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सपंदन अगस्त 2023

Published by Ravindra Dixit, 2023-07-31 13:19:42

Description: सपंदन अगस्त 2023

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32. दीक्षि क्षसन्हा 50 गलु ाब इतने अगस्त 2023 ख़बू सिू त होते हैं नक हम उनके कांटे भी सहते हंै ये माना सीित नजदं गी में अहम है पि सिू त की ज़रूित नहीं कम है कु दित की दी हईु दौलत जो मकु ु िाहट है तो नकसी गलु ाब से आप कम नहीं ह.ै 33. रािश्री िेशमी झलू ा िेशमी झलू ा पि धिा मसु ्किाती, अबं ि से नमलने पेगंे बढाते़ ी, शीतल पिु बाई स्पंदन अकं 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


झोटे लगाती, 51 पपीहा की कु ह अगस्त 2023 सगं ीत नबखिाती, बादलों की घटाएं चहओु ि मंडिाती बारिशों की रिमनझम तन को नभगाती सावन की अलबेली अदा चाि चांद लगाती, िेशमी झलू ा पि धिा मसु ्किाती।। 34. बरसात ☔ - रचना दीक्षित बिसात का मतलब टपकना महकना बहकना चटकना उलीचना बहना रिसना सीलना भिना भि भि जाना गमु हो जाना बिसात निि भीति हो या बाहि स्पंदन अकं 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


35. सावन के झूले – रािश्री 52 सावन के झलू े अगस्त 2023 ये बहती हवाएं पपीहा की कु हुक सिु मयी छटाएं उमडघमु ड नघिती मघे ों की घटाए,ं बारिश की बदू ें नभगोती निज़ाए,ं आसमां से नमलती जमीं की ये बाहें सावन के झलू े ये बहती हवाए।ं । 36. डा रवीन्र दीक्षित तमाम िात मिे ा घि भी नहाया वारिश मंे अब बस झलू ा पडने की कसि है इस बारिश में। पकोडे जो भजे े थे नीलम जी ने नपछ्ली वारिश म।ंे स्पदं न अकं 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


53 उन्हें खत्म हुई भी एक अिसा हो चकु ा। अगली नकश्त का इतं जाि न जाने अभी नकतना बाकी ह।ै 37. दीक्षि क्षसन्हा माूँ.तो कहती है मत भीग बारिश में मै बोली माूँ को तमु को क्या पता क्या मजा है बारिश में छोटीछोटी रिम नझम बंदू े लगती है कांच सी जसै ा नदल मिे ा झमू े भीगे तन औि सगं में पि माूँ तो कहती है बेटा मत भीग बारिश मंे. स्पंदन अंक 4 अगस्त 2023 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


54 38. रािश्री 39. तुम्हारा सफ़र - डा मनोरमा क्षसंह जन्म से ही तमु चल पडे सिि म,ें अज्ञात सी ये मनं जलंे होगीं, चलना तमु ्हािी मजबिू ी ह,ै ठहिना तमु ्हािी कमजोिी ह,ै िाह में नमले संकटों स,े स्पंदन अंक 4 अगस्त 2023 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


55 मत घबिाना नवघ्नों से पि याद िहे जीवन पथ पि, नमले जो अपने, शलू बन नदख जायगंे ,े बचकि चलना , हसँू कि चलना ही तमु ्हािी खबू ी ह,ै होगा सिि आसान तब सदवै होगा सामने लक्ष्य, छोटी छोटी बातों को नदल से नहीं लगाओगे जब, आज तमु ्हािे नवरुद्ध खडे ह,ंै कल तमु ्हािे किीबी होंग,े तमु ्हािी मसु ्कानों के पीछे, उनके नदये ददम भी होंग,े जन्म से चल पडे सफि म,ंे सफि तो तमु ्हािा अपना होगा, दनु नया साथ न हो तब भी, दनु नया के साथ तो िहना होगा, पि मनं जल तमु ्हािी अपनी होगी उपलनब्ध तमु ्हािी अपनी होगी!! स्पंदन अकं 4 अगस्त 2023 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


40. पंकि गुिा 56 प्रेिणा .....आह! अगस्त 2023 मेिी क्लासमेट थी कॉलजे में, सभी के ह्रदय की प्रिे णा थी, पिु ाना समय था, क्लास में मात्र तीन लडनकयां थीं, औि लडके पच्चीस, अब प्रिे णा नकसके ह्रदय की धडकन बनेगी, इसी होड मंे सब क्लास में आते थे, कोई क्लास बंक नहीं किता था, औि सबकी आँखू ंे ब्लैकबोडम पे कम, औि प्रिे णा पे अनधक िहतीं थी, निि समय आया वानषकम पिीिा का, प्रिे णा पास हो गयी, औि नववाह किके नवदशे चली गयी, औि हम सब, एग्जाम मंे कोिा कागज़ हो गए, कु छ नहीं समझ नहीं आया तो, प्रिे णा पि ननबधं नलख आये, औि सब िे ल हो गए, तब प्रेिणा का अथम समझ में आया, स्पंदन अंक 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


औि निि जटु गए, 57 अपने रिपीट ईयि की तयािी मंे, निि अगले वषम प्राथमना आ गयी, अगस्त 2023 औि हमािी प्राथमना भी क़ु बलू हो गयी 41. नीलम पाठक आहंे न भिो गपु ्ता जी नक गई प्रिे णा, लेकि नहीं कु छ दके ि गई प्रेिणा, िच गई जो सबु ह कनवता उसकी प्रेिणा, आहंे न भिो गपु ्ता जी नक गई प्रेिणा। 42. रचना दीक्षित प्रिे णा नदल लभु ाती नहीं प्राथमना काम आती नहीं, वदं ना किी जाती नहीं पजू ा नकसी को भिमाती नहीं, स्पदं न अकं 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


