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101 Panchatantra Stories

Published by THE MANTHAN SCHOOL, 2023-07-31 03:16:46

Description: 101 Panchatantra Stories

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िवषय साम ी 1. हसं और मखू कछु आ 2. लालची कु ा 3. कं जूस िपता 4. िव ाथ और शेर 5. घमडं ी बारह संघा 6. कौआ और सीप 7. मूख सारस और के कड़ा 8. हौद म पड़ा कु ा 9. भेिड़या बन गया दो त 10. प रचय से िमलता है साहस 11. मखू िबि लयाँ 12. कु ा चलना िवदशे 13. नीले िसयार क कहानी 14. घमंडी कौए 15. हाथ क िचिड़या 16. िप सू और बचे ारा खटमल 17. शरे और चतुर खरगोश 18. दु िबचौिलया 19. बोलने वाली गफु ा 20. बंदर और घटं ी 21. चहू ा बन गया शरे 22. ा ण और बकरी 23. आलसी िहरन 24. जादईु मगु 25. गधा और धोबी 26. चतुर कसान 27. बिु मान मं ी 28. हाथी और गौरैया 29. एकता म ही बल है 30. मढक और साँप 31. दो िसर वाला जलु ाहा 32. हसं और उ लू 33. दो िसर वाला प ी 34. हवा और चं मा

35. डॉि फन और न ह मछली 36. बटेर और िशकारी 37. बरगद के पेड़ का ज म 38. साधु क बेटी 39. शरारती बदं र 40. घोड़ा 41. कछु ए ने बचाई अपनी जान 42. गधा और गाड़ी वाला 43. उपचार और कौए 44. बलशाली मछली 45. बािघन क कहानी 46. वाथ हसं 47. दो िबि लय क कहानी 48. अरब और ऊँ ट 49. मोर और सारस 50. लोमड़ी और अंगरू 51. कपटी बाज 52. भिे ड़या और ममे ना 53. मखू कबतू र 54. चीता और लोमड़ी 55. शेर और तीन बैल 56. ापारी के बटे े क कहानी 57. मूख कौआ 58. सुदं र ऊँ ट 59. के कड़ा और उसक माँ 60. मगु को िमल गया गहना 61. बिु मान लोमड़ी 62. शिन, मगं ल और शु 63. जंगली सुअर और लोमड़ी 64. मूख कौआ 65. मूख बकरी 66. कौआ चला मोर बनने 67. शेर और लोमड़ी 68. रेत भरी सड़क 69. सअु र और भेड़ 70. िशकारी और खरगोश 71. न हाँ लालची प ी 72. शेर और चहू ा 73. शेर और भिे ड़या 74. दो िम क कहानी

75. लकड़हारा और लोमड़ी 76. बदं र और ऊँ ट 77. न दयाँ और समु 78. बूढ़ा बाघ और लालची राहगीर 79. हाथी और चहू े 80. मढक और चूहा 81. आड़ू और सबे 82. सरू ज का िववाह 83. कसान और लोमड़ी 84. पशु क भाषा जानने वाला राजा 85. भिे ड़या-भिे ड़या िच लाने वाला बालक 86. लड़ने वाले मुग और बाज 87. िसयार का झंडु और हाथी 88. नीमहक म मढक 89. उ ंड बेटा 90. िबना पँूछ क लोमड़ी 91. कौआ और घड़ा 92. मछु आरा और िशकारी 93. कानी िहरनी 94. कं ग कोबरा और ची टंयाँ 95. बदं र क िज ासा और क ल 96. भूखे कु े 97. कु ा और खरगोश 98. मुग और िब ली 99. बदं र और मगरम छ 100. गधा, मगु ा और शरे 101. हाथी को चुनौती दने े वाला भँवरा



