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इंड प्रतीची, अंक - 3, अक्टूबर-मार्च, 2023

Published by Anjani Prakashan, 2023-04-24 05:22:18

Description: इंड प्रतीची, अंक - 3, अक्टूबर-मार्च, 2023

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इं डियन बैकैं , अचं ल कार््ययालय, मुबं ई (पश्चिम) की छमाही पत्रिका वर््ष-2022-23, अंक-3, अक्टू बर-मार््च, 2023 वाह !! ताज फोटो ठीक से निकालना गेटवे आना चाहिए अरे जल्दी करो भाय ट्रेन निकल जायगे ी पिया हाजी अली भाई यहां बाइक की अनमु ति नहीीं है ... गणपति बप्पा मोरिया इंड प्रतीचीवोशहरजोकभीआनहमीीचंसीमोतबंु ाई माउंट मरै ी महामानव 3अकं डॉ बाबासाहेब अबं ेडकर जाणता राजा बस कर यार छत्रपति शिवाजी महाराज यह बॉम्ेब नहीीं, बंगड़़ा ताज़़ा है मुबं ई है चलो पूढ़़े ... चलो पूढ़़े गानकोकिला डब्बा लेलो तमु ्हारा अबै लटक मत मर जायेगा एक दम झकास बिडु दोस्त प्लीज, ठाणे मंबु ई मैैं नहीीं बॉस लेलो लेलो ! अबे सुन रे ... चल लाइसेेंस दिखा जल्दी एक कटिं ग और वडा पाव टाइमपास भाई चार जन को लेगा क्या इंडियन बैंकै , अंचल कार्यालय, मंबु ई (पश्चिम) प्रथम तल, बी-विंग 101, नियो विक्रम सीएचएसएल, सहकार नगर, न्ूय लिं क रोड, अधं रे ी वसे ्ट, मुंबई - 400 058

अचं ल कार््ययालय, मंबु ई (पश्चिम) के नवीन परिसर के उद्घाटन की झलकियां

वर््ष-2022-23, अंक-3, अक्ूट बर-मार््च, 2023 अनकु ्रमणिका क्र शीर्षक् रचनाकार पषृ ्ठ 1 श्री सुखसागर प्रसाद राय, क्तेष ्र महाप्रबं धक, मं बु ई 4 2 श्री राम स्वरूप सरकार, अंचल प्रबं धक, अचं ल कार््यालय य, मं ुबई (पश्चिम) 5 काव््यांजलि आ ेलख एवं अन्य ेलख सं ेदश 3 श्री ज्योति कु मार सिन्हा, उप अचं ल प्रबं धक, अंचल कार््यलाय य, मं ुबई (पश्चिम) 6 4 सं पादकीय श्रीमती विमला मीना, वरिष्ठ प्रबं धक, अंचल कार््यालय य, मं बु ई (पश्चिम) 7 5 अंचल की व्यावसायिक स्थिति 31.03.2023 8 6 मनु ्नार यात्रा सचु ि शुक्ला 9 7 जादगू री फू ल सिंह मीना 10 8 स्थानातं रण आरती देहुरी 11 9 महिला सशक्तिकरण विमला मीना 12 10 निरामय जीवन सच्चा जीवन नताशा तं ुगारे, पुत्री निकिता तं ुगारे 14 प्रबंधकीय मडं ल 11 कोरोना, बैैंकिं ग क्ेषत्र और विलीनीकरण वं ृदा आनं द किनरे 16 12 चलो आज हम दिवाली मनाते हैंै... सुमेध वासनिक 18 13 आत्मविश्वास विमला मीना 19 14 महाकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' कलम या कि तलवार 19 15 आत्मविश्वास विमला मीना 19 16 देश भक्ति एवं प्यार मोहब्बत स्मिता विनायक काले 20 17 कलम या कि तलवार महाकवि रामधारी सिंह 'दिनकर' 21 18 बिटिया की शादी रूपाली माहेश्वरी 22 19 कार््यलाय य / शाखा मेंे हिंदी मेंे किए जाने वाले कार््य 15 20 चित्र-दीर््घा 24 अन्य 21 हिंदी सं ख्याएँ 26 मखु ्य संरक्षक सरं क्षक 22 बैकंै िं ग शब्दावली 28 श्री राम स्वरूप सरकार श्री ज्योति कु मार सिन्हा अचं ल प्रबंधक उप अचं ल प्रबंधक 23 अचं ल कार््ययालय, मं बु ई (पश्चिम) के नवीन परिसर के उद्घाटन की झलकियाँ 29 24 शाखा प्रबं धकों की समीक्षा बैठक एवं टाउन हॉल बैठक की झलकियाँ 30 25 स्वच्छता पखवाड़ा, सं विधान दिवस, भ्रष्टाचार उन्ूमलन पर शपथ ग्रहण 31 26 सावधि जमा अभियान हेतु रोड शो एवं फिट इंडिया फ़्रीडम 3.0 की झलकियाँगतिविधिय ंा 32 27 अचं ल कार््यालय य द्वारा आयोजित कोविड-19 बसू ्टर डोज़ टिकाकरण शिविर की झलकियाँ 33 28 अचं ल कार््यायलय, मं बु ई (पश्चिम) द्वारा आयोजित महिला दिवस की झलकियाँ 34 29 राजभाषा कार््यानय ्वयन 35 30 विज्ञापन 36 मार््गदर््शन सपं ादक प्रकाशन सम्पर्क् सतू ्र श्री फू ल सिं ह मीना श्रीमती विमला मीना राजभाषा विभाग, इंडियन बैकैं , अचं ल कार््ययालय, मुंबई (पश्चिम) मखु ््य प्रबंधक वरिष्ठ प्रबंधक (राजभाषा) नोट : इंड प्रतीची पत्रिका मेंे प्रकाशित विचार लखे कोों के अपने हैैं। इससे सपं ादक मंडल अथवा इंडियन बैकैं , अंचल कार््यायलय, मुंबई (पश्चिम) का सहमत होना अनिवार््य नहीीं है। रचनाओं की मौलिकता और उनमेंे प्रस्तुत तथ्ययों, आंकड़ों आदि की यथार््थता के लिए भी सबं ंधित लखे क ही जिम्देम ार है। निःशलु ्क व आतं रिक वितरण हेतु मदु ्रित व प्रकाशित। मदु ्रण एवं पत्रिका डिजाइन : अजं नी प्रकाशन, कोलकाता, पश्चिम बगं ाल, मो. 8820127806, ई-मले : [email protected]



















