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202110259-TRIUMPH-STUDENT-WORKBOOK-HINDI_SL-G08-FY

Published by IMAX, 2020-04-15 08:32:55

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Hindi Workbook_8_SL.pdf 1 10/17/19 6:33 PM Name: ___________________________________ Section: ________________ Roll No.: _________ School: __________________________________

,या कहाँ है? इकाई .सं. पाठ का नाम िवधा माह पृ सं या 1. हम ह गे कामयाब गीत जनू -जलु ाई 4-42 हसँ ी-खशु ी चटु कु ले कहानी I 2. राजा बदल गया संवाद 3. यारा गावँ 4. कौन किवता ऐसा यारा दशे है मरे ा किवता II 5. धरती क* आँख, अग2त-िसतबं र 43-82 कहानी 6. िद.ली से प0 प0 7. 7यौहार का दशे किवता अ=ू बर-नवंबर 83-120 8. चावल के दाने कहानी III 9. म8 िसनमे ा ह9ँ आ7मकथा पहले ी भाषा खले 10. अनमोल र7न किवता 11. हार के आगे जीत है जीवनी िदसंबर-फरवरी 121-158 IV 12. बढ़ते कदम डायरी आओ पि0का िनकाल, Bायोिगक िनबधं िनबंध 159-168 प0 लखे न अपिठत पEांश अपिठत गEांश सचू ना - तारांिकत पाठ के वल पढ़ने के िलए ह!। कृ पया परी$ा म% इन पाठ& से सबं िं धत कोई )* न पूछ%। 1

िव8तृत िवषय सचू ी इकाई .सं. पाठ का नाम पाठ्याशं पृ सं या इकाई -1 4-6 अथFGाHता BितिIया 7-7 7-8 अिभJयि= सजृ ना7मकता 9-11 12-16 1 हम ह गे कामयाब भाषा क* बात 17-19 19-19 अितLर= कायF 20-22 23-25 अMयास कायF 26-29 30-32 अथFGाHता BितिIया 33-33 33-35 अिभJयि= सजृ ना7मकता 36-37 2 राजा बदल गया भाषा क* बात 38-41 अितLर= कायF 42-42 अMयास कायF 43-46 46-46 अथFGाHता BितिIया 47-48 49-51 अिभJयि= सजृ ना7मकता 52-56 57-59 3 यारा गावँ भाषा क* बात 60-60 60-62 अितLर= कायF 63-64 अMयास कायF 65-68 * 69-71 72-72 अथFGाHता BितिIया 72-74 अिभJयि= सजृ ना7मकता 75-76 4 कौन भाषा क* बात अितLर= कायF 77-80 अMयास कायF अथFGाHता BितिIया 81-82 इकाई – 2 5 धरती क* आखँ , अिभJयि= सजृ ना7मकता 2 भाषा क* बात अितLर= कायF अMयास कायF अथFGाHता BितिIया अिभJयि= सजृ ना7मकता 6 िद.ली से प0 भाषा क* बात अितLर= कायF अMयास कायF *

इकाई .सं. पाठ का नाम पाठ्यांश पृ सं या इकाई - 3 अथGF ाHता BितिIया 83-85 इकाई – 4 अिभJयि= सजृ ना7मकता 85-85 7 7यौहार का देश भाषा क* बात 85-87 अितLर= कायF 88-89 अMयास कायF 90-93 अथFGाHता BितिIया 94-96 अिभJयि= सजृ ना7मकता 97-97 8 चावल के दाने भाषा क* बात 97-99 अितLर= कायF 100-102 अMयास कायF 103-106 अथGF ाHता BितिIया 107-109 110-110 अिभJयि= सजृ ना7मकता 110-112 9 म8 िसनेमा ह9ँ भाषा क* बात 113-114 115-118 अितLर= कायF 119-120 अMयास कायF 121-123 * 123-124 124-125 अथFGाHता BितिIया 126-127 अिभJयि= सजृ ना7मकता 128-131 10 अनमोल र7न भाषा क* बात अितLर= कायF 132-134 अMयास कायF 135-135 135-137 अथFGाHता BितिIया 138-139 140-143 अिभJयि= सजृ ना7मकता 11 हार के आगे जीत है भाषा क* बात 144-146 146-146 अितLर= कायF 147-149 150-151 अMयास कायF 152-155 अथFGाHता BितिIया 156-157 अिभJयि= सजृ ना7मकता 158-158 12 बढ़ते कदम भाषा क* बात 159-161 अितLर= कायF 162-163 अMयास कायF 164-166 166-168 * * िनबंध प0 लेखन अपिठत पEाशं अपिठत गEाशं 3

इकाई-1 1. हम होंगे कामयाब वगररजा कु मार माथुर अथथग्राह्यता प्रवतवक्रया प्रश्न- 1. वचत्र में क्या-क्या विखाई िे रहा है? उ. दचत्र में एक पडे ़ और उस पडे ़ पर खले ते बच्चे ददखाई दे रहे ह।ंै 2. िे क्या कर रहे हंै? उ. कु छ बच्चे पढ़ रहे ह,ंै कु छ खले रहे हैं और कु छ आपस में बातंे कर रहे ह।ंै 3. िे एक-िूसरे से क्या कह रहे होंगे? उ. वे एक-दसू रे से अपनी दकताब में ददए गए दचत्र या पाि के बारे में बातचीत कर रहे होंग।े कवि का नाम  जीिन काल रचनाएँा - चाल्सथ अलबटथ दटंड्ली - 1851 – 1933 अनुिािक - न्यू सांम्स ऑफ पेराडाइज आदद। जीिन काल रचनाएँा - दगररजा कु मार माथरु पुरस्कार - 1919 – 1994 - मैं वक्त के हँ सामने आदद। - सादहत्य अकादमी परु स्कार आदद। 4

