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JANKRITI ISSUE 82-83 INTRO

Published by jankritipatrika, 2022-04-30 00:55:11

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वर्ष 7, अकं 82-83, फरवरी-मार्ष 2022 (सयकं ्त अंक) / 1

Volume 7, Issue 82-83, Fabruary-March 2022 ISSN: 2454-2725 (Peer-Reviewed / Refreed) (विशेषज्ञ समीवित) फरिरी- मार्च 2022 (सयंकु ्त अकुं ) जनकृ ति प्रकाशक जनकृ ति संस्था सपंु ादकीय कायाचलय फ्लैट जी-2, बागशे ्वरी अपाटमष ंटे , आयापष री, रािू रोड़, रांर्ी, 834001, झारखंड, भारि ईमेल: [email protected] वेबसाईट: www.jankriti.com सपं कष : 8805408656 इस पतिका मंे प्रकातिि सामग्री के उपयोग के तलए प्रकािक से अनमति आवश्यक है। विविटल प्रवत की सदस्यता प्राप्त करें और प्रत्येक िनकृ वत का नया अकुं ईमेल पर प्राप्त करंे। सदस्यता शल्क- िावषचक सदस्यता: 800 रूपए, परुं ्िषीय सदस्यता: 4000 रूपए, आिीिन सदस्यता: 5000 रुपए। सदस्यता रावश आप +918805408656 नंुबर पर Google pay, Paytm, Phonepe पर भेि सकते हैं। वर्ष 7, अकं 82-83, फरवरी-मार्ष 2022 (सयंक्त अंक) / 2

िषच 7, अकंु 82-83, फरिरी-मार्च 2022 ISSN: 2454-2725 िनकृ वत परामशच मंुिल डॉ. सधा ओम ढींगरा (अमेररका), प्रो. करुणािंकर उपाध्याय (मबं ई), प्रो. रमा (तिल्ली) डॉ. हरीि नवल (तिल्ली), डॉ. हरीि अरोड़ा (तिल्ली), डॉ. प्रमे जन्मजे य (तिल्ली), डॉ. कै लाि कमार तमश्रा (तिल्ली), प्रो. िलै ने ्र कमार िमाष (उज्जैन), प्रो. कतपल कमार (तिल्ली), प्रो. तजिंेर श्रीवास्िव (तिल्ली), प्रो. रत्नेि तवश्वक्सेन (झारखडं ) सपुं ादक डॉ. कमार गौरव तमश्रा (सहायक प्रोफ़े सर, झारखंड के न्रीय तवश्वतवद्यालय) सहायक सुंपादक डॉ. पनीि तबसाररया (एसोतसएट प्रोफ़े सर एवं अध्यक्ष, तहंिी तवभाग, बिं ेलखंड तवश्वतवद्यालय, उत्तर प्रिेि) सपुं ादन मण्िल/विशेषज्ञ सवमवत डॉ. सिानन्ि कािीनाथ भोसले (प्रोफ़े सर एवं अध्यक्ष, तहंिी तवभाग, सातविीबाई फले पणे तवद्यापीठ , महाराष्ट्र) डॉ. िीपेन्र तसंह जाड़ेजा (प्रोफ़े सर एवं अध्यक्ष, तहंिी तवभाग, महाराजा सयाजीराव बड़ौिा तवश्वतवद्यालय, वड़ोिरा) डॉ. नाम िेव (प्रोफ़े सर, तकरोड़ीमल कॉलजे , तिल्ली तवश्वतवद्यालय) डॉ. प्रज्ञा (प्रोफ़े सर, तकरोड़ीमल कॉलेज, तिल्ली तवश्वतवद्यालय) डॉ. रर्ना तसहं (एसोतसएट प्रोफ़े सर, तहन्िू कॉलेज, तिल्ली तवश्वतवद्यालय) डॉ. रूपा तसहं (एसोतसएट प्रोफ़े सर, बाब िोभा राम गोवेरमटंे आटष कॉलेज, राजस्थान) डॉ. पल्लवी (सहायक प्रोफ़े सर, िेजपूर तवश्वतवद्यालय, असम) डॉ. मोहतसन खान (प्रोफ़े सर एवं अध्यक्ष, तहंिी तवभाग, जएे सएम कॉलेज, रायगढ़, महाराष्ट्र) डॉ. अतखलेि कमार िमाष (सहायक प्रोफ़े सर, तमजोरम तवश्वतवद्यालय, तमजोरम) डॉ. प्रवीण कमार (सहायक प्रोफ़े सर, इतं िरा गाधं ी राष्ट्रीय जनजािीय तवश्वतवद्यालय, मध्य प्रिेि) डॉ. मन्ना कमार पाण्डेय (एसोतसएट प्रोफ़े सर, सत्यविी कॉलजे , तिल्ली तवश्वतवद्यालय) डॉ. र्रं ेि कमार छिलानी (सहायक प्रोफ़े सर, जआे रएन राजस्थान तवद्यापीठ, राजस्थान) डॉ. अंतबके ि तिपाठी (सहायक प्रोफ़े सर, गाधं ी एवं िातं ि तवभाग, महात्मा गांधी के न्रीय तवश्वतवद्यालय) डॉ. ज्ञान प्रकाि (सहायक प्रोफ़े सर, तबहार) संुपादन सहयोग श्री र्न्िन कमार (िोधाथी, गोवा तवश्वतवद्यालय, गोवा) राके ि कमार (िोधाथी, तिल्ली तवश्वतवद्यालय, तिल्ली) सुसं ्थापक सदस्य कतविा तसंह र्ौहान (मंबई) डॉ. जनै ने ्र कमार (तबहार) अंुतरराष्ट्रीय सदस्य प्रो. अरुण प्रकाि तमश्रा (स्लोवेतनया), डॉ. इिं र्ंरा (तफ़जी), डॉ. सोतनया िनेजा (स्टने फोडष यतू नवतसषटी), डॉ. अतनिा कपरू (अमरे रका) वर्ष 7, अकं 82-83, फरवरी-मार्ष 2022 (सयंक्त अंक) / 3 राके ि माथर (लंिन), ररद्मा (श्री लंका), मीना र्ोपड़ा (कै नडे ा), पूजा अतनल (स्पने )

