Important Announcement
PubHTML5 Scheduled Server Maintenance on (GMT) Sunday, June 26th, 2:00 am - 8:00 am.
PubHTML5 site will be inoperative during the times indicated!

Home Explore 202110259-TRIUMPH-STUDENT-WORKBOOK-HINDI_SL-G08-FY

202110259-TRIUMPH-STUDENT-WORKBOOK-HINDI_SL-G08-FY

Published by CLASSKLAP, 2020-04-15 08:32:55

Description: 202110259-TRIUMPH-STUDENT-WORKBOOK-HINDI_SL-G08-FY

Search

Read the Text Version

चिया चिया चजससे चकसी काम का करना या होना पाया जाए उसे चिया कहते ह।ैं उदाहरण-पढ़ता ह,ै चलखता है आचद। चिया का मलू रूप धातु कहलाता ह।ै जसै -े चलख, पढ़, जा, खा, गा, रो, पा आचद। अकमथक चिया िकमथक चिया चिकमथक चिया चजन चियाओं का फल कताा पर पडे, चजन चियाओं का फल कमा पर चजन चियाओं के दो कमा वे अकमका चिया कहलाती ह।ंै गौरव पडता ह,ै वे सकमका चिया होते ह,ैं वे चद्वकमका कहलाती ह।ैं चियाएँ कहलाती ह।ैं रोता ह।ै उिाहरणः अचनल दौडता ह।ै उिाहरणः अचनल दौड उिाहरणः मनैं े श्याम को बच्िा सोता ह।ै दौडता ह।ै पसु ्तक दी। माँ बच्िे को सलु ाती ह।ै सीता ने राधा को रुपये चदए। 114

अभ्याि कायथ (Work Book) पचठत गद्ांश चनम्न पचठत गद्ांश पढकर चवकल्प िे िही उत्तर का ियन कीचजए। कहानीकार एक अच्छी कहानी चलखता ह।ै चनमााता उस कहानी को खरीदता ह।ै चनमााता मझु े बनाने से लेकर चसनमे ाघरों तक पहिुँ ाने वाला महत्वपणू ा व्यचक्त ह।ै चनमााता अपने इस काम को परू ा करवाने के चलए चनदशे क की सहायता लते ा ह।ै प्रश्न: 1. अच्छी कहानी कौन चलखता ह?ै () अ) कहानीकार आ) चनदशे क इ) चनमाता ा ई) दशका 2. गद्ाशं में वक्ता कौन ह?ै () अ) चनदशे क आ) चसनमे ा इ) दशका ई) कहानीकार 3. चसनमे ा में महत्वपणू ा व्यचक्त कौन ह?ै () अ) चनमााता आ) अचभनते ा इ) अचभनेत्री ई) सभी 4. चनमाता ा क्या काम करता ह?ै () अ) चसनेमा बनाना आ) अचभनय करना इ) गीत बनाना ई) चसनेमा को चसनेमाघर तक पहिुँ ाता ह।ै 5. कहानी शब्द का विन बदचलए। () अ) कहाचनयाँ आ) कहाचनयों इ) कहानीयाँ ई) कहानी प्रश्नोत्तर चनम्न प्रश्नों के उत्तर चलचखए। 1. चसनमे ा में कै से भाव दखे ने को चमलते हैं? 2. ‘मैं चसनेमा हू’ँ पाठ में चसनेमा ने अपने भचवष्य को उज्जवल करने का िये चकसे चदया है और क्यों? चनबंध-लेखन प्र. कृ चत्रम उपग्रह िहायक होते हैं – चवषय पर चनबंध चलचखए। व्याकरण 1. चनम्न वाक्यों में अकमथक तर्ा िकमथक चिया पहिानकर चलचखए। 1. नीरजा पसु ्तक पढ़ रही ह।ै - 2. सनु ील दौड रहा ह।ै - 3. अनु हसँ रही ह।ै - 115

2. नीिे िकमथक, अकमथक तर्ा चिकमथक चिया के िो-िो उिाहरण चलचखए। 1. सकमका चिया - 2. अकमका चिया - 3. चद्वकमका चिया - 3. नीिे चिए गए चिया शब्िों िे वाक्य बनाकर भेि का नाम चलचखए। (चलखता है, िजीव बनाना, बोलना) 1. 2. 3. 4. चनम्न रेखांचकत शब्िों के चवलोम शब्ि चलखकर वाक्यों मंे प्रयोग कीचजए। 1. तमु ने सही बताया। - 2. मरे ा जन्म चवदशे में हुआ। - 3. मझु में हास्य ह।ै - 5. चनम्न वाक्यों के विन बिलकर वाक्य पुनः चलचखए। 1. मंै प्रोजके ्टर से िलता हू।ँ उ. 2. चनमाता ा कहानी को खरीदता ह।ै उ. 3. मरे ी अच्छाई को स्वीकार करो। उ. 6. चनम्न शब्िों के चलंग पहिानकर वाक्य चलचखए। 1. मनोरंजन – वाक्य – 116