आिती भी गीत गाती नहीं 58 अचमना हृदय मंे जगह पाती नहीं, अगस्त 2023 सिस्वती जगह बनाती नहीं लक्ष्मी कै सी भी हो अघाती नहीं, ये नाम नकसी की थाती नहीं इन्हंे साथमक कि प्रिे णा ले इतनी नवशाल कोई छाती नहीं। 43. िेरणा – क्षियंका श्रीवास्तव कु छ सपने ही तो दखे े थे मनै े नहम्मत कहां थी मझु म।ंे उन्हंे जी सकंू मंै , वो जोश कहां था मझु मं।े । डिी सहमी अंतममखु ी, सी थी मंै । खदु से आगे बढ़न,े की भी थी लाचािी।। तमु आए जीवन में , साथ ननभाया। हौसला बढ़ाया , नहम्मत नदलाई।। हां,तमु ही तो थ,े स्पदं न अकं 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


मेिी प्रिे णा... 59 तमु से ही मनै ,े अगस्त 2023 आगे बढ़ना सीखा, लडना सीखा, कु छ किना सीखा। हां तमु ही तो हो, मेिी प्रेिणा .... 44. दीपक्षशिा कनवता प्रमे दखे , आपकी प्रिे णा तो मिे ी भी बन गई सबु ह-सबु ह ही नहचकी नलए प्रेिणा सबके मन में िम गई खशु नसीब है गपु ्ता जी की प्रिे णा ना नमली ना दखे ा निि भी दखे ो सब की कनवताओं मंे बस गई बन गया नदन गपु ्ता जी का आज तक ना चाहते हएु भी निि से उनकी यादों से ननकल हम सब की भी सखी बन गई वाह-वाह दखे ो मिे ी खनु शयां हास्य िस नलए मेिी कनवता स्पदं न अकं 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


नकतनी जल्दी बन गई 60 45. नीलम पाठक अगस्त 2023 जीवन लंबा कनठन िास्त,े ननत नई प्रेिणा चानहए , प्याि , त्याग ,संस्काि समझने को मां-बाप की प्रिे णा चानहए। जीवन पथ पि चलने को पनत प्रेिणा चानहए। मन के भावों के उडने मंे पिी की प्रेिणा चानहए। धमम पि चलना अगि तो प्रभु प्रिे णा चानहए। ज्ञान गि चानहए तो प्रिे णा पसु ्तक ही ह।ै सिू ज - चांद बन प्रेिणा सीख दते े है बहतु । ननदयों से भी प्रिे णा प्रिे णा हि कण मंे है प्रेिणा सीनमत नहीं जो एक पि नटक पायेगी हि घडी सीखने को स्पदं न अंक 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


नई प्रिे णा आएगी। 61 46. पर्������शाला - दीपक्षशिा अगस्त 2023 प्रथम पजू नीय मां बाबलु , बने मिे ी प्रिे णा धाि, जीवन का आधाि.. मां की ममता, मां की सीख बनी प्रिे णा.. सीखा िहना अटल सगं नठत।। बाबलु ने गोद में नबठाया-नसखाया, सम्मान औि शनक्तमान, सीख स,े मझु े योग्य बनाया.. िह जाता नबन सीखे जीवन, रुखा_सखु ा अधं काि मय।। स्नेह समपमण आदशों से प्ररे ित मैे ैै ं, बढ़ू़ सदा अनशु ानसत.. धन्य मंै नजसको नमली आपकी पथशाला।।������ मां बाबलु निि, नपया बन,े स्पंदन अकं 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


मिे ी प्रिे णा धाि.. 62 तू ही मेिी मनं जल, अगस्त 2023 आदशों पि अडी िहं म.ैं . जीवनसाथी की प्रेिणा दते ी मझु को आकाि, किती मझु को साकाि.. ननत नई उमगं ौं से में सामर्थयवम ान।। मां-बाबलु -नपया की पहचान हं म,ंै तमु ्हंे नमन किती हं म,ंै तमु ्हंे सदा समनपमत हं म,ंै आदशों की नमसाल बनंू मंै, बस यही कोनशश किती मंै, सत्य पथ पि सदा चलंू म,ंै सभी का स्वानभमान बनु म।ैं । दीपनशखा है ज्योनत स्त्रोत.. फै लाऊं चहं औि उजाला.. मैं.. अनभमान िनहत.. स्वानभमान सनहत।। 47. बाररशें - रािश्री बारिशंे ये रिमनझम बिसती स्पदं न अकं 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


बारिशनंे सतम ढाते़ ी ह,ै 63 मन में नतृ ्यकिते अगस्त 2023 उमंगों के मयिू को उकसाती ह,ै हवाऐं झोंका दके ि तेिे रूख को मोडजाती ह,ै मेिे हालातोंपि तिसखाकि नप्रयतमका सदं शे ा दे जाती ह,ै मदं मदं बिसकि उसकी यादों से सिाबोि कि जाती ह।ै । 48. िेरणा - समीिा शेिर कु छ इस तिह से पिखती हूँ ख़दु को म!ैं हजािों पदों को ओढ़ा कि अपनी ख़्वानहशों पि िंग-नबिंगी वभै वी दनु नया को अस्वीकाि किने का नैनतक साहस नदखा मज़बतू ी से नज़ंदा होने का सबतू दते ी ह,ँू अवचते न मैं बसी है इक प्रमे की वादी, जहाँू इक इशािा की गूजँ पनु ः स्पदं न अकं 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


