अितिरक्त प्र 1. पाठ म जंगली एवं पालतू जानवर के नाम िलिखए। िकसने कहा िकससे कहा 2. िन न वाक्य िकसन,े िकससे कह?े बताइए। खरगोश ने वयं से भालू खरगोश और लोमड़ी 1. ‘अरे! क्या िगरा?’ 2. ‘ठहरो, ठहरो! कहाँ भागे जा रहे हो?’ अ यापन सकं े त - सनु ो-बोलो, पढ़ो म िदए गए अितिरक्त प्र के वल छात्र के वाचन कौशल के िवकास हते ु िदए गए ह। अिभ यिक्त सजृ ना मकता 1. खरगोश के पीछे कौन-कौन भाग रहे थे? क्य ? उ. खरगोश के पीछे लोमड़ी, भालू और हाथी भाग रहे थ।े क्य िक खरगोश ने कहा िक, आसमान िगर रहा ह।ै इसिलए डर के मारे सभी जानवर भाग रहे थ।े भाषा की बात अ. तािलका म नीचे िगरने पर आवाज़ आने वाली और आवाज़ नहीं आने वाली चीज़ के उदाहरण िलखो। उ. आवाज़ आती है। आवाज़ नहीं आती है। नािरयल ई प थर सईु बरतन कपड़ा पु तक कागज़ कलम प ा आ. नीचे दी गई वग्र-पहेली म से जानवर के नाम चुनकर िलखो। ख र गो श हा प भा न क्ष थी शे ग लु बा ची र धा िह र ण ची ता प ब ले उ. खरगोश, हाथी, शरे , गधा, िहरण, चीता 58
पाठ म खरगोश, लोमड़ी, भाल,ू हाथी, शेर आिद जानवर के नाम आये ह। ऐसे नाम वाले श द जो िकसी यिक्त, व त,ु थान आिद के बारे म बतलाते ह, उ ह सजं ्ञा कहते ह।नीचे कु छ उदाहरण िदये गये ह। उ ह यान से दखे ो। - रमशे कलम से िलखता ह।ै - लड़के मदै ान म खले ते ह। - सनु ीता पढ़ाई म आगे ह।ै - ग्वाला दधू लाता ह।ै - पाठशाला म सभा चल रही ह। संज्ञाः रमशे , कलम, लड़के , मैदान, सनु ीता, ग्वाला, पाठशाला, पढ़ाई, दधू , सभा। 1. अपने मनपसदं प्राणी का िचत्र उतारकर उसके बारे म दो वाक्य िलखो। ........................................................................................................................................................... ........................................................................................................................................................... क्या म ये कर सकता हू/ँ सकती हूँ हाँ ( ) नहीं ( × ) 1. पाठ के बारे म बातचीत कर सकता हू।ँ 2. पाठ का साराशं अपने श द म बता सकता हू।ँ 3. पाठ के श द से वाक्य बना सकता हू।ँ ुतलेख 59
अितिरक्त काय्र प्र ो र 1. खरगोश क्य भागने लगा? उ. खरगोश पेड़ के नीचे सो रहा था। अचानक उसे ‘ध म’ से ज़ोर की आवाज़ आई। वह उठ बैठा। इधर-उधर दखे ने लगा िक क्या िगरा ह।ै उसे कु छ िदखाई नहीं िदया। उसे लगा िक आसमान िगर रहा ह।ै वह डर कर भागने लगा। 2. खरगोश के पीछे सभी जानवर क्य भाग रहे थे? उ. ‘ध म’ की आवाज़ सनु कर खरगोश भागने लगा। उसने भागत-े भागते सबसे बोला िक – “आसमान िगर रहा ह,ै भागो! भागो! ज दी भागो!” खरगोश के डर को दखे कर सभी जानवर भी डरने लगे। उसका अनकु रण करते हुए सभी जानवर उसके पीछे भागने लग।े कहानी-लेखन जीवन के िकसी अशं को यक्त करने वाली गद्य-रचना ‘कहानी’ कहलाती ह।ै कहानी िलखते समय यान रखने योग्य बात- 1. कहानी का िवषय रोचक व मनोरंजक होना चािहए। 2. कहानी म वाक्य छोटे व सरल होने चािहए। 3. कहानी की कथाव तु सरल और प होनी चािहए। 4. कहानी का शीषक्र छोटा और िवषय से संबंिधत होना चािहए। 5. िचत्र तथा सकं े त के मा यम से भी कहानी िलखी जाती ह।ै (संके त िबंद-ु नदी िकनारे पड़े पर पक्षी...दो िसर एक पटे ...एक िसर ने वािद फल खाया...प्रितशोध लने े के िलए दसू रे िसर ने िवषलै ा फल खाया...एक पटे था...प्राण से हाथ धो बैठे....लालच से संयम का नाश होता ह।ै ) अनोखा पक्षी एक बार की बात ह।ै नदी िकनारे पेड़ पर एक पक्षी रहता था, िजसका नाम भ नदा था। वह पक्षी अनोखा था, क्य िक उसके दो िसर, मगर पटे एक ही था। एक िदन वह झील के िकनारे घमू रहा था। उसे एक लाल रंग का फल िमला। वह फल दखे ने म बड़ा ही वािद लग रहा था। एक िसर ने बोला िक “वाह ! क्या फल है !लगता है िक भगवान ने यह फल मरे े िलए भेजा ह।ै म िकतना भाग्यशाली हू।ँ “ िफर वो िसर उस फल को बड़ी प्रस नता से खाने लगा और खाते हुए उसकी प्रशंसा करने लगा। 60
यह सनु कर दसू रा िसर बोला “ओ यारे !मझु े भी यह फल चखने दो, िजसकी तमु इतनी प्रशसं ा कर रहे हो।’’ इस बात पर पहला िसर हसँ ने लगा और बोला ,“जब हमारा पेट एक ही है तो कोई भी िसर यह फल खाए, यह फल तो उसी पेट म जाएगा ना। तो इस बात से कोई अतं र नहीं पड़ता िक म फल खाऊँ या िफर तमु । यह फल मझु े िमला है तो फल खाने का पहला अिधकार भी मरे ा ही हुआ।’’ इस बात को सनु कर दसू रे िसर को बहुत दःु ख हआु और उसको वाथीर् िसर पर गु सा भी आया। िफर एक िदन दसू रे िसर हो एक पेड़ पर िवषलै े फल िमले। उसने वह फल ले िलए और पहले िसर से बोला “धोखबे ाज !आज म िवषलै े फल खाऊँ गा और िफर म अपने अपमान का तझु से बदला लँगू ा।’’ इस पर पहला िसर बोला िक “कृ पया वह िवषलै े फल ना खाए,ँ क्य िक एक पेट होने पर हम दोन ही मारे जाएँगे।” इस पर दसू रा िसर बोला “चपु रहो !यह फल मझु े िमला है और इस फल को खाने का मरे ा परू ा अिधकार ह।ै इस पर पहला िसर रोने लगा, मगर दसू रे िसर ने एक ना सनु ी और वह िवषलै ा फल खा िलया। दोन िसर को अपनी जान से हाथ धोना पड़ा। कहानी का अिभप्राय : हम सदवै अ छी चीज़ दसू र के साथ बाँटनी चािहए। प्रितशोध म सयं म और िववेक का नाश नही करना चािहए। सजं ्ञा संज्ञा िकसी यिक्त, व त,ु थान, प्राणी और भाव आिद के नाम को सजं ्ञा कहते ह। यिक्तवाचक सजं ्ञा जाितवाचक संज्ञा भाववाचक सजं ्ञा िजन संज्ञा श द से िकसी िवशेष िजन श द से यिक्त, व त,ु िजन सजं ्ञा से िकसी व त,ु यिक्त, यिक्त, थान, प्राणी और व तु थान, प्राणी आिद की परू ी जाित प्राणी आिद के वभाव, दशा, गणु , दोष और भाव आिद का का पता चलता ह,ै उ ह का पता चलता ह,ै उ ह पता चलता ह,ै उ ह भाववाचक यिक्तवाचक, संज्ञा कहते ह।ै जाितवाचक सजं ्ञा कहते ह। सजं ्ञा कहते ह। यिक्त - िदनशे , गाँधी, िववके ानदं । व तु - कार, कं यटू र, अखबार, पेड़ गणु -दोष - िमठास, दयालतु ा थान - ताजमहल, चंडीगढ़, प्राणी - खरगोश, तोता, कौआ दशा - बचपन, बढ़ु ापा िहमाचल। प्राणी - चेतक (घोड़ा)। भाव - पढ़ाई, थकावट, कमाई। व तु - पु तक, मेज़। 61
