, तो आकर मुझसे मलना,” अजनबी ने कहा। जो हाथ थोड़ी देर पहले तलवार भाजँ रहा था, उसी ने अब चाबकु थाम लया था। घोड़ा एक बार फर धूल उड़ाता आ अपने पछले पैर पर खड़ा हो गया। “तमु कहाँ रहते हो?” लड़के ने भागते ए घुड़सवार को ज़ोर-से पकु ारते ए पूछा। चाबुक थामे हाथ ने द ण क तरफ़ इशारा कया। लड़का क मयागर से मल चकु ा था। *** अगली सबु ह अल-फ़ यूम पर खजूर के दर त के आसपास दो हज़ार ह थयारब द आदमी फै ले ए थे। सरू ज के सर पर चढ़ने के पहले ही पाँच सौ क़बीलाई तज पर कट हो गए। घुड़सवार लड़ाके उ र क तरफ़ से नख़ ल तान म दा ख़ल ए थे; ऊपरी तौर पर यह एक शा तपणू अ भयान लगता था, ले कन वे सब लोग अपने-अपने लबाद म ह थयार
छपाये ए थे। जब वे अल-फ़ यमू के बीच सफ़े द त बू के पास प ँचे, तो उ ह ने अपनी- अपनी कटार और राइफ़ ल नकाल ल । और उ ह ने उस त बू पर हमला कर दया जो ख़ाली पड़ा था। नख़ ल तान के लोग ने रे ग तान से आए इन सारे घड़ु सवार को घेर लया और आधा घ टे के भीतर ही एक को छोड़कर सारे घड़ु सवार मारे गए। ब च को खजरू के दर त के झरु मुट के सरी तरफ़ ले जाया गया था, और जो कु छ आ, वह ब च ने नह देखा। औरत अपने त बु म बनी रह , और अपने प तय के लए आ मागँ ती रह , और उ ह ने भी इस जगं का नज़ारा नह देखा। अगर मदै ान म लाश न बछ होत , तो यह नख़ ल तान के आम दन जैसा ही एक दन लगता। जस क़बीलाई को ब श दया गया था, वह फ़ौज क उस टुकड़ी का कमा डर था। उस दन दोपहर बाद उसे क़बीले के सरदार के सामने पेश कया गया, ज ह ने उससे पछू ा क उसने रवायत के उसलू को य तोड़ा। कमा डर ने कहा क उसके आदमी कई दन से जारी जगं से थके ए भूखे और यासे थे, और इस लए उसने नख़ ल तान पर हमले का फ़ै सला कया था ता क वे जंग पर वापस लौटने के क़ा बल हो सकते। क़बीले के सरदार ने क़बीलाइय के मारे जाने पर अफ़सोस जताया, ले कन कहा क रवायत पाक होती है। उसके कमा डर को बइे ज़त मौत क सज़ा सनु ायी। उसको तलवार या ब क़ क गोली से मारने क बजाय खजूर के एक सखू े दर त से फाँसी पर लटका दया गया, जहाँ उसक लाश रे ग तान क हवा म झूलती रही। क़बीले के सरदार ने लड़के को बलु वाया और उसको तोहफ़े के तौर पर सोने क पचास मुहर द । उसने म के जोसफ़े का क़ सा दोहराया, और लड़के को नख़ ल तान का सलाहकार बनने का यौता दया। जब सूरज ढल गया, और आसमान म पहले सतारे दखायी देने लग,े तो लड़के ने द ण क तरफ़ चलना शु कया। अ ततः उसे एक अके ला त बू दखायी दया, और वहाँ से गुज़रते अरब के एक समूह ने लड़के को बताया क उस जगह पर ज रहते ह, ले कन लड़का त बू के पास बैठ गया और इ तज़ार करने लगा। जब च मा आसमान म काफ़ ऊँ चे चढ़ आया, तब कह जाकर घोड़े पर सवार क मयागर आता आ दखायी दया। वह अपने क धे पर दो मरे ए बाज़ लादे ए था। “यह रहा म,” लड़के ने कहा। “तु ह यहाँ नह होना चा हए,” क मयागर ने जवाब दया। “या फर तु हारी नय त ही तु ह यहाँ लके र आयी है?” “जब तक क़बील के बीच जंग छड़ी ई ह,ै तब तक रे ग तान को पार करना नामुम कन ह।ै इस लए म यहाँ आ गया।”
क मयागर घोड़े से उतरा और उसने लड़के को अपने साथ त बू म आने का इशारा कया। यह नख़ ल तान के ब त-से त बु जसै ा ही एक त बू था। लड़के ने त र और क मया गरी के काम आने वाले सरे औज़ार क तलाश म चार ओर देखा, ले कन उसे वहाँ वैसा कु छ दखायी नह दया। वहाँ तो बस कु छ पु तक का एक ढेर लगा आ था, भोजन पकाने क एक छोट -सी अँगीठ थी, और कु छ क़ालीन थे, जन पर रह यमय क़ म क आकृ तयाँ उके री ई थ । “बठै जाओ। हम कु छ पएगँ े और फर इन बाज़ को खाएगँ े।” लड़के को शक आ क वे वही बाज़ थे ज ह उसने एक दन पहले देखा था, ले कन उसने कु छ नह कहा। क मयागर ने आग जलायी, और ज द ही त बू म एक लभु ावनी महक भर गयी। यह के क ख़शु बू से बहे तर थी। “आप मुझसे य मलना चाहते थे?” “भ व य-सचू क सकं े त क वजह स,े ” क मयागर ने जवाब दया। “हवा ने मुझे बताया क तमु आओगे, और तु ह मदद क ज़ रत होगी।” “वह म नह ँ जसके बारे म हवा ने बात क थी। वह एक सरा परदेसी ह,ै एक अँ ज़े । वही था जो आपको तलाश रहा था।” “उसे पहले कु छ और काम करने ह। ले कन वह सही रा ते पर ह।