1 हंस और मखू कछु आ एक बार क बात ह।ै एक कछु आ और दो हसं आपस म ब त अ छे िम थ।े एक साल बा रश िबलकु ल नह ई और िजस तालाब म वे रहते थ,े वह सखू गया। कछु ए ने एक योजना बनाई और हसं से बोला, “एक लकड़ी लाओ। म उसे बीच म दाँत से दबा लगँू ा और तमु लोग उसके कनारे अपनी च च म दबाकर उड़ जाना और फर हम तीन कसी दसू रे तालाब म चले चलगे।” हसं मान गए। उ ह ने कछु ए को चेतावनी दी, “तु ह पूरे समय अपना मुहँ बंद रखना होगा। वरना तमु सीधे धरती पर आ िगरोगे और मर जाओग।े ” कछु आ तुरंत मान गया। जब सब कु छ तैयार हो गया तो हसं कछु ए को लेकर उड़ चले। रा ते म कु छ लोग क नजर हसं और कछु ए पर पड़ी। वे उ साह म आकर िच लाने लगे, “दखे ो, ये हसं कतने चतुर ह। वे अपने साथ कछु ए को भी ले जा रहे ह।” कछु ए से रहा नह गया। वह उन लोग को बताना चाहता था क यह िवचार तो उसके मन म आया था। वह बोल पड़ा ले कन जसै े ही उसने मुहँ खोला, लकड़ी उसके मँुह से छू ट गई और वह सीधे धरती पर आकर िगर पड़ा। अगर उसने अपने अहकं ार पर िनयं ण कर िलया होता तो वह भी सुरि त नए तालाब म प चँ जाता।

2 लालची कु ा एक कु ा इधर-उधर घूम रहा था। तभी उसे ह ी का एक टुकड़ा पड़ा िमला। उसने ह ी का टुकड़ा उठा िलया और इधर–उधर दखे ने लगा। जब उसे कोई नह दखा, तो वह टुकड़ा लेकर भाग िनकला। अब वह कसी एकांत और शांत थान क खोज करने लगा, जहाँ वह बैठकर आराम से ह ी चबा सके । वह एक नदी कनारे प चँ ा और उसके ऊपर बने लकड़ी के पलु से नदी पार करने लगा। जब वह पलु पार कर रहा था तभी उसक िनगाह नदी के पानी पर पड़ी। उसे पानी म अपनी ही छिव दखाई दी। उसने अपनी ही छिव दखे कर समझा क वह कोई और कु ा ह,ै जो ह ी का टुकड़ा भी महुँ म दबाए ह।ै उसके मन म लालच आ गया। उसने दसू रे कु े क ह ी छीनने का िन य कया। दसू रे कु े को डराने के िलए वह जोर से भ का। भ कने के िलए उसने जैसे ही महँु खोला, उसक ह ी पानी म िगर गई। उसने ह ी दबु ारा उठाने क ब त कोिशश क ले कन ह ी तो पानी म नीचे चली गई थी। इस कार, कु े ने दसू रे कु े क ह ी पाने के च र म अपनी ह ी भी गवँ ा दी।



3 कं जसू िपता सोलह वष य लड़के म कुं डली को पीिलया क बीमारी हो गई। उसका िपता ब त कं जसू था। वह पैसे खच होने के डर से अपने बटे े को वै के पास नह ले गया और घर पर वयं ही उसका उपचार करने का यास करता रहा। लड़के क हालत िबगड़ती गई। बु ने लड़के क दयनीय हालत दखे ी तो उ ह ब त दखु आ। वे आए और रोगी के िब तर के पास बैठ गए। उ ह ने लड़के को कु छ सुंदर धा मक उपदशे सनु ाए। जीवन के अपने अंितम पल म उस लड़के के मन म बु के उपदशे के ित गहरा िव ास जग गया। थोड़ी दरे बाद उसक मौत हो गई। अब शोक संत िपता अपने बेटे क िचता थली पर जाकर रोने लगा। इसे दखे कर दवे ता के राजा स उसके सामने कट ए और उससे कहने लगे क तु हारी कं जसू ी क वजह से ही तु हारे बेटे क जान गई ह।ै उसके बाद से कं जूस िपता ने कं जूसी छोड़ दी और अपने पाप का ायि करने के िलए बु के उपदशे का पालन करने लगा।



