Hindi Workbook_7_FL.pdf 1 10/18/19 1:08 PM 7 Name: ___________________________________ Section: ________________ Roll No.: _________ School: __________________________________
िवषय सूची इकाई पाठ का नाम माह पृ सखं ्या जनू - जलु ाई 5-65 1. हम पंछी उ मकु ्त गगन के 2. दादी माँ 1 3. खानपान की बदलती त वीर 4. कठपतु ली िहमालय की बेिटयाँ 5. िमठाईवाला अग त – िसतंबर 66-118 6. रक्त और हमारा शरीर 2 7. िचिड़या की ब ची अक्तू बर– िदसबं र 119-178 पापा खो गए 8. अपवू र् अनभु व 9. रहीम के दोहे 3 10. कं चा 11. एक ितनका नीलकं ठ 12. वीर कँु वर िसंह 179-225 13. सघं ष्र के कारण म 4 तनु कु िमज़ाज हो गया : धनराज जनवरी – माचर् 14. िव लव-गायन 226-228 बाल – महाभारत 228-230 अपिठत गद्याशं 231-233 233-235 अपिठत पद्याशं िनबंध पत्र
क्र.स.ं पाठ का नाम पाठ्यांश पृ संख्या 1 अथर्ग्रा ता प्रितिक्रया 5-8 2 9-9 हम पंछी उ मुक्त गगन के अिभ यिक्त सजृ ना मकता 10-11 3 भाषा की बात 12-14 अितिरक्त कायर् 15-18 4 19-21 उपवाचक अ यास काय्र 22-22 23-25 5 दादी माँ अथर्ग्रा ता प्रितिक्रया 26-29 अिभ यिक्त सजृ ना मकता 30-33 भाषा की बात 34-36 37-37 अितिरक्त कायर् 38-40 अ यास काय्र अथगर् ्रा ता प्रितिक्रया 41-43 अिभ यिक्त सजृ ना मकता खानपान की बदलती त वीर भाषा की बात 44-48 अितिरक्त कायर् 49-49 50-52 अ यास काय्र 53-53 54-56 अ यास प्र पत्र अथग्र ्रा ता प्रितिक्रया 57-59 कठपुतली 60-63 अिभ यिक्त सजृ ना मकता 64-65 िहमालय की बेिटयाँ भाषा की बात 66-69 अितिरक्त कायर् अ यास कायर् 69-70 अिभ यिक्त सजृ ना मकता 70-73 अथरग् ्रा ता प्रितिक्रया 74-78 79-83 िमठाईवाला अिभ यिक्त सजृ ना मकता भाषा की बात अितिरक्त कायर् अ यास कायर्
6 रक्त और हमारा शरीर अथग्र ्रा ता प्रितिक्रया 84-86 अ यास प्र पत्र अिभ यिक्त सजृ ना मकता 86-87 7 िचिड़या की ब ची भाषा की बात पापा खो गए अितिरक्त कायर् 87-90 उपवाचक अपूव्र अनुभव अ यास कायर् 91-92 8 रहीम के दोहे अथ्गर ्रा ता प्रितिक्रया 9 अ यास प्र पत्र अिभ यिक्त सजृ ना मकता 93-96 भाषा की बात 10 कं चा अितिरक्त काय्र 97-97 11 एक ितनका अ यास काय्र अिभ यिक्त सजृ ना मकता 98-101 अथ्रग्रा ता प्रितिक्रया अिभ यिक्त सजृ ना मकता 102-103 भाषा की बात 103-107 अितिरक्त काय्र 108-110 अ यास काय्र 111-115 अथर्ग्रा ता प्रितिक्रया 116-118 अिभ यिक्त सजृ ना मकता 119-121 भाषा की बात 122-123 अितिरक्त काय्र 123-125 अ यास कायर् 126-128 129-132 अथर्ग्रा ता प्रितिक्रया 133-136 अिभ यिक्त सजृ ना मकता 137-137 भाषा की बात 137-139 अितिरक्त काय्र 140-141 अ यास काय्र 142-146 अथ्गर ्रा ता प्रितिक्रया 147-147 अिभ यिक्त सजृ ना मकता 148-151 152-152 153-154 155-158 159-162 163-165 166-166
उपवाचक नीलकं ठ भाषा की बात 166-168 12 अितिरक्त काय्र 169-171 वीर कुँ वर िसहं अ यास कायर् 172-175 13 अिभ यिक्त सजृ ना मकता 176-178 सघं षर् के कारण म अथर्ग्रा ता प्रितिक्रया 179-182 14 तुनकिमज़ाज हो गयाः अिभ यिक्त सजृ ना मकता 182-183 उपवाचक भाषा की बात 183-185 धनराज अितिरक्त कायर् 186-188 अ यास काय्र 189-193 अ यास प्र पत्र अथरग् ्रा ता प्रितिक्रया 194-197 अिभ यिक्त सजृ ना मकता 197-198 िव लव गायन भाषा की बात 198-201 अितिरक्त कायर् 202-205 बाल महाभारत अ यास काय्र 206-209 अपिठत गद्यांश 210-210 अपिठत पद्यांश अथ्रग्रा ता प्रितिक्रया 211-214 अिभ यिक्त सजृ ना मकता 214-214 िनबंध भाषा की बात 215-216 पत्र अितिरक्त कायर् 217-219 अ यास काय्र 220-223 अिभ यिक्त सजृ ना मकता 224-225 226-228 229-230 231-233 233-235
इकाई-1 1. हम पंछी उ(मु* गगन के िशवमगं ल िसंह सुमन अथ12ा3ता िति5या ः 1. िच म या- या िदखायी दे रहा है? उ. िच म हरे-भरे पेड़ पौधे िदखाई दे रहे ह। प ी उड़ रहे ह। एक चहू ा जाल को कु तर रहा है और उड़ते हए# पि य% को दखे रहा ह।ै 2. प ी या कर रहे ह? उ. प ी आकाश म उड़ रहे ह। 3. पि य को देखकर चूहा या सोच रहा होगा? उ. पि य% को दखे कर चहू ा सोच रहा होगा िक अ,छा ह#आ मनै जाल कु तर िदया तथा अपने दो0त% क1 जान बचा सका। 1. पछं ी = प ी bird 2. अरमान= 3. आकु ल= इ,छा, कामना wish 4. िपजं रबदध् = 5. कटुक = AयाB, िवशाल spacious, broad 6. ि ितज = 7. िनबौरी = िपजं रे म बंधा ह#आ caged 8. नीड़ = 9. उ[म\\ु = कटु / कड़वा sour 10. कनक = 11. फु नगी = वह 0थान जहाँ धरती और आसमान िमलते िदखाई दते े ह horizon 12. तारक = नीम का बीज Neem seed घ%सला nest आजाद free सोना gold शाखा का अaभाग top of the branch तारा, न star 5
हम पंछी उ(म*ु गगन के िपंजरबद्ध न गा पाएगँ े, कनक-तीिलय से टकराकर पुलिकत पंख टूट जाएगँ े। सगं - b0ततु पcाशं हमारी पाठ्य पु0तक बाल-बसंत-2 के ‘हम पछं ी उ[म\\ु गगन के ’ किवता से िलया गया ह।ै इस किवता के रचियता िशव मगं ल िसंह समु न जी ह। इस पc म किव ने पि य% के मन के भाव बताए ह । भावाथ1 : पि य% का कहना है िक हम आज़ाद, खलु े आकाश म गाने वाले प ी ह। जो खलु े आकाश म िवचर कर ही bस[न रह सकते ह। यिद हम िपजं र% म बदं कर िदया गया तो हम खुश नहh रह पाएगँ े और सदंु र गीत भी नहh गा सके ग चाहे उस िपजर क1 तार सोने क1 ही iय% न ह%। उन सोने क1 तीिलय% से टकरा–टकरा कर हमारे पखं टूट जाएगँ े। हम बहता जल पीनेवाले मर जाएगँ े भूखे-Aयासे, कहB भली है कटुक िनबौरी कनक-कटोरी कD मैदा से। सगं - b0ततु पcाशं हमारी पाठ्य प0ु तक बाल-बसतं -2 के ‘हम पछं ी उ[म\\ु गगन के ’ किवता से िलया गया ह।ै इस किवता के रचियता िशव मगं ल िसहं सुमन जी ह। इस पc म किव ने पि य% के मन के भाव बताए ह। भावाथ1 : प ी कहते ह िक हम तो निदय% से बहता ह#आ पानी पीने वाले ह, यिद हम िपंजरे म बंद कर िदया गया तो हम भखू –े kयासे ही मर जाएगँ े। हम नीम क1 कड़वी िनमोली भी सोने के कटोरे म रखे हए# Aयजन% से अिधक मीठी लगेगी iय%िक वह हम खलु े आकाश के नीचे खाएँग।े Eवण1-Gृंखला के बंधन म अपनी गित, उड़ान सब भूले, बस सपन म देख रहे ह तK कD फु नगी पर के झूले। सगं - b0ततु पcाशं हमारी पाठ्य प0ु तक बाल-बसंत-2 के ‘हम पंछी उ[म\\ु गगन के ’ किवता से िलया गया ह।ै इस किवता के रचियता िशव मंगल िसहं सुमन जी ह। इस पc म किव ने पि य% के मनके भाव बताए ह। भावाथ1: िपंजरे म बंद पि य% को ऐसा लगता है िक वे अपनी गित और उड़ना सब कु छ भूल चुके ह। अब उनके िलए पेड़% क1 डािलय% पर झलू े झलू ना के वल एक सपना ही रह गया ह।ै होती सीमाहीन ि ितज से न पंख कD होड़ा-होड़ी, 6
या तो ि ितज िमलन बन जाता या तनती साँस कD डोरी। सगं - b0ततु पcांश हमारी पाठ्य प0ु तक बाल-बसंत-2 के ‘हम पंछी उ[म\\ु गगन के ’ किवता से िलया गया ह।ै इस किवता के रचियता िशव मंगल िसंह समु न जी ह। इस पc म किव ने पि य% के मन के भाव बताए ह । भावाथ1 : यिद यह पछं ी आज़ाद होते तो यह रोज़ आकाश म उड़–उड़ कर ि ितज तक पहच#ँ जाते iय%िक वह ि ितज के अंत तक आकाश म उड़ना चाहते ह। ऐसे थे अरमान िक उड़ते नीले नभ कD सीमा पाने, लाल िकरण-सी च च खोल चुगते तारक-अनार के दाने। सगं - b0तुत पcांश हमारी पाठ्य प0ु तक बाल-बसंत-2 के ‘हम पंछी उ[म\\ु गगन के ’ किवता से िलया गया ह।ै इस किवता के रचियता िशव मगं ल िसहं सुमन जी ह। इस पc म किव ने पि य% के मनके भाव बताए ह। भावाथ1: प ी उड़कर नीले आकाश को नापना चाहते ह। वे अपनी लाल-लाल िकरण% जैसी च%च खोल कर अनार के दान% जैसे िसतार% को चुगना चाहते ह।ै नीड़ न दो, चाहे टहनी का आGय िछ(न–िभ(न कर डालो, लेिकन पखं िदए ह तो आकु ल उड़ान म िवRन न डालो। सगं - b0ततु पcांश हमारी पाठ्य प0ु तक बाल-बसंत-2 के ‘हम पछं ी उ[म\\ु गगन के ’ किवता से िलया गया ह।ै इस किवता के रचियता िशव मगं ल िसहं समु न जी ह। इस पc म किव ने पि य% के मनके भाव बताए ह । भावाथ1: प ी चाहते ह िक उनके पास पंख ह और उ[ह उड़ने क1 तीq इ,छा ह,ै इसीिलए चाहे उनका घ%सला तोड़ दो याउनका रहने का 0थान िमटा दो लिे कन उनको िबना िकसी बाधा के उड़ने दो। अतः इस किवता sारा किव यह संदशे दते े ह िक जो सखु आज़ादी म है वह िकसी तरह क1 सखु मय गलु ामी म नहh। 1. प ी िपंजरे म बंद य नहB रहना चाहते? उ. प ी 0व,े छा से रहने वाले जीव ह। वे खुले आसमान म उड़ने वाले ह। वे सहज–जीवन िबताने वाले ह न िक कृ ि म – जीवन। इसिलए प ी िपजं रे म बदं नहh रहना चाहत।े 2. पि य को पालना उिचत है या नहB? अपने िवचार बताइए। उ. पि य% को पालना उिचत नहh ह,ै iय% िक वे भी 0वे,छा से जीवन जीने वाले bाणी ह। जसै े मनuु य के िलए भगवान ने दो परै िदए ह। इनके िलए भी उड़ने के िलए पंख िदए ह तािक वे खलु े आसमान म यह उड़ सक। बदं िपजं रे म रहकर ये मर जायगे। 7
3. पि य के संर ण के िलए हम या करना चािहए? उ. पि य% के संर ण के िलए हम vयादा से vयादा पड़े लगाने चािहए। हम वन% को नहh काटना चािहए और जो लोग पि य% को िपंजरे म कै द करके रखते ह, उ[ह भी हम समझाना चािहए िक पि य% को िपंजरे म रखना गलत ह।ै अितVर* 1. प ी कहाँ रहना चाहते ह? 2. िकस के बंधन म रहने पर प ी अपनी उड़ान भलू जाते ह? 3. ि ितज से िमलन कब होता ह?ै भाव से सबं ंिधत किवता कD पि*याँ िलिखए। 1. (क) हम खुले आकाश म उड़ने वाले प ी ह। हम िपजं रे म नहB रह सकते। भले ही वह िपंजरा सोने का य न हो। सोने के िपंजरे कD तीिलय से टकराकर हमारे पंख टूट जायगे। उ. हम पछं ी उ[म\\ु गगन के िपजं रबदध् न गा पाएँगे, कनक-तीिलय% से टकराकर पलु िकत पखं टूट जाएँगे। (ख) हम रहने के िलए कोई घ सला न भी हो, तो कोई बात नहB। िकं तु जब पखं िदए ह, तो हम उड़ने म Kकावट मत डालो। उ. नीड़ न दो, चाहे टहनी का आwय िछ[न–िभ[न कर डालो, लिे कन पखं िदए ह तो आकु ल उड़ान म िवxन न डालो। 2. हम नदी झरन का बहता जल पीने वाले ह। हम िपंजरे म बदं रहकर भूखे–Aयासे मर जाएगँ े। हम सोने कD कटोरी म रखे मैदा खाने से कड़वी िनबौरी खाना अिधक पसदं है। उ. हम बहता जल पीने वाले मर जाएँगे भखू े-kयासे, कहh भली है कटुक िनबौरी अितVर* 1. किवता क1 पंि\\याँ परू क1zरए। कहनमकप–छं की ट..ो.र.ी..क...1..म..ैद..ा..स...।े ........... िपजं र बदध् ............................ कनक ................................. पिु कत ................................. 2. किवता का |म से स0वर वाचन क1िजए। 3. यिद 0वरिचत कोई रचना हो तो क ा म सनु ाइए। 8