ै उसने रे ग तान को समझने क को शश शु कर द ह।ै ” “और मेरे बारे म आपका या कहना ह?ै ” “जब कोई स चे दल से कसी चीज़ क चाहत करता ह,ै तो सारी कायनात मलकर उसके सपने को साकार करने के लए काम करने लगती ह,ै ” क मयागर ने बढ़ू े राजा ारा कहे गए श द को त व नत करते ए कहा। लड़का समझ गया। यहाँ एक और आदमी था जो उसको उसक नय त तक प चँ ाने म मदद कर रहा था। “तो या आप मझु े सीख देने वाले ह?” “नह । तमु पहले से ही वह सब जानते हो, जो तु ह जानना ज़ री है। म तो सफ़ उस तरफ़ इशारा करने वाला ँ, जहाँ तु हारा ख़ज़ाना ह।ै ” “ले कन क़बील म तो जंग छड़ी ई ह,ै ” लड़के ने दोहराया। “मझु े मालूम है क रे ग तान म या हो रहा ह।ै ” “मुझे तो मेरा ख़ज़ाना पहले ही मल चकु ा है। मेरे पास एक ऊँ ट है, टल क कान म कमाया गया पसै ा मरे े पास है, और मेरे पास सोने क पचास मुहर ह। मरे े मु क म तो मरे ी गनती एक दौलतम द इंसान के प म होगी।” “ले कन इनम से कोई भी चीज़ परा मड क तो नह ह,ै ” क मयागर ने कहा। “मेरे पास फ़ा तमा भी ह।ै वह तो मेरा अब तक का सबसे बड़ा ख़ज़ाना ह।ै ”
“ले कन वह भी परा मड से हा सल नह क गयी है।” वे ख़ामोशी के साथ खाना खाते रहे। क मयागर ने एक बोतल खोली और लड़के के याले म लाल रगं का कोई तरल उँड़ेल दया। वसै ी लजीज़ वाइन उसने अब तक नह चखी थी। “ या यहाँ वाइन पीने पर पाब द नह ह?ै ” लड़के ने पछू ा। “बरु ाई वह नह है जो इसं ान के मुँह म जाती ह,ै ” क मयागर ने कहा। “बुराई वह है जो उनके मँहु से बाहर आती ह।ै ” क मयागर पहले उसे कु छ डरावना लग रहा था, ले कन वाइन पीने के बाद लड़का सहज हो गया। खाना खाने के बाद वे त बू के बाहर आकर बैठ गए। च मा इस क़दर चमक रहा था क उससे तार क चमक फ क पड़ गयी थी। “ पयो और मज़े लो,” क मयागर ने कहा। वह देख रहा था क लड़का काफ़ ख़शु ी महसूस कर रहा था। “आज रात म ख़बू अ छ तरह आराम करना, जसै े तुम कोई यो ा हो और लड़ाई क तयै ारी कर रहे हो। याद रखो, जहाँ तु हारा दल है, वह तु हारा ख़ज़ाना ह।ै तु ह ख़ज़ाने को खोजना ही होगा, ता क उसक राह म अब तक तुमने जो कु छ सीखा है, वह साथक हो सके । “कल तमु अपना ऊँ ट बेच देना और एक घोड़ा ख़रीद लेना। ऊँ ट धोखेबाज़ होते ह : वे मील चलते जाते ह और कभी थकते नह लगते, फर अचानक वे घुटने टेक देते ह और मर जाते ह, ले कन घोड़े धीर-े धीरे करके थकते ह। तु ह हमशे ा यह मालूम होता है क उनसे कतनी उ मीद करनी चा हए, और यह क वे कब मरने वाले ह।” *** अगली रात लड़का एक घोड़े के साथ क मयागर के त बू पर प चँ ा। क मयागर तयै ार था, और वह ख़दु भी अपने घोड़े पर सवार हो गया और उसने एक बाज़ को अपने बाएँ क धे पर रख लया। फर उसने लड़के से कहा : “मझु े बताओ क रे ग तान म जीवन कधर ह।ै सफ़ वही लोग ख़ज़ाने को हा सल कर सकते ह, जो जीवन के ऐसे नशान को देख पाते ह।” अपने घोड़ पर सवार होकर वे रेत म चल पड़े। चादँ क रोशनी उ ह रा ता दखा रही थी। “पता नह , म रे ग तान म जीवन के नशान ढूँढ सकँू गा या नह ,” लड़के ने सोचा। “म रे ग तान को अभी भी उतनी अ छ तरह तो जानता नह ।” यह बात वह क मयागर से कहना चाहता था, ले कन उसे उस आदमी से डर लगता था। वे उस च ानी थल पर प ँचे जहाँ लड़के ने आसमान म बाज़ को उड़ते देखा था, ले कन अब वहाँ सफ़ ख़ामोशी थी और हवा थी। “म नह जानता क रे ग तान म जीवन कै से पाया जाए,” लड़के ने कहा। “यह तो म