4 िव ाथ और शरे एक छोटे से नगर म चार ा ण िव ाथ रहते थे। वे एक-दसू रे के ब त अ छे िम भी थे। उनम से तीन पढ़ाई-िलखाई म ब त होिशयार थे और ब त चतुर माने जाते थे। चौथा िव ाथ पढ़ाई म ब त तजे नह था ले कन उसे दिु नयादारी क समझ काफ थी। एक दन एक िव ाथ बोला, “अगर हम लोग राजा के दरबार म जाएँ तो अपनी बिु के बल पर ब त नाम और दाम कमा सकते ह।” सारे िव ाथ तुरंत मान गए। वे या ा पर िनकल पड़।े रा ते म उ ह शरे क खाल और हि याँ पड़ी िमल । पहला िव ाथ जोश म आकर बोला, “हम अपने ान क परी ा करनी चािहए। चलो इस शरे को फर से जीिवत करते ह! म इसके कं काल को सही तरह से वि थत कर सकता ।ँ ” “म कं काल म माँस और खून भर सकता ,ँ ” दसू रे िव ाथ ने भी शेखी बघारी। “म फर इसके शरीर म जान डाल सकता ।ँ यह फर से जीिवत जानवर बन जाएगा।” तीसरा िव ाथ बोल पड़ा। चौथे िव ाथ ने कु छ नह कहा और तीन क बात सनु ता रहा। इसके बाद उसने अपना िसर िहलाया और बोला, “ठीक ह,ै तुम लोग को जो अ छा लगे, वसै ा करो। ले कन पहले मझु े कसी पेड़ पर चढ़ जाने दो। तमु लोग ब त होिशयार हो। मझु े तुम लोग के ान और बिु परू ा भरोसा ह।ै तमु लोग शरे को अव य जीिवत कर लोगे और ज द ही यह मरा आ शेर जीिवत होकर दहाड़ मारने लगेगा। हालाँ क मुझे यह िव ास नह है क तुम लोग इस शेर का वभाव भी बदल पाओग।े शरे कभी घास नह खा सकता, जसै े ममे ना कभी माँस नह खा सकता।” उसके साथी उसक बात सुनकर हसँ पड़।े “तुम डरपोक हो। तु ह अपनी जान गवँ ाने का डर ह।ै शम करो! तु ह हमारे ान पर भरोसा है ले कन तु ह यह नह पता क हम लोग िजस जानवर को जीिवत करगे, वह पूरी तरह हमारे अनसु ार ही काय करेगा। हम िजस जानवर को जीवनदान दग,े वह भला हमारे ऊपर य हमला करेगा? खरै , तमु चाहते हो तो िछप जाओ और हमारा कमाल दखे ो!” चौथा िव ात दौड़कर एक पेड़ पर चढ़ गया। उसके सारे िम उसे दखे कर फर से हसँ पड़।े जब तीसरे िव ाथ ने शरे के शरीर म जान डाली तो शेर दहाड़ मारकर उठ बैठा। उठते ही उसने तीन िव ा थय पर झप ा मारा और उ ह मारकर खा गया। चौथे िव ाथ ने ई र को ध यवाद दया क उसने उसे दिु नयादारी क इतनी समझ दी क उसने ई र और उसके बनाए ािणय के काम म दखल नह दया।



5 घमंडी बारह संघा एक बारह संघा था। वह अ सर एक तालाब के पास जाया करता था और अपनी पानी म अपनी परछाई दखे कर अपने आपसे कहता, “मरे े स ग कतने संुदर ह! काश मेरे परै भी इतने ही सुदं र होते!” एक दन एक शेर ने उसका पीछा कया। बारह सघं ा घने जगं ल क ओर भागा, ले कन उसके स ग एक घनी झाड़ी म फँ स गए। उसे लगा क उसक मौत अब पास आ चकु ह।ै वह अपने स ग को कोसने लगा। आिखरकार, उसने अपने मजबूत परै क सहायता से अपने आपको झाड़ी से मु करा िलया। इसके बाद वह अपने मजबूत परै से उछलता-कू दता जगं ल म भाग गया और शरे से बचने म सफल हो गया। बारह सघं ा ने अपने कु प परै को उसक जान बचाने के िलए ध यवाद दया, जब क उसके संदु र स ग क वजह से तो उसक जान ही जाने वाली थी। वह सोचने लगा क उसे संकट से बचने के िलए स ग के बजाय पैर क अिधक आव यकता ह।ै उसके बाद से उसने अपने पैर को कभी कु प नह माना।