अ^यापन सकं े त – सिु नए-बोिलए और पिढ़ए म िदए गए अितzर\\ b• छा % क1 ‚ान-विृ {द हते ु ह।ै - अ{यापक/अ{यािपका छा % से िनƒन b• पछू े तथा उनके उ„र क1 सराहना कर। अिभ_यि* सृजना`मकता 1. पि य को Eवतं रहना य पसदं है? उ. प ी 0वे,छा से रहने वाले bाणी ह। वे खलु े आसमान म उड़ने वाले ह। वे सहज–जीवन िबताने वाले ह न िक कृ ि म– जीवन। प ी वन%,खेत% पहाड़% पर िवचरण करने वाले bाणी ह। इस िलए प ी िपजं रे म बदं नहh रहना चाहते। इसिलए पि य% को 0वतं रहना पसंद ह।ै 2. भाव EपW कDिजए। “Eवण1 Gखंृ ला के बंधन म अपनी गित, उड़ान सब भलू े।” उ. सगं - b0ततु भाव हमारी पाठ्य पु0तक बाल-वसंत -2 के ‘हम पछं ी उ[म\\ु गगन के ’ किवता से िलया गया ह।ै इस किवता के किव िशव मगं ल िसंह सुमन जी ह किव का कथन है िक- भाव - िपंजरे म बंधा ह#आ पंछी कहता है िक मानव ने हम पकड़कर सोने के िपंजरे म बदं कर िदया। इसस,े हम तेज़ उड़ना, 0व,े छा से घूमना, सहजता आिद भलू गए ह। 3. पि य को िपजं रे म बंद करने से के वल उनकD आज़ादी का हनन ही नहB होता, अिपतु पया1वरण भी भािवत होता है। अपने िवचार िलिखए। उ. पि य% को िपंजरे म बंद करने से उनक1 आजादी का हनन होता है iय%िक उनक1 bविृ त उड़ना ह।ै िपजं रे म बंद करके हम उ[ह पराधीन बना लेते ह। िजससे उनक1 आज़ादी तो समाB हो ही जाती है साथ ही पया}वरण भी bभािवत होता ह।ै iय%िक पया}वरण को सतं िु लत करने म भी पि य% का सहयोग रहता ह।ै प ी आहार-wंखृ ला को िनयिमत करते ह। िटड्डे घास को खाते ह और िटड्ड% को प ी। प ी न हो तो िटड्ड% क1 स~ं या बढ़ जाएगी और िटड्डे फसल न€ कर दगे। फल खाने के बाद प ी बीज इधर–उधर िबखरे दते े ह। िजनसे िफर नए पौधे उगते ह। यह bि|या भी बंद हो जाएगी। पड़े % से पयाव} रण सतं िु लत रहता ह।ै इसिलए पि य% को िपंजरे म पालना उिचत नहh ह।ै 4 यिद आपके घर के िकसी Eथान पर िकसी प ी ने अपना आवास बनाया है और िकसी कारणवश आपको अपना घर बदलना पड़ रहा है तो आप उस प ी के िलए िकस तरह के बंध करना आव]यक समझगे? िलिखए। उ. यिद िकसी कारणवश हम अपना घर बदलना पड़ रहा है तो म सामान उठाते समय इस बात का {यान रखँगू ा िक प ी के घ%सले को िकसी bकार क1 हािन न पहच#ँ ।े जहाँ तक हो सके गा म उस के खाने के िलए कु छ दाना पानी रख दगँू ा। 9
यिद मेरा घर पास ही होगा तो म उस प ी के उड़ने तक आकर यह दखे ता रह…गँ ा िक कोई उसे हािन न पहच#ँ ाए। अपने पड़ोिसय% को भी बता कर जाऊँ गा। भाषा कD बात 1. िभ(नाथ1 वाला शaद पहचािनए। - तारक - कनक 1. गगन, आकाश, नभ, अबं र, तारक - ि ितज 2. जल, कनक, नीर, पानी, वाzर - िकरण 3. त‡, पेड़, ि ितज, वृ 4. सोना, 0वण,} कनक, कंु दन, िकरण 1. Eवण1-Gृखं ला और लाल िकरण-सी म रेखांिकत शaद गुणवाचक िवशेषण ह। किवता से ढूँढ़कर इस कार के और तीन उदाहरण िलिखए। उ. कनक-तीिलयाँ, कनक-कटोरी, तारक-अनार 2. भूखे-Aयासे म eंe समास है । इन दोन शaद के बीच लगे िचहन् को सामािसक िचहन् (-) कहते ह। इस िचहन् से ‘और’ का सकं े त िमलता है, जैसे - भूखे-Aयासे = भूखे और Aयासे। इस कार के दस अ(य उदाहरण खोजकर िलिखए। उ. िछ[न–िभ[न, पश–ु प ी, पड़े –पौधे, ज़मीन–आसमान, माता–िपता, ग‡ु –िशuय, रोटी–कपड़ा, तन–मन, नर–नीर, ब,चे– बढ़ू ।े 1. िम अगर म प ी होता, नील गगन म उड़ता।... किवता कD पंि*याँ आगे बढ़ाओ। िम अगर म प ी होता, ऊँ च-े ऊँ चे पव}त जाता, नील गगन म उड़ता रहता। नीचे आने का नाम न लते ा। पखं फै लाकर उड़ता जाता। दशे -िवदशे क1 सरै कर आता। िम अगर म...1 10
1. पि य के जीवन से हम या सीख िमलती है? अपने िवचार िलखो। उ. पि य% के जीवन से हम यह सीख िमलती है िक हम 0वावलबं ी तथा महे नती होना चािहए। हम 0वे,छा जीवी होना चािहए। हम सखु -शांित से जीवन िबताना चािहए। हम bाकृ ितक जीवन जीना चािहए हम कृ ि मता छोड़नी चािहए। हम “जीयो तथा जीनो दो” वाला भाव मन म रखना चािहए। या म ये कर सकता हj/ँ सकती हjँ हाँ ( ) नहB ( x ) 1. किवता गा सकता ह…।ँ सुन सकता ह…।ँ भाव बता सकता ह…।ँ 2. इस 0तर क1 किवताओं का भाव पढ़कर समझ सकता ह…।ँ 3. इस 0तर क1 किवताओं का भाव Aया~या करते ह#ए िलख सकता ह…।ँ 4. किवता के श‹द% से वाiय बना सकता ह…।ँ 5. इस भाव पर आधाzरत सामा[य किवता क1 रचना कर सकता ह…।ँ इस पाठ म मने ये नए शaद सीखे - 11
अितVर* काय1 अपिठत पmांश 1. नीचे िदए गए अपिठत पm को पढ़कर के उnर दीिजए। छोटे मँहु से कै से कह द,ँू इस भारत क1 बात रे। सोने जैसे िदन ह इसके , चाँदी जैसी रात रे! ऊँ चा मकु ु ट िहमालय, उजली सी निदय% क1 माला ह।ै बार-बार पग धोया करता- नील िसंधु मतवाला ह।ै अनपु म सदंु रता ने दे दी ह,ै सारे जग को मात रे! एक बगीचा दशे हमारा, फू ल kयार के िखले यहा।ँ (इ) अलग रंग पर, अलग है ‡प , सभी bमे से िमले यहाँ। (आ) हर मौसम म म0ु काते ह इस उपवन के पात रे। - 1. हमारे दशे म िदन और रात कै से ह? अ) सोने ताबँ े जसै े आ) पीतल चाँदी इ) सोन-े चाँदी ई) लोहे जसै े 2. भारत के पग कौन धोता ह?ै अ) उजली निदयाँ आ) नील िसंध इ) भारतवासी ई) िहमालय 3. दशे का मुकु ट िकसे कहा गया ह?ै उ. दशे का मकु ु ट िहमालय को कहा गया ह।ै 4. यहाँ सब लोग कै से रहते ह? उ. यहाँ सब लोग bेम से िमलकर रहते ह। 5. इस पcांश म आया पनु •ि\\ श‹द िलिखए। उ. बार-बार 6. किवता के िलए उिचत शीष}क दीिजए। उ. इस किवता का उिचत शीष}क ‘िनराला भारत’ हो सकता ह।ै अ^यापन संके त – अ{यापक/अ{यािपका िवcािथय} % को इसी bकार अपिठत पcाशं का अ‘यास करवाए।ँ अ‘यास हते ु अ[य अपिठत गcाशं /पcाशं अ‘यास काय} म िदए गए ह। 12
ोnर 2. पि य से हम या सीख ले सकते है? उ. पि य% के बारे म अगर {यान से सोचा जाए तो हम बहत# कु छ सीखने को िमलता ह।ै अiसर आपने दखे ा होगा प ी सबु ह ज’दी से ज’दी जाग जाते ह और शाम होते ही प ी अपने घ“सल% म वापस आ जाते ह। जीवन म समय पर सोना तथा समय पर जागना यह िचिड़या जैसा छोटे से जीव हम िसखाते ह। प ी िकस bकार ितनका-ितनका इक”ा कर के घ%सला बनाते ह और अपने ब,च% के िलए ढूँढ कर कै से दाना लाते ह। इस bकार यह हम जीवन म संघष} करना िसखाते ह। प ी हम यह भी िसखाते ह िक हम िकसी से कोई आशा नहh रखनी चािहए। किवता- लेखन किवता लखे न संसार म सबसे िभ[न एवं सबसे आकष}क कला ह।ै किवता लखे न म भाषा के सभी िनयम% के बंधन के 0थान पर भावना का सहारा िलया जाता ह।ै श‹द% के भावना–मक जाल को बनु कर ऐसा श‹द भंडार तैयार िकया जाता ह।ै िजसे पढ़कर मन bस[न हो जाता ह।ै किवता मानव क1 भावनाओं और क’पनाओं का ताना-बाना ह।ै किवता िलखते समय िनoनिलिखत वा य पर ^यान रखना चािहए। 1. स,ची भावनाओं को अिभAय\\ कर। 2. bभावशाली श‹द% का bयोग कर। 3. किवता िलखकर बार-बार पढ़। 4. तकु ांत श‹द% का bभावशाली ढंग से bयोग कर। किवता लेखन का उदाहरण एक िचिड़या के ब,चे चार, रहते िमलजलु पंख पसार। घने पेड़ पर नीड़ था kयारा, सबसे अ,छा, सबसे [यारा।। िवशेषण िवशेषणः -सं‚ा या सवन} ाम क1 िवशषे ता बताने वाले श‹द% को िवशषे ण कहते ह। जैसे – संदु र, ऊँ चा, गंदा, खशु बदू ार आिद।नीचे िलखे वाiय% को {यान से पिढ़ए और दिे खए िक उनम सं‚ा और सवन} ाम श‹द कौन-कौन से ह तथा उन श‹द% क1 िवशेषता बताने वाले कौन-कौन से श‹द जड़ु े ह। 1. यह एक मकान ह।ै 2. यह मकान ऊँ चा, िवशाल और संदु र ह।ै 3. इसके मु~य दरवाज़े तक रा0ता ह।ै 4. इस मकान के सामने दो छोटी लड़िकयाँ बठै ी ह तथा बड़े-बड़े पेड़ लगे ह। 5. कु छ प ी आकाश म उड़ रहे ह। 13
िवशेpय – िजन श‹द% क1 िवशषे ता बताई जाती ह,ै उ[ह िवशेpय कहते ह, तथा िजस से िवशषे ता क1 जाती है िवशेषण कहलाते ह जैसे – यह कमीज़ नीली ह।ै इस वाiय म कमीज़ क1 िवशेषता बताई जा रही है अतः कमीज़ िवशuे य ह।ै और नीली िवशषे ण है । िवशेषण के चार भेद िनoनिलिखत ह - 1. गणु वाचक िवशेषण – सं‚ा या सवन} ाम के गणु -दोष या ‡प-रंग का बोध करवाने वाले श‹द% को गणु वाचक िवशेषण कहते ह, जैसे–सदुं र, कु ‡प, अ,छा, मधरु , सफ़े द आिद। यह फू ल लाल रंग का ह।ै मरे े पास दो पिसल ह।ै 2. सIं यावाचक िवशेषण – सं‚ा या सवन} ाम क1 िनि˜त अथवा अिनि˜त स~ं या का बोध करवाने वाले श‹द% को सं~यावाचक िवशेषण कहते ह। जसै े – एक, दो, तीन, दस, बीस िनिqत संIयावाचक िवशेषण ह। अनेक, कम, अिधक अिनिqत संIयावाचक िवशेषण ह। 3. पVरमाणवाचक िवशेषण – सं‚ा या सव}नाम के पzरमाण का बोध करवाने वाले श‹द% को पzरमाणवाचक िवशेषण कहते ह। जैसे – 1. राधा ने बाज़ार से दो िकलो िमठाई खरीदी। 2. कु छ िकताब मेज़ पर रखी ह। िवशेषः सं‚ा या सवन} ाम के िनि˜त माप-तोल बताने वाले श‹द% को िनिqत पVरमाणवाचक िवशेषण कहते ह। जैसे – पाचँ िकलो आटा। सं‚ा या सव}नाम श‹द% के अिनि˜त माप-तोल को बताने वाले श‹द अिनिqत पVरमाणवाचक िवशषे ण कहलाते ह। जैसे – कु छ आम। 4. साव1नािमक िवशेषण –जो सवन} ाम पद सं‚ा से पहले उसके िवशेषण के ‡प म bय\\ु होते ह। वे सावन} ािमक िवशेषण कहलाते ह। सावन} ािमक िवशेषण को संके तवाचक िवशेषण भी कहा जाता ह,ै जैसे – यह, वह, व,े कौन, जो, िजन आिद। साव1नािमक िवशेषण और सव1नाम म अंतर- सावन} ािमक िवशेषण सं‚ा श‹द% से पहले bय\\ु होते ह जबिक सव}नाम सदवै सं‚ा के 0थान पर उसक1 अनपु ि0थित म ही bयु\\ होते ह। जैसे – वह घर ह।ै (सवन} ाम) यह लड़कD आयी ह।ै (साव}नािमक िवशेषण) तुम iया कर रहे हो? (सवन} ाम) यह कु nा िकसका ह?ै (सावन} ािमक िवशेषण) िवशेषण कD रचनाः िविभ[न श‹द –भेद% से िवशेषण% क1 रचना क1 जा सकती ह।ै 1. सrं ा शaद से िवशेषण बनाना - सrं ा िवशेषण सrं ा िवशेषण समाज सामािजक प–थर पथरीला आलस आलसी भारत भारतीय सगु ंध सगु ंिधत शम} शम™ला 2. ि5या शaद से िवशेषण शaद बनाना- ि5या िवशेषण ि5या िवशेषण बहना बहाव पढ़ना पढ़ाकू खाना खाऊ बेचना िबकाऊ 14