जानता ँ क रे ग तान म जीवन ह,ै ले कन उसे कहाँ खोजा जाए, यह म नह जानता।” “जीवन जीवन को अपनी ओर ख चता है,” क मयागर ने जवाब दया। और तब लड़के को समझ म आया। उसने अपने घोड़े क लगाम को ढ ला कर दया, और वह च ान और रेत पर सरपट दौड़ पड़ा। लड़के का घोड़ा लगभग डेढ़ घ टे तक भागता रहा और क मयागर उसका पीछा करता रहा। अब उनको नख़ ल तान के खजरू के दर त दखायी नह दे रहे थे - सफ़ उनके ऊपर वशाल च मा था, रे ग तान के प थर पर फसलती उसक सफ़े द रोशनी थी। अचानक, बना कसी साफ़ वजह के लड़के के घोड़े ने अपनी र तार धीमी कर द । “यहाँ कह पर जीवन ह,ै ” लड़के ने क मयागर से कहा। “म रे ग तान क भाषा तो नह समझता, ले कन मरे ा घोड़ा जीवन क भाषा समझता ह।ै ” वे घोड़ से उतर गए, और क मयागर ने कु छ नह कहा। धीर-े धीरे आगे बढ़ते ए वे प थर के बीच कु छ खोजते रह।े क मयागर सहसा ठहर गया और ज़मीन पर झुक गया। वह प थर के बीच एक सरु ाख़ था। क मयागर ने उस सूराख़ म अपना हाथ डाल दया, और फर क धे तक अपनी परू ी बाँह उसके अ दर कर द । अ दर कोई चीज़ थी जो हल-ढुल रही थी, और उस को शश म क मयागर क आँख तरछ ई जा रही थ - लड़के को सफ़ उसक आखँ ही दखायी दे पा रही थ । लगता था क उस सरू ाख़ म जो कु छ भी था, उससे उसका हाथ जूझ रहा था। फर, लड़के को च कत करते एक झटके के साथ उसने अपना हाथ बाहर नकाला और वह उछलकर खड़ा हो गया। उसने अपने हाथ म एक साँप को उसक पूँछ से पकड़ रखा था। लड़का भी उछल पड़ा, ले कन क मयागर से र। साँप बरु ी तरह जूझ रहा था, और उसक फु फकार रे ग तान क ख़ामोशी को हला रही थ । वह कोबरा था, जसका ज़हर आदमी को कु छ ही मनट म ख़ म कर सकता था। “उसके ज़हर से सावधान रहना,” लड़के ने कहा, ले कन बावजदू इसके क क मयागर ने अपना हाथ सुराख़ म डाला था, और तय था क साँप ने उसे काटा होगा, उसका हाव-भाव एकदम सहज था। “क मयागर क उ दो सौ वष ह,ै ” अँ ेज़ ने उसे बताया था। वह न य ही जानता होगा क रे ग तान के साँप से कै से नपटना चा हए। लड़का अपने इस साथी को अपने घोड़े के पास जाते और वहाँ से एक कटार नकालते देखता रहा। उसने कटार क नोक से रते पर एक घेरा बनाया और फर सापँ को उस घरे े म रख दया। सापँ तरु त शा त हो गया। “ च ता क कोई बात नह ,” क मयागर ने कहा। “वह इस घेरे के बाहर नह जाएगा। तु हारे ारा रे ग तान म जीवन क खोज वह भ व य-सचू क संके त है, जसक मुझे ज़ रत थी।”
“यह चीज़ इतनी अहम य थी?” “ य क परा मड रे ग तान से घरे ए ह।” लड़का परा मड के बारे म बात नह करना चाहता था। उसका दल भारी था और कल रात से ही मायसू ी क हालत म था। ख़ज़ाने क खोज को जारी रखने का मतलब था क वह फ़ा तमा को याग रहा था। “म तु ह पूरे रे ग तानभर रा ता दखाने वाला ँ,” क मयागर ने कहा। “म नख़ ल तान म ही रहना चाहता ,ँ ” लड़के ने जवाब दया। “मझु े फ़ा तमा मल गयी है, और मेरे लए वह कसी भी ख़ज़ाने से बढ़कर है।” “फ़ा तमा रे ग तानी औरत है,” क मयागर ने कहा। “वह जानती है क मद को वापस लौटने के लए बाहर जाना होता है। और उसे तो पहले ही ख़ज़ाना मल चुका है : वह ख़ज़ाना तमु हो। अब वह चाहती है क तु ह वह चीज़ मल सके , जसक तमु तलाश कर रहे हो।” “ठ क ह,ै ले कन अगर म कने का फ़ै सला क ँ , तो?” “म बताता ँ क या होगा। तुम नख़ ल तान के सलाहकार बन जाओग।