सं पादकीय विषमान िकनीकी यग में सातहत्य को िकनीक से जोड़ने का प्रयास होना र्ातहए और जब हम िकनीक को तहिं ी भार्ा एवं सातहत्य से जोड़ने की बाि करिे हंै िो इसका अथष सातहत्य की पारंपररक तवरासि से कटना नहीं है बतल्क सातहत्य की मलू भावना को नई पीढ़ी िक पहरं ्ाने के तलए आधतनक माध्यमों का प्रयोग करना ह।ै सातहत्य, जन और िकनीक के बीर् समन्वय कै से स्थातपि हो और कै से सातहत्य को जन जन िक पहरं ्ाया जाए यह मलू उद्दशे ्य ह।ै हमंे इस बाि पर गवष करना र्ातहए तक जो पस्िकंे तकसी पस्िकालय में धूल फांक रहीं थी उसे नई िकनीक से लोगों िक पहरं ्ाया जा रहा ह।ै अब पाठक वगष का अतधकिर समय मोबाइल और लैपटॉप में गजरिा है िो क्यों नहीं इन्हीं माध्यमों द्वारा पाठक को सातहत्य से जोड़ने का प्रयास तकया जाए और यह काम कई मरं ् कर भी रहे ह।ंै अंि में इिना ही तक हम तकस उद्देश्य से क्या काम करिे हंै यह महत्वपणू ष ह।ै िकनीक के माध्यम से भार्ा एवं सातहत्य के क्षिे मंे वो सभी काम हो सकिे ह,ैं तजनकी कमी पहले महससू की गई। आज कई तडतजटल प्लेटफॉमष यह काम बखबू ी कर रहे हैं इसतलए के वल तवरोध के बजाए साथ र्लने की आवश्यकिा ह।ै आप सभी पाठकों के समक्ष जनकृ ति का फरवरी-मार्ष 2022 सयकं ्त अकं प्रस्िि ह।ै इस अंक मंे आप सातहत्य, कला, राजनीति, इतिहास, संस्कृ ति, तवज्ञान एवं प्रौद्योतगकी इत्याति क्षेिों के महत्वपूणष तवर्यों पर आधाररि िोध आलखे , लखे पढ़ सकिे ह।ैं इसके अतिररक्त अकं में आप सातहतत्यक रर्नाएँ भी पढ़ सकिे ह।ैं -िॉ. कमार गौरि वमश्रा वर्ष 7, अंक 82-83, फरवरी-मार्ष 2022 (सयंक्त अंक) / 4

