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202110250-APEX-STUDENT-WORKBOOK-HINDI_SL-G07-FY

Published by CLASSKLAP, 2020-04-13 04:07:18

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आ) नीिे िी गई वगथ-पहेिी मंे से जानवरों के नाम िुनकर चिखो। ख र गो श हा प भा न क्ष थी शे ग लु बा िी र धा चह र ण िी ता प ब ले उ. खरगोश, हाथी, शरे , गधा, चहरण, िीता पाठ मंे खरगोश, लोमड़ी, भाल,ू हाथी, शरे आचि जानवरों के नाम आये ह।ैं ऐसे नाम वाले शब्ि जो चकसी व्यचक्त, वस्त,ु स्थान आचि के बारे मंे बतलाते ह,ैं उन्हंे संज्ञा कहते ह।ंै नीिे कु छ उिाहरण चिये गये ह।ंै उन्हंे ध्यान से िखे ो। - रमशे कलम से चलखता ह।ै - लड़के मिै ान मंे खले ते ह।ंै - सनु ीता पढाई मंे आगे ह।ै - ग्वाला िधू लाता ह।ै - पाठशाला में सभा िल रही ह।ैं सजं ्ााः रमशे , कलम, लड़के , मिै ान, सुनीता, ग्वाला, पाठशाला, पढाई, िधू , सभा। शेर और खरगोश की कोई कहानी अपने वाक्यों मंे चिखो। एक बड़े से जगं ल में शरे रहता था। शरे गसु ्से का बहुत तेज था। सभी जानवर उससे बहुत डरते थे। वह सभी जानवरों को परेशान करता था। वह आए चिन जगं लों में पश-ु पचक्षयों का चशकार करता था। शरे की इन हरकतों से सभी चिचं तत थे। एक चिन जगं ल के सभी जानवरों ने एक सम्मले न रखा। जानवरों ने सोिा शरे की इस रोज-रोज की परेशानी से तो क्यों न हम खिु ही शरे को भोजन ला िते े ह।ैं इससे वह चकसी को भी परेशान नहीं करेगा और खशु रहगे ा। सभी जानवरों ने एकसाथ शरे के सामने अपनी बात रखी। इससे शरे बहुत खशु हुआ। उसके बाि शरे ने चशकार करना भी बंि कर चिया। 58

एक चिन शरे को बहतु जोरों से भखू लग रही थी। एक ितरु खरगोश शरे का खाना लात-े लाते रास्ते मंे ही रुक गया। चिर थोड़ी िरे बाि खरगोश शेर के सामने गया। शरे ने िहाड़ते हएु खरगोश से पछू ा इतनी िरे से क्यों आए? और मरे ा खाना कहाँ ह?ै ितरु खरगोश बोला, शरे जी रास्ते मंे ही मझु े िसू रे शरे ने रोक चलया और आपका खाना भी खा गया। शरे बोला इस जगं ल का राजा तो मैं हं यह िसू रा शरे कहाँ से आ गया। खरगोश ने बोला, िलो शरे जी मैं आपको बताता हं वो कहाँ ह।ै शरे खरगोश के साथ जगं ल की तरि गया। ितरु खरगोश शरे को बहुत िरू ले गया। खरगोश शरे को कु एं के पास ले गया और बोला शरे जी इसी के अिं र रहता है वह शरे । शरे ने जसै ी ही कु एं में िखे ा और िहाड़ लगाई। उसे उसी की परछाई चिख रही थी। वह समझा िसू रा शरे भी उसे ललकार रहा ह।ै उसने वसै े ही कु एं में छलांग लगा िी। इस प्रकार जगं ल के अन्य जानवरों को उससे मचु क्त चमली और खरगोश की सबने सराहना की। क्या मैं ये कर सकता ह/ँ सकती हँ हाँ ( ) नहीं ( × ) 1. पाठ के बारे में बातिीत कर सकता ह।ँ 2. पाठ का सारांश अपने शब्िों में बता सकता ह।ँ 3. पाठ के शब्िों से वाक्य बना सकता ह।ँ श्रतु िेख 59

अचतररक्त कायथ प्रश्नोत्तर 1. खरगोश क्यों भागने िगा? उ. खरगोश पेड़ के नीिे सो रहा था। अिानक उसे ‘धम्म’ से जोर की आवाज आई। वह उठ बैठा। इधर-उधर िखे ने लगा चक क्या चगरा ह।ै उसे कु छ चिखाई नहीं चिया। उसे लगा चक आसमान चगर रहा ह।ै वह डर कर भागने लगा। 2. खरगोश के पीछे सभी जानवर क्यों भाग रहे र्े? उ. ‘धम्म’ की आवाज सनु कर खरगोश भागने लगा। उसने भागत-े भागते सबसे बोला चक – “आसमान चगर रहा ह,ै भागो! भागो! जल्िी भागो!” खरगोश के डर को िखे कर सभी जानवर भी डरने लग।े उसका अनकु रण करते हएु सभी जानवर उसके पीछे भागने लग।े कहानी-िेखन जीवन के चकसी अशं को व्यक्त करने वाली गद्य-रिना ‘कहानी’ कहलाती ह।ै कहानी चिखते समय ध्यान रखने योग्य बातें- 1. कहानी का चवषय रोिक व मनोरंजक होना िाचहए। 2. कहानी मंे वाक्य छोटे व सरल होने िाचहए। 3. कहानी की कथावस्तु सरल और स्पष्ट होनी िाचहए। 4. कहानी का शीषका छोटा और चवषय से संबचं धत होना िाचहए। 5. चित्र तथा संके तों के माध्यम से भी कहानी चलखी जाती ह।ै (सकं े त चबंि-ु निी चकनारे पडे ़ पर पक्षी...िो चसर एक पटे ...एक चसर ने स्वाचिष्ट िल खाया...प्रचतशोध लने े के चलए िसू रे चसर ने चवषलै ा िल खाया...एक पटे था...प्राणों से हाथ धो बठै े....लालि से सयं म का नाश होता ह।ै ) अनोखा पक्षी एक बार की बात ह।ै निी चकनारे पेड़ पर एक पक्षी रहता था, चजसका नाम भरूनिा था। वह पक्षी अनोखा था, क्योंचक उसके िो चसर, मगर पटे एक ही था। एक चिन वह झील के चकनारे घमू रहा था। उसे एक लाल रंग का िल चमला। वह िल िखे ने में बड़ा ही स्वाचिष्ट लग रहा था। एक चसर ने बोला चक “वाह ! क्या िल है !लगता है चक भगवान ने यह िल मरे े चलए भजे ा ह।ै मैं चकतना भाग्यशाली ह।ँ “ चिर वो चसर उस िल को बड़ी प्रसन्नता से खाने लगा और खाते हुए उसकी प्रशंसा करने लगा। 60

यह सनु कर िसू रा चसर बोला “ओ प्यारे !मझु े भी यह िल िखने िो, चजसकी तमु इतनी प्रशसं ा कर रहे हो।’’ इस बात पर पहला चसर हसँ ने लगा और बोला ,“जब हमारा पेट एक ही है तो कोई भी चसर यह िल खाए, यह िल तो उसी पेट में जाएगा ना। तो इस बात से कोई अतं र नहीं पड़ता चक मैं िल खाऊँ या चिर तमु । यह िल मझु े चमला है तो िल खाने का पहला अचधकार भी मरे ा ही हुआ।’’ इस बात को सनु कर िसू रे चसर को बहतु िुु ःख हुआ और उसको स्वाथी चसर पर गसु ्सा भी आया। चिर एक चिन िसू रे चसर हो एक पडे ़ पर चवषलै े िल चमले। उसने वह िल ले चलए और पहले चसर से बोला “धोखबे ाज !आज मंै चवषलै े िल खाऊँ गा और चिर मैं अपने अपमान का तझु से बिला लगँू ा।’’ इस पर पहला चसर बोला चक “कृ पया वह चवषलै े िल ना खाए,ँ क्योंचक एक पटे होने पर हम िोनों ही मारे जाएगँ ।े ” इस पर िसू रा चसर बोला “िपु रहो !यह िल मझु े चमला है और इस िल को खाने का मरे ा परू ा अचधकार ह।ै इस पर पहला चसर रोने लगा, मगर िसू रे चसर ने एक ना सनु ी और वह चवषलै ा िल खा चलया। िोनों चसरों को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। कहानी का अचभप्राय : हमें सिवै अच्छी िीजंे िसू रों के साथ बाटँ नी िाचहए। प्रचतशोध में सयं म और चववके का नाश नही करना िाचहए। संज्ा सजं ्ा चकसी व्यचक्त, वस्त,ु स्थान, प्राणी और भाव आचि के नाम को संज्ञा कहते ह।ंै व्यचक्तवािक सजं ्ञा जाचतवािक सजं ्ञा भाववािक सजं ्ञा चजन सजं ्ञा शब्िों से चकसी चवशेष चजन शब्िों से व्यचक्त, वस्तु, चजन संज्ञा से चकसी वस्त,ु व्यचक्त, व्यचक्त, स्थान, प्राणी और वस्तु स्थान, प्राणी आचि की परू ी जाचत प्राणी आचि के स्वभाव, िशा, का पता िलता है, उन्हंे का पता िलता ह,ै उन्हंे गणु , िोष और भाव आचि का पता िलता है, उन्हंे भाववािक व्यचक्तवािक, सजं ्ञा कहते ह।ै जाचतवािक संज्ञा कहते ह।ैं सजं ्ञा कहते ह।ंै व्यचक्त - चिनशे , गाँधी, चववके ानिं । वस्तु - कार, कं प्यटू र, अखबार, पडे ़ गणु -िोष - चमठास, ियालतु ा स्थान - ताजमहल, िंडीगढ, प्राणी - खरगोश, तोता, कौआ िशा - बिपन, बढु ापा चहमािल। भाव - पढाई, थकावट, कमाई। प्राणी - िते क (घोड़ा)। वस्तु - पसु ्तक, मजे । 61