अsयास काय1 (Work Book) पिठत भावाथ1 िनoनिलिखत पmांश का सदं भ1 सिहत भावाथ1 िलिखए। नीड़ न दो, चाहे टहनी का आwय िछ[न-िभ[न कर डालो, लिे कन पंख िदए ह तो आकु ल उड़ान म िवxन न डालो। ोnर िनoनिलिखत के उnर दीिजए। 1. िपंजरे म बदं प ी और 0वछंद आकाश म उड़ने वाले प ी िकस bकार से अलग ह? 2. ईšर ने प ी को पखं िदए और मनuु य को पावँ िदए िफर यिद मनuु य पाँव का bयोग न करे सके या उसके पाँव न रहे तो मनuु य कै सा महससू करेगा? 3. ‘हम पछं ी उ[म\\ु गगन के ’ किवता का सारांश िलिखए। किवता लेखन िनoनिलिखत शaद का सहारा लेकर छा नयी किवता का सजृ न कर। ( प ी, गगन, फै लाकर, आकाश, दरू -दरू , सरै ) _याकरण 1) िनoनिलिखत वा य के िवशेषण के भेद िलिखए। 1. wये ा बहत# ही बिु ›मान लड़क1 ह।ै 2. मझु े एक िकलो आम दे दो। 3. कु छ ब,चे मदै ान म फु टबॉल खेल रहे ह। 2) नीचे गए िच के सामने िवशेषण शaद िलखकर उससे वा य बनाइए। 1. सफे द- _______________________________ 2. मीठा - ________________________________ 15
3. गोल- ________________________________ 3) िनoनिलिखत वा य म िवशेषण शaद पहचािनए। उ) ________________ 1. हम पंछी ह उ[म\\ु गगन के । 2. कनक-तीिलय% से टकराकर पंख टूट जाएँगे। उ) ________________ 3. पलु िकत पखं टूट जाएँग।े उ) ________________ 4. कनकृ -कटोरी क1 मदै ा से कटुक-िनबोरी भली ह।ै उ) ________________ 5. सीमाहीन ि ितज से होड़ा-होड़ी होती ह।ै उ) ________________ 6. हम नीले नभ क1 सीमा पाने उड़ते ह। उ) ________________ 4) िनoनिलिखत रेखांिकत शaद के वचन बदलकर वा य िफर से िलिखए। 1. हम उ[म\\ु गगन के पंछी ह। उ. ___________________________________ 2. म बहता जल पीनेवाला ह…।ँ उ. ___________________________________ 3. हम तारक-अनार के दाने चगु ते ह। उ. ___________________________________ 4 उस Aयि\\ क1 सासँ अभी चल रही थी। उ. ___________________________________ 5. इस गठरी को डोरी से बाँधो। उ. ___________________________________ 6. मझु े टहनी का आwय मत दो। उ. ___________________________________ 5) िनoनिलिखत शaद के िवलोमाथ1 िलिखए। 4. िमलना - __________ 1. उ[म\\ु - __________ 5. भलू ना - __________ 2. मरना - __________ 6. िवxन - __________ 3. बंधन - __________ 6) िनoनिलिखत अनेकाथ{ शaद के अथ1 िलखकर वा य बनाइए। 1. कनक - __________ - _______________________________________ कनक - __________ - _______________________________________ 2. जल - __________ - _______________________________________ जल - __________ - _______________________________________ 16
3. लाल - __________ - _______________________________________ लाल - __________ - _______________________________________ 7) िनoनिलिखत शaद के समतकु ांत शaद िलिखए। 1. गित - _____________ 4. लाल - _____________ 2. भलू े - _____________ 5. पखं - _____________ 3. नीड़ - _____________ 6. साँस - _____________ 8) िनoनिलिखत शaद के पया1यवाची िलिखए। 1. पानी - _____________ 4. िवxन - _____________ 2 . पेड़ - _____________ 5. गगन - _____________ 3. अरमान - _____________ 6. पंछी -____________ 9) िनoनिलिखत शaद के यु•म शaद िलिखए। 1. भखू े - ___________ 4. खाना - ____________ 2. िछ[न - ___________ 5. आस - _____________ 3. पेड़ - ___________ 6. होड़ा - _____________ 10) िनoनिलिखत समानाथ{ शaद का सही िमलान कDिजए। 1 पंछी सोना 2. नभ कोमल 3. कनक फै लना 4. तारक पी 5. पलु िकत न 6. तनना आकाश 11) िनoनिलिखत िभ(नाथ{ शaद को रेखांिकत कDिजए। 1. गगन - आकाश नभ अबं र तारक 2. जल - नीर कनक पानी वाzर 3. त• - पेड़ ि ितज वृ िवटप 17
12) िनoनिलिखत वा य म सव1नाम शaद है- 1. हम बहता जल पीने वाले। () () अ) बहता आ) जल इ) हम ई) पीने वाल।े () 2. मरे ा भाई बाज़ार गया ह।ै () () अ) भाई आ) मेरा इ) बाज़ार ई) गया () 3. म अभी आ रहा ह…।ँ () () अ) रहा आ) आ इ) अभी ई) म () 13) िनoनिलिखत त`सम शaद का त•व पहचािनए। () () 1. कटुक () अ) कडुआ आ) कड़वा इ) कटु ई) कठोर ई) सवण} 2. 0वण} ई) आसमान अ) सवु रण आ) 0वkन इ) सोना 3. आwय अ) आसरा आ) आ˜य} इ) आशा 14) िनoनिलिखत वा य म से सrं ा शaद पहचािनए। 1.प ी आकाश म गाने वाले ह। अ) गाने आ) प ी इ) वाले ई) ह इ) पर ई) झूलंे 2. पड़े % क1 डािलय% पर झूल। इ) घ%सला ई) तोड़ अ) पेड़% आ) क1 3. चाहे उनका घ%सला तोड़ दो। अ) उनका आ) चाहे 15) िनoनिलिखत वा य का काल पहचािनए। 1. हम खशु नहh रह पाएगँ ।े अ) भूतकाल आ) वत}मान काल इ) भिवuय काल इ) भिवuय काल 2. अपनी गित और उड़ान सब कु छ भलू चकु े ह। इ) भिवuय काल अ) भतू काल आ) वतम} ान काल 3. प ी उड़ रहे ह। अ) भतू काल आ) वत}मान काल िकताब ऐसी िश क ह जो िबना क€ िदए, िबना आलोचना िकए और िबना परी ा िलए हम िश ा दते ी ह। 18
इकाई-1 2. दादी माँ िशव साद िसहं अथ12ा3ता िति5या : 1. िच म ब‚चे बहƒत खशु िदखायी दे रहे ह। अनमु ान लगाओ िक ब‚चे खशु य हƒए ह गे? उ. िच म बढ़ू ी औरत ने ब,च% को कहानी सनु ाई होगी। इसिलए ब,चे खुश हए# ह%ग।े 2. िच म बढ़ू ी औरत या कर रही है? उ. िच म बूढ़ी औरत ब,च% को कहानी सनु ा रही ह।ै 3. अपनी दादीजी के बारे म बताओ। उ. हमारे दादीजी भी कहानीकार िशवbसाद िसंह जी क1 दादी माँ से िमलती-जलु ती ह। उनक1 वाणी वž कठोर लिे कन Ÿदय नवनीत ह।ै वे ही हमारे घर म बड़ी ह। इसिलए सब उनक1 बात मानते ह। वे हम ब,च% से बह#त kयार करती ह। हम खबू िखलाती ह, हसँ ाती ह और कहािनयाँ सनु ाती ह। हम भी अपनी दादीजी बह#त kयारी ह।ै 1. बरबस = जबरद0ती by force 2. नाक रगड़ना 3. िवह्वल = िगड़िगड़ाना literally beg 4. उzरन 5. हाथापाई = Aयाकु ल worry 6. दालान 7. कु कु रम„ु ा = उऋण force from debt 8. धोखे क1 प¤ी 9. ममरे ा = साधारण झगड़ा a small quarrel, dispute 10. डाँवाडोल = बरामदा verandah 11. मनमारे 12. आगा–पीछा = गीली जगह पर उगनवे ाला एक छोटा पौधा mushroom 13. होड़ा-होड़ी = मायाजाल web of worldly attachment = माँ के संबंधी maternal = अधीर, अि0थर shaky, uncertain = उदास िदल से to suppress one’s desires = अ,छा-बरु ा good and bad = bित0पधा} competition 19
14. मन मारना = दःु खी होना to feel sorry 15. अनमना = उदास, िख[न 16. सरसाम = सि[नपात vवर sad, dejected 17. िगलाफ़ = तिकया या रज़ाई का खोल delirium 18. बरहम् ा = §हम् ा cover 19. उढ़ाना = ओढ़ाना the God 20. भडं ाफोड़ = भदे खोलना cover 21. िघनौनी = घिृ णत, नफ़रत का पा disclose 22. पाखँ ा = पंख odious 23. हड़# कना = दःु खी होना wing 24. वा–याच| = बवडं र to suffer the pangs of separation 25. जाड़ा = शीतकाल, सरदी cyclone cold, winter इस कहानी के लेखक िशवbसाद िसंह ह। यह कहानी लखे क ने अपनh दादी माँ क1 याद म िलखी ह।ै लखे क के अनसु ार दादी माँ उनके िलए एक दवे ी के समान ह।ै जब लखे क को बखु ार आता तो िदन रात लेखक क1 सेवा करती थी। दादी माँ 0नहे और वा–स’य क1 मिू त} थी। रामी क1 चाची क1 िबिटया क1 शादी के समय उनका बाक1 पैसा माफ कर िदया। िकशन भैया क1 शादी म दादी माँ के उ–साह और उमंग का कोई िठकाना न था, लेिकन दादा जी क1 म–ृ यु के बाद दादी अiसर उदास रहा करती। ससं ार उ[ह धोखा मालमू होता। अपने ब,च% से उ[ह बह#त kयार था। संकट क1 ि0थित आने पर अपने संदकू म अपने परु ाने कं गन िनकाल कर लखे क के िपता को दे िदए। इसीिलए लखे क को अपनी दादी माँ क1 बह#त याद आती ह।ै उनका देहांत लखे क के कॉलजे क1 पढ़ाई के समय हो गया था। लेिकन लखे क अiसर अके ले म बठै कर दादी माँ क1 मधरु याद% मे खोये रहते थे। लेखक यिद बीमार हो जाए तो दादी हर पल उसका ~याल रखती, खाना िखलाती, सुलाती। दादी चाहे ऊपर से थोड़ी कड़क थी मगर अंदर से बह#त नरम 0वभाव क1 थी। लखे क अपनी इस कहानी sारा उन बज़ु गु © के bेम और दया क1 भावना के बारे म बताते ह, जो सदा उनके मन म रहती ह और वह अपने इस bेमपणू } Aयवहार के कारण सदा याद आते रहते ह। यह भी स–य है िक घर म बड़े बुज़गु ª का िवशेष मह–व होता ह।ै 1. लेखक को अपनी दादी माँ कD याद य आती है? आपको िकसकD याद आती है? उ. लखे क के िलए उनक1 दादी माँ दवे ी समान थी। लेखक के बीमार होने पर दादी-माँ ने उनक1 िदन रात सेवा क1 थी। दादी माँ 0नेह और वा–स’य क1 मिू त} थी। रामी क1 चाची क1 िबिटया क1 शादी के समय उसका कज़} का बाक1 पसै ा माफ़ कर िदया। अतं म आिथ}क संकट ि0थित म अपने सोने के कं गन सदं कू से िनकाल कर लेखक के िपताजी को दे िदय।े इसिलए लेखक को अपनी दादी माँ क1 याद आती ह।ै मझु े भी अपनी दादी क1 याद आती ह।ै उनका दहे ांत मरे े बचपन 20