अनक्रम5 ‘िनकृ वत’ अिं रराष्ट्रीय मातसक पतिका (तविरे ्ज्ञ समीतक्षि) । JANKRITI (INTERNATIONAL MONTHLY MAGAZINE (PEER-REVIEW) ISSN: 2454-2725 सुपं ादकीय 4 कला-विमशच कला तसनमे ा का सौंियषिास्त्र / संिीप कमार िबे 8 जनवािी आन्िोलन का प्रिीक-सफ़िर हािमी और अपहरण भाईर्ारे का/ डॉ. सोमासभुंपाईादजकी.ीपयटेल 164 वशै ्वीकरण के िौर में नक्कड नाटकों का प्रतिरोधी स्वर/ डॉ. के .एन. अनीि 24 वहदंु ी भाकषशा्मसीरावकहता्ययथकाथा षव-ि'कि कासश्म/ीिर ॉफ. ाकइलम्सार'/गमौीरनिाक्वषमी शत्गरारर 2192 कामरूतपया के अनष्ठान एवं उत्सवपरक लोकगीि/ तमजानर हसनै मण्डल 34 दवलत एिुं आवदिासी-विमशच ितलि र्ेिना की ‘आवाजंे’/ डॉ. ररि अहलावि 40 तहन्िी ितलि सातहत्य/ तवष्ट्ण 45 आजािी के तलए संघर्ष में आतिवासी तस्त्रयों का योगिान/ डॉ. उमा मीणा 50 असम की र्ाय जनजाति (Tea Tribe of Assam)/ वीरेन्र परमार 55 स्त्री-विमशच ‘तिकं जे का िि’ष : ितलि नारीवाि का महत्वपूणष िस्िावेज़/ आकाि कमार 61 ‘र्ाक’ मंे पीसिा हआ सत्ता और स्त्री का द्विं / डॉ. अतं कि अतभर्के 73 िख़ल ज़रूरी है आह्लातिनी का / डॉ. अपणष जनै 'अतवर्ल' 78 वकन्नर-विमशच तकन्नर समिाय के संघर्ष और समाधान की पड़िाल (‘पोस्ट बॉक्स नं. 203 नाला सोपारा’ के सिं भष म)ें / इतन्िरा, डॉ. तवमलिे िमाष 82 बाल-विमशच बाल अपराध का वैतश्वक पररदृश्य: एक समाजिास्त्रीय अध्ययन / अरुणिे प्रिाप तसंह 88 टेलीतवज़न के बाल कायषक्रम/ डॉ. मीना 98 मीविया-विमशच आधतनक समय में इलेक्रॉतनक मीतडया का मनष्ट्यों पर प्रभाव / धनकमार मतहलागं , भलशे ्वरी साहू, डॉ. रामानिं मालवीय 103 भारिीय संर्ार व्यवस्था की बिलिी अवधारणा मंे छू टिी पाररवाररक सरं र्ना: एक अनिीलन/ संकर्णष पररपूणषन 107 वशिा-विमशच तिक्षा के अतधकार द्वारा साक्षर भारि का स्वप्न साकार/ अतमि कमार पाण्डेय 111 वर्ष 7, अंक 82-83, फरवरी-मार्ष 2022 (सयकं ्त अंक) / 5

