हदं ी पोटर्जा़फो लयो नाम : हषाऱज्ा रंजन कक्षा : ९इ रोल नंबर : १४
इंडके ्स १: पश:़ज्रा अपने पसदं ीदा पशरजा़् पाठ के प्र न-उत्तर २: क वता: अपनी पसदं ीदा क वता का प्र तपादय ३: सचं यन: अपनी पसदं ीदा संचयन पाठ के प्र न- उत्तर ४: ए आई एल: हदं ी ए आई एल ५: वाकय कौशल: वाकय कौशल की जानकारी ६: व्याकरण: अनछु े द, पत्र, सन्देश अवं नारा, वज्ञापन
01 पश:ज़ा्र अ त थ तमु कब जाओगे
02 क वता: दोहे(रहीम दास)
03 सचं यन: मृ त
04 हदं ी ए आई एल:
05 वाकय कौशल: मनुष्यों की पोशाकंे उन्हें व भन्न श्रे णयों में बाँट देती हंै। प्रायः पोशाक ही समाज मंे मनुष्य का अ धकार और उसका दज़ा़ज्रा नि चत करती है। वह हमारे लए अनेक बदं दरवाज़े खोल देती है, परंतु कभी ऐसी भी प रि थ त आ जाती है क हम ज़रा नीचे झकु कर समाज की नचली श्रे णयों की अनभु ू त को समझना चाहते हंै। उस समय यह पोशाक ही बंधन और अड़चन बन जाती है । जैसे वायु की लहरें कटी हुई पतगं को सहसा भू म पर नहीं गर जाने देतीं, उसी तरह खास प रि थ तयों में हमारी पोशाक हमें झकु सकने से रोके रहती है।
06 व्याकरण: पत्र
06 व्याकरण: सन्देश एवं नारा 06 व्याकरण: वज्ञापन
06 व्याकरण: अनछु े द
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