अभ्यास कायथ (Work Book) पचठत गद्ांश चनम्न पचठत गद्ांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर चिचखए। एक खरगोश था। वह पेड़ के नीिे सो रहा था। अिानक जोर की आवाज हुई- “धम्म” खरगोश उठ बठै ा। वह बोला, ‘अरे! क्या चगरा?’ खरगोश ने इधर-उधर िखे ा। उसे कु छ चिखायी नहीं चिया। उसे लगा आसमान चगर रहा ह।ै खरगोश डर गया और भागने लगा। भागत-े भागते उसे एक लोमड़ी चमली। उसने पछू ा- ‘खरगोश भाई, कहाँ जा रहे हो? जरा सनु ो तो।’ खरगोश भागत-े भागते बोला - ‘आसमान चगर रहा ह,ै भागो! भागो! जल्िी भागो!’ लोमड़ी भी भागने लगी। आगे जाकर उन्हंे एक भालू चमला बोला- ‘ठहरो, ठहरो! कहाँ भागे जा रहे हो ?’ प्रश्नाः 1. पडे ़ के नीिे कौन सो रहा था? उ. 2. खरगोश भागते-भागते क्या बोला? उ. 3. भालू क्या बोला? उ. 4. खरगोश क्यों डर गया? उ. 5. गद्याशं मंे आए कु छ जानवरों के नाम चलचखए। उ. प्रश्नोत्तर चनम्न प्रश्नों के उत्तर चिचखए। 1. क्या सिमिु “आसमान चगर रहा था”, स्पष्ट कीचजए। 2. “आसमान चगरा” कहानी को अपने शब्िों में चलचखए। कहानी अभ्यास – चनम्न चिए गए संके त चबन्िु के आधार पर कहानी चलचखए। उचित शीषका िीचजए। (संके त चबन्िु – राजा का सेवक बिं र, बंिर को रोक-टोक नही, राजा चवश्राम अवस्र्ा मंे, मक्खी का चभनचभनाना, बंिर का वार, मक्खी का उडना, राजा पर तिवार का पडना, राजा की मृत्यु, बंिर की मूखथता...चशक्षा...) 62

व्याकरण 1. चनम्न वाक्यों मंे संज्ा शब्ि पहिानकर चिचखए। 1. खरगोश को एक आवाज सनु ाई िी। उ. 2. मंै और रमशे चिचड़याघर घमू ने गए। उ. 3. लोमड़ी भागते-भागते थक गई। उ. 2. चनम्न वाक्यों मंे रेखांचकत संज्ा शब्ि के भेि पहिानकर चिचखए। 1. आजकल हिै राबाि का वातावरण बिल गया ह।ै उ. 2. शरे िहाड़ रहा था। उ. 3. माली िू लों को पानी िे रहा ह।ै उ. 3. चनम्न वाक्यों मंे उचित शब्िों द्वारा खािी स्र्ान भररए। 1. मझु े ने अपनी पसु ्तक िी। (रमशे , िू ल) 2. एक ऐचतहाचसक जगह ह।ै (घर,िारमीनार) 3. सोहन और पक्के िोस्त थ।े (मोहन,पानी) 4. चनम्नचिचखत शब्िों के पयाथयवािी चिचखए। 1. आसमान - 2. हाथी - 3. आवाज - 4. शरे - 5. पेड़ - 6. राजा - 5. चनम्न रेखांचकत शब्िों के चिगं बििकर वाक्य पुन: चिचखए। 1. शरे कु एँ मंे िखे रहा था। उ. 2. हाथी सबसे आगे भाग रहा था। उ. 3. मरे ा भाई डॉक्टर ह।ै उ. 63

6. चनम्न रेखांचकत शब्िों के विन बििकर चिचखए। उ. 1. खरगोश को भागते-भागते लोमड़ी चिखाई िी। उ. 2. लड़की पढ रही ह।ै उ. 3. मरे ा कमरा साि-सथु रा ह।ै 7. चनम्न वाक्यों में रेखांचकत शब्ि के चविोम चिचखए। 1. खरगोश को लगा आसमान से कु छ पर चगरा ह।ै 2. हाथी भी िलत-े िलते अिानक गया। 3. शरे ने पहले पडे ़ के ऊपर िखे ा चिर िखे ा। 8. चनम्न शब्िों के चिंग बििकर चिचखए। 1. शरे - 4. राजा - 2. हाथी - 5. साथी - 3. चसहं - 6. बहन - 9. चनम्न शब्िों को वाक्यों में प्रयोग कीचजए। 4. िल - 1. पेड़ - 5. एक - 2. आसमान - 6. पेड़ - 3. लोमड़ी - 10. चनम्न शब्िों के विन बििकर चिचखए। 1. आवाज - 2. लोमड़ी - 3. कु आँ - 11. चनम्न शब्िों के अर्थ पहिानकर कोष्ठक मंे सही उत्तर चिचखए। 1. आसमान () अ) आकाश आ) ऊपर इ) भचू म ई) पानी 2. ठहरना () अ) िलना आ) रुकना इ) झकु ना ई) िै लना 3. िौंक जाना () अ) सो जाना आ) िखे ना इ) ध्यान रखना ई) अिरज में पड़ना 64

12. चनम्न शब्िों की शदु ्ध वतथनी पहिानकर कोष्ठक मंे सही उत्तर चिचखए। 1. लोमढी ( ) ई) लोमड़ी ) अ) लौमड़ी आ) लमू ड़ी इ) लोमडी ) ( 2. करगोश ई) खरगशे अ) खररेश आ) खरगौश इ) खरगोश ( ई) भालू 3. बालू अ) वालू आ) भालु इ) भाल 13. चनम्न वाक्यों के चिए उचित कारक चिह्न पहिानकर कोष्ठक मंे सही उत्तर चिचखए। 1. खरगोश पेड़ ........ नीिे सो रहा था। ( ) को ) अ) का आ) के इ) से ई) ) ( 2. जोर .......आवाज हईु । ने अ) के आ) की इ) से ई) ( को 3. सब........खरगोश की बात को सि माना। अ) की आ) के इ) ने ई) 14. चनम्न शब्िों के उचित पयाथयवािी शब्ि पहिानकर कोष्ठक मंे सही उत्तर चिचखए। 1. आखँ इ) हाथ, लोिन ई) ( ) इ) भ,ू पथृ ्वी ई) िक्ष,ु अश्रु ) अ) नयन, कान आ) िक्ष,ु नेत्र ) 2. धरती ( धरा, धरातल अ) भचू म, नभ आ) धरा, भरा ( 3. चिन चिवा, िहे अ) चिवा, चिवस आ) चिवा, चिक इ) चिवस, चिनाकं ई) 15. चनम्न वाक्यों के काि पहिानकर कोष्ठक मंे सही उत्तर चिचखए। 1. शरे ने कु एँ में िखे ा। () () अ) वतमा ान काल आ) भतू काल इ) भचवष्यत काल () 2. शरे ने कहा, \"मैं पडे ़ के पास स्वयं जाऊँगा।\" अ) भतू काल आ) वतमा ान काल इ) भचवष्यत काल 3. सीता मरे ी पसु ्तक पढ रही ह।ै अ) भचवष्यत काल आ) वतामान काल इ) भतू काल हमें सोि-समझकर काम करना िाचहए। 65

उपवािक बािि एक लड़का था। उसका नाम भरत था। वह नयी-नयी बातंे जानना िाहता था। एक चिन वह पाठशाला से आ रहा था। आसमान में बािल छाये हएु थ।े घर अभी कु छ िरू था। इतने में बड़ी-बड़ी बँिू ें पड़ने लगी। भरत भागता हुआ घर पहिुँ ा। चिर भी वह भीग गया था। भरत को िखे ते ही चपताजी बोले – जाओ, कपड़े बिल लो, नहीं तो सिी लग जाएगी।कपड़े बिलते ही भरत सोिने लगा- आसमान में पानी कहाँ से आता ह?ै बािल आने पर ही वषाा क्यों होती ह?ै उसने सोिा, चपताजी से पछू ना िाचहए। वह कपड़े बिलकर चपताजी के पास गया। भरत ने पछू ा – चपताजी! वषाा का पानी कहाँ से आता ह?ै “बािलों स!े ” चपताजी ने बताया। भरत ने चिर पछू ा – लचे कन बािलों मंे इतना पानी कहाँ से आता ह?ै चपताजी ने समझाते हुए कहा- बेटा, तालाबों, नचियों और समदु ्रों मंे पानी होता ह।ै सयू ा की तजे गमी से वही पानी भाप में बिल जाता ह।ै चिर भाप आसमान मंे जाकर बािल बन जाती ह।ै भरत ने प्रश्न चकया – चपताजी ! भाप, बािल कै से बन जाती ह?ै चपताजी ने उत्तर चिया- भाप हल्की होती ह।ै हल्की होने के कारण यह ऊपर उठती ह।ै ठंड से ही भाप चिर से पानी की बहुत ही नन्ही–नन्ही बँिू ों का रूप ले लेती ह।ंै बािल ऐसी ही नन्ही-नन्ही बँिू ों का समहू ह।ै ’ चपताजी भरत को रसोईघर मंे ले गए। वहाँ माँ िाय बना रही थी। िलू ्हे पर के तली रखी थी। के तली के महँु से भाप ऊपर की ओर उठ रही थी। चपताजी ने ठंडे पानी से भरा एक चगलास उठाया। इस चगलास को वे भाप के पास ले आये। कु छ िरे चगलास को वहीं पकड़े खड़े रह।े भरत ने िखे ा चक चगलास पर से पानी की बँिू ें टपक रही ह।ंै भरत सब कु छ समझ गया। वह बहतु खशु हआु । अ. नीिे चिए गए गद्ांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर िीचजए। एक लड़का था। उसका नाम भरत था। वह नयी-नयी बातंे जानना िाहता था। एक चिन वह पाठशाला से आ रहा था। आसमान मंे बािल छाये हुए थ।े घर अभी कु छ िरू था। इतने में बड़ी-बड़ी बिँू ंे पड़ने लगीं। भरत भागता हुआ घर पहिुँ ा। चिर भी वह भीग गया था। भरत को िखे ते ही चपताजी बोले जाओ, कपड़े बिल लो, नहीं तो सिी लग जाएगी।’ 1. िडके का नाम क्या र्ा? उ. लड़के का नाम भरत था। 2. वह क्या जानना िाहता र्ा? उ. वह नई-नई बातंे जानना िाहता था। 3. भरत घर कै से पहिँ ा? उ. भरत भागता हुआ घर पहिुँ ा लेचकन चिर भी वह भीग गया था। 4. भरत को िेखते ही चपता जी क्या बोिे? उ. भरत को िखे ते ही चपता जी बोल,े ‘जाओ कपड़े बिल लो, नहीं तो सिी लग जाएगी।’ 5. नीिे चिए गए शब्ि का चिंग पररवतथन कीचजए और उनसे वाक्य बनाइए - उ. 1) चपताजी - माता जी, वाक्य - माता जी भोजन बना रही ह।ंै 2) लड़का - लड़की वाक्य - लड़की टहल रही ह।ै 66

