SPECIAL EVENTS Constitution Day- 26 Nov 2020 51 National Voters’ Day- 25 Jan 2021
ONLINE FIT INDIA WEEK 52
MEETINGS/ INTERACTIONS ORIENTATION PROGRAMME STAFF MEETING Principal’s Interaction With Class 9 Principal’s Interaction With Class Students & Parents 11 Students & Parents 53
PANEL DISCUSSION ON NEW NEP 2020 54
ONLINE HEALTHY HEART DAY CELEBRATION 55
VIRTUAL TOUR TO THE ALPINE MEADOWS OF SIKKIM 56
MATHEMATICS DAY 57
EACH ONE PLANT ONE 58
नारी की पररभाषा नेत्रों मंे नारी के साहस और आशा है, उचित समय पर उचित ढंो ग में क्ररध करे वर दुवाासा है यही नारी की पररभाषा है, यही नारी की पररभाषा है तुम्हे नारी ने जन्म ने चदया है, तुम उसका सम्मान करर दुयोधन बन िीरहरण कर मत उसका अपमान करर चवडम्बना यह कै सी जग की, चजसकर देवी का रूप बताया उसी का शरषण करके , उसी नारी कर खूब सताया ओ दररन्दर महापाचपयर,ों क्या तुम्हे चधक्कार नही ों क्या हमारी माता बहनें भारत में महफू ज़ नही ों स्वयों कर राजा कहते हैं जर, कहते आवाज़ कर नरम करर अपने कु कृ त्रंो कर देखर और उनपर शमा करर ध्यान से सुनर उन िीखरों कर देश के हर करने से देती सुनाई क्या अपने ही वतन में अपनी चहफाज़त के चिए हर बेटी करती रहेगी िड़ाई ? हर इोंसान का सपना है चक रहना है उसे स्वछन्द, पर कब तक करते रहरगे तुम अपनी ही बेचटयरों की आवाज़ंे बंोद ? झााँसी की रानी मचनकचणाका ने भीषण संोग्राम चकया, अंोग्रेज़रों से िरहा िेकर कहावत कर िररतार्ा चकया याद करर उस रावण कर चजसने सीता का हरण चकया, मयाादा पुरुषरत्तम ने आकर उसका मरण चकया पुरुष प्रधान देश की कब तक देखेंगे प्रभुता, तब तक क्षय हरती रहेगी नारी की अस्मिता ? नारी ही करे गी सभी की अचभिाषा की पूचता, नारी ही पूणा करे गी जग की सभी अचतश्यरस्मि इचतहास साक्षी है नारी की उपिस्मि का, िाँाद बीबी, िरपामुद्रा और चवदुषी गागी का जगह जगह सफि नाररयरंो का प्रकाश है अपररचमत, रूचिवादी समाजवािरों हर जाओ अब तुम चिंोचतत नारी का तेज है अप्रचतम, पूरी दुचनया कर हर जाए यह इल्म परम पचवत् सवोपरर मातृ, वह है सभी की जीवन दात्ी शरषण करने वािर आ जाओ अगर साहस हर तर, 59 अगर ज़रा भी दम्भ और उत्साह हर तर चजतने चनदाय हर तुम उतना अत्ािार करर, उस नारी,स्त्री व अबिा कर िािार करर पर गााँठ बााँध िर इस बात की चक वह उठे गी क्यरचक नेत्रों में नारी के साहस और आशा है, उचित समय पर उचित ढों ग मंे क्ररध करे वर दुवाासा है यही नारी की पररभाषा है, यही नारी की पररभाषा है Siddhartha Mehta- 10 F
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