अ यास काय्र (Work Book) पिठत गद्यांश िन न पिठत गद्यांश को पढ़कर प्र के उ र िलिखए। एक खरगोश था। वह पेड़ के नीचे सो रहा था। अचानक ज़ोर की आवाज़ हुई- “ध म” खरगोश उठ बैठा। वह बोला, ‘अरे! क्या िगरा?’ खरगोश ने इधर-उधर दखे ा। उसे कु छ िदखायी नहीं िदया। उसे लगा आसमान िगर रहा ह।ै खरगोश डर गया और भागने लगा। भागत-े भागते उसे एक लोमड़ी िमली। उसने पछू ा- ‘खरगोश भाई, कहाँ जा रहे हो? ज़रा सनु ो तो।’ खरगोश भागत-े भागते बोला - ‘आसमान िगर रहा ह,ै भागो! भागो! ज दी भागो!’ लोमड़ी भी भागने लगी। आगे जाकर उ ह एक भालू िमला बोला- ‘ठहरो, ठहरो! कहाँ भागे जा रहे हो ?’ प्र ः 1. पड़े के नीचे कौन सो रहा था? उ. 2. खरगोश भागत-े भागते क्या बोला? उ. 3. भालू क्या बोला? उ. 4. खरगोश क्य डर गया? उ. 5. गद्यांश म आए कु छ जानवर के नाम िलिखए। उ. प्र ो र िन न प्र के उ र िलिखए। 1. क्या सचमचु “आसमान िगर रहा था”, प कीिजए। 2. “आसमान िगरा” कहानी को अपने श द म िलिखए। 62
कहानी अ यास – िन न िदए गए संके त िब दु के आधार पर कहानी िलिखए। उिचत शीषक्र दीिजए। (संके त िब दु – राजा का सेवक बंदर, बंदर को रोक-टोक नही, राजा िव ाम अव था म, मक्खी का िभनिभनाना, बंदर का वार, मक्खी का उड़ना, राजा पर तलवार का पड़ना, राजा की मृ यु, बंदर की मूख्रता...िशक्षा...) याकरण 1. िन न वाक्य म सजं ्ञा श द पहचानकर िलिखए। 1. खरगोश को एक आवाज़ सनु ाई दी। उ. 2. म और रमशे िचिड़याघर घमू ने गए। उ. 3. लोमड़ी भागत-े भागते थक गई। उ. 2. िन न वाक्य म रेखांिकत संज्ञा श द के भेद पहचानकर िलिखए। 1. आजकल हदै राबाद का वातावरण बदल गया ह।ै उ. 2. शरे दहाड़ रहा था। उ. 3. माली फू ल को पानी दे रहा ह।ै उ. 3. िन न वाक्य म उिचत श द द्वारा खाली थान भिरए। 1. मझु े ने अपनी पु तक दी। (रमशे , फू ल) 2. एक ऐितहािसक जगह ह।ै (घर,चारमीनार) 3. सोहन और पक्के दो त थे। (मोहन,पानी) 4. िन निलिखत श द के पया्रयवाची िलिखए। 1. आसमान - 2. हाथी - 3. आवाज़ - 4. शेर - 5. पड़े - 6. राजा - 63
5. िन न रेखांिकत श द के िलंग बदलकर वाक्य पुन: िलिखए। 1. शेर कु एँ म दखे रहा था। उ. 2. हाथी सबसे आगे भाग रहा था। उ. 3. मरे ा भाई डॉक्टर ह।ै उ. 6. िन न रेखांिकत श द के वचन बदलकर िलिखए। उ. 1. खरगोश को भागते-भागते लोमड़ी िदखाई दी। उ. 2. लड़की पढ़ रही ह।ै उ. 3. मरे ा कमरा साफ-सथु रा ह।ै 7. िन न वाक्य म रेखांिकत श द के िवलोम िलिखए। 1. खरगोश को लगा आसमान से कु छ पर िगरा ह।ै 2. हाथी भी चलत-े चलते अचानक गया। 3. शेर ने पहले पड़े के ऊपर दखे ा िफर दखे ा। 8. िन न श द के िलंग बदलकर िलिखए। 4. राजा - 1. शेर - 5. साथी - 2. हाथी - 6. बहन - 3. िसंह - 9. िन न श द को वाक्य म प्रयोग कीिजए। 1. पेड़ - 2. आसमान - 3. लोमड़ी - 10. िन न श द के वचन बदलकर िलिखए। 4. फल - 1. आवाज़ - 5. एक - 2. लोमड़ी - 6. पड़े - 3. कु आँ - 64
11. िन न श द के अथ्र पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. आसमान आ) ऊपर इ) भिू म ई) () अ) आकाश आ) कना इ) झकु ना ई) पानी आ) दखे ना इ) यान रखना ई) 2. ठहरना () अ) चलना ई) फै लना ई) 3. च क जाना ई) () अ) सो जाना अचरज म पड़ना 12. िन न श द की शुद्ध वतर्नी पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. लोमढ़ी ( ) लोमड़ी ) अ) लौमड़ी आ) लमू ड़ी इ) लोमडी ) 2. करगोश ( अ) खररेश आ) खरगौश इ) खरगोश खरगेश 3. बालू अ) वालू आ) भालु इ) भाल ( भालू 13. िन न वाक्य के िलए उिचत कारक िच पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. खरगोश पड़े ........ नीचे सो रहा था। ( ) अ) का आ) के इ) से ई) को ) 2. जोर .......आवाज़ हुई। ) अ) के आ) की इ) से ई) ( 3. सब........खरगोश की बात को सच माना। ने अ) की आ) के इ) ने ई) ( को 14. िन न श द के उिचत पया्रयवाची श द पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. आखँ हाथ, लोचन ई) ( ) अ) नयन, कान आ) चक्ष,ु नेत्र इ) चक्ष,ु अ ु ) ) 2. धरती ( अ) भिू म, नभ आ) धरा, भरा इ) भ,ू पृ वी ई) धरा, धरातल 3. िदन अ) िदवा, िदवस आ) िदवा, िदक इ)दवस ि , िदनाकं ई) ( िदवा,े दह 15. िन न वाक्य के काल पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. शेर ने कु एँ म देखा। () () अ) वतमर् ान काल आ) भूतकाल इ) भिव यत काल () 2. शरे ने कहा, \"म पेड़ के पास वयं जाउँगा।\" अ) भतू काल आ) वतर्मान काल इ) भिव यत काल 3. सीता मरे ी पु तक पढ़ रही ह।ै अ) भिव यत काल आ) वतम्र ान काल इ) भतू काल हम सोच-समझकर काम करना चािहए। 65
बादल उपवाचक एक लड़का था। उसका नाम भरत था। वह नयी-नयी बात जानना चाहता था। एक िदन वह पाठशाला से आ रहा था। आसमान म बादल छाये हुए थे। घर अभी कु छ दरू था। इतने म बड़ी-बड़ी बँदू पड़ने लगी। भरत भागता हुआ घर पहुचँ ा। िफर भी वह भीग गया था। भरत को दखे ते ही िपताजी बोले – जाओ, कपड़े बदल लो, नहीं तो सदीर् लग जाएगी।कपड़े बदलते ही भरत सोचने लगा- आसमान म पानी कहाँ से आता ह?ै बादल आने पर ही वषार् क्य होती ह?ै उसने सोचा, िपताजी से पछू ना चािहए। वह कपड़े बदलकर िपताजी के पास गया। भरत ने पछू ा – िपताजी! वषार् का पानी कहाँ से आता ह?ै “बादल स!े ” िपताजी ने बताया। भरत ने िफर पछू ा – लेिकन बादल म इतना पानी कहाँ से आता ह?ै िपताजी ने समझाते हुए कहा- बेटा, तालाब , निदय और समदु ्र म पानी होता ह।ै सयू ्र की तेज़ गमीर् से वही पानी भाप म बदल जाता ह।ै िफर भाप आसमान म जाकर बादल बन जाती ह।ै भरत ने प्र िकया – िपताजी ! भाप, बादल कै से बन जाती ह?ै िपताजी ने उ र िदया- भाप ह की होती ह।ै ह की होने के कारण यह ऊपर उठती ह।ै ठंड से ही भाप िफर से पानी की बहुत ही न ही–न ही बँदू का प ले लेती ह। बादल ऐसी ही न ही-न ही बँदू का समहू ह।ै ’ िपताजी भरत को रसोईघर म ले गए। वहाँ माँ चाय बना रही थी। चू हे पर के तली रखी थी। के तली के महँु से भाप ऊपर की ओर उठ रही थी। िपताजी ने ठंडे पानी से भरा एक िगलास उठाया। इस िगलास को वे भाप के पास ले आय।े कु छ दरे िगलास को वहीं पकड़े खड़े रह।े भरत ने दखे ा िक िगलास पर से पानी की बँदू टपक रही ह। भरत सब कु छ समझ गया। वह बहुत खशु हुआ। अ. नीचे िदए गए गद्यांश को पढ़कर प्र के उ र दीिजए। एक लड़का था। उसका नाम भरत था। वह नयी-नयी बात जानना चाहता था। एक िदन वह पाठशाला से आ रहा था। आसमान म बादल छाये हुए थे। घर अभी कु छ दरू था। इतने म बड़ी-बड़ी बँदू पड़ने लगीं। भरत भागता हुआ घर पहुचँ ा। िफर भी वह भीग गया था। भरत को दखे ते ही िपताजी बोले जाओ, कपड़े बदल लो, नहीं तो सदीर् लग जाएगी।’ 1. लड़के का नाम क्या था? उ. लड़के का नाम भरत था। 2. वह क्या जानना चाहता था? उ. वह नई-नई बात जानना चाहता था। 3. भरत घर कै से पहुचँ ा? उ. भरत भागता हुआ घर पहचुँ ा लेिकन िफर भी वह भीग गया था। 4. भरत को देखते ही िपता जी क्या बोले? उ. भरत को दखे ते ही िपता जी बोले, ‘जाओ कपड़े बदल लो, नहीं तो सदीर् लग जाएगी।’ 5. नीचे िदए गए श द का िलंग पिरवत्रन कीिजए और उनसे वाक्य बनाइए - उ. 1) िपताजी - माता जी, वाक्य - माता जी भोजन बना रही ह। 2) लड़का - लड़की वाक्य - लड़की टहल रही ह।ै 66