लौट आती है जा कि के भी 64 औि नवस्ततृ किती है सजीवता नवचिण, अगस्त 2023 चाहती हँू नक शब्द मेिे न छोडंे नैनतकता का दामन कलम पि सदा िहे सकािात्मकता का पहिा ज़ख़्मी सीप ही सही मोती सा उपहाि तो दूँ जो ( प्रिे णा) जीवन की नमली मझु े माँू से , वही नवस्ततृ आगे जीवतं करूँू!! 49. िर्म पररचय - क्षियकं ा श्रीवास्तव सावन में झलू ों पि, पेगें मािते हुए , सनखयों के साथ हसं ते हएु , पहली बाि तमु ्हे वहीं दखे ा था। तमु ्हािी हिी चनू डयों ने सावन की, हरियाली का िंग चिु ा नलया, तमु ्हािी हाथों की मंहे दी का, प्रकृ नत ने ही श्रंगृ ाि नकया।। माथे पि लटकती उस एक , लट को तमु न,े अधिो के चमु ्बन का , अनधकाि दे नदया। चेहिे का वह काला नतल , स्पदं न अंक 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


खदु को भवं िा समझ बैठा, 65 बदन से नलपटी धानी चनु ि , लहिा के मझु को, अगस्त 2023 बाि बाि नसहिा जाती। मधिु नमलन का नवचाि ही, मन को आह्लानदत कि जाता, बाहों के आगोश मंे समा , एक सकु ु न नमल जाता।। आओ मन मंनदि मे तमु , जगमग जीवन हो, प्रेम सधु ा बिसाओ तमु , अद्भुत ये संगम हो।। 50. दीपक्षशिा उमड-घमु ड गिज-बिस काली-काली बदली छाई!! कौंधी नबजली बादल जमकि बिसे… मंैने भी चप्पू रूपी कलम उठाई!! कनवता नलखने चप्पू रूपी कलम चलाई… मेिी कनवता की नैय्या.. स्पदं न अकं 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


66 शब्दों के झोल मंे इधि-उधि गोते खाए!! काश मिे ी कनवता डूबने से पहले ही पिू ी हो जाए 51. दीक्षि क्षसन्हा फु हाि रिमनझम बिखा बारिश औि मसु ला धाि पानी नकसी के नलए सहु ाना नकसी के नलए ख़बू सिू त नमलने का बहाना नकसी की मसु ीबत का नज़िाना कु छ भी हो पि नदल को किता है दीवाना स्पदं न अंक 4 अगस्त 2023 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


67 52. िीवनदाक्षयनी वर्ाथ - दीपक्षशिा जीवनदानयनी वषाम बंदू े अमतृ बन, नवसजृ न कि जाती ह.ै . अबं ि से नगिती ये बंदू ,े नवजीवन दे जाती ह।ैं । धिती से अंबि–अंबि से धिती, जल चक्र चलाती ह.ंै . धिती मंे अमतृ बन निि वापस नमल जाती ह.ै . सिल भाव मंे धिा सभी को, जीवन प्रकृ नत का.. आदान-प्रदान नसखलाती ह।ै । सभी िंगों से धिती को, सावन में िंग जाती ह.ै . माटी में नमी विृ ों को अमतृ ् बन नवसजृ न कि जाती ह.ै . प्रकृ नत प्रमे के िंगों से धिती को सजाती ह।ै । अमतृ वषाम जीवन को नवीनता औि प्रमे सदं शे दे जाती ह।ै । स्पदं न अंक 4 अगस्त 2023 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


53. दीक्षि क्षसन्हा 68 नजदं गी की नकताबे अगस्त 2023 मत खोनलए तमाम नकस्से कहाननयां सामने आ जाएगं े ना जाने नकतने चेहिे हंै ऐसे भलू जाने वाले सब के सब याद आ जाएंगे. 54. नीलम पाठक बाद तनपश के काले बादल, नदल को बहुत लभु ाते ह।ंै मन मयिू तब नाच-नाच के , मीठे गीत सनु ाते ह।ंै हो जाए यनद अनतवनृ ष्ट तो, नदल सबके घबिाते ह।ंै नीड,घिौंदे ,छप्पि सब , पानी में बह जाते ह।ंै खनु शयां थी नजन आखों मंे, स्पंदन अकं 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


69 आसंू उनमंे आ जाते ह।ंै पकी िसल थी जब कृ षक की , अिमानों की डाली(शाखाएं)थी, नबनटया की शादी की खनु शयाूँ, िसलों मंे ही डाली थी, ले गया बहा कि वह सपने, नजसमंे उम्मीदें सािी थी। महलों के सावन हंै रिमनझम, झोपनडयों मंे िोना ह,ै मधिु नमलन की बात कहं क्या उनको अपने खोना ह,ैं उनके छोटे बच्चों को तो खाली पेट ही सोना ह,ंै िहने को छत है नसि पि न सोने को खाट नबछौना ह,ै रुखसत होगी जब वारिश तब सोचेंगे कै से जीना है तब सोचेगं े कै से जीना ह।ै स्पदं न अंक 4 अगस्त 2023 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