1. कामयाब = सफल, successful अमन, peace 2. शादं त = दमलकर, jointly भरोसा, belief 3. साथ-साथ = सभी ओर, on all sides भय, Fear 4. दवश्वास = 5. चारों ओर = 6. डर = कदव अपने मन के दृढ़ दवश्वास को बताते हुए कहते हैं दक हम एक ददन कामयाब अवश्य होंग।े हमारे मन में परू ा दवश्वास है दक हम एक ददन अवश्य कामयाब होंग।े हमारे मन मंे परू ्थ दवश्वास है दक हम एक ददन ज़रूर सफल होंग।े दशे मंे चारों ओर शांदत रहगे ी तथा सभी भारतवासी शांदत का जीवन दबताएगँ ।े हमें दवश्वास है दक हम एक ददन हाथों में हाथ डालकर साथ-साथ चलंगे ।े हम आपस में दमल-जलु कर एकता से रहगें ।े हमंे आज दकसी का डर नहीं ह,ै हम दनडर ह।ंै हम िकसी के सामने िसर झकु ाने वाले नहीं हंै। विशेषता – कदव इस कदवता के माध्यम से असफलता, अशांदत, आपसी बैर और भय के वातावरर् में सफलता रूपी आशा की एक दकरर् जगा रहे ह।ैं अपने मन के दृढ़ दवश्वास से सभी को प्ररे रत कर रहे ह।ैं 1. पाठ मंे विये गये वचत्रों के बारे में बातचीत करो। उ. दचत्र में एक लड़की रस्सी कू द रही ह।ै एक लड़के के हाथ पर रंग-दबरंगी दततली बिै ी हुई ह।ै एक लड़की खले रही ह।ै एक लड़का दचत्रकारी कर रहा ह।ै उसके दचत्र में उगता होता सयू थ ददखाई दे रहा ह।ै बहती नदी पर पड़ता सयू थ का प्रकाश सहु ाना लग रहा ह।ै एक लड़की हरे-भरे पौधे को पानी दे रही ह,ै लड़का पतगं उड़ा रहा ह,ै एक लड़की पढ़ रही ह।ै एक अन्य लड़की साइदकल चला रही ह,ै एक अन्य लड़की पािशाला जा रही ह,ै दो लड़दकयाँ गीत गा रही ह,ंै एक लड़की संगर्क (कं प्यटू र) पर कायथ कर रही ह।ै एक लड़का हाथ मंे मापक यंत्र दलए खड़ा ह।ै सभी बच्चे कायथ में व्यस्त, हमें प्रेररत करते हएु ददखाई दे रहे ह।ंै 2. कामयाब होने के वलए क्या करना पड़ता है? उ. कामयाब होने के दलए सभी से दमल-जलु कर, हाथ में हाथ डालकर चलना पड़ता ह।ै मन मंे दृढ़ सकं ल्प और आत्मदवश्वास रखना पड़ता तथा महे नत करनी पड़ती ह।ै 5

अवतररि प्रश्न 1. कदवता पढ़कर आपको कै सा लगा? 2. ‘नहीं डर दकसी का आज’ – पदं क्त में कदव दकस डर की बात कर रहे ह?ंै 3. कदवता के माध्यम से कदव क्या संदशे दने ा चाहते ह?ंै अ) नीचे िी गयी पवं ियों के भाि बताने िाली पंवियाँा कविता में रेखांवकत करो। 1. हम मंे परू ा विश्वास है। 2. हम एक विन अिश्य सफल होंगे। उ. हो, हो! मन मंे है दवश्वास, परू ा है दवश्वास। उ. हम होंगे कामयाब एक ददन। आ) नीचे िी गयी पवं ियों में रेखांवकत शब्ि से एक और िाक्य बनाओ। 1. हम होंगे कामयाब एक विन। उ. सम्राट अशोक शादं त की राह में कामयाब हुए। 2. होगी शांवत चारों ओर एक विन। उ. गौतम बिु ने चारों ओर ज्ञान का प्रचार-प्रसार दकया। 3. नहीं डर वकसी का आज। उ. वीर को दकसी का डर नहीं होता ह।ै अवतररि प्रश्न 1. कामयाब, दवश्वास, शादं त, साथ-साथ, हाथों में हाथ – इन शब्दों को पढ़ो और कदवता मंे रेखादं कत कीदजए। 2. दी गई पंदक्तयों के भाव बताने वाली पदं क्तयाँ कदवता मंे रेखादं कत कीदजए। * आज हमंे दकसी का डर नहीं ह।ै * एक ददन चारों ओर शादं त होगी। 3. कदवता की पदं क्तयों को िम में रदखए। नहीं डर दकसी का आज, एक ददन () हो, हो! मन में है दवश्वास, परू ा है दवश्वास () नहीं डर दकसी का आज, एक ददन () नहीं डर दकसी का आज,नहीं डर दकसी का आज, ( ) अध्यापन सकं े त - सनु ो-बोलो और पढ़ो में ददए गए अदतररक्त प्रश्न छात्रों की ज्ञान-वदृ ि हते ु ददए गए ह।ंै अध्यापक/अध्यादपका छात्रों से दनम्न प्रश्न पछू ंे और उनके उत्तर की सराहना करें। छात्रों को बताएँ दक अपने मन के भावों को सदं चत करके आप भी कदव बन सकते ह।ंै 6