6. छु ट्टी पत्र इकाई-2 अथर्ग्रा ता प्रितिक्रया प्र : 1. िचत्र म क्या-क्या िदखायी दे रहा है? उ पहले िचत्र म पक्षी की च च म पत्र ह,ै लेटरबॉक्स म िचट्ठी डालते हुए लड़का ह।ै दसू रे िचत्र म साइिकल पर िचिट्ठयाँ ले जाते हुए डािकया और च च म पत्र लके र जाता उड़ता हुआ पक्षी ह।ै तीसरे िचत्र म पत्र दते े हुए डािकया तथा पक्षी ह।ै तीन िचत्र म पत्र भेजने, तथा िमलने के तरीके िदखायी दे रहे ह। 2. पत्र क्य िलखा जाता है? उ. अपने बंध-ु िमत्र को समाचार दने े के िलए, उनकी कु शलता जानने के िलए पत्र िलखा जाता ह।ै 3. लड़का िचट्ठी लेते हुए डािकये से क्या बात कर रहा होगा? उ. लड़का पछू रहा होगा िक पत्र कहाँ से आया है या िकसका पत्र ह।ै पत्र पहुचँ ाने के िलए ध यवाद भी कह रहा होगा। 1. िदनाकं = ितिथ date 2. महोदय = ीमान sir 3. शादी = िववाह marriage 4. ध यवाद = आभार thanks 5. क्रमाकं 6. छु ट्टी = क्रम संख्या roll number 7. छात्रा = अवकाश leave 8. कक्षा = िवद्यािथन्र girl-student = ेणी, दजार् class 67
ताडं ूर, िदनांक : 13-8-2012. सवे ा म, प्रधाना यापक जी, सरकारी मा यिमक पाठशाला, ताडं ूर। महोदय, मरे ी दीदी का िववाह हदै राबाद म होने वाला ह।ै सब शादी म जा रहे ह। म भी जाना चाहती हू।ँ इस कारण मझु े िदनाकं 14-8-2012 से 16-8-2012 तक तीन िदन की छु ट्टी दने े की कृ पा कर। ध यवाद। आपकी आज्ञाकारी छात्रा, मधे ा, क्रमांक : 17, कक्षा : सातवीं। 1. मेधा अपनी दीदी की शादी म क्य जाना चाहती है? उ. मधे ा की दीदी की शादी हदै राबाद म हो रही ह।ै पिरवार के सभी लोग शादी म जा रहे ह। इसिलए मेधा भी अपनी दीदी की शादी म जाना चाहती ह।ै 2. शादी म क्या-क्या कायर्क्रम होते ह, बताओ। उ. िनमतं ्रण पत्र का िवतरण होता ह।ै महे दं ी, ह दी की र म होती ह। लड़के की शादी म बारात जाती ह।ै परु ोिहत मतं ्रो चारण करते ह। वर-वधू को अक्षत से आशीवादर् दते े ह। प्रीित भोज होता ह।ै सभी धम के अपन-े अपने रीित-िरवाज़ के अनसु ार सं कार िकए जाते ह। अितिरक्त प्र 1. यह पत्र कौन िलख रहा ह?ै 2. यह पत्र िकसको िलखा जा रहा ह?ै 3. पत्र म छु ट्टी लने े का कारण क्या ह? अ) िन न वाक्य को पढ़कर क्रम म लगाओ। - ध यवाद। - म भी जाना चाहती हू।ँ - मेरी दीदी का िववाह हदै राबाद म होने वाला ह।ै 68
- इस कारण मझु े िदनाकं 18-09-2012 से 20-09-2012 तक तीन िदन की छु ट्टी दने े की कृ पा कर। उ. - मेरी दीदी का िववाह हदै राबाद म होने वाला ह।ै - म भी जाना चाहती हू।ँ - इस कारण मझु े िदनाकं 18-09-2012 से 20-09-2012 तक तीन िदन की छु ट्टी दने े की कृ पा कर। - ध यवाद। अितिरक्त प्र 1. क्या आपको पत्र िलखना अ छा लगता ह?ै 2. आजकल पत्र का थान िकसने ले िलया ह?ै 3. क्या,आपने कभी ई-मले द्वारा िकसी को संदशे भजे ा ह?ै अ यापन सकं े त - सनु ो-बोलो, पढ़ो म िदए गए अितिरक्त प्र के वल छात्र के वाचन कौशल के िवकास हते ु िदए गए ह। छात्र से िन न प्र पछू , उ र की सराहना कर। छात्र को पत्र की आव यकता और उपयोिगता से अवगत कराए।ँ अिभ यिक्त सजृ ना मकता 1. श द को पत्र के आधार पर उिचत थान पर िलखो। थान: िदनाकं , सवे ा म, थान, आपकी आज्ञाकारी, िवषय, महोदय, ध यवाद िदनांकः उ. आपकी आज्ञाकारी सेवा म, ध यवाद महोदय, िवषय भाषा की बात (अ) पढ़ो, समझो और िलखो। पू य िमत्र आदरणीय िपताजी िप्रय अ यापक उ. पू य िपताजी आदरणीय अ यापक िप्रय िमत्र 69
(आ) पिरवार के सद य के नाम से िरक्त थान भरो। जैसेः माता-िपता (छात्र प्रितिक्रया ) 1. भाई - बहन का नाम ------ 2. दादा - दादी ------ 3. चाचा - चाची ------ 4. मामा - मामी ------ (इ) सही संख्याएँ िरक्त थान म िलखो। (12, 60, 7, 24) उ. 1. वषर् म 12 महीने होते ह। 2. स ाह म 7 िदन होते ह। 3. िदन म 24 घटं े होते ह। 4. एक घटं े म 60 िमनट होते ह। यिद मेधा दीदी के िववाह की घटनाएँ डायरी म िलखती, तो क्या िलखती ? सोच कर िलखो। िदनाकं : मरे ी दीदी की शादी हदै राबाद म 15-8-2012 को हुई। शादी म अनके र म का आयोजन हुआ। महदी की र म पर हम सभी ने बहुत आनदं उठाया। सभी ने िमलकर बारात का वागत िकया। सारी रात अनेक र म होती रही जयमाला, फे रे तथा िवदाई की र म से िववाह परू ा हुआ। दीदी की शादी की िजतनी मझु े खशु ी हुई, उतनी ही म उनके जाने पर उदास भी थी। मधे ा क्या म ये कर सकता हू/ँ सकती हूँ हाँ ( ) नहीं ( × ) 1. पाठ के बारे म बातचीत कर सकता हू।ँ 2. पत्र रचना के बारे म अपने श द म बता सकता हू।ँ 3. छु ट्टी पत्र िलख सकता हू।ँ तु लेख 70
अितिरक्त काय्र प्र ो र 1. मेधा ने पत्र कब और कहाँ से िलखा है? उ. मधे ा ने पत्र अनंतपरु से िदनाकं – 13-8-2012 को िलखा ह।ै 2. मेधा ने पत्र िकसे और क्य िलखा? उ. अपनी दीदी के िववाह म सि मिलत होने के िलए मधे ा को हदै राबाद जाना था। इसिलए उसने यह अवकाश पत्र अपने प्रधाना यापक जी को िलखा। 3. मेधा िकस पाठशाला और िकस कक्षा की छात्रा है? उसका क्रमांक क्या है? उ. मधे ा सरकारी मा यिमक पाठशाला, अनतं परु म सातवीं कक्षा की छात्रा ह।ै उसका क्रमाकं 17 ह।ै पत्र लेखन अपने मोह ले की गंदगी हटवाने के िलए वा य अिधकारी को पत्र िलिखए। थान... िदनांक... सवे ा म, वा य अिधकारी, हदै राबाद नगर िनगम, मशु ीराबाद, हदै राबाद महोदय, सिवनय िनवेदन है िक मशु ीराबाद क्षते ्र म गदं गी का साम्रा य फै ला हुआ ह।ै यहाँ िपछले एक माह से सफाई नहीं हुई ह।ै सफाई–कमचर् ािरय से कई बार प्राथन्र ा की, िक तु उनका कोई सकारा मक उ र प्रा नहीं हुआ। सड़क पर भी गंदगी जमा हो रही ह।ै कू ड़े के ढेर पर म छर का प्रकोप िदन-प्रितिदन बढ़ता ही जा रहा ह।ै िजस कारण मलेिरया फै लने की परू ी आशकं ा ह।ै आपसे िवनम्र प्राथ्नर ा है िक यहाँ सफाई का उिचत प्रबंध करवाए,ँ तािक हम व छ वातावरण म साँस ले सक। ध यवाद सिहत, भवदीय कु दन लाल, सिचव- मशु ीराबाद िनवासी संघ। 71