े तु हारे पास इतना सोना होगा क तुम ढेर भेड़ और ढेर ऊँ ट ख़रीद सकोगे। तमु फ़ा तमा से शाद कर लोगे और साल भर तक तुम दोन सखु ी रहोगे। तुम रे ग तान को यार करना सीख जाओगे, और तुम खजूर के पूर-े के -परू े पचास हज़ार दर त को पहचानने लगोग।े तुम उनको बढ़ते ए और यह दशाते ए देखोगे क कस तरह नया हमेशा बदलती रहती ह।ै और तुम भ व य-सचू क सकं े त को समझने के मामले म बेहतर-स-े बेहतर होते जाओगे, य क रे ग तान नया का सबसे अ छा गु ह।ै “ सरे वष के दौरान कसी व त, तु ह ख़ज़ाने क याद आएगी। भ व य-सचू क संके त उसके बारे म ज़ोर देकर बात करने लगग,े और तुम उनको नज़रअ दाज़ करने क को शश करोगे। तमु अपने ान का इ तमे ाल नख़ ल तान और उसके बा श द के क याण के लए करोगे। तमु जो भी करोगे, क़बीले के सरदार उसक सराहना करग।े और तु हारे ऊँ ट तु ह दौलतम द और ताक़तवर बना दग।े “तीसरे साल भी भ व य-सचू क सकं े त तु हारे ख़ज़ाने और तु हारी नय त के बारे म बोलना जारी रखगे। तमु एक-के -बाद-एक रात नख़ ल तान का च कर लगाते रहोगे, और फ़ा तमा को ख होगा, य क उसे लगगे ा क उसी ने तु हारी खोज म कावट पदै ा क थी, ले कन तमु उसे यार करते रहोगे, और वह भी तु ह यार करती रहेगी। तु ह याद आएगा क उसने कभी भी तुमसे कने को नह कहा था, य क रे ग तानी औरत समझती है क उसे अपने मद का इ तज़ार करना चा हए। इस लए तुम उसे दोषी नह ठहराओगे, ले कन ब त बार ऐसा होगा क रते पर चलते ए तमु सोचोगे क शायद तु ह चले जाना चा हए था… क
तुम फ़ा तमा के त अपने यार पर कु छ य़ादा भरोसा कर सकते थ,े य क जस चीज़ ने तु ह रे ग तान म रोके रखा था, वह मुम कन है, तु हारा यह भय रहा हो क तमु कभी वापस नह लौट पाओग।े उस मक़ाम पर भ व य-सूचक सकं े त तु ह बताएगँ े क तु हारा ख़ज़ाना हमेशा के लए द न हो चकु ा है। “ फर, चौथे वष के दौरान कसी व त शगनु तु ह छोड़कर चले जाएगँ ,े य क तमु उनक बात सनु ना ब द कर चुके होग।े क़बीले के सरदार इस बात को समझ जाएगँ ,े और तु ह सलाहकार के पद से बरख़ा त कर दया जाएगा, ले कन तब तक तमु एक दौलतम द ापारी बन चकु े होग,े तु हारे पास ब त-से ऊँ ट और माल होगा। तमु अपनी बाक़ ज़ दगी इस अहसास के साथ बताओगे क तमु ने अपनी नय त का पीछा नह कया, और अब इस काम के लए ब त देर हो चकु है। “तु ह यह समझना चा हए क ेम कभी कसी आदमी को उसक नय त क तलाश करने से नह रोकता। अगर वह उस खोज को याग देता ह,ै तो इस लए क वह स चा ेम नह होता… वह ेम जो नया क ज़बान बोलता है।” क मयागर ने रते पर बने घेरे को मटा दया और वह साँप लहराता आ च ान म खो गया। लड़के को टल के उस कानदार क याद आयी जो हमेशा म का जाना चाहता रहा था, और उस अँ ज़े क याद आयी जसे क मयागर क तलाश थी। उसने उस ी के बारे म सोचा जसने रे ग तान पर भरोसा जताया था। और उसने उस रे ग तान को देखा जो उसे उस ी तक लेकर आया था जससे उसे यार था। वे अपने घोड़ पर सवार ए, और इस बार नख़ ल तान क ओर लौटते ए लड़का क मयागर के पीछे चला। हवा उन तक नख़ ल तान क आवाज़ लेकर आयी, और लड़के ने उन आवाज़ म फ़ा तमा क आवाज़ सुनने क को शश क । ले कन उस रात, जब वह घेरे के भीतर पड़े कोबरा को देख रहा था, अपने क धे पर बाज़ को बठै ाए उस अजीबो-ग़रीब घड़ु सवार ने मे और ख़ज़ाने के बारे म, रे ग तानी औरत और उसक नय त के बारे म बात क थी। “म आपके साथ चलूगँ ा,” लड़के ने कहा। और यह कहते ही उसे अपने दय म शा त का अहसास आ। “हम लोग कल सरू ज उगने से पहले नकलग,े ” क मयागर ने सफ़ इतना ही कहा। *** लड़के ने पूरी रात जागते ए बतायी। भोर होने से दो घ टे पहले उसने अपने त बू म सोये एक लड़के को जगाया और उससे कहा क वह उसे फ़ा तमा के त बू तक प ँचा दे। जब उसके दो त ने उसे फ़ा तमा के त बू तक प चँ ा दया, तो लड़के ने उसे इतना सोना दया क