अवभव्यवि सजृ नात्मकता अ) नीचे विये गये प्रश्नों के उत्तर वलखो। 1. कोई भी काम विश्वास के साथ क्यों करना चावहए? उ. कोई भी काम दवश्वास के साथ करने से हमें उस कायथ में सफलता दमलती ह।ै कायथ करते समय हमारी उस कायथ मंे अदधक रुदच पदै ा हो जाती ह।ै दजससे हमारा मनोबल बढ़ता है और हमारे अदं र आत्मदवश्वास बढ़ता ह।ै आत्मदवश्वास के कारर् हम कदिन से कदिन कायथ कर सकते ह।ैं 2. बच्चों मंे कै से-कै से डर उत्पन्न होते हंै? उ. कु छ बच्चे अधं रे े से डरते ह,ंै तो कु छ असफलता से डरते ह।ंै आज के यगु में मक़ु ाबला इतनी बढ़ गयी है दक बच्चे पढ़ाई में रात-ददन व्यस्त रहते ह।ैं उन्हें इस बात का डर रहता है दक परीक्षा में अकं कम आने से वहअपने लक्ष्य में दपछड़ न जाए। कु छ बच्चों को झिू बोलने पर पकड़े जाने का डर लगता ह।ै आ) कविता का सारांश अपने शब्िों में बताओ। उ. (इस प्रश्न का उत्तर कृ पया पषृ ्ठ सं. 5 पर ददे खए।) भाषा की बात अ) नीचे विए शब्िों के अथथ तेलगु ु या अंग्रेजी मंे वलखकर िाक्यो मंे प्रयोग कीवजए। दवश्वास నమ్మకం हर काम दवश्वास के साथ करना चादहए। शांदत శ ంతి कबतू र शादं त का दतू ह।ै कामयाब సఫలం कदिन पररश्रम हमें अवश्य कामयाब बनाता ह।ै आ) नीचे विये गये िाक्य ध्यान से पढ़ो। हम होंगे कामयाब एक ददन। ददये गए वाक्य में हम का प्रयोग बहुवचन के दलए हुआ ह।ै यदद हम की जगह आप, ये और िे का प्रयोग करते ह,ैं तो वाक्य इस तरह बनगंे े – आप - आप होंगे कामयाब एक ददन। आप - आप चलंगे े साथ-साथ एक ददन। ये - ये होंगे कामयाब एक ददन। ये - ये चलेगं े साथ-साथ एक ददन। वे - वे होंगे कामयाब एक ददन। वे - वे चलंेगे साथ-साथ एक ददन। अब तुम नीचे विये गये िाक्य से भी इसी तरह के िाक्य बनाओ। (हम चलेंगे साथ-साथ एक विन।) 7

अ) ‘सफलता’ विषय पर एक छोटा-सा वनबंध वलखो। उ. अपने लक्ष्य को लके र हमारे मन मंे दृढ़ संकल्प होना चादहए। सकं ल्प की प्रादि के दलए बहुत महे नत करनी चादहए। आशावादी बनना चादहए। महान लोगों की आत्मकथाएँ पढ़कर उनसे प्रेरर्ा लेनी चादहए। समय का सदपु योग करना चादहए। आज का काम कल पर नहीं छोड़ना चादहए। दसू रों के ऊपर दनभरथ नहीं रहना चादहए। इससे हम कमज़ोर बन जाते ह।ैं यदद ये दवशषे गरु ् हम अपने जीवन मंे अपना लें, तो सफलता दनदित ह।ै अ) कोई भी काम करने मंे सहयोग का क्या महत्ि है? उ. मनषु ्य ऐसे समाज मंे रहता ह।ै जहाँ उसे दकसी न दकसी पर दनभरथ होना पड़ता ह।ै मनषु ्य के दलए कु छ कायथ अके ले कर पाना असंभव हो जाता ह।ै इसदलए उसे दकसी-न-दकसी सहयोग या सहारे की ज़रूरत पड़ती ह।ै अतः एकता मंे ही बल ह।ै वकसी कामयाब व्यवि की जानकारी इकट्ठा करो। पाँाच िाक्य वलखो। उ. छात्र स्वयं दलखगंे ।े क्या मंै ये कर सकता ह/ँा सकती हाँ हााँ ( ) नहीं ( × ) 1. कदवता गा सकता ह।ँ 2. इस तरह की कदवताएँ पढ़कर समझ सकता ह।ँ 3. कदवता के शब्दों से वाक्य बना सकता ह।ँ श्रुतलेख 8

अवतररि कायथ अपवठत पद्ांश वनम्न अपवठत पद्ांश पढ़कर विकल्प से सही उत्तर का चयन कीवजए। है स्वगथ से भी अच्छा, भारत वतन हमारा, हम हैं दसतारे इसके , यह है गगन हमारा। सदा रहा है जीवन, ऊँ ची दवचारधारा, इनसान मंे ही इसने, भगवान को दनहारा। प्रश्न: 1. स्वगथ से भी अच्छा क्या ह?ै (अ ) अ) भारत आ) दवदशे इ) दवचारधारा ई) इसं ान (आ) 2. हम दकसके दसतारे ह?ैं अ) स्वगथ के आ) भारत रूपी गगन के इ) दशे के ई) गगन के (ई) 3. भारतीयों का जीवन कै सा रहा ह?ै अ) आदरर्ीय आ) अनकु रर्ीय इ) दनम्न दवचारधारा ई) ऊँ ची दवचारधारा 4. पद्ाशं को उदचत शीषकथ दीदजए। उ. हमारा भारत 5. स्वगथ शब्द का दवलोम दलदखए। (इ) ई) आकाश अ) पाताल आ) धरती इ) नरक अध्यापन संके त - अध्यापक/अध्यादपका दवद्ादथयथ ों को इसी प्रकार पदित/अपदित पद्ांश/गद्ाशं के प्रश्नों के अभ्यास करवाए।ँ अभ्यास हते ु अन्य पदित/ अपदित गद्ांश/पद्ाशं प्रत्येक पाि के अभ्यास कायथ में ददए गए ह।ैं प्रश्नोत्तर वनम्न वलवखत प्रश्नों के उत्तर िीवजए। 1. आत्मविश्वास का सफलता से क्या सबं धं है? उ. आत्मदवश्वास हममंे नई चेतना और जागदृ त भर दते ा ह।ै हमंे दवश्वास ददलाता है दक हम जो भी कायथ करंेगे उसमंे सफल अवश्य होंग।े अपने कमथ के प्रदत हममंे परू ी श्रिा और दवश्वास होने से हम सफलता तक दनदित ही पहचुँ जाते ह।ंै अतः आत्मदवश्वास सफलता तक पहचुँ ने की पहली सीढ़ी ह।ै 2. ‘हम होंगे कामयाब' कविता मंे कवि का उद्देश्य क्या है? स्पष्ट कीवजए। उ. ‘हम होंगे कामयाब' कदवता में कदव कामयाबी की राह पर अग्रसर होने की प्ररे र्ा दे रहे ह।ंै अपने मन के दवश्वास को बता रहे हैं दक एक ददन चारों ओर शांदत अवश्य होगी और सभी में एकता के भाव अवश्य होंगे। सभी दशे वासी दमलकर एक साथ चलंगे ।े कदव को यह भी दवश्वास है दक हम सभी दनडर ह।ैं अपने दवश्वास के साथ ही लोगों में एक नई चेतना और दवश्वास जागतृ करना कदव का उद्दशे ्य ह।ै 9