6 कौआ और सीप एक दन एक भखू े कौए को समु तट पर एक सीप पड़ी िमली। सीप के अदं र का मासँ िनकालने और खाने के िलए उसने सीप को तोड़ने क कोिशश क । सीप नह खलु ी। अब उसने अपनी च च से सीप के अंदर का मासँ िनकालने का यास कया पर वह असफल रहा। अब उसने सीप पर प थर मारा, ले कन फर भी कु छ नह आ। इस बीच, एक और चालाक कौआ वहाँ आकर बोला, “मरे े दो त, यह सीप इस तरह से नह खुलेगी। तमु मरे ी सलाह मानो और इसे अपनी च च म दबाकर ऊपर आकाश म उड़ जाओ। वहाँ से इस सीप को च ान पर िगरा दने ा। तभी यह खुल पाएगी।” भखू े कौए को यह िवचार पसदं आया और उसने वसै ा ही कया। कौआ सीप को च च म दबाकर उड़ गया और ऊपर जाकर उसने सीप िगरा दी। सीप तुरंत खलु गई ले कन दसू रे कौए ने तरु ंत उसे उठा िलया और उसके अदं र का माँस खा गया। जब पहला कौआ वहाँ प चँ ा तो उसे िसफ सीप के खोल के टुकड़े ही पड़े िमल।े



7 मूख सारस और के कड़ा एक बड़े बरगद के पेड़ पर ब त सारे सारस रहते थ।े वह पर पड़े के एक िबल म एक साँप भी रहता था। साँप सारस के छोटे-छोटे ब को खा जाता था। जब सारस को पता चला क सापँ उनके ब को खा जाता है तो वह रोने लगा। उसके रोने क आवाज सुनकर एक के कड़ा वहाँ आ प चँ ा और उससे रोने का कारण पूछने लगा। सारस ने उसे पूरी बात बताई और उससे अनुरोध कया क वह िनदयी सापँ से छु टकारा पाने का कोई तरीका सझु ाए। के कड़े ने अपने आपसे कहा, “ये सारस तो ज म से ही हमारे श ु होते ह। मझु े इ ह गलत सलाह दने ी चािहए।” इस कार, के कड़े ने सारस को सलाह दी, “नवे ले के िबल से लेकर पड़े तक मासँ के टुकड़े िबखरा दो। नवे ला उन टुकड़ के पीछे चलता-चलता यहाँ तक आ जाएगा और साँप को मार डालेगा।” सारस ने के कड़े क सलाह मान ली। नेवला आया और उसने साँप को तो मारा ही, साथ म सारे सारस को भी मार डाला। इसीिलए कहा गया क जो अपने िम न ह , उनसे सलाह नह लेनी चािहए।



8 हौद म पड़ा कु ा एक बाड़े म एक कु ा रहता था। वह हमशे ा घोड़ का चारा रखने क हौद म मलु ायम सखू ी घास पर सोता रहता था। वसै े कु े का भोजन तो बाड़े के बाहर अहाते म रखा जाता था ले कन वाथ कु ा उसी हौद म पड़ा रहता था। इतना ही नह , जब घोड़े खाना खाने आत,े तो वह उन पर भ कने भी लगता। बेचारे घोड़े अपना खाना तक नह खा पाते थे! वे कु े को बताते क कसान ने अहाते म उसके िलए हि याँ रखी ह, ले कन कु ा हौद से बाहर िनकलने को तैयार ही नह होता था। “ कतना वाथ कु ा ह!ै ” घोड़ ने आपस म कहा। “वह जानता है क वह घास नह खा सकता ले कन वह तो हम भी कु छ खाने नह दते ा। वह हम तो परेशानी म डालता ही ह,ै वह खुद भी परेशानी म पड़गे ा!”