इकाई-2 6. छु ट्टी पत्र अर्थग्राह्यता प्रचतचिया प्रश्न: 1. चित्र में क्या-क्या चिखायी िे रहा है? उ पहले चित्र में पक्षी की िोंि मंे पत्र ह,ै लेटरबॉक्स मंे चिट्ठी डालते हुए लड़का ह।ै दसू रे चित्र में साइचकल पर चिट्ठियाँा ले जाते हुए डाचकया और िोंि में पत्र लेकर जाता उड़ता हुआ पक्षी ह।ै तीसरे चित्र मंे पत्र दते े हएु डाचकया तथा पक्षी ह।ै तीनों चित्रों में पत्र भजे ने, तथा चमलने के तरीके चदखायी दे रहे ह।ैं 2. पत्र क्यों चिखा जाता है? उ. अपने बधं -ु चमत्रों को समािार दने े के चलए, उनकी कु शलता जानने के चलए पत्र चलखा जाता ह।ै 3. िड़का चिट्ठी िेते हुए डाचकये से क्या बात कर रहा होगा? उ. लड़का पछू रहा होगा चक पत्र कहााँ से आया है या चकसका पत्र ह।ै पत्र पहिुाँ ाने के चलए धन्यवाद भी कह रहा होगा। 1. चदनाकं = चतचथ date 2. महोदय 3. शादी = श्रीमान sir 4. धन्यवाद 5. क्रमांक = चववाह marriage 6. छु ट्टी 7. छात्रा = आभार thanks 8. कक्षा = क्रम संख्या roll number = अवकाश leave = चवद्याचथनि girl-student = श्रणे ी, दजाि class 67

तांडूर, चदनांक : 13-8-2012. सेवा म,ंे प्रधानाध्यापक जी, सरकारी माध्यचमक पाठशाला, ताडं ूर। महोदय, मरे ी दीदी का चववाह हदै राबाद मंे होने वाला ह।ै सब शादी में जा रहे ह।ैं मंै भी जाना िाहती ह।ँा इस कारण मझु े चदनाकं 14-8-2012 से 16-8-2012 तक तीन चदन की छु ट्टी दने े की कृ पा करें। धन्यवाद। आपकी आज्ञाकारी छात्रा, मधे ा, क्रमांक : 17, कक्षा : सातवीं। 1. मेधा अपनी िीिी की शािी मंे क्यों जाना िाहती है? उ. मधे ा की दीदी की शादी हदै राबाद में हो रही ह।ै पट्ठरवार के सभी लोग शादी मंे जा रहे ह।ैं इसचलए मधे ा भी अपनी दीदी की शादी मंे जाना िाहती ह।ै 2. शािी में क्या-क्या कायथिम होते हंै, बताओ। उ. चनमतं ्रण पत्रों का चवतरण होता ह।ै महे दं ी, हल्दी की रस्म होती ह।ैं लड़के की शादी में बारात जाती ह।ै परु ोचहत मंत्रोच्िारण करते ह।ैं वर-वधू को अक्षत से आशीवािद दते े ह।ंै प्रीचत भोज होता ह।ै सभी धमों के अपने-अपने रीचत-ट्ठरवाजों के अनुसार ससं ्कार चकए जाते ह।ैं 1. यह पत्र कौन चलख रहा ह?ै अचतररक्त प्रश्न 2. यह पत्र चकसको चलखा जा रहा ह?ै 3. पत्र में छु ट्टी लने े का कारण क्या ह?ैं अ) चनम्न वाक्यों को पढ़कर िम में िगाओ। - धन्यवाद। - मैं भी जाना िाहती ह।ँा - मरे ी दीदी का चववाह हदै राबाद में होने वाला ह।ै - इस कारण मझु े चदनांक 18-09-2012 से 20-09-2012 तक तीन चदन की छु ट्टी दने े की कृ पा करें। 68

उ. - मरे ी दीदी का चववाह हदै राबाद में होने वाला ह।ै - मंै भी जाना िाहती ह।ँा - इस कारण मझु े चदनाकं 18-09-2012 से 20-09-2012 तक तीन चदन की छु ट्टी दने े की कृ पा करंे। - धन्यवाद। अचतररक्त प्रश्न 1. क्या आपको पत्र चलखना अच्छा लगता है? 2. आजकल पत्रों का स्थान चकसने ले चलया ह?ै 3. क्या,आपने कभी ई-मले द्वारा चकसी को सदं शे भजे ा ह?ै अध्यापन संके त - सनु ो-बोलो, पढो मंे चदए गए अचतट्ठरक्त प्रश्न के वल छात्रों के वािन कौशल के चवकास हते ु चदए गए ह।ंै छात्रों से चनम्न प्रश्न पछू ंे, उत्तर की सराहना करें। छात्रों को पत्र की आवश्यकता और उपयोचगता से अवगत कराए।ाँ अचिव्यचक्त सृजनात्मकता 1. शब्िों को पत्र के आधार पर उचित स्र्ान पर चिखो। स्थान: चदनाकं ः चदनाकं , सेवा म,ंे स्थान, आपकी आज्ञाकारी, चवषय, महोदय, धन्यवाद उ. आपकी आज्ञाकारी सवे ा म,ंे महोदय, चवषय धन्यवाद िाषा की बात (अ) पढ़ो, समझो और चिखो। पजू ्य चमत्र आदरणीय चपताजी चप्रय अध्यापक उ. पजू ्य चपताजी आदरणीय अध्यापक चप्रय चमत्र 69

(आ) पररवार के सिस्यों के नामों से ररक्त स्र्ान िरो। जसै ेः माता-चपता (छात्र प्रचतचिया ) 1. भाई - बहन का नाम ------ 2. दादा - दादी ------ 3. िािा - िािी ------ 4. मामा - मामी ------ (इ) सही सखं ्याएँ ररक्त स्र्ान मंे चिखो। (12, 60, 7, 24) उ. 1. वषि में 12 महीने होते ह।ैं 2. सप्ताह मंे 7 चदन होते ह।ैं 3. चदन मंे 24 घटं े होते ह।ंै 4. एक घटं े में 60 चमनट होते ह।ंै यचि मेधा िीिी के चववाह की घटनाएँ डायरी में चिखती, तो क्या चिखती ? सोि कर चिखो। चदनांक : मरे ी दीदी की शादी हदै राबाद में 15-8-2012 को हुई। शादी में अनेक रस्मों का आयोजन हआु । महदें ी की रस्म पर हम सभी ने बहतु आनदं उठाया। सभी ने चमलकर बारात का स्वागत चकया। सारी रात अनके रस्मंे होती रही जयमाला, फे रे तथा चवदाई की रस्म से चववाह परू ा हआु । दीदी की शादी की चजतनी मझु े खशु ी हुई, उतनी ही मंै उनके जाने पर उदास भी थी। मधे ा क्या मैं ये कर सकता ह/ँ सकती हँ हाँ ( ) नहीं ( × ) 1. पाठ के बारे मंे बातिीत कर सकता ह।ाँ 2. पत्र रिना के बारे मंे अपने शब्दों में बता सकता ह।ाँ 3. छु ट्टी पत्र चलख सकता ह।ँा श्रुतिेख 70

अचतररक्त कायथ प्रश्नोत्तर 1. मेधा ने पत्र कब और कहाँ से चिखा है? उ. मधे ा ने पत्र अनतं परु से चदनांक – 13-8-2012 को चलखा ह।ै 2. मेधा ने पत्र चकसे और क्यों चिखा? उ. अपनी दीदी के चववाह मंे सचम्मचलत होने के चलए मधे ा को हदै राबाद जाना था। इसचलए उसने यह अवकाश पत्र अपने प्रधानाध्यापक जी को चलखा। 3. मेधा चकस पाठशािा और चकस कक्षा की छात्रा है? उसका िमांक क्या है? उ. मधे ा सरकारी माध्यचमक पाठशाला, अनतं परु में सातवीं कक्षा की छात्रा ह।ै उसका क्रमांक 17 ह।ै पत्र िेखन अपने मोहल्िे की गिं गी हटवाने के चिए स्वास््य अचधकारी को पत्र चिचखए। स्थान... चदनाकं ... सवे ा म,ंे स्वास््य अचधकारी, हदै राबाद नगर चनगम, मशु ीराबाद, हदै राबाद महोदय, सचवनय चनवदे न है चक मशु ीराबाद क्षेत्र मंे गदं गी का साम्राज्य फै ला हआु ह।ै यहाँा चपछले एक माह से सफाई नहीं हईु ह।ै सफाई–कमिि ाट्ठरयों से कई बार प्राथनि ा की, चकन्तु उनका कोई सकारात्मक उत्तर प्राप्त नहीं हआु । सड़कों पर भी गदं गी जमा हो रही ह।ै कू ड़े के ढेरों पर मच्छरों का प्रकोप चदन-प्रचतचदन बढता ही जा रहा ह।ै चजस कारण मलटे्ठरया फै लने की परू ी आशकं ा ह।ै आपसे चवनम्र प्राथिना है चक यहााँ सफाई का उचित प्रबंध करवाए,ाँ ताचक हम स्वच्छ वातावरण में सासँा ले सकंे । धन्यवाद सचहत, भवदीय कु न्दन लाल, सचिव- मशु ीराबाद चनवासी सघं । 71

काि िूतकाि चक्रया के चजस रूप से काम के बीत िकु े समय में परू ा होने का पता िलता ह,ै उसे काि वतथमान काि भतू काल कहते ह।ैं चक्रया के चजस रूप से उसके होने या करने वदे प्रकाश ने लघकु था पढी। के समय का पता महशे मबु ंई गया था। िलता ह,ै उसे काि समु न को प्रथम परु स्कार चमला था। कहते ह।ंै चक्रया के चजस रूप से कामके वतमि ान मंे होने िचवष्य काि का पता िलता ह,ै उसे वतिमान काल कहते ह।ंै सीता सरै कर रही ह।ै महशे मिै दखे रहा ह।ै रमण और उसके चमत्र खले ते ह।ंै चक्रया के चजस रूप से काम के आने वाले समय मंे होने का पता िलता ह,ै उसे भचवष्यत काल कहते ह।ंै सरु ेश ताजमहल दखे ने जाएगा। सभी चवद्याथी चमलकर गाएगँा । हम राधा का जन्मचदन मनाएगँा ।े 72