2. मलु ाकात – वाक्य – 3. प्रशसं ा – वाक्य – 7. चनम्न वाक्यों के काल पहिानकर चलचखए। 1. मंै प्रोजके ्टर से िलता हू।ँ - 2. तमु ने सही बताया। - 3. आशा ह,ै तमु मरे ी बात मानोग।े - 8. चनम्न रेखांचकत शब्ि का िमानार्थक शब्ि चलचखए। 1. मरे ी इच्छा सबको खशु दखे ना ह।ै - 2. राजा हट्टरश्चन्र के नाम से चसनमे ा बनाया। - 3. आनचन्दत करना अच्छा लगता ह।ै - 9. चनम्न शब्िों के उपिगथ चलचखए। 1. चवदशे - 4. साकार - 2. लाजवाब - 5. सचहत - 3. हमसफर - 6. उत्कर्ा - 10. चनम्न शब्िों के पयाथयवािी शब्ि चलचखए। 1. आनदं - 4. मनषु ्य - 2. रात - 5. रास्ता - 3. मनोरंजन - 6. संसार - 11. चनम्न प्रश्नों के उत्तर को िुनकर कोष्ठक में िही उत्तर चलचखए। 1. चसनेमा का जन्म कहाँ हुआ? () अ) चवदशे मंे आ) स्वदशे में इ) गाँव में ई) अ और आ 2. राजा हट्टरश्चन्र चफल्म कब बनी? () अ) 1913 आ) 1931 इ) 1947 ई) 1813 () 3. भारतीय चसनेमा को साकार रूप दने े का िये चकन्हंे जाता है? ई) अ और इ अ) बी.आर.िोपडा आ) रमशे चसप्पी इ) दादा साहबे फाल्के 117

12. चनम्न रेखांचकत चवशेषण शब्िों के भेि पहिानकर कोष्ठक में िही उत्तर चलचखए। 1. मरे ा भचवष्य उज्ज्वल कर चदया। () () अ) गणु वािक चवशरे ्ण आ) पट्टरमाणवािक चवशरे ्ण () इ) संख्यावािक चवशरे ्ण ई) सावना ाचमक चवशरे ्ण () () 2. हज़ारों लोगों की महे नत जडु ी होती ह।ै () अ) गणु वािक चवशरे ्ण आ) पट्टरमाणवािक चवशेर्ण इ) सखं ्यावािक चवशरे ्ण ई) सावना ाचमक चवशरे ्ण 3. कु छ लोग मरे ा पाइरेटेड रूप चदखा रहे ह।ंै अ) गणु वािक चवशेर्ण आ) पट्टरमाणवािक चवशरे ्ण इ) सखं ्यावािक चवशरे ्ण ई) सावना ाचमक चवशरे ्ण 13. चनम्न रेखांचकत िवथनाम शब्िों के भेि पहिानकर कोष्ठक में िही उत्तर चलचखए। 1. तमु ने सही बताया। अ) परु ुर्वािक सवना ाम आ) चनश्चयवािक सवना ाम इ) अचनश्चयवािक सवना ाम ई) संबंधवािक सवना ाम 2. चनमाता ा अपने इस काम को परू ा करते ह।ैं अ) परु ुर्वािक सवना ाम आ) चनश्चयवािक सवना ाम इ) अचनश्चयवािक सवना ाम ई) चनजवािक सवना ाम 3. तमु ने मझु े पहिाना? अ) परु ुर्वािक सवना ाम आ) प्रश्नवािक सवना ाम इ) अचनश्चयवािक सवना ाम ई) चनजवािक सवना ाम 14. चनम्न वाक्यों मंे प्रयुक्त चवराम चिह्नों के नाम पहिानकर कोष्ठक मंे िही उत्तर चलचखए। () 1. प्यारे बच्िों! अ) चवस्मयाचदबोधक आ) प्रश्नवािक इ) चनदशे क चिह्न ई) आदशे चिह्न 2. नमस्त।े कै से हो? () अ) पणू चा वराम आ) प्रश्नवािक इ) चनदशे क चिहन् ई) अ और आ 3. सी.डी. ना तो खरीदो ना ही बिे ो। () अ) लाघव चिह्न आ) प्रश्नवािक इ) चनदशे क चिह्न ई) आदशे चिह्न 15. चनम्न रेखांचकत िजं ्ञा शब्िों के भेि पहिानकर कोष्ठक मंे िही उत्तर चलचखए। 1. भारत मंे मझु े लाने का िेय दादा साहबे फाल्के को जाता ह।ै () अ) व्यचक्तवािक सजं ्ञा आ) जाचतवािक संज्ञा इ) भाववािक सजं ्ञा ई) रव्यवािक संज्ञा 2. चनमााता कहानी को खरीदता ह।ै () अ) व्यचक्तवािक संज्ञा आ) जाचतवािक सजं ्ञा इ) भाववािक सजं ्ञा ई) रव्यवािक संज्ञा 3. मझु े भी तमु ्हंे आनचं दत करना अच्छा लगता ह।ै () अ) व्यचक्तवािक संज्ञा आ) जाचतवािक सजं ्ञा इ) भाववािक संज्ञा ई) रव्यवािक संज्ञा िौभाग्य वीर िे डरता है और कायर को डराता है। 118