म ही हो गया था। वह भी मझु े बहत# kयार करती थh, मेरे साथ खले ती थh। मझु े पचु कारती थh, िखलाती थh, सलु ाती थh। 2. अपने बचपन कD कोई ऐसी घटना बताइए िजसे आप हमेशा याद रखना चाहगे? उ. मरे ा बचपन गावँ म बीता। तब मरे े बड़े भाई हाई0कू ल म पढ़ते थ।े एक िदन बाzरश हो रही थी। घर म परु ानी छतरी थी। मेरे भाई को वह पसदं नहh थी। वह नई छतरी के िलए िज़द पर अड़े रह।े उ[ह समझाया गया िक नई छतरी अगले िदन ला दग।े पर वे नहh मान।े भीगते ह#ए 0कू ल गए। यह मझु े बार-बार याद आता है, साथ-साथ हसँ ी भी आती ह।ै 3. आपको अपने घर म िकसका Eवभाव अ‚छा लगता है? य ? उ. मझु े अपने घर म अपनी माँ का 0वभाव अ,छा लगता ह,ै माँ घर म b–येक Aयि\\ क1 आव«यकता का {यान रखती ह।ै वह काम म सदवै Aय0त रहती ह। गहृ काय} करने म मेरी मदद करती ह मझु े अ,छी-अ,छी कहािनयाँ सुनाती ह। मेरी माँ दया तथा क‡णा क1 मिू त} ह। अितVर* 1. लखे क ने iवार के महीने का वण}न िकस bकार िकया ह?ै 2. दादी iय% िदन-रात लखे क के पास बठै ी रहती थh? 3. ध[नो चाची पर दादी के िबगड़ने का iया कारण था? 4. लेखक ने दादी को शाप¬€ दवे ी iय% कहा होगा? 1. वा य को 5म (1, 2,…………, 7) दीिजए । (5) (6) 1. दादी माँ अकसर उदास रहा करती थh। (3) 2. ‘iया सचमचु दादी माँ नहh रहh? (4) 3. िकशन के िववाह के िदन% क1 बात ह।ै (2) 4. औरत% ने उस पर आपि„ क1। (1) 5. बखु ार तो मझु े अब भी आता ह।ै 6. रज़ाई पर रज़ाई और उतरा रात बारह बजे के बाद। 2. पाठ से पाँच िवEमयािदबोधक वाले वा य िलिखए । जैसे-‘रोता य है रे!’ 1. दादी माँ के उ–साह और आनंद का iया कहना! 2. दादी माँ! मने धीरे से कहा। 3. सोया न होगा, ध[नो! 4. माँगने के समय कै सी आई थी! 5. हट, हट! अभी नहाकर आ रही ह…!ँ 21
अितVर* 1. पछु वा,िन0सार कु छ देशी श‹द ह ऐसे ही कु छ और श‹द पाठ म ढूँिढ़ए। 2. दगँू ी मालिकन रामी क1 चाची दोन% हाथ% से आँचल पकड़े दादी माँ के पैर% क1 ओर झुक1 िबिटया क1 शादी है आप दया न करगी तो इस बेचारी का िन0सार कै से होगा? उपय}\\ु वाiय म िवराम िच† का bयोग क1िजए। 3. 'अपनी-अपनी' य-ु म श‹द है। इसी तरह के कु छ और श‹द पाठ म रेखांिकत क1िजए। अ^यापन सकं े त - सिु नए-बोिलए और पिढ़ए म िदए गए अितzर\\ b• छा % क1 ‚ान-विृ › हते ु ह। अ{यापक/अ{यािपका छा % से िनƒन b• पछू तथा उनके उ„र क1 सराहना कर। अिभ_यि* सृजना`मकता 1. लेखक को अपनी दादी माँ कD याद के साथ-साथ बचपन कD और िकन-िकन बात कD याद आ जाती है? उ. बचपन के िम % sारा लेखक का मज़ाक उड़ाना, उसक1 बाल |1ड़ाएँ, उसक1 बीमारी-इलाज, िकशन भयै ा क1 शादी क1 घटना, रामी क1 चाची पर कज} न लौटाने के कारण दादी-माँ का िबगड़ना और बाद म दया िदखाना, आिथ}क ि0थित खराब होने पर लखे क के िपताजी और िकशन भयै ा का िचंितत होना तथा दादी sारा अपना सोने का कं गन िपता जी को दने ा आिद सभी बात लेखक को याद आती ह। 2. दादी माँ के Eवभाव का कौन-सा प आपको सबसे अ‚छा लगता है? उ. सदू के पैसे वापस न करने पर रामी क1 चाची पर दादी माँ का िबगड़ना लिे कन लड़क1 क1 बात सनु कर उलटा पहले के कज} के ‡पये भी छोड़ दने ा, ऊपर से दस ‡पये का नोट दने ा दादी माँ के 0वभाव का यह प मझु े सबसे अ,छा लगता ह।ै 3. दादी कD मृ`यु के बाद लेखक के घर कD आिथ1क िEथित खराब य हो गयी थी? उ. दादा के wादध् के समय दादी-माँ के मना करने पर भी कहानीकार के िपताजी ने दो0त% के कहने पर अतलु सपं ि„ उधार लेकर खच} क1। इसिलए दादाजी क1 म–ृ यु के बाद लेखक के घर क1 आिथ}क ि0थित खराब हो गई थी। 22
भाषा कD बात रेखांिकत शaद के पया1य िलखकर दो-दो वा य बनाइए। 1. सरू ज कD गरमी म खौलते हƒए पानी म सड़कर एक िविच गंध छोड़ रहे ह। उ. सरू ज :- िदनकर, िदनेश, िदवाकर, bभाकर, भान,ु भा0कर, मातड® , अकृ , िम , रिव, सह¯ांश।ु (क) रिव परू ब म उगता ह।ै (ख) िदनकर पि˜म म डूबता ह।ै खौलना :- उबलना, उफनना, उमड़ना, जोश खाना (क) गरम करने से पानी उबलता ह।ै (ख) च’ू हे पर दधू उफन रहा ह।ै 2. आप न दया करगी तो उस बेचारी का िनEतार कै से होगा? उ. दया :- अनुकं पा, क‡णा, रहम, हमदद™, सहानभु िू त, कृ पा, अनaु ह। (क) बदु ध् क‡णा क1 साकारमिू त} ह। (ख) हम गरीब% के ऊपर रहम करना चािहए। िनEतार :- उदध् ार, छु टकारा, छु ट्टी (क) भगवान सब का उदध् ार करने वाला ह।ै (ख) सोमू ने जेल से छु टकारा पाया। 3. Eनेह और ममता कD मूित1 दादी माँ कD एक-एक बात आज कै सी-कै सी मालूम होती है। उ. Eनेह :- bेम, kयार, महु ‹बत (क) राजू तथा रामू म असीम bेम ह।ै (ख) म अपने दशे से बह#त kयार करता ह…।ँ ममता :- bेम, अपनापन (क) ब,च% पर माता क1 अपार ममता होती ह।ै (ख) माँ अपनी ममता सब ब,च% पर लटु ाती ह।ै 1. इन पंि*य पर ^यान दीिजए। ज़रा-सी किठनाई पड़ते अनमना-सा हो जाता ह।ै सन-से सफे द - समानता का बोध कराने के िलए सा, सी, से का bयोग िकया जाता ह।ै ऐसे पाँच और श‹द िलिखए और उनका वाiय% म bयोग क1िजए। उ. (क) ज़रा-सी bितकू लता म ज़रा – सी bितकू लता से घबराने वाला नहh ह…।ँ (ख) रोने -रोने - से हो जाना एक भी ‡पया न दने े के कारण कहानीकार के िपताजी रोन-े रोन-े से हो गए। 23
(ग) चमकती- सी चीज़ दादी-माँ ने संदकू खोलकर चमकती-सी चीज़ िनकाली। (घ) दवे ी-सी कहानीकार को दादी – माँ शाप¬€ दवे ी-सी लगी। (ड) काली चhिटय%-सी कतार दादी-माँ के िनधन का समाचार पढ़ते समय, कहानीकार को ऐसा लगता ह,ै मानो प क1 पंि\\याँ काली चhिटय%-सी कतार ह% और वे धिू मल हो रही ह%। 2. कहानी म ‘छू – छू कर ‡वर का अनमु ान करतB, पूछ – पूछकर घरवाल को परेशान कर देतB’– जैसे वा य आये ह। िकसी ि5या को ज़ोर देकर कहने के िलए एक से अिधक बार एक ही शaद का योग होता है। जैसे – वहाँ जा-जाकर थक गया, उ(ह ढूढ़ँ -ढूढ़ँ कर देख िलया। इस कार के पाँच वा य बनाइए। उ. (क) म पढ़-पढ़कर सो गया। (ख) वह खेल-खेलकर थक गया। (ग) राम दखे -दखे कर िनराश ह#आ। (घ) ि0मता ने गा-गाकर कं ठ-0वर खो िदया। (ङ) bेमकु मार नाच-नाच कर बेहोश हो गया। 3. बोलचाल म योग होनेवाले शaद और वा यांश ‘ दादी माँ ’ कहानी म है। इन शaद और वा यांश से पता चलता है िक यह कहानी िकसी िवशेष े से सबं िं धत है। ऐसे शaद और वा यांश म े ीय बोलचाल कD खूिबयाँ होती ह। उदाहरण के िलए-िनकसार, ˆ‰ा, उVरन, िचउड़ा, छाँका इ`यािद शaद को देखा जा सकता है। इन शaद का उ‚चारण अ(य े ीय बोिलय म अलग ढंग से होता है। जैसे- िचउड़ा, चूड़ , पोहा और इसी तरह छŠका को छ क, तड़का भी कहा जाता है । िनकसार, उVरन और बरहमा शaद 5मशः उऋण और ˆहम् ा शaद का े ीय Œप है। इस कार के दस शaद को बोलचाल म उपयोग होनेवाली भाषा / बोली से एकि त कDिजए और क ा म िलखकर िदखाइए। उ. अिँ दर (अंदर) आकास (आकाश) ईछन (ई ण) ईरखा (ईuया}) उतणृ (उ ण) एह (यह) औगनु (अवगणु ) कं वल (कमल) चपzर (चपल) जतन (य–न) 1. दादी माँ िकस कार से बात करती ह? अिभनय के साथ Eतुत कDिजए। उ. दादी माँ वा–स’यता, |ोध, हमदद™, तस’ली, धीरज बाँधने, िनज दःु ख िछपाने आिद कई bकार क1 बात करती ह। सचू ना : अिभनय :- ब,च% को उपय\\ु bकार क1 बात करते हए# दादी-माँ क1 तरह अिभनय करना चािहए। 24
1. घर म बड़े-बुज़ुग• का िवशेष मह`व है। दादी माँ कहानी के मा^यम से आप इसे समझ ही गये ह गे। अपनी दादी माँ कD शंसा करते हƒए दस वा य िलिखए। उ. मेरी दादी माँ बह#त क‡णामयी ह। ज‡रतमदं % क1 सहायता करती ह। िभखाzरय% को खाली हाथ नहh जाने देतh । मझु पर बह#त वा–स’यता बरसाती ह। मरे े साथ खेलती ह। मझु े बह#त kयार से खाना िखलाती ह। मझु े अ,छी-अ,छी कहािनयाँ सनु ाती ह। पुरानी बात सनु ाती ह। हम सभी का बहत# ~याल रखती ह। जब म छोटा था, तब लोzरयाँ गाकर सलु ाती थh। म उनसे बह#त kयार करता ह…।ँ या म ये कर सकता हj/ँ सकती हjँ हाँ ( ) नहB ( x ) 1. पाठ का भाव अपने श‹द% म बता सकता ह…।ँ 2. भाव% से संबिं धत बातचीत कर सकता ह…ँ 3. इस 0तर क1 गc सामaी का भाव पढ़ कर समझ सकता ह…।ँ 4. इस 0तर के गcांश% क1 Aया~या करते ह#ए िलख सकता ह…।ँ 5. पाठ के श‹द% को अपनी बातचीत म bयोग कर सकता ह…।ँ 6. अपनी दादी माँ क1 कहानी बना सकता ह…।ँ उनका अिभनय कर सकता ह…।ँ इस पाठ म मने ये नए शaद सीखे 25
अितVर* काय1 ोnर 1. ‘दादी माँ’ कहानी का शीष1क कै सा है? इसका यह शीष1क कहाँ तक उपयु* है? उ. ‘दादी माँ’ कहानी परू े पाठ म के वल ‘दादी मा’ँ के इद}-िगद} ही घूमती ह।ै कहh भी कहानी म ऐसा मोड़ नहh है जहाँ दादी माँ नहh हो। दादी माँ क1 कहानी लेखक का दादी के bित bेम, वा–स’य और मधरु समिृ तय% क1 कहानी है जो हर समय लखे क के िदल-िदमाग म रहती है और उ[हh याद% को जोड़कर लखे क ने कहानी को एक कड़ी म िपरोया ह।ै इसिलए इस कहानी का शीषक} एक दम उपय\\ु ह।ै 2. ‘दादी माँ’ पर कु छ पिं *याँ िलिखए। उ. ‘दादी माँ’ बड़ा kयारा श‹द है - एक दम kयार से भरा ह#आ। आम तौर पर भारत म ‘दादी मा’ँ सब ब,च% क1 िbय होती ह।ै अकसर छोटे ब,चे अपनी दादी या नानी से बहत# kयार पाते ह और उ[ह बह#त kयार करते भी ह।ै इसी bकार से लखे क क1 भी दादी थी, जो अब नहh रहh, लिे कन लेखक उनके साथ िबताए गए मधुर ण% को नहh भलु ा पाता। बार- बार उसे अपनी दादी क1 छोटी-बड़ी सभी वह बात याद आती ह, जो लेखक को सदा खशु ी दते ी थी। लखे क अपनी दादी के बारे म िलखता है िक चाहे वह ऊपर से वž के समान कठोर थी लेिकन Ÿदय से बह#त कोमल थी। घर क1 बड़ी होने के कारण सभी उनक1 बात मानते थे। वे ब,च% से, उनके माँ-बाप से भी अिधक bेम करती थh । हम खाना िखलाना, हसँ ाना, कहािनयाँ सनु ाना यह सब उनका िन–य कम} ह#आ करता था। लखे क जब बीमार ह#आ तो दादी माँ सारा िदन उसके आगे पीछे रह कर उसक1 सेवा करती रहh। प - लेखन पVरभाषा-िवचार%, भाव%, संदशे % एवं सचू नाओं के संbेषण के िलए प सहज, सरल तथा पारंपzरक मा{यम ह।ै प अनेक bकार के हो सकते ह, परी ाओं म bाय: िशकायती-प , आवदे न-प तथा संपादक के नाम प पछू े जाते ह। इन प % को िलखते समय िनƒनिलिखत बात% का {यान रखा जाना चािहए। प -लेखन के अगं :- 1. पता और िदनांक- प के ऊपर बाई ंओर bेषक का पता व िदनांक िलखा जाता ह।ै (छा पते के िलए परी ा- भवन ही िलख।) 2. सबं ोधन और पता– िजसको प िलखा जा रहा ह,ै उसको यथान‡ु प संबोिधत िकया जाता ह,ै औपचाzरक प % म पद-नाम और काया}लयी पता रहता ह।ै 3. िवषय – के वल औपचाzरक प % म bयोग कर। (प के क±य का सिं B ‡प, िजसे पढ़ कर प क1 सामaी का संके त िमल जाता ह।ै ) 4. प कD साम2ी – यह प का मूल िवषय ह,ै इसे सं पे म सारगिभत} और िवषय के 0प€ीकरण के साथ िलखा जाए। 5. प कD समािŽ – इसम ध[यवाद, आभार सिहत अथवा साभार जैसे श‹द िलख कर लखे क अपने ह0ता र और नाम िलखता ह।ै 26
