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20.08.2021 GSL Magazine-H

Published by FOCUS COMMUNICATIONS, 2021-08-30 09:44:25

Description: 20.08.2021 GSL Magazine-H

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व्यावसायिक रूप से उत्कृ ष्ट प्रबंधित पीएसय,ू राज्य सरकार, विभाग, राज्य, निगम उपलव्धि पुरस्कार के रूप मंे गोवा शिपयारड् लिमिटेड पदक और प्रमाणपत्र से गौरवान्वित कोरोना योद्धा (संगठन) उपलब्धि पुरस्कार स्वीकारते हुए श्री टी. एन. सुधाकर, निदेशक (वित्त) सामाजिक विकास निर्ामण और प्रभाव हेतु उपलब्धि पुरस्कार स्वीकारते हुए श्री मनोरं जन खुंटिआ, मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन एवं प्रशासन) कोरोना योद्धा (व्यक्तिगत) उपलव्धि पुरस्कार स्वीकारते हुए मेजर (निवृत्त) एच. आर. मधुसूदन, अपर महाप्रबंधक (प्रशासन) गोवा शिपयार्ड लिमिटेड ग्रीन टेक अवॉर्ड सेरे मनी महाबलीपुरम में पुरस्कृ त दिनांक 11 और 12 फरवरी 2021 को महाबलीपुरम मंे आयोजित समारोह मंे ग्रीन टेक फाउंडेशन द्वारा गोवा शिपयारड् लिमिटेड को 9वें वार्िषक ग्रीन टेक एचआर अवार्ड 2020 और 19वंे वार्षिक ग्रीनटेक सुरक्षा पुरस्कार 2020 के प्रतिष्ठित पुरस्कारों से नवाजा गया। गोवा शिपयारड् लिमिटेड को इंडस्ट् री सेक्टर सेफ्टी एक्सीलेन्स श्ेरणी में उत्ृक ष्ट उपलब्धि के लिए विजेता घोषित किया गया। इसके अतिरिक्त गोशिलि की प्रगतिशील मानव संसाधन कार्य प्रणाली को पहचान प्रदान करते हुए व्यक्तिगत श्ेरणी मंे श्रीमती प्रिया कु शवंत भगत, प्रबंधक (मानव संसाधन) को युवा एचआर चपंै�ियन पुरस्कार से सम्मानित किया गया। अन्य पुरस्कार विजेता संगठनों में एनटीपीसी, एनएमडीसी, गेल, एचपीसीएल, वेदान्ता इत्यादि शामिल रहे। 2 गोवायार्ड दरश्न अक्ूतबर 2020 - मार्च 2021

