अभ्यास कायथ (Work Book) अपचठत पद्ांश चनम्न अपचठत पद्ांश को पढ़कर सही उत्तर चवकल्प से िुनकर चिचखए। () छेदकर कााटँ ा चकसी की उँागचलयाा,ँ फाड़ दते ा है चकसी का वर वसन। प्यार-डूबी चततचलयों का पर कतर, भौंर का है बेध दते ा श्याम तन।। फू ल लेकर चततचलयों को गोद मंे भौंर को अपना अनठू ा रस चपला। चनज सगु धं ों और चनराले रंग स,े है सदा दते ा कली जी की चखला।। है खटकता सबकी आखँा म,ंे दसू रा है सोहता सरु -शीश पर। चकस तरह कु ल की बड़ाई काम द,े जो चकसी में हो बड़प्पन की कसर।। प्रश्न: 1. काँाटा कै से - कै से अत्यािार करता ह?ै अ) उंगचलयों को छेद कर आ) खशु बू फै ला कर इ) फू लों की रक्षा करके ई) रास्ते मंे िलने वालों को बिाकर 2. कौन सबकी आखँा ों में खटकता ह?ै () अ) फू ल आ) पत्थर इ) काँटा ा ई) कपड़ा 3. कचव पद्याशं के माध्यम से क्या संदशे दे रहा ह?ै () अ) फू ल जसै े बनो आ) काँटा े जसै े रहो इ) दसू रों को दःु ख दो ई) भवाँ रे जसै े बनो 4. इस कचवता का उचित शीषकि क्या ह?ै () अ) फू ल और पत्थर आ) काटँा ा इ) फू ल और काटँा ा ई) फू ल की बड़ाई 5. चदए गए शब्दों के उचित पयाियवािी शब्द चलचखए। अ) वसन - आ) फू ल - 73

प्रश्नोत्तर चनम्न प्रश्नों के उत्तर चिचखए। 1. मधे ा ने पत्र मंे संबोधन क्यों चकसके चलए चलखा ह?ै 2. पत्र का चवषय क्या ह?ै मधे ा चकतने चदन का अवकाश लने ा िाहती ह।ै 3. पत्रों का हमारे जीवन में क्या महत्व ह?ै प्रकाश डाचलए। पत्र िेखन अभ्यास - पानी के संकट की ओर ध्यान चदलाते हुए चनगमायकु ्त को पत्र चलचखए। व्याकरण 1. चनम्न वाक्यों को कोष्ठक में चिए अनसु ार बििकर चिचखए। 1. मंै अपनी बहन की शादी में जा रही ह।ँा (वाक्य को भचवष्यत् काल मंे बदचलए।) उ. 2. कचव ने काव्य चलखा। (वाक्य को वतमि ानकाल में बदचलए।) उ. 3. श्याम नौकर को डाटाँ ेगा। (वाक्य को भतू काल मंे बदचलए) उ. 2. चनम्न वाक्य के काि पहिानकर चिचखए। 1. डॉक्टर इलाज करता ह।ै उ. 2. पचु लस ने िोर को पकड़ा। उ. 3. राम वन जाएगा। उ. 3. चनम्न वाक्य को उसके काि के सार् चमिाइए। 1. लक्ष्मी गाना गाती ह।ै भतू काल 2. मरे ी दीदी की शादी हदै राबाद मंे हईु । वतिमानकाल 3. लड़का पढता ह।ै भचवष्यतक् ाल 4. लड़का पाठशाला जाएगा। वतिमानकाल 74

4. चनम्न शब्िों के पयाथयवािी चिचखए। 1. चििी - 2. अध्यापक - 3. चमत्र - 4. पाठशाला - 5. चदन - 6. छात्र - 5. चनम्न रेखांचकत शब्िों के विन बििकर वाक्य चिचखए। 1. मरे ी बहन गटंु ूर में रहती ह।ै उ. 2. मझु े छु ट्टी िाचहए। उ. 3. रास्ते में घटना घटी। उ. 6. चनम्न रेखांचकत शब्िों के चिंग बििकर वाक्य चिचखए। 1. लड़का साईचकल िला रहा था। उ. 2. चपताजी सामान ला रहे ह।ैं उ. 3. मधे ा ने चशक्षक को पत्र चलखा। उ. 7. चनम्न रेखांचकत शब्िों के चविोम चिचखए। 1. कमल ने अच्छी पढाई की तो वह कक्षा में उतीणि हो गया जब चक उसका दोस्त हआु । 2. मरे ा घर पाठशाला के पास है जब चक मरे े सहपाठी का बहुत ह।ै 3. चशमला मंे चदन में ठंड और मंे गमी पड़ती ह।ै 8. चनम्न शब्िों को वाक्यों में प्रयोग कीचजए। 1. चवद्यालय - 2. अवकाश - 3. छात्र - 75

9. चनम्न शब्िों के विन बििकर चिचखए। 1. अध्यापक - 4. वधु - 5. धातु - 2. गरु ु - 6. शादी - 3. छात्रा - 4. नर - 10. चनम्न शब्िों के चिंग बििकर चिचखए। 5. यवु क - 1. प्रधानाध्यापक - 6. लेखक - 2. दीदी - 3. छात्रा - 11. चनम्न वाक्यों के चिए उचित कारक चिह्न पहिानकर कोष्ठक मंे सही उत्तर चिचखए। 1. सीता .......... गाया भी नहीं जाता। ( ) ) अ) ने आ) को इ) से ई) में ) इ) का ( 2. चदल्ली भारत ...... राजधानी ह।ै इ) पर ) ई) ने ) अ) की आ) को ( ) 3. बालक गदें .......... खले रहे ह।ैं ई) से ) ) अ) में आ) का ) 12. चनम्न शब्िों की शुद्ध वतथनी पहिानकर कोष्ठक मंे सही उत्तर चिचखए। 1. षादी ( अ) सादी आ) शाधी इ) शादी ई) शाचद 2. दन्यवाद ( अ) धन्याबाद 3. कारयक्रम आ) धनयावाद इ) धन्यवाद ई) ध्नयावाद अ) कायकि ्रम ( आ) कारयकरम इ) कारयाकमि ई) कायिकरम 13. चनम्न वाक्य मंे िी गई खािी जगह के सही उत्तर को पहिानकर कोष्ठक मंे सही उत्तर चिचखए। 1. वषि में ......महीने होते ह।ैं ( अ) 6 आ) 12 इ) 9 ई) 13 इ) 7 ( 2. सप्ताह म.ें .......चदन होते ह।ैं इ) 18 ई) 5 अ) 8 आ) 4 ( 3. चदन मंे ........घटं े होते ह।ैं ई) 24 अ) 22 आ) 16 76

14. चनम्न वाक्य मंे सवथनाम शब्ि पहिानकर कोष्ठक में सही उत्तर चिचखए। 1. मरे ी दीदी का चववाह ह।ै ( ) ) अ) दीदी आ) मरे ी इ) का ई) चववाह ) इ) चदन ( 2. मझु े दो चदन का अवकाश िाचहए। इ) जा ई) मझु े अ) िाचहए आ) अवकाश ( 3. हम हदै राबाद जा रहे ह।ंै ई) रहे अ) हम आ) हदै राबाद 15. चनम्न अंकों के सही शब्ि को पहिानकर कोष्ठक में सही उत्तर चिचखए। 1. 27 ( ) ) अ) अठाईस आ) छब्बीस इ) सत्ताईस ई) पच्िीस ) 2. 36 आ) अड़तीस इ) संतै ीस ( आ) इकतीस इ) िौबीस अ) छत्तीस ई) तैतं ीस 3. 24 ( अ) उनतीस ई) तेईस हमंे हर चदन कु छ नया सीखना िाचहए। 77

अभ्यास प्रश्न पत्र अर्थग्राह्यता प्रचतचिया I. चनम्नचिचखत पचठत गद्ांश पढ़कर प्रश्नों के उत्तर चिचखए। एक खरगोश था। वह पडे ़ के नीिे सो रहा था। अिानक जोर की आवाज हुई- “धम्म” खरगोश उठ बठै ा। वह बोला, ‘अरे! क्या चगरा?’ खरगोश ने इधर-उधर दखे ा। उसे कु छ चदखायी नहीं चदया। उसे लगा आसमान चगर रहा ह।ै खरगोश डर गया और भागने लगा। भागत-े भागते उसे एक लोमड़ी चमली। उसने पछू ा- ‘खरगोश भाई, कहााँ जा रहे हो? जरा सनु ो तो।’ खरगोश भागत-े भागते बोला - ‘आसमान चगर रहा ह,ै भागो! भागो! जल्दी भागो!’ लोमड़ी भी भागने लगी। आगे जाकर उन्हें एक भालू चमला बोला- ‘ठहरो, ठहरो! कहाँा भागे जा रहे हो ?’ प्रश्न: 1. पेड़ के नीिे कौन सो रहा था? () अ) खरगोश आ) भालू इ) लोमड़ी ई) चिचड़या 2. खरगोश भागते-भागते क्या बोला? () अ) ‘अरे! आ) भागो! भागो! इ) ‘ठहरो, ठहरो! ई) भागो! 3. भालू ने क्या बोला? 4. खरगोश को क्या लगा था और वह क्यों डर गया? 5. गद्याशं में आए कु छ जानवरों के नाम चलचखए। अचिव्यचक्त सृजनात्मकता II. इन प्रश्नों के उत्तर २-३ वाक्यों में चिचखए। प्रश्न: 1. खरगोश के पीछे कौन-कौन भाग रहे थे? क्यों? 2. मधे ा ने पत्र चकसे और क्यों चलखा? 3. हमारा दशे चकन-चकन कारणों से सदंु र लगता ह?ै चनम्न प्रश्नों से चकसी एक का उत्तर चिचखए । 1. “अपना प्यारा भारत दशे ” कचवता का सारांश चलचखए? 2. अपने मोहल्ले की गदं गी हटवाने के चलए स्वास््य अचधकारी को पत्र चलचखए। िाषा की बात III. चनिेश के अनसु ार चिचखए। 1. आसमान = (वाक्य बनाइए) 2. भारत बहतु ही प्यारा दशे ह।ै (इसमें चवशेषण क्या ह।ै ) 3. चििी - (पयाियवािी शब्द चलचखए) 4. शरे ने पहले पेड़ के ऊपर दखे ा, चफर ...........दखे ा। (रेखाचं कत शब्द का चवलोम शब्द चलचखए) 5. मैं अपनी बहन की शादी मंे जा रही ह।ँा (वाक्य को भचवष्यतकाल मंे बदचलए।) 78

