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202110258-TRIUMPH-STUDENT-WORKBOOK-HINDI_SL-G07-FY

Published by CLASSKLAP, 2020-04-15 08:30:24

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भारत की राजधानी िद ली म वततं ्रता िदवस के समारोह का िवशषे आयोजन होता ह।ै इस िदन सभी लोग वतंत्रता िदवस समारोह म सि मिलत होते ह। िद ली म ऐितहािसक लाल िकले के प्राचीर पर प्रधानमतं ्री द्वारा रा ट्रीय वज फहराया जाता ह।ै रा ट्रीय वज को 21 तोप की सलामी दी जाती ह।ै वजारोहण के उपरातं प्रधानमतं ्री रा ट्र को सबं ोिधत करते ह। रा ट्र के नाम प्रसारण म वे रा ट्र को सपं न बनाने तथा रा ट्रीय एकता को बनाए रखने का आ ान करते ह। भाषण के उपरातं वे ‘जयिहदं ’ का जयघोष करते ह। िजसे सनु कर ोता एवं दशक्र गण सभी िदशाओंको गजंु ायमान कर दते े ह। इस िदन अनके थान पर रा ट्रीय किव स मले न का आयोजन िकया जाता ह।ै इस िदन दशे के िलए प्राणो सग्र करने वाले वततं ्रता सने ािनय को द्धा समु न अिपरत् िकए जाते ह। उनके बिलदान का मरण िकया जाता ह।ै वततं ्रता िदवस एक प्ररे क रा ट्रीय पवर् ह।ै यह हम रा ट्रीय एकता को बनाए रखने की प्ररे णा दते ा ह।ै हम अपनी वततं ्रता की रक्षा करनी चािहए तथा वमै न य से दरू रहना चािहए। हम ऐसा कोई काय्र नहीं करना चािहए िजससे हमारी वतंत्रता एवं रा ट्रीय एकता को ठेस पहुचँ ।े सव्रनाम  100

अ यास काय्र (Work Book) अपिठत गद्यांश िन न अपिठत गद्यांश को पढ़कर सही उ र िवक प से चुनकर िलिखए। एक िदन वन म घमू ते समय दु यंत ने बड़ा ही िविचत्र य दखे ा। उ ह ने दखे ा िक एक छह वषीर्य बालक िजसका शरीर चदं ्रमा की भािँ त उ वल था तथा उसका मखु सयू ्र के समान चमक रहा था, वह िनभरय् होकर शरे के शावक से खले रहा था। कभी तो वह उनको गोद म उठाता, कभी उनके महँु से अपना महंु रगड़ता तथा कभी उनके मँहु म हाथ डालकर उनके दातँ िगनता था। उस बालक का साहस दखे कर दु यतं आ यच्र िकत हो उठे। उ ह ने ऐसा य कभी न तो दखे ा था न ही उसकी क पना की था। जहाँ भरत यह क्रीड़ा कर रहा था वहीं बड़े शेर और शेरिनयाँ शातं होकर बैठे थ।े वयं जब राजा दु यतं का साहस वहाँ जाने का न हुआ तो उ ह ने बड़े प्रेम से सकं े त दके र भरत को अपने पास बलु ाया। पास आने पर दु यंत ने बड़े नेह से पछू ा, कहाँ रहते हो बेटा? भरत ने कहा, यहीं वन म अपनी माँ के साथ। दु यतं ने पनु ः पछू ा, क्या तु ह इन शेर से डर नहीं लगता ? भरत ने कहा, भला म क्य ड ँ म क्या कायर हूँ ? ये सब तो मरे े िमत्र ह। अब तक दु यंत बालक भरत की मीठी वात से मतं ्रमधु होने लगे थ।े प्र ः 1. वन म घमू ते हएु दु यंत ने क्या दखे ा? () अ) बड़ा िविचत्र य आ) खखँू ार जंगली जानवर इ) एक िवशाल काय राक्षस ई) लबं े काले नाग को 2. बालक क्या कर रहा था? () अ) डर से रो रहा था। आ) फल तोड़कर खा रहा था। इ) शरे के शावक से खले रहा था। ई) शरे के शावक को भगा रहा था। 3. बालक ने शरे से न डरने का क्या कारण बताया? () अ) वह जंगलवासी ह।ै आ) वह शेर को वश म करना जानता ह।ै इ) शरे उससे डरते ह। ई) वह कायर नही ह।ै 4. ‘चंद्रमा’ श द के उिचत पयायर् क्या ह? () अ) चादँ , शिश, सोम आ) रजनी, िनशा, िनशाचर इ) नक्षत्र, िसतारे ई) िदनेश, पकं ज, जलज 5. इस गद्याशं को उिचत शीषकर् चनु ो। () अ) मीठी वाणी आ) वीर बालक इ) दु यतं का साहस ई) खखँू ार शरे प्र ो र िन न प्र के उ र िलिखए। 1. ‘हमारे यौहार’ पाठ की क्या िवशषे ता ह?ै 2. तु हारे गाँव या शहर म दशहरा कै से मनाते ह? 101

िनबंध लेखन अ यास – गणततं ्र िदवस का मह व बताते हुए िनबंध िलिखए। याकरण 1. िन न वाक्य म रेखांिकत सव्रनाम के भेद के नाम िलिखए। 1. राजीव की बहन वह ह।ै उ. 2. आप रहने द, म वयं ले लँगू ा। उ. 3. दधू म कु छ िगरा ह।ै उ. 2. िन न खाली थान म उिचत सव्रनाम श द िलिखए। 1. यौहार दशहरे के बाद मनाया जाता ह।ै (यह, उ ह न)े 2. को बलु ाकर सफ़ाई करवाओ। (िज ह, िकसी) 3. तु हारी कमीज़ ह। (व,े वह) 3. िन न वाक्य म सवर्नाम श द रेखांिकत करके िलिखए। 1. म खले ती हू।ँ उ. 2. वह पु तक पढ़ रही ह।ै उ. 3. तमु दो त के साथ िद ली जाओ। उ. 4. िन न वाक्य म रेखांिकत श द के िलंग बदलकर वाक्य पुन:िलिखए। 1. लड़िकयाँ बगीचे म जाकर झलू ा झलू ती ह। उ. 2. औरत पजू ा करती ह। उ. 3. मिहला खते म काम कर रही ह।ै उ. 5. िन न वाक्य म रेखांिकत श द के वचन बदलकर वाक्य पुन:िलिखए। 1. मिहला गीत गाती ह।ै उ. 2. लड़की बतकु मा खले ती ह।ै उ. 3. मरे ी सहले ी खले रही ह।ै उ. 102

6. िन न श द के पया्रयवाची श द िलिखए। 1. यौहार - 2. पाठशाला - 3. फू ल - 4. सदंु र - 5. गौरी - 6. मिहला - 7. िन न श द के िवलोम श द िलिखए। 1. अ छा × 4. शाम × 2. सदंु र × 5. सही × 3. बाद × 6. बहुत × 8. िन न श द के वचन बदलकर िलिखए। 1. सहले ी - 4. झलू ा - 2. छु ट्टी - 5. लड़की - 3. मिहला - 6. बगीचा - 9. िन न श द के िलंग बदलकर िलिखए। 1. सहले ी - 4. माँ - 2. लड़की - 5. पड़ोसन - 3. मिहला - 6. औरत - 10. िन न श द के प्र यय अलग कीिजए। 1. बचपन - 4. दवाखाना - 2. मखू तर् ा - 5. लालची - 3. सु दरता - 6. सामिू हक - 11. िन न वाक्य म िक्रया श द पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. लड़िकयाँ बतकु मा खले रही ह। इ) खले ( ) अ) बतकु मा आ) लड़िकयाँ इ) रही ई) रही ) 2. राधा झलू ा झलू रही ह।ै अ) झलू ा आ) राधा ( ई) झलू 103

3. लड़की गीत गा रही ह।ै ( ) रही है अ) लड़की आ) गीत इ) गा ई) ) ( ) 12. िन न रेखांिकत श द के िवलोम श द पहचू ानकर को क म सही उ र िलिखए। बढ़ाकर ) 1. शू ारदा तमु ठीक नहीं ........बोल रही हो। अ) गलत आ) झठ इ) सच ई) ( ) बरु ा ) 2. दसर से यार करो, न िक .........। ) ( अ) प्रेम आ) द्वषे इ) कम ई) मनमोहक ) ) 3. याम सदंु र है मगर उसका भाई........ह।ै इ) कु प ई) ( ) अ) खबू सरू त आ) अ छा को ) 13. िन न वाक्य के िलए उिचत कारक िच पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। ( ) िक,म ) 1. हमारे पड़ोस......... भी बतकु मा खले ते ह। अ) म आ) से इ) का ई) ( को 2. मिहलाएँ बतकु मा...... गौरी माँ ......... प मानती ह। अ) को,का आ) की,म इ) से,ने ई) ( तहु ार 3. दशहरा यौहार परू े दशे .......मनाया जाता ह।ै इ) की ई) अ) से आ) म ( पड़ू स 14. िन न श द की शुद्ध वत्रनी पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। ( 1. तयौहार दशे हरा अ) तयोहार आ) यौहार इ) तौहार ई) ( ई) लोग 2. पढोस ई) ( अ) पड़ोस आ) पड़ौस इ) पढ़ौस दीपावली 3. दसहरा ( शाखा अ) दहशरा आ) दशहरा इ) दशरा 15. िन न रेखांिकत श द के पया्रयवाची श द पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. हम ई र की पजू ा करनी चािहए। इ) जन ई) अ) दवे ी आ) प्रभु 2. दशहरा यौहार परू े दशे म मनाया जाता ह।ै अ) पूवर् आ) दीपक इ) पवर् ई) 3. बगीचे म संुदर फू ल ह।ै आ) पु प ई) अ) मिं दर इ) प ा यौहार से मेलजोल की भावना बढ़ती है।   104

  व छता और वा य उपवाचक अथ्रग्रा ता प्रितिक्रया  पाठशाला का समय हुआ। टन-टन टन-टन घटं ी बजी। सभी ब चे मदै ान म जमा हुए। प्राथ्नर ा हुई। प्राथर्ना के बाद प्रधाना यापक ने वा य रक्षा कायरक् ्रम की जानकारी दी। सभी छात्र को भाग लने े के िलए कहा। सभी ब चे अपनी-अपनी कक्षाओंकी साफ़-सफ़ाई म लग गये। साथ – साथ कक्षा की सजावट भी करने लगे। दखे ते – दखे ते पाठशाला का वातावरण ही बदल गया। वहाँ का सारा वातावरण व छ हो उठा। दोपहर के भोजन के बाद वा य रक्षा कायकर् ्रम आरंभ हुआ। इसम प्रधाना यापक, सभी अ यापक, िजला वा य अिधकारी, सरपंच के अलावा छात्र व उनके माता-िपता भी आये थ।े कायक्र ्रम प्रारंभ हुआ। िजला वा य अिधकारी वा य रक्षा के बारे म बताने लगे – “ व थ रहने के िलए व छ रहना ज़ री ह,ै व छ रहना माने . . . हर िदन नान करना चािहए। साफ़ कपड़े पहनने चािहए। नाखनू बढ़ने पर उ ह काटना चािहए। िसर पर तेल लगाकर कं घी करनी चािहए। भोजन से पहले हाथ धोने चािहए। नल – कू प के पास भी सफ़ाई रखनी चािहए।” इसके बाद प्रधाना यापक ने शरीर की व छता के बारे म बताया। सरपचं जी ने अपने भाषण म अड़ोस पड़ोस की सफ़ाई का मह व समझाया। जब कायरक् ्रम समा हुआ तो ब च ने ज़ोरदार तािलयाँ बजायी। िन न गद्यांश को पढ़कर प्र के उ र िलिखए। दोपहर के भोजन के बाद वा य रक्षा काय्रक्रम आरंभ हुआ। इसम प्रधाना यापक, सभी अ यापक, िजला वा य अिधकारी, सरपचं के अलावा छात्र व उनके माता-िपता भी आये थे। काय्रक्रम प्रारंभ हुआ। िज़ला वा य अिधकारी वा य रक्षा के बारे म बताने लगे - “ व थ रहने के िलए व छ रहना ज़ री ह,ै व छ रहना माने... हर िदन नान करना चािहए। साफ़ कपड़े पहनने चािहए। नाखनू बढ़ने पर उ ह काटना चािहए। िसर पर तेल लगाकर कं घी करनी चािहए। भोजन से पहले हाथ धोने चािहए। नल-कू प के पास भी सफ़ाई रखनी चािहए।”   105