^यान द - छा प म कहh अपना अिभ‚ान (नाम-पता) न द। औपचाzरक प % म िवषयान‡ु प ही अपनी बात कह। िs-अथ}क और बोिझल श‹दावली से बच। भाषा श›ु , सरल, 0प€, िवषयान‡ु प तथा bभावकारी होनी चािहए। 1. धानाचाय1 को छा वृिn के िलए प िलिखए। िदनाकं ः.............. सवे ा म, bधानाचाय} जी, क, ख, ग िवcालय, हदै राबाद। िवषयः bधानाचाय} को छा विृ „ के िलए प । मा[यवर, सिवनय िनवेदन है िक म क ा सातवh का छा ह…।ँ मरे े पvू य िपताजी काफ1 िदन% से अ0व0थ चल रहे ह। पशन क1 अ’प रािश म दवा उपचार ही मिु «कल से चल पा रहा ह।ै घर के अ[य खच© के िलए माता जी िसलाई करती ह। पzरवार के पाँच bािणय% म इसके िसवा आय का कोई और साधन नहh ह।ै हम तीन बहन भाई पढ़ने वाले ह। म अभी तक सभी क ाओंम bथम आता रहा ह…।ँ खेल एवं िनबधं bितयोिगताओं म भी म कई परु 0कार bाB कर चकु ा ह…।ँ अतः आप से हाथ जोड़कर bाथ}ना है िक मरे े पzरवार क1 आिथक} ि0थित को {यान म रखते ह#ए मुझे छा विृ „ bदान कर कृ ताथ} कर। म सदा आपका आभारी रह…गँ ा। ध[यवाद। आपका आ‚ाकारी िशuय, नाम - ............... क ा – सातवh कारक कारक-स‚ं ा या सवन} ाम के िजस ‡प से वाiय के अ[य श‹द% के साथ उसके सƒब[ध का बोध होता ह,ै उसे कारक कहते ह। िह[दी म आठ कारक होते ह -कता}, कम}, करण, सƒbदान, अपादान, सƒब[ध, अिधकरण और सƒबोधन। िवभि\\ या परसग}- िजन b–यय% से कारक% क1 ि0थितय% का बोध होता ह,ै उ[ह िवभि\\ या परसग} कहते ह। आठ कारक% के िवभि\\ िच² या परसग} इस bकार होते ह- 27
कारक िच† पहचान पहचान के िलए उदाहरण कता} ने कम} को काम को करने वाला कौन, िकसने राम खा रहा ह।ै राम ने खाया करण से, के sारा, साथ राम ने कु „े को डंडा मारा। - iया, िकसको राम ने चƒमच से सपू िपया। सbं दान के िलए अपादान से िजसक1 सहायता से िकससे मामा जी मरे े िलए िकताब लाए। काम हो म घर से भाग गया। रेखा से माधरु ी अिधक अ,छा अिभनय िजसके िलए काम िकसके िलए करती ह।ै राम क1 िकताब, मरे ा घर अलग होना, तलु ना िकससे िकताब मेज़ पर रखी ह।ै िकताब करना अलमारी म ह।ै राम, इधर आओ। हे भगवान ! सबं ंध का,ले, रा, रे, री िजससे सबं ंध हो िकसका बचाओ। अिधकरण म, पर आधार िकसम , िकस पर सबं ोधन सबं ोधन िच² ह,े िजससे कहा जाए - अरे, ओ आिद या सं‚ा िजस ‡प से पकु ारा जाए। कता1 कारक –काय} करने वाले के िलए bयोग म लाए जाने श‹द को कता} कारक कहते ह। इसम 'ने' िवभि\\ िच² का bयोग होता ह।ै जैसे-माला ने फू ल तोड़े। माली ने पेड़ लगाया। ि|या करने वाले को कता} कहते ह। यह 0वतं होता ह।ै इसम 'ने' िवभि\\ का bयोग होता ह।ै जैसे- िकरण ने प िलखा। गीता ने कहानी पढ़ी। कहh-कहh वाiय म कता} कारक के 'ने' िच² का लोप भी रहता ह।ै जसै े- अिमत रोटी खाता ह।ै म जाता ह…।ँ कम1 कारक - िजस पर ि|या के Aयापार का bभाव पड़ता ह।ै उसे कम} कारक कहते ह। इसम 'को' िवभि\\ िच² का bयोग होता ह।ै जसै े- माँ ने ब,चे दधू िपलाया। कोमल िचिड़या को kयार करती ह।ै कु छ वाiय% म कम} कारक के िच² 'को' का लोप भी रहता ह।ै जैसे- गोकु ल प0ु तक पढ़ता ह।ै काजल पानी पीती ह।ै 28
करण कारक - िजसके sारा ि|या होती ह,ै उसे करण कारक कहते ह। करण कारक के िवभि\\ िच² 'स,े sारा' ह। जैस-े कलम से प िलखा ह।ै अमन को प के sारा सूचना िमली। सo दान कारक - िजसके िलए ि|या क1 जाती है अथवा िजसे कोई व0तु दी जाती ह,ै वहाँ सƒbदान कारक होता ह।ै इसके िवभि\\ िच² 'के िलए' और 'को' ह। जैसे- भखू े के िलए रोटी लाओ। कोमल शीला को प0ु तक दते ी ह।ै आरव अपने िम को उपहार दते ा ह।ै अपादान कारक -जहाँ एक सं‚ा का दसू री सं‚ा से अलग होना सूिचत होता ह,ै वहाँ अपादान कारक होता ह।ै इसका िवभि\\ िच² 'स'े ह।ै जसै -े पेड़ से प„े िगरे। लड़का छत से िगरा ह।ै म बक से •पया लाया ह…।ँ सoब(ध कारक -जहाँ एक सं‚ा या सवन} ाम का सƒब[ध दसू री सं‚ा या सव}नाम से सिू चत होता ह,ै वहाँ सƒब[ध कारक होता ह।ै इसके िवभि\\ िच² का, क1, के ; रा, री, रे; ना, नी, ने ह। जैस-े मोहन का लड़का, मधु क1 लड़क1, परवीन के ब,चे। शालू का भाई मेरे साथ पढ़ता ह।ै अपना लड़का, अपना लड़क1, अपने लड़के । अिधकरण कारक - जहाँ कोई स‚ं ा या सव}नाम िकसी अ[य सं‚ा या सवन} ाम का आधार हो, वहाँ अिधकरण कारक होता ह।ै इसके िवभि\\ िच² 'म, पर' ह। जैस-े मंिदर म दीपक जल रहा ह।ै तƒु हारी कमीज़ अलमारी म ह।ै राधा कु स™ पर बैठी ह।ै सoबोधन कारक - जहाँ पुकारने, चते ावनी दने े या {यान आकिषत} करने के िलए िकसी को सƒबोिधत िकया जाता ह,ै वहाँ सƒबोधन कारक होता ह।ै इसके िवभि\\ िच² 'ह,े अरे, अजी' ह। जैस-े हे ईšर! कृ पा करो। अरे bाची! इधर आओ। अरे भाई! तमु उसे iया मारोगे? 29
अsयास काय1 (Work Book) पिठत गmांश 1. िनoनिलिखत पिठत गmांश पढ़कर के उnर दीिजए। रा0त% म क1चड़ सूख गया है और लड़के िकनार% पर झाग भरे जलाशय% म धमाके से कू द रहे ह। अपन-े अपने मौसम क1 अपनी-अपनी बात होती ह। आषाढ़ म आम और जामनु न िमल, िचतं ा नहh, अगहन म िचउड़ा और गड़ु न िमले, दखु नहh, चैत के िदन%, म लाई के साथ गड़ु क1 प¤ी न िमल,े अफ़सोस नहh, पर iवार के िदन% म इस गघं पूण} झागभरे जल म कू दना न हो तो बड़ा बुरा मालमू होता ह।ै 1. रा0ते म iया सखू गया था? () अ) पानी आ) क1चड़ इ) हवा ई) नल 2. गाँव के लड़के कहाँ कू द रहे ह? () उ. अ) िकनार% आ) जलाशय% म इ) नदी म ई) समµु म 3. अपने - अपने मौसम क1 कै सी बात होती ह? 4. आषाढ़ के मौसम म iया िमल सकता ह?ै 5. कब बरु ा मालमू होता ह?ै 6. िनƒनिलिखत श‹द% के िवलोमाथ} िलिखए। अ) गावँ - ________ आ) दखु - ________ इ) बरु ा - _________ ई) िचतं ा - ________ ोnर िनoनिलिखत के उnर दीिजए। 1. तƒु हारी दादी कै सी ह? उसके बारे म कु छ बताइए। 2. िववाह क1 रात को लेखक को अिभनय िदखाने के िलए दादी माँ ने iया िकया था? 3. दादी को 0नेह और वा–स’य क1 मिू त} iय% कहा गया ह?ै प - लेखन ज़मु ा1ना माफD के िलए मुIया^यापक महोदय को प िलिखए। 30
_याकरण 1) िनoनिलिखत वा य म रेखािकं त िकए शaद कौन-से कारक है? 1. मनै कलम से प िलखा ह।ै ( __________________________ ) 2. उसने ब,च% को पाक} म बलु ा िलया। ( __________________________ ) 3. पड़े पर लाल रंग के फू ल लगे ह। ( __________________________ ) 4. पनू म छत से िगर गई। ( __________________________ ) 5. अरे! तमु कहाँ जा रहे हो? ( __________________________ ) 6. तƒु हारी कमीज़ अलमारी म ह।ै ( __________________________ ) 2) िनoनिलिखत खाली Eथान को उिचत कारक-िच† eारा भVरए। 1. कांता रािधका ________ मदद माँगने गई। 2. आसमान ________तारे िटमिटमा रहे ह। 3. िपताजी बाज़ार ________ सि‹ज़याँ लाए। 4. अम‡द के पेड़ ________ तोते टाँय-टायँ कर रहे ह। 5. ताzरका ________मधरु गीत सनु ाया। 6. राजू ________ खाना दो। 3) रेखािं कत कारक शaद का भेद िदए गए िवक•प से चुनकर िलिखए। 1. कल माँ का प िमला। () अ) सबं ंध कारक आ) कता} कारक इ) करण कारक ई) आपादान 2. वह 0कू ल से सीधा घर पह#चँ ा। () अ) कता} कारक आ) अपादान कारक इ) करण कारक ई) सबं ंध कारक 3. मनै े िद’ली के बारे म बह#त कु छ सनु ा ह।ै () अ) करण कारक आ) कता} कारक इ) सबं ंध कारक ई) आपादान 4) िनoनिलिखत रेखांिकत शaद के िलगं बदलकर वा य िफर से िलिखए। 1. नौकर पानी दे जाता ह।ै - ________________________________________ 2. भयै ा क1 शादी ठीक हई# । - ________________________________________ 3. मालिकन िकसी पर िबगड़ रही थी। - ________________________________________ 31
5) िनoनिलिखत रेखांिकत शaद के वचन बदलकर वा य िफर से िलिखए। 1. म चपु के से आगँ न क1 ओर चला गया। 2. सभी काम औरत ही करती ह। 3. कहो दादी, यह कौन ब,चा सोया ह?ै 6) िनoनिलिखत शaद के िवलोमाथ1 िलिखए। 4. bितकू लता - _____________ 1. म–ृ यु - _______________ 2. रोना - _______________ 5. शीत - _____________ 3. चढ़ना - _______________ 6. हलक1 - ________ 7) िनoन वा य म रेखांिकत शaद के िवलोमाथ1 पहचान कर िलिखए। 1. वह दबु ला नहh मोटा ह।ै 1. ________________ 2. रामू पहले आया था,म बाद म आया। 2. ________________ 3. बाहर सद™ ह,ै अ[दर गरमी हो रही ह।ै 3. ________________ 4. मरे ा घर शहर से दरू ह,ै लिे कन 0टेशन के पास ह।ै 4. ________________ 5. श›ु भोजन का सेवन करो। अश›ु को छोड़ो। 5. ________________ 6. vवर चढ़ता ही गया, उतरता नही था। 6. ________________ 8) िनoनिलिखत शaद के िलंग बदिलए। 1. दादा - ____________ 4. चाचा - ____________ 2. बटे ा - ____________ 5. मामा - ____________ 3. दवे ी - ____________ 6. भाभी - ____________ 9) िनoनिलिखत शaद से उपसग1 अलग कDिजए। 1. अनपु ि0थत- _______________ 4. अनमना - _______________ 2. अिbय - _______________ 5. अनमु ान - _______________ 3. उऋण - _______________ 6. िवशिु चका- _______________ 10) िनoनिलिखत शaद से `यय अलग कDिजए। 1. शभु िचतं क - 4. िमिwत - 2. शीतलता - 5. शाप¬€ - 3. किठनाई - 6. गरमी - 32