अर्थग्राह्यता प्रचतचिया 1. कचवता पढकर प्रश्नों के उत्तर चवकल्पों िे िुनकर चलखो। भाईिारे का संदशे ा ले ईद मबु ारक आती। मीठी–मीठी खीर, चसवयै ाँ, सबके मन को भाती, खले –चखलौने पाते बच्िे, चिसमस के उपहार। त्यौहारों का दशे हमारा, हमको इससे प्यार।। प्रश्न- 1. भाईिारे का सदं शे कौन लाता ह?ै ( ) ) अ) ईद आ) चिसमस इ) होली ई) दीपावली ) ) 2. बच्िे उपहार कब पाते ह?ैं ( ) अ) चिसमस आ) ईद इ) दीपावली ई) रमज़ान 3. कौन-सा दशे त्यौहारों का दशे ह?ै ( अ) रूस आ) भारत इ) अमटे्टरका ई) कोई नहीं 4. उपयकाु ्त पद्ांश चकस कचवता से चलया गया ह?ै ( अ) प्यारा गाँव आ) चवदशे इ) त्यौहारों का दशे ई) कौन 5. ‘त्यौहार’ शब्द के पयाायवािी पहिाचनए। ( अ) आनंद, पवा आ) उत्सव, चदवाली इ) पव,ा उत्सव ई) सभी गलत। अचभव्यचक्त-िृजनात्मकता 2. नीिे चिये गये प्रश्नों के उत्तर चलखो। 1. ‘त्यौहारों का दशे ’ कचवता के आधार पर सावन और रक्षाबधं न के बारे मंे बताइए। 2. तेनालीराम और िीकृ ष्णदवे राय की प्रथम भटंे के बारे मंे बताइए। 3. चनम्न प्रश्नों िे चकिी एक का उत्तर चलखो। 1. कृ चत्रम उपग्रह सहायक होते हैं – चवर्य पर चनबधं चलचखए। (या) 2. चमत्र को गचमया ों की छु ट्टट्टयाँ साथ-साथ चबताने के चलए पत्र चलचखए। भाषा की बात 4. ििना के अनुिार चलखो। 1. सम्मान - (अथा चलखकर वाक्य बनाइए।) 2. 10000 - (संख्या - शब्द चलचखए।) 3. ईश्वर मंे चवश्वास करने वाला (अनके के चलए एक शब्द चलचखए।) 4. चवशरे ् (शब्द का उपसगा अलग कीचजए।) 5. मरे ी इच्छा सबको खशु दखे ना ह।ै (रेखाचं कत शब्द का समानाथाक शब्द चलचखए।) 119

120

इकाई-4 10. अनमोि रत्न तुिसीिास, रहीम अर्थग्राह्यता प्रचतचिया 1. चित्र में क्या-क्या चिखाई िे रहा है? उ. यह दृश्य किसी पाठशाला िी िक्षा िा ह।ै िक्षा मंे एि अध्याकपिा छात्र- छात्राओं िो पाठ से संबंकित िु छ समझा रही ह।ै 2. वे क्या कर रहे हंै? उ. वे किसी व्यकि िा कित्र ध्यान से दखे रहे हैं तथा सनु रहे ह।ैं 3. श्यामपट पर चिखे सवु िन से तुम क्या समझते हो? उ. इस सकू ि िा अथथ है कि अच्छी बातें बहतु ही मलू ्यवान होती ह।ैं 1. तुिसीिास - तलु सीदास भकििाल िे रामभकि शाखा िे िकव थे। इनिा जन्म सन् 1532 मंे राजापरु गावँा मंे हुआ था। इनिी मतृ ्यु सन् 1623 में िाशी मंे हुई थी। उनिे गरु ु नरहररदास थे। पत्नी रत्नावली िे किक्िारने िे िारण वे सािु बन।े अल्पायु में ही उन्होंने वदे ों और उपकनषदों िा गभं ीर अध्ययन किया था। रामिररतमानस उनिा प्रमखु ग्रंथ ह।ै उनिी भाषा ब्रज और अविी ह।ै 2. रहीम - रहीम िा परू ा नाम खानखाना अब्दलु रहीम था। उनिा जन्म सन् 1556 में लाहौर में हआु था। उनिी मतृ ्यु सन् 1626 में िाशी में हुई थी। रहीम अिबर िे दरबार िे नवरत्नों मंे से एि थे। उनिे कपता बरै मखाँा अिबर िे अकभभावि थे। रहीम अपने दोहों िे कलए प्रकसद्ध हो गये। उनिे दोहे नीकतपरि और उपदशे ात्मि होते ह।ंै रहीम िे प्रमखु ग्रथं िा नाम ‘रहीम सतसई’ ह।ै 1. अनमोल रत्न = अमलू ्य रत्न, Priceless gems  7. साहस =कहम्मत, courage  2. िाया = शरीर, body 8. सिु ृ कत=अच्छा िायथ, auspicious  3. खते =खकलहान, Field 9. भरोसा=कवश्वास, faith  4. भयो =हो गया, became 10. सत्य=सि, Truth  5. कवपकि=मसु ीबत, a calamity  11. फाटे दिू =खराब दिू , split milk  6. कवनय= प्राथथना, modesty  12. माखन=मक्खन, Butter  121

13. हीरा=अमलू ्य (िात)ु , diamond 15. बडाई=महानता, greatness 14. मोल=मलू ्य, price  16. कवविे =ज्ञान, reasoning तुिसीिास 1. तुिसी काया खेत है, मनसा भयो चकसान। पाप-पणु ्य िोऊ बीज है, बवु ै सो िनु ै चनिान।। भाव- तलु सीदास जी िे अनुसार शरीर खते िे समान है और मन किसान िे समान ह।ै पाप-पणु ्य दो बीज ह।ंै जो बोया जाता ह,ै वही उसी िो प्राप्त िरना पडता ह।ै 2. तुिसी सार्ी चवपचि, चवद्या-चवनय-चववेक। साहस, सकु ृ चत, ससु त्य व्रत, राम भरोसे एक।। भाव - तलु सीदास जी िे अनसु ार कवपकि िे समय कशक्षा, कवनय, कवविे , साहस, अच्छे िायथ और सच्िाई ही साथ दते े ह।ंै रहीम 1. चबगरी बात बनै नचह,िं िाख करो चकन कोय। रचहमन फाटे िूध को, मर्े न माखन होय।। भाव - रहीम जी िे अनसु ार जब बात कबगड जाती है तो किसी िे लाख प्रयत्न िरने पर भी बनती नहीं ह।ै कजस तरह एि बार दूि फट जाता है। 2. बडे बडाई न करैं, बडो न बोिैं बोि। रहीमन हीरा कब कहै, िाख टका मेरो मोि।। भाव - रहीम िे अनसु ार जो सिमिु बडे होते ह,ंै वे अपनी बडाई नहीं किया िरत।े बडे-बडे बोल नहीं बोला िरते। हीरा स्वयं िभी नहीं िहता कि उसिा मोल लाख टिे िा ह।ै 1. पाठ में चिए गए चित्र के बारे मंे बातिीत करो। उ. पाठ मंे अध्याकपिा छात्र-छात्राओं िो किसी कवषय िे बारे मंे गहराई से समझा रही ह।ै छात्र भी पाठ्यपसु ्ति िो दखे िर उस कवषय िो ध्यान से समझ रहे ह।ंै 2. पाठ का शीर्थक तुम्हें कै से िगा और क्यों? उ. दोहों िा शीषिथ ‘अनमोल रत्न’ मझु े सही लगा। भकििाल िी रामभकि शाखा िे िकवयों में तलु सीदास महान ह।ै इनिे दोहे भी उपदशे ात्मि ह।ै तलु सीदास और रहीम जसै े महान संत द्वारा िहे गए प्रत्यिे विन हमारा जीवन भर मागदथ शनथ िरते ह।ैं अतः वे हमारे कलए सदवै अनमोल रत्न िा ही िायथ िरते ह।ंै इस आिार पर यह शीषिथ उपयिु ह।ै 122