  प्र : 1. भोजन के बाद क्या आरंभ हुआ? उ. दोपहर के भोजन के बाद वा य रक्षा का कायकर् ्रम आरं भ हआु । 2. इस कायर्क्रम म कौन लोग आए थे? उ. इस काय्रक्रम म प्रधाना यापक, सभी अ यापक, िज़ला वा य आिधकारी, सरपंच के अलावा छात्र और उनके माता िपता भी आए थ।े 3. व थ रहने के िलए क्या ज़ री है? उ. व थ रहने के िलए व छ रहना ज़ री ह।ै 4. व छ रहने के िलए क्या करना ज़ री है? उ. व छ रहने के िलएः 1) नान करना 2) साफ कपड़े पहनना 4) भोजन से पहले हाथ धोना आिद ज़ री ह।ै 3) नाखनू काटना, 5. िन न श द के पया्रयवाची श द िलिखए – 1) प्रारंभ - आरंभ, शु 2) हाथ - ह त, कर, पािण 3) भोजन - खाना, अ न, 4) व छ - साफ, शदु ्ध, िनमल्र     106

इकाई-3 9. गुसाडी अथर्ग्रा ता प्रितिक्रया  प्र : 1. िचत्र म क्या िदखायी दे रहा है? उ. इस िचत्र म एक आदमी ड प बजा रहा है तथा कु छ औरत नाच रही ह। दसू रे िचत्र म कु छ पु ष झाकँ ी प्र ततु करने के िलए अलग वषे भषू ा म नृ य करने वाले ह। 2. कु छ प्रिसद्ध लोकनृ य के नाम बताओ। उ. गसु ाडी, लबं ाड़ा, भांगड़ा, िगदध् ा, कोलाटम, डांिडया आिद लोकनृ य के नाम ह। 3. नाचती हुई इन मिहलाओं के मन म कौन सी भावना होगी? उ. नृ य से मनोरंजन होता है वहीं आन द की अनभु िू त होती ह।ै इन के मन म भी आनंद की भावना होगी। 1. नाचना = नृ य, to dance अलग-अलग, various, different 2. िविवध = वीकार करना to agree, to respect मयरू पंख, peacock feather 3. मानना = पहनावा, dress and appearance ग ड़ की दवे ी 4. मोर के पंख = किठनाई, crisis िसर पर पहनने का कपड़ा, a turban 5. वेश-भषू ा = अ छा लगना, liking, taste वन, forest 6. जंगदु ाई = प्रा य प्रावधान, facility, convenience कोिशश, to effort, to attempt 7. संकट = the main dance of the gondu-tribe-culture 8. पगड़ी = 9. पसंद = 10. जंगल = 11. सिु वधा = 12. प्रयास करना = 13. गसु ाडी = 107

‘गसु ाडी’ पाठ म आिदलाबाद की ग ड जनजाित का यवु क अपनी जाित के बारे म बता रहा ह।ै जंगु नाम का यवु क आिदलाबाद की ग ड जनजाित का ह।ै वह ग डी नामक मीठी भाषा म बात करता ह।ै गसु ाडी इनकी सं कृ ित का िवशेष नृ य ह।ै नाचते समय इनकी वेश-भषू ा भी िवशषे होती ह।ै िविवध उ सव पर ये लोग नृ य करते ह। ‘जगं दु ाई’ इनकी दवे ी ह। इनकी िवशषे पजू ा की जाती ह।ै इनका मानना है िक यह दवे ी सकं ट से इनकी रक्षा करती ह।ै ये लोग मोरपखं से बनी िवशषे पगड़ी पहनते ह। अपनी सं कृ ित से ये िवशषे प्रमे करते ह। ‘रेला---रेला’ इनका प्रिसद्ध गीत ह।ै जसै ा ये गाते ह, वसै ा ही नृ य भी करते ह। पु ष ढोल बजाते ह और ि याँ गाना गाती ह। ये लोग जंगल म िनवास करते ह। जहाँ से शहर बहुत दरू ह। इन तक पहुचँ ने के िलए सड़क और बस की सिु वधाएँ बढ़ाने के िलए सरकार प्रयास कर रही ह।ै 1. शहर दूर होने के कारण ग ड जनजाित के लोग को क्या क्या किठनाइयाँ होती ह। उ. शहर दरू होने के कारण ग ड जनजाित के लोग को बहतु किठनाइयाँ होती ह।ै शहर से जंगल तक पहुचँ ने के िलए सड़क की सिु वधा नही ह,ै इस कारण बस की भी सिु वधाएँ नही होती ह। 2. कु छ लोकनृ य के बारे म बताओ। जैसेः- कोलाटम, डांिडया आिद। उ. (क) कोलाटमः यह आधं ्र प्रदशे का प्रिसदध् लोक नृ य ह।ै छोटे – छोटे डंडो को मारते हुए गाने के साथ लोग नाचते ह। नवराित्र के समय वे यह नृ य करते ह। (ख) डािं डयाः यह राज थान और गजु रात का लोक िप्रय लोकनृ य ह।ै यह भी कोलाटम की तरह छोटे–छोटे डंड को मारते हुए गाने के साथ लोग नाचते ह। नवराित्र के उपलक्ष म यह नृ य करते ह। (ग) गसु ाड़ीः आधं ्रप्रदशे के आिदलाबाद के ग ड जनजाित का प्रमखु लोकनृ य ह।ै ग ड लोग मोर के पखं की पगड़ी पहनते ह। पु ष ढोल बजाते ह। ि याँ ‘’रेला .... रेला’’ गीत गाती ह। जसै ा गाते ह, वैसा नृ य भी करते ह। (घ) भागं ड़ाः पंजाब का प्रिसदध् लोकनृ य ह।ै पु ष नाचते ह। सभी सदं भ म इसे प्रदिश्रत करते ह। (ड.) िगदध् ाः पजं ाब का प्रिसदध् लोकनृ य ह।ै ि याँ नाचती ह। सभी सदं भ म इसे प्रदिशर्त करते ह। (च) घमू रः यह राज थान का लोकिप्रय लोक नृ य ह।ै हाथ से अिभनय करते हएु औरत नाचती ह। (छ) गरबाः यह गजु रात का लोकनृ य ह।ै यौहार के समय इसे प्रदिश्तर करते ह। (ज) िबहूः आसाम का प्रमखु लोकनृ य ह।ै 1. लोकनृ य से आप क्या समझते ह? अितिरक्त प्र 2. ‘लोक’ श द से दो श द बनाइए। - (लोकनायक, लाकगीत) 3 तेलगं ाना का लोकगीत कौनसा ह?ै 108

1. वाक्य का क्रम सही करो। 1. बहुत मीठी है होती भाषा यह। उ. यह भाषा बहुत मीठी होती ह।ै 2. सं कृ ित प्रमुख है नृ य गुसाडी का हमारी। उ. गसु ाडी हमारी सं कृ ित का प्रमखु नृ य ह।ै 3. बजाते ह ढोल पु ष। उ. पु ष ढोल बजाते ह। 4. दूर ह होते शहर बहुत। उ. शहर बहुत दरू होते ह। अितिरक्त प्र 1. िदए गए श द से िरक्त थान भिरए। (ढोल, ग ड, गाना) म ................जनजाित का यवु क हू।ँ पु ष.............बजाते ह, तो ि या.ँ .........गाती ह। 2. हाँ या नहीं म उ र दीिजए। ग डी भाषा बहुत ही मीठी होती ह।ै ( ) ) सड़क और बस की सिु वधाएँ बहुत अिधक ह।ै ( 3. पाठ म पाँच संज्ञा श द छाँिटए।  अ यापन सकं े त - सनु ो-बोलो, पढ़ो म िदए गए अितिरक्त प्र के वल छात्र के वाचन कौशल के िवकास हते ु िदए गए ह। छात्र से िन न प्र पछू , उ र की सराहना कर। छात्र को हमारे लोकगीत, लोकनृ य से अवगत कराए।ँ अिभ यिक्त सजृ ना मकता 1. गुसाडी नृ य के बारे म क्या जानते हो? उ. ग ड जाित की एक िवशेष सं कृ ित ह।ै वे िविवध उ सव पर नृ य करते ह। ‘गसु ाडी’ ग ड – जनजाित उनका प्रमखु नृ य ह।ै नृ य करते समय उनकी िवशेष वेश-भषू ा होती ह।ै पु ष मोर के पंख से बनी पगड़ी पहनते ह। पु ष ढोल बजाते ह, तो ि याँ गाना गाती और नाचती ह। यह लोग जैसा गाते ह वैसा ही नृ य करते ह। उनके गीत की प्रिसदध् पिं क्त ‘’रेला ... रेला’’ ह।ै 109

भाषा की बात (अ) जोड़ो और नये वाक्य िलखो। उ. दीवाली रंग खले ते ह। - दीवाली के िदन दीप जलाते ह। ईद दीप जलाते ह। - ईद के िदन ईदगाह जाते ह। - िक्रसमस के िदन सटा आते ह। िक्रसमस ईदगाह जाते ह। - होली के िदन रंग खले ते ह। - वततं ्रता िदवस पर झडं ा फहराते ह। होली झडं ा फहराते ह। वततं ्रता िदवस सटा आते ह। (आ) नीचे िदये वाद्य यंत्र के नाम िलखो। तबला, ढोल, बाँसरु ी, वायोिलन, वीणा उ. तबला वीणा वायोिलन ढोल बाँसरु ी (इ) वग्र पहेली म से पाठ म आये श द को ढूँढ़कर िलखो। ल प जं गु सा डी डी न वे नृ य ला जा जं श ग षा ित गु ता भू कु यु व क उ. नृ य, गसु ाडी, जनजाित, जगं ,ु ग डी। (अ) नीचे िदये गये वाक्य यान से देखो। जैसेः हम गसु ाडी नृ य करते ह। - म गसु ाडी नृ य करता हू।ँ हम पवर् मनाते ह। - म पव्र मनाता हू।ँ हम टी.वी. दखे ते ह। - म टी.वी. दखे ता हू।ँ हम पानी पीते ह। - म पानी पीता हू।ँ हम खाना खाते ह। - म खाना खाता हू।ँ 110

(आ) ऊपर िदये गये वाक्य के आधार पर ‘’हम’’ श द का उपयोग करते हुए कु छ वाक्य बनाओ। उ. 1. म किवता िलखता हू।ँ हम किवता िलखते ह। 2. म पाठ पढ़ता हू।ँ हम पाठ पढ़ते ह। 3. म िक्रके ट खले ता हू।ँ हम िक्रके ट खले ते ह। 4. म खाना खाता हू।ँ हम खाना खाते ह। 5. म दधू पीता हू।ँ हम दधू पीते ह। 6. म रात को सोता हू।ँ हम रात को सोते ह। 1. मोर के पंख का िचत्र उतार कर दो वाक्य िलखो। उ. मोर के पंख बहुत सदंु र होते ह। पखं म कई रंग होते ह। जब मोर नाचता है तब उसके पंख िगर जाते ह। लोग इनके पंख का प्रयोग पगड़ी बनाने के िलए, हाथ का पंखा बनाने के िलए करते ह। ी कृ ण के मकु ु ट पर भी मोर का पंख शोिभत होता था। क्या म ये कर सकता हू/ँ सकती हूँ हाँ ( ) नहीं ( × ) 1. पाठ के बारे म बातचीत कर सकता हू।ँ 2. पाठ का साराशं अपने श द म बता सकता हू।ँ 3. पाठ का सारांश अपने श द म िलख सकता हू।ँ 4. पाठ के श द से वाक्य बना सकता हू।ँ ुतलेख   111

