Important Announcement
PubHTML5 Scheduled Server Maintenance on (GMT) Sunday, June 26th, 2:00 am - 8:00 am.
PubHTML5 site will be inoperative during the times indicated!

Home Explore kehani pdf

kehani pdf

Published by monikabhatt2016, 2020-09-27 00:59:34

Description: kehani pdf

Search

Read the Text Version

सनु ो कहानी मेरी ज़ुबानी गणु ों का महत्व मो नका भट्ट लाइब्रे रयन

में राजा बड़ा मंत्री तमु बड़े बदु ् धमान, महान, अपनी पर सनु ्दरता से हो अंजान सनु ्दरता पर मझु े अ भमान

सुनो मंत्री अपनी बात सा बत कर जाओ, तभी अपनी जान सलामत पाओ सुन्दरता चार दन की मेहमान, गुणों से होती पहचान

मतं ्री ने कहा- महाराज , मैं आप को ये बात कल सा बत कर दँगू ा| गमर्मी के दन थे, दरबार खत्म होने पर मंत्री ने राजा के पास रखा मट्टी का मटका हटा दया|और उसे कपड़े से ढ़क दया|

गमर्मी जब सर चढ़ आई, पानी पीते ही राजा को गसु ्सा राजा जी को प्यास लग आई| आया, बोले गरम पानी यूँ पलाया| राजा को जब प्यास लगी तो उसने सेवक से पानी लाने को कहा , सेवक ने सोने के कलश से पानी भर कर दे दया|

सबको सोने का राजा को गसु ्सा देख कर मंत्री कलश खूब भाया, ने कहा महाराज मनंै े कल आप से पर राजा का गसु ्सा कहा था, क सुन्दरता से ज्यादा शांत न हो पाया महत्व गुण का होता है, कलश चाहे सोने का है, सदुं र है, परन्तु पानी ठं डा नही कर सकता| ले कन काली कु रूप मटकी भी पानी ठं डा कर देती है| इस लए पीने के पानी के लए मटकी राखी जाती है सोने का कलश नहीं|

इसी लए कहते है व्यि त को उसके गुणों से परखना चा हए, न की सनु ्दरता देख कर. मतं ्री की बात सनु कर राजा को अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने सनु ्दरता पर अ भमान करना छोड़ दया|


Like this book? You can publish your book online for free in a few minutes!
Create your own flipbook