वह एक भेड़ ख़रीद सकता था। फर उसने अपने दो त से कहा क वह फ़ा तमा के त बू के अ दर जाकर उसे जगाए और बताए क वह त बू के बाहर उसका इ तज़ार कर रहा है। उस नौजवान अरब ने वसै ा ही कया जसके बदले म उसे फर से उतना ही सोना दया गया, जससे वह एक और भड़े ख़रीद सकता था। “अब तुम जाओ,” लड़के ने उस नौजवान अरब से कहा। अरब वापस अपने त बू म आकर सो गया। उसे इस बात का गव था क उसने नख़ ल तान के सलाहकार क मदद क थी, इस बात क ख़शु ी थी क उसके पास इतना पैसा था क वह कु छ भड़े ख़रीद सकता था। फ़ा तमा त बू के दरवाज़े पर कट ई। दोन चहलक़दमी करते ए खजरू के दर त के बीच प चँ गए। लड़का जानता था क वह रवायत का उ लघं न कर रहा था, ले कन इस व त उसे इसक कोई परवाह नह थी। “म बाहर जा रहा ँ,” उसने कहा। “और म चाहता ँ क तमु यह समझ लो क म वापस आऊँ गा। म तुमसे यार करता, य क…” “कु छ भी मत कहो,” फ़ा तमा ने उसे बीच म ही रोकते ए कहा। “ कसी से यार इस लए कया जाता ह,ै य क उससे यार होता ह।ै यार करने के लए कसी वजह क ज़ रत नह होती।” ले कन लड़के ने अपनी बात जारी रखी, “मने एक वाब देखा था और म एक राजा से मला था। मने टल बेचे और रे ग तान पार कया। और य क क़बील ने जंग का ऐलान कर दया था इस लए म क मयागर के बारे म पछू ताछ करने कु एँ पर गया था। इस तरह, म तमु से इस लए यार करता ँ क तुमसे मलने के लए सारी-क -सारी कायनात ने मलकर मेरी मदद क ह।ै ” दोन ने आ लगन कया। यह पहली बार था, जब दोन म से कसी ने भी एक- सरे को छु आ था। “म वापस आऊँ गा,” लड़के ने कहा। “इसके पहले तक म रे ग तान क ओर हसरत भरी नगाह से देखा करती थी,” फ़ा तमा ने कहा। “अब म उ मीद से देखा क ँ गी। एक दन मेरे पता भी बाहर गए थे, ले कन वे मरे ी माँ के पास लौटे थ,े और उसके बाद से वे हमेशा वापस लौटते रह।े ” उ ह ने और कु छ नह कहा। वे खजूर के दर त के बीच कु छ और आगे तक गए, और फर लड़के ने उसे उसके त बू के दरवाज़े तक छोड़ दया। “म वापस लौटँूगा, जसै े तु हारे पता तु हारी माँ के पास वापस लौटे थे,” उसने कहा। उसने देखा क फ़ा तमा क आँख म आँसू छलछला रहे थे।
“तुम रो रही हो?” “म रे ग तानी औरत ज़ र ँ,” उसने अपना चेहरा एक ओर मोड़ते ए कहा। “ले कन आ ख़र म एक औरत ही तो ँ।” फ़ा तमा अपने त बू म वापस चली गयी, और जब दन नकल आया, तो वह बाहर आकर रोज़मरा के उ ह काम म लग गयी जो वह वष से करती आ रही थी, ले कन सब कु छ बदल चुका था। लड़का अब नख़ ल तान म नह था, और नख़ ल तान का वही अथ अब नह रह गया था, जो अभी कल तक था। अब वह पचास हज़ार खजरू के दर त और तीन सौ कँु वाली जगह नह रह जाने वाली थी, जहाँ मसु ा फ़र आते थे और अपने ल बे सफ़र के अ त म सु ताते थे। उस दन के बाद स,े नख़ ल तान उसके लए एक ख़ाली जगह रह जाने वाला था। उस दन के बाद से, रे ग तान क अह मयत बढ़ जाने वाली थी। वह हर रोज़ उसक ओर ताके गी, और अ दाज़ा लगाने क को शश करेगी क अपने ख़ज़ाने क तलाश म लड़का कस सतारे क दशा म जा रहा होगा। उसे हवा क माफ़त अपने चु बन भजे ने ह गे, इस उ मीद म क वह हवा लड़के के चहे रे को छु एगी, और उसे बताएगी क वह ज़ दा ह।ै बताएगी क वह उसका इ तज़ार कर रही है, एक औरत ख़ज़ाने क खोज म गए अपने साहसी मद का इ तज़ार कर रही ह।