उपवािक नन्हा मनु ्ना राही हँ …. -शकीि बिायुनी नन्हा मनु्ना राही हँा दशे का चसपाही ह,ँा 79 बोलो मरे े सगं , जयचहदं , जयचहदं , जयचहदं , जयचहदं , जयचहदं । रास्ते पे िलगाँू ा न डर-डर के , िाहे मझु े जीना पड़े मर-मर के , मचं जल से पहले न लाँगू ा कहीं दम, आगे ही आगे बढाऊँा गा कदम, दाचहने बायंे दाचहने बायंे थम!।। नन्हा …. ॥ धपू मंे पसीना मैं बहाऊाँ गा जहाँा, हरे-भरे खते लहरायेंगे वहाँा, धरती पे फाके न पायगंे े जनम, आगे ही आगे बढायगें े कदम, दाचहने बायंे दाचहने बायें थम!।। नन्हा …. ॥ बड़ा हो के दशे का सहारा बनँागू ा, दचु नया की आखँा ों का तारा बनगाँू ा, रखगँाू ा ऊँा िा चतरंगा परिम, आगे ही आगे बढायंेगे कदम, दाचहने बायें दाचहने बायें थम!।। नन्हा …. ॥ शाचं त की नगरी है मरे ा ये वतन, सबको चसखाऊँा गा मैं प्यार का िलन, दचु नया मंे चगरने न दगँाू ा कहीं बम, आगे ही आगे बढाऊाँ गा कदम, दाचहने बायें दाचहने बायंे थम!।। नन्हा …. ॥

चनम्न पद्ांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर चिचखए। बड़ा हो के दशे का सहारा बनँागू ा, दचु नया की आखँा ों का तारा बनँागू ा, रखगाँू ा ऊाँ िा चतरंगा परिम, आगे ही आगे बढाऊँा गा कदम, दाचहने बायंे दाचहने बायें थम। प्रश्न : 1. यह गीत कौन गा रहा ह?ै उ. यह गीत एक नन्हा बालक गा रहा ह,ै जो चसपाही की पोशाक पहने हुए ह।ै 2. वह बड़ा हो कर क्या करना िाहता ह?ै उ. वह बड़ा हो कर दशे का सहारा बनना िाहता ह।ै 3. वह चकसकी आखाँ ों का तारा बनना िाहता ह?ै उ. वह दचु नया की आखँा ों का तारा बनना िाहता ह।ै 4. वह चतंरगे झडं े को कै से रखना िाहता ह?ै उ. वह चतरंगे झण्डे को सदा ऊाँ िा रखना िाहता ह।ै 5. पद्य मंे से महु ावरा िनु कर चलचखए। उ. आखाँ ों का तारा। 80

इिाई-3 7. िारमीनार अर्थग्राह्यता प्रकतकिया प्रश्न: 1. यह किसिा कित्र है? उ. यह ताज महल का चित्र ह।ै 2. यह सफ़े द रंग में क्यों ददखाई देता है? उ. ताजमहल सफे द सगं मरमर से बना ह,ै इसलिए यह सफ़े द रंग मंे लदखाई दते ा ह।ै 3. इसिी सुंदरता िे बारे में दो वाक्य बोलो। उ. ताजमहल आगरा मंे यमनु ा नदी के चकनारे बनाया गया ह।ै इसे बादशाह शाहजहााँ ने अपनी बगे म ममु ताज़ महल की याद मंे बनवाया था। यह एक उदय् ान के बीि में है तथा िाँदा नी रात मंे बहुत सदंु र चदखाई दते ा ह।ै 1. आबाद = बसा हुआ populated, to develop 2. सपना 3. डगर = स्वप्न, dream 4. छू ना 5. नक्काशी = रास्ता, path, track 6. धरोहर 7. मीनार = आसमान, to touch, to feel 8. बेचमसाल 9. मज़बतू = बनावट, engraving, designing 10. मानवता = छोडी हईु संपचि, trust = गबंु द, tower, minaret = चजसका अन्य उदाहरण न हो, unparalleled, unique = दृढ़ strong = मनषु ्यता, humanity, mankind 81

'िारमीनार' शीर्कष कचवता मंे हदै राबाद में चस्थत िारमीनार की चवशरे ्ता बताई गई ह।ै हदै राबाद शहर मंे चस्थत िारमीनार िार सौ साल से यहााँ की शोभा बढ़ा रहा ह।ै सलु तान कु ली कु तबु शाह ने सन् 1591 मंे िारमीनार बनवाया था। सलु तान कु ली कु तुबशाह ने अपने सपनों के नगर के रूप मंे एक सनु ्दर शहर बनाया था। चजसका नाम हदै राबाद रखा गया। यहाँा की हर डगर, हर रास्ता, प्रत्येक इमारतंे बहतु सनु ्दर और आकर्कष ह।ंै कचवता मंे कहा गया है चक िारमीनार की मीनारें बहुत ऊँा िी ह।ै ऐसा लगता है जसै े वे आसमान को छू रही हों। चमट्टी की बनी इसकी दीवारंे बहतु मज़बतू ह।ंै इस पर जो नक्काशी का कायष चकया गया ह,ै वह बहतु ही बेचमसाल और अद् भतु ह।ै िारमीनार िार सौ साल से हदै राबाद की शोभा बढ़ा रहा है। िारमीनार के वल एक स्मारक ही नहीं ह,ै यह हमें मानवता का संदशे भी दते ा ह।ै इसकी जो िार िारों कोनों पर जो िार मीनारें ह,ैं ये एकता का प्रतीक ह।ंै ये िारों मीनारें चहन्द,ू मचु स्लम, चसख, ईसाई की एकता को दशातष ी ह।ंै धाचमकष सचहष्णतु ा की चशक्षा दते ी ह।ैं नीिे कदए गये प्रश्नों िे उत्तर कलकिए। 1. हैदराबाद िो िली ितबशाह िे सपनों िा नगर क्यों िहा जाता है? उ. िारमीनार हदै राबाद मंे चस्थत ह।ै इसका चनमाणष सलु तान कु तबु शाह ने साल पहले करवाया 044 था। इसका हर रास्ता संदु र ह।ै इसकी िार मीनारें आसमान को छू ती ह।ैं इसके ऊपर की गई नक्काशी भी बेचमसाल ह।ै 2. हैदराबाद िे बारे मंे बताओ। उ. हदै राबाद िार सौ साल परु ाना शहर ह।ै इस शहर के प्रचसद्ध स्थान गोलकोंडा, िारमीनार, सालारजगं सगं ्रहालय, चिचडयाघर, चबलाष मचं दर, नक्षत्रशाला, टंैकबडं , मसू ीनदी, गचं डपेट जलाशय, हाईटेक-चसटी, शमशाबाद हवाई अड्डा, उच्ि न्यायालय, प्रकृ चत आश्रम् , चवचवध उच्ि स्तरीय चिचकत्सालय, चवचवध चवश्वचवद्यालय, चवचवध उदय् ोग आचद ह।ैं यह नव चनचमतष तले गं ाना की राजधानी ह।ै हदै राबाद और चसकं दराबाद को जडु वां-नगर कहते ह।ंै 3. िारमीनार इमारत िे बारे में तम क्या जानते हो? उ. िारमीनार िार सौ साल परु ानी इमारत ह।ै इसे महु म्मद कु ली कु तबु शाह ने सन् 1591 में बनवाया था। इस इमारत का क्षेत्रफल 24x20 वगाकष ार मंे ह।ै इसके िारों कोनों पर िार मीनारें ह।ैं इन मीनारों की ऊाँ िाई 56 मीटर ह।ै इन मीनारों की िार-िार मचं जलंे हैं चजन्हंे िढ़ने के चलए 109 सीचियााँ ह।ंै इन मीनारों पर िढ़ कर दखे ने से सारा शहर चदखाई दते ा ह।ै इसकी िारों मीनारों को चहन्द,ू मचु स्लम, चसख और ईसाई िार धमों के िार प्रचतरुप कह सकते ह।ैं यह आधं ्र-प्रदशे के हृदय-पटल पर सशु ोचभत ह।ै अकतररक्त प्रश्न 1. हदै राबाद में और कौनसी जगह घमू ने योग्य ह?ै 2. हदै राबाद में आपको और कौनसी जगह बहतु पसदं ह?ै उसके बारे में बताइए। 3. हदै राबाद के एक और ऐचतहाचसक स्थान का नाम बताए।ाँ 82

(अ) नीिे दी गयी पंकु क्तयााँ पढो। उनसे जडी िकवता िी पकंु क्तयााँ सनाओ। दी गई पकुं क्तयााँ उनसे जडी िकवता िी पुकं क्तयाँा - कु ली कु तबु शाह ने िारमीनार का चनमाषण करवाया - चजसने िारमीनार बनवाया। सबको मानवता का पाि पढ़ाया। मानवता का पाि पढ़ाया। - िारमीनार की मीनारें बहतु ऊँा िी ह,ै - आसमान को छू ती मीनारंे इसकी दीवारंे चमट्टी से बनी है चमट्टी की मज़बतू दीवारें। और बहतु मज़बतू ह।ंै - िारमीनार के चनमाषण के िार सौ-वर्ष हो िकु े ह,ंै - इसकी उम्र िार सौ साल, चकन्तु आज भी ऐसी सदंु र नक्काशी कहीं - इसकी नक्काशी बचे मसाल। और नहीं चमलती। अकतररक्त प्रश्न 1. आसमान को छू ती मीनारंे, चमट्टी की मज़बतू दीवारें। इसकी नक्काशी बेचमसाल, इसकी उम्र िार सौ साल। - चनम्न पचं ियों से तीन प्रश्न बनाइए। 2. इन प्रश्नों के उिर अपने सहपाचियों से पचू छए। 3. मानवता का पाि पढ़ाया। - इस पंिी में प्रत्यय शब्द िूँचा िये। अध्यापन सिंु े त - सनु ो-बोलो, पढ़ो में चदए गए अचतररि प्रश्न के वल छात्रों के वािन कौशल के चवकास हते ु चदए गए ह।ंै छात्रों से चनम्न प्रश्न पछू ंे, उिर की सराहना करंे। छात्रों को कचवता का मलू भाव समझाए।ँा कचवता-वािन के चलए प्ररे रत करंे। अकिव्यकक्त सृजनात्मिता (अ) िारमीनार िे बारे में पााँि वाक्य कलिो? उ. िार सौ वर्ष पहले कु तबु शाही वशं के राजा कु ली-कु तबु शाह ने िारमीनार का चनमाषण करवाया। इस इमारत का क्षते ्रफल 24x20 वगाकष ार मंे ह।ै इसके िारों कोनों पर िार मीनारंे ह।ैं इसकी ऊँा िाई 56 मीटर ह।ै इन मीनारों की िार-िार मचं जलंे हैं चजन्हंे िढ़ने के चलए 109 सीचढ़यााँ ह।ंै इसकी दीवारें चमट्टी से बनी है और मज़बतू ह।ै आज भी ऐसी संदु र नक्काशी कहीं नहीं चमलती। 83