कविता-लेखन जो रचना शब्दों मंे बाधँ कर दलखी जाए और गये हो वह कविता ह।ै  कदवता कहानी का रूप नहीं होना चादहए।  कम शब्दों में भाव व्यक्त करने चादहए।  कदवता का प्रारम्भ प्रभावशाली होना चादहए।  छंद, अलकं ार के प्रयोग से कदवता सनु ्दर बनती ह।ै  कदवता आकदषतथ होनी चादहए।  कदवता सरल व साथकथ होनी चादहए। प्र. िेश की प्रगवत से जुड़ी कविता का सजृ न कीवजए। उ. वशक्षा की ज्योवत अदशक्षा का दीप हम बझु ाएगँ ,े दशक्षा की जोत हम जलाएँग।े दनज भाषा और ज्ञान की उन्नदत कर, दशे को प्रगदत की राह पर ले जाएगँ ।े । कारक कारक सजं ्ञा या सिथनाम के वजस रूप से उसका सबं ध िाक्य के अन्य शब्िों से जाना जाता है, उसे कारक कहते हंै। कारक के भेि विभवि-वचह्न पररभाषा उिाहरण कताथ कारक ने कमथ करने वाले को कताथ कारक समु न ने नतृ ्य दकया। कमथ कारक को कहते ह।ैं समु न ने अपवू ाथ को बलु ाया। करण कारक स,े द्वारा समु न ने चाकू से सबे काटा। सपं ्रिान कारक को,कदलए दिया का फल संज्ञा या सवथनाम अशं ु ने भावना को पसु ्तक दी। अपािान कारक से (अलग होना) शब्द पर पड़ता ह।ै अदं कता बस से उतरी। संबंध कारक का, के , की, रा, रे, री यह पसु ्तक राम की ह।ै अवधकरण कारक म,ंे पर कताथ दजस साधन से कायथ समु न बस में बैिी ह।ै सबं ोधन कारक ह,े रे, अरे आदद। करता ह।ै अरे समु न! तमु कब आई? कताथ दजसके दलए कायथ करता ह।ै सजं ्ञा के दजस रूप से अलग होने का पता लगता ह।ै एक संज्ञा का संबधं दसू री संज्ञा से प्रकट करते ह।ंै दिया के स्थान का पता चलता ह।ै सजं ्ञा का प्रयोग बलु ाने के दलए होता ह।ै 10

कारक कारक – वचह्न पहचान वक्रया के साथ लगाकर पूछे जानेिाले प्रश्न कताथ ने, परसगथ नहीं होता दिया को करनेवाले दकसने, कौन दकसे, क्या कमथ को, शनू्य कताथ दजस काम को करता ह।ै करर् स,े के द्वारा दजस साधन से दिया सपं न्न दकससे, दकसके द्वारा होती ह।ै संप्रदान के दलए दजसके दहत की पदू तथ दिया दकसके दलए से होती ह।ै अपादान से (अलग होने के अथथ म)ें दजससे अलग होने का भाव कहाँ से प्रकट हो। दकसका, दकसके , दकसकी सबं ंध का, के , की दिया को छोड़कर अन्य पद से सबं धं बतानेवाला। अदधकरर् म,ें पर दिया के संचालन का दकसमंे, कहाँ पर, दकस पर अदधकार। सबं ोधन ह,े अरे दजससे संबोदधत दकया जाए। _ 11

अभ्यास कायथ (Work Book) पवठत पद्ांश वनम्न पवठत पद्ांश पढ़कर विकल्प से सही उत्तर का चयन कीवजए। ( ) ई) सदु म त्रानदं न पंत ) हम होंगे कामयाब, होंगे कामयाब, ) हम होंगे कामयाब, एक ददन। ) हो, हो! मन में है दवश्वास, ) परू ा है दवश्वास, हम होंगे कामयाब एक ददन। प्रश्न: 1. इस गीत के गीतकार का नाम बताइए। अ) सभु द्राकु मारी चौहान आ) दगररजा कु मार माथरु इ) महादवे ी वमाथ 2. हम एक ददन क्या होंग?े ( अ) कामयाब आ) नाकामयाब इ) प्रदसि ई) अप्रदसि 3. हमारे मन में क्या ह?ै ( अ) अदवश्वास आ) दवश्वास इ) धोखा ई) छल 4. ‘ददन’ और ‘दवश्वास’ शब्दों के दवलोम बताइए। ( अ) सबु ह, दनशा आ) छल, रात इ) सधं ्या, प्रातः ई) रात, अदवश्वास 5. ‘हम’ और ‘एक’ शब्दों के वचन बददलए। ( अ) म,ंै अनेक आ) अनेक, तमु इ) म,ैं दो ई) तमु , दो प्रश्नोत्तर वनम्न प्रश्नों के उत्तर वलवखए। 1. ‘हम होंगे कामयाब' कदवता में कदव के दवचारों से आप कहाँ तक सहमत हंै? स्पष्ट कीदजए। 2. ‘हम होंगे कामयाब’ कदवता के कदव कौन ह?ै सदं क्षि पररचय दीदजए। कविता लेखन प्र. ‘विश्वास’ या ‘सफलता’ से जुड़ी कविता का सजृ न सकं े त वबंिु की सहायता से कीवजए। (मन, दवश्वास, सफलता, बढ़ना।) 12