ै उस दन के बाद स,े उसके लए रे ग तान का एक ही मतलब होगा : उसक वापसी क उ मीद। *** “उस सब के बारे म मत सोचो जो तुम पीछे छोड़ आए हो,” घोड़ पर सवार रे ग तान क रेत पर अपना सफ़र शु करते ए क मयागर ने लड़के से कहा। “कायनात क ह म सब कु छ पहले से लखा आ ह,ै और वह वहाँ हमेशा लखा रहेगा।” “इसं ान घर छोड़ने क बजाय घर लौटने के बारे म य़ादा वाब देखते ह,” लड़के ने कहा। वह एक बार फर रे ग तान क ख़ामोशी का अ य त हो चकु ा था। “जो कु छ भी तु ह मला ह,ै अगर वह वशु त व से बना ह,ै तो वह कभी न नह होगा। और तुम कभी भी उस तक वापस लौट सकते हो। और अगर जो चीज़ तु ह मली थी, वह महज़ रोशनी क एक क ध थी, जसै क कसी तारे का व फोट, तो लौटने पर तु हारे हाथ कु छ नह लगेगा।” वह आदमी क मया गरी क भाषा बोल रहा था, ले कन लड़का जानता था क उसका इशारा फ़ा तमा क तरफ़ था। ब त मु कल था उसके बारे म न सोचना जो वह पीछे छोड़ आया था। रे ग तान के अ तहीन एक-स-े पन ने उसे वाब म डुबो दया। लड़का अभी भी खजूर के दर त को,
कुँ को, और उस औरत के चेहरे को देख पा रहा था, जसे वह यार करता था। वह अँ ेज़ को अपने योग म लगा देख पा रहा था, और उस ऊँ ट हाकँ ने वाले को जो एक गु था, हालाँ क उसे ख़दु इस बात का अहसास नह था। हो सकता ह,ै क मयागर को कभी इ क़ ही न आ हो, लड़के ने सोचा। क मयागर अपने घोड़े पर सवार आग-े आगे चल रहा था। बाज़ उसके क धे पर बैठा था। वह प र दा रे ग तान क ज़बान को अ छ तरह से समझता था, और जब कभी वे कते थे, तो वह शकार क तलाश म उड़ जाता था। पहले दन वह एक ख़रगोश लके र लौटा था, और सरे दन दो प र दे। रात के व त, वे अपना ब तर बछाते और अपनी आग को छपा कर रखते। रे ग तान क रात ठ डी थ , और जैसे-जसै े च मा का उजला पखवाड़ा बीत रहा था वैस-े वेसे वे और- और अधँ रे ी होती जा रही थ । वे ह ते भर तक चलते रहे, जस दौरान वे सफ़ उन सावधा नय के बारे म बात करते थे, जनका पालन करना क़बील के बीच जारी जगं से बचने के लए ज़ री था। जगं जारी थी, और कभी-कभी हवा ख़नू क भीनी, ण ग ध लेकर आती थी। जंग पास म कह जारी थी, और हवा लड़के को याद दलाती थी क शुगन क अपनी एक भाषा होती है, जो हर व त उसे वह बताने को तैयार थी जसे उसक आँख नह देख पाती थ । सातव दन, क मयागर ने व त से थोड़ा पहले ही पड़ाव डालने का फ़ै सला कया। बाज़ शकार क तलाश म उड़ गया, और क मयागर ने पानी का अपना पा लड़के क ओर बढ़ाया। “तु हारा सफ़र क़रीब-क़रीब ख़ म होने को ह,ै ” क मयागर ने कहा। “म तु ह मबु ारकबाद देता ँ क तुम अपनी नय त क खोज म लगे रह।े ” “और आपने मुझसे रा ते भर कु छ नह कहा,” लड़के ने कहा। “म सोचता था क आप मुझे कु छ ऐसी चीज़ सखाएगँ े जो आप जानते ह। कु छ समय पहले, मने एक ऐसे आदमी के साथ रे ग तान का सफ़र कया था जसके पास क मया गरी से ता लक़ु रखने वाली पु तक थ , ले कन म उन पु तक से कु छ भी नह सीख पाया था।” “सीखने का सफ़ एक ही तरीक़ा ह,ै ” क मयागर ने जवाब दया। “और वह है कम। तु ह जो कु छ भी जानने क ज़ रत ह,ै वह तुम अपने सफ़र क माफ़त सीख चुके हो। अब तु ह सफ़ एक और चीज़ सीखने क ज़ रत ह।ै ” लड़का उस चीज़ के बारे म जानना चाहता था, ले कन क मयागर क नगाह बाज़ क तलाश म तज पर टक ई थ । “आप क मयागर य कहलाते ह?” “ य क म वही ।ँ ”
“और उन सरे क मयागर के साथ या गड़बड़ ई थी, ज ह ने सोना बनाने क को शश क ले कन नाकामयाब रहे?” “उनको सफ़ सोने क तलाश थी,” उसके साथी ने जवाब दया। “वे अपनी नय त को वा त वक प से जये बना ही उसको हा सल कर लने ा चाहते थे।” “वह या है जो मरे े लए अभी भी जानना ज़ री ह?ै ” लड़के ने पछू ा। ले कन क मयागर तज क ओर ही देखता रहा। और अ ततः बाज़ उनका भोजन लेकर वापस आ गया। उ ह ने एक ग ा खोदा और उसम आग जलायी, ता क उसक लपट देखी न जा सक। “म क मयागर महज़ इस लए ँ य क म क मयागर ँ,” उसने खाना पकाते ए कहा। “यह नर मने अपने दादा से सीखा था, ज ह ने इसे अपने पता से सीखा था, और यह सल सला इस नया के बनने के समय से चला आ रहा है। उस ज़माने म ‘ धान कृ त’ को लखना इतना सरल था क उसे महज़ एक र न पर लखा जा सकता था, ले कन इंसान ने सरल चीज़ को ख़ा रज़ करना शु कर दया और वे थ, ट काए,ँ और फ़लसफ़े लखने लग।