(आ) हमारे देश में कहन्दू, मकललम, कसि, ईसाई कमलजल िर रहते हंै।इनिे प्रार्थना लर्ल िे बारे मंे एि-एि वाक्य कलिो। उ. चहन्दू मचं दर में पजू ा करते ह,ंै मचु स्लम मसचजद मंे जाकर नमाज़ पढ़ते ह,ंै चसख गरु ूद्वारे जाते हऔैं र ईसाई चगररजाघर मंे जािर प्राथषना करते ह।ैं (इ) प्रािीन िाल मंे राजाओंु ने िई ऐकतहाकसि इमारतों िा कनमाथण किया। िछ इमारतों और राजाओुं िे नाम कलिो? उ. इमारत राजा उदााः ताजमहल शाहजहााँ १. कु तबु मीनार कु तबु दु द् ीन २. लालचकला शाहजहाँा ३. बलु ंद दरवाज़ा अकबर ४. िारमीनार कु ली कु तबु शाह ऐसी ऐचतहाचसक इमारतंे हमारे दशे की धरोहर ह।ै िाषा िी बात अ) कनदेश िे अनसार कलिो। 1. एि नया शहर आबाद किया। (रेिाुंकित शब्द िा कवलोम शब्द कलििर वाक्य किर से कलिो।) उ. एक पराना शहर आबाद चकया। 2. इसिी िार मीनारें हैं। (रेिाुंकित शब्द िे लर्ान पर ‘’एि’’ कलििर वाक्य किर से कलिो।) उ. इसकी एि मीनार ह।ै 3. आसमान िो छू ती मीनारंे। (रेिांुकित शब्द िा पयाथयवािी शब्द कलििर वाक्य किर से कलिो।) उ. गगन, नि को छू ती मीनारें। अ) समझो और पढो। कहलाया - कहलवाता बनवाया - बनवाता पढ़ाया - पढ़ाता 84

1. िारमीनार िा वणथन िरते हएु कमत्र िो पत्र कलिो। उ. स्थान------------ चदनाकं ......... चप्रय मदन, मंै यहााँ कु शल हँा और आशा करता हाँ चक आप भी वहााँ कु शल मगं ल होंग।े चपछले महीने मअैं पने माता-चपताके साथ हदै राबाद गया था। मनै े वहाँा िारमीनार दखे ा। मंै इस पत्र में िारमीनार का वणनष कर रहा ह।ँा िारमीनार िार सौ साल परु ानी इमारत ह।ै कु ली कु तबु शाह इसके चनमाषता थे। इसकी मीनारें बहतु ऊाँ िी ह।ंै इसकी दीवारंे चमट्टी से बनी हंै और बहुत मज़बतू ह।ंै इसकी नक्काशी संुदर ह।ै इसकी िार मीनारों को चहन्द,ू मचु स्लम, चसख और ईसाई िारों धमों का प्रचतरूप कह सकते ह।ैं यह तले गं ाना के हृदय-पटल पर सशु ोचभत ह।ै यचद तुम्हंे भी समय चमले तो तमु भी हदै राबाद जाना। तमु ्हारे माता-चपता को मरे ा नमस्कार। तमु ्हारा चप्रय चमत्र, नामः.............. पताः नाम............... म.न. –------- गली----------- शहर----------। क्या मैं ये िर सिता ह/ँा सिती हँा हाँा () नहीं ( × ) 1. कचवता के बारे मंे बातिीत कर सकता ह।ाँ 2. कचवता का साराशं अपने शब्दों मंे बता सकता ह।ँा 3. कचवता के शब्दों से वाक्य बना सकता ह।ँा श्रतलेि 85

अकतररक्त िायथ प्रश्नोत्तर 1. िकवता िी पकुं क्तयों िो सही िम दीकजए। कमट्टी िी मज़बतू दीवारें। आसमान िो छू ती मीनारें, इसिी उम्र िार सौ साल। इसिी नक्िाशी बेकमसाल, उ. आसमान को छू ती मीनारें, चमट्टी की मज़बतू दीवारें। इसकी नक्काशी बचे मसाल, इसकी उम्र िार सौ साल। 2. िारमीनार िहाँा है। इसिा कनमाथण किसने किया? उ. िारमीनार हदै राबाद मंे चस्थत ह।ै इसका चनमाषण सलु तान कु तबु शाह ने 044 साल पहले करवाया था। यह इस्लाचमक स्थापत्य कला में चनचमतष सनु ्दर और ऐचतहाचसक इमारत ह।ै 3. िछ ऐकतहाकसि इमारतों िे नाम कलकिए। उ. ऐचतहाचसक इमारतें हमारे दशे की शोभा बढ़ाती ह।ंै दशे और चवदशे ी पयषटकों को भी ये बहुत आकचर्षत करती ह।ैं इनकी चनमाषण शलै ी, कला, चवशरे ्ता, बनावट सभी अद् भतु और अवणनष ीय होते ह।ंै कु छ ऐचतहाचसक इमारतों के नाम - हदै राबाद का िारमीनार, आगरा का ताजमहल, हदै राबाद का गोलकोण्डा, चदल्ली का कु तबु मीनार, चदल्ली की जामा मचस्जद, फतहे परु चसकरी आगरा से 23 मील दरू आचद। सवुं ाद लेिन संवु ाद िी पररिाषा - दो या दो से अचधक व्यचियों के बीि हुए वातालष ाप को ‘सवंु ाद’ कहते ह।ंै सुंवाद िी कवशेषताएँा लेिन - 1. सवं ाद में प्रवाह, क्रमबद्धता और तकष सम्मत चविार होने िाचहए। 2. सवं ाद दशे , काल, व्यचि और चवर्य के अनकु ू ल होना िाचहए। 3. संवाद की भार्ा सरल होनी िाचहए। 4. संवाद छोटे, स्पष्ट और आकर्कष होने िाचहए। 5. सवं ाद सजीव, रोिक और मनोरंजक होने िाचहए। जैसे - प्रदूषण िो लेिर दो कमत्रों िे बीि सुवं ाद हो रहा है- बरखा - अरे, चनचध तमु ्हारी तबीयत कै सी है अब? चनचध - ऐसे तो िीक ह।ै लेचकन घर के बाहर चनकलने पर प्रदरू ्ण से चफर तबीयत खराब हो जाती ह।ै बरखा - आजकल प्रदरू ्ण के कारण सभी के स्वास््य पर बरु ा प्रभाव पड रहा ह।ै चनचध - इस बढ़ते प्रदरू ्ण को रोकने के चलए हमंे कु छ तो कदम उिाने ही होंग।े बरखा - समाज से इस प्रदरू ्ण नामक बीमारी को हटाने के चलए हममंे से ही चकसी को शरु ुआत करनी होगी। चनचध - क्यों न हम ही ये शरु ुआत करें। 86

बरखा - कै से? क्या तमु ्हारे पास कोई योजना ह?ै चनचध - सबसे पहले हम अपने घर और पडोस से ही शरु ुआत करंेग।े हम सभी को वाहनों का उपयोग आवश्यकतानसु ार ही करने के चलए प्रेररत करंेग।े इस प्रकार वायु प्रदरू ्ण कम होगा। बरखा - हाँा। तजे ़ आवाज़ों को कम करने के चलए प्रोत्साचहत करके हम ध्वचन प्रदरू ्ण रोक सकते ह।ंै चनचध - पानी में किरा न फंै क कर हम जल प्रदरू ्ण पर रोक लगा सकते ह।ैं बरखा - इसी तरह करते-करते हमंे दखे कर और लोग भी प्ररे रत होंगे और हमारी इस श्रखंृ ला से जडु जाएगाँ ।े चनचध - समाज जागतृ होगा तो अपने आप ही पयाषवरण स्वच्छ हो जाएगा। बरखा - िलो चफर नेक काम में दरे ी क्यों? चनचध - िलो िलते ह।ैं व्यािरण प्रत्यय िृ त प्रत्यय चक्रया या धातु के अतं मंे लगकर संज्ञा और जो शब्दांश चकसी शब्द ेक अंत में जुडकर उन ेक अथष में पररव षतन ला देते हैं, वे प्रत्यय कहलाते चवशरे ्ण शब्दों की रिना करने वाले प्रत्यय कृ त प्रत्यय कहलाते हंै और उसके मले से बने शब्द हैं। प्रत्यय ेक दो भेद हंै। कृ दतं कहलाते ह।ंै चलख धातु के पीछे आई प्रत्यय लगाने पर नया शब्द चलखाई बना। इसी प्रकार उड + आन = उडान, िमक + ईला = िमकीला शब्द बने ह।ैं तकित प्रत्यय चहदं ी तद्भव शब्दों के अतं मंे चजन शब्दांश को लगाकर सजं ्ञा और चवशरे ्ण बनाए जाते ह,ंै उन्हें तचद्धत प्रत्यय कहते ह।ंै िािा (सजं ्ञा) + एरा (प्रत्यय) = ििेरा वीर (चवशरे ्ण) + ता (प्रत्यय) = वीरता घर (संज्ञा) + एलू (प्रत्यय) = घरेलू छाता (सजं ्ञा) + री (प्रत्यय) = छतरी 87

प्रत्यय िृ त प्रत्यय – भलू ा , जागा तकित प्रत्यय – बगं ाली, अमीरी 1. आ - चलखाई, लडाई 1. ई - बरु ाई, चमिाई 2. आई - चलखावट, सजावट 2. आई - धाचमकष , सामाचजक 3. आवट - घबराहट,चिल्लाहट 3. इक - रंगीन, नमकीन 4. आहट - चमलन, मनन 4. ईन - अपनापन, लडकपन 5. अन - िलता, बहता 5. पन - मोटापा, बढु ़ापा 6. ता - लेनदार, िमकदार 6. पा - मानवता, चमत्रता 7. दार - 7. ता - 88

अभ्यास िायथ (Work Book) पकित पद्ांुश कनम्न पद्ांुश िो पढिर प्रश्नों िे उत्तर कलकिए। एक शहर चकया आबाद, जो कहलाया हदै राबाद। कु ली के सपनों का नगर, संदु र यहाँा की हर डगर। आसमान को छू ती मीनारंे, चमट्टी की मज़बतू दीवारें, इसकी नक्काशी बेचमसाल, इसकी उम्र िार सौ साल। प्रश्नाः 1. चकस शहर को आबाद चकया गया? उ. 2. यहााँ की हर डगर कै सी ह?ै उ. 3. यहााँ की मीनारंे कै सी ह?ैं उ. 0. िार मीनार की उम्र चकतनी ह?ै उ. 5. चनम्न चलचखत शब्दों के अथष चलखकर वाक्य बनाएँा। उ. प्रश्नोत्तर कनम्न प्रश्नों िे उत्तर कलकिए। 1. िारमीनार कचवता का साराशं अपने शब्दों में चलचखए। 2. िारमीनार की क्या चवशरे ्ता ह?ै 89