अितिरक्त कायर् प्र ो र 1. गुसाड़ी नृ य िकस जनजाित की सं कृ ित का प्रमुख नृ य है? उ. गसु ाड़ी आिदलाबाद की ग ड जनजाित की िवशषे सं कृ ित का प्रमखु नृ य ह।ै नाचते समय इनकी िवशषे वशे भषू ा होती ह।ै ये िविवध उ सव पर नृ य करते ह। 2. ‘जंगुदाई’ क्या है? उ. ‘जंगदु ाई’ ग ड जनजाित की दवे ी ह।ै ये लोग इनकी िवशषे पजू ा करते ह। इनका मानना है िक वह संकट से इनकी रक्षा करती ह। 3. “ रेल - - - रेला” श द िकससे सबं ंिधत है? उ. आिदलाबाद की ग ड जनजाित के प्रिसद्ध गीत की पंिक्त ह-ै “रेला... रेला”। पु ष ढोल बजाते ह और ि याँ गीत गाती ह। जैसे ये लोग गीत गाते ह, वैसे ही नृ य भी करते ह। नारा लेखन  आज के यगु म जहाँ िवज्ञापन का बोलबाला है वहाँ नारा लखे न का अपना एक िवशषे मह व ह।ै वततं ्रता संग्राम के दौरान लोग की भावनाओं को दशे -प्रेम से सरोबोर करने के िलए कई नारे गजँू े थ,े जसै े –अगं ्रज़े भारत छोड़ो, तमु मझु े खनू दो, म तु ह आज़ादी दगँू ा। रक्तदान के नारे – रक्तदान-जीवनदान, आपका खनू िकसी की जान बचा सकता ह।ै पेड़ से सबं ंिधत नारे – पड़े को मत काटो भाई, ये करते ह प्राकृ ितक भरपाई। पया्रवरण सरु क्षा के नारे – तरक्की के सपने अधरू े, प्रकृ ित की रक्षा से ह गे परू े। 1. आ मिव ास है जहाँ, सफलता है वहा।ँ 2. िव ास है जहा,ँ प्रगित है वहा।ँ 3. सफलता की कँु जी, आ मिव ास की पजँू ी। मुहावरे  मुहावरे कोई भी ऐसा वाक्यांश जो अपने साधारण अथर् को छोड़कर िकसी िवशेष अथ्र को यक्त करे उसे महु ावरा कहते ह। 1. रमेश परू ा िदन यहाँ-वहाँ भटकता रहता ह।ै रमशे परू ा िदन यहा-ँ वहाँ की खाक छानता रहता ह।ै 2. ीराम माता कौश या के बहुत यारे थे। ीराम माता कौश या के गले का हार थे। 112

नीचे िदए गए वाक्य पिढ़ए। 1. रमशे परू ा िदन यहा-ँ वहाँ भटकता रहता ह।ै रमशे परू ा िदन यहा-ँ वहाँ की खाक छानता रहता ह।ै 2. ीराम माता कौश या के बहुत यारे थ।े ीराम माता कौश या के गले का हार थ।े िदए गए वाक्य म एक ही बात को दो प्रकार से कहा गया ह।ै “भटकता रहता ह”ै के थान पर “खाक छानता रहता ह।ै ” तथा बहुत यारे के थान पर गले का हार का प्रयोग िकया गया। इन वाक्य म खाक छानना का अथ्र िमट्टी छानना नहीं बि क भटकना ह।ै उसी तरह गले का हार का अथ्र राम को गले का हार बनाकर पहनना नहीं, बि क बहुत यारे होना ह।ै ये कथन िवशेष अथर् दे रहे ह। ये कथन महु ावरे ह। मुहावर के अथ्र और उनका वाक्य प्रयोग। 1. अक्ल पर प थर पड़ना = बिु द्ध से काम न करना सधु ा की अक्ल पर प थर पड़ गए थ,े जो िवमला से झगड़ पड़ी। 2. अपने पावँ पर आप कु हाड़ी मारना = अपनी हािन वयं करना। बेईमान यामलाल को पए दके र रोशन ने अपने पाँव पर आप ही कु हाड़ी मार ली। 3. आखँ चरु ाना = बचकर िनकलना अनभु ा ने मरे ी पु तक नहीं लौटाई। अब आखँ चरु ाती िफरती ह।ै 4. आखँ म खटकना = बरु ा लगना नटवर अपनी शरारत के कारण सबकी आखँ म खटकता ह।ै 5. आकाश–पाताल एक करना = बहुत प्रयास करना नौकरी पाने के िलए मानवी ने आकाश–पाताल एक कर िदया। 6. आपे से बाहर होना = बहुत गु सा होना दादा जी छोटी-छोटी बात पर आपे से बाहर हो जाते ह। 7. ईद का चादँ होना = बहुत िदन बाद िदखाई दने ा जब से मनीष की नौकरी लगी ह,ै वह तो ईद का चादँ हो गया ह।ै 8. क ची गोिलयाँ न खले ना = अनभु वी होना ननै ा ने क ची गोिलयाँ नहीं खले ीं, उसे भोली-भाली मत समझना। 9. काठ का उ लू होना = एकदम मखू र् होना नारंग काठ का उ लू ह,ै उससे पछू ने का लाभ नहीं होगा। 10. कान खड़े होना = चौक ना होना दो अनजान यवु क को कोठी के बाहर बैठे दखे कर प्रशांत के कान खड़े हो गए। 11. गागर म सागर भरना = थोड़े म अिधक कहना बलदवे बाली अपने भाषण म गागर म सागर भर दते े ह। 12. घी के दीए जलाना = बहुत प्रस न होना नीलाजं ना के कू ल क ान बनने पर माँ ने घी के दीये जलाए। 13. चु लू भर पानी म डूब मरना = लि जत होना 113

नकल करते पकड़े गए हो, तु ह तो चु लू भर पानी म डूब मरना चािहए। 14. छक्के छु ड़ाना = बरु ी तरह हराना राहुल द्रिवड़ ने बागं्लादशे ी गदबाज़ के छक्के छु ड़ा िदए। 15. ज़मीन पर परै न रखना = बहुत घमडं करना च द्रकांत का यापार क्या चल पड़ा, वह ज़मीन पर पैर नहीं रखता। 16. जान म जान आना = आराम आना अनजु ा को होश म आया दखे कर माता-िपता की जान म जान आई। 17. जी-जान से काम करना = मन लगाकर काम करना नई दकु ान को चलाने के िलए सोहनलाल जी–जान से काम कर रहा ह।ै 18. ढोल पीटना = बात फै लाना पु पा के कम अकं क्या आए, प्रभा ने सबं ंिधय म ढोल पीट िदया। 19. दाल न गलना = चाल असफल होना चालक मनु े र के आगे िचरंजीत की दाल न गली। 20. दो टूक बात करना = साफ़–साफ़ कहना दो टूक बात करना अरिवदं के वभाव की िवशषे ता ह।ै 21. नींद हराम होना = यथ्र जागना, परेशान होना लाउड पीकर की तज़े आवाज़ के कारण मोह ले वाल की नींद हराम हो गई ह।ै 22. पाँच उँगिलयाँ घी म होना = लाभ होना नाना जी की मृ यु पर मकान और दकु ान िमल जाने के कारण ध्रवु की पाँच उँगिलयाँ घी म हो गई।ं = सावधानी से काम करना 23. फँू क-फँू ककर कदम रखना झगड़ालू पड़ोसी के साथ धीरज को फँू क-फँू ककर कदम रखना पड़ता ह।ै 24. बगल झाँकना = उ र न दे पाना अ यािपका के प्र पछू ने पर सकु या बगल झाकँ ने लगती ह।ै 25. बाल बाकँ ा न होना = कु छ न िबगड़ना बस से टकराकर भी कनिु प्रया का बाल बाँका न हुआ। 26. िमट्टी म िमल जाना = न हो जाना जग नाथ की महे नत की कमाई को शराबी पतु ्र ने िमट्टी म िमला िदया। 27. महँु मोड़ना = काम बदल लने ा सफ़दर ने नौकरी करके यापार से महँु मोड़ िलया ह।ै 28. रामबाण होना = लाभदायक होना खासँ ी के िलए “मोहयाल मध”ु रामबाण ह।ै 114

अ यास काय्र (Work Book) पिठत गद्यांश िन न गद्यांश को पढ़कर प्र के उ र िलिखए। मरे ा नाम जगं ु ह।ै म आिदलाबाद के ग ड जनजाित का यवु क हू।ँ म ग डी भाषा म बात करता हू।ँ यह भाषा बहुत ही मीठी होती ह।ै हमारी भी एक िवशषे सं कृ ित ह।ै गसु ाडी हमारी सं कृ ित का प्रमखु नृ य ह।ै नाचते समय हमारी िवशेष वेश-भषू ा होती ह।ै हम िविवध उ सव पर नृ य करते ह। “जंगदु ई” हमारी दवे ी ह। हम इनकी िवशेष पजू ा करते ह। हमारा मानना है िक वे हम सकं ट से बचाती ह। हम मोर के पखं से बनी पगड़ी पहनते ह। मझु े अपनी सं कृ ित बहुत पसदं ह।ै प्र : 1. जंगु िकस जनजाित का यवु क ह?ै उ. 2. यहाँ की भाषा का नाम क्या ह?ै उ. 3. यहाँ की िवशषे सं कृ ित का नृ य क्या ह?ै उ. 4. यहाँ की दवे ी का नाम क्या है और लोग दवे ी के बारे म क्या कहते ह? उ. 5. इस गद्य से यगु्म श द चनु कर िलिखए। उ. प्र ो र िन न प्र के उ र िलिखए। 1. “ग ड” जनजाित की िवशेषताओं पर प्रकाश डािलए। 2. शहर दरू होने के कारण ग ड जनजाित के लोग को क्या-क्या किठनाइयाँ होती ह? नारा लेखन अ यास- प्रकृ ित से जड़ु े कोई पाचँ नारे िलिखए। 115

याकरण 1. िन न मुहावर के अथर् िलखकर वाक्य म प्रयोग कीिजए। 1. आखँ चरु ाना = वाक्यः- 2. आखँ म खटकना = वाक्यः- 3. आकाश-पाताल एक करना = वाक्यः- 2. िन न उिचत मुहावरे से खाली थान भिरए। हो गया। (ठहर गया, नौ दो ग्यारह हो गया) 1. चोर िसपाही को दखे कर हो गया ह।ै (ईद का चादँ , अक्ड़ाल)ू 2. जब से मनीष की नौकरी लगी ह,ै वह तो िदए। (होश उड़ाना. छक्के छु ड़ाना) 3. राहुल द्रिवड़ ने बागं्लादशे ी गदबाज़ के 3. िन न मुहावर को उनके सही अथ्र के साथ िमलाइए। 1. ढोल पीटना आराम आना हार मान लेना 2. जी-जान से काम करना परेशान होना बात फै लाना 3. जान म जान आना मन लगाकर काम करना साफ़–साफ़ कहना 4. दो टूक बात करना (यवु क/ ब चा) 5. नींद हराम होना 6. घटु ना टेकना 4. िन न िरक्त थान की पूितर् उिचत श द से कीिजए। 1. जंगु ग ड जाित का ह।ै 2. हम के पखं से बनी पगड़ी पहनते ह। (कौआ/ मोर) 3. यहाँ से बहुत दरू ह।ै (शहर/ जगं ल) 5. िन न श द को वाक्य म प्रयोग कीिजए। 1. जनजाित - 2. सं कृ ित - 3 सिु वधा - 116

6. िन निलिखत श द के िवलोमाथ्र िलिखए। 1. मीठी × 4. प्रमखु × 2. िवशेष × 5. बचाना × 3. पसंद × 6. दरू × 7. िन न श द के िलंग बदलकर िलिखए। 1. यवु क - 4. दवे ी - 2. मोर - 5. गायक - 3. लड़का - 6. ी - 8. िन न श द के वचन बदलकर िलिखए। 1. भाषा - 4. सं कृ ित - 2. दवे ी - 5. पगड़ी - 3. बस - 6. ी - 9. िन न वाक्य म रेखांिकत श द के िलगं बदलकर वाक्य पुन: िलिखए। 1. मोर के पंख बहतु संदु र होते ह। उ. 2. लड़का नाच रहा ह।ै उ. 3. वह यवु क बहुत शातं ह।ै उ. 10. िन न वाक्य म सजं ्ञा श द पहचानकर िलिखए। 1. गसु ाड़ी हमारी सं कृ ित का प्रमखु नृ य ह।ै उ. 2. म आिदलाबाद का रहने वाला हू।ँ उ. 3. मीरा ने कहानी िलखी। उ. 11. िन न वाक्य म सवर्नाम श द पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. हम जगं ल म रहते ह। आ) जगं ल इ) म ( ) अ) हम ई) रहते ) ) 2. यह भाषा बहुत ही मीठी भाषा ह।ै ( ई) मीठी अ) भाषा आ) यह इ) बहुत ( 3. वह अपने आप चला जायेगा। ई) जाएगा अ) अपने आ) वह इ) चला 117