अचतररि प्रश्न 1. तलु सीदास और रहीम िे दोहों मंे आपिो क्या समानता या असमानता कदखाई दी? 2. इन दोहों िे अकतररि तलु सीदास या रहीम िा िोई और दोहा सनु ाइए। 3. कहन्दी िे िु छ िकवयों िे नाम बताइए, कजनिी रिनाओं ने आपिो प्रभाकवत किया हो।  अ) नीिे चिये गये वाक्यों के भाव बतिाने वािे वाक्य िोहों मंे पहिानकर उिर–पचु ततका में चिखो। 1. हमारा शरीर खेत के समान है। 2. िाख प्रयत्न करने पर भी बात नहीं बनती है। उ. तलु सी िाया खते ह।ै उ. कबगरी बात बनै नकह,ं लाख िरो किन िोय। आ) नीिे िी गयी पचिं ियों के बाि आने वािी पचंि ि चिखो। 1. तलु सी साथी कवपकि, कवद्या–कवनय–कवविे । 2. रहीमन हीरा िब िहै - लाख टिा मरे ो मोल। अचतररि प्रश्न 1. कनम्न पकं ियों िे भाव बताइए। * मनसा भयो किसान * रकहमन फाटे दिू िो, मथे न माखन होय।। 2. कनम्न दोहे िो ध्यान से पक़िए। बडे बडाई न िरंै, बडो न बोलैं बोल। रकहमन फाटे दिू िो, मथे न माखन होय।। 3. उपयथिु दोहे से 2-3 प्रश्न बनाइए। अपने सहपाठी से उिर बताने िे कलए िह।ें अध्यापन संकि े त - सनु ो-बोलो, प़िो में कदए गए अकतररि प्रश्न छात्रों िी ज्ञान वकृ द्ध हते ु कदए गए ह।ंै छात्रों िी कजज्ञासा शातं िरते हुए उनिे उिर िी सराहना िरंे। अचभव्यचि सजृ नात्मकता अ) नीिे चिये गये प्रश्नों के उिर चिखो। 1. तुिसीिास ने शरीर की खेत व मन की चकसान से तुिना क्यों की होगी? उ. तलु सीदास जी यह िहना िाहते हैं कि मन हमसे जसै ा िाम िरवाता ह,ै हमारा शरीर भी वही िाम िरता ह।ै कजस तरह किसान जो बीज बोएगा, उसे वसै ा ही फल कमलगे ा। उसी प्रिार हमारा मन शरीर से जो िमथ िरवाएगा हमंे वसै े ही पररणाम कमलंेगे। 123

2. रहीम जी के बारे में तुम क्या जानते हो? उ. रहीम िा परू ा नाम खानखाना अब्दलु रहीम था। उनिा जन्म सन् 1556 मंे लाहौर मंे हआु था। उनिी मतृ ्यु सन् 1626 मंे िाशी में हुई थी। रहीम अिबर िे दरबार िे नवरत्नों मंे से एि थे। उनिे कपता बैरमखााँ अिबर िे अकभभावि थ।े रहीम अपने दोहों िे कलए प्रकसद्ध हो गये। उनिे दोहे नीकतपरि और उपदशे ात्मि ह।ैं रहीम िे प्रमखु ग्रंथ िा नाम ‘रहीम सतसई’ ह।ै आ) ‘अनमोि रत्न’ िोहों का भाव अपने शब्िों मंे चिखो। (इस प्रश्न िा उिर िृ पया कपछले पषृ ्ठ पर दके खए।) भार्ा की बात अ) िोहे में आये कु छ शब्ि नीिे चिये गये हैं। अब इन शब्िों से एक-एक वाक्य बनाओ। खते किसान खते मंे िाम िरते ह।ैं कवपकि कवपकि िे समय ियै थ से रहना िाकहए। कवनय कवनय िे साथ कवद्या िी उन्नकत होती ह।ै दिू फटे हएु दिू से मक्खन नहीं कनिाल सिते। हीरा हीरा अपना मोल िभी नहीं िहता। आ) नीिे िी गयी पंिचि पढो। समझो। िाख टका मेरो मोि। इस पंकि में टका शब्द िा प्रयोग कवशषे अथथ िे कलए हुआ ह।ै पुराने समय मंे टिे िा बडा महत्व था। अगं ्रेजों िे समय यह भारत िी मदु ्रा थी, कजसिा मलू ्य दो आना (पसै े) था। इसी शब्द पर िई महु ावरे भी ह।ै जैसे – 1. टिा-सा महाँु लिे र रह जाना। - शकमनथ ्दा होना 2. टिे -टिे िो मोहताज होना। - गरीब होना 3. टिा पास न होना। - िन िी िमी होना अब तुम पता िगाओ चक टका को इन भार्ाओिं में क्या कहते हैं? 1. तले गु ु - टक्िा 3. िन्नड - कटक्िा 2. तकमल - टिा 4. मराठी - कटक्िा अ) पढो- समझो कनदान बवु ै - लनु ै कवविे - एि होय िरैं - िहंै बोल - मोल किसान - िोय - 124