सवुं ाद लेिन अभ्यास – चकसी ऐचतहाचसक इमारत की सनु ्दरता का वणनष करते हएु दो चमत्रों का सवं ाद चलचखए। व्यािरण 1. कनम्न रेिांुकित शब्दों से प्रत्यय अलग िरिे कलकिए। 1. िार मीनार ने हमें मानवता का पाि पढ़ाया ह।ै उ. 2. मझु े आपके घर आने में कोई कचिनाई नहीं हईु । उ. 3. आज बहुत गरमी ह।ै उ. 2. कनम्न शब्दों में प्रत्यय लगािर नए शब्द बनािर कलकिए। 1. बरु ा - 2. अच्छा - 3. महान - 4. चलखा - 5. दयाल - 6. जवान - 3. कनम्न प्रत्ययों िे सयुं ोग से नए शब्द बनािर कलकिए। 1. आवट - 2. ई - 3. ता - 4. इक - 5. ईय - 6. हारा - 4. कनम्न शब्दों िे कवलोमार्थ कलकिए। 2. शहर × 1. आबाद × 4. संदु र × 3. आसमान × 6. मानवता × 5. मजबतू × 90

5. कनम्न वाक्यों मंे कवशेषण शब्द रेिाुंकित िीकजए। 1. रमण ने मझु े परु ाना चखलौना चदया। 2. िारमीनार हमारी प्रािीन इमारत ह।ै 3. िारमीनार में िार मीनारें ह।ंै 6. कनम्न शब्दों िे विन बदलिर कलकिए। 1. मीनार - 2. दीवार - 3. सपना - 4. कचवता - 5. रानी - 6. इमारत - 7. कनम्नकलकित शब्दों िो वाक्यों में प्रयोग िीकजए। 1. आबाद - 2. िारमीनार - 3. बचे मसाल - 8. कनम्न शब्दों िे पयाथयवािी शब्द कलकिए। 1. आसमान - 2. उम्र - 3. बचे मसाल - 4. संदु र - 5. डगर - 6. राजा - 9. कनम्न शब्दों िे कलगुं बदलिर कलकिए। 2. राजा - 1. भाई - 4. दोस्त - 3. लडका - 6. नर - 5. चपता - 91

10. कनम्न शब्दों िे उपसगथ पहिानिर कलकिए। 1. बचे मसाल - 4. लापता - 2. अकाल - 5. नासमझ - 3. असनु ्दरता - 6. अनजान - 11. कनम्न वाक्यों िे िाल पहिानिर िोष्ठि मंे सही उत्तर कलकिए। 1. कु ली के सपनों का नगर हदै राबाद ह।ै ( ) भचवष्यत काल ) अ) वतमष ान काल आ) भतू काल इ) ) ( 2. िारमीनार की नक्काशी बचे मसाल थी। भचवष्यत काल अ) भतू काल आ) वतषमान काल इ) ( भतू काल 3. वह मानवता का पाि पढ़ाता ह।ै अ) भचवष्यत काल आ) वतषमान काल इ) 12. कनम्न वाक्यों मंे सजंु ्ञा शब्द पहिानिर िोष्ठि मंे सही उत्तर कलकिए। ( ) 1. मनंै ें िारमीनार दखे ा ह।ै िारमीनार ) ) अ) दखे ा आ) है इ) मनैं ें ई) ( सभी ) 2. सभी धमष के लोग रहते ह।ंै ) ( ) अ) धमष आ) सभी इ) रहते ई) था 3. हदै राबाद शहर आबाद हआु था। ( रावन अ) हआु आ) हदै राबाद इ) आबाद ई) ( 13. कनम्न शब्दों िे समान ध्वकन वाले शब्द पहिानिर िोष्ठि मंे सही उत्तर कलकिए। लाना 1. नगर ( चकवाड अ) डगर आ) दामन इ) गमन ई) 2. बनवाया अ) तोडना आ) पढ़ाया इ) चलखना ई) 3. मीनारंे अ) िारमीनार आ) दीवार इ) दीवारंे ई) 92

14. कनम्न शब्दों मंे प्रत्यय पहिानिर िोष्ठि मंे सही उत्तर कलकिए। 1. मानवता ( ) ई) वता ) अ) आ आ) त इ) ता ) ( 2. चमलावट ई) अट अ) आवट आ) वट इ) ट ( ई) आलु 3. दयालु अ) लु आ) उ इ) ऊ 15. कनम्न शब्दों में उपसगथ पहिानिर िोष्ठि में सही उत्तर कलकिए। 1. अपमान ( ) ई) आप् ) अ) अ आ) आ इ) अप ) ( 2. प्रयोग ई) पर अ) प्र आ) प्र इ) प ( ई) मर 3. अमर अ) अ आ) आ इ) अम ऐकतहाकसि इमारतंे हमारे दशे िी धरीहर हैं। 93

इकाई-3 8. हमारे त्यौहार अर्थग्राह्यता प्रचतचिया प्रश्न: 1. चित्र में क्या चिखायी िे रहा है? उ. चित्र में बतकु म्मा-पर्व मनाती हुई औरतंे और लड़चकयाँा चिखायी िे रही ह।ंै बीि मंे सजी हुई बतकु म्मा है तथा उसके िारों ओर औरतें तथा लड़चकयाँा ह।ैं 2. कु छ त्यौहारों के नाम बताओ। उ. बतकु म्मा, अट्लातिि् ी, बोनाल,ु तीज आचि लोक त्यौहार ह।ैं 3. चियााँ क्या गा रही होंगी? उ. चियाँा बतकु म्मा से सम्बचधित गाना गा रही होंगी। 1. त्यौहार = पर्,व festival(s) लोक-पर्,व folk festival(s) 2. लोक त्यौहार = समहू संबिं ी Collective अलंकृ त करना to decorate 3. सामचू हक = गोल घमू ना, to revolve चहना, myrtle 4. सजाना = खास कर, particularly अचर्र्ाचहत, virgin 5. घमू ना = सामाधय जनता के गीत, folk songs सिंु रता, elegance, beauty 6. महे िं ी = 7. चर्शषे कर = 8. कंु र्ारी = 9. लोकगीत = 10. शोभा = 94

11. और-बढ़ना = और अचिक बढ़ना, to increase more 12. महे िं ी रिना = हाथों मंे महें िी लगाना, to decorate the palms and feet with myrtle leaves by grinding them 13. चर्सजनव करना = पानी में बहाना, to bid farewell, to abandon 'हमारे त्यौहार' पाठ सरं ्ाि चर्िा में चलखा गया ह।ै इसमें शारिा और रशीिा िो सहचे लयाँा िशहरे की छु ट्टियों के बाि चमलती ह।ै र्े आपस में िशहरे के त्यौहार के बारे में बातंे कर रही ह।ंै भारत चर्चभधन िमावर्लचं बयों का िशे ह।ै सभी िमव अपनी-अपनी सभ्यतानसु ार रीचत-ट्टरर्ाजों का पालन करते ह,ैं त्यौहार मनाते ह।ैं िशहरे की छु ट्टियों के बाि चमली सहचे लयााँ शारिा और रशीिा आपस में बातिीत कर रही ह।ंै रशीिा, शारिा से पछू ती है चक,‘यह िशहरे का त्यौहार कहााँ-कहाँा मनाया जाता ह?ंै गौरी पजू ा चकस त्यौहार के रूप में मनाते ह?ंै शारिा बताती है चक,‘िशहरे का त्यौहार परू े िशे मंे मनाया जाता ह।ै इन चिनों हर जगह गौरी-पजू ा की जाती ह।ै हमारे यहाँा गौरी-पजू ा के रूप मंे बतकु म्मा, अट्ला तद्दी जसै े त्यौहार मनाते ह।ंै ’ बतकु म्मा के चिन तरह-तरह के फू लों से सजी हईु संिु र बतकु म्मा बनाई जाती ह।ै मचहलाएाँ और लड़चकयाँा सामचू हक रूप से गीत गाती हुई बतकु म्मा के िारों ओर घमू ती ह।ंै बतकु म्मा को गौरी मााँ का रूप मानते ह।ैं रशीिा पनु ः प्रश्न करती ह,ै गौरी-पजू ा के रूप में और कौन सा त्यौहर मनाते ह?ंै इस चिन क्या चकया जाता ह?ै शारिा बताती है चक, ‘अट्ला तद्दी भी गौरी-पजू ा का ही त्यौहार ह।ै इसे महे िं ी या झलू े का त्यौहार भी कहते ह।ैं यह िशहरे के बाि मनाया जाता ह।ै इस चिन काँु र्ारी लड़चकयाँा और मचहलाएाँ बगीिों में जाती ह।ंै र्हाँा अिलु (िोसा) बनाकर खाती ह,ंै झलू ा झलू ती ह,ंै शाम को गौरी मााँ का पजू न कर सबु ह चर्सचजतव करती ह।ंै इन लोक-उत्सर्ों और लोक गीतों से ही भारत िशे की शोभा बढ़ती ह।ै कहकर रशीिा ने शारिा की बात का समथवन चकया। नीिे चिये गये प्रश्नों के उत्तर चिचखए। 1. त्यौहार क्यों मनाते हैं? उ. हम प्रचतचिन एक जसै ी चिनियाव चबताते हंै इससे जीर्न में नीरसता आ जाती ह।ै उसे िरू करने के चलए तथा जीर्न मंे नई स्फू चतव, शचि िते ना और उमंग भरने के चलए हम त्यौहार मनाते ह।ंै 2. मचहिाओं व िड़चकयों ि्वारा मनाये जाने वािे कु छ चवशेष त्यौहारों के नाम बताओ। उ. बतकु म्मा, अट्ला तिि् ी, बोनाल,ु नाग िचर्ती, तीज, करर्ा िौथ आचि मचहलाओं र् लड़चकयों द्वारा मनाए जाने र्ाले चर्शेष त्यौहार ह।ैं 3. तुम्हारे गाँाव या शहर में िशहरा कै से मनाते हंै? उ. हमारे गाराँ ् मंे नौ चिन तक माता िगु ाव की पजू ा की जाती ह।ै िसर्ीं के चिन चर्जय िशमी मनाई जाती ह।ै रामायण से सबं ंचित चर्चित्र-झााँचकयाँा चनकाली जाती ह।ै शाम के समय रार्ण तथा कु म्भकरण के पतु ले जलाये जाते ह।ंै साथ ही िमू -िाम से मले ा लगाया जाता ह।ै उस चिन लोग नए -नए कपड़े पहनते ह।ैं आज के चिन शि पजू ा भी की जाती ह।ैं 95