े उ ह यह भी लगने लगा क वे पुराने ज़माने के लोग से बहे तर तरीक़े जानते ह। तब भी र न क ट कया पर लखी वह इबारत अब भी मौजूद ह।ै ” “र न क उस ट कया पर या लखा आ था?” लड़का जानना चाहता था। क मयागर रते पर रेखाएँ ख चने लगा, और उसने पाँच मनट से भी कम समय म वह रेखा च पूरा कर दया। उसे वह रेखा च बनाते ए देखकर लड़का बूढ़े राजा के बारे म, और उस चौक के बारे म सोचने लगा, जहाँ उस दन उनक मलु ाक़ात ई थी; उसे लगा जसै े उस घटना को वष बीत गए ह । “यह था जो र न क उस ट कया पर लखा आ था,” च पूरा करने के बाद क मयागर ने कहा। लड़के ने रते पर लखी उस च - ल प को पढ़ने क को शश क । “यह तो कोई कू ट- ल प ह,ै ” लड़के ने कु छ नराशा के भाव से कहा। “ये कु छ उसी तरह क चीज़ लगती है, जो मने उस अँ ज़े क पु तक म देखी थी।” “नह ,” क मयागर ने जवाब दया। “ये उन दो बाज़ क उड़ान जसै ी है; इसे सफ़ तक का इ तमे ाल कर के नह समझा जा सकता। र न क वह ट कया कायनात क ह तक प ँचने का सीधा रा ता है। “ ानी लोग जानते थे क यह कु दरती नया वग क एक तसवीर और उसक नक़ल ह।ै इस नया का वजदू इस बात क महज़ एक गार ट है क कह एक ऐसी नया है जो अपने आप म परू ी ह।ै परमे र ने यह नया इस लए रची थी ता क इसक दखायी देने वाली चीज़ क माफ़त इंसान उसक हानी सीख को, और उसक अ ल के चम कार को
समझ सके । कम से मेरा अथ यही ह।ै ” “ या मुझे र न क ट कया को समझ लने ा चा हए?” लड़के ने पछू ा। “शायद, अगर तुम क मया गरी क कसी योगशाला म होते, तो र न क ट कया को सबसे अ छ तरह समझने के लए बझू ने का यह एकदम सही व त होता, ले कन तमु रे ग तान म हो। इस लए तुम ख़दु को इसम डुबा दो। रे ग तान तु ह नया का इ म मुहयै ा कराएगा; दरअसल नया क कोई भी चीज़ यह कर सकती ह।ै तु ह तो रे ग तान तक को समझने क ज़ रत नह है : तु ह सफ़ इतना भर करने क ज़ रत है क तुम रेत के एक कण पर यान जमाओ, और तु ह उसम सृ के सारे चम कार दखायी देने लगग।े ” “म ख़दु को रे ग तान म कै से डुबाऊँ ?” “अपने दल क आवाज़ सनु ो। वह सब कु छ जानता है, य क वह कायनात क ह से पदै ा आ ह,ै और एक दन उसी म लौट जाएगा।” *** वे अगले दो और दन तक ख़ामोशी-से रे ग तान को पार करते रहे। क मयागर ब त य़ादा चौक ा हो चकु ा था, य क वे उस इलाक़े क ओर बढ़ रहे थे, जहाँ सबसे हसक लड़ाइयाँ लड़ी जा रही थ । वे आगे बढ़ते जा रहे थे और लड़का अपने दल क आवाज़ सुनने क को शश कर रहा था। यह आसान काम नह था; पहले के दन म उसका दल हमेशा अपना क़ सा सनु ाने को तयै ार होता था, ले कन बाद के दन म ऐसा नह रह गया था। एक ऐसा समय रहा था, जब उसका दल अपनी उदासी के बारे म घ ट बात करता रहता था, और एक समय म वह रे ग तान के सूय दय को देखकर इतना ज बाती हो जाता था क लड़के को अपने आँसू छपाना पड़ते थे। उसका दल जब लड़के के ख़ज़ाने के बारे म बात करता था, तो वह ब त तेज़ी-से धड़कने लगता था, और जब लड़का रे ग तान के तज क ओर म मु ध होकर देखता था, तो वह ब त धीर-धीरे धड़कता था। ले कन उसका दल शा त कभी नह रहता था, उस व त भी जब लड़का और क मयागर ख़ामोश हो जाया करते थे। “हम अपने दल क आवाज़ सुनने क ज़ रत य होती ह?ै ” उस दन जब उ ह ने पड़ाव डाला, तो लड़के ने पछू ा। “ य क जहाँ कह भी तु हारा दल होगा, वह तु ह अपना ख़ज़ाना मलगे ा।” “ले कन मेरा दय व ु ध रहता ह,ै ” लड़के ने कहा। “उसके अपने वाब ह, वह ज बाती हो उठता है, और रे ग तान क लड़क के सामने वह आवगे से भर चुका है। यह मुझसे तरह-तरह क मागँ करता ह,ै और जब म उस लड़क के बारे म सोच रहा होता ँ, तो कई-कई रात तक तो यह मुझे सोने नह देता।”