इं ड प्रतीची जब महिलाएं शिक्षित एवं सशक्त होगं ी तो वह अपने लिए एक 4. हमारा देश काफी तेज़़ी और उत्साह के साथ आगे बढ़ता जा रहा सनु हरे भविष्य का निर््ममाण कर पाएं गी। महिलाओं के सशक्त होने है, लेकिन इसे हम तभी बरकरार रख सकते हैंै, जब हम लैंगै िक से ही समाज भी सशक्त होगा। जब वो सशक्त होगं ी तभी जागरूक असमानता को दरू कर पाएं और महिलाओं के लिए भी परु ूषों बन पाएं गी और अपने जीवन क्तषे ्र से जडु ़़े सही-गलत का फै सला कर की तरह समान शिक्षा और तरक्की सनु िश्चित कर सकेंे । पाने मेें सक्षम होगं ी। इस सं दर््भ मेें मैंै यहां पं डित जवाहरलाल नहे रू द्वारा कहा गया मशहूर वाक्य लिखना चाहूंूगी – “लोगों को जगाने के 5. भारत की लगभग 50 % आबादी केवल महिलाओं की है लिय,े महिलाओं का जागतृ होना ज़रूरी है। एक बार जब वो अपना मतलब, परू े देश के विकास के लिए इस आधी आबादी की कदम उठा लेती हैैं, परिवार आगे बढ़ता है, गावं आगे बढ़ता है और जरूरत है जो कि अभी भी सशक्त नहीं है और कई सामाजिक राष्ट्र विकास की ओर उन्खुम होता है”। प्रतिबं धों से बं धी हुई है। ऐसी स्थिति मेंे हम नहीं कह सकते हैैं कि भविष्य मेंे बिना हमारी आधी आबादी को मज़बतू किए स्त्री को सजृ न की शक्ति माना जाता है अर््थथात् स्त्री से ही मानव हमारा देश विकसित हो पायगे ा। जाति का अस्तित्व माना गया है। इस सृजन की शक्ति को विकसित- परिष्कृत कर उसे सामाजिक, आर््थथिक, राजनैतिक - न्याय, विचार, निष्कर््ष – इस क्ेतष ्र मेें समय के साथ काफी बदलाव देखने को मिलेंे हैैं विश्वास, धर््म और उपासना की स्वतं त्रता, अवसर की समानता का और मिल रहेें हैंै, परन्ुत अभी भी इस क्तषे ्र मेें काफी कु छ और अधिक स-ु अवसर प्रदान करना ही महिला सशक्तिकरण है। किया जाना आवश्यक है ताकि इससे देश की प्रत्कये बालिका एवं महिलाएं सशक्त बन सके । लैंगै िक भेदभाव राष्ट्र मेंे सांस्ृक तिक सामाजिक, आर््थथिक और शकै ्षिक अंतर ले आता है जो देश को पीछे की ओर ढ़के लता है। इस प्रकार हम कह सकते हैंै कि महिला अधिकारों और भारत के सं विधान मेें उल्लिखित समानता के अधिकार को सनु िश्चित समानता का अवसर पाने मेें महिला सशक्तिकरण ही अहम भमू िका करने के लिए महिलाओं को सशक्त बनाना इस तरह की बरु ाईयों को निभा सकता है, क््योोंकि महिला सशक्तिकरण महिलाओं को सिर््फ मिटाने के लिये सबसे प्रभावशाली उपाय है। लैंगै िक समानता को गजु ़़ारे भत्ते के लिए