उत्सवों का आयोजन भारत रत्न डॉ. बी. आर. अंबेडकर की 130वीं जयंती डॉ. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की 130वी ं जयंती दिनांक 14 अप्रैल 2021 को गोशिलि मंे एक सादगी भरे समारोह मे संपन्न हुई। गोवा शिपयारड् अजा/अजजा कर्मचारी संघ और गोशिलि प्रबंधन की उपस्थिति में भारतीय संविधान के प्रधान शिल्पकार डॉ. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर की 130वी ं जयंती बड़े ही श्रद्धाभाव से मनाई गई। इस वक्त कोविड-19 महामारी की गंभीरता को देखते हुए सामाजिक दू री, मास्क उपयोग आदि सभी नियमों का सख्ती से पालन किया गया। उक्त कार्यक्रम गोशिलि के एल एं ड डी हॉल मंे संपन्न हुआ। कमोडोर (निवृत्त) बी. बी. नागपाल, नौप, भानौ अप्रनि, गोशिलि समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे। इस अवसर पर श्री टी. एन. सुधाकर, निदेशक (वित्त), कै प्टन जगमोहन, निदेशक (नियोप एवं व्यावि) और श्री बी. के . उपाध्याय, निदेशक (प्रचालन), विशेष निमंत्रितों के रूप में उपस्थित रहे। इसके अलावा मंच पर गोशिलि अजा/अजजा कर्मचारी संघ के अध्यक्ष श्री राजेन्द्र के रकर भी उपस्थित थे। कार्यक्रम के आरं भ मे माननीय अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक और उपस्थित अन्य मान्यवरों द्वारा डॉ. बाबासाहेब भीमराव अंबेडकर को श्रद्धासुमन अर्पित किए गए। तत्पश्चात श्री राजेन्द्र के रकर, श्रीमती शिवांशी कवळे कर, श्री गितेश आर्लेकर, श्री योगेश सी. कवळे कर और श्री सज्जन आर्लेकर द्वारा धम्म वंदना पंचशील और सामूहिक प्रार्थना प्रस्तुत की गई। तदोपरांत मुख्य अतिथि कमोडोर (निवृत्त) बी. बी. नागपाल, नौप, भानौ, अप्रनि ने डॉ. आंबेडकर जयंती के महत्व और दलित समुदाय और राष्ट्र कल्याण के संदर्भ मे भारतीय संविधान की महत्ता को प्रतिपादित किया। श्री कायतान सोझा, महासचिव, गोशिलि अजा/अजजा कर्मचारी संघ ने उपस्थितों का स्वागत किया और कोषाध्यक्ष सुश्री पोर्णिमा सावंत ने संघ की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की। श्री राजेन्द्र के रकर, अध्यक्ष, गोशिलि अजा/अजजा कर्मचारी संघ द्वारा धन्यवाद ज्ञापन के साथ कार्यक्रम का समापन हुआ। संविधान दिवस भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय के निर्देशानुसार दिनांक 26 नवंबर 2020 को गोवा शिपयारड् लिमिटेड मंे संविधान दिवस मनाया गया। इस अवसर पर सभी कर्मचारियों को सुबह 1100 बजे कोविड 19 के नियमों का पालन करते हुए अपने कार्यस्थल मंे शपथ दिलाई गई। पिछली बार की तरह इस बार किसी भी प्रकार के प्रतियोगिता का आयोजन नही ं किया गया। 19 गोवायार्ड दरश्न अक्तूबर 2020 - मार्च 2021



