काल भूतकाल िक्रया के िजस प से काम के बीत चकु े समय म परू ा होने का पता चलता ह,ै उसे काल वत्रमान काल िक्रया के िजस प से भतू काल कहते ह। उसके होने या करने वेदप्रकाश ने लघकु था पढ़ी। के समय का पता महशे मबु ंई गया था। चलता ह,ै उसे काल समु न को प्रथम परु कार िमला था। कहते ह। िक्रया के िजस प से कामके वत्रमान म होने का पता चलता ह,ै उसे वतर्मान काल कहते ह। भिव य काल सीता सरै कर रही ह।ै महशे मैच दखे रहा ह।ै रमण और उसके िमत्र खेलते ह। िक्रया के िजस प से काम के आने वाले समय म होने का पता चलता ह,ै उसे भिव यत काल कहते ह। सरु ेश ताजमहल दखे ने जाएगा। सभी िवद्याथीर् िमलकर गाएगँ । हम राधा का ज मिदन मनाएगँ े। 72
अ यास कायर् (Work Book) अपिठत पद्यांश िन न अपिठत पद्यांश को पढ़कर सही उ र िवक प से चुनकर िलिखए। () छेदकर काटँ ा िकसी की उँगिलया,ँ फाड़ दते ा है िकसी का वर वसन। यार-डूबी िततिलय का पर कतर, भ र का है बेध दते ा याम तन।। फू ल लेकर िततिलय को गोद म भ र को अपना अनठू ा रस िपला। िनज सगु धं और िनराले रंग से, है सदा दते ा कली जी की िखला।। है खटकता सबकी आखँ म, दसू रा है सोहता सरु -शीश पर। िकस तरह कु ल की बड़ाई काम द,े जो िकसी म हो बड़ पन की कसर।। प्र : 1. काटँ ा कै से - कै से अ याचार करता ह?ै अ) उंगिलय को छेद कर आ) खशु बू फै ला कर इ) फू ल की रक्षा करके ई) रा ते म चलने वाल को बचाकर 2. कौन सबकी आखँ म खटकता ह?ै () अ) फू ल आ) प थर इ) काटँ ा ई) कपड़ा 3. किव पद्यांश के मा यम से क्या सदं शे दे रहा ह?ै () अ) फू ल जैसे बनो आ) काँटे जसै े रहो इ) दसू र को दःु ख दो ई) भँवरे जैसे बनो 4. इस किवता का उिचत शीषक्र क्या ह?ै () अ) फू ल और प थर आ) काटँ ा इ) फू ल और काटँ ा ई) फू ल की बड़ाई 5. िदए गए श द के उिचत पयाय्र वाची श द िलिखए। अ) वसन - आ) फू ल - 73
प्र ो र िन न प्र के उ र िलिखए। 1. मधे ा ने पत्र म सबं ोधन क्य िकसके िलए िलखा ह?ै 2. पत्र का िवषय क्या ह?ै मधे ा िकतने िदन का अवकाश लने ा चाहती ह।ै 3. पत्र का हमारे जीवन म क्या मह व ह?ै प्रकाश डािलए। पत्र लेखन अ यास - पानी के सकं ट की ओर यान िदलाते हुए िनगमायकु ्त को पत्र िलिखए। याकरण 1. िन न वाक्य को को क म िदए अनुसार बदलकर िलिखए। 1. म अपनी बहन की शादी म जा रही हू।ँ (वाक्य को भिव यत् काल म बदिलए।) उ. 2. किव ने का य िलखा। (वाक्य को वतम्र ानकाल म बदिलए।) उ. 3. याम नौकर को डाटँ ेगा। (वाक्य को भतू काल म बदिलए) उ. 2. िन न वाक्य के काल पहचानकर िलिखए। 1. डॉक्टर इलाज करता ह।ै उ. 2. पिु लस ने चोर को पकड़ा। उ. 3. राम वन जाएगा। उ. 3. िन न वाक्य को उसके काल के साथ िमलाइए। 1. ल मी गाना गाती ह।ै भतू काल 2. मरे ी दीदी की शादी हदै राबाद म हुई। वतम्र ानकाल 3. लड़का पढ़ता ह।ै भिव यतक् ाल 4. लड़का पाठशाला जाएगा। वत्मर ानकाल 74
4. िन न श द के पया्रयवाची िलिखए। 1. िचट्ठी - 2. अ यापक - 3. िमत्र - 4. पाठशाला - 5. िदन - 6. छात्र - 5. िन न रेखांिकत श द के वचन बदलकर वाक्य िलिखए। 1. मरे ी बहन गटंु ूर म रहती ह।ै उ. 2. मझु े छु ट्टी चािहए। उ. 3. रा ते म घटना घटी। उ. 6. िन न रेखांिकत श द के िलंग बदलकर वाक्य िलिखए। 1. लड़का साईिकल चला रहा था। उ. 2. िपताजी सामान ला रहे ह। उ. 3. मधे ा ने िशक्षक को पत्र िलखा। उ. 7. िन न रेखांिकत श द के िवलोम िलिखए। 1. कमल ने अ छी पढ़ाई की तो वह कक्षा म उतीणर् हो गया जब िक उसका दो त हुआ। 2. मरे ा घर पाठशाला के पास है जब िक मरे े सहपाठी का बहुत ह।ै 75 3. िशमला म िदन म ठंड और म गमीर् पड़ती ह।ै 8. िन न श द को वाक्य म प्रयोग कीिजए। 1. िवद्यालय - 2. अवकाश - 3. छात्र -
9. िन न श द के वचन बदलकर िलिखए। 1. अ यापक - 4. वधु - 5. धातु - 2. गु - 6. शादी - 3. छात्रा - 4. नर - 5. यवु क - 10. िन न श द के िलंग बदलकर िलिखए। 6. लखे क - 1. प्रधाना यापक - 2. दीदी - 3. छात्रा - 11. िन न वाक्य के िलए उिचत कारक िच पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. सीता .......... गाया भी नहीं जाता। ( ) ) अ) ने आ) को इ) से ई) म ) 2. िद ली भारत ...... राजधानी ह।ै ( ) ) अ) की आ) को इ) का ई) ने ) 3. बालक गद .......... खले रहे ह। ( ) ) अ) म आ) का इ) पर ई) से ) 12. िन न श द की शुद्ध वत्रनी पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. षादी ( ई) शािद अ) सादी आ) शाधी इ) शादी ( 2. द यवाद ई) नयावाद अ) ध याबाद आ) धनयावाद इ) ध यवाद ( ई) कायकर् रम 3. कारयक्रम अ) कायक्र ्रम आ) कारयकरम इ) कारयाकमर् 13. िन न वाक्य म दी गई खाली जगह के सही उ र को पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. वष्र म ......महीने होते ह। ( अ) 6 आ) 12 इ) 9 ई) 13 2. स ाह म........िदन होते ह। ( अ) 8 आ) 4 इ) 7 ई) 5 3. िदन म ........घटं े होते ह। ( अ) 22 आ) 16 इ) 18 ई) 24 76
14. िन न वाक्य म सवर्नाम श द पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. मरे ी दीदी का िववाह ह।ै ( ) ई) िववाह ) अ) दीदी आ) मरे ी इ) का ) ( 2. मझु े दो िदन का अवकाश चािहए। ई) मझु े अ) चािहए आ) अवकाश इ) िदन ( ई) रहे 3. हम हदै राबाद जा रहे ह। अ) हम आ) हदै राबाद इ) जा 15. िन न अंक के सही श द को पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. 27 ( ) ई) प चीस ) अ) अठाईस आ) छ बीस इ) स ाईस ) ( 2. 36 ई) ततीस अ) छ ीस आ) अड़तीस इ) सतीस ( ई) तेईस 3. 24 अ) उनतीस आ) इकतीस इ) चौबीस हम हर िदन कु छ नया सीखना चािहए। 77