12. िन न वाक्य के िलए उिचत कारक िच पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. म आिदलाबाद .....ग ड जनजाित .........यवु क हू।ँ ( ) िक,म ) अ) को,का आ) की,म इ) के ,का ई) ) ( 2. हम मोर .... पखं .... बनी पगड़ी पहनते ह। िक,ने ) अ) के ,से आ) का,म इ) से,ने ई) ) ( ) 3. हमारे गीत ....प्रिसद्ध पंिक्त रेला...रेला ह।ै इ) के को, म अ) का आ) की ई) ) ) 13. िन न श द की शुद्ध वत्रनी पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। ) 1. किटनाई ( ) इ) किठनाई ) अ) कठीनाई आ) कटीनाई इ) किठनाइ ) ( 2. समसकृ ित ई) संकृ ित अ) ससं क्रित आ) सं कृ ित इ) स सकृ ित ( इ) सकट 3. संकठ आ) समकट अ) संकट इ) स कट 14. िन न श द के सही अथ्र पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. नाचना ( ई) िगरना अ) नृ य आ) उछलना इ) कू दना ( 2. िविवध ई) प्र य अ) इकट्ठे आ) अलग-अलग इ) अनके ( ई) कोयल 3. मोर अ) कबतू र आ) तीतर इ) मयरू 15. िन न श द के पया्रयवाची श द पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. पृ वी ( अ) आकाश, पड़े आ) जंगल, फल इ) भिू म,धरा ई) पु प, वन 2. पवत्र ( अ) घाटी, लोग आ) सरु ,असरु इ) डाल, शाख ई) पवतर् , िगरी 3. इ छा ( अ) परोपकार, िवजय आ) खले , टीम इ) कामना, अिभलाषा ई) जीतना, हारना हमारी सं कृ ित ही हमारी पहचान है।  118

अ यास प्र पत्र अथ्रग्रा ता प्रितिक्रया I. िन निलिखत पिठत पद्यांश पढ़कर प्र के उ र िलिखए। एक शहर िकया आबाद, जो कहलाया हदै राबाद। कु ली के सपन का नगर, संदु र यहाँ की हर डगर। आसमान को छू ती मीनार, िमट्टी की मज़बतू दीवार, इसकी नक्काशी बेिमसाल, इसकी उम्र चार सौ साल। 1. िकस शहर को आबाद िकया गया? 2. यहाँ की हर डगर कै सी ह?ै 3. यहाँ की मीनार कै सी ह? 4. चार मीनार की उम्र िकतनी ह?ै 5. िन न िलिखत श द के अथ्र िलिखए। 1) डगर – 2) उम्र - अिभ यिक्त सजृ ना मकता II. इन प्र के उ र २-३ वाक्य म िलिखए। प्र : 1. हमारे जीवन म यौहार का क्या मह व ह?ै 2. चारमीनार कहाँ ह।ै इसका िनमा्रण िकसने िकया? 3. गसु ाडी नृ य के बारे म क्या जानते हो? िन न प्र से िकसी एक का उ र िलिखए। 1. “चारमीनार किवता का साराशं अपने श द म िलिखए। 2. गणततं ्र िदवस का मह व बताते हुए िनबंध िलिखए। भाषा की बात (व,े वह म से उिचत सवरन् ाम श द िलिखए।) III. िनद्शेर के अनुसार िलिखए। (इसम प्र यय लगाकर नया श द बनाइए।) 1. तु हारी कमीज़ ________ ह। (पयाय्र वाची श द िलिखए।) (िवलोम श द िलिखए।) 2. अ छा- (महु ावर का अथर् िलखकर वाक्य म प्रयोग कीिजए।) 3. फू ल - 4. आसमान × 5. आकाश–पाताल एक करना = 119

उपवाचक यारी िबिटया अथ्रग्रा ता प्रितिक्रया  लड़की : बढ़ू े बाबा क्य बैठे हो, अपने घर जाओ। रात अधं रे ी सरदी भरी, यहाँ बैठे क्या पाओ। बढ़ू ा : दखे ो बेटी, म हूँ बढ़ू ा, चला नहीं अब जाता। आखँ से भी कम िदखता ह,ै िफर बखु ार भी आता। लड़की : कहाँ तु हारा घर है बाबा, बोलो, िकसे बलु ाऊँ ? यहाँ ठहरना ठीक नहीं ह,ै आओ राह िदखाऊँ ॥ बड़ी भली हो िबिटया रानी, पकड़ो मरे ा हाथ, बढ़ू ा : धीरे-धीरे चला चलगँू ा, म अब तरे े साथ॥ लड़की : दरू तु हारा घर है बाबा, चले चलो घर मरे े। आज रात को यहीं रहो, तमु जाना सबु ह सबेरे॥ बढ़ू ा : सखू ी रहो तमु यारी िबिटया, तमु ने मझु े बचाया। रात अधं रे ी सरदी भरी, कापँ रही थी काया॥ िन न पद्यांश को पढ़कर प्र के उ र िलिखए। बड़ी भली हो िबिटया रानी, पकड़ो मरे ा हाथ। धीरे-धीरे चला चलँूगा, म अब तरे े साथ। दरू तु हारा घर है बाबा, चले चलो घर मरे े आज रात को यहीं रहो, तमु जाना सबु ह सवरे े।। सखु ी रहो तमु यारी िबिटया, तमु ने मझु े बचाया रात अधं रे ी सरदी भरी, कापँ रही थी काया।। 1. बूढ़ा िकसको भली कह रहा है? उ. बढ़ू ा िबिटया रानी को भली कह रहा है और उसका हाथ पकड़ने को कह रहा ह।ै 2. लड़की बूढ़े को कहाँ ले जाना चाहती है ? उ. लड़की बढ़ू े को अपने घर ले जाना चाहती ह।ै 3. लड़की बूढ़े को अपने घर क्य ले जाना चाहती है? उ. लड़की बढ़ू े को अपने घर इसिलए ले जाना चाहती है क्य िक बाबा का घर बहुत दरू ह।ै 4. बूढ़ा लड़की को क्या आशीवार्द दे रहा है और क्य ? उ. बढ़ू ा लड़की को सखु ी रहने का आशीवा्रद दे रहा है क्य िक रात बहुत अधं रे ी है और बहुत सदीर् ह।ै और बढ़ू े का घर भी दरू है इसीिलए लड़की बढ़ू े को अपने घर ले जाना चाहती ह।ै 5. अंधेरा श द का िवलोम श द िलिखए। उ. उजाला।  120

  10. कबीर के दोहे कबीरदास संत  इकाई-4 अथ्रग्रा ता प्रितिक्रया  प्र : 1. िचत्र म क्या–क्या िदखायी दे रहा है? उ. िचत्र म दो पड़े ह, एक खजरू का लबं ा पड़े है तथा दसू रा आम का छायादार घना पड़े ह।ै 2. दोन पेड़ म क्या अंतर है? उ. खजरू का पेड़ ऊँ चा होता ह,ै उसकी छाया नहीं होती तथा फल ऊँ चाई पर लगने के कारण कोई खा भी नहीं सकता। आम का पड़े छायादार होता ह।ै उसके नीचे लोग िव ाम करते ह तथा उसके मीठे फल भी खाते ह। 3. इन दोन पेड़ म से कौन-सा पेड़ अिधक उपयोगी है? क्य ? उ. इन दोन पेड़ म से आम का पड़े अिधक उपयोगी है क्य िक वह लोग को खाने के िलए फल दते ा ह।ै छाया दते ा ह।ै उसकी लकड़ी, दरवाजे और िखड़की बनाने के काम आती ह।ै पक्षी उस पर घ सला बना कर रहते ह। कबीरदास संत किव ही नहीं, समाज सधु ारक भी थ।े कबीर जी का ज म सन् 1398 ई. म काशी म हुआ। इनके दोहे ‘‘बीजक’’ नामक पु तक म सकं िलत ह। इनकी भाषा ‘‘सधकु ्कड़ी’’ ह।ै इनके दोह मे मानवता की भावना ह।ै वे राम-रहीम को एक ही मानते थ।े कबीर िनगण्रु भिक्त शाखा के प्रमखु किव ह। िह द-ू मसु लमान एकता के िलए अनके प्रयास िकए। कबीर समाज-सधु ारक के प म िवख्यात ह। 1. काल = आने वाला िदन, tomorrow 2. पल = क्षण, moment 3. बहरु ी = िफर, पनु ः, again 4. परलै = प्रलय, universal destruction 5. पेड़ = वकृ ्ष tree 6. खजरू = एक प्रकार का फल date-palm 7. पंथी = पथ पर चलनेवाला a traveller 8. फल लागै = फल लगते ह। to bear fruits   121

  प्रसगं सिहत भावाथ्र िलिखए। 1. काल करै सो आज कर, आज करै सो अब। पल म परलै होयगो, बहुरी करैगो कब।। प्रसगं -प्र ततु दोहा संत कबीर द्वारा िलखा गया ह।ै इस दोहे म समय पर कायर् करने के िलए कहा गया ह।ै भावाथर्-कबीर कहते ह िक मनु य की प्रकृ ित होती ह,ै वह आज के काम को कल पर टालता ह।ै किव प्रेरणा दते े ह िक कल का काम हम आज ही कर लेना चािहए और आज िकया जाने वाला काम अभी करना चािहए। समय कब पिरवितर्त होगा, कहा नहीं जा सकता। एक पल म ही प्रलय आ सकती ह।ै आप अपना काम कब करोग?े इसिलए समय का सदपु योग करते हुए कमश्र ील बनना चािहए। मह व-समय का मह व बताते हुए कल का काम आज ही करने की प्ररे णा दी गई ह।ै 2. बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजूर। पंथी को छाया नहीं, फल लागै अित दूर।। प्रसगं - प्र ततु दोहा सतं कबीर द्वारा िलखा गया ह।ै इस दोहे म मनु य की स जन प्रविृ पर बल िदया गया ह।ै भावाथ्र- किव कहते ह िक खजरू का पड़े बड़ा होता है ,लेिकन वह िकसी राहगीर को धपू और थकान से बचाने के िलए छाया नही दे सकता। उसम फल इतनी दरू लगते ह िक कोई भी उनसे लाभ नही उठा सकता। अथारत् ् खजरू का पड़े बड़ा होकर भी िकसी के िलए उपयोगी नहीं ह।ै उसी प्रकार मनु य यिद बड़ा या धनवान बन जाए लिे कन िकसी की सहायता न कर सके ,परोपकारी न बन सके तो उसका बड़ा होना यथर् ह।ै मह व - खजरू के पड़े का उदाहरण िदया गया ह।ै मनु य को परोपकारी और स दयी बनने की प्ररे णा दी गई ह।ै नीचे िदये गये प्र के उ र िलिखए। 1. तु ह यह दोहे कै से लगे? कोई एक दोहा गाकर सुनाओ? उ. मझु े कबीर जी द्वारा रचे सभी दोहे पसदं ह। यह ज्ञान व नीित से भरपरू ह। कबीर जी के दोह म कम श द म सरलता से गढ़ू ज्ञान िमलता ह।ै छात्र दोहा वयं गाएगँ ।े 2. हमारे समाज म क्या-क्या सम याएँ ह? उ. आज हमारे समाज म आडंबर, िदखावा, अधं भिक्त, असमानता, िनरक्षरता, बेकारी, सामािजक भ्र ाचार, राजनैितक दबाव, भ्र ाचार, रोटी, कपड़ा, मकान आिद अनके सम याएँ ह। अितिरक्त प्र 122 1. ‘काल करै सो आज कर’, दी गई पिं क्त का अथ्र बताइए। 2. कबीरे के दोहे से हम क्या िशक्षा िमलती ह?ै   3. कबीरदास कै से यिक्त थे?