आलेख मन के हारे हार ह,ै मन के जीते जीत जीवन में सफलता के लिए आत्मविश्वास उतना ही आवश्यक है, जितना मानव के लिए ऑक्सीजन और मछली के लिए पानी। आत्मविश्वास मंे वह शक्ति है, जिसके माध्यम से हम कु छ भी कर सकते हैं। बिना आत्मविश्वास के व्यक्ति सफलता की डगर पर कदम नहीं बढ़ा सकता। आत्मविश्वास वह ऊर्जा है, जो सफलता की राह मंे आनी वाली कठिनाइयों और परे शानियों से मुकबला करने के लिए व्यक्ति को साहस प्रदान करती है। आत्मविश्वास एक ऐसी चीज है, जो आपको आत्मविश्वास की भावना प्रदान करता है और परिणामस्वरूप जिससे आपका मन मजबूत और खुश रहता है। आत्मविश्वास के साथ कोई भी जीवन में कु छ भी हासिल कर सकता है। यह आपकी शक्ति और उन चीजों को करने की क्षमता को बढ़ाता है, जो आपको भयभीत कर सकते हंै और आपको निराश नहीं कर सकते हंै। मन यदि सधा हुआ हो तो आप जग जीत सकते हैं और यदि मन नियंत्रण में ना हो तो जीती हुई बाजी भी हार सकते हैं। इसीलिए कहा गया है- ‘मन के हारे हार है, मन के जीते जीत।’ आत्मविश्वास एक ऐसा गुण है जो आपके भीतर से आता है। यह आपकी आंतरिक आवाज और आपके अपने बारे मंे आपके विचार का प्रतिबिंब है। आत्मविश्वास से हमारी संकल्प शक्ति बढ़ती है और संकल्प शक्ति से आत्म शक्ति। आत्मविश्वास सफलता की कुं जी है जो व्यक्ति के जीवन मंे महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। छात्रों को अपने करियर में उत्ृक ष्टता प्राप्त करने और जीवन में सफल होने के लिए आत्मविश्वास प्राप्त करने का अभ्यास करना चाहिए। यदि आप आत्मविश्वासी हंै तो आपके जीवन मंे सफलता की संभावनाएं अधिक हैं। जो व्यक्ति आश्वस्त है, वह जीवन के विभिन्न पलों का आनंद ले सकता है। कार्यस्थल के साथ साथ वह व्यक्ति घर पर भी किसी भी प्रकार की चुनौतियों का सामना करने मंे सक्षम हैं। भले ही वह असफल हो जाए पर वह असफलताओं से डरता नहीं है। आत्मविश्वास आपको उन चीजों पर ध्यान कें द्रित करने में मदद करता है जो आपको कमजोर बनाती है। आत्मविश्वास के लिए हमारा सकारात्मक दृष्टिकोण का होना बेहद आवश्यक है क्योंक�ि सकारात्मक दृष्टिकोण अगर हमारे अंदर नहीं होगा तो आत्मविश्वास तो दू र की बात उसकी झलक भी हमारे अंदर नजर नहीं आएगी। जिस कारण हम अपनी सफलता पूर्ण रूप से प्राप्त नहीं कर पाएं गे। यदि आपके पास आत्मविश्वास की कमी है तो आप के आस पास के लोग आप पर हावी होगं े और आप फिर से उठने में सक्षम नहीं होगं े। इसलिए जीवन मंे खुश रहने और सफलता पाने के लिए आत्मविश्वास जरुरी है। अत: अपने ऊपर विश्वास रखकर ही आप दुनिया में बड़े से बड़ा कार्य सहज ही कर सकते हंै। दुनिया मंे ईश्वर ने हर किसी को अनंत शक्तियां प्रदान की हंै हर किसी में कोई ना कोई खास बात होती है। बस जरूरत है अपने अंदर की उस खास शक्ति को पहचानने की, उसे निखारने की। जो काम दू सरे लोग कर सकते हैं, वो काम आप क्यों नहीं कर सकते? अपने आप पर भरोसा कीजिए फिर दुनिया भी आप पर भरोसा करे गी। जीवन मंे हमारे पास कु छ हो या ना हो, लेकिन यदि आत्मविश्वास होगा तो हम कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी विजय प्राप्त कर सकते हैं। अब्राहम लिंकन ने अथक प्रयास कर दासों को मालिकों के शिकं जे से मुक्त कराया। इसी आत्मविश्वास ने कोलंबस को अमेरिका की खोज मंे सहयोग दिया। नेपोलियन ने इसी शक्ति से ओत-प्रोत होकर अपने सेनापति से कहा यदि आल्पस पर्वत हमारा मार्ग रोकता है तो वह नहीं रहेगा और सच में उसे काट कर रास्ता बना लिया गया। मधुमक्खी कण-कण से ही शहद इकट्ठा करती है। उसे कहीं से इसका भंडार नही ं मिलता। उसके छ्त्ते मंे भरा शहद उसके आत्मविश्वास और कठिन परिश्रम का ही परिणाम है। आत्मविश्वास मनुष्य के अंदर ही समाहित होता है। आपको इसे कहीं और से लाने की जरूरत नही।ं यह आपके अंदर ही है, बस जरूरत है अपने अंदर की आंतरिक शक्तियों को इकट्ठा कर आत्मविश्वास को मजबूत करने की। प्रत्येक व्यक्ति के अंदर कोई न कोई गुण अवश्य मौजूद होता है। लेकिन वह अपने आत्मविश्वास के 37 गोवायारड् दर्शन अक्तूबर 2020 - मारच् 2021