9 भेिड़या बन गया दो त एक भेिड़या भेड़ के झुडं के पीछे लगा था। उसने झुंड के पास चरवाहे को दखे ा तो उसने भड़े पर हमला करने का यास नह कया। चरवाहे को उस पर सदं हे तो था ही, इसिलए वह भड़े क िनगरानी करता रहा। अगली बार, फर भिे ड़या चुपचाप भेड़ के साथ लगा रहा और उन पर उसने कोई हमला नह कया। धीरे-धीरे वह भेड़ के झंडु का ही िह सा बन गया। चरवाहे को भी उस पर िव ास होने लगा क वह भेड़ पर हमला नह करेगा। एक दन, चरवाहे को कसी काम से शहर जाना पड़ा। उसने भेिड़ए पर भरोसा करते ए उसे भड़े क रखवाली का काम स प दया। जैसे ही चरवाहा शहर के िलए िनकला, भेिड़या तुरंत भेड़ पर टूट पड़ा और एक-एक करके सबको मार डाला। वापस लौटने पर चरवाहे ने दखे ा तो उसे अपनी मूखता समझ म आई। उसे भेिड़ए पर िव ास करने का प ा ाप होने लगा। भेिड़ए जसै ा िम कसी श ु से भी बरु ा होता ह।ै



10 प रचय से िमलता है साहस एक जगं ल म एक लोमड़ी रहती थी। एक दन, उसने अपने जीवन म पहली बार कसी शेर को दखे ा। लबं ा अयाल, भयानक शरीर, डरावनी दहाड़ और राजा क तरह चाल- ढाल दखे कर लोमड़ी डर गई। वह वह पर बेहोश होकर िगर पड़ी। अगले दन, फर वही शरे उसे दखाई दया। वह अब भी डरी ई थी, ले कन उसने साहस जटु ाया और अपने डर को िछपाने क कोिशश क । ज द से ज द वह वहाँ से भाग गई। तीसरे दन, ि थित पूरी तरह से बदल गई। लोमड़ी सीधे शेर के पास प चँ गई और बोली, “जय हो महाराज, सब ठीक-ठाक है न?” वह शरे से िबलकु ल प रिचत क तरह बात करने लगी। अब उसे शरे से िबलकु ल डर नह लग रहा था। िपछले दो दन से लगातार शेर को दखे -दखे कर, वह उससे प रिचत हो गई थी। इसीिलए कहा गया है क प रचय होने पर साहस िमलता ह।ै



11 मूख िबि लयाँ एक बार, एक िब ली को सड़क पर रोटी का टुकड़ा पड़ा िमला। तभी एक और िब ली क िनगाह उस टुकड़े पर पड़ी। दोन िबि लयाँ आपस म झगड़ने लग । कु छ दरे बाद, पहली िब ली ने सुझाव दया क रोटी के टुकड़े को दो िह स म बाटँ लते े ह। तभी एक बंदर वहाँ आ गया। िबि लय ने उस बदं र से कहा क वह रोटी के उस टुकड़े को दो बराबर भाग म बाँट द।े बदं र ब त चालाक था। उसने रोटी के दो टुकड़े कए और दोन के आकार क जाचँ करने लगा। एक िह सा थोड़ा बड़ा लगा तो उसने उसका एक टुकड़ा खा िलया। अब उसने दखे ा क दसू रा िह सा कु छ बड़ा रह गया ह।ै उसने दसू रे िह से का एक टुकड़ा खा िलया। इसी तरह करते-करते वह दोन िह से खा गया और िबि लय को कु छ भी नह िमला।



12 कु ा चला िवदेश एक नगर म िच ागं न नामक एक होिशयार कु ा रहता था। एक साल उस नगर म भयानक अकाल पड़ा। िच ागं न को खाने के लाले पड़ गए। परेशान होकर वह कह दरू के नगर म चला गया। नई जगह पर खाने-पीने क कोई कमी नह थी। वह एक घर के िपछवाड़े म रहता और वहाँ मनपसदं खाना खाता। एक दन, कु छ वह के कु ने उसे दखे िलया। उसे दखे ते ही वे समझ गए क यह कु ा तो बाहर से आया ह।ै उन कु ने उस पर हमला कर दया। सारे कु े उस पर भ कते ए टूट पड़े और उसे जगह-जगह से बरु ी तरह घायल कर दया। आिखरकार, कसी तरह वह उन कु के चंगलु से छू ट पाया। अब वह सोचने लगा, “यह जगह छोड़ दने े म ही भलाई ह।ै मरे े नगर म भले ही अकाल पड़ा हो, ले कन कम से कम वहाँ मेरे साथी तो ह।”



