वर्तमान शिक्षा-प्रणाली की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर बनाई गई शृंखला की सरलतम प्रस्तुति आपके समक्ष है। यह शृंखला भाषा के बदलते प्रारूप और CBSE के नवीनतम पाठ्यक्रम के अनुरूप तैयार की गई है। इस शृंखला में खाड़ी देशों (Gulf Countries) के छात्रें की बौद्धिक क्षमता और रुचि का पूरा ध्यान रखा गया है। भाषा क्या है, यह कैसे और क्यों बनी? इस प्रक्रिया को इस शृंखला में सरल, सहज एवं बोधगम्य विधि से स्पष्ट करने का प्रयास किया गया है। व्याकरण नीरस और जटिल विषय है। यह शृंखला इस अवधारणा को खत्म करने का एक प्रयास है। इस शृंखला की पुस्तकों में छोटे-छोटे उदाहरण जो हमारी जिंदगी के हिस्से हैं, से हम व्याकरण के विषय अधिक सरलता एवं सहजता से समझ सकते हैं। उनको जटिल एवं कठिन परिभाषाओं में बाँधना भाषा को कठिन बनाता है।
इस शृंखला में व्याकरण को उसके सैद्धांतिक रूप की जटिलता से दूर रखा गया है और इसे सरल एवं व्यावहारिक रूप में प्रस्तुत किया गया है। पाठ में सीखे गए बिंदुओं को ‘एक बार फिर से’ में पुनः दोहराया गया है। किसी नियम की आंतरिक जटिलता की समझ को ‘विशेष’ द्वारा स्पष्ट किया गया है।
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