व्याकरण 1. वनम्न िाक्यों मंे परसगथ (कारक) लगाकर िाक्य पुनः वलवखए। 1. कमल बहन आई। 2. मामा सनु ील घड़ी दी। 3. दपताजी सनु ीता पढ़ाते ह।ैं 4. दगलहरी पडे ़ चढ़ गई। 2. वनम्न िाक्यों मंे विभवि लगाकर िाक्य पूरे कीवजए। 1. कदवता पल्लवी गदु ड़या दी। 2. छत तीन बदं र बिै े ह।ैं 3. बाबू जी चश्मा खो गया। 3. वनम्न िाक्यों मंे कारक वचह्न रेखांवकत कीवजए। 1. मंै आददलाबाद के गोंड जनजादत का यवु क ह।ँ 2. वे लोग मोर के पंखों से बनी टोपी पहनते ह।ंै 3. उनके गीत की पदं क्त प्रदसि ह।ै 4. राम ने पडे ़ से फल तोड़ा। 4. नीचे विये शब्िों के िचन बिलकर िाक्यों में प्रयोग कीवजए। 1. दचदड़या -  2. दमत्र -  3. नदी -  5. वनम्न शब्िों के अथथ वलखकर िाक्यों में प्रयोग कीवजए। 1. साथ-साथ -  2. स्वप्न -  3. आज़ाद -  6. वनम्न रेखांवकत शब्िों के वलगं बिलकर िाक्य पनु : वलवखए। 1. बच्चा खले रहा ह।ै 2. मरे ा भाई सातवीं कक्षा में पढ़ता ह।ै उ. उ. 13

3. दपता जी बाज़ार जा रहे ह।ंै 4. लड़का काम कर रहा ह।ै उ. उ. 7. वनम्न िाक्यों में वक्रया शब्ि रेखांवकत कीवजए। 1. हम होंगे कामयाब एक ददन। 2. हम चलगें े साथ-साथ। 3. डाल हाथों मंे हाथ। 4. होगी शांदत चारों ओर। 8. वनम्न शब्िों के समास-विग्रह कर समास का नाम वलवखए। 1. आजीवन -  2. नगरवास -  3. सज्जन -  9. वनम्न िाक्यों के नकारात्मक रूप वलवखए। 2. हम साथ-साथ चलेंग।े 1. हम एक ददन कामयाब होंग।े उ. उ. 4. हम दमल-जलु कर काम करंेग।े 3. हमें परू ा दवश्वास ह।ै उ. उ. 10. वनम्न शब्िों में वभन्न शब्ि ढूढँा ़कर वलवखए। 1. ददन ददवस रात ददवा - 2. मन हृदय दहय मस्तक - 3. डर भीरूता भय दनभयथ - 11. वनम्न िाक्यों में रेखांवकत शब्ि के विलोम शब्ि पहचानकर कोष्ठक मंे सही उत्तर वलवखए। 1. परू ा है दवश्वास। ( ) ) अ) अदवश्वास आ) कामयाब इ) नाकामयाब ई) अशांदत ) 2. नहीं डर दकसी का आज। ( अ) दवश्वास आ) दनडर इ) अशांदत ई) सभी गलत 3. होगी शांदत चारों ओर। इ) अशांदत ( अ) अदवश्वास आ) कामयाब ई) नाकामयाब 14

12. वनम्न रेखांवकत शब्िों के समानाथथक शब्ि पहचानकर कोष्ठक मंे सही उत्तर वलवखए। 1. रादत्र में चाँद चमक रहा ह।ै ( ) ) अ) अधँ कार आ) प्रकाश इ) रोशनी ई) उजाला ) 2. भारत के वीर सम्माननीय ह।ै ( ) ) अ) धीर आ) साहसी इ) गभं ीर ई) सभी गलत ) 3. हमें परू ा दवश्वास ह।ै आ) प्रातः ( ) अ) संध्या इ) अ और आ ई) सम्परू ्थ ) ) 13. वनम्न शब्िों मंे प्रत्यय पहचानकर कोष्ठक मंे सही उत्तर वलवखए। ) 1. आदथकथ ( ) ) अ) इक आ) क इ) दथक ई) अथथ 2. भारतीय ( अ) य आ) ईय इ) तीय ई) भारत 3. भौदतक ( अ) क आ) दतक इ) भतू ई) इक 14. वनम्न पंवियाँा परू ी कीवजए। 1. ______________ मन में है दवश्वास। ( अ) हा, हा! आ) ह,े ह!े इ) ह, ह! ई) हो, हो! 2. हम चलंेगे ______________। ( अ) हाथ-हाथ आ) साथ-साथ इ) बात-बात ई) रात-रात 3. होगी शांदत चारों ओर ______________। इ) एक ददन ( अ) चार ददन आ) हर ददन ई) दो ददन 15. वनम्न रेखांवकत अंकों के शब्ि पहचानकर कोष्ठक में सही उत्तर वलवखए। ( 1. मरे े पास 1000 रुपए ह।ंै अ) दस आ) हज़ार इ) सौ ई) दस हज़ार 2. होगी शांदत 4 ओर। आ) पाचँ इ) तीन ( अ) चार ई) चालीस 3. यहाँ का वातावरर् 20 दडग्री ह।ै ( अ) दस आ) दो इ) बीस ई) तीस एकता का वकला बहुत सुरवक्षत होता है। 15