  (अ) किवता पढ़ो और िन निलिखत भाव िकन पंिक्तय म आये ह, उन पंिक्तय को िलखो। 1. कबीर ने समय से पवू ्र काम करने की बात की है? उ. काल करै सो आज कर, आज करै सो अब। पल म परलै होयगो, बहुरी करैगो कब।। 2. बड़ा होने से कु छ नहीं होता, काम बड़ा होना चािहए। उ. बड़ा हआु तो क्या हआु , जैसे पेड़ खजरू । पंथी को छाया नहीं, फल लागै अित दरू ।। अितिरक्त प्र 1. दी गई पंिक्तय को क्रम म रिखए। जैसे पड़े खजरू फल लागै अित दरू बड़ा हुआ तो क्या हआु पथं ी को छाया नहीं 2. सतं , काल, परलै, बहुरी, पंथी – िदए गए श द के अथ्र बताकर वाक्य बनाइए। 3. कल, बड़ा,दरू – इन श द के िवलोम श द बताइए।  अ यापन सकं े त - सनु ो-बोलो, पढ़ो म िदए गए अितिरक्त प्र के वल छात्र के वाचन कौशल के िवकास हते ु िदए गए ह। छात्र से िन न प्र पछू , उ र की सराहना कर। छात्र को दोह और उनकी िवशषे ता से अवगत कराए।ँ अिभ यिक्त सजृ ना मकता (अ) नीचे िदये गये प्र के उ र िलिखए। 1. छाया देने वाले पेड़ के नाम िलखो। उ. बरगद, पीपल, इमली, नीम, आम, जामनु , अम द आिद छाया दने े वाले पड़े ह। इन पड़े को तना मोटा होता है तथा लबं ी शाखाएँ होती ह। छोटे–बडे प के कारण यह पेड़ घनी छाया दते े ह।   123

  2. हम अपने सािथय के साथ आपस म कै सा यवहार करना चािहए ? उ. हम अपने सािथय से मधरु वचन बोलने चािहए। कठोर वचन नहीं बोलने चािहए। उनसे िमलजलु कर रहना चािहए तथा उनके साथ अ छा यवहार करना चािहए। मसु ीबत आने पर उनकी सहायता करनी चािहए। मदृ ु और सरल यवहार हमारी िमत्रता को गहरी करता है साथ ही हम िव सनीय बनाता ह।ै (आ) तुम अपना काम समय पर करते हो। नीचे िदए समय पर तुम क्या-क्या काम करते हो? उ. सबु ह सात बजे - कू ल जाने के िलए तयै ार होता हू।ँ सबु ह नौ बजे - कक्षा म पाठ सनु ता हू।ँ दोपहर एक बजे - खाना खाकर कू ल म दो त से बातचीत करता हू।ँ शाम चार बजे - मदै ान म खले ता हू।ँ रात नौ बजे - सोता हू।ँ भाषा की बात (अ) शीतल का अथर् है – ठंडा। कु छ ठंडी चीज़ के नाम िलखो। उ. जैसेः बफर् , ल सी, कँु ए का पानी, शरबत, मटके का पानी, दही, आईस क्रीम, कु फी आिद अनके चीज़ ठ डी होती ह। (अ) पढ़ो। अथर् समझो। पल - क्षण नीर - पानी परलै - प्रलय आपा - अहकं ार   124

  हाँ ( ) नहीं ( × ) 1. अपना मनपसदं कोई नीित वाक्य िलखो। 1. आज जो वक्त चला जाएगा, वह िफर हाथ न आएगा। 2. पहचान कराये िवपि , कौन है पराया कौन है मीत। क्या म ये कर सकता हू/ँ सकती हूँ 1. दोह के बारे मे बातचीत कर सकता हू।ँ 2. दोह का साराशं अपने श द म बता सकता हू।ँ 3. दोह के श द से वाक्य बना सकता हू।ँ ुतलेख     125

  अितिरक्त कायर् प्र ो र 1. महापु ष के सदं ेश का जीवन म क्या मह व होता है? उ. महापु ष के सदं शे हम निै तकता िसखाते ह। हम भल-े बरु े की पहचान करवाते ह। बरु ाई से दरू रहने की सलाह दते े ह। जीवन को उ च और आदशर् बनाने के िलए प्रेिरत करते ह। 2. कबीरदास किव ही नहीं, समाज-सुधारक भी थे। इनके दोह म िकस प्रकार की समाज सुधार की भावना थी? उ. कबीर जी के दोह म अधं िव ास दरू करने और मानवता थािपत करने की भावना िदखाई दते ी ह।ै उ ह ने जात-पात तथा छू आ-छू त का खडं न िकया। उ ह ने कहा िक ई र एक है तथा सव्र यापी ह।ै 3. तुम अगर किव होते तो कै सी किवता िलखते? उ. यिद म किव होता तो लोग म दशे प्रमे तथा दशे भिक्त लाने वाली किवताएँ िलखता। अपनी क पना म ऐसे समाज का िनमा्णर करता, जो प्रकृ ित के प्र यके कण से िशक्षा लेता हो। उसे अपने जीवन म अपनाता हो। पत्र लेखन आव यक पु तक मगँ वाने हेतु पु तक–िवक्रे ता को पत्र िलिखए। थान... िदनांक... प्रषे कः पनु ीत िम ल घर न.ं 16/3RT/126 राजानगर, िवशाखापट्टनम। सेवा म, प्रबंधक महोदय, राजकमल प्रकाशन, सु तान बाज़ार, हदै राबाद। मा यवर, आपका भेजा सचू ीपत्र प्रा हआु । मझु े िन निलिखत पु तक की शीघ्र आव यकता ह।ै कृ पया नवीनतम सं करण की ही पु तक िभजवाए।ँ म सौ पए का बक ड्रा ट अिग्रम भेज रहा हू।ँ कृ पया पु तक वी. पी. पी. द्वारा मरे े पते पर शीघ्र िभजवाने की यव था कर। 1. जीवन भारती ( भाग – 8) 3 प्रित 2. जीवन िह दी याकरण एवं रचना ( भाग -7) 2 प्रित 3. जीवन इटं रएिक्टव गिणत ( भाग -3) 2 प्रित सध यवाद भवदीय, सलं ग्न – इिं डयन बक का ड्रा ट...... पनु ीत िम ल   126

  कारक  कारक: संज्ञा या सव्रनाम ेक िजस प से उसका संबध वाक्य ेक अ य कता्र कारक (ने): िक्रया के करने वाले को कता्र कहते ह। चपरासी ने घंटी बजाई। श द से जाना जाता है, उसे कारक कहते ह। सजं ्ञा या सवन्र ाम के िजस प से िक्रया के करने वाले का समु ी आ रही थी। पता चलता ह,ै उसे कतार् कारक कहते ह। महे द्र सबे खाता ह।ै कमर् कारक (को): वाक्य म िक्रया का फल कता्र पर न दादी रमशे को डाँटाती ह।ै पड़कर िजस सजं ्ञा या सवनर् ाम श द पर पड़ता ह,ै उसे कम्र सगं ीत ने साबनु से बरतन धोए। मिं दर कू टार के द्वारा िद ली कारक कहते ह।ै कारण कारक (से, द्वारा): कता्र िजस साधन या मा यम से पहुचँ ी। दादी जी उमशे के िलए फु टबॉल कायर् करता ह,ै उस साधन या मा यम को कारण कारक कहते ह।ै लाई। अशं ु ने भावना को पु तक दी। संप्रदान कारक (के , िलए, को): कता्र िजसके िलए कायर् करता है या िजसे कु छ दते ा ह,ै इसका बोध कराने वाले श द लेट हाथ से िगर गई। अिं कता बस से उतरी सपं ्रदान कारक कहलाते ह। मज़दरू का पतु ्र भी काम म लग अपादान कारक (से): सजं ्ञा के िजस प से अलग होने और तलु ना करने का पता लगता ह,ै उसे अपादान कारक गया। असिमता की सािड़याँ घलु गई।ं कहते ह। वाययु ान आकाश म उड़ता संबंध कारक (का, की, के ) (रा, री, रे): िकसी वाक्य म आए एक सजं ्ञा या सवनर् ाम का सबं धं दसू रे सजं ्ञा से प्रकट ह।ै बरतन म पानी भर लो। नाना जी कु रसी पर बठै े करने वाले श द सबं धं कारक कहलाते ह। ह। िगलास म दधू ह।ै अिधकरण कारक (म, पर): सजं ्ञा के िजस प से िक्रया वाह अनीता! िकतना अ छा के आधार, समय और थान आिद का पता चलता ह,ै उसे गाती हो। अिधकरण कारक कहते ह। अरे! ज दी-ज दी काम कर। संबोधन कारक (हे, रे, अरे आिद): िजस सजं ्ञा श द का प्रयोग सबं ोधन के प म यानी बलु ाने के िलए होता ह,ै उसे सबं ोधन कारक कहते ह।   127

  कारक – िच पहचान िक्रया के साथ लगाकर पूछे जानेवाले प्र कारक कतार् ने, परसगर् नहीं होता िक्रया को करनवे ाले िकसने, कौन कम्र को, शू य कतार् िजस काम को करता िकस,े क्या ह।ै करण स,े के द्वारा िजस साधन से िक्रया सपं न िकसस,े िकसके द्वारा होती ह।ै संप्रदान के िलए िजसके िहत की पिू त्र िक्रया िकसके िलए से होती ह।ै अपादान से (अलग होने के अथर् म) िजससे अलग होने का भाव कहाँ से प्रकट हो। सबं ंध का, के , की िक्रया को छोड़कर अ य पद िकसका, िकसके , से सबं ंध बतानवे ाल। िकसकी अिधकरण म, पर िक्रया के संचालन का िकसम, कहाँ पर, िकस पर अिधकार। सबं ोधन ह,े अरे िजससे सबं ोिधत िकया जाए। _   128

अ यास कायर् (Work Book) पिठत पद्यांश िन न पद्यांश को पढ़कर प्र के उ र िलिखए। काल करै सो आज कर, आज करै सो अब। पल म परलै होयगो, बहुरी करैगो कब।। बड़ा हुआ तो क्या हुआ, जैसे पेड़ खजरू । पंथी को छाया नहीं, फल लागै अित दरू ।। प्र : 1. पहले दोहे म किव िकसके मह व की बात करता है ? उ. 2. जो काम हम आज करना ह,ै उसे कब समा करना चािहए? उ. 3. दसू रे दोहे म िकस पड़े के बारे म बताया गया ह?ै उ. 4. दसू रे दोहे म किव क्या प्ररे णा दने ा चाहते ह? उ. 5. रेखािं कत श द के अथर् िलिखए। उ. प्र ो र िन न प्र के उ र िलिखए। 1. कबीरदास ने ‘‘पल म परलै होयगो’’ क्य कहा होगा? 2. मनु य को परोपकारी होना चािहए। सबं ंिधत किवता की पंिक्तयाँ िलिखए। 3. दोहा यान से पिढ़ए। नीचे िदए गए दोहे को क्रम से िलिखए। पल म परलै होयगो, आज करै सो अब। काल करै सो आज कर, बहरु ी करैगो कब।।   129

  पत्र लेखन अ यास - िमत्र को पत्र िलखकर खले म परु कार जीतने पर बधाई दीिजए। याकरण 1. िन न वाक्य म उिचत कारक िच लगाइए। (के , की, से, के का,म) 1. कबीर ......दोह ........ मानवता ....... भावना ह।ै उ. 2. पथं ी ....... छाया नहीं िमलती। उ. 3. पड़े ........ हम छाया िमलती ह।ै उ. 2. िन न कारक िच को उनकी िवभिक्तय से िमलाइए। 1. से अिधकरण कारक 2. को कता्र कारक 3. ने संबंध 4. म, पर अपादान 5. का,के ,की कमर् कारक 3. िन न वाक्य म उिचत कारक िच लगाकर वाक्य परू े कीिजए। 1. _________ ! तमु ने तो कमाल कर िदया। उ. 2. िचत्रकार _________ रंग से िचत्र बनाया। उ. 3. हम उस गली ________ बाज़ार जाते ह। उ. 4. िन न रेखांिकत श द को याकरण के आधार पर पहचानकर िलिखए। 1. राहुल तेज़ दौड़ता ह।ै उ. 2. राधा नाचती ह।ै उ. 3. ज दी चलो गाड़ी छू ट जायगे ी। उ. 5. िन न श द का अथर् िलखकर वाक्य म प्रयोग कीिजए। 1. बहुरी - वाक्य - 2. काल - वाक्य -   130

