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202110251-APEX-STUDENT-WORKBOOK-HINDI_SL-G08-FY

Published by IMAX, 2020-04-13 02:51:14

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Hindi Workbook_8_SL.pdf 1 10/17/19 6:45 PM Name: ___________________________________ Section: ________________ Roll No.: _________ School: __________________________________

क्या कहाँा है? इकाई क्र.स.ं पाठ का नाम विधा माह पृष्ठ सखं ्या 4-47 1. हम होंगे कामयाब गीत जनू हसँ ी-खशु ी चटु कु ले जलु ाई कहानी जलु ाई I 2. राजा बदल गया सवं ाद जलु ाई 3. प्यारा गाँव 4. कौन? कदवता अगस्त 48-96 ऐसा प्यारा दशे है मरे ा कदवता कहानी दसतंबर II - 5. धरती की आखँ ंे पत्र 6. ददल्ली से पत्र दसतंबर 7. त्यौहारों का दशे कदवता अक्तू बर 97-144 8. चावल के दाने कहानी - III 9. मैं दसनमे ा हँ आत्मकथा संवाद नवबं र वाह!क्या बात है ददसबं र 10. अनमोल रत्न कदवता ददसबं र जनवरी 11. हार के आगे जीत है जीवनी 145-190 IV 12. बढ़ते कदम डायरी - आओ पदत्रका दनकालें प्रायोदगक दनबधं फरवरी दनबंध 191-193 पत्र लखे न 194-195 अपदित पद्ाशं 196-198 अपदित गद्ांश 198-200 सचू ना - तारांवकत पाठ के िल पढ़ने के वलए हंै। कृ पया परीक्षा मंे इन पाठों से सबं ंवधत कोई प्रश्न न पूछंे।

विस्ततृ विषय सचू ी इकाई क्र.स.ं पाठ का नाम पाठयांश पषृ ्ठ सखं ्या 1 हम होंगे कामयाब अथगथ ्राह्यता प्रदतदिया 4-7 अदिव्यदक्त सजृ नात्मकता 8-8 इकाई -1 2 राजा बदल गया िाषा की बात 8-10 प्यारा गाँव अदतररक्त कायथ 11-13 3 अभ्यास कायथ 14-17 * हसँ ी – खशु ी 18-18 4 अथगथ ्राह्यता प्रदतदिया 19-21 अदिव्यदक्त सजृ नात्मकता 22-22 िाषा की बात 23-26 अदतररक्त कायथ 27-29 अभ्यास कायथ 30-33 अथगथ ्राह्यता प्रदतदिया 34-36 अदिव्यदक्त सजृ नात्मकता 37-37 िाषा की बात 38-40 अदतररक्त कायथ 41-42 अभ्यास कायथ 43-46 इकाई – 2 5 कौन अथगथ ्राह्यता प्रदतदिया 47-47 धरती की आखँ ंे अदिव्यदक्त सजृ नात्मकता 48-52 6 ददल्ली से पत्र िाषा की बात 52-53 * अदतररक्त कायथ 53-55 अभ्यास कायथ 56-58 ऐसा प्यारा दशे हमारा 59-63 अथगथ ्राह्यता प्रदतदिया 64-64 अदिव्यदक्त सजृ नात्मकता 65-69 िाषा की बात 70-71 अदतररक्त कायथ 71-73 74-75 अभ्यास कायथ 76-80 अथथग्राह्यता प्रदतदिया अदिव्यदक्त सजृ नात्मकता 81-84 िाषा की बात 85-86 अदतररक्त कायथ 86-88 89-90 अभ्यास कायथ 91-95 96-96

इकाई क्र.स.ं पाठ का नाम पाठयांश पषृ ्ठ सखं ्या इकाई - 3 अथगथ ्राह्यता प्रदतदिया 97-100 इकाई – 4 अदिव्यदक्त सजृ नात्मकता 100-101 7 त्यौहारों का देश िाषा की बात 101-103 अदतररक्त कायथ 104-105 अभ्यास कायथ 106-110 111-115 अथगथ ्राह्यता प्रदतदिया 115-116 अदिव्यदक्त सजृ नात्मकता 116-119 8 चावल के दाने िाषा की बात 120-122 अदतररक्त कायथ 123-126 अभ्यास कायथ 127-130 अथगथ ्राह्यता प्रदतदिया 131-131 अदिव्यदक्त सजृ नात्मकता 132-134 9 मंै दसनेमा हँ िाषा की बात 135-136 अदतररक्त कायथ 137-140 अभ्यास कायथ 141-141 142-142 * 143-144 िाषा खले वाह! क्या बात है 145-148 149-150 अथगथ ्राह्यता प्रदतदिया 150-152 अदिव्यदक्त सजृ नात्मकता 153-154 10 अनमोल रत्न िाषा की बात 155-158 अदतररक्त कायथ 159-162 अभ्यास कायथ 163-163 164-166 अथथग्राह्यता प्रदतदिया 167-168 अदिव्यदक्त सजृ नात्मकता 169-172 11 हार के आगे जीत है िाषा की बात 173-176 अदतररक्त कायथ 176-177 अभ्यास कायथ 177-180 181-182 अथथग्राह्यता प्रदतदिया 183-186 अदिव्यदक्त सजृ नात्मकता 187-188 12 बढ़ते कदम िाषा की बात 189-189 अदतररक्त कायथ 190-190 अभ्यास कायथ 191-193 194-195 * आओ पदत्रका दनकाले 196-198 198-200 अंक से दमलान दनबंध * पत्र लखे न अपदित पद्ांश अपदित गद्ाशं