हँासी-खुशी पठन हेतु चपु हो जा दवक्की, शरे के बच्चे कभी रोते ह?ैं मामा, शरे के बच्चे स्कू ल भी नहीं जात।े मनंै े तमु ्हें फू ल लाने के दलए कहा था। यह गमला क्यों उिा लाए? वहाँ दलखा था, - ‘फू ल तोड़ना मना ह।ै इसदलए मैं गमला ही उिा लाया।’ बताओ नरेश! आमलेट दकसे कहते ह?ैं जो आम लटे (दरे ी) से पकता ह,ै उसे आमलटे कहते ह।ैं हमारे गाँव मंे इतनी िंड पड़ती है दक लोग हमारे गाँव में इतनी िंड पड़ती है दक नल का दस-दस कं बल ओढ़कर सोते ह।ंै पानी जमकर बफथ बन जाता ह।ै हमारे गाँव मंे इतनी िंड पड़ती है दक गाय दधू के बदले आइसिीम दते ी ह।ै 16

इकाई-1 2. राजा बिल गया अर्थग्राह्यता प्रचतचिया प्रश्न- 1. चित्र मंे क्या-क्या चिखाई िे रहा है? उ. चित्र में एक लड़का, उसके एक हाथ मंे ग्लोब और दसू रे हाथ मंे पसु ्तक चदखाई दे रही ह।ै 2. लड़का क्या कर रहा है? उ. लड़का हमंे ज्ञान का महत्व बताने की कोचिि कर रहा ह।ै 3. यह लड़का हमंे क्या बताना िाहता है? उ. यह लड़का बताना िाहता है चक परू ी दचु नया में ज्ञान का दीप जलाकर हम िाचंा त ला सकते हैं और एक संदाु र चवश्व का चनमााण कर सकते ह।ैं 1. जगंा ल = वन, Forest 9. बेिारा = चजस पर दया आये,poor 10. क्रोध = गसु ्सा, anger 2. सोना = स्वण,ा Gold 11. अमीर = धनवान, arich person 12. गलती = भलू , mistake 3. सने ा = पलटन, an army 13. समझ = सोि, knowing 14. लौटना = वापस आना, tocome 4. सोिना = चविार करना, to think back 5. ज़रूर = अवश्य, surely 6. पड़ोसी = घर के पास रहने वाला, a neighbour 7. आक्रमण = हमला, attack 8. लटू ना = ज़बरदस्ती खींिना, to plunder एक बार राजिे नामक लड़का जगंा ल से जा रहा था। रास्ते मंे उसे एक सोने का चसक्का चमला। सोने के चसक्के को राजिे ने अपने पास रखना उचित नहीं समझा। रास्ते में उसे एक साधु चदखाई चदया। राजिे ने वह चसक्का साधु को दने ा िाहा। साधु ने उसे समझाते हुए कहा चक, ‘बेटा यह चसक्का साधओु ंा के चलए नहीं ह।ै इसे चकसी गरीब को दे दो।’ राजिे वह चसक्का लके र आगे िल पड़ा। 17

रास्ते में उसे राजा की बड़ी सेना चदखायी दी। राजिे ने एक सैचनक से पछू ा तो उसे पता िली चक वे सब राजा के साथ पड़ोसी दिे पर आक्रमण कर उसे लटू ने जा रहे ह।ैं राजिे ने चसक्का राजा को दने ा उचित समझा। उसने चसक्का राजा को दते े हएु कहा, ‘लीचजए महाराज! आप इसे रख लीचजए।’ राजा ने आश्चया प्रकट करते हएु उस बालक से कारण पछू ा। बालक ने कहा , ‘महाराज! एक साधु ने कहा था चक जो सबसे गरीब चदखाई द,े उसे यह चसक्का दे दने ा।’ राजा क्रोध मंे बोला – ‘मंै महाराजा ह!ूँ तमु ्हें मंै कै से गरीब लगता ह?ँू ’ राजिे ने िान्त स्वर मंे कहा- ‘महाराज! यचद आप अमीर होते तो दसू रे दिे को लटू ने के चलए इतनी बड़ी सेना लेकर क्यों जाते?’ राजा की आखूँ ें खलु गयी। राजिे की बातों का राजा पर गहरा प्रभाव पड़ा। उसने अपनी सने ा को वापस लौटने की आज्ञा दी। उस चदन से राजा ने अपनी सापं चि गरीबों में खिा करना आरंाभ कर चदया। 1. पाठ में चिए गए चित्रों के बारे में बातिीत करो। उ. पाठ में चदए गए चित्र में जगंा ल, पडे ़, फू ल, पक्षी, सोने का चसक्का, लड़का, साधु और घोड़े पर सवार राजा तथा उनकी सेना चदखाई दे रहे ह।ैं 2. इस पाठ का कोई िूसरा नाम क्या हो सकता है? उ. इस पाठ का दसू रा िीर्का , सोने का चसक्का हो सकता ह।ै क्योंचक परू ा पाठ सोने के चसक्के से ही जडु ़ा हआु ह।ै अचतररक्त प्रश्न 1. राजिे के स्थान पर आप होते तो उस चसक्के का क्या करते? 2. क्या हमें हमिे ा साधु लोगों की बात माननी िाचहए? 3. क्या राजा बहतु लोभी था? अ) ‘भाई! आपके राजा इतनी बड़ी सेना चलये कहाँा जा रहे हंै?’ राजेश ने यह वाक्य चकस उद्देश्य से कहा? उ. राजिे को पहले यह पता नहीं था चक इतनी बड़ी सेना लके र राजा पड़ोसी दिे पर आक्रमण करने जा रहे ह।ैं उसने सोिा चक ज़रूर कोई चविेर् बात होगी जो राजा इतनी बड़ी सेना लके र जा रहे ह।ैं अतः कारण जानने के उद्देश्य से ही राजिे ने यह वाक्य कहा। आ) नीिे चिये गये वाक्य पढ़कर पाठ के आधार पर सही िम में चलखो। 1. ‘लीचजए महाराज! आप इसे रख लीचजए।’ 2. ‘मैं राजा ह,ँा राजा! मैं तुझे गरीब लगता ह?ँा ’ 3. ‘बेटा! मुझे क्यों िेना िाहते हो?’ 4. ‘भाई ! आपके राजा इतनी बड़ी सेना चलये कहाँा जा रहे हंै?’ 5. ‘इसे तो चकसी गरीब को िे िो, ताचक वह अपना पेट भर सके ।’ उ. 1. ‘इसे तो चकसी गरीब को दे दो, ताचक वह अपना पटे भर सके ।’ 18