आ) ऊपर चिये गये शब्िों मंे से चकन्हीं िो शब्िों से वाक्य प्रयोग करो। किसान - किसान गाावँ मंे रहते ह।ैं कवविे - कवविे से समय िा सदपु योग िरो। अ. पाठ में बताई गई नीचतयों के आधार पर नारे बनाओ। उ. 1. कवपकि मंे िैयथ िरो। 3. कवद्या ददाकत कवनयम। 2. अपनी िरनी और िथनी एि रख।ें 4. जसै े बोओगे, वसै ा पाओग।े अ. तुिसीिास और रहीम के िोहों का हमारे जीवन मंे क्या महत्व है? उ. तलु सीदास और रहीम िे दोहों िा हमारे जीवन मंे बहुत ही महत्वपणू थ स्थान ह।ै तलु सीदास जी ने हमें पाप और पणु ्य िा अतं र समझाते हुए िहा है कि यकद हम बरु े िाम िरंेगे तो हमंे पाप ही भगु तना पडेगा। कवद्या, कवनय, कवविे , साहस आकद हमारी कवपकि िे साथी ह।ंै इन गणु ों िो हमंे हमशे ा याद रखना िाकहए। रहीम जी िा िथन है कि एि बार बात कबगड जाती है तो कफर दबु ारा बनती नहीं। अतः हमें बात कबगडने से पहले ही उसिा समािान ढूँ़ा ि लेना िाकहए। हमें अपनी बडाई स्वयं नहीं िरनी िाकहए। अ) तुिसीिास और रहीम के अन्य िोहे ढूढँ ो। उन्हें चिखो और कक्षा में िगाओ। उ. छात्र प्रकतकिया। क्या मैं ये कर सकता ह/ँू सकती हूँ हाूँ ( ) नहीं ( × ) 1. दोहे रागयिु गा सिता ह।ँा 2. इन दोहों िा भाव बता सिता ह।ाँ 3. िकव िे बारें मंे बता और कलख सिता ह।ाँ श्रतु िेख 125

अचतररि कायथ प्रश्नोिर चनम्न चिचखत प्रश्नों के उिर िीचजए। 1. तुिसीिास और रहीम के िोहों मंे आपको क्या समानता चिखाई िेती है? उ. तलु सीदास और रहीम िे दोहे नैकतिता से पररपणू थ ह।ैं सामान्य से उदाहरणों द्वारा भी जीवन िे गहन मलू ्य िो समझाना इनिी कवशषे ता ह।ै यह नकै ति ज्ञान वतमथ ान समय मंे भी प्रासंकगि ह।ै 2. तुिसी काया खेत..............िुनै चनिान। - पचंि ियाँू परू ी कीचजए, भाव बताइए। उ. तलु सी िाया खते ह,ै मनसा भयो किसान। पाप-पणु ्य दोऊ बीज ह,ै बवु ै सो लनु ै कनदान।। भाव- तलु सीदास जी िे अनसु ार शरीर खते िे समान है और मन किसान िे समान ह।ै पाप-पणु ्य दो बीज ह।ैं जो बोया जाता ह,ै वही उसी िो प्राप्त िरना पडता ह।ै नारा-िेखन आज िे यगु में जहाँा कवज्ञापन िा बोलबाला ह,ै वहााँ नारा-लेखन िा भी अपना कवशषे महत्त्व ह।ै स्वततं ्रता सगं ्राम िे दौरान लोगों िी भावनाओं िो दशे -प्रेम से ओत-प्रोत िरने िे कलए िई नारे गजँाू े थे। जसै े – अगं ्रजे ों, भारत छोडो। तमु मझु े खनू दो, मैं तमु ्हंे आजादी दगँाू ा। स्वतंत्रता हमारा जन्मकसद्ध अकििार ह।ै प्र. पयाथवरण से जडु े 2-3 नारे कलकखए। 1. पेडों िो मत िाटो भाई, ये िरते हैं प्रािृ कति भरपाई। 2. तरक्िी िे सपने अिरू े, प्रिृ कत िी रक्षा से होंगे परू े। 3. पेड है दानी बडा महान, न होता ऐसा िोई इसं ान। 126