6 ‘िनकृ वत’ अंिरराष्ट्रीय मातसक पतिका (तविरे ्ज्ञ समीतक्षि) । JANKRITI (INTERNATIONAL MONTHLY MAGAZINE (PEER-REVIEW) ISSN: 2454-2725 रािनीवतक-विमशच लोकििं मंे तवपक्ष की कमजोरी िथा मजबूिी के व्यवहाररक मायने/ डॉ. तजिने ्र कमार यािव 115 सामातजक सरोकार और लोकिांतिक मलू ्य / सतलल सरोज 119 इवतहास गांधी तलतखि पस्िकों की संख्या या सखं ्यािीि : समाधान और द्वंद्व तनवारण/ आिीर् कमार 123 समसामवयक-विमशच ‘‘कोतवड 19 मंे कायषरि आंगनवाडी कायषकतियष ों की भूतमका एवं र्नू ौतियों का मूल्यांकनात्मक अध्ययन” (सराय मोहन, आजमगढ़ ग्राम के तविेर् सिं भष म)ें / प्रेमकमार नाईक, र्न्िन सरोज 133 पाररवाररक वातनकी : एक नयी उम्मीि की तकरण / धनराज 145 सावहवत्यक-विमशच आर्ायष रामर्रं िक्ल और छायावाि : एक सातहतत्यक सघं र्ष / कलिीप उपाध्याय 148 ‘उस तर्तड़या का नाम’ उपन्यास में अतभव्यक्त नारी जीवन/ अजय तसंह रावि 154 लोक कथाकार तवजयिान िेथा की कहातनयों मंे संवेिना के तवतवध आयाम/ िनजा 160 वयै तक्तक संविे ना का ब्रह्मकं ड : नंितकिोर आर्ायष का काव्यालोक/ डॉ. मके ि कमार िमाष 171 नरेन्र कोहली की रामकथा में पररकतल्पि पाि/ डॉ. एम. नारायण रेड्डी 186 सासं ्कृ तिक सवं ािों के सिं तलि सबं ोधन: ओम प्रभाकर के नवगीि/ डॉ. तनतिन सेठी 194 ‘परिराम की प्रिीक्षा’: तजजीतवर्ा के सनािन स्वर/ डॉ. अजीि कमार परी 204 पाश्चात्य काव्यिास्त्र का प्रामातणक व्याख्यािा/ डॉ.करुणािंकर उपाध्याय 210 आपािकाल की तववििा को तबंतबि करिी कतविाएँ/ प्रिीप कमार तसंह 217 उर्ा तप्रयवं िा और उनके उपन्यास/ पारोतमिा िास 222 कहानीकार संजय खािी की कहातनयों मंे भूमडं लोत्तर पररदृश्य/ अजय तसहं रावि 228 तकसान आिं ोलन, पवू ष मध्यकालीन कतविा और सूरिास/ अतनल कमार 235 गीिांजतल श्री का कथा ससं ार/ अन्वेर्ा कबीरत्ना 242 ओमप्रकाि वाल्मीतक और उनकी ‘छिरी’ की सघं र्िष ील तस्त्रयाँ/ कतविा पासवान 246 िामोिर मोरे की कतविाओं मंे यग तवमिष/ डॉ. तिराजोिीन 253 नीति कतवयों के नैतिक आििष/ रोतहि कमार 260 ररनाला खिष : तवभाजन की स्मतृ ियों का कोलाज/ष िमीम 268 प्रो. िलसीराम की आत्मकथा ‘मिषतहया’ का लोक सासं ्कृ तिक अवलोकन/ प्रिीप कमार 274 फणीश्वर नाथ रेण प्रणीि ररपोिाषजों में अतभव्यक्त आम -जन की पीड़ा/ डॉ. अनीिा यािव 280 महाप्राण तनराला के काव्य धतमषिा की प्रगतििीलिा/ ओम प्रकाि 285 भारिीय ससं ्कृ ति, मूल्यबोध और तवश्व मानविा/ डॉ. पावषिी िमाष र्ाँिला 293 वर्ष 7, अकं 82-83, फरवरी-मार्ष 2022 (सयंक्त अंक) / 6

7 ‘िनकृ वत’ अिं रराष्ट्रीय मातसक पतिका (तविेर्ज्ञ समीतक्षि) । JANKRITI (INTERNATIONAL MONTHLY MAGAZINE (PEER-REVIEW) ISSN: 2454-2725 स्वििं िा सघं र्ष एवं सातहत्य/ रोतहि जैन 299 तवजयिान िथे ा की कहातनयों में अतभव्यक्त लोक संस्कृ ति/ नरेन्र जािम 307 ‘तहन्िी जाति’ और भार्ा संबधं ी रामतवलास िमाष की अवधारणा/ अजय कमार 314 हृियिे की आत्मकथा ‘जोतखम’ में स्त्री/ वीनू 323 THE QUIDDITY OF RIGHT KNOWLEDGE IN THE MUNDANE WORLD/ JAYANT KUMAR 334 प्रिासी सावहत्य प्रवासी भारिीय मजिरू ों की पीड़ा का तर्िण (फ़ीजी की तहन्िी कतविाओं के तविेर् संिभष में)/ तप्रयकं ा राय 338 भारिीय पररदृश्य मंे प्रवासी सातहत्य : एक दृति/ सगं ीिा के िरी 346 अनिाद बौद्ध सातहत्य के अनवाि मंे भिन्ि आनन्ि कौसल्यायन की भतू मका/ तप्रयकं ा गौिम 352 आलेख महात्मा गांधी- मानविा के प्रिीक/ सतलल सरोज 357 सािात्कार प्रो. श्यौराज तसंह बेर्ैन जी का साक्षात्कार/ पूजा कमारी 362 सावहवत्यक रर्नाएँ कहानी मन वैरागी/ कमलेि 366 ररश्िे का पंर्नामा/ श्यामल तबहारी महिो 371 लघकथा घर एक एहसास/ समीर उपाध्याय 376 व्युंग्य जबान वाले गंगू /े हनमान मक्त 378 निगीत नवगीि : अटल राम र्िवेिी 381 कविता निं ा पाण्डेय की कतविाएँ 382 एल सी कमार की कतविा 385 वर्ष 7, अंक 82-83, फरवरी-मार्ष 2022 (सयकं ्त अकं ) / 7


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