2. ‘भाई ! आपके राजा इतनी बड़ी सने ा चलये कहाँू जा रहे ह?ंै ’ 3. ‘लीचजए महाराज! आप इसे रख लीचजए।’ 4. ‘बटे ा ! मझु े क्यों दने ा िाहते हो?’ 5. ‘मैं राजा ह,ूँ राजा! मैं तझु े गरीब लगता ह।ूँ ’ अचतररक्त प्रश्न 1. चदए गए गद्ाािं को ध्यान से पढकर तीन प्रश्न बनाइए। “महाराज! एक साधु ने कहा था चक जो सबसे गरीब चदखे उसे यह चसक्का दे दने ा।” राजिे करुण स्वर मंे बोला। “मैं राजा ह,ँू राजा! मैं तझु े गरीब लगता ह?ूँ ” – राजा क्रोध मंे बोला। “महाराज! यचद आप अमीर होते तो दसू रे दिे को लटू ने के चलए इतनी बड़ी सने ा लके र क्यों जाते?” राजिे की बात राजा की समझ मंे आ गई। 2. अपने सहपाठी से बनाए गए प्रश्नों के उिर प्राप्त करें। 3. जगंा ल, चसक्का, साध,ु महाराज, सैचनक, पड़ोसी, आक्रमण, आश्चया, गरीब, प्रिसंा ा, सम्पचि, अहसास, राजिे , खि,ा जनता, आरम्भ - पाठ मंे चनम्न िब्दों को रेखााचं कत कीचजए। अध्यापन संके त - सनु ो-बोलो और पढो में चदए गए अचतररक्त प्रश्न छात्रों की ज्ञान-वचृ ि हेतु चदए गए ह।ैं अध्यापक/अध्याचपका छात्रों से चनम्न प्रश्न पछू ें और उनके उिर की सराहना करें। छात्रों को कहानी का मलू भाव बताए।ँू अचभव्यचक्त सृजनात्मकता अ) नीिे चिए प्रश्नों के उत्तर चलखो। 1. चकसी पर आिमण करना उचित नहीं है। क्यों? उ. चकसी पर आक्रमण करना या उसे लटू ना उचित नहीं ह।ै मनषु ्य को अपनी महे नत तथा बचु ि के बल पर धन कमाना िाचहए, दसू रों के धन को लटू ने का चविार नहीं रखना िाचहए। आज हमारे समाज मंे धन की लालसा बढती जा रही ह।ै बरे ोज़गारी के कारण यवु क भ्रष्ट मागा पर िल रहे ह।ंै इनमंे बदलाव लाना हमारा प्रमखु किवा ्य ह।ै 2. राजा का स्वभाव कै सा र्ा? अपने शब्िों में चलखो। उ. राजा बहुत ही घमडां ी और लालिी व्यचक्त था। जब रमिे ने उसे चसक्का दने ा िाहा तो उसने घमडंा में कहा चक, ‘मंै राजा ह।ूँ क्या मंै तमु ्हंे गरीब चदखाई दते ा ह?ँू ’ लालिी इसचलए चक अपने पास सब कु छ होते हुए भी वह दसू रे दिे को लटू ने जा रहा था। आ) ‘राजा बिल गया’ कहानी अपने शब्िों मंे चलखो। उ. इस प्रश्न का उिर कृ पया चपछले पषृ ्ठ पर दचे खए। 19