अचतररक्त प्रश्न 1. आपका मनपसिं त्यौहार कौनसा ह?ै 2. आप उसे चकस तरह मनाते ह?ंै उस चिन क्या चर्शेष करते ह?ंै 3. तले ंगाना की एक और चर्शषे त्यौहार का नाम बताइए। (अ) चकसने कहा। 1. इसे ही महे िं ी या झलू े का त्यौहार भी कहते ह।ंै - शारिा ने कहा। 2. सबु ह चर्सजनव करते ह|ैं - शारिा ने कहा। 3. हमारे पड़ोस मंे बतकु म्मा खले ते ह।ंै - रशीिा ने कहा। अचतररक्त प्रश्न 1. चिए गए शब्िों के अथव चलखकर र्ाक्य बनाइए। पजू ा, त्यौहार, सामचू हक, पड़ोस, संिु र 2. मचहलाएँा और लड़चकयाँा सामचू हक रूप से गीत गाती हईु बतुकम्मा के िारों ओर घमू ती ह।ंै बतकु म्मा को गौरी माँा का रूप मानती ह।ैं – इस र्ाक्य मे चिचलंग पहिाचनए। 3. पाठ मे चद्वत्र्ाक्षर र्ाले शब्ि चलचखए। अध्यापन सकं े त - सनु ो-बोलो, पढ़ो मंे चिए गए अचतट्टरि प्रश्न के र्ल छात्रों के र्ािन कौशल के चर्कास हते ु चिए गए ह।ंै छात्रों से चनम्न प्रश्न पछू ंे, उत्तर की सराहना करें। छात्रों को त्यौहारों की चर्शषे ता से अर्गत कराए।ाँ अचिव्यचक्त सृजनात्मकता 1. िशहरे के चिनों मंे क्या होता है? उ. िशहरे का त्यौहार परू े िशे मंे मनाया जाता ह।ै इन चिनों हर जगह गौरी-पजू ा की जाती ह।ै हमारे यहााँ गौरी-पजू ा के रूप में बतकु म्मा, अट्ला तद्दी जसै े त्यौहार मनाते ह।ंै 2. धाचमथक दृचि से िोक उत्सवों का क्या महत्व है? उ. लोक उत्सर् िशे के हर प्रातं मंे मनाये जाते ह।ंै समय-समय पर चर्चभधन िमों और संस्कृ चतयों द्वारा मनाए जाने र्ाले त्यौहार ही भारत िशे की शोभा बढ़ाते ह।ंै चभधन-चभधन लोक उत्सर्ों और लोक गीतों का अपना महत्र् र् अथव होता ह।ै यही त्यौहार हमें अपने िमव और ससं ्कृ चत से जोड़कर रखते ह।ंै 3. बतुकम्मा और अट्िा तद्दी त्यौहार कै से मनाये जाते हंै? उ. बतकु म्मा त्यौहार पर बतकु म्मा को चर्चर्ि फू लों से सजाते ह।ंै बतकु म्मा को गौरी-मााँ का रूप मानते ह।ंै मचहलाएाँ और लड़चकयााँ सामचू हक रूप से चर्चर्ि गीत गाते हएु बतकु म्मा के िारों ओर घमू ती ह।ैं ‘‘बतकु म्मा बतकु म्मा उय्यालो, बंगारु बतकु म्मा उय्यालो...’’ गाना गाते ह।ंै अट्ला तद्दी भी गौरी-पूजा का ही त्यौहार ह।ै इसे महे िं ी या झलू े का त्यौहार भी कहते ह।ैं यह िशहरे के बाि मनाया जाता ह।ै इस चिन कँाु र्ारी लड़चकयाँा और मचहलाएाँ बगीिों में जाती ह।ंै र्हाँा अिलु (िोसा) बनाकर खाती ह,ंै झलू ा झलू ती ह,ैं शाम को गौरी माँा का पजू न कर सबु ह चर्सजनव करती ह।ैं 96

िाषा की बात अ. वगथ पहेिी मंे से त्यौहारों के नाम िुनकर चिखो। िी र्ा ली प र म प रा न ग जा न हो चि ि त ल स ली ओ स प गा त ण म सं िां चत म उ. िीपार्ली, सिं ांचत, रमजान, होली, चिसमस, ओणम (अ) नीिे चिये गये वाक्य और चित्र ध्यान से िेखो। मै खले ता ह।ँा हम खले ते ह।ंै यह खले ता ह।ै ये खले ते ह।ैं र्ह खले ता ह।ै र्े खले ते ह।ैं ऊपर चिये गये र्ाक्यों मंे रेखांचकत शब्ि सर्नव ाम कहलाते ह।ैं सवथनामः सजं ्ञा के स्थान पर आने र्ाले शब्िों को ‘सर्नव ाम’ कहते ह।ंै जसै ःे म,ंै त,ू तमु , आप, यह, र्ह, य,े र्,े आप, हम आचि। वह, वे मै, हम यह, ये सवव नाम आप तू, तुम 97

1. अपने मनपसिं चकसी त्यौहार की शुिकामनाएँा िेते हुए छोटा सा (SMS) बनाइए। उ. िीपार्ली की हाचिकव शभु कामनाए।ाँ माता लक्ष्मी की कृ पा सिा आप तथा आपके पट्टरर्ार पर बनी रह।े िोक उत्सव गीत इकट्ठा करो। िाटथ पर चिपकाओ। कक्षा मंे सनु ाओ। जसै े : बतकु म्मा बतकु म्मा उय्यालो, बंगारु गौरम्मा उय्यालो। मा ऊरू कोच्ििं ी उय्यालो, मा इचं टकोच्िंिी उय्यालो।। उ. छात्र स्र्यं करेंग।े क्या मंै ये कर सकता ह/ाँ सकती हँा हाँा ( ) नहीं ( × ) 1. पाठ का बारे में बातिीत कर सकता ह।ँा 2. पाठ का सारांश अपने शब्िों मंे बता सकता ह।ँा 3. पाठ के शब्िों से र्ाक्य बना सकता ह।ँा श्रुतिेख 98

अचतररक्त कायथ प्रश्नोत्तर 1. हमारे जीवन में त्यौहारों का क्या महत्व है? उ. हमारे जीर्न मंे त्यौहारों का बहतु महत्र् ह।ै समय-समय पर चर्चभधन िमों और संस्कृ चतयों द्वारा मनाए जाने र्ाले त्यौहार ही भारत िशे की शोभा बढ़ाते ह।ंै चभधन-चभधन लोक उत्सर्ों और लोक गीतों का अपना महत्र् र् अथव होता ह।ै यही त्यौहार हमंे अपने िमव और संस्कृ चत से जोड़कर रखते ह।ंै 2. गौरी पूजा के रूप मंे और कौनसा त्यौहार मनाते हंै? उ. िशहरे के त्यौहार के चिनों मंे हर जगह पजू ा की जाती ह।ै गौरी-पजू ा के रूप मंे बतकु म्मा और अट्ला तिि् ी जसै े त्यौहार मनाए जाते ह।ंै बतकु म्मा को गौरी माँा का रूप मानकर, संिु र फू लों से बतकु म्मा सजाकर, मचहलाएाँ और लड़चकयाँा समचू हक रूप से बतकु म्मा के िारों ओर घमू कर गीत गाती ह।ैं िशहरे के बाि अट्ला तिि् ी का त्यौहार मनाते ह।ैं यह महे िं ी या झलू े का त्यौहार ह।ै यह भी गौरी पजू ा का ही त्यौहार ह।ै 3. त्यौहारों के समय मचहिाएँा और िड़चकयााँ क्या करती हंै? उ. बतकु म्मा के चिन तरह-तरह के फू लों से सजी हईु संिु र बतकु म्मा बनाई जाती ह।ै मचहलाएँा और लड़चकयाँा सामचू हक रूप से गीत गाती हुई बतकु म्मा के िारों ओर घमू ती ह।ंै बतकु म्मा को गौरी मााँ का रूप मानते ह।ैं अट्ला तद्दी भी गौरी-पजू ा का ही त्यौहार ह।ै इसे महे िं ी या झलू े का त्यौहार भी कहते ह।ंै यह िशहरे के बाि मनाया जाता ह।ै इस चिन कँाु र्ारी लड़चकयाँा और मचहलाएँा बगीिों मंे जाती ह।ंै र्हाँा अिलु (िोसा) बनाकर खाती ह,ंै झलू ा झलू ती ह,ंै शाम को गौरी माँा का पजू न कर सबु ह चर्सजनव करती ह।ैं चनबधं िेखन स्वतंत्रता चिवस गोस्र्ामी तलु सीिास ने कहा है – परािीन सपनहे ुाँ सखु नाहाँ ीं। परािीनता में स्र्प्न मंे भी सखु नहीं ह।ै स्र्ततं ्रता तो पशु – पचक्षयों को भी चप्रय होती ह।ै जब कोई राष्ट्र परततं ्र हो जाता है तो उसके चनर्ाचसयों के चलए परतंत्रता अचभशाप बन जाती ह।ै भारत जसै ा महान् राष्ट्र भी सकै ड़ों र्षव तक परािीन रहा और आपसी फू ट के कारण परािीनता के अचभशाप को सहन करता रहा। िशे र्ाचसयों की एकता और शचि के कारण भारत 15 अगस्त 1947 को परािीनता से मिु हुआ। यह चिर्स भारत मंे स्र्तंत्रता चिर्स के रूप मंे मनाया जाता ह।ै स्र्ततं ्रता चिर्स भारतर्षव का राष्ट्रीय पर्व ह।ै सभी राज्यों की राजिाचनयों एर्ं महानगरों में इस चिर्स पर चर्शषे आयोजन होते ह।ैं सभी राज्य सरकारें इस चिन राज्यों के चनर्ाचसयों के चलए कल्याणकारी योजनाओंकी घोषणा करती ह।ैं इस चिन िशे में सभी जगह राष्ट्रीय ध्र्ज फहराया जाता ह।ै सरकारी भर्नों को सजाया जाता ह।ै इस समारोह में िशे के सभी लोग सचम्मचलत होते ह।ंै भारत के बाहर रहने र्ाले भारतीय भी इस चिर्स को चर्िशे ों मंे रहकर मनाते ह।ंै इस प्रकार स्र्तंत्रता चिर्स हमारा महत्त्र्पणू व राष्ट्रीय पर्व ह।ै 99


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