70 55. रचना दीक्षित कल्पना कीनजये कनव की कलम मंे नवज्ञान की स्याही भि जाने पि शब्द ग्लकू ोज के नलबास पहनकि ननकलंे औि एक ओि नदखे प्रमे िसायनों के उद्दीपन से नाचता तंनत्रका ततं ्र औि दसू िी ओि हृदय में उठता नवजात प्रकंु चन औि प्रस्िु िण औि नथिक उठे शब्द अपनी ही लय ताल म।ंे इसी आभास को यथाथम रूप दने े का प्रयास है मिे ा नीलम प्रकाशन द्वािा प्रकानशत नवज्ञान के िस में जीवतं होती कनवताओं का सगं ्रह “जीवाश्म”। भाषा, सोच औि कनवताओं मंे नवज्ञान का बेजोड वजै ्ञाननक समन्वय इस संकलन की नवशषे ता ह,ै नजसमे वजै ्ञाननक तर्थयों के साथ नकसी भी मानवीय भावनाओंऔि सवं दे नाओंशब्दों मंे ढाल कि प्याि से सिाबोि कि दने ा ही इस पसु ्तक का साि ह|ै प्रस्ततु कनवता सगं ्रह पाठकों को एक स्पदं न अकं 4 अगस्त 2023 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


71 ऐसा अनभु व दगे ा नक पाठक कनवनयत्री के मन औि मनस्तष्क मंे चल िही उहापोह को स्वयं महससू कि सकें गे। इस पसु ्तक की भनू मका नलखी है डा ऋनषपाल धीमान “ऋनष” जी नजन्होंने इसे “जीनवत नवज्ञान की कनवताओं का सगं ्रह” नाम नदया ह|ै डॉक्टि धीमान एक वैज्ञाननक, कनव, सानहत्यकाि औि ग़ज़ल-काि हैं औि बहतु सािे िाष्रीय, अंतििाष्रीय पिु स्काि नवजते ा ह।ंै उनकी नवज्ञान, सानहत्य कनवता औि गज़ल की अनेकों पसु ्तकंे नहदं ी व अंग्रजे ी में प्रकानशत ह।ंै जीवाश्म पसु ्तक अमजे ़न पि उपलब्ध है नजसका नलंक नीचे नदया है : https://amzn.eu/d/27YrtKz । आप भी इस पसु ्तक को एक बाि अवश्य पढ़ें । 56. रंिीता सक्सेना हॉंमैं पढ़ िही ह,ँू शब्द दि शब्द आगे बढ़ िही हूँ , आपके िचे हि स्लाइड मंे, िंगीन लेडआक्साइड म,ंे हि कै नमकल नमक्सचि में डूबती घलु ती जा िही हूँ । एक अजीब सा रिएक्शन ह,ै मैं कु छ औि में परिवनतमत होती जा िही हँू । नकतना संदु ि है यह कै नमनस्टिी से ओतप्रोत जीवन का नचत्रण, स्पदं न अकं 4 अगस्त 2023 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


जीवन की कै नमनस्टिी है या 72 कै नमनस्टिी का जीवन मंे नमश्रण । जीवाश्म में प्रेरित हो मैं भी अगस्त 2023 कु छ िच सकूँ इसी प्रयास मंे आगे बढ़ती जा िही हूँ 57. चेहऱों की क्षकताब - रािश्री चेहिों की नकताबों को पढा क़े िते ह,ैं पन्नों पि नलखे शब्दों, पंनक्तयों, नलखावटों म,ें न जाने क्या क्या ढूढ़ते िहते हैं कु छ अथमपिू ण, कु छ अथमनवहीन, कु छ नवश्वशनीय, कु छ अनवश्वशनीय लगतहे ,ंै कु छ कीमती, कु छ बेशकीमती हीिे -जवाहिात, मोती लगते हैं बस हम यंू ही इन चहे िों की नकताबों को समझने में उलझे िहतहे ।ंै । स्पंदन अकं 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


58. समय का ददथ - रचना दीक्षित 73 मैं समय हूँ अगस्त 2023 मैं बलवान ह,ँू बदलता िहता हूँ घाव भि दते ा हँू कभी अच्छा, कभी बिु ा कभी नकसी के नलए ठहिता नहीं ये उपमाएं दी हंै मझु ,े तमु ही लोगों ने पि मंै क्या औि कै सा हँू कोई नहीं जानता मिे े नसवाय न उठ जाये लोगों का नवश्वास मझु से उतिने को उन पि खिा क्या क्या न नकया मैंने सच तो ये है नक मिे े भी दो चहे िे हंै मंै अधीि हँू दसू िों के ददम कम किते, घाव भिते भित,े मैं स्वयं न भिने वाला एक घाव हो गया हूँ नजधि दखे ो स्पंदन अकं 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


घाव ही घाव 74 ददम ही ददम अगस्त 2023 कहाँू-कहाँू, कै स-े कै से नकतना-नकतना भरंू मंै घाव, दःु ख, दद,म पिेशाननयों का अथाह सागि हो गया हँू मैं अब ठहिना चाहता हँू रुकना चाहता हँू थम जाना चाहता हूँ 59. दीपक्षशिा नशवभक्त (हि हि महादवे ) नशवभक्त ह,ूँ अद्यानत्मक साधना की प्रमे ी हूँ , हि-हि महादवे के ध्यान मंे मग्न जीवन जीती ह!ँू असीम शांनत नमलती ह,ै भनक्त की अनभु नू त स,े तभी तो अपने आप को नशव के समीप पाती ह!ँू ! जीवन को सच्चे सखु की ओि ले जाती ह,ूँ पनवत्रता औि प्रेम के संग बस भनक्त मंे िम जाती ह!ूँ अपनी अतं ि आत्मा को नशवशनक्त अथम समझाती ह,ँू सावन के इस पनवत्र मास में खदु भी पनवत्र हो जाती ह!ं ! स्पंदन अकं 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