“यह तो अ छा ही है। तु हारा दल जीता-जागता है। वह जो भी कहता है, उसे सनु ना जारी रखो।” अगले तीन दन के दौरान ये दोन मसु ा फ़र कई ह थयारब द क़बीलाइय के क़रीब से गज़ु रे, और कइय को उ ह ने तज के क़रीब देखा। लड़के का दय भय के बारे म बोलने लगा। वह उसे वे क़ से सुनाने लगा जो उसने कायनात क ह से सुने थे, उन आद मय के क़ से ज ह ने अपने ख़ज़ान क खोज करनी चाही थी और उस खोज म वे कभी कामयाब नह ए थे। कभी-कभी वह लड़के को इस ख़याल से डराता था क हो सकता है उसको उसका ख़जाना मले ही नह , या हो सकता है वह रे ग तान म ही मर जाए। कभी वह लड़के से कहता क वह स तु है : उसे मे और दौलत मल चकु े ह। “मरे ा दय धोखबे ाज़ है,” लड़के ने क मयागर से कहा। उस समय वे घोड़ को सु ताने का मौक़ा देने के ए थे। “ये नह चाहता क म अपना सफ़र जारी रखूँ।” “ठ क ही तो है,” क मयागर ने जवाब दया। “ वाभा वक ही उसे डर है क अपने सपने का पीछा करते ए तमु वह सब कु छ गवँ ा सकते हो, जो तुमने हा सल कया है।” “हाँ, तब फर मझु े अपने दल क बात सुननी ही य चा हए?” “ य क तमु फर कभी उसे शा त नह कर पाओग।े अगर तुम यह दखावा भी करो क तुमने उसक बात सनु ी ही नह है, तब भी वह तु हारे अ दर तो मौजूद रहेगा ही, और तुम जो कु छ भी ज़ दगी के बारे म और नया के बारे म सोच रहे होगे, उसको दोहराता रहेगा।” “आपका मतलब है क वह भले ही व ासघाती हो, मझु े उसक बात सुनते रहना चा हए?” “ व ासघात वह आघात होता है, जो अ या शत प से आता है। अगर तमु अपने दल को अ छ तरह से जानते हो, तो वह तु हारे साथ व ासघात कभी नह कर पाएगा, य क तु ह उसके वाब और वा हश क जानकारी होगी, और तु ह यह भी मालमू होगा क उनसे कै से नपटा जाए। “तमु अपने दल से कभी नह भाग पाओग।े इस लए बेहतर यही है क वह जो कु छ भी कहता ह,ै उसे सनु ो। इस तरह, तु ह कसी अ या शत आघात से डरने क ज़ रत नह रह जाएगी।” वे रे ग तान को पार करते रहे और लड़का अपने दल क आवाज़ सुनता रहा। उसने अ ततः उसके पतर और चाला कय को समझ लया, और वह जैसा था, उसी प म उसको वीकार कर लया। उसके दमाग़ से भय जाता रहा, और वह नख़ ल तान वापस लौट जाने क ज़ रत के बारे म भलू गया, य क एक दोपहर, उसके दय ने उससे कहा क वह ख़ुश ह।ै उसने कहा, “तब भी म कभी-कभी शकायत करता ,ँ य क म एक का दय ,ँ और लोग के दय ऐसे ही होते ह। लोग अपने सबसे मह वपणू सपन
Search
Read the Text Version
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
- 6
- 7
- 8
- 9
- 10
- 11
- 12
- 13
- 14
- 15
- 16
- 17
- 18
- 19
- 20
- 21
- 22
- 23
- 24
- 25
- 26
- 27
- 28
- 29
- 30
- 31
- 32
- 33
- 34
- 35
- 36
- 37
- 38
- 39
- 40
- 41
- 42
- 43
- 44
- 45
- 46
- 47
- 48
- 49
- 50
- 51
- 52
- 53
- 54
- 55
- 56
- 57
- 58
- 59
- 60
- 61
- 62
- 63
- 64
- 65
- 66
- 67
- 68
- 69
- 70
- 71
- 72
- 73
- 74
- 75
- 76
- 77
- 78
- 79
- 80
- 81
- 82
- 83
- 84
- 85
- 86
- 87
- 88
- 89
- 90
- 91
- 92
- 93
- 94
- 95
- 96
- 97
- 98
- 99
- 100
- 101
- 102
- 103
- 104
- 105
- 106
- 107
- 108
- 109
- 110
- 111
- 112
- 113
- 114
- 115
- 116
- 117
- 118
- 119
- 120
- 121
- 122
- 123
- 124
- 125
- 126
- 127
- 128
- 129
- 130
- 131
- 132
- 133
- 134
- 135
- 136
- 137
- 138
- 139
- 140
- 141