अ यास प्र पत्र अथर्ग्रा ता प्रितिक्रया I. िन निलिखत पिठत गद्यांश पढ़कर प्र के उ र िलिखए। एक खरगोश था। वह पड़े के नीचे सो रहा था। अचानक ज़ोर की आवाज़ हुई- “ध म” खरगोश उठ बैठा। वह बोला, ‘अरे! क्या िगरा?’ खरगोश ने इधर-उधर दखे ा। उसे कु छ िदखायी नहीं िदया। उसे लगा आसमान िगर रहा ह।ै खरगोश डर गया और भागने लगा। भागत-े भागते उसे एक लोमड़ी िमली। उसने पछू ा- ‘खरगोश भाई, कहाँ जा रहे हो? ज़रा सनु ो तो।’ खरगोश भागते-भागते बोला - ‘आसमान िगर रहा ह,ै भागो! भागो! ज दी भागो!’ लोमड़ी भी भागने लगी। आगे जाकर उ ह एक भालू िमला बोला- ‘ठहरो, ठहरो! कहाँ भागे जा रहे हो ?’ प्र : 1. पेड़ के नीचे कौन सो रहा था? () अ) खरगोश आ) भालू इ) लोमड़ी ई) िचिड़या 2. खरगोश भागत-े भागते क्या बोला? () अ) ‘अरे! आ) भागो! भागो! इ) ‘ठहरो, ठहरो! ई) भागो! 3. भालू ने क्या बोला? 4. खरगोश को क्या लगा था और वह क्य डर गया? 5. गद्याशं म आए कु छ जानवर के नाम िलिखए। अिभ यिक्त सजृ ना मकता II. इन प्र के उ र २-३ वाक्य म िलिखए। प्र : 1. खरगोश के पीछे कौन-कौन भाग रहे थ?े क्य ? 2. मधे ा ने पत्र िकसे और क्य िलखा? 3. हमारा दशे िकन-िकन कारण से सदंु र लगता ह?ै िन न प्र से िकसी एक का उ र िलिखए । 1. “अपना यारा भारत दशे ” किवता का साराशं िलिखए। 2. अपने मोह ले की गदं गी हटवाने के िलए वा य अिधकारी को पत्र िलिखए। III. िनद्शरे के अनुसार िलिखए। भाषा की बात 1. आसमान = (वाक्य बनाइए) 2. भारत बहुत ही यारा दशे ह।ै (इसम िवशेषण क्या ह।ै ) 3. िचट्ठी - (पयाय्र वाची श द िलिखए) 4. शरे ने पहले पड़े के ऊपर दखे ा, िफर ...........दखे ा। (रेखािं कत श द का िवलोम श द िलिखए) 5. म अपनी बहन की शादी म जा रही हू।ँ (वाक्य को भिव यतकाल म बदिलए।) 78
न हा मु ना राही हूँ …. -शकील बदायुनी उपवाचक न हा मु ना राही हूँ दशे का िसपाही हू,ँ 79 बोलो मरे े सगं , जयिहदं , जयिहदं , जयिहदं , जयिहदं , जयिहदं । रा ते पे चलगँू ा न डर-डर के , चाहे मझु े जीना पड़े मर-मर के , मिं ज़ल से पहले न लगँू ा कहीं दम, आगे ही आगे बढ़ाऊँ गा कदम, दािहने बाय दािहने बाय थम!।। न हा …. ॥ धपू म पसीना म बहाऊँ गा जहाँ, हरे-भरे खते लहरायगे वहा,ँ धरती पे फाके न पायगे जनम, आगे ही आगे बढ़ायगे कदम, बड़ा हो के दशे का सहारा बनगँू ा, दािहने बाय दािहने बाय थम!।। न हा …. ॥ दिु नया की आखँ का तारा बनगँू ा, रखगँू ा ऊँ चा ितरंगा परचम, आगे ही आगे बढ़ायगे कदम, दािहने बाय दािहने बाय थम!।। न हा …. ॥ शािं त की नगरी है मरे ा ये वतन, सबको िसखाऊँ गा म यार का चलन, दिु नया म िगरने न दगँू ा कहीं बम, आगे ही आगे बढ़ाऊँ गा कदम, दािहने बाय दािहने बाय थम!।। न हा …. ॥
िन न पद्यांश को पढ़कर प्र के उ र िलिखए। बड़ा हो के दशे का सहारा बनगँू ा, दिु नया की आखँ का तारा बनगँू ा, रखगँू ा ऊँ चा ितरंगा परचम, आगे ही आगे बढ़ाऊँ गा कदम, दािहने बाय दािहने बाय थम। प्र : 1. यह गीत कौन गा रहा ह?ै उ. यह गीत एक न हा बालक गा रहा ह,ै जो िसपाही की पोशाक पहने हुए ह।ै 2. वह बड़ा हो कर क्या करना चाहता ह?ै उ. वह बड़ा हो कर दशे का सहारा बनना चाहता ह।ै 3. वह िकसकी आखँ का तारा बनना चाहता ह?ै उ. वह दिु नया की आखँ का तारा बनना चाहता ह।ै 4. वह ितरं गे झंडे को कै से रखना चाहता ह?ै उ. वह ितरंगे झ डे को सदा ऊँ चा रखना चाहता ह।ै 5. पद्य म से महु ावरा चनु कर िलिखए। उ. आखँ का तारा। 80
इकाई-3 7. चारमीनार अथ्रग्रा ता प्रितिक्रया प्र : 1. यह िकसका िचत्र है? उ. यह ताज महल का िचत्र ह।ै 2. इनम कौन-सी इमारत पसदं है? उ. ताजमहल सफे द संगमरमर से बना ह,ै हम यह इमारत पसदं ह।ै 3. इसकी सुदं रता के बारे म दो वाक्य बोलो। उ. ताजमहल आगरा म यमनु ा नदी के िकनारे बनाया गया ह।ै इसे बादशाह शाहजहाँ ने अपनी बेगम ममु ताज़ महल की याद म बनवाया था। यह एक उदय् ान के बीच म है तथा चादँ नी रात म बहुत संदु र िदखाई दते ा ह।ै 1. आबाद = बसा हुआ populated, to develop 2. सपना 3. डगर = व न, dream 4. छू ना 5. नक्काशी = रा ता, path, track 6. धरोहर 7. मीनार = आसमान, to touch, to feel 8. बेिमसाल 9. मज़बूत = बनावट, engraving, designing 10. मानवता = छोड़ी हुई सपं ि , trust = गंबु द, tower, minaret = िजसका अ य उदाहरण न हो, unparalleled, unique =ढ़ strong = मनु यता, humanity, mankind 81
'चारमीनार' शीषक्र किवता म हदै राबाद म ि थत चारमीनार की िवशषे ता बताई गई ह।ै हदै राबाद शहर म ि थत चारमीनार चार सौ साल से यहाँ की शोभा बढ़ा रहा ह।ै सलु तान कु ली कु तबु शाह ने सन् 1591 म चारमीनार बनवाया था। सलु तान कु ली कु तबु शाह ने अपने सपन के नगर के प म एक सु दर शहर बनाया था। िजसका नाम हदै राबाद रखा गया। यहाँ की हर डगर, हर रा ता, प्र यके इमारत बहुत सु दर और आकषकर् ह। किवता म कहा गया है िक चारमीनार की मीनार बहुत ऊँ ची ह।ै ऐसा लगता है जसै े वे आसमान को छू रही ह । िमट्टी की बनी इसकी दीवार बहुत मज़बतू ह। इस पर जो नक्काशी का कायर् िकया गया ह,ै वह बहुत ही बेिमसाल और अद् भतु ह।ै चारमीनार चार सौ साल से हदै राबाद की शोभा बढ़ा रहा ह।ै चारमीनार के वल एक मारक ही नहीं ह,ै यह हम मानवता का सदं शे भी दते ा ह।ै इसकी जो चार चार कोन पर जो चार मीनार ह, ये एकता का प्रतीक ह। ये चार मीनार िह द,ू मिु लम, िसख, ईसाई की एकता को दशात्र ी ह। धािमकर् सिह णतु ा की िशक्षा दते ी ह। नीचे िदए गये प्र के उ र िलिखए। 1. हैदराबाद के बारे म बताओ। उ. हदै राबाद चार सौ साल परु ाना शहर ह।ै इस शहर के प्रिसद्ध थान गोलक डा, चारमीनार, सालारजंग सगं ्रहालय, िचिड़याघर, िबलार् मिं दर, नक्षत्रशाला, टकबंड, मसू ीनदी, गिं डपटे जलाशय, हाईटेक-िसटी, शमशाबाद हवाई अड्डा, उ च यायालय, प्रकृ ित आ म् , िविवध उ च तरीय िचिक सालय, िविवध िव िवद्यालय, िविवध उदय् ोग आिद ह। यह नव िनिम्रत तेलंगाना की राजधानी ह।ै हदै राबाद और िसकं दराबाद को जड़ु वां-नगर कहते ह। 2. चारमीनार इमारत के बारे म तुम क्या जानते हो? उ. चारमीनार चार सौ साल परु ानी इमारत ह।ै इसे महु मद कु ली कु तबु शाह ने सन् 1591 म बनवाया था। इस इमारत का क्षते ्रफल 20x20 वगार्कार म ह।ै इसके चार कोन पर चार मीनार ह। इन मीनार की ऊँ चाई 56 मीटर ह।ै इन मीनार की चार-चार मिं जल ह िज ह चढ़ने के िलए 149 सीिढयाँ ह। इन मीनार पर चढ़ कर दखे ने से सारा शहर िदखाई दते ा ह।ै इसकी चार मीनार को िह द,ू मिु लम, िसख और ईसाई चार धम के चार प्रित प कह सकते ह। यह आधं ्र-प्रदशे के दय-पटल पर सशु ोिभत ह।ै अितिरक्त प्र 1. हदै राबाद म और कौनसी जगह घमू ने योग्य ह?ै 2. हदै राबाद म आपको और कौनसी जगह बहुत पसंद ह?ै उसके बारे म बताइए। 3. हदै राबाद के एक और ऐितहािसक थान का नाम बताए।ँ 82