मानवता के मागम पि चलने का संकल्प लेती ह,ँू 75 अहकं ाि को हिाकि नवजीवन प्राप्त किती ह!ँू अगस्त 2023 नशव भनक्त के धनु मंे िमी हईु मंै िहती ह!ूँ ! जीवन को ध्यान औि मनु क्त की ऊचाई पि ले जाती ह,ूँ सच्ची सखु -शांनत से जीवन व्याप्त किती ह!ूँ नवश्वास-समपणम के िंग मंे खदु को िंगती ह!ूँ नशव भनक्त के प्रमे औि अद्भुत लीला में खो जाती हँू !! हि हि महादवे के ध्यान मंे खदु को समनपमत किती ह,ूँ नशवतत्व को अपने स्वभाव में व्याप्त किती ह!ँू नशवभक्त होने का गवम हंै मझु म,ें नशवभक्त होने की गरिमा को मंै स्वीकाि किती ह!ँू जीवन को भोले की आिाधना मंे व्यस्त किती ह!ूँ ! 60. उर्ा अस्र्ाना बंदू बनके टपक जाती है बारिश। बन चपला चमक जाती है बारिश।। बैठ जाती गलु ों के आगोश में जा। खदु ब खदु महक जाती है बारिश।। स्पंदन अकं 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


सावन की िंगत पानी का रिमनझम। 76 बच्चों सा बहक जाती है बारिश।। अगस्त 2023 बाूँधना चाहते हम मटु ्ठी में इसको। हाथ से यूँ खसक जाती है बारिश।। आूखँ ों का पानी चेहिा कि दे निू ानी।। निू बन के झलक जाती है बारिश।। आग लगा दते ी नबन मानचस का ये। औि निि धधक जाती है बारिश।। आूँक सकता है कौन भला कीमत। परिंदों सा चहक जाती है बारिश।। 61. रािश्री तिे े गलु ाब से चहे िे पि मोती सी दमकती बारिश की बदू ,ंे होठों को चमू ती भीगी काली लटें, आंखों की नगिफ्त से स्पदं न अकं 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


जमानत ही नहीं लेती।। 77 62. िार्थना - क्षियंका श्रीवास्तव अगस्त 2023 आिाधना किते हम, तमु ्हािी ओ नत्रपिु ािी, नवषधािी, जगत के पालन हािी । मस्तक चदं ्रमा, कं ठ नाग माला, जटा मंे गगं ा, ओ नीलकं ठधािी ।। डमरू पे काशी, बदन पे भस्म, कमडं ल मंे बसती, जीवन की धाि। ओ पालनहािे , नशवशंकि हमािे, अचमना तमु ्हािी , किते हैं आज हम।। भांग धतिू ा बेलपत्र की थाली, लनु टया में दगु्ध की धाि , स्पदं न अकं 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


78 नशव पजू न किने को, चले सब नि औि नािी । ओ नशव शंकि, सादि नसि झकु ाए, किते हंै हम, स्तनु त तमु ्हािी ।। 63. उर्ा अस्र्ाना नवनती किते आपसे हाथ जोडकि नाथ इस जीवन में आपका कभी न छू टे साथ सखु दखु कीडोि से बूँधा जीवन ह!े नाथ कृ पा आपकी चानहए नदन हो चाहे िात भनक्त भाव से मैं करूँू पजू ा तमु ्हािी नाथ दीनदयालु हे प्रभ!ु मिे े नसि पि िखना हाथ अवगणु मझु में अनेक ह,ैं मत किना ध्यान पि नहताथम की भावना का दने ा विदान 64. रािश्री गोपाल दास नीिज\" जी का जन्म 4जनविी 1925 को इटावा (उत्ति प्रदशे ) में हआु । उनकी प्रािनम्भक नशिा गांव में ही हईु । 1953 मंे नहदं ी सानहत्य में एम ए की पिीिा पास की कु छ समय मिे ठ मंे भी नहदं ी प्रवक्ताके रूप मंे कायमित िह।े तत्पश्चात धममसमाज कॉलेज अलीगढ़ में नहदं ी स्पंदन अकं 4 अगस्त 2023 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


79 नवभाग मंे प्राध्यापक िह।े उनकी काव्यलोकनप्रयता उनको निल्मजगत की ओि ले गई। उन्होंने कई निल्मों के नलए गीत नलख।े प्रमे उनकी िचनाओंका आधाि िहा। जीवन को बहुत ही नजदीक से दखे ने के कािण नजंदगी का दपमण भी उनके सानहत्य मंे सजीव नदखाई दते ा ह।ै अपनी कनवताओं , गीतों, गजलों एवं दोहों में बहतु ही सिल भाषा का समावशे नमलता ह।ै प्रनतभा के धनी कनव नीिज को भाित सिकाि द्वािा पद्ममश्री एवं पद्ममभषू ण जसै े पिु स्कािों से अलंकृ त नकया गया। िाष्टकनव िामधािी नसहं नदनकि ने उन्हें नहदं ी की वीणा का नाम नदया ह।ै ऐसे प्रनतभा के धनी महान लेखक, कनव एवं गीतकाि नीिज का दहे ावसान 19 जलु ाई 2018 को नदल्ली के एम्स में हआु । उनकी िचनाए-ं जलाओ दीप, नजतना कम सामान िहगे ा, तमु दीवाली बनकि, अब तो मजहब कोई आनद मनस्तष्क पटल पि अनमट छाप छोडती ह।ै 65. नीलम पाठक हे चन्द्रमौनल हे गगं ाधि हे नत्रनेत्र, जटाधािी \"स्तनु त \"किते चिणों म,ें \"अननु य\" मेिी हे नत्रपिु ारि अचमना *किता मकु ु ट चन्द्रमा ह-े हे सोमनाथ वासी हे गंगाधि हे अनवनाशी ननत भनक्त* में िहती काशी ननज नत्रशलू हाथों में सजता डम-डम किता कै लाशी गरु ु,मात-नपता, प्रभु तमु मिे े वन्दन *किते है नवषधािी स्पंदन अकं 4 अगस्त 2023 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