ही तयै ार नहीं करता बल्कि उन्हहें अपने अदं र नारी प्राथमिकता देने से पूरे भारत मेंे महिला सशक्तिकरण के उच्च लक्ष्य चेतना को जगाने और सामाजिक अत्याचारों से मुक्ति पाने का माहौल को प्राप्त करने के लिये इसे हर एक परिवार मेें बचपन से प्रचारित व भी तयै ार करता है। प्रसारित करना चाहिए। ये ज़रूरी है कि महिलाएं शारिरिक, मानसिक और सामाजिक रूप से मज़बतू हो।ं क््योोंकि एक बहे तर शिक्षा की सरकार को महिलाओं के वास्तविक विकास के लिये पिछड़़े शुरूआत बचपन से घर पर हो सकती है, महिलाओं के उत्थान के ग्रामीण क्तषे ््रोों मेें जाना होगा और वहां की महिलाओं को सरकार लिये एक स्वस्थ परिवार की ज़रूरत है, जो राष्ट्र के सर््ववागीण विकास की तरफ से मिलने वाली सवु िधाओं और उनके अधिकारों से के लिये आवश्यक है। अवगत कराना होगा। जिससे उनका भविष्य बहे तर हो सके । महिला सशक्तिकरण के सपने को सच करने के लिये बालिकाओं के महिला सशक्तिकरण की आवश्यकता हम निम्न बिन्ओुद ं से महत्व और उनकी शिक्षा को प्रचारित करने की ज़रूरत है। महिला समझ सकते हैंै - सशक्तिकरण महिलाओं को वह मज़बतू ी प्रदान कर रहा है और करेगा, जिससे वे अपने जीवन को एक नई दिशा प्रदान कर पाएं गी। 1. प्राचीन काल की अपके ्षा मध्य काल मेें भारतीय महिलाओं के सम्मान स्तर मेें काफी कमी आयी। जितना सम्मान उन्हहें प्राचीन काल मेें दिया जाता था, मध्य काल मेें वह सम्मान घटने लगा था। 2. आधनु िक युग मेें कई भारतीय महिलाएं कई सारे महत्वपरू ््णपदों पर पदस्थ हैंै, फिर भी सामान्य ग्रामीण और शहरी महिलाएं आज भी अपने घरों मेें रहने के लिए बाध्य हैंै और उन्हहें सामान्य स्वास्थ्य सवु िधा और शिक्षा जसै ी सुविधाएं भी उपलब्ध नहीं हैंै। 3. शिक्षा के मामले मेें भी भारत मेें महिलाएं परु ूषों की अपके ्षा काफी पीछे हैैं। \"मनुष्य सदा अपनी भातभृ ाषा मेंे ही विचार करता है।\" – मकु ु न्दस्वरूप वर््ममा 13 इं डियन बैैंक, अचं ल कार््ययालय, मंबु ई (पश्चिम) की छमाही पत्रिका























इं ड प्रतीची सुचि शकु ्ला अचं ल कार््ययालय, मबंु ई(पश्चिम) \"अगं ्ेजर ी को भारतीय भाषा बनाने का यह अभिप्राय है कि हम अपने भारतीय अस्तित्व को बिल्ुक ल मिटा देंे।\" – प.ं कृ . रंगनाथ पिल्लयार 2255 इं डियन बैैकं , अचं ल कार््ययालय, मंुबई (पश्चिम) की छमाही पत्रिका






















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