(अ) नीचे दी गयी पिं क्तयाँ पढ़ो। उनसे जुड़ी किवता की पिं क्तयाँ सनु ाओ। दी गई पंिक्तयाँ उनसे जुड़ी किवता की पंिक्तयाँ - कु ली कु तबु शाह ने चारमीनार का िनमा्रण करवाया - िजसने चारमीनार बनवाया। सबको मानवता का पाठ पढ़ाया। मानवता का पाठ पढ़ाया। - चारमीनार की मीनार बहतु ऊँ ची ह,ै - आसमान को छू ती मीनार इसकी दीवार िमट्टी से बनी है िमट्टी की मज़बतू दीवार। और बहुत मज़बूत ह। - चारमीनार के िनमारण् के चार सौ-वषर् हो चकु े ह, - इसकी उम्र चार सौ साल, िक तु आज भी ऐसी सदंु र नक्काशी कहीं - इसकी नक्काशी बेिमसाल। और नहीं िमलती। अितिरक्त प्र 1. आसमान को छू ती मीनार, िमट्टी की मज़बतू दीवार। इसकी नक्काशी बेिमसाल, इसकी उम्र चार सौ साल। - िन न पंिक्तय से तीन प्र बनाइए। 2. इन प्र के उ र अपने सहपािठय से पिू छए। 3. मानवता का पाठ पढ़ाया। - इस पंक्ती म प्र यय श द ढूँिढय।े अ यापन सकं े त - सनु ो-बोलो, पढ़ो म िदए गए अितिरक्त प्र के वल छात्र के वाचन कौशल के िवकास हते ु िदए गए ह। छात्र से िन न प्र पछू , उ र की सराहना कर। छात्र को किवता का मलू भाव समझाए।ँ किवता-वाचन के िलए प्रेिरत कर। अिभ यिक्त सजृ ना मकता (अ) चारमीनार के बारे म पाँच वाक्य िलखो? उ. चार सौ वष्र पहले कु तबु शाही वशं के राजा कु ली-कु तबु शाह ने चारमीनार का िनमा्रण करवाया। इस इमारत का क्षते ्रफल 20x20 वगारक् ार म ह।ै इसके चार कोन पर चार मीनार ह। इसकी ऊँ चाई 56 मीटर ह।ै इन मीनार की चार-चार मिं जल ह िज ह चढ़ने के िलए 149 सीिढ़याँ ह। इसकी दीवार िमट्टी से बनी है और मज़बतू ह।ै आज भी ऐसी संदु र नक्काशी कहीं नहीं िमलती। 83
(आ) प्राचीन काल म राजाओं ने कई ऐितहािसक इमारत का िनमार्ण िकया। कु छ इमारत और राजाओं के नाम िलखो? उ. इमारत राजा उदाः ताजमहल शाहजहाँ १. कु तबु मीनार कु तबु दु द् ीन २. लालिकला शाहजहाँ ३. बलु दं दरवाज़ा अकबर ४. चारमीनार कु ली कु तबु शाह ऐसी ऐितहािसक इमारत हमारे दशे की धरोहर ह।ै भाषा की बात अ) िनदश्ेर के अनुसार िलखो। 1. एक नया शहर आबाद िकया। (रेखांिकत श द का िवलोम श द िलखकर वाक्य िफर से िलखो।) उ. एक पुराना शहर आबाद िकया। 2. इसकी चार मीनार ह। (रेखांिकत श द के थान पर ‘’एक’’ िलखकर वाक्य िफर से िलखो।) उ. इसकी एक मीनार ह।ै 3. आसमान को छू ती मीनार। (रेखांिकत श द का पयार्यवाची श द िलखकर वाक्य िफर से िलखो।) उ. गगन, नभ को छू ती मीनार। अ) समझो और पढ़ो। मीनार - मीनार दीवार - दीवार 84
1. चारमीनार का वणर्न करते हुए िमत्र को पत्र िलखो। उ. थान------------ िदनाकं ......... िप्रय मदन, म यहाँ कु शल हूँ और आशा करता हूँ िक आप भी वहाँ कु शल मंगल ह ग।े िपछले महीने मअपने माता-िपताके साथ हदै राबाद गया था। मनै े वहाँ चारमीनार दखे ा। म इस पत्र म चारमीनार का वणन्र कर रहा हू।ँ चारमीनार चार सौ साल परु ानी इमारत ह।ै कु ली कु तबु शाह इसके िनमातर् ा थ।े इसकी मीनार बहुत ऊँ ची ह। इसकी दीवार िमट्टी से बनी ह और बहतु मज़बूत ह। इसकी नक्काशी संदु र ह।ै इसकी चार मीनार को िह द,ू मिु लम, िसख और ईसाई चार धम का प्रित प कह सकते ह। यह तले ंगाना के दय-पटल पर सशु ोिभत ह।ै यिद तु ह भी समय िमले तो तमु भी हदै राबाद जाना। तु हारे माता-िपता को मेरा नम कार। तु हारा िप्रय िमत्र, नामः.............. पताः नाम............... म.न. –------- गली----------- शहर----------। क्या म ये कर सकता हू/ँ सकती हूँ हाँ () नहीं ( × ) 1. किवता के बारे म बातचीत कर सकता हू।ँ 2. किवता का साराशं अपने श द म बता सकता हू।ँ 3. किवता के श द से वाक्य बना सकता हू।ँ ुतलेख 85
अितिरक्त काय्र प्र ो र 1. किवता की पंिक्तय को सही क्रम दीिजए। िमट्टी की मज़बूत दीवार। आसमान को छू ती मीनार, इसकी उम्र चार सौ साल। इसकी नक्काशी बेिमसाल, उ. आसमान को छू ती मीनार, िमट्टी की मज़बतू दीवार। इसकी नक्काशी बेिमसाल, इसकी उम्र चार सौ साल। 2. चारमीनार कहाँ है। इसका िनमा्रण िकसने िकया? उ. चारमीनार हदै राबाद म ि थत ह।ै इसका िनमाण्र सलु तान कु तबु शाह ने 400 साल पहले करवाया था। यह इ लािमक थाप य कला म िनिम्तर सु दर और ऐितहािसक इमारत ह।ै 3. कु छ ऐितहािसक इमारत के नाम िलिखए। उ. ऐितहािसक इमारत हमारे दशे की शोभा बढ़ाती ह। दशे और िवदशे ी पय्टर क को भी ये बहुत आकिषत्र करती ह। इनकी िनमार्ण शैली, कला, िवशेषता, बनावट सभी अद् भतु और अवणन्र ीय होते ह। कु छ ऐितहािसक इमारत के नाम - हदै राबाद का चारमीनार, आगरा का ताजमहल, हदै राबाद का गोलको डा, िद ली का कु तबु मीनार, िद ली की जामा मि जद, फतहे परु िसकरी आगरा से 23 मील दरू आिद। संवाद लेखन सवं ाद की पिरभाषा - दो या दो से अिधक यिक्तय के बीच हुए वाताल्र ाप को ‘संवाद’ कहते ह। संवाद की िवशेषताएँ लेखन - 1. सवं ाद म प्रवाह, क्रमबद्धता और तक्र स मत िवचार होने चािहए। 2. सवं ाद दशे , काल, यिक्त और िवषय के अनकु ू ल होना चािहए। 3. सवं ाद की भाषा सरल होनी चािहए। 4. सवं ाद छोटे, प और आकषक्र होने चािहए। 5. सवं ाद सजीव, रोचक और मनोरंजक होने चािहए। जैसे - प्रदूषण को लेकर दो िमत्र के बीच सवं ाद हो रहा है- बरखा - अरे, िनिध तु हारी तबीयत कै सी है अब? िनिध - ऐसे तो ठीक ह।ै लेिकन घर के बाहर िनकलने पर प्रदषू ण से िफर तबीयत खराब हो जाती ह।ै बरखा - आजकल प्रदषू ण के कारण सभी के वा य पर बरु ा प्रभाव पड़ रहा ह।ै िनिध - इस बढ़ते प्रदषू ण को रोकने के िलए हम कु छ तो कदम उठाने ही ह गे। बरखा - समाज से इस प्रदषू ण नामक बीमारी को हटाने के िलए हमम से ही िकसी को शु आत करनी होगी। िनिध - क्य न हम ही ये शु आत कर। 86
बरखा - कै स?े क्या तु हारे पास कोई योजना ह?ै िनिध - सबसे पहले हम अपने घर और पड़ोस से ही शु आत करग।े हम सभी को वाहन का उपयोग आव यकतानसु ार ही करने के िलए प्रेिरत करग।े इस प्रकार वायु प्रदषू ण कम होगा। बरखा - हा।ँ तज़े आवाज़ को कम करने के िलए प्रो सािहत करके हम विन प्रदषू ण रोक सकते ह। िनिध - पानी म कचरा न फक कर हम जल प्रदषू ण पर रोक लगा सकते ह। बरखा - इसी तरह करत-े करते हम दखे कर और लोग भी प्रेिरत ह गे और हमारी इस ंखृ ला से जड़ु जाएगँ ।े िनिध - समाज जागतृ होगा तो अपने आप ही पयावर् रण व छ हो जाएगा। बरखा - िनिध - चलो िफर नके काम म दरे ी क्य ? चलो चलते ह। याकरण प्र यय कृ त प्र यय िक्रया या धातु के अंत म लगकर सजं ्ञा और जो श द ंाश िकसी श द ेक ंअत म जुड़कर उन ेक अ र्थ म पिरव ्रतन ला दे ेत ह, ेव प्र यय कहला ेत िवशषे ण श द की रचना करने वाले प्र यय कृ त प्र यय कहलाते ह और उसके मेल से बने श द ह। प्र यय ेक दो भेद ह। कृ दतं कहलाते ह। िलख धातु के पीछे आई प्र यय लगाने पर नया श द िलखाई बना। इसी प्रकार उड़ + आन = उड़ान, चमक + ईला = चमकीला श द बने ह। तिद्धत प्र यय िहदं ी तद्भव श द के अंत म िजन श दांश को लगाकर सजं ्ञा और िवशषे ण बनाए जाते ह, उ ह तिद्धत प्र यय कहते ह। चाचा (संज्ञा) + एरा (प्र यय) = चचेरा वीर (िवशेषण) + ता (प्र यय) = वीरता घर (सजं ्ञा) + एलू (प्र यय) = घरेलू छाता (संज्ञा) + री (प्र यय) = छतरी 87