3. पेड़ - 2. बरु ा × वाक्य - 4. छाया × 6. नहीं × 6. िन न श द के िवलोम श द िलिखए। 1. आज × 3. बड़ा × 5. दरू × 7. िन न वाक्य को भिव यत् काल म बदलकर िलिखए। 1. सोहन खले ता ह।ै उ. 2. सोहन मबंु ई गया था। उ. 3. सीता पढ़ती ह।ै उ. 8. िन न श द के पया्रयवाची श द िलिखए। 1. सप्र - 2. सागर - 3. िसहं - 4. सयू र् - 5. ी - 6. िशक्षक - 9. िन न श द से भाववाचक सजं ्ञाएँ बनाकर िलिखए। 1. मीठा - 4. सदंु र - 2. चतरु - 5. िनबर्ल - 3. मधरु - 6. सफे द - 10. िन न श द के िलंग बदलकर िलिखए। 4. सतु - 1. लड़का - 5. बालक - 2. िचड़ा - 6. सेवक - 3. गडु ्डा -   131

  11. िन न रेखांिकत श द का बहुवचन श द पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. नारी गाना गा रही ह।ै () नारीयै नािरयाँ अ) नािरयाँ आ) नािर इ) नारे ई) 2. लड़का फल तोड़ रहा ह।ै () अ) लड़िकयाँ आ) लड़के इ) लड़क ई) लड़की 3. बढ़ू ा रोड़ पार कर रहा ह।ै अ) बिु ढ़या आ) बढ़ू ो इ) बढ़ू े ई) () बढ़ु ापा 12. िन न वाक्य के िलए उिचत कारक िच पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. राम ........रावण को मारा। ( ) म ) अ) ने आ) को इ) से ई) ) 2. पड़े .........फल लगे ह। ( अ) म आ) का इ) पर ई) से 3. राम ......कलम दो। आ) को इ) का ई) ( अ) की ने 13. िन न श द म प्र यय पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. बलवान - आ) न इ) बल ई) ( ) अ) वान आ) इक इ) िसक ई) आन ) आ) स इ) दार ई) ) 2. ऐितहािसक - ( अ) क हािसक 3. समझदार - ( अ) आर र 14. िन न श द के सही अथ्र पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. काल आ) कल इ) काला ई) ( ) अ) आज आ) पल्यर इ) प्ररलय ई) के ले ) आ) राह इ) िमलना ई) ) 2. परलै ( अ) प्रलय पिरलय 3. पथं ी ( अ) यात्री साथी 15. िन न वाक्य म सवर्नाम श द पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. हम खले ने जा रहे ह। ( ) आ ) अ) खले ने आ) हम इ) रहे ई) ) 2. आज मझु े बखु ार ह।ै ई) ( अ) बखु ार आ) आज इ) है ई) मझु े 3. हम िद ली जा रहे ह। अ) हम आ) िद ली इ) जा ( रहे   समय का बड़ा मह व है। - महा मा गाधं ी   132

  11. साहसी सनु ीता इकाई-4 अथर्ग्रा ता प्रितिक्रया  1 िचत्र म क्या िदखायी दे रहा है? उ. िचत्र म एक लड़की, कु एँ मे िगरा लड़का, कु आ,ँ और पड़े िदखायी दे रहे ह। कु एँ से लड़के को िनकालने का प्रयास करती लड़की िदखाई दे रही ह।ै 2 लड़की क्या सोच रही होगी? उ. लड़की सोच रही होगी िक मझु े िकसी भी तरह इस लड़के को बाहर िनकालना है तथा इसकी जान बचानी ह।ै लड़के को िनकालने म अपनी परू ी शिक्त लगाने का प्रयास करना चाहती होगी। 3. साहस िकसने िकया? कै से? उ. साहस लड़की ने िकया। वह छोटी होते हुए भी अपनी ओढ़नी से लड़के को कु एँ से बाहर िनकालने की कोिशश कर रही ह।ै 1. घास = हरे तणृ , चारा grass 2. िनकलना = जाने के िलए तयै ार to start 3. नज़र =ि eyesight 4. घटना = हादसा incident 5. उपाय = तरीका way, remedy 6. लहराना = हवा म िहलना, िहलाना, to wave 7. चालक = वाहन चलाने वाला driver 8. यात्री = यात्रा करने वाला passenger(s)   133

  = िह मत courage 9. साहस 10. क = ठहर stop 11. टूटना = टूटा हुआ to break 12. ओढ़नी = मिहलाओं के ओढ़ने का व Women’s shawl 13. सकं े त = इशारा signal 14. गड़बड़ = काम िबगड़ना untoward happing 15. धीमी = धीरे-धीरे slow 16. जान = जीवन life 17. प्रशसं ा = तारीफ appreciation 18. सझू ना = समझ म आना to come to mind 19. कापँ उठना = ठ ड या डर से कारण िहलना, परेशान होना to shudder, to shiver 20. चाल = गित manner of going, movement 21. सझू -बझू = सोच-समझकर imagination and wisdom 22. ओर से = तरफ से, from / on behalf of 23. रेल की पटरी = िजस पर गाड़ी चलती ह।ै rail, track way सारांश – ‘साहसी सनु ीता’ कहानी म सनु ीता के साहस के बारे म बताया गया ह।ै एक बार सनु ीता अपनी माँ के साथ घास लके र घर लौट रही थी। रा ते म रेल की पटरी थी। रेल के िनकलने का समय हो रहा था। रेल की पटरी दखे कर वह क गई।उ होने दखे ा िक रेल की पटरी टूटी हुई ह।ै रेल की टूटी हुई पटरी को दखे कर दोन िचिं तत हो गई। सहायता के िलए इधर-उधर दखे ने लगी। टेशन भी वहाँ से बहुत दरू था। रेलगाड़ी को आता दखे कर होने वाली दघु टर् ना के आभास से ही सनु ीता काँप उठी। सनु ीता ने कभी सनु ा हुआ था िक लाल ब ी को दखे कर सड़क पर वाहन क जाते ह। उसने अपनी लाल रंग की ओढ़नी को लहराना शु कर िदया। माँ भी दोन हाथ िहलाकर गाड़ी को कने का संके त करने लगी। गाड़ी चालक ने उ ह दखे ा और िकसी गड़बड़ की आशंका को भापँ कर गाड़ी रोक दी। गाड़ी चाल, गाडर् और कु छ लोग उतरकर सनु ीता और उसकी माँ के पास आए। सनु ीता ने उ ह टूटी हुई पटरी िदखाई। सनु ीता की सझू -बझू ने हज़ार प्राण की रक्षा की। चालक और याित्रय ने दोन के साहस की प्रशंसा की। सनु ीता के इस साहसी काय्र के िलए भारत सरकार की ओर से 26 जनवरी को उसे परु कृ त भी िकया गया। 1. सनु ीता पटरी के पास क्य क गयी? उ. सनु ीता को पटरी टूटी हुई िदखायी दी। वह होने वाली दघु टर् ना से लोग को बचाने के िलए पटरी के पास क गई। 2. चालक के िलए लाल और हरा झडं ा िकसके सचू क ह? 134 उ. चालक के िलए लाल झंडा गाड़ी कने के िलए और हरा झंडा गाड़ी चलने के सचू क ह।  

  अितिरक्त प्र 1. क्या आपने कभी कोई साहिसक काय्र िकया ह?ै यिद हाँ तो कक्षा म चचार् कीिजए। 2. यिद सनु ीता साहस न िदखाती तो क्या हो सकता था? 3. साहिसक कायर् के िलए कौन सा परु कार िदया जाता ह?ै   1. उिचत श द से िरक्त थान की पूितर् करो। (घर / शहर) उ. 1. सनु ीता घास लेकर घर जा रही थी। (बस / रेलव)े (ओढ़नी / झडं ा) 2. रेलवे टेशन वहाँ से दरू था। (15 अग त / 26 जनवरी) 3. वह पटरी के पास जाकर ओढ़नी लहराने लगी। 4. भारत सरकार ने 26 जनवरी के िदन सनु ीता को परु कार िदया। अितिरक्त प्र 1. नीचे िदए गए गद्याशं को पढ़कर प्र बनाइए। सड़क पर लाल रंग की ब ी को दखे कर वाहन क जाते ह। वह पटरी के पास जाकर अपनी लाल रंग की ओढ़नी लहराने लगी। माँ भी दोन हाथ उठाकर कने का सकं े त करने लगी। 2. इन प्र के उ र अपने सहपािठय से प्रा कर। 3. पाठ म सव्रनाम श द छािँ टए।  अ यापन सकं े त - सनु ो-बोलो, पढ़ो म िदए गए अितिरक्त प्र के वल छात्र के वाचन कौशल के िवकास हते ु िदए गए ह। छात्र से िन न प्र पछू , उ र की सराहना कर। साहस और आ मिव ास जसै े गणु से छात्र का मनोबल बढ़ाए।ँ अिभ यिक्त सजृ ना मकता 1. ट्रािफ़क िसगन स (यातायात – संके त ) के बारे म िलखो। उ. चौराहे पर यातायात को सगु म बनाने के िलए ट्रािफक िसगन स लगाए जाते ह। वहाँ लाल, हरी तथा पीली ब ी िदखाई दते ी ह।ै पीली ब ी गाड़ी चलाने के िलए तयै ार रहने का, लाल ब ी कने का तथा हरी ब ी चलने का सचू क ह।ै इन िनयम का पालन करने से दघु ट्र ना से बचा जा सकता ह।ै   135

  भाषा की बात 1. रेलवे टेशन से जुड़े कु छ श द िलखो। उ. लेटफाम,्र िसग्नल, पोटर्र, यात्री, िटकट, पटरी, टेशन मा टर, सपु रफा ट। लड़का खले ता ह।ै माँ भोजन बनाती ह।ै बालक कहानी पढ़ता ह।ै वह किवता िलखती ह।ै ऊपर िदए गए वाक्य म आना, दौड़ना, िलखना, पढ़ना, बनाना, खाना आिद संज्ञा या सव्नर ाम द्वारा िकये गये काय्र को बतलाते ह। ऐसे श द को िक्रया कहते ह। 1. सुनीता को उसके साहसी काय्र के िलए रा ट्रपित पुर कार िदया गया। उसे बधाई देते हुए दो वाक्य िलखो। उ. िप्रय सनु ीता तमु ने जो साहिसक कायर् िकया ह,ै उसके िलए हम तमु पर गव्र ह।ै रा ट्रपित जी द्वारा िदए गए परु कार के िलए तु ह बहुत-बहुत बधाई। भगवान तु ह दीघारय् ु द।े क्या म ये कर सकता हू/ँ सकती हूँ हाँ () नहीं ( × ) 1. पाठ के बारे म बातचीत कर सकता हू।ँ 2. पाठ का सारांश अपने श द म बता सकता हू।ँ 3. पाठ के श द से वाक्य बना सकता हू।ँ तु लेख     136