11) िनoनिलिखत वा य का काल पहचािनए। 1. िकशन भयै ा क1 शादी ठीक हई# । इ) भिवuयत काल () अ) वत}मान काल आ) भतू काल इ) भिवuयत काल () इ) भतू काल काल () 2. मरे ी अनपु ि0थित िवलबं का कारण बन जाएगी। अ) भतू काल आ) वतम} ान काल 3. मोहन मरे ी प0ु तक पढ़ रहा ह।ै अ) भिवuयत काल आ) वत}मान काल 12) िनoनिलिखत वा य म से सrं ा शaद पहचािनए। 1. िदन म म चादर ओढ़कर सोया रहता। () अ) िदन म आ) चादर इ) ओढ़कर ई) सोया 2. राधा रसोई म खाना पका रही थी। () अ) राधा, रसोई आ) पका इ) रही ई) थी 3. म दरे तक दादी माँ के पास बैठा रहा। () अ) म दरे आ) दादी माँ इ) के पास ई) बैठा 13) िनoनिलिखत वा य म से ि5या पहचािनए। () 1. िशमला म बहत# बफ} पड़ती ह।ै अ) बफ} आ) िशमला माँ इ) पड़ती ई) बह#त 2. म चाची जी के साथ िद’ली जाऊँ गी। () अ) चाची जी आ) िद’ली इ) के पास ई) जाऊँ गी 3. लंबे खजूर के पड़े से कौआ उड़ा। () अ) कौआ आ) लंबे खजूर इ) के पड़े से ई) उड़ा 14) िनoनिलिखत शaद का सिं ध िव‚छेद पहचािनए। 1. पु ो–पित () अ) पु ो+ –पित आ) पु + –पित इ) पु + उ–पित ई) पु ो+ उति„ 2. जलाशय () अ) जला +शय आ) जल + आशय इ) जल + शय ई) जला+ शय 3. ससं ार () अ) सम् + सार आ) सम+ सार इ) संसा+ र ई) सं+ सार 15) िनoनिलिखत शaद का उिचत पया1यवाची पहचािनए। () 1. दया अ) क•णा, कृ पा, रहम आ) क•णा, कृ पा,सहना इ) सखु , कृ पा, रहम ई) क•णा, कृ पा, वहम 2. सरू ज () अ) सूय}, पवन, भा0कर आ) सयू ,} भा0कर, रिव इ) भा0कर, अि-न ई) सयू }, भा0कर, सोम 3. 0नेह () अ) मम–व, अपनापन आ) bेम, kयार, मोह इ) bेम, kयार, दुख ई) bेम, [यारे, मोह कु ल क1 bित·ा भी िवन¸ता और सदA् यवहार से होती ह,ै हके ड़ी और •आब िदखाने से नहh। - bेमचंद 33
इकाई-1 3. खानपान कD बदलती तEवीर याग शु ल अथ12ा3ता िति5या - 1. िच म या- या िदखायी दे रहा है? उ. िच म इडली, डोसा, वड़ा, समोसा, जलबे ी, चटनी, साँभर – रसम,परू ी,स‹ज़ी आिद Aयंजन िदखायी दे रहे ह। 2. इनम से आपको कौन–सी चीज़ पसदं है? य ? उ. इनम से मझु े इडली पसंद ह,ै iय%िक उसम िमच} और मसाला नहh होता। यह 0वा0±य के िलए अ,छी होती ह।ै 3. िच म िदये _यंजन के Eवाद के बारे म बताइए। उ. डोसा नमक1न होता ह।ै समोसा तीखा होता ह।ै इडली न ख¤ी न तीखी होती ह।ै वड़ा नमक1न होता ह।ै जलेबी मीठी होती ह।ै ढोकला थोड़ा मीठा थोड़ा नमक1न होता ह।ै परू ी फ1क1 होती ह।ै 1. अजनबी = अपzरिचत unknown 2. कभी–कभार = कभी-कभी sometimes 3. पीढ़ी = िकसी िवशेष समय म होनेवाले Aयि\\य% क1 समि€ generation 4. परोसना = 5. एथिनक = थाली आिद म खादय् पदाथ} रखना to serve food 6. संभवत: = समान आचार – Aयवहार वाल% के Aयजं न – पकवान ethnic 7. bायः = हो सकता है possibly 8. दःु सा{य = 9. भागमभाग = अiसर, लगभग frequently 10. िनखािलस = 11. मसलन = असा{य, बहत# मिु «कल से होने वाला impossible 12. तथाकिथत = 13. गड्ड-मड्ड = दौड़-धपू with a running speed िवशदु ध् pure उदाहरण के •प म as example कहलाने वाला so - called बमे ले , अAयवि0थत ‡प से िमला ह#आ jumbled 34
14. क0बा = छोटा शहर colony, a small town 15. Aयंजन = खादय् पदाथ}, पका ह#आ भोजन food इस लेख के लखे क ह - bयाग शiु ल जी। इस पाठ म लेखक ने िपछल1े 0-15 वषª म जो खानपान क1 सं0कृ ित म बदलाव आया ह,ै उसी के बारे म बताया ह।ै खानपान क1 िमिwत सं0कृ ित से लेखक का ता–पय} सभी bांत% म खानपान के आधार पर मले -जोल होना। भारत म आज़ादी के बाद उcोग धंध%, नौकzरय% व तबादल% के कारण खानपान क1 चीज़ एक bदशे से दसू रे bदशे म पहच#ँ ी। जैसे – दि ण भारत का इडली, सांभर या डोसा। उपमा के वल दि ण तक ही सीिमत नहh, बि’क भारत के हर शहर म भी उपल‹ध ह।ै आजकल फा0टफू ड भी बहत# ज़ोर पकड़ रहा ह।ै इस फा0टफू ड म बगर} , नूड़’स और सडिवच जसै ी चीज़ भी शािमल ह। पजं ाबी ढाबा परू े भारत वष} म bचिलत हो गया ह।ै गजु राती ढोकला और गािठया भी अब दशे के कई िह0स% मे 0वाद से खाए जाते ह। खान-पान क1 इस बदली ह#ई सं0कृ ित से सबसे अिधक bभािवत नई पीढ़ी हई# ह।ै लिे कन इस खान–पान क1 िमली-जुली सं0कृ ित का कु छ साकारा–मक प भी ह।ै नई पीढ़ी को दशे -िवदशे के Aयजंनो को जानने का अवसर िमला ह।ै हम खान-पान से एक दसू रे को जानते ह। धीरे–धीरे हम उनक1 भाषा, उनका पहनावा भी जान जाते ह। इस ºि€ से दखे ा जाए तो खानपान क1 नई सं0कृ ित म हम राu»ीय एकता के नए बीज भी िमलते ह। लिे कन इसका अथ} यह नहh िक हम 0थानीय Aयजं न% को नकार द। के वल पाँच िसतारा होटल म कभी कभार िमले पर भरे बाज़ार% म न िमले तो यह एक दभु ा}-य ही होगा। अिधक हरै ानी न होगी िक जो चीज़ पहले उ„री भारत म आम िमला करती थी। उ[ह अब खास दकु ान% पर तलाशा जाता ह।ै अ,छी bकार पकाई गई कचौzरयाँ, जलेिबयाँ भी आज बाज़ार% से गायब हो गई ह। मौसमी सि‹ज़य% म भरे हए# समोसे भी अब कहाँ िमलते ह। यह भी कड़वा सच है िक पि˜म क1 नकल म हमन बहत# सी ऐसी चीज़ अपना ली ह जो 0वाद, सरसता और 0वा0±य के मामले म हमारे िलए अनकु ू ल नहh ह। इसके अितzर\\ पहले लोग खाने क1 श›ु ता का अिधक {यान रखते थे लिे कन आज के लोग नहh। आज हर चीज़ म िमलावट है जो भी व0तएु ँ बाज़ार म ह, वह अिधकतर श›ु नहh होती। आज क1 कामकाजी मिहला के पास भी उतना समय नहh है िक वे घर क1 बनी चीज़% से Aयंजन बनाए।ँ यह भी हो रहा है िक खान–पान क1 िशि त सं0कृ ित म हम कई बार चीज़% का असली और अलग 0वाद नहh ले रह।े हम खान पान क1 िमिwत सं0कृ ित का परू ा लाभ नहh उठा पा रह।े इसका परू ा लाभ उठाने के िलए उसे तरह–तरह से जाँचना ज़‡री ह।ै 0थानीय Aयजं न भी कु छ ही चीज़% तक सीिमत रह गए ह। लोग% का 0वाद धीरे-धीरे कम समय म बनने वाले Aयजं न% तक ही सीिमत रह गया ह।ै आजकल क1 इस भाग-दौड़ के यगु म परु ाने तरीके से बनाने वाले Aयजंन% का शौक बह#त कम ल%ग% को रह गया ह।ै 1. खानपान कD िमिGत सEं कृ ित से लेखक का या मतलब है?अपने घर के उदाहरण देकर बताइए। उ. खानपान क1 िमिwत स0ं कृ ित से लखे क का ता–पय} है सभी bातं % म खानपान के आधार पर मले जोल होना। भारत म आज़ादी के बाद उcोग धंध%, नौकzरय% व तबादल% के कारण खानपान क1 चीज़ एक bदशे से दसू रे bदशे म पहच#ँ ी ह।ै 35
लोग% ने अपनी पसदं के आधार पर एक-दसू रे bांत क1 खाने क1 चीज़% को अपने भोvय पदाथ} म शािमल िकया ह।ै जैसे आज दि ण भारत के Aयंजन इडली- डोसा- सांभर-रसम उ„र भारत म चाव से खाए जाते ह और उ„र भारत के ढाबे सारे भारत म मह–व पाते ह। यहाँ तक िक पि˜मी स‘यता के Aयजं न बगर} , नडू ’स का चलन भी बह#त बढ़ा ह।ै मेरा घर महाराu» म ह।ै म मराठी पzरवार से ह…।ँ मछली- चावल हमारा म~ु य भोजन है लेिकन हमारे घर म मछली – चावल से vयादा इडली – साभँ र, चावल – चने – राजमा, परू ी – आल,ू बगर} व नडू ’स आिद अिधक पसदं िकए जाते ह। यहाँ तक िक हम यह सब बाज़ार से न लाकर घर म ही बनाते ह iय%िक आज हर bदशे के Aयजं न बनाने क1 प0ु तक भी बाजार म उपल‹ध रहती ह। 2. अपने मनपसदं _यंजन का नाम बताओ। यह भी बताओ िक वह _यंजन तुoह य पसदं है? उ. मेरे मनपसंद Aयंजन का नाम जलेबी है iय%िक उस म मीठा रस होता ह।ै खाने म वह अ,छी लगती ह।ै मझु े मीठी चीज़ अ,छी लगती ह। उसे दखे ते ही या उसक1 याद आते ही महँु म पानी भर आता ह।ै 3. खानपान म शुद्धता का ^यान रखना अ`यंत अव]यक है। पहले के लोग खाने म शुद्धता का अिधक ^यान रखते थे या आज के ? उदाहरण के साथ बताइए। उ. पहले के लोग खाने म शदु ध् ता का अिधक {यान रखते थे, लेिकन आज के लोग नहh। परु ाने समय म खाने क1 चीज शदु ध् िमलती थी। आजकाल हर चीज़ म िमलावट होती ह।ै जो भी व0तएु ँ बाजार म उपल‹ध ह वे शदु ध् नहh िमलती ह। दसू रा आज क1 मिहलाएँ पढ़ िलख कर अपने पैर% पर खड़ी ह।ै ऐसी कामकाजी मिहलाओंके पास पयाB} समय नहh होता िक वे घर क1 बनी चीज़% से Aयंजन बनाए। इसिलए उ[ह बाज़ार म उपल‹ध िमलावटी चीज% से ही Aयंजन बनाने पड़ते ह। इन सारी बात% से हम यह अनमु ान लगा सकते ह िक आज क1 अपे ा पहले के लोग ही खाने म शदु ध् ता का {यान रखते थ।े 4. फाEट-फू ड यानी तुरंत-भोजन के नफ़े -नकु सान पर क ा म चचा1 कर। उ. लाभ, समय, wम बचता ह। िविवध 0वाद िमलते ह। Aयजं न% क1 िविवधता होती ह।ै जो पाक-कला से अपzरिचत ह, उनको सबसे vयादा फा0ट-फू ड अ,छा लगता ह।ै हािन :- उन म शदु ध् ता नहh होती। उनसे 0वा0±य िबगड़ जाता ह,ै कई बीमाzरयाँ होती ह। लोग पाक-कला क1 िनपणु ता खो दते े ह। उनके आने से “0थानीय” Aयंजन लBु हो जाते ह। अितVर* 1. पाठ के अनसु ार आज कल कौन-कौन से खाने सब जगह उपल‹ध ह ? 2. 0थानीय Aयंजन% म कमी आने के iया कारण ह? 3. उ„र भारत के कु छ bिस› Aयजं न% के नाम बताइए जो आप को पस[द ह%? 4. कु छ ब,चे अपनी माँ के साथ खाना बनाना सीखते ह। आपको कौन-सा Aयंजन बनाने म •िच ह?ै 36
1. पाठ म िविवध कार के _यंजन के नाम आए ह, उनके नाम िलखो। उ. टू िमनट्स नडू ’स इडली-डोसा साँभर-बड़ा दाल-रोटी-साग छोले-कु लचे आलू िचkस ढोकला-गािठया पाव-भाजी समोसे पेठा-नमक1न पिू ड़याँ-कचौड़ी जलिे बयाँ अितVर* 1. “0थानीय” श‹द म ईय b–यय है आप भी पाठ म आए कु छ b–यय अलग क1िजए। 2. ‘दशे ी-िवदशे ी’यह एक िवपरीताथ}क यु-म है इसी तरह के कु छ य-ु म श‹द% क1 सचू ी बनाइए। 3. ‘फा0ट फू ड’ एक िवदेशी श‹द है पाठ म आये ऐसे ही श‹द% को रेखािं कत क1िजए। अ^यापन सकं े त - सुिनए-बोिलए और पिढ़ए म िदए गए अितzर\\ b• छा % क1 ‚ान-विृ › हते ु ह। - अ{यापक/अ{यािपका छा % से िनƒन b• पछू तथा उनके उ„र क1 सराहना कर। 1. खानपान म बदलाव के कौन-से फ़ायदे ह? िफर लेखक इस बदलाव को लेकर िचंितत य ह? उ. खानपान म बदलाव के फ़ायदे ह िक िविवध bकार के Aयंजन% को खा सकते ह। इस bकार खाने म मज़ा आता ह।ै पसदं ीदा चीज़ vयादा खा सकते ह और नापसंद चीज़ छोड़ सकते ह। िविवध bकार के Aयंजन बाज़ार म आसानी से िमल सकते ह। लेिकन लखे क इस बदलाव के कारण िचिं तत ह, iय%िक उनका मानना है िक बदलाव के कारण Aयजं न% म शदु ध् ता नहh रहती। 0वा0±य िबगड़ जाता ह।ै ‘0थानीय’ Aयंजन लुB हो जाते ह। बनी-बनाई चीज़ बाजार म िमलती ह। इससे लोग पाक-कला क1 िनपणु ता खोते जा रहे ह। 2. खानपान के मामले म Eथानीयता का या अथ1 है? उ. खानपान के मामले म 0थानीयता का अथ} है िक एक 0थान पर बनाए जाने वाला िवशेष Aयजं न। िजस bकार गजु रात का ढोकला-गािठया, आगरे का पड़े ा, मबंु ई क1 पाव-भाजी, िद’ली के छोल-े कु लचे आिद सभी 0थानीय Aयंजन ह। 3. िपछली शताaदी म खानपान कD बदलती हƒई तEवीर का खाका खBच तो इस कार होगा- सन् साठ का दशक - छोले-भटूरे सन् स„र का दशक - इडली, डोसा सन् अ0सी का दशक - ित‹बती (चीन) भोजन सन् न‹बे का दशक - पीजा, पाव-भाजी उ. सन् स„र का दशक - धोती, कु ता} / साड़ी, चोली 37