आलेख अभाव के कारण उसे प्रदर्शित नहीं कर पाता। इसीलिए अपने आत्मविश्वास के साथ अपने गुणों को भी प्रदर्शित कीजिए, जिससे आपके व्यक्तित्व में निखार आएगा और आपका आत्मविश्वास भी बढ़े गा। आप जो भी कार्य करें उस पर आपको पूर्ण विश्वास होना चाहिए कि वह सही है और सफलता की ओर बढ़ रहे हंै। क्योंक�ि जब तक हमंे अपने कार्य पर पूरा भरोसा नहीं होगा, हम दू सरों का भरोसा कै से जीतंेगे? सौगत कु मार पालित मानव संसाधन एवं प्रशासन जल ह,ै तो कल है जल बहुमूल्य प्राकृतिक संपदा है। प्रकृति ने हमें निः शुल्क उपहार के रूप मंे दिया है। यह पंचतत्वों में से एक है, जिससे धरती पर जीवन संभव हो पाया है। धरती के सभी सजीव और निर्जीव के लिए यह अमृत है। जल की उपयोगिता हमारे जीवन के लिए अमृत जैसा है जैसे प्यास बुझाने से लेकर फसलों की सिंचाई, जीव जंतुओं के लिए जल ही उनकी दुनिया है। मनुष्य के दिनचर्या में जल के आवश्यकता तो सभी को पता ही है। धरती पर जितना विकास कार्य हम देख पाते हंै सब इन्हीं से संभव हो पाया है। हम सब ये भी जानते हैं कि 70% जल शरीर में विद्यमान रहता है। मगर इसके बाद हम भूलते जा रहे हंै कि (2 करोड़) लोगों एवं अन्य करोड़ो ं जंतुओ ं दू षित जल पीने से प्रति वर्ष मृत्यु हो जाती है। के वल 0.006% भूमिगत जल है, जो हमारे जरूरतों को पूरा करती है। नीति आयोग के एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2030 तक 40% आबादी के पास जल नहीं बचेगा। जिसमें दिल्ली, बंगलुरु, चेन्नई और हैदराबाद समेत 21 बड़े शर शामिल है। हम यह भूल रहे हैं जल संकट अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर देगा। जिसके वजह से जी. डी. पी. 6% तक गिर जाएगी। यूनेस्को के एक रिपोर्ट के मुताबिक वर्ष 2050 तक आते-आते भारत के सभी नदियों का पानी पीने योग्य नहीं बचेगा, भारत पानी की कं गाली के तरफ तेजी से बढ़ रहा है। जो हमें गर्मी के मौसमों मंे सभी शहरों मंे दिखता है। ये आंकड़े देने का एकमात्र उद्ेदश्य है कि हम नागरिक इसे गंभीरता से लंे और आने वाले भविष्य के बारे मंे सोचें, जल का उपयोग सभी जीव करते हंै तो इसका संरक्षण तभी संभव है, जब तक सभी नागरिक एक साथ मिलकर संरक्षण के सभी कार्य पूरा करें क्यूंकि यह सार्वजनिक तत्व है के वल सरकारें सब कु छ नहीं कर सकती है। ये हमारे ऊपर निर्भर है कि हमें विवेकपूर्ण जल का उपयोग करना चाहिए। युवाशक्ति को आज जरूरत है कि सोशल मीडिया से घंटों समय की बचत कर अपना योगदान दें, देश मंे जागरूकता फै लाएँ । इसके साथ आगे आकर जलाशयो,ं तालाबों को बनाएं एवं गंदे, दू षित जलों की सफाई करें । वर्षा के जल का संचयन करें और खूब पेड़ पौधे लगाएं । साथ ही साथ सरकार इसमंे सभी को शामिल करे इसमंे सभी वर्ग संगठनों पिंटू कु मार राम के साथ मिलकर जल संरक्षण के सभी कार्यों को अंजाम देना चाहिए। नहीं तो वह नव निर्ामण हल दिन निकलता जा रहा है कि जब इंसान के सूखे गले को शुद्ध जल नही ं मिलेगा। हमें योजनबद्ध तरीके से राष्ट्र मंे जल संरक्षण मुहिम छे ड़ना है जिसमें सबका साथ हो जैसे आम नागरिक से लेकर नेता, अभिनेता, विद्यार्थी, किसान, कारीगर सभी संगठन हो इस मुहिम से कोई छू ट न पाए। 38 गोवायार्ड दर्शन अक्तूबर 2020 - मारच् 2021
























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