हे नीलकं ठ हे नशवशंकि 80 हे जगत नपता पालनहािी खदु में नवष का पान नकए अगस्त 2023 अमतृ दते े अमतृ धािी तमु सा भोला औि दानी नहीं हे भस्मासिु के संहािी अजनमु को पाशपु ात नदया िावण को लंका दे डाली हे आशतु ोष हे अघहािी हे नागों के भषू ण धािी हो रुद्र तमु ्हीं,तांडवकािी नगरिजा पनत, बाघाम्बि धािी हे नवश्व नाथ अदनम *कािी तमु सा न कोई नहतकािी कि जोडे नवनती* है किते हि-हि शंभू अवढ़ि दानी हे महादवे हे नशव शभं ू हे भोले शंकि ,के दािी नत मस्तक हो स्तनु त *किते कांवड वाले बम-बम किते जल ला-लाकि नशव तेिस को अचनम *किते हे जलाधािी बम-बम भोले-बम-बमभोले बम-बम भोले हे नत्रपिु ारि। स्पंदन अंक 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


नशव िानत्र की शभु कामनाएं 81 66. अक्षव ओबेरॉय अगस्त 2023 तू ज़ेहन मे भी औि ज़हन भी तू साूँसो मंे भी तू आसं ू भी तू सकु ू न मंे भी तू नज़न्दगी भी तू क़यामत मंे भी तू मेिी पलखो में भी तू इश्क में भी तू क़यामत औि क़ायनात भी.. तू ज़ेहन में भी तू ज़हन भी.... 67. रािश्री स्तनु त हे ज्ञान रूपा - कालिानत्र, महागौिी- स्पदं न अंक 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


सौंदयमम नू तम 82 किबद्ध तझु से स्तनु त अगस्त 2023 हे नशवाशनक्त प्रकृ नत, दयादानत्र , तपनस्वनी दपमण तू ही आिाध्य का शंकि (शांत) बना हे पािवती दयादृनष्ट समवनृ ष्ट िख कल्याणकि जगतारिणी किबद्ध तझु से स्तनु त।। 68. दीपक्षशिा जटा गगं ा धािी, शीश चदं ्रधािी, सपम कं ठ धािी, नीलकं ठ नत्रपिु ािी दोनों कि जोड किें अचनम ा.. मनू तकम ाि-मनू तम स्वरुप नशव के अष्ट रूप बनाए.. शवम, भव, रुद्र, उग्र, भीम, पशपु नत, ईशान औि महादवे लोक में आनद अतं कहलाऐ.ं .॥ स्पंदन अंक 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


नशव के अशं बन स्वगम लोक से आए.. 83 ऋनष दवु ामसा, महशे , वषृ भ, नपप्पलाद, अगस्त 2023 वैश्यानाथ, नद्वजशे ्वि, हसं रूप, अवधतू शे ्वि, नभिवु य,म सिु ेश्वि, ब्रह्मचािी, सनु टनतमक, नद्वज, अश्वत्थामा, नकिात, नतशे ्वि आनद.. कई रूप मंे जन्मे.. नशव पिु ाण मंे नकया बखान॥ नत्रदशभजु ाधािी, अनंत शनक्तमान, ध्यान में लीन नशव नत्रशलू डमरू धािी॥ मतृ ्यजंु य हो तमु , अंतकािी, नवश्वधमम पालक, सनु ्दिेश्वि.. जटा गगं ा धािी, शीश चंद्रधािी,सपम कं ठधािी, नीलकं ठ नत्रपिु ािी दोनों कि जोड किंे अचनम ा नत्रपिु ािी 69. स्तुक्षत - रािश्री हे ज्ञान रूपा - कालिानत्र, महागौिी- सौंदयममनू तम किबद्ध स्पदं न अंक 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


तझु से स्तनु त 84 हे नशवाशनक्त अगस्त 2023 प्रकृ नत, दयादानत्र , तपनस्वनी दपमण तू ही आिाध्य का शकं ि (शांत) बना हे पािवती दयादृनष्ट समवनृ ष्ट िख कल्याणकि जगतारिणी किबद्ध तझु से स्तनु त 70. दीपक्षशिा जटा गगं ा धािी, शीश चदं ्रधािी, सपम कं ठ धािी, नीलकं ठ नत्रपिु ािी दोनों कि जोड किें अचनम ा.. मनू तमकाि-मनू तम स्वरुप नशव के अष्ट रूप बनाए.. शवम, भव, रुद्र, उग्र, भीम, स्पंदन अकं 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


पशपु नत, ईशान औि महादवे 85 लोक मंे आनद अतं कहलाऐ.ं .॥ अगस्त 2023 नशव के अशं बन स्वगम लोक से आए.. ऋनष दवु ामसा, महशे , वषृ भ, नपप्पलाद, वैश्यानाथ, नद्वजशे ्वि, हसं रूप, अवधतू शे ्वि, नभिवु य,म सिु ेश्वि, ब्रह्मचािी, सनु टनतमक, नद्वज, अश्वत्थामा, नकिात, नतेश्वि आनद.. कई रूप में जन्म.े . नशव पिु ाण मंे नकया बखान॥ नत्रदशभजु ाधािी, अनंत शनक्तमान, ध्यान मंे लीन नशव नत्रशलू डमरू धािी॥ मतृ ्यंजु य हो तमु , अंतकािी, नवश्वधमम पालक, सनु ्दिेश्वि.. जटा गगं ा धािी, शीश चंद्रधािी, सपम कं ठधािी, नीलकं ठ, नत्रपिु ािी दोनों कि जोड किें अचनम ा नत्रपिु ािी 71. िार्थना - डा मनोरमा क्षसहं कि बद्ध नवनती किती िही मैं ननशनदन, महादवे तमु बलु ावा भजे ो मझु को स्पदं न अंक 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