13 नीले िसयार क कहानी एक बार एक िसयार एक धोबी के घर म घसु गया और कपड़ को रंगने के िलए नीले रंग से भरे बड़े हौद म िछप गया। जब वह बाहर िनकला तो वह पूरा नीला हो गया था! जब िसयार जंगल वापस आया तो सारे जानवर उसे दखे कर डर गए। उ ह समझ ही नह आया क यह अजीब जानवर कौन-सा ह।ै िसयार बोला, “डरने क कोई बात नह ह।ै मझु े ई र ने िवशषे तौर पर बनाया ह।ै उसने मझु े तुम लोग का राजा बनाकर भजे ा ह।ै ” जंगल के सभी जानवर ने उसे अपना राजा मान िलया। एक दन, जब नीला िसयार अपना दरबार लगाए बैठा था, तभी उसे कु छ और िसयार के आ- आ िच लाने क आवाज सनु ाई द । अपने सािथय क आवाज सनु कर वह इतने जोश म आ गया क वह भी जोर-जोर से आ- आ िच लाने लगा। सारे जानवर समझ गए क उनका ये राजा कोई और नह , बि क िसयार ही ह।ै वे सब ब त नाराज ए। उन सबने िमलकर िसयार क अ छी िपटाई क और उसे वहाँ से भगा दया।



14 घमडं ी कौए एक न ह मनै ा अपने घ सले म लौटते समय अधं रे ा हो जाने के कारण रा ता भटक गई। वह एक पड़े पर बठै गई। उस पेड़ पर ब त सारे कौए बैठे थे। वे सब िच लाने लगे, “हमारे पेड़ से भागो!” मैना ने उनसे िवनती क , “बा रश होने वाली ह।ै मझु े थोड़ी दरे यह क जाने दो।” ले कन कौ ने उसक एक न सुनी। आिखरकार, मैना उड़कर दसू रे पेड़ पर बठै गई। वहाँ से उसे एक खाली ग ा िमल गया, िजसम वह आराम से बैठ गई। कु छ ही दरे बाद भारी बा रश होने लगी और बड़-े बड़े ओले िगरने लग।े कई कौए घायल हो गए और कई तो मर भी गए। जब बा रश थमी तो मनै ा बाहर िनकली और अपने घर क तरफ उड़ चली। एक कौए ने उससे पूछा, “अरे, तु ह चोट नह लगी?” “दसू र पर दया करने वाल क ई र सहायता करता है और तु हारे जैसे घमंिडय को क सहने के िलए छोड़ दते ा ह,ै ” मैना ने जवाब दया।



15 हाथ क िचिड़या एक जंगल म एक शेर रहता था। एक दन शरे को एक पड़े के पास एक छोटा-सा खरगोश दखाई दया। शरे उसे पकड़ने के िलए गया और उस पर छलागँ मारने ही वाला था क खरगोश ने उसे दखे िलया और वह जान बचाकर भागा। शेर ने और लबं ी छलागँ लगाई और खरगोश को दबोच िलया। शेर अब उसे खाने ही वाला था क उसे एक िहरन दख गया। लालची शरे ने खरगोश को छोड़ दया और िहरन के पीछे भागा। िहरन ने शरे को अपने पीछे आता दखे ा, तो वह लंबी-लंबी छलागँ मारता आ जंगल म जाकर िछप गया। शरे खरगोश से भी हाथ धो बठै ा और िहरन भी उसक पकड़ म नह आया। वह खरगोश को छोड़ने क गलती करने के िलए पछताने लगा। इसी कारण, ठीक ही कहा गया है क आकाश म दो िचिड़य से अपने हाथ क एक िचिड़या बहे तर होती ह।ै



16 िप सू और बेचारा खटमल एक खटमल एक राजा के पलगं म रहता था। एक िप सू शयनक म आया और खटमल से बोला, “मने कभी कसी राजा का खनू नह िपया। आज तु हारे साथ म भी राजा का खून िपऊँ गा।” खटमल ने जवाब दया, “तुम ती ा करना। मेरा पेट भर जाने के बाद ही तु हारी बारी आएगी। तब तमु अपना पेट भर लेना।” िप सू सहमत हो गया। इस बीच, राजा शयनक म आ गया। बसे िप सू अपने पर िनयं ण नह कर पाया। राजा के सोने से पहले ही उसने उसका खनू चसू ना शु कर दया। िप सू के काटने से राजा पलगं पर उठकर बैठ गया। उसने अपने सेवक को बलु ाकर पलंग क अ छी तरह से जाचँ -पड़ताल करने को कहा। राजा के सवे क ने पलंग को ब त यान से दखे ा। िप सू तो धीरे से पलगं के अधँ रे े कोने म िखसककर िछप गया ले कन खटमल उ ह दख गया। उ ह ने खटमल को मार डाला।