प्र यय कृ त प्र यय – भलू ा , जागा तिद्धत प्र यय – बंगाली, अमीरी 1. आ - िलखाई, लड़ाई 1. ई - बरु ाई, िमठाई 2. आई - िलखावट, सजावट 2. आई - धािमर्क, सामािजक 3. आवट - घबराहट,िच लाहट 3. इक - रंगीन, नमकीन 4. आहट - िमलन, मनन 4. ईन - अपनापन, लड़कपन 5. अन - 5. पन - मोटापा, बढ़ु ापा चलता, बहता 6. पा - मानवता, िमत्रता 6. ता - लेनदार, चमकदार 7. ता - 7. दार - 88
अ यास काय्र (Work Book) पिठत पद्यांश िन न पद्यांश को पढ़कर प्र के उ र िलिखए। एक शहर िकया आबाद, जो कहलाया हदै राबाद। कु ली के सपन का नगर, सदंु र यहाँ की हर डगर। आसमान को छू ती मीनार, िमट्टी की मज़बतू दीवार, इसकी नक्काशी बेिमसाल, इसकी उम्र चार सौ साल। प्र ः 1. िकस शहर को आबाद िकया गया? उ. 2. यहाँ की हर डगर कै सी ह?ै उ. 3. यहाँ की मीनार कै सी ह? उ. 4. चार मीनार की उम्र िकतनी ह?ै उ. 5. िन न िलिखत श द के अथर् िलखकर वाक्य बनाए।ँ उ. 89
प्र ो र िन न प्र के उ र िलिखए। 1. चारमीनार किवता का साराशं अपने श द म िलिखए। 2. चारमीनार की क्या िवशषे ता ह?ै सवं ाद लेखन अ यास – िकसी ऐितहािसक इमारत की सु दरता का वणनर् करते हुए दो िमत्र का सवं ाद िलिखए। याकरण 1. िन न रेखांिकत श द से प्र यय अलग करके िलिखए। 1. चार मीनार ने हम मानवता का पाठ पढ़ाया ह।ै उ. 2. मझु े आपके घर आने म कोई किठनाई नहीं हुई। उ. 3. आज बहतु गरमी ह।ै उ. 2. िन न श द म प्र यय लगाकर नए श द बनाकर िलिखए। 1. बरु ा - 2. अ छा - 3. महान - 4. िलखा - 5. दयाल - 6. जवान - 3. िन न प्र यय के सयं ोग से नए श द बनाकर िलिखए। 1. आवट - 2. ई - 3. ता - 4. इक - 5. ईय - 6. हारा - 90
2. शहर × 4. संदु र × 4. िन न श द के िवलोमाथ्र िलिखए। 6. मानवता × 1. आबाद × 3. आसमान × 5. मजबूत × 5. िन न वाक्य म िवशेषण श द रेखांिकत कीिजए। 1. रमण ने मझु े परु ाना िखलौना िदया। 2. चारमीनार हमारी प्राचीन इमारत ह।ै 3. चारमीनार म चार मीनार ह। 6. िन न श द के वचन बदलकर िलिखए। 1. मीनार - 2. दीवार - 3. सपना - 4. किवता - 5. रानी - 6. इमारत - 7. िन निलिखत श द को वाक्य म प्रयोग कीिजए। 1. आबाद - 2. चारमीनार - 3. बेिमसाल - 8. िन न श द के पया्रयवाची श द िलिखए। 1. आसमान - 2. उम्र - 3. बेिमसाल - 4. संदु र - 5. डगर - 6. राजा - 91
2 राजा - 4. दो त - 9. िन न श द के िलंग बदलकर िलिखए। 6. नर - 1. भाई - 3. लड़का - 5. िपता - 10. िन न श द के उपसगर् पहचानकर िलिखए। 1. बेिमसाल - 4. लापता - 5. नासमझ - 2. अकाल - 6. अनजान - 3. असु दरता - 11. िन न वाक्य के काल पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. कु ली के सपन का नगर हदै राबाद ह।ै ( ) अ) वत्मर ान काल आ) भतू काल इ) भिव यत काल ) ) 2. चारमीनार की नक्काशी बेिमसाल थी। ( इ) भिव यत काल ) अ) भतू काल आ) वतम्र ान काल ) ( ) 3. वह मानवता का पाठ पढ़ाता ह।ै इ) भतू काल ) अ) भिव यत काल आ) वतम्र ान काल ) ) 12. िन न वाक्य म सजं ्ञा श द पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. मन चारमीनार दखे ा ह।ै ( ई) चारमीनार अ) दखे ा आ) है इ) मन ( 2. सभी धमर् के लोग रहते ह। ई) सभी अ) धमर् आ) सभी इ) रहते ( ई) था 3. हदै राबाद शहर आबाद हुआ था। अ) हुआ आ) हदै राबाद इ) आबाद 13. िन न श द के समान विन वाले श द पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. नगर ( रावन अ) डगर आ) दामन इ) गमन ई) ( 2. बनवाया लाना अ) तोड़ना आ) पढ़ाया इ) िलखना ई) ( िकवाड़ 3. मीनार अ) चारमीनार आ) दीवार इ) दीवार ई) 92
14. िन न श द म प्र यय पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. मानवता ( ) ई) वता ) अ) आ आ) त इ) ता ) ( 2. िमलावट ई) अट अ) आवट आ) वट इ) ट ( ई) आलु 3. दयालु आ) उ अ) लु इ) ऊ 15. िन न श द म उपसगर् पहचानकर को क म सही उ र िलिखए। 1. अपमान ( ) ई) आप् ) अ) अ आ) आ इ) अप ) ( 2. प्रयोग ई) पर अ) प्र आ) प्र इ) प ( 3. अमर ई) मर अ) अ आ) आ इ) अम ऐितहािसक इमारत हमारे देश की धरीहर ह। 93
इकाई-3 8. हमारे यौहार अथ्रग्रा ता प्रितिक्रया प्र : 1. िचत्र म क्या िदखायी दे रहा है? उ. िचत्र म बतकु मा-पव्र मनाती हुई औरत और लड़िकयाँ िदखायी दे रही ह। बीच म सजी हुई बतकु मा है तथा उसके चार ओर औरत तथा लड़िकयाँ ह। 2. कु छ यौहार के नाम बताओ। उ. बतकु मा, अट्लातदद् ी, बोनाल,ु तीज आिद लोक यौहार ह। 3. ि याँ क्या गा रही ह गी? उ. ि याँ बतकु मा से स बि धत गाना गा रही ह गी। 1. यौहार = पव,्र festival(s) लोक-पवर,् folk festival(s) 2. लोक यौहार = समहू सबं ंधी Collective अलकं ृ त करना to decorate 3. सामिू हक = गोल घमू ना, to revolve िहना, myrtle 4. सजाना = खास कर, particularly virgin 5. घमू ना = अिववािहत, folk songs सामा य जनता के गीत, elegance, beauty 6. महे दं ी = संदु रता, 7. िवशषे कर = 8. कंु वारी = 9. लोकगीत = 10. शोभा = 94
11. और-बढ़ना = और अिधक बढ़ना, to increase more 12. महे दं ी रचना = हाथ म महदी लगाना, to decorate the palms and feet with myrtle leaves by grinding them 13. िवसजनर् करना = पानी म बहाना, to bid farewell, to abandon 'हमारे यौहार' पाठ संवाद िवधा म िलखा गया ह।ै इसम शारदा और रशीदा दो सहिे लयाँ दशहरे की छु िट्टय के बाद िमलती ह।ै वे आपस म दशहरे के यौहार के बारे म बात कर रही ह। भारत िविभ न धमार्वलिं बय का दशे ह।ै सभी धमर् अपनी-अपनी स यतानसु ार रीित-िरवाज़ का पालन करते ह, यौहार मनाते ह। दशहरे की छु िट्टय के बाद िमली सहिे लयाँ शारदा और रशीदा आपस म बातचीत कर रही ह। रशीदा, शारदा से पछू ती है िक,‘यह दशहरे का यौहार कहा-ँ कहाँ मनाया जाता ह? गौरी पजू ा िकस यौहार के प म मनाते ह? शारदा बताती है िक,‘दशहरे का यौहार परू े दशे म मनाया जाता ह।ै इन िदन हर जगह गौरी-पजू ा की जाती ह।ै हमारे यहाँ गौरी-पजू ा के प म बतकु मा, अट्ला त ी जसै े यौहार मनाते ह।’ बतकु मा के िदन तरह-तरह के फू ल से सजी हुई सदंु र बतकु मा बनाई जाती ह।