इक नदन, 86 हईु है कई बाि ननिस्त मेिी यात्रा, अगस्त 2023 नमलने की तमु से पि खोई नहीं थी आशा, नवश्वास पि था भिोसा, थी मन की अनभलाषा, गंगा तट आिती म,ंे सम्मखु तमु ्हािे बैठूँ, काशी मंे तमु ्हािे औि गंगा के सगं बैठूँ, ऐसी सनु ी अननु य नवनय हमािी प्रभु ने, हुई ऐसी अनकु ं पा बिसों की इच्छा आज पिू ी, आ गया बलु ावा अश्वमधे घाट स,े प्रथम पंनक्त का स्थान आिनित नकया था प्रभु ने, सम्मखु प्रभु के औि गंगा सगं के वो पल, सनु कि आिती, ढोल नगाडे औि मंत्रों के जयकािे का वो नाद िोमांनचत हो कि नतमस्तक जो मैं थी, कई जन्मों के पडु यों का िल जो आज पा िही थी, स्पशम दशनम का भी अवसि भोलने ाथ ने नदया था, नदव्य ऊजाम का स्पशम भी मझु े हुआ था, आज भी भिोसा होता नहीं मझु को, स्पंदन अंक 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


87 ऐसी कृ पा को पाकि धन्य जो मैं हईु थी!! 72. आम – क्षियकं ा श्रीवास्तव आम, आम नही खास, सबको आए िास। नभन्न नभन्न प्रजानत, नभन्न नभन्न स्वाद।। लंगडा दशहिी, तोतापिी मालदा, सिे दा चौसा, पि अलिांसो कमाल। हमािा बचपन बीता बनािस, तो लंगडा अपनी जान। दशहिी का स्वाद भी, बैठा अपनी जबान।। तीन महीने मौसम इसके , ठाठ से खाओ आम। सबु ह सवेिे या निि, नदन ढले शाम।। स्पंदन अंक 4 अगस्त 2023 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


88 73. दीक्षि क्षसन्हा जब जब भगवान तेिा नाम सा आया है आखं ो में इक सवाल सा क्यों आया है कै से माने नदल की तू है यहीं कहीं है हि तिि धिती पि भचू ाल सा आया है अगि तेिा है सि पि हाथ सभी के है तो सभी की आंखों में सैलाब सा क्यों आया है सनु ा है तू हि लेता है दखु सभी का है तो निि ये हि इक यगु में महा काल क्यों आया है कोई आता कहां से ह.ै औि जाता कहां पे है सबके नदल मंे ये ख्याल सा क्यों आया ह.ै स्पंदन अंक 4 अगस्त 2023 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


89 74. रािश्री क्षबष्ट 75. दीक्षि क्षसन्हा मौसम का आलम कभी तो है बारिश कभी अगन कभी रिमनझम िु हािो का मौसम िजाई के अंदि नथतिु ाता बदन स्पंदन अंक 4 अगस्त 2023 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


कभी है तपन 90 कभी ततफु ानो का हआै गमन अगस्त 2023 कभी नहचकोले लेता समनु ्दि कभी शांत खामोश सा उपवन कभी मस्त है हवाएं कभी अठखने लयां किता बसंत यू इस मौसम के है अनेक रूप िंग चचं ल शौख है मौसम मझु े भाए इसके अनेकानेक िंग. 76. मौसम - क्षियंका श्रीवास्तव मौसम ये मौसम का खमु ाि है , या तमु ्हािा प्याि ह।ै नदल आज तक भी , कि िहा इतं जाि है ।। मधिु नमलन के , स्पदं न अंक 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


91 ख्वाब सजा िखे हंै । िाह तकते तकत,े नदन बीता िहे हैं ।। वक्त बीतते गए , नदन ढलते गए। मौसम दि मौसम , बीतते गए ।। अब तो प्रकृ नत भी थक कि , आसं ू बहा बैठी है । पपीहे की प्यास भी, अब बझु चकु ी ह।ै । जीवन की डोि , कमजोि पड िही ह।ै उम्र का पडाव भी, पाि हो िहा है ।। आ जाओ अब तो , सब्र का बांध भी, टूट िहा है ..... स्पंदन अंक 4 अगस्त 2023 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


77. बरिा - क्षियकं ा श्रीवास्तव 92 (भोजपिु ी मंे एक कनवता) अगस्त 2023 अबकी त दउओ उधिाइल बाने , का जानी कब ले बिसीहें । खपिा ढहता, खरिया गीिता , खते वा औि खनलहनवा, डुबल बा ।। घि दआु ि छोड के , छत्ते पे बनल नठकान बा । भीगल ईधं न, भीगल नबस्ति, भीगल कु ल, ओसाि बा ।। का बनाई, का नखयाई, कै से चलू ्हा मंे , आग जलाई। लनडकन भखू ल हनै , कोनो न काम धधं ा बा ।। हे इदं ि दवे ता, स्पदं न अकं 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