अितिरक्त काय्र प्र ो र 1. सनु ीता क्य घबरा रही थी? उ. टूटी हुई पटरी को दखे कर सनु ीता घबरा रही थी। रेलवे टेशन दरू था। सहायता की कोई आशा नहीं िदख रही थी। सामने से रेलगाड़ी आ रही थी। गाड़ी अगर टूटी हुई पटरी पर गजु रती, तो बड़ी दघु ट्र ना होने की संभावना थी। इसिलए होने वाली दघु ट्र ना के बारे म सोचकर सनु ीता कापँ उठी। 2. सनु ीता को क्या उपाय सूझा? उसने क्या िकया? उ. टूटी हुई पटरी और सामने से आती रेलगाड़ी को दखे कर सनु ीता घबरा गई। दघु टर् ना होने का भय भी था। तभी सनु ीता को एक उपाय सझू ा। उसने सनु ा था िक सड़क पर लाल रंग की ब ी को दखे कर वाहन क जाते ह। वह पटरी के पास जाकर अपनी लाल रंग की ओढ़नी लहराने लगी। माँ ने भी दोन हाथ उठाकर गाड़ी को कने का सकं े त िदया। 3. सनु ीता ने कौनसा साहिसक काय्र िकया? उ. सनु ीता ने टूटी हुई पटरी पर रेलगाड़ी को आने से रोकने के िलए अपनी सझू -बझू का प्रयोग िकया। अपनी लाल ओढ़नी हवा म लहराकर उसने गाड़ी चालक को कने का संके त िदया। लाल कपड़े को लहराता दखे कर गाड़ी चालक ने धीमी करते हुए गाड़ी रोक दी। इस तरह सनु ीता ने हज़ार याित्रय की जान बचाई। चालक और याित्रय ने सनु ीता के इस साहिसक कायर् की बहुत प्रशसं ा की। 26 जनवरी को भारत सरकार की ओर से उसे परु कार भी िदया गया। िनबंध दीपावली भारत एक िवशाल दशे ह।ै यह िविभ न धम और पव का दशे ह।ै यहाँ अनके सं कृ ितय के लोग रहते ह। िजनके अपन-े अपने रीित-िरवाज़ तथा यौहार ह। हमारा दशे अनके धम्र ,सपं ्रदाय ,जाितय का अद्भुत संगम ह।ै यहाँ के िनवासी अपने िव ास एवं िचय के अनसु ार अपने–अपने योहार हष लास के साथ मनाते ह। दीपावली भी भारतीय द्वारा मनाया जाने वाला एक मह वपणू र् पव्र ह।ै दीपावली दो श द से िमलकर बना है – दीप +अवली अथार्त् दीप की पिं क्त। इस िदन दीप जलाने का िवशेष मह व है ,इसिलए इस िदन रात को दीपक जलाकर प्रकाश िकया जाता है ,अतः दीपावली प्रकाश पव्र ह।ै दीपावली िह दओु ं का प्रमखु यौहार ह।ै यह परू े भारत म हष लास के साथ मनाया जाता ह।ै यह यौहार काितकर् मास की अमाव या के िदन मनाया जाता ह।ै कहा जाता है िक इस िदन भगवान ीरामच द्र चौदह वष्र का वनवास काटकर अयो या वापस 137

लौटे थे। उनके लौटने की खशु ी म लोग ने घी के िदये जलाये थे। उसी िदन से यह यौहार मनाया जाता ह।ै दीपावली की तयै ािरयाँ कई िदन पहले से ही शु हो जाती ह।ै लोग अपने घर की िलपाई–पतु ाई शु कर दते े ह। धनत्रयोदशी के िदन लोग नए बतन्र खरीदते ह। तथा पहला दीप लगाते ह। चतदु श्र ी को लोग घर का कू ड़ा-ककर् ट िनकालते ह। इस रात लोग ल मी पजू ा करने के बाद अपने इ ब धओु ं तथा िमत्र को बधाई दते े ह। इस िदन सभी लोग नए व धारण करते ह। रात म खबू आितशबाजी करते ह। कु छ लोग जआु औऱ मिदरापान जैसे असामािजक कम द्वारा उ सव की गिरमा भंग भी करते ह। जो िक समाज म एक बरु ाई ह।ै िजस भावना से हमारे पवू र्ज ने दीपावली का उ सव मनाना शु िकया था, उस भावना को पनु जीर्िवत करने की आव यकता ह।ै िक्रया िक्रया िजस श द से िकसी काम का करना या होना गा + ना = गाना, दे + ना = दने ा, पढ़ + ना = पढ़ना पाया जाए, उसे िक्रया कहते ह। िक्रया के भेद अकमर्क िक्रया: िजस वाक्य की िक्रया को कम्र सकम्रक िक्रया: िजस वाक्य की िक्रया को कम्र की आव यकता नहीं होती, उसे अकम्रक िक्रया की आव यकत होती ह,ै उसे सकमक्र िक्रया कहते ह। कहते ह।ै उदाहरण बस चलती ह।ै दादी जी उठ गई। मानसी ने िनशा को पु तक दी। अजं ु दौड़ती ह।ै ब चा सोता ह।ै मिहमा अिभजीत को पढ़ाती ह।ै 138

अ यास कायर् (Work Book) अपिठत पद्यांश िन न अपिठत पद्यांश को पढ़कर पूछे गए प्र का उ र सही िवक प चुनकर िलिखए। ब च के िलए जो धरती माँ सिदय से सभी कु छ सहती ह,ै हम उस दशे के वासी ह िजस दशे म गगं ा बहती ह।ै कु छ लोग जो यादा जानते ह, इसं ान को कम पहचानते ह। प्र : 1. हम िकस दशे के वासी ह?ै ( ) चीन ) अ) पािक तान आ) भारत इ) िबलोिच तान ई) ) इ) जननी ई) ( ) 2. कौन सिदय से सभी कु छ सहती ह?ै इ) भारत दशे ई) माता ) अ) भारत माता आ) धरती माता इ) इसं ान को ई) इ) भारत दशे ई) ( 3. गगं ा िकस दशे म बहती ह?ै इगं लड अ) पंजाब आ) अमिे रका ( महा मा को 4. िकसको कम पहचानते ह? ( अ) वीर को आ) दशे भक्त को िहमालय 5. उपयकर्ु ्त गाना िकसकी प्रशंसा करता ह?ै अ) अमिे रका आ) पंजाब प्र ो र िन न प्र के उ र िलिखए। 1. ‘साहसी सनु ीता’ पाठ से आपको क्या प्ररे णा िमलती ह।ै पाठ के आधार पर बताइए। 2. लाल ओढ़नी िदखाते हुए जब सनु ीता रेल की ओर दौड़ रही थी तो उसके मन म क्या िवचार आये ह ग?े िनबंध लेखन नीचे िदये सकं े त के आधार पर समय का सदुपयोग पर िनबंध िलिखए। [1) समय का मह व 2) उिचत समय पर उिचत काय्र 3) आलस समय का शत्रु 4) समय चकू ना पछताना 5) महा पु ष का समय का उपयोग 6) समाज सवे ा सदपु योग] 139

याकरण 1. िन न वाक्य म िक्रया श द पहचानकर िलिखए। 1. सनु ीता ने गाड़ी को आते दखे ा। उ. 2. वह पटरी के पास गई। उ. 3. लड़का िलख रहा ह।ै उ. 2. िन न वाक्य म िक्रया श द द्वारा खाली थान भिरए। 1. सोहन िकताब ______ह।ै उ. 2. सीता खाना _____रही ह।ै उ. 3. सनु ीता दपु ट्टा ____रही थी। उ. 3. िन न वाक्य म उिचत िक्रया लगाकर खाली थान भिरए। 1. माँ खाना ................. रही ह।ै (बना, िचत्र) 2. रेलगाड़ी ................ पड़ी। (िहल,चल) 3. राम गाना ................ रहा ह।ै (सनु ,दखे ) 4. िन न श द के पयार्यवाची श द िलिखए। 1. घर - 2. माँ - 3. रा ता - 4. साहस - 5. प्रशसं ा - 6. हाथ - 5. िन न वाक्य म िवशेषण श द रेखांिकत कीिजए। 1. यह आम मीठा ह।ै 2. सड़क पर लाल रंग की ब ी थी। 3. उसे एक उपाय सझू ा। 140

6. िन न श द के िवलोम श द िलिखए। 4. एक × 1. कना × 5. पास × 2. टूटना × 6. उठना × 3. दरू × 7. िन न वाक्य म सही िवक प द्वारा िरक्त थान की पूितर् कीिजए। 1. रा ते म की पटरी थी। (रेल/ बस) (दरू / पास) 2. रेलवे टेशन वहाँ से था। (लाल/ हरे) 3. रंग की ब ी को दखे कर वाहन कते ह। 8. िन न श द को वाक्य म प्रयोग कीिजए। 1. रेलगाड़ी - 2. प्रशसं ा - 3. परु कार - 9. िन न वाक्य म सजं ्ञा श द रेखांिकत कीिजए। 1. गीता गा रही ह।ै 2. ब चा दधू पी रहा ह।ै 3. राके श पाठशाला जा रहा ह।ै 10. िन न श द के युग्म श द बनाकर िलिखए। 1. पशु - 2. खाना - 3. फल - 11. िन न वाक्य म सवर्नाम श द पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. उसे पटरी टूटी हुई लगी। ( ) लगी ) अ) पटरी आ) उसे इ) हुई ई) ) ई) ( 2. वह डर से कापँ उठी। ई) उठी अ) डर आ) से इ) वह ( म 3. म आज पाठशाला नहीं जाऊँ गी। अ) आज आ) पाठशाला इ) नहीं 141

12. िन न वाक्य म िवशेषण श द पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. वह अपनी लाल रंग की ओढ़नी लहराने लगी। ( ) ई) लहराने ) अ) अपनी आ) लाल इ) ओढ़नी ) 2. सनु ीता अ छी लड़की ह।ै ( ) ) अ) सनु ीता आ) अ छी इ) लड़की ई) है ) 3. यह पटरी तो टूटी ह।ै ( ) ) अ) यह आ) टूटी इ) पटरी ई) िदखाई ) 13. िन न श द की शुद्ध वतर्नी पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। ) ) 1. रासते आ) रेसते इ) रसते ( ) अ) रा ते ई) रास े 2. सटेशन ( अ) सटे आ) टेशन इ) ठेशन ई) सठेशन 3. परशसं ा ( अ) प्रशसं ा आ) परर्ससं ा इ) परसशं ा ई) परशशं ा 14. िन न श द के सही पया्रयवाची श द को पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. अचं ल ( अ) आचँ ल आ) महे मान इ) िनशाचर ई) अतं र 2. माँ ( अ) अ बा आ) भाई इ) िपता इ) पित 3. अधं कार ( अ) अकसर आ) अधं रे ा इ) उजाला ई) रोशनी 15. िन न प्र के उ र को पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. रेल िकस पर चलती ह?ै ( अ) पटरी आ) सड़क इ) पहाड़ ई) मदै ान 2. रेल की पटरी िकससे बनी होती ह?ै ( अ) सोने आ) लोहे इ) ताँबा ई) चादँ ी 3. वाहन कौन सी ब ी दखे कर कते ह? ( अ) पीली आ) हरी इ) लाल ई) नीली मन का साहस िव ास बढ़ाता है। 142

उपवाचक घंटे की आवाज़ अथ्रग्रा ता प्रितिक्रया परु ाने ज़माने की बात ह।ै एक था नरसापरु नगर। वह चोर ओर से पहािड़य और जंगल से िघरा था। कु छ िदन से लोग परेशान थे। जगं ल से रह- रहकर घटं ा बजने की आवाज़ आती। लोग हरै ान होकर एक-दसू रे से पछू ते – “भाई, यह आवाज़ कहाँ से आ रही ह?ै हम तो बहतु डर लग रहा ह।ै ” रात होने पर घटं े की आवाज़ और तज़े हो जाती। लोग नींद छोड़कर रात-रात भर जागने लगे। न जाने यह आवाज़ कहाँ से आ रही ह?ै लगता है कु छ बरु ा होने वाला ह।ै िफर एक मसु ािफर ने कहा-जंगल म एक भयानक राक्षस रहता ह।ै वही घटं ा बजाता रहता ह।ै अब लोग और भी डर गये। सब िमलकर राजा के पास गये। लोग ने कहा- “महाराज, हम घटं ा बजाने वाले राक्षस से बचाइए।” उ ह ने कहा - “जो भी घटं ा बजाने वाले राक्षस से मिु क्त िदलाएगा उसे ढेर सारा इनाम िदया जाएगा।” 143