मुहावरे मुहावरे जब िोई वाक्याशं कनरंतर अभ्यास िे िारण कवशषे अथथ दने े लग,े तो उसे महु ावरा िहते ह।ंै मुहावरे अर्थ वाक्य अंिगारे उगिना िोि िरना बच्िों ने लालाजी िी नई िार िे शीशे तोड कदये तो लालाजी अगं ारे उगलने लग।े अंिगूठा चिखाना साफ इिं ार िरना मरे े कमत्र ने सहायता िे नाम पर अगं ठू ा कदखा कदया। अिंधे की िाठी एि मात्र सहारा श्रवण िु मार अपने माता-कपता िे कलए अिं े िी लाठी अिंधेरे घर का कजस पर आशाएँा था। उजािा कटिी हों राम दास िे तीनों पतु ्र नालायि ह।ंै मनीष उनिे अिं ेरे अक्ि पर पत्र्र बकु द्ध भ्रष्ट होना घर िा उजाला ह।ै पडना स्वाथथ कसद्ध िरना जब मसु ीबत सरपर मडं राती है तो िोई उपाय नहीं अपना उल्िू सीधा सझू ता। सब िी अक्ल पर पत्थर पड जाते ह।ैं करना स्वयं कवनाश िो आमतं ्रण दने ा सभी नेता अपना उल्लू सीिा िरने मंे लगे रहते ह।ंै अपने पाँूव पर बहुत अकिि कु ल्हाडी मारना अपने माता –कपता िे सामने झठू बोलिर तमु अपने अतं र पाँवा पर िु ल्हाडी मार रहे हो। जमीन-आसमान अकिि िोलाहल का अंितर िाकमनी और मने िा में जमीन-आसमान िा अतं र ह।ै िरना आसमान चसर पर बच्िों ने छु ट्टी िे कदन आसमान कसर पर उठा रखा ह।ै उठाना अत्यकिि कप्रय हर बेटा अपनी मााँ िे िलेजे िा टुिडा होता ह।ै किेजे का टुकडा 127

अभ्यास कायथ (Work Book) पचठत पद्यांिश चनम्न पचठत पद्यािंश पढकर चवकल्प से सही उिर का ियन कीचजए। तुिसी काया खेत है, मनसा भयो चकसान। पाप-पुण्य िोऊ बीज है, बवु ै सो िुनै चनिान। 1. तलु सीजी ने िाया िो किसिे समान माना ह?ै () () अ) िु आाँ आ) नदी इ) तालाब ई) खते () पैर () 2. किसान किसिे समान ह?ै पडे () अ) तन आ) मन इ) हाथ ई) पीठ 128 3. पाप-पणु ्य क्या ह?ै अ) फल आ) फू ल इ) बीज ई) 4. बवु ै सो लनु ै कनदान- पकं ि िा अथथ क्या ह?ै अ) जो बोएगाँ ,े वही पाएगाँ े आ) जो खरीदगंे ,े वही पाएगँा े इ) जो बेिेगं ,े वही पाएगँा े ई) सभी गलत 5. `मन’ शब्द िा पयायथ वािी क्या ह?ै अ) कदल आ) हाथ इ) पैर ई) प्रश्नोिर चनम्न प्रश्नों के उिर चिचखए। - पंकियााँ परू ी िीकजए, भाव बताइए। 1. कबगरी बात बनै ................माखन होय। 2. बडों िे बारे में रहीम ने क्या िहा ह?ै नारा-िेखन प्र. तवच्छता से सबिं िंचधत तीन नारे चिचखए। व्याकरण 1. चनम्न मुहावरों के अर्थ चिचखए। 1. पानी-पानी होना - 2. हक्िा-बक्िा रह जाना - 3. हाथ-पााँव फू ल जाना -

2. चनम्न मुहावरों को उनके अर्थ से चमिाइए। 1. खनू -पसीना एि िरना हराना 2. घोडे बिे िर सोना आश्चयथ िरना 3. छक्िे छु डाना िठोर पररश्रम िरना 4. डूबते िो कतनिे िा सहारा होना कनकश्चतं रहना 5. दाँातों तले उँागली दबाना संिटग्रस्त व्यकि िो िु छ सहायता प्राप्त होना 3. चनम्न अर्थ के मुहावरे चिखकर वाक्यों मंे प्रयोग कीचजए। 1. अकभमान होना - 2. विन िा पक्िा - 3. मखू थ - 4. चनम्न शब्िों के विन बििकर वाक्य में प्रयोग कीचजए। 1. बात - 2. हीरा - 3. खते - 5. चनम्न रेखािंचकत शब्िों के चविोम चिखकर वाक्य पनु ः चिचखए। 1. जब बात कबगड जाती ह।ै उ. 2. साहस और सि कवपकि मंे साथ दते े ह।ैं उ. 3. िोि से कवविे िा नाश होता ह।ै उ. 129

6. चनम्न शब्िों मंे उपसगथ पहिाचनये और उससे िूसरा शब्ि चिचखए। 1. आजन्म - 2. अनिु रण - 3. िु मकत - 7. चनम्न शब्िों के पयाथयवािी शब्ि चिचखए। 4. िाया - 1. किसान - 5. साथी - 2. वषाथ - 6. मोल - 3. िोि - 8. चनम्न वाक्यों मंे कारक चिह्न रेखािंचकत कीचजए। 1. तलु सीदास जी ने िहा ह।ै 2. कबगडी बात बनाने िे कलए अच्छे िमथ िरो। 3. हीरा स्वयं िो अमलू ्य नहीं िहता। 9. चनम्न शब्िों के समास चवग्रह करके नाम चिचखए। 1. कनस्संदहे - - 2. मनिाहा - - 3. पीतांबर - - 10. चनम्न रेखांिचकत सजिं ्ञा शब्िों के भेि चिचखए। 1. कवपकि िे समय सच्िाई साथ दते ी ह।ंै 2. फटे हुए दिू से मक्खन नहीं बनता। 3. हीरे िा मोल लाख टिे िा ह।ै 11. चनम्न शब्िों में उपसगथ पहिानकर कोष्ठक मंे सही उिर चिचखए। 1. कनदान ( ) ई) कनद ) अ) कन आ) न इ) दान ) ( 2. ससु गं कत ई) स अ) कत आ) सु इ) गकत ( ई) आ और इ 3. दजु नथ अ) दु आ) दःु इ) दरु ् 130