17 शेर और चतुर खरगोश एक जंगल म एक ब त शि शाली शेर रहता था। वह परू े जंगल म िनडर होकर घमू ता रहता था और जो भी जानवर उसे दख जाता, उसे मार डालता। सारे जानवर ब त चंितत थ।े एक दन सारे जानवर एक साथ शेर के पास प चँ े और कहने लग,े “आप हमारे राजा ह। हम नह चाहते क आपको िशकार करने के िलए इधर-उधर भटकना पड़।े हम लोग वयं ही ित दन एक जानवर आपके पास भोजन के िलए भेज दया करगे।” शेर राजी हो गया और बोला, “ले कन याद रखना, हर दन दोपहर म खाने के समय से पहले एक जानवर मेरी गुफा म प चँ जाना चािहए, वरना म तमु सबको मार डालँूगा।” इसके बाद, जगं ल म शांित हो गई। एक दन एक छोटे और दबु ले-पतले खरगोश क बारी आई। वह बहे द चतुर था। उसने तय कर िलया क जसै े भी हो, अपनी जान बचानी ही ह।ै वह शरे क गफु ा क ओर चल पड़ा और कोई उपाय सोचने लगा। रा ते म उसे एक गहरा कँु आ िमला। कुँ ए म साफ पानी म उसे अपनी परछाई दखाई दी। उसके दमाग म एक िवचार क धा। तब तक, शेर अपनी गफु ा से बाहर आ चुका था। खरगोश को दखे कर वह जोर से दहाड़ने लगा।

खरगोश बोलने लगा, “महाराज, दरे ी के िलए मा कर। दरे ी के िलए म या साथी जानवर दोषी नह ह। आपके भोजन के िलए मेरे साथ चार और खरगोश भजे े गए थे, पर रा ते म हम लोग को एक ब त शि शाली शेर िमल गया। उसने हम लोग को

रोक िलया और पछू ने लगा क कहाँ जा रहे हो। जब हमने उसे पूरी बात बताई तो वह ब त गु सा होने लगा। वह कहने लगा क वही जंगल का असली राजा ह।ै वह तो आपको नकली राजा कहने लगा। उसने झपटकर चार खरगोश को पकड़कर खा िलया और मझु े आपके पास भेज दया!” शेर ने गु से म आकर जोर से दहाड़ मारी। “ये कौन नकली राजा आ गया है जो मरे ी जगह लने ा चाहता ह?ै ” वह हरै ानी से बोला। “मुझे अभी उसके पास ले चलो!” खरगोश उस शरे को कँु ए के पास ले गया। “अदं र झाँ कए,” वह बोला, “आपको कुँ ए के अंदर वह दसू रा शरे दख जाएगा।” शेर ने कँु ए म झाकँ कर दखे ा। उसे अपनी ही परछाई दखाई दी। वह समझा क वही दसू रा शेर ह। गु से म दहाड़ मारकर वह कँु ए म कू द गया और डूबकर मर गया। चतुर खरगोश क जान बच गई। कई बार बुि के सहारे अपने से शि शाली श ु को भी मात दी जा सकती ह।ै



18 दु िबचौिलया एक गौरैया ने एक पेड़ पर खाली छेद म अपना घर बनाया। एक दन, वह भोजन क तलाश म िनकली और फर कई दन तक नह लौटी। इस बीच, एक खरगोश वहाँ आया और उसका घर खाली दखे कर, उसम रहने लगा। काफ दन बाद गौरैया लौटी तो खरगोश ने वह घर खाली करने से इ कार कर दया। गौरैया बोली, “चलो कसी से अपना फै सला करवाते ह। वह जसै ा कहगे ा, हम दोन वैसा ही करगे।” इस बीच, एक दु िब ली को उनके झगड़े के बारे म पता चल गया। वह उन दोन के पास आ गई। दोन ने उ ह अपने झगड़े के बारे म बताया। िब ली बड़ी मीठी आवाज म बोली, “म ब त बूढ़ी हो गई ँ और ठीक से सुनाई नह दते ा। पास आकर अपनी बात समझाओ।” जब बेचारी गौरैया और खरगोश उसके पास आ गए, तो िब ली ने झपटकर दोन को दबोच िलया और उ ह मारकर खा गई! अगर तुम लोग भी लड़ोगे तो तु हारी शि कम हो जाएगी और दसू रे इसका लाभ उठा ले जाएगँ ।े