उसी नगर म होिशयार लड़की रहती थी। वह राजा के पास गयी। उसने कहा- “महाराज, म घटं ा बजाने वाले राक्षस का मकु ाबला क ँ गी।” सब लोग आ य्रचिकत थ।े लड़की जंगल गयी। वहाँ उसने काटँ े और झािड़याँ साफ कर एक झोपड़ी बनायी। वहाँ पश-ु पक्षी आने लग।े एक िदन घटं े की आवाज़ सनु ायी दी, तो लड़की उसी िदशा की ओर दौड़ी। दखे ा िक सामने बंदर का झंडु ह।ै उ हीं के बीच एक बड़ा-सा घटं ा ह।ै बंदर रह-रहकर उसे बजात।े लड़की ने एक थैले म ढेर सारे फल भरकर बंदर के आगे डाल िदये। सब बंदर फल खाने म लग गय।े लड़की ने घटं ा उठाया और खशु ी-खशु ी घर पहुचँ ी। वह समझ गयी थी िक घटं े वाले राक्षस की बात झठू ी ह।ै वा तव म घटं ा बदं र ही बजाते थ।े उस िदन के बाद से घटं ा बजने की आवाज़ िकसी ने नहीं सनु ी। होिशयार लड़की को राजा की ओर से ढेर सारे उपहार िमले। सब ने उसकी होिशयारी औप िह मत की प्रशंसा की। 144

िन न गद्यांश को पढ़कर प्र के उ र िलिखए। सब लोग आ य्रचिकत थ।े लड़की जंगल गई। वहाँ उसने काटँ े और झािड़याँ साफ करके एक झ पड़ी बनायी। वहाँ पश-ु पक्षी आने लग।े एक िदन घटं े की आवाज़ सनु ायी दी, तो लड़की उसी िदशा की ओर दौड़ी। दखे ा िक सामने बंदर का झडंु ह।ै उ हीं के बीच एक बड़ा-सा घटं ा पड़ा ह।ै बंदर रह-रहकर उसे बजाते। लड़की ने एक थलै े म ढ़ेर सारे फल भरकर बंदर के आगे डाल िदये। सब बदं र फल खाने म लग गये। लड़की ने घटं ा उठाया और खशु ी-खशु ी घर पहुचँ ी। वह समझ गयी थी िक घटं े वाले राक्षस की बात झठू ी ह।ै वा तव म घटं ा बंदर ही बजाते थ।े उस िदन के बाद से घटं ा बजने की आवाज़ िकसी ने नहीं सनु ी। होिशयार लड़की को राजा की ओर से ढ़ेर सारे उपहार िमल।े सबने उसकी होिशयारी और िह मत की प्रशसं ा की। प्र ः 1. लड़की ने जंगल म क्या िकया? उ. लड़की ने जंगल म काटँ े और झािड़याँ साफ करके एक झ पड़ी बनाई। 2. घंटे की आवाज़ सनु कर लड़की ने क्या िकया? उ. घटं े की आवाज़ सनु कर लड़की उसी िदशा म दौड़ी। 3. लड़की ने वहाँ क्या दखे ा? उ. लड़की ने दखे ा िक घ टी बंदर के एक झु ड म पड़ी थी और बंदर उसे रह-रह कर बजाते थ।े 4. लड़की ने बंदर के आगे क्या डाला? उ. लड़की ने बंदर के आगे ढेर सारे फल डाल िदए। 5. िन न श द से युग्म श द बनाकर िलिखए। उ. 1) खशु ी - हसँ ी-खशु ी 2) पशु - पश-ु पक्षी 3) बजाना - गाना-बजाना 4) खाना - खाना-पीना 5) फल - फल-फू ल 145

इकाई-4 12. आ मिव ास सिु मत्रानंदन पतं अथ्रग्रा ता प्रितिक्रया 1. िचत्र म क्या िदखायी दे रहा है ? उ. िचत्र म कु छ िवकलागं ब चे िदखायी दे रहे ह। कु छ ब चे हाथ म चाटर् िलए ह। 2. इनके िलए तुम क्या करना चाहोगे? उ. इन लोग के िलए म यथासभं व सहायता करना चाहूगँ ा तथा उ ह प्रो सािहत करना चाहूगँ ा। 3. इनकी सहायता करने के िलए खड़ा लड़का क्या कह रहा होगा? उ. लड़का कह रहा होगा िक तमु िकसी से कम नहीं हो। आगे बढ़ो। या पछू रहा होगा िक म िकस प्रकार आपकी सहायता कर सकता हू।ँ 1. लौटना = वापस जाना to return 2. लाचार = िववश helpless 3. उदास = दःु खी sad 4. िचत्र = कागज़ पर मनपसदं आकार बनाना, एक कला painting 5. तय करना = िनधारि् रत करना to decide 6. पसंद करना = अ छा लगना to like 7. जटु ना = िकसी कायर् म लगना engaged 8. कीमत = दाम price 9. प्ररे णा = आदशर् बनना motivation 10. बगीचा = बाग garden 11. त तरी = थाली a plate, tray 12. बंडल = गु छा bundle 13. िचत्रकारी = िचत्र उतारना, कलाकारी painting 14. सैकड़ = सौ से अिधक की सखं ्या म hundreds of 15. प्रदशर्नी = नमु ाईश, exhibition 16. खरीदना = मोल दके र कोई व तु लेना to buy 146

17. महे नत = म, hard work, industry तारीफ करना appreciate 18. प्रशसं ा करना = बीता हुआ वषर् last year सनु ना hearing ability 19. िपछले साल = वयं पर िव ास self confidence शारीिरक प से असक्षम disabled / physically challenged, 20. सनु ने की शिक्त = आभास होना to experience, to feel 21. आ मिव ास = 22. िवकलांग = 23. महससू करना = ‘आ मिव ास’ कहानी म रोिहत का आ मिव ास उसे एक सफल िचत्रकार बनाता ह।ै रोिहत के आ मिव ास से हम भी प्रेरणा िमलती ह।ै िपछले साल रोिहत छु िट्टयाँ िबताने क मीर गया था। लौटते समय रोिहत ने एक दघु ट्र ना म अपने सनु ने की शिक्त खो दी। बालक रोिहत अपने आप को लाचार महससू करने लगा। वह उदास रहने लगा था। एक िदन रोिहत के िपता ने उसे िह मत बँधाई और प्ररे णा दी, ‘तमु सनु नही पाते हो तो क्या हआु , दखे तो सकते हो। जीवन म कु छ बनना है ,तो खबू पढ़ो।’ उ ह ने उसे पढ़ने के िलए कु छ िकताब लाकर दी। एक िदन बगीचे म रोिहत ने पेड़ पर बैठी िचिड़या को दखे ा। उस रंग-िबरंगी िचिड़या को दखे कर रोिहत का मन िचत्र बनाने का हुआ, रोिहत ने तरु ंत कॉपी-पिसल िनकाल कर िचिड़या का िचत्र बनाया। उसे अपना िचत्र बहुत अ छा लगा। रोिहत की िच िचत्रकारी म दखे कर उसके िपता रंग ,ब्रश तथा सफे द कागज़ के बंडल ले आए। रोिहत बहुत खशु हो गया। रोिहत ने िचत्रकारी म अपना मन लगा िलया। वह सु दर-सु दर िचत्र बनाने लगा। वह अपने आट्र कू ल म कला का अ यास करने के साथ ही घर पर भी िचत्रकारी करता था। उसने सैकड़ िचत्र बना डाले। लोग उसके िचत्र दखे कर उसकी प्रशसं ा करते थ।े उसके िचत्र की प्रदशन्र ी दखे ने के िलए लोग दशे -िवदशे से आते थे। उसके िचत्र की अ छी कीमत भी िमलने लगी थी। इस प्रकार रोिहत की महे नत और लगन ने उसे सफल बना िदया। 1. रोिहत की तरह तु ह िकन चीज़ म िच है? उ. रोिहत की तरह मझु े पु तक पढ़ने म, मिू तकर् ला म,े कं यटू र म, क्रीड़ाओं म और तीरंदाज़ी म िच ह।ै 2. आ मिव ास रहने पर हम क्या-क्या कर सकते ह? उ. आ मिव ास रहने पर हम सदा काम करते रहते ह। यह दखे कर दसू रे लोग को प्ररे णा िमलती है और उनसे प्रो साहन भी िमलता ह। इससे िकसी तरह की तकलीफ को दरू कर सकते ह। िकसी तरह के काम को सफल बना सकते ह। दसू र के आदशर् बन सकते ह। अितिरक्त प्र 1. रोिहत की तरह आप म कौनसी प्रितभा िछपी हुई ह?ै बताइए। 2. यिद आपको रोिहत से िमलने का अवसर िमले तो आप उससे क्या बात करग?े 3 आ मिव ास कहानी पर आधािरत एक िफ म का नाम बताइए। 147

  (अ) उिचत श द से िरक्त थान की पूितर् करो। उ. 1. रोिहत िचत्रकार ह।ै (पत्रकार / िचत्रकार) 2. वह सनु ने की शिक्त खो बैठा। (सनु ने / बोलन)े 3. एक िदन वह बगीचे म बैठा था। (बस / बगीच)े 4. लोग उसके िचत्र की बड़ी प्रशसं ा करते थे। (बरु ाई / प्रशसं ा) (आ) िन निलिखत यिक्तय को क्या कहते ह? जैसे: जो िचत्र बनाता है, उसे िचत्रकार कहते ह। जो किवता िलखता ह।ै - किव जो अिभनय करता ह।ै - अिभनते ा जो गाना गाता ह।ै - गायक अितिरक्त प्र 1. कॉपी, पिसल, ब्रश, बंडल, आट्र कू ल - इन श द के िहदं ी अथर् बताइए। 2. हाँ या नहीं म उ र दीिजए। रोिहत परू ी मेहनत से िचत्रकारी म जटु गया। () प्ररे णा और आ मिव ास से सफलता नहीं िमलती। ( ) 3 ( )की मात्रा वाले पाँच श द बताइए। अ यापन सकं े त - सनु ो-बोलो, पढ़ो म िदए गए अितिरक्त प्र के वल छात्र के वाचन कौशल के िवकास हते ु िदए गए ह। छात्र से िन न प्र पछू , उ र की सराहना कर। छात्र को अपनी प्रितभा को उजागर करने की प्रेरणा द। अिभ यिक्त सजृ ना मकता 1. रोिहत के द्वारा उतारे गये िचत्र के बारे म दो वाक्य िलखो। उ. रोिहत एक िदन बगीचे म बैठा था। उसने एक रंग-िबरंगी िचिड़या दखे ी। उसने िचिड़या का िचत्र बनाया। िचत्र बहुत सदंु र बना। उसके िपता ने िचत्रकला म उसकी िच जान ली। उसके िलए रंग, ब्रश और सफे ़द कागज़ का बंडल ले आए। उसने सकड़ िचत्र बना ड़ाले। उसके िचत्र की प्रदश्रनी लगने लगी थी। लोग द्वारा उसकी बहुत प्रशंसा होने लगी थी। अ छी कीमत पर उसके िचत्र को लोग खरीदने लगे थ।े भाषा की बात 1. रोिहत बगीचे म बैठा था। अब बताओ िक तुम घूमने के िलए कहाँ-कहाँ जाते हो- 148  

उ. म घमू ने के िलए िन न थान पर जाता हूँ - क्रीड़ा मदै ान, ग्रथं ालय, उपवन, खते -खिलहान, िनकट के गावँ । कभी - कभी अपने पिरवार के साथ दसू रे शहर म भी जाता हू।ँ लड़का तज़े दौड़ता ह।ै लड़का धीरे-धीरे चलता ह।ै ऊपर िदए गए वाक्य म तज़े , धीरे-धीरे आिद श द संज्ञा या सवनर् ाम दव् ारा िकए गए काय्र की िवशेषता बताते ह। ऐसे श द को िक्रया िवशषे ण कहते ह। 1. अपना मनपसंद िचत्र उतारकर िचत्र के बारे म दो-तीन वाक्य िलखो। उ. िचिड़या एक छोटी पक्षी ह।ै घर के आस-पास िचिड़याँ हम कई रंग तथा आकार की िदखाई दते ी ह। रंग-िबरंगी िचिड़याँ बहतु सदंु र िदखाई दते ी ह। िचिड़या कीड़े-मकोड़े खाकर अपना पटे भर लेती ह। क्या म ये कर सकता हू/ँ सकती हूँ हाँ ( ) नहीं ( × ) 1. पाठ के बारे म बातचीत कर सकता हू।ँ 2. पाठ का सारांश अपने श द म बता सकता हू।ँ 3. पाठ के श द वाक्य बना सकता हू।ँ तु लेख 149


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