12. चनम्न शब्िों में प्रत्यय पहिानकर कोष्ठक मंे सही उिर चिचखए। 1. साथी ( ) आथी ) अ) सा आ) ई इ) थ ई) ) ( 2. सच्िाई ई ) ) अ) सि आ) िाई इ) आई ई) ( ) ि 3. मौकलि ) ( अ) इि आ) मौ इ) कलि ई) लाघवकिह्न ) 13. चनम्न रेखांिचकत शब्िों के चवराम चिह्न पहिानकर कोष्ठक में सही उिर चिचखए। ( ) अल्पकवराम 1. पाप-पणु ्य दोउ बीज ह।ै ) ( ) अ) आदशे किह्न आ) उद्धरणकिह्न इ) योजिकिह्न ई) अल्पकवराम ) 2. साहस, सिु ृ कत, ससु त्य व्रत, राम भरोसे एि।। ( अ) आदशे किह्न आ) उद्धरणकिह्न इ) योजिकिहन् ई) 3. मनसा भयो किसान। ( अ) पणू थ कवराम आ) उद्धरणकिह्न इ) योजिकिहन् ई) ( 14. चनम्न रेखािंचकत चवशेर्ण शब्िों के भेि पहिानकर कोष्ठक में सही उिर चिचखए। ( 1. हीरे िा मोल लाख टिे िा ह।ै अ और आ अ) संख्यावािि कवशषे ण आ) गणु वािि कवशषे ण ( इ) पररमाणवािि कवशेषण ई) सावनथ ाकमि कवशषे ण सभी 2. कवपकि िे समय कवविे साथ दते ा ह।ै ( बनता अ) सखं ्यावािि कवशषे ण आ) गणु वािि कवशेषण इ) पररमाणवािि कवशषे ण ई) सावनथ ाकमि कवशषे ण 3. यह नीकत िे दोहे ह।ंै अ) संख्यावािि कवशषे ण आ) गणु वािि कवशषे ण इ) पररमाणवािि कवशेषण ई) सावनथ ाकमि कवशषे ण 15. चनम्न वाक्यों मंे सजंि ्ञा शब्ि पहिानकर कोष्ठक में सही उिर चिचखए। 1. शरीर खते िे समान ह।ै अ) शरीर आ) खते इ) समान ई) 2. कशक्षा, कवनय, साहस साथ दते े ह।ंै अ) कशक्षा आ) कवनय इ) साहस ई) 3. फटे दिू से मक्खन नहीं बनता। अ) दिू आ) अ और इ इ) मक्खन ई) चनयम के चबना और अचभमान के सार् चकया गया तप व्यर्थ ही होता है। - वेिव्यास 131

इकाई-4 11. हार के आगे जीत है अर्थग्राह्यता प्रचतचिया प्रश्न- 1. चित्र में क्या-क्या चिखाई िे रहा है? उ. चित्र मंे कु छ चिकल ंगा लड़के बैस चियों की सह यत से फु टबॉल िले ते चिि ई िे रहे ह।ंै 2. वे क्या कर रहे हंै? उ. िे लड़के बसै िी के सह रे मिै न मंे फु टबॉल िले रहे ह।ंै 3. इसे िेखने पर हमारे मन मंे क्या चविार उठते हंै? उ. हम रे मन में चिि र उठते हंै चक हमें उन्हंे प्रोत्स चहत करन ि चहए। क्योंचक िे चिकल ंाग होते हुए भी अपनी कल क प्रिर्नश कर रहे ह।ंै 1. मज़बतू = दृढ़, र्चिर् ली, strong a crutch 2. बैस िी = सह रे िने े ि ली लकड़ी, self confidence wounded 3. आत्मचिश्व स = स्ियंा पर भरोस , competition a ceaseless 4. ज़ख्मी = घ यल, university share 5. प्रचतयोचगत = मकु बल , 6. चनरांतर = लग त र, 7. चिश्वचिद्य लय = चिद्य पीठ, 8. चहस्स = भ ग, 132

9. तंिा रु ुस्ती = स्ि स््य, Health चनश्चय, स्िीकृ चत क सिू क, positive 10. सक र त्मक = िौड़ने ि ल , runner मचंा ज़ल, a place 11. ध िक = आमन -स मन , competition स्िभ ि, temperament 12. मकु म = 13. मकु बल = 14. मनोिचृ ि = अमरे रक के टेनसे ी प्र न्त मंे एक रेलिे मज़िरू के घर में 23 िनू , 1940 को चिल्म ने िन्म चलय । उसकी म ाँ घर-घर में झ ड़ू़ -पोंछ लग ती थी। िह नौ िषश तक ज़मीन पर कभी प ँिा रिकर नहीं िल सकी। उसे ि र िषश की उम्र में पोचलयो हो गय थ । चिल्म की म ँा बड़ी धमपश र यण, सक र त्मक मनोिचृ ि ि ली स हसी मचहल थी। उन्होंने चिल्म को बहुत प्ररे ण िी। चिल्म में आत्मचिश्व स और भरोस ल ने के चलए कह , ‘मरे ी बेटी, तमु िो ि हो प्र प्त कर सकती हो।’ म ँा की प्ररे ण से 9 िषश की चिल्म ने बसै चिय ँा उत र फंे की और स्ियां िलन प्र रांभ चकय । ओलाचं पक में चिल्म क मकु बल ििु हने से थ , चिसे कोई भी हर नहीं प य थ । पहली िौड़ 100 मीटर, िसू री िौड़ 200 मीटर, तीसरी िौड़ 400 मीटर की थी, चिल्म ने इन सब में स्िणश पिक िीते। यह ब त इचतह स के पन्नों में ििश हो गयी चक एक पोचलयोग्रस्त मचहल 1960 के रोम ओलचपपक में िचु नय की सबसे तजे ़ ध चिक बन गयी। 1. पाठ का शीर्थक कै सा लगा और क्यों? उ. प ठ क र्ीषकश ‘हार के आगे जीत है’ बहुत अच्छ र्ीषकश ह।ै क्योंचक िले ों में कभी ह र होती है तो कभी िीत होती ह।ै ह रने से कभी चनर र् नहीं होन ि चहए। आत्मचिश्व स और कोचर्र् करने से अतां में िीत चमल ि ती ह।ै 2. शारीररक रूप से कमज़ोर ल़ोगों क़ो चकन कचठनाइयों का सामना करना पड़ता है? उ. र् रीररक रूप से कमज़ोर व्यचि स म न्य लोगों की तरह क म नहीं कर प त।े उन्हें िसू रों के सह रे की आिश्यकत पड़ती ह।ै इसीचलए उनमें हीनत की भ िन भी आ ि ती ह।ै कई ब र इसी भ िन से ग्रस्त होकर िे सफल नहीं हो प ते। अचतररक्त प्रश्न 1. यचि आपको चिर्षे क्षमत ि ले लोगों की सह यत करने क अिसर चमले तो आप उनकी सह यत कै से करेंगे? 2. चिल्म की भ ँचा त चकसी अन्य प्रचतभ क न म बत इए, चिसने अपनी प्रचतभ को उि गर चकय । 3. इस प ठ से हमंे क्य चर्क्ष चमलती है? 133