93 तनी नकिपा किा। हे सिू ज दवे ता , तनी बहिे ननकला।। दया किा हम लोगन पे, हे दऊ तनी रुक जा। तनी धपू वा के ननकिे दा , लकनडया के सखू े दा ।। तब्बे त़ लइकन के , िोटी नमली, ओन्हने क, पेट भिी।। ( बारिश बहुत ज्यादा होने पि एक गिीब परिवाि की मनहला ईश्वि को कह िही है नक इस साल तो तमु भी उधम मचा िहे हो,घि के खप्पि ढह गए हैं ,खते खनलहान सब डूब गए हंै ,लकडी भीग गई है ,खाना कै से बनेगा ,इसनलए हे सयू म दवे ता बाहि ननकनलए , नजससे लकडी सखू े औि हमािे घि में चलू ्हा जल सके ) गांव के हालात दखे कि अभी अभी लौटी हं ,बस इसीनलए गांव की बात ,गांव की भाषा मंे नलखा है । 78. पंकि गुिा काल का पनहया घमू े भयै ा... काल का पनहया घमू े भयै ा लाख तिह इसं ान चले स्पंदन अकं 4 अगस्त 2023 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


ले के चले बािात कभी तो 94 कभी नबना सामान चले िाम कृ ष्ण हरि ... अगस्त 2023 जनक की बेटी अवध की िानी सीता भटके बन बन में िाह अके ली िात अंधेिी मगि ितन हंै दामन मंे साथ न नजस के चलता कोई उस के साथ भगवान चले िाम कृ ष्ण हरि ... हाय िी नक़स्मत कृ ष्ण कन्हयै ा स्वाद न जाने माखन का हसँू ी चिु ाए िू लों की वो कं स है माली उपवन का भलू न पापी मगि पाप की ज्यादा नहीं दकु ान चले िाम कृ ष्ण हरि ... अजब है कै सी प्रभु की माया माला से नबछु डा दाना ढूंढे नजसे मन सामने है वो जाए न लेनकन पहचाना स्पंदन अकं 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


कै से वो मानलक नदखे तझु े जब 95 साथ तेिे अनभमान चले िाम कृ ष्ण हरि ... अगस्त 2023 कमम अगि अच्छा है तिे ा नक़स्मत तेिी दासी है नदल है तेिा साफ तो प्यािे घि मंे मथिु ा काशी है सच्चाई की िाह चलो िे जब तक जीवन प्राण चले िाम कृ ष्ण हरि ...। 79. मौसम रािनीक्षत का - नीलम पाठक आया मौसम िाजनीनत का गठबंधन औि जोड-तोड का हबड-तबड औि दौड -धपू का कौन, कहां,कै से नमल जाता कै स-े कै से जोड लगाता बडे-बडे दल टूट िहे हंै अपने अपनो से छू ट िहे है चौबीस की तैयािी मंे ये सािे नेता दौड िहे हंै कभी पटना कभी बेंगलोि स्पदं न अंक 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


96 छब्बीस दल औि इनका शोि नमलती न थी नीनत नजनकी अब नदखती है प्रीनत उनकी UPA का नाम बदल कि INDIA िखा सोच समझकि छत्तीस दल नमल NDA बनाते इस मौसम में काम नगनाते दौड िहे सब नमल कि िेश यह सब कु सी का है खले नदखते दशे भक्त सब प्यािे मन मंे दोष भिे हैं सािे भोली जनता समझ न पाती पैसों के खानति नबक जाती दौिे -ए-इलेक्शन इसं ा न िहता नहन्दू मनु स्लम या दनलत होता बीत गया जो दौिे इलेक्शन निि इसं ा िोटी को िोता। स्पदं न अकं 4 अगस्त 2023 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


97 80. रािश्री 81. मौसम – डा मनोरमा क्षसहं बादल का धिती से ये कै सा अद्भुत रिश्ता ह,ै दखे कि धिती को सयू म से तपता हुआ, होकि व्यग्र चला आता ह,ै दरू ियाूँ तय किता हआु , स्पदं न अकं 4 अगस्त 2023 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


तपन धिा की नमटाने को, अपने अनस्तत्व को नमटाता हआु , 98 भान है उसे नमटने का पि दखु नहीं, आनंनदत है वो बिस कि, धिा को शीतल किके , अगस्त 2023 अथाह स्रोत हैं जल के धिती पि, पि नहीं पहचानते दखु धिती का, दखु समझने औि दिू किने का प्रभु ने सामर्थयम नदया है बादल को, अल्पकाल औि सीनमत जलिानश होकि भी, समय पि आकि प्यास बझु ाये धिा की, झमू उठती है धिा, बदल जाता है मौसम, पाकि सही समय पि मदद जलद की, मानव तमु समझो नननहताथम बादल के जीवन का, बना है धिती के नलए, काम आ िहा धिती के नलए, नहीं संनचत किता कु छ भी अपने नलय,े जीवनलोभ,अहकं ाि तज कि, संवेदना के साथ, आकि समय पि, मदद किता है धिा की, मानव तमु बादल से सीखो, समय पि मदद, सवमस्व त्याग, सामर्थयम अनसु ाि!! स्पंदन अकं 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


82. नीलम पाठक 99 धिती पि पानी होता अगस्त 2023 पानी से बादल बनते हंै धिती जब प्यासी होती है बादल उस पि मि नमटते हैं बादल का अनस्तत्व है धिती धिती पि जीवन बादल से चक्र यह लेने दने े का यगु यगु से चलता आया रिश्ता इनका अद्भुत ही है कोई इसको न समझा पाया। 83. पंकि गिु ा एक छोटी नचनडया, अकसि मिे ी नखडकी पि आती ह,ै इधि उधि िु दकती ह,ै नबना कािन चहचहाती ह,ै मझु े मिे ा बचपन याद नदलाती है जब हम भी स्वछन्द थे, न कोई दायिा न कोई बंधन, न सोचना न समझना, स्पदं न अकं 4 Please join us on our You Tube Channel “Sahitya Sadhak Manch” by scanning the QR code


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