सन् अ0सी का दशक - पट, शट} / िमडी, लहगं ा, दपु ट्टा, चनु री सन् न‹बे का दशक - जी[स, / शट}, शॉट}, चड़ू ीदार भाषा कD बात 1. यहाँ खाने, पकाने और Eवाद से सबं िं धत कु छ शaद िदए गए ह। इ(ह ^यान से देिखए और इनका वग{करण कDिजए। 1. उबालना, तलना, भनू ना, सकना, दाल, भात, रोटी, पापड़, आल,ू बगन, खट्टा, मीठा, तीखा, नमक1न, कसलै ा उ. भोजन कै सा पकाया 0वाद दाल उबालना नमक1न भात उबालना मीठा रोटी सकना मीठा पापड़ तलना नमक1न आलू उबालना तीखा बगन तलना कसैला 2. छŠक, चावल, कढ़ी इन शaद म या अंतर है ? समझाइए। इ(ह बनाने के तरीके िविभ(न ांत म अलग-अलग ह। पता कर िक आपके ांत म इ(ह कै से बनाया जाता है। उ. Aयजं न छ“क चावल कढ़ी हमारे bांत लगाया उबाला जाता बेसन, दही और मसाले के म बनाने जाता। ह।ै िमwण को उबालकर बनाई का तरीका जाती ह।ै 1. खानपान शaद, खान और पान दो शaद को जोड़कर बना है। खानपान शaद म और िछपा हƒआ है। िजन शaद के योग म और, अथवा, या जैसे योजक शaद िछपे ह , उ(ह eeं समास कहते ह। नीचे eंe समास के कु छ उदाहरण िदए गए ह। इनका वा य म योग कDिजए और अथ1 समिझए- 1. सीना - िपरोना = िसलाई बनु ाई का काम करना हमारे यहाँ सीने-िपरोने का काम सीत¼या करता ह।ै 2. भला - बरु ा = अ,छा और खराब 38
समाज म भल-े बरु े आदमी भी रहते ह। 3. चलना-िफरना = घमू ना कु छ लोग कल हमारी गली म चलत-े िफरते रह।े 4. लबं ा - चौड़ा = िव0ततृ , बड़ा हमारी पाठशाला का मदै ान लंबा-चौड़ा ह।ै 5. कहा-सनु ी = असंगत Aयवहार, वाद-िववाद हमारी क ा म सुजाता और समु ती म अiसर कु छ न कु छ कहा-सनु ी होती रहती ह।ै 6. घास-फू स = कू ड़ा-करकट कल हमारे 0कू ल के मैदान म से घास-फू स साफ़ कर िदये गय।े 2. कई बार एक शaद सुनने या पढ़ने पर कोई और शaद याद आ जाता है। आइए शaद कD ऐसी कड़ी बनाए।ँ नीचे शुKआत कD गई है। उसे आप आगे बढ़ाइए। क ा म मौिखक सामिू हक गितिविध के Œप म भी इसे िदया जा सकता है – इडली - दि ण - के रल - ओणम् - –योहार - छु ¤ी - आराम ........ उ. मनबहलाव मनमानी खले -कू द घायल अ0पताल सईु घबराना रोना ...... 1. मान लीिजए िक नमकDन और मीठे Eवाद म अपना-अपना बड़Aपन बताते हƒए वाता1लाप हो रहा ह।ै वे iया- iया बात करग।े िलिखए। उ. नमक1न : अरे मीठे! तुम म जोश नहh, तमु से iया मज़ा होता ह?ै मीठा : ऐ नमक1न! तमु म iया ह? लोग% को ‡लाते हो। नमक1न : मझु म बहत# जोश ह।ै vयादातर लोग मझु से kयार करते ह। मझु े पसदं करते ह। मीठा : म “अनकु ू ल और िbय” ह…।ँ अ[य% से िमलकर मीठी नज़र, मीठी नhद, मीठी चभु न, मीठा होता ह…।ँ नमक1न : चपु रहो, छोटे, मीठी छु री भी होते हो ना! मँहु को भी गंदा करते हो। दातँ % को खराब करते हो। मझु े दखे ो, म ‘संदु र’ ह…।ँ म , दसू र% को सदंु र बनाता ह…।ँ मीठा : हाँ - हाँ! म तो छोटा ही ह…,ँ लिे कन मीठा भी ह…।ँ अरे, नमकहराम! ‘टा-टा ! बाय – बाय ! ....... मीठा का अथ} “अनुकू ल और िbय” भी होता ह।ै िवšासघाती को ‘मीठी छु री’ कहते ह। नमक1न का दसू रा अथ} होता है ‘संदु र’। सदंु र लड़के को ‘नमक1न लड़का’ कहते ह। 39
1. कभी-कभी शादी या िकसी उ`सव कD दावत म खाना अिधक बच जाता है। उसे फकना भी पड़ता है। लेिकन आज भी हमारे देश म ऐसे लोग ह िज(ह तीन व* का भोजन नहB िमलता। आज कु छ ऐसी भी सEं थाएँ ह जो बचे हƒए भोजन इकट्ठा कर ज़Œरतमंद लोग म बाँटती ह। उनके काय1 के मह`व कD शंसा करते हƒए दस पंि*याँ िलिखए। उ. भारत दशे र–नगभ}, सोने क1 िचिड़या आिद नाम% से िव~यात था। लेिकन, आजकल हमारे दशे म ऐसे लोग ह, िज[ह दो व\\ का खाना नहh िमलता। लेिकन कभी-कभी शादी या िकसी उ–सव क1 दावत म खाना अिधक बच जाता ह।ै उसे फकना भी पड़ता ह,ै जो ठीक नहh ह।ै इसिलए, उस बचे ह#ए भोजन को इकट्ठा कर ज‡रतमदं लोग% म बाटँ नेवाली स0ं थाओं का आिवभाव} ह#आ ह।ै इन सं0थाओं से भोजन बके ार नहh होता। अ[नात} को खाना िमलता ह।ै इन सं0थाओं क1 bशंसा क1 जाती ह।ै स0ं थाओंके सेवक% को प½ु य िमलता ह।ै “सभी दान% से अ[नदान बढ़कर ह।ै ” “मानव सेवा ही माधव सेवा ह।ै ” ये कहावत साथ}क होती ह। इन सं0थाओं क1 जय हो। 1. घर म बातचीत करके पता कDिजए िक आपके घर म या चीज़ पकती ह और या चीज़ बनी-बनाई बाज़ार से आती ह? इनम से बाज़ार से आनेवाली कौन-सी चीज़ आपके माँ-िपता जी के बचपन म घर म बनती थB। उ. (क) घर म पकनेवाली चीज़ :- चावल, दाल, साँभर, रसम, स‹जी, इडली, डोसा आिद। (ख) बाज़ार से आनवे ाली बनी - बनाई चीज़ :- िमठाई, पनीर, ल0सी, अचार आिद। (ग) बाजार से आनेवाली चीज़% म-से माता िपताजी के बचपन से घर म ही बनानेवाली चीज:- रोटी, िमठाई, पनीर, ल0सी, अचार आिद सभी चीज़। या म ये कर सकता हj/ँ सकती हjँ हाँ ( ) नहB ( x ) 1. पाठ का भाव अपने श‹द% म बता सकता ह…।ँ भाव% से सबं ंिधत बातचीत कर सकता ह…।ँ 2. इस 0तर क1 गc सामaी का भाव पढ़ कर समझ सकता ह…।ँ 3. इस 0तर के गcांश% क1 Aया~या करते हए# िलख सकता ह…।ँ 4. पाठ के श‹द% को अपनी बातचीत म bयोग कर सकता ह…।ँ 5. खान- पान के बारे म वाता}लाप कर सकता ह…।ँ इस पाठ म मने ये नए शaद सीखे 40
अितVर* काय1 ोnर 1. खान-पान कD बदली हƒई संEकृ ित ने नई पीढ़ी को िकस कार भािवत िकया है? उ. खान-पान क1 इस बदली ह#ई सं0कृ ित से सबसे अिधक bभािवत नई पीढ़ी ह#ई है iय%िक नई पीढ़ी के लोग पहले के 0थानीय Aयंजन% के बारे म बह#त कम जानते ह,ै पर कई नए Aयंजन% के बारे म बह#त कु छ जानते ह। पहले मौसम और ऋतु के अनसु ार खाcान% से जो Aयंजन बना करते थे, अब उ[ह बनाने क1 फु रसत िकसे ह?ै अब तो के वल सब जगह बनी-बनाई चीज़ या Aयंजन अिधक bचिलत हो गए ह। आज क1 काम-काजी मिहलाओं के पास उतना समय नहh है िक वह खरबज़ू े के बीज़% को धोकर सखु ाए और छीलकर उनसे Aयजं न बनाए। आज तो दशे ी-िवदशे ी ऐसे Aयजं न लोकिbय हो गए ह िज[ह पकाना-बनाना सरल हो। 2. खानपान कD इस बदलती तEवीर म हम राp‘ीय एकता के बीज िकस कार िमलते है? उ. आजकल भारत के लगभग सभी bातं % के Aयंजन, दसू रे bांत% म भी लोकिbय हो रह है जसै े गजु रात का ढोकला,गािठया पंजाब क1 मiक1 क1 रोटी, दालमखनी, सरस% का साग, दि ण के इडली, डोसा, िद’ली के चने भटूरे लगभग भारत के सभी bांत% म िमल रहे ह। भारत म ही नहh िवš के बड़े-बड़े दशे % म भी अब आसानी से यह सभी Aयजं न उपल‹ध हो जाते ह।ै इस ºि€ से दखे ो तो हम राu»ीय एकता के बीज िमल सकते ह। यह बीज भली भांित तभी अंकु zरत होग जब हम खान-पान से जड़ु ी दसू री चीज़% क1 ओर भी {यान दग।े जैसे िक एक दसू रे bांत क1 भाषा, वेष-भषू ा आिद। िनबंध-लेखन िनबंध - िकसी भी िवषय पर |मब› ‡प से अपने िवचार% को िलखकर bकट करना ही िनबंध-लखे न कहलाता ह।ै िनबंध िलखते समय िनoनिलिखत बात का ^यान रखना चािहए। 1. िवषय ऐसा चनु ो, िजसम ‡िच हो। 2. िवषय से संबिं धत जानकारी को |मब› कर लो। 3. िनबंध म िवचार% को कहh भी दोहराया नहh जाना चािहए। 4. िवचार% का मौिलक होना ज‡री ह।ै 5. िवराम-िच²% के उिचत bयोग तथा वत}नी क1 श›ु ता पर {यान दो। आदश1 िवmाथ{ आदश} िवcाथ™ का अथ} है – wे· आचरण करने वाला िवcाथ™। वैसे तो मानव ज[म से लके र म–ृ यु पयत® कु छ न कु छ सीखता ह,ै पर[तु जीवन म िवcा bाB करने क1 िवशेष अव0था को िवcाथ™-जीवन कहते ह। िवcा को िनयिमत ‡प से bाB करने वाला िवcाथ™ कहलाता ह।ै 41
िवcाथ™ का आदश} िवcा-bािB ह,ै िक[तु आदश} िवcाथ™ अ[य िवcािथ}य% के िलए आदश} होता ह।ै आदश} िवcाथ™ िवcा bमे ी होता ह।ै वह के वल प0ु तक% का अ{ययन ही नहh करता अिपतु मनन भी करता ह।ै क ा म bथम wणे ी bाB करने के िलए आल0य-रिहत होकर 0वा{याय करता ह।ै आदश} िवcाथ™ अपने अ{यापक अथवा ग•ु जन% का आदर करता ह।ै वह उनके हर आदशे का पालन करता ह।ै अ{यापक उसे जो भी पढ़ने अथवा याद करने के िलए कहते ह, वह उसे {यानपवू }क पढ़ता ह।ै आदश} िवcाथ™ िवcा के bित कभी भी उदासीन नहh होता। वह अपना पाठ िन–य करता ह।ै वह िज‚ासु bविृ „ का िवcाथ™ होता है और हर ण कु छ न कु छ सीखने के िलए तयै ार रहता ह।ै यिद उसे 0वयं नहh आता तो वह अपने से छोट% से भी पछू ने म अपना अपमान नहh समझता। िकसी भी िवcाथ™ के िलए पु0तक ‚ान आव«यक है पर[तु मा प0ु तक% के अ{ययन से ही सवा®गीण िवकास नहh हो सकता ह।ै अतः एक आदश} िवcाथ™ पढ़ाई के साथ खेल-कू द व अ[य काय}कलाप% को भी उतना ही मह–व दते ा ह।ै खेल-कू द व Aयायाम आिद भी मह–वपणू } ह iय%िक इनके िबना शरीर म सचु ा‡ ‡प से र\\ संचार संभव नहh ह।ै इसका सीधा संबंध मि0तuक के िवकास से ह।ै आदश} िवcाथ™ को अहकं ार और |ोध से दरू रहना चािहए। परोपकारी बनकर िनः0वाथ} भाव से दसू र% क1 सेवा करनी चािहए। मधरु भाषी और स–य-व\\ा होना चािहए। वह घर के आव«यक काय© म सहयोग दते ा ह।ै सतं िु लत और पौि€क आहर aहण करता ह।ै अपने सहपािठय% के bित bमे भाव रखता है और क€ म उनक1 सहायता करता है ।आदश} िवcाथ™ अपने आदश} काय© और नैितक आदश© के sारा सबके Ÿदय पर छा जाता ह।ै वही राu» का भावी कणध} ार बनता ह।ै समास समास दो अथवा दो से अिधक श‹द% से िमलकर बने हए# नए साथ}क श‹द को कहा जाता ह।ै दसू रे श‹द% म यह भी कह सकते ह िक समास वह bि|या िजसके sारा कम से कम श‹द% म अिधक से अिधक अथ} bकट िकया जाता ह।ै समास का शाि‹दक अथ} ह-ै 'सं पे '। समास bि|या म श‹द% का संि Bीकरण िकया जाता ह।ै जैस-े 'राजा का पु ' - राजपु 'रसोई के िलए घर'- रसोईघर समास के भदे - समास के छ: भेद होते ह-ै 1. अ_ययीभाव समास - िजस समास का पहला पद bधान हो और वह अAयय हो उसे अAययीभाव समास कहते ह। जैसे - यथामित (मित के अनसु ार), आमरण (म–ृ यु कर) न् इनम यथा और आ अAयय ह। कु छ अ[य उदाहरण - आजीवन - जीवन-भर हाथ%हाथ - हाथ ही हाथ म यथािविध- िविध के अनसु ार रात%रात - रात ही रात म यथा|म - |म के अनसु ार bितिदन - b–येक िदन भरपेट- पटे भरकर िन0संदेह - सदं हे के िबना हररोज़ - रोज़-रोज़ bितवष} - हर वष} 42