अ) नीिे चिये गये वाक्य पढ़ो। चकसने कहा बताओ? चकसने कहा? वाक्य चिल्म ने कह । एड टंेपल ने कह । अ) मैं क्य कर सकती हाँ िबचक मंै िल ही नहीं प ती ह?ँा डॉक्टर ने कह । आ) िौड़ की कल मैं तपु हें चसि ऊँा ग । इ) ज़मीन पर अपने किम सीधे नहीं रि प यगे ी। आ) चित्र िेख़ो। उससे जुड़े वाक्य पाठ में ढूँढ़ो। रेखांचकत कऱो।   चित्र – 1 चिल्म को ि र िषश की उम्र मंे पोचलयो हो गय थ । चित्र – 2 चिल्म बैस चियों के सह रे िलती थी। चिल्म िौड़ प्रचतयोचगत ओंा में भ ग लेती रही। चित्र – 3 अतां में उसने प्रचतयोचगत मंे (ओलंाचपक म)ें तीन स्िणश प्र प्त कर चलए। चित्र – 4 अचतररक्त प्रश्न 1. प ठ में आए चनपन र्ब्िों को रेि ांचकत कीचिए। आत्म , सफलत , आत्म-बल, धमपश र यण, सक र त्मक, मनोिचृ ि, आिर्िश िी, आत्मचिश्व स, ध िक, दृढ़ चिश्व स, भरोस , महे नत, प्रचतयोचगत , मकु बल , मकु म आचि। 2. र्ब्िकोर् की सह यत से चिए गए र्ब्िों के अथश चलचिए। 3. चकन्हीं प ँाि र्ब्िों से ि क्य बन इए। अध्यापन संके त - सनु ो-बोलो, पढ़ो मंे चिए गए अचतररि प्रश्न छ त्रों की ज्ञ न िचृ ि हते ु चिए गए ह।ैं छ त्रों की चिज्ञ स र् तां करते हएु उनके उिर की सर हन करंे। 134

अचिव्यचक्त सृजनात्मकता अ) नीिे चिये गए प्रश्नों के उत्तर चलख़ो। 1. चवल्मा की माूँ ने उसे प्रेरणा नहीं िी ह़ोती त़ो क्या ह़ोता? स़ोिकर बताओ। उ. चिल्म की म ाँ ने उसे प्रेरण नहीं िी होती तो चिल्म चज़िां गी भर एक अप चहि के रूप में िीिन चबत ती। िह कोचर्र् नहीं करती तथ एक अच्छी ध चिक नहीं बन प ती। 2. चवल्मा का जीवन प्रेरणािायक है। कै से? उ. अमरे रक के टेनेसी प्र न्त में एक रेलिे मज़िरू के घर मंे 23 िनू , 1940 को चिल्म ने िन्म चलय । उसकी म ाँ घर-घर झ ड़़ू - पोंछ लग ती थी। िह नौ िषश तक ज़मीन पर कभी प ँिा रिकर नहीं िल सकी। क्योंचक उसे ि र िषश की उम्र में पोचलयो हो गय थ । लेचकन अपनी म ँा की प्ररे ण से िह ध चिक बनी। एक ही ओलचपपक में तीन स्िणश पिक िीतने ि ली पहली अमरे रकी एथलीट बनी। इस प्रक र चिल्म क िीिन सभी के चलए प्रेरण ि यक ह।ै आ) इस पाठ का सारांश अपने शब्िों मंे चलख़ो। उ. (इस प्रश्न क उिर कृ पय चपछले पषृ ्ठ पर िचे िए।) िार्ा की बात अ) चकसका क्या अर्थ है, चलख़ो। धावक िो तेज़ िौड़त ह,ै उसे ध िक कहते ह।ंै ओलंचपक हर ि र स ल में चकसी िचु नािं र्हरों में होने ि ली एक अतंा र शष्ट्रीय िले प्रचतयोचगत । ररले िौड़ िो िौड़ 400 मीटर रिी ि ती ह।ै हर 100 मीटर पर चिल ड़ी अपने चहस्से क बेटन लके र भ गत ह।ै बेटन प़ोचलय़ो लकड़ी क टुकड़ चिसे ररले िौड़ में चिल ड़ी इस्तेम ल करते ह।ंै ऐसी बीम री चिसे होने पर कमर क चनिल भ ग अप चहि हो ि त ह।ै व्यचि िल नहीं प त । 135




























Like this book? You can publish your book online for free in a few minutes!
Create your own flipbook