ै मिहलाएँ और लड़िकयाँ सामिू हक प से गीत गाती हुई बतकु मा के चार ओर घमू ती ह। बतकु मा को गौरी माँ का प मानते ह। रशीदा पनु ः प्र करती ह,ै गौरी-पजू ा के प म और कौन सा यौहर मनाते ह? इस िदन क्या िकया जाता ह?ै शारदा बताती है िक, ‘अट्ला त ी भी गौरी-पजू ा का ही यौहार ह।ै इसे महे दं ी या झलू े का यौहार भी कहते ह। यह दशहरे के बाद मनाया जाता ह।ै इस िदन कँु वारी लड़िकयाँ और मिहलाएँ बगीच म जाती ह। वहाँ अट्टलु (दोसा) बनाकर खाती ह, झलू ा झलू ती ह, शाम को गौरी माँ का पजू न कर सबु ह िवसिजतर् करती ह। इन लोक-उ सव और लोक गीत से ही भारत दशे की शोभा बढ़ती ह।ै कहकर रशीदा ने शारदा की बात का समथर्न िकया। नीचे िदये गये प्र के उ र िलिखए। 1. यौहार क्य मनाते ह? उ. हम प्रितिदन एक जैसी िदनचयार् िबताते ह इससे जीवन म नीरसता आ जाती ह।ै उसे दरू करने के िलए तथा जीवन म नई फू ित,्र शिक्त चते ना और उमगं भरने के िलए हम यौहार मनाते ह। 2. मिहलाओं व लड़िकय द्वारा मनाये जाने वाले कु छ िवशेष यौहार के नाम बताओ। उ. बतकु मा, अट्ला तदद् ी, बोनाल,ु नाग चिवती, तीज, करवा चौथ आिद मिहलाओं व लड़िकय द्वारा मनाए जाने वाले िवशषे यौहार ह। अितिरक्त प्र 1. आपका मनपसदं यौहार कौनसा ह?ै 2. आप उसे िकस तरह मनाते ह? उस िदन क्या िवशषे करते ह? 3. तले ंगाना की एक और िवशेष यौहार का नाम बताइए। 95
(अ) िकसने कहा। 1. वाह, बहुत अ छा गीत ह।ै - रशीदा ने कहा। 2. हा-ँ हाँ क्य नहीं। लो सनु ो। - शारदा ने कहा। 3. हमारे पड़ोस म बतकु मा खले ते ह। - रशीदा ने कहा। अितिरक्त प्र 1. िदए गए श द के अथर् िलखकर वाक्य बनाइए। पजू ा, यौहार, सामिू हक, पड़ोस, सदंु र 2. मिहलाएँ और लड़िकयाँ सामिू हक प से गीत गाती हुई बतकु मा के चार ओर घमू ती ह। बतकु मा को गौरी माँ का प मानती ह। – इस वाक्य मे ि िलंग पहचािनए। 3. पाठ मे िद्व वाक्षर वाले श द िलिखए। अ यापन सकं े त - सनु ो-बोलो, पढ़ो म िदए गए अितिरक्त प्र के वल छात्र के वाचन कौशल के िवकास हते ु िदए गए ह। छात्र से िन न प्र पछू , उ र की सराहना कर। छात्र को यौहार की िवशषे ता से अवगत कराए।ँ अिभ यिक्त सजृ ना मकता 1. बतुक मा उ सव कै से मनाया जाता है? उ. बतकु मा यौहार पर बतकु मा को िविवध फू ल से सजाते ह। बतकु मा को गौरी-माँ का प मानते ह। मिहलाएँ और लड़िकयाँ सामिू हक प से िविवध गीत गाते हएु बतकु मा के चार ओर घमू ती ह। ‘‘बतकु मा बतकु मा उ यालो, बंगा बतकु मा उ यालो...’’ गाना गाते ह। भाषा की बात अ. वग्र पहेली म से यौहार के नाम चुनकर िलखो। दी वा ली प र म प रा न ग जा न हो िक्र च त ल स ली ओ स प गा त ण म सं क्रां ित म उ. दीपावली, सकं ्रािं त, रमजान, होली, िक्रसमस, ओणम 96
(अ) नीचे िदये गये वाक्य और िचत्र यान से देखो। मै खले ता हू।ँ हम खले ते ह। यह खले ता ह।ै ये खले ते ह। वह खले ता ह।ै वे खले ते ह। ऊपर िदये गये वाक्य म रेखािं कत श द सवर्नाम कहलाते ह। सव्रनामः संज्ञा के थान पर आने वाले श द को ‘सवरन् ाम’ कहते ह। जसै ःे म, त,ू तमु , आप, यह, वह, ये, वे, आप, हम आिद। वह, वे मै, हम यह, ये सव्र नाम आप त,ू तुम 1. अपने मनपसंद िकसी यौहार की शुभकामनाएँ दते े हुए छोटा सा (SMS) बनाइए। उ. दीपावली की हािदकर् शभु कामनाए।ँ माता ल मी की कृ पा सदा आप तथा आपके पिरवार पर बनी रह।े 97
लोक उ सव गीत इकट्ठा करो। चाट्र पर िचपकाओ। कक्षा म सनु ाओ। जैसे : बतकु मा बतकु मा उ यालो, बंगा गौर मा उ यालो। मा ऊ कोि चदं ी उ यालो, मा इिं टकोि चदं ी उ यालो।। उ. छात्र वयं करग।े क्या म ये कर सकता हू/ँ सकती हूँ हाँ ( ) नहीं ( × ) 1. पाठ का बारे म बातचीत कर सकता हू।ँ 2. पाठ का साराशं अपने श द म बता सकता हू।ँ 3. पाठ के श द से वाक्य बना सकता हू।ँ ुतलेख 98
अितिरक्त कायर् प्र ो र 1. हमारे जीवन म यौहार का क्या मह व है? उ. हमारे जीवन म यौहार का बहुत मह व ह।ै समय-समय पर िविभ न धम और सं कृ ितय द्वारा मनाए जाने वाले यौहार ही भारत दशे की शोभा बढ़ाते ह। िभ न-िभ न लोक उ सव और लोक गीत का अपना मह व व अथ्र होता ह।ै यही यौहार हम अपने धमर् और सं कृ ित से जोड़कर रखते ह। 2. गौरी पूजा के प म और कौनसा यौहार मनाते ह? उ. दशहरे के यौहार के िदन म हर जगह पजू ा की जाती ह।ै गौरी-पजू ा के प म बतकु मा और अट्ला तदद् ी जसै े यौहार मनाए जाते ह। बतकु मा को गौरी माँ का प मानकर, सदंु र फू ल से बतकु मा सजाकर, मिहलाएँ और लड़िकयाँ समिू हक प से बतकु मा के चार ओर घमू कर गीत गाती ह। दशहरे के बाद अट्ला तदद् ी का यौहार मनाते ह। यह महे दं ी या झलू े का यौहार ह।ै यह भी गौरी पजू ा का ही यौहार ह।ै 3. यौहार के समय मिहलाएँ और लड़िकयाँ क्या करती ह? उ. बतकु मा के िदन तरह-तरह के फू ल से सजी हुई सदंु र बतकु मा बनाई जाती ह।ै मिहलाएँ और लड़िकयाँ सामिू हक प से गीत गाती हुई बतकु मा के चार ओर घमू ती ह। बतकु मा को गौरी माँ का प मानते ह। अट्ला त ी भी गौरी-पजू ा का ही यौहार ह।ै इसे महे दं ी या झलू े का यौहार भी कहते ह। यह दशहरे के बाद मनाया जाता ह।ै इस िदन कँु वारी लड़िकयाँ और मिहलाएँ बगीच म जाती ह। वहाँ अट्टलु (दोसा) बनाकर खाती ह, झलू ा झलू ती ह, शाम को गौरी माँ का पजू न कर सबु ह िवसजन्र करती ह। िनबंध लेखन वतंत्रता िदवस गो वामी तलु सीदास ने कहा है – पराधीन सपनेहुँ सखु नाँहीं। पराधीनता म व न म भी सखु नहीं ह।ै वततं ्रता तो पशु – पिक्षय को भी िप्रय होती ह।ै जब कोई रा ट्र परतंत्र हो जाता है तो उसके िनवािसय के िलए परततं ्रता अिभशाप बन जाती ह।ै भारत जैसा महान् रा ट्र भी सकै ड़ वषर् तक पराधीन रहा और आपसी फू ट के कारण पराधीनता के अिभशाप को सहन करता रहा। दशे वािसय की एकता और शिक्त के कारण भारत 15 अग त 1947 को पराधीनता से मकु ्त हुआ। यह िदवस भारत म वततं ्रता िदवस के प म मनाया जाता ह।ै वतंत्रता िदवस भारतवष्र का रा ट्रीय पव्र ह।ै सभी रा य की राजधािनय एवं महानगर म इस िदवस पर िवशषे आयोजन होते ह। सभी रा य सरकार इस िदन रा य के िनवािसय के िलए क याणकारी योजनाओंकी घोषणा करती ह। इस िदन दशे म सभी जगह रा ट्रीय वज फहराया जाता ह।ै सरकारी भवन को सजाया जाता ह।ै इस समारोह म दशे के सभी लोग सि मिलत होते ह। भारत के बाहर रहने वाले भारतीय भी इस िदवस को िवदशे म रहकर मनाते ह। इस प्रकार वततं ्रता िदवस हमारा मह वपणू र् रा ट्रीय पवर् ह।ै 99
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