अ_ययीभाव समास कD पहचान - इसम सम0त पद अAयय बन जाता है अथा}त समास लगाने के बाद उसका ‡प कभी नहh बदलता ह।ै इसके साथ िवभि\\ िच² भी नहh लगता। जैसे - ऊपर के सम0त श‹द ह।ै 2. त`पKु ष समास- िजस समास का उ„रपद bधान हो और पवू }पद गौण हो उसे त–प•ु ष समास कहते ह। जैसे – तलु सीदासकृ त - तलु सी sारा कृ त िगरहकट – िगरह को काटने वाला मनचाहा – मन से चाहा रसोईघर – रसोई के िलए घर दशे िनकाला – दशे से िनकाला गंगाजल – गगं ा का जल नगरवास – नगर म वास 3. कम1धारय समास - िजसम उ„र पद bधान हो तथा पवू } पद व उ„र पद म उपमान-उपमये अथवा िवशेषण- िवशuे य सƒब[ध हो, वह 'कम}धारय समास' कहलाता ह।ै जसै े - चरणकमल - कमल के समान चरण कनकलता - कनक क1-सी लता bाणिbय - bाण% के समान िbय कमलनयन - कमल के समान नयन च[µमखु - च[µ के समान मखु 4. िeगु समास - िजस समास का पूव}पद स~ं यावाचक िवशेषण हो उसे िsगु समास कहते ह। इससे समहू अथवा समाहार का बोध होता ह।ै जैसे – नवaह – नौ aह% का समूह ि लोक – तीन% लोक% का समाहार दोपहर – दो पहर% का समाहार नवरा – नौ राि य% का समहू चौमासा – चार मास% का समहू अठ[नी– आठ आन% का समहू शता‹दी – सौ अ‹द% समहू का (वष©) 5. eंe समास –िजस समास के दोन% पद bधान होते है तथा िवaह करने पर ‘और’, अथवा, ‘या’, एवं लगता ह,ै वह ssं समास कहलाता -पाप-प½ु य जैसे- पाप और प½ु य 1. सीता-राम – सीता और राम 4.खरा-खोटा – खरा और खोटा 2. ऊँ च-नीच – ऊँ च और नीच 5.राधा-कृ uण – राधा और कृ uण 3.अ[न -जल अ[न और जल 6. बहƒ’ीिह समास - िजस समास के दोन% पद% के अितzर\\ कोई अ[य अथ} bधान हो उसे बहq# ीिह समास कहते ह। जैसे – दशानन – दश है आनन (मुख) िजसके अथा}त् रावण नीलकं ठ – नीला है कं ठ िजसका अथा}त् िशव सलु ोचना – सदंु र है लोचन िजसके अथात} ् (मघे नाद क1 प–नी) पीतांबर – पीले ह अƒबर व¯ िजसके अथा}त् (wीकृ uण) लंबोदर – लंबा है उदर पेट िजसका अथा}त्( गणेशजी) दरु ा–मा – बरु ी आ–मा वाला (कोई द€ु ) šते ांबर – šते है िजसके अबं र व¯ अथात} ्( सर0वती जी) 43
अsयास काय1 (Work Book) अपिठत गmांश 1. िनoनिलिखत गmांश पढ़कर के उnर दीिजए। एक बार राह#ल घर से कहh चला गया था। एक िदन उसने अपने पzरवार को एक प िलखा। लिे कन उस प को ले जाने वाला उसे कोई भी नहh िमला। िनराश होकर उसने 0वयं ही प ले जाने का फै सला िकया। शहर पहच#ँ कर वह अपने घर गया और दरवाज़ा खटखटाया। िकसी ने दरवाज़ा खोला। राह#ल घर के अदं र गए िबना बोला, “म ठह‡ँ गा नहh, म िसफ} यह प दने े आया था और वह वापस चला गया।” - 1. अपने पzरवार को प भेजने के िलए राह#ल ने iया िकया? () अ) घर पहच#ँ ा आ) डाकखान म डाला इ) िम को िदया ई) घुड़सवार से भजे ा 2. इस पाठ का शीष}क हो सकता ह।ै () अ) समझदार राह#ल आ) मखू } राह#ल इ) बिु ›मान राह#ल ई) kयारा राह#ल 3. राह#ल प 0वयं iय% लेकर गया? 4. प भेजने के िलए राह#ल को iया करना चािहए था? 5. शहर पहच#ँ कर राह#ल ने iया िकया? 6. दरवाज़ा श‹द का वचन बदलकर िलिखए। ोnर िनoनिलिखत के उnर दीिजए। 1. आज के यगु म Aयजं न% के बारे म कड़वा सच iया ह?ै 2. पंजाबी छोले बनाने क1 िविध बताइए और यह िकस के साथ अिधकतर खाए जाते ह? 3. हमारे खान-पान पर पि˜म स‘यता का bभाव िकस bकार िदखाई दते ा ह?ै िनबंध लेखन िनoन िबदं ुओ ंकD सहायता से ‘Eव‚छ भारत’ िवषय पर एक िनबंध िलिखए। सकं े त िबंदु- b0तावना, 0व,छता के िलए काय}, 0व,छता से लाभ, उपसहं ार 44
_याकरण 1) िनoनिलिखत शaद का समास िव2ह कDिजए। 1. लबं ोदर - _____________________________ 2. दाल-रोटी - _____________________________ 3. सभागहृ - _____________________________ 2) िनoनिलिखत शaद का समास िव2ह करके समास का नाम िलिखए। 1. यथावत - _________________ - _______________________ 2. काय}|म - _________________ - _______________________ 3. दखु -सुख - _________________ - _______________________ 3) िनoनिलिखत समास के उदाहरण िलिखए। 1. अAययीभाव समास - _________________ 2. त–प•ु ष समास - _________________ 3. िsगु समास - _________________ 4. s[s समास - _________________ 5. बहq# ीिह समास - _________________ 6. कमध} ारय - _________________ 4) िनoन रेखांिकत शaद के वचन बदलकर वा य िफर से िलिखए। 1. आगरे का पेठा अब कहाँ ह?ै 2. िवदशे ी Aयंजन अपनाए जा रहे ह। 3. बीज भली-भांित अंकु zरत होगा। 5) िनoन रेखांिकत शaद के िलंग बदल कर वा य िफर से िलिखए। 1. मिहलाएँ नौकरी करती ह। उ. ______________________________ 45
2. बढ़ू ा भी ‘नडू ्’स’ से पzरिचत हो चकु ा ह।ै उ. ______________________________ 3. धोबी कपड़े धोता ह।ै __ .__ उ. 4. दकु ानदार से सामान लाओ। उ.._ __ 5. शरे जंगल का राजा ह।ै _ उ. 6) िनoनिलिखत शaद के िवलोमाथ1 िलिखए। 1. िपछले - __________ 4. सुिवधा - __________ 2. सीिमत - __________ 5. धीरे-धीरे - __________ 3. दशे - __________ 6. आज़ादी - __________ 7) िनoनिलिखत शaद का सिं ध-िव‚छेद कDिजए। 4. bचाराथ} – _______ + ________ 1. पुन•दध् ार – _______ + ________ 2. दभु ा}-य – _______ + ________ 5. दगु }ित – _______ + ________ 3. खादय् ा[न – _______ + ________ 6. भोजनालय - ______+ _______ 8) िनoनिलिखत शaद म उपसग1 पहचान कर िलिखए। 1. िवदशे ी – 4. दभु ा}-य – 2. दगु ि} त – 5. िवपरीत – 3. िविवध – 6. bि|या – 9) िनoनिलिखत शaद के पया1यवाची िलिखए। 1. आँख - _________, ___________, __________ 2. सबु ह - _________, ___________, __________ 3. भगवान - _________, ___________, __________ 4. कपड़े - _________, ___________, __________ 5. जगत - _________, ___________, __________ 46
10) िनoनिलिखत शaद से `यय अलग कDिजए। 1. सफाई - ____ 4. सरु ि त - ____ 2. संतिु लत - ____ 5. पौि€क - ____ 3. दबाव - ____ 6. िbयता - 11) िनoनिलिखत शaद के समास पहचािनए। 1. सखु bाB () ई) s[s समास अ) िsगु समास आ) अAययीभाव समास इ) त–प•ु ष समास इ) त–प•ु ष समास () 2. चौराहा इ) त–प•ु ष समास ई) s[s समास अ) िsगु समास आ) अAययीभाव समास () ई) s[s समास 3. गाय – बलै अ) िsगु समास आ) अAययीभाव समास 12) िनoनिलिखत वा य के िलए एक शaद िलिखए। 1. सदा रहने वाला () () अ) अ0थाई आ) 0थाई इ) सदवै ई) ि0थर () ई) अधूरा 2. जो संभव न हो ई) सवं धै ािनक अ) असंभव आ) नासंभव इ) परू ा 3. िव‚ान से संबंध रखने वाला । अ) िव‚ान आ) व‚ै ािनक इ) अवै‚ािनक 13) िनoनिलिखत वा य म िवशेषण शaद पहचािनए। 1.खानपान क1 स0ं कृ ित म बड़ा बदलाव आया ह।ै () () अ) खानपान आ) सं0कृ ित म इ) बड़ा बदलाव ई) आया ह।ै () इ) मथरु ा के ई) पढ़े े 2. मथरु ा के पेढ़े परू े भारत म bिस› ह।ै इ) Aयंजन ई) परोसे गए। अ) bिस› ह।ै आ) परू े भारत 3. वहाँ कई तरह के Aयजं न परोसे गए। अ) वहाँ आ) कई तरह 14) िनoनिलिखत शaद कD भाववाचक सrं ा पहचािनए। 1. मनuु य () () अ) मानuु य आ) मानवता इ) मनuु या ई) मनuु यता ई) बडा 2. बड़ा अ) बड़kपन आ) बड़पन इ) वड़पन 47
3. दास आ) दासत इ) दासतव ई) दासी () अ) दासता () 15) िनoनिलिखत वा य के ि5या शaद पहचािनए। ई) िमल सकते 1. नए बीज भी िमल सकते ह। () ई) ह ै अ) नए आ) भी इ) बीज इ) गणु व„ा () 2. गणु व„ा म फक} पड़ता ह।ै इ) लगती ई) ि0थित अ) पड़ता आ) म 3. यह ि0थित 0वभािवक लगती ह।ै अ) 0वभािवक आ) यह अनभु व क1 पाठशाला म जो पाठ सीखे जाते ह, वे प0ु तक% और िवšिवcालय% म नहh िमलत।े - अ‚ात 48
अsयास प अथ12ा3ता िति5या- 1. िनoन गmांश को पढ़कर के उnर िलिखए। 0नेह और ममता क1 मिू त} दादी माँ क1 एक-एक बात आज कै सी-कै सी मालमू होती ह।ै पzरि0थितय% का वा–याच| जीवन को सूखे प„े-सा कै सा नचाता ह,ै इसे दादी माँ खबू जानती थी। दादा क1 म–ृ यु के बाद से वे बहत# उदास रहतh। ससं ार उ[ह धोखे क1 ट¤ी मालमू होता। दादा ने 0वयं जो उ[ह धोखा िदया। वे सदा उ[ह आगे भजे कर अपने पीछे आने क1 झठू ी बात कहा करते थ।े दादा क1 म–ृ यु के बाद कु करम„ु े क1 तरह बढ़ने वाले, मँहु म राम बगल म छु रीवाले दो0त% क1 शभु िचंता ने ि0थित और भी डाँवाडोल कर दी। दादी माँ के मना करने पर भी िपता जी ने जो अतुल संपि„ Aयय क1, वह घर क1 न थी। : 1) 0नेह और ममता क1 मूित} कौन थी? () अ) माताजी आ) दादी जी इ) बहन ई) िपताजी 2) िकस का वा–याच| जीवन म नचाता ह?ै () अ) खिु शय% का आ) सहानभु िू त का इ) पzरि0थितय% का ई) धोखे का 3) ससं ार उ[ह iया लगता था? 4) दादा उनसे iया बात करते थ?े 5) मँहु म राम बगल म छु री वाले दो0त% ने ि0थित डाँवाडोल कर दी। इस वाiय म महु ावरा iया ह?ै 6) ‘Aयय’ श‹द का अथ} िलिखए। अिभ_यि*-सृजना`मकता- 2. नीचे िदये गये के उnर िलिखए। 1. िपजं रे म बंद करके रखने से पि य% क1 आज़ादी के साथ पया}वरण िकस bकार bभािवत होता ह?ै िलिखए। 2. खानपान म बदलाव के iया लाभ ह? लखे क के इस बदलाव के िलए िचंता का कारण iया ह?ै िनoन म से िकसी एक का उnर दीिजए। 1. आदश} िवcाथ™ िवषय पर एक िनबधं िलिखए। (या) 2. जुमान} ा माफ़1 के िलए bधानाचाय} को प िलिखए। भाषा कD बात- 3. िनoन के उnर सचू ना के अनुसार िलिखए। 1. मािलक िकस पर िबगड़ रहे थे। (रेखांिकत श‹द का िलंग बदलकर िलिखए।) 2. आखँ % पर िवšास नहh होता। (रेखांिकत श‹द का िवलोमाथ} िलिखए।) 3. सोना, 0वण,} कनक, कुं दन, िकरण। (िभ[नाथ}क श‹द ढूँढ़कर िलिखए।) 4. ‘पंछी’ श‹द का पया}यवाची िलिखए। 5. ‘कमल, भारत’ श‹द के िलए दो-दो िवशषे ण श‹द िलिखए। 49
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