19 बोलने वाली गफु ा एक जगं ल म एक शेर रहता था। एक दन वह आराम करने के िलए जगह तलाश कर रहा था, क उसे एक बड़ी गुफा दखाई दी। शरे ने अदं र दखे ा, उसे कोई नह दखा। शेर को लग तो रहा था क कोई न कोई तो इस गफु ा म अव य रहता ह,ै ले कन उसे वह गुफा इतनी पसंद आई क उसका मन उसी म रहने का करने लगा। वह गफु ा एक िसयार क थी। थोड़ी ही दरे म शाम हो गई और िसयार अपनी गफु ा म आ गया। गुफा के बाहर उसे शेर के पैर के िनशान दखाई दए। िसयार ब त होिशयार था। वह सतक हो गया। वह शेर का िशकार नह बनना चाहता था! गफु ा म शेर है या नह , यह पता करने के िलए िसयार ने एक चाल चली। वह जोर से िच लाया, “ओ गफु ा! अगर तुमने रोज क तरह मझु से बात नह क , तो म यहाँ से चला जाऊँ गा।” शेर ने िसयार क आवाज सुनी तो उसके मन म लालच आ गया। उसने गुफा के बदले जवाब दने े का िन य कया। उसने दहाड़ मार दी। शरे क दहाड़ सनु कर चतरु िसयार समझ गया और जान बचाकर भाग गया।



20 बंदर और घटं ी एक बार जंगल म बंदर के एक झुंड को एक घटं ी पड़ी िमली। हर रात बदं र घंटी क मधुर धुन सुनने लगे। गावँ वाले घटं ी क आवाज को डरावना मानकर उससे डरने लग।े तब गावँ क एक बुि मान मिहला जंगल गई और उसे असिलयत का पता लग गया। उसे पता लग गया क बदं र का एक झडुं ही घटं ी बजाया करता ह।ै उस मिहला ने जगं ल म एक पड़े के नीचे कु छ मँगू फली के दाने और फल रख दए। इसके बाद वह मिहला कु छ दरू बैठकर दखे ने लगी। बदं र ने घटं ी छोड़ दी और पेड़ के नीचे रखे खाने के सामान पर झपट पड़।े उस मिहला ने ज दी से वह घंटी उठा ली और गाँव वापस आ गई। गाँव वाल ने उस मिहला क बिु क सराहना क । मामूली बात से कसी को घबराना नह चािहए। बुि और साहस से सारी परेशािनय का सामना कया जा सकता ह।ै



21 चहू ा बन गया शेर एक दन, एक साधु ने दखे ा क एक िब ली चूहे को खदड़े रही थी। साधु ने अपनी अलौ कक शि य से उस चहू े को िब ली बना दया और उसक जान बच गई। एक दन उस िब ली के पीछे एक कु ा दौड़ पड़ा। अब साधु ने उसको कु ा बना दया। एक बार, उस कु े पर शेर ने हमला कर दया। साधु ने तरु ंत उस कु े को शेर बना दया। जो गाँव वाले इस नए शेर का रह य जानते थे, वे उसका मजाक उड़ाते थे। उनके िलए वह एक िप ी-सा चूहा ही था, जो शेर बना फरता था! अब इस शेर ने सोचा क जब तक यह साधु जीिवत रहगे ा, सब लोग उसका ऐसा ही मजाक उड़ाते रहग।े साधु ने इस शरे को अपनी ओर आते दखे ा, तो उसके इरादे समझ गया। साधु बोला, “जाओ, तमु फर से चूहा ही बन जाओ। तमु अहसानफरामोश हो और शरे बनने लायक नह हो।” और इस कार वह शरे फर से िसकु ड़कर दबु ारा चहू ा बन गया।


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