भाषा की बात अ) उिाहरण िेखो और समझो। इसी तरह आगे कु छ शब्ि चलखो। उिाहरण सैचनक -कम-मन-नल-लगन 1. जगां ल लहर रजनी नीम मकान नमक 2. दिे िहर रचव 3. एक कमल लहर चवदिे िरम महल रज ज़मीन नमक आ) नीिे चिये शब्ि पढ़ो। उनके चवलोम शब्ि चलखो। वाक्य प्रयोग करो। पास बड़ा गरीब िेश उिाहरणः पास - दरू - मक्का मसचज़द िारमीनार के पास ह।ै चबरला मचां दर दरू ह।ै बड़ा - छोटा - मरे ा बड़ा भाई रामू है और छोटा भाई िामू ह।ै गरीब - अमीर - गरीब को दखे कर अमीर अपने पर घमडंा करता ह।ै दिे - चवदिे - दिे मंे रहकर नौकरी करो, चवदिे जाकर नहीं। अ) नीिे चिये वाक्य पढ़ो। इतनी बड़ी सने ा को दखे कर वह सोिने लगा चक ज़रूर कोई बात रही होगी, जो राजा अपनी सेना को चलये जा रहे ह।ैं उसने एक सचै नक से पछू ा– ‘भाई आपके राजा इतनी बड़ी सेना चलये कहाँू जा रहे ह?ंै ’ ऊपर चदये अनचु ्छेद मंे कु छ चिन आ आये ह,ंै जसै े – (,), (।), (-), (‘’), (!), (?) इन चिन आों को चवराम चिन आ कहते ह।ैं बोलते अथवा पढते समय अपनी बात को ठीक से कहने के चलए कु छ दरे रुकना पड़ता ह।ै रुकने की यह चक्रया व्याकरण की भार्ा में चवराम कहलाती ह।ै कहानी, लेख, चनबांध आचद चलखते समय इस प्रकार के रुकने के स्थानों की स्पष्टता के चलए, चजन चिन आों का प्रयोग चकया जाता ह,ै उन्हंे चवराम चिन आ कहते ह।ंै चवराम चिन आों के उचित प्रयोग से ही भावों में स्पष्टता आती ह।ै आ) अब इनमंे से जो चिह्न पाठ में आये हंै, उन्हंे ढूाँढ़कर रेखांचकत करो। उ. एक बार राजिे नामक लड़का जगंा ल से जा रहा था। रास्ते मंे उसे एक सोने का चसक्का चमला। सोने का चसक्का होने के कारण राजिे ने उसे अपने पास रखना उचित नहीं समझा। रास्ते में उसे एक साधु चदखाई चदया। राजिे ने वह चसक्का साधु को दने ा िाहा। साधु ने उसे समझते हएु कहा चक, ‘बटे ा यह चसक्का साधओु ंा के चलए नहीं ह,ै इसे चकसी गरीब को दे दो।’ राजिे वह चसक्का लके र आगे िल पड़ा। 20

रास्ते में उसे एक राजा की बड़ी सेना चदखायी दी। राजिे ने एक सचै नक से पछू ा तो उसे असचलयत पता िली चक, वे सब पड़ोसी दिे पर आक्रमण कर उसे लटू ने जा रहे ह।ंै राजिे ने चसक्का राजा को दने ा उचित समझा। राजेि ने चसक्का राजा को दते े हएु कहा, ‘लीचजए महाराज! आप इसे रख लीचजए।’ राजा ने आश्चया प्रकट करते हुए उस बालक से कारण पछू ा। बालक ने कहा चक, ‘महाराज! एक साधु ने कहा था चक जो सबसे गरीब चदखाई दे उसे यह चसक्का दे दने ा।’ राजा क्रोध में बोला, ‘मंै महाराजा हूँ ! तमु ्हंे मैं कै से गरीब लगता ह?ँू ’ राजिे ने िान्त स्वर में कहा, ‘महाराज! यचद आप अमीर होते तो दसू रे दिे को लटू ने के चलए इतनी बड़ी सेना लेकर क्यों जाते?’ राजा की आखँू ंे खलु गयीं। राजेि की बातों का राजा पर गहरा प्रभाव पड़ा। उसने अपनी सने ा को वापस लौटने की आज्ञा दी। उस चदन से राजा ने अपनी संपा चि गरीबों की सेवा में खिा करना आरांभ कर दी। इस कहानी की चकसी एक घटना को सवं ाि रूप में चलखो। (एक बार राजिे जांगल से जा रहा था। उसे सोने का एक चसक्का चमला। उस चसक्के को लके र राजिे एक साधु के पास पहिुँू ा।) राजेशः साधु महराज ! आप यह चसक्का रख लीचजए। साधःु बटे ा! यह चसक्का हमारे जसै े साधओु ंा के चलए नहीं ह।ै इसे चकसी गरीब को दे दो ताचक वह अपना पटे भर सके । (साधु की बात मानकर राजिे वहाँू से िल पड़ा, और रास्ते में उसे एक राजा की बड़ी सने ा चदखाई दी। उसने एक सचै नक से पछू ा-) राजेशः ‘भाई! आपके राजा इतनी बड़ी सने ा चलये कहाँू जा रहे ह?ंै ’ सैचनकः यह हमारे राजा िरू चसहंा ह।ै जो पड़ोसी दिे पर आक्रमण कर उसे लटू ने जा रहे ह।ैं (राजिे ने वह चसक्का राजा को दने ा उचित समझा और राजा के पास गया।) राजेशः ‘लीचजए महाराज! आप इसे रख लीचजए।’ राजाः ‘बटे ा! मझु े क्यों दने ा िाहते हो?’ राजेशः ‘महाराज! एक साधु ने कहा था चक जो सबसे गरीब चदख,े उसे यह चसक्का दे दने ा।’ राजा : (क्रोचधत होकर) मंै राजा हँू राजा! मैं तझु े गरीब लगता ह।ँू राजेशः महाराज! यचद आप अमीर होते तो, दसू रे दिे को लटू ने के चलए इतनी बड़ी सने ा लके र क्यों जाते? (राजिे की बात राजा की समझ में आ गयी। उन्हंे अपनी गलती का अहसास हआु । राजिे की प्रिसां ा करते हएु उन्होंने सने ा को वापस लौटने का आदिे चदया। उस चदन से अपनी सपंा चि गरीबों की सेवा में खिा करना आरंाभ चकया।) इस पाठ में राजेश की ईमानिारी के बारे में बताया गया है। ऐसी ही एक और कहानी कक्षा मंे सुनाओ। िहू े और हाथी की बहुत परु ानी घटना ह.ै .... एक बार परू ा गाूवँ भीर्ण भकू म्प के झटकों से बरबाद हो गया। गाँवू वासी पड़ोस के गाूँवों में जाकर रहने लगे थे। मौका अच्छा दखे कर खाली घरों मंे िहू ों ने डेरा जमा चलया। िहू ों की सखां ्या बढती गयी, कु छ सौ-हज़ार हएु , चफर लाख.....। 21
























































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