इकाई-1 1. हम होंगे कामयाब वगररजा कु मार माथुर अथथग्राह्यता प्रवतवक्रया प्रश्न: 1. वचत्र मंे क्या-क्या विखाई िे रहा है? उ. दचत्र मंे एक पेड़ और उस पडे ़ पर खले ते बच्चे ददखाई दे रहे ह।ैं 2. िे क्या कर रहे हैं? उ. कु छ बच्चे पढ़ रहे ह,ंै कु छ खेल रहे हैं और कु छ आपस मंे बातंे कर रहे ह।ैं 3. िे एक-िूसरे से क्या कह रहे होंगे? उ. वे एक-दसू रे से अपनी दकताब में ददए गए दचत्र या पाि के बारे में बातचीत कर रहे होंग।े कवि का नाम  जीिन काल रचनाएँा - चाल्सथ अलबटथ दटंड्ली - 1851 – 1933 अनुिािक - न्यू सामं ्स ऑफ पेराडाइज आदद। जीिन काल रचनाएँा - दगररजा कु मार माथरु पुरस्कार - 1919 – 1994 - मंै वक्त के हँ सामने आदद। - सादहत्य अकादमी परु स्कार आदद। 4

1. कामयाब = सफल, successful अमन, peace 2. शादं त = दमलकर, jointly िरोसा, belief 3. साथ-साथ = सिी ओर, on all sides िय, Fear 4. दवश्वास = 5. चारों ओर = 6. डर = कदव अपने मन के दृढ़ दवश्वास को बताते हएु कहते हैं दक हम एक ददन कामयाब अवश्य होंग।े हमारे मन में परू ा दवश्वास है दक हम एक ददन अवश्य कामयाब होंगे। हमारे मन मंे परू ्थ दवश्वास है दक हम एक ददन ज़रूर सफल होंग।े दशे में चारों ओर शांदत रहगे ी तथा सिी िारतवासी शांदत का जीवन दबताएगँ ।े हमंे दवश्वास है दक हम एक ददन हाथों में हाथ डालकर साथ-साथ चलंेग।े हम आपस मंे दमल-जलु कर एकता से रहगंे ।े हमंे आज दकसीका डर नहीं ह,ै हम दनडर ह।ंै हम दकसी के सामने दसर झकु ाने वाले नहीं ह।ै विशेषता – कदव इस कदवता के माध्यम से असफलता, अशादं त, आपसी बैर और िय के वातावरर् में सफलता रूपी आशा की एक दकरर् जगा रहे ह।ंै अपने मन के दृढ़ दवश्वास से सिी को प्ररे रत कर रहे ह।ैं 1. पाठ में विये गये वचत्रों के बारे मंे बातचीत करो। उ. दचत्र मंे एक लड़की रस्सी कू द रही ह।ै एक लड़के के हाथ पर रंग-दबरंगी दततली बिै ी हईु ह।ै एक लड़की खले रही ह।ै एक लड़का दचत्रकारी कर रहा ह।ै उसके दचत्र में उगता होता सयू थ ददखाई दे रहा ह।ै बहती नदी पर पड़ता सयू थ का प्रकाश सहु ाना लग रहा ह।ै एक लड़की हरे-िरे पौधे को पानी दे रही ह,ै लड़का पतंग उड़ा रहा ह,ै एक लड़की पढ़ रही ह।ै एक अन्य लड़की साइदकल चला रही ह,ै एक अन्य लड़की पािशाला जा रही ह,ै दो लड़दकयाँ गीत गा रही ह,ैं एक लड़की संगर्क (कं प्यटू र) पर कायथ कर रही ह।ै एक लड़का हाथ में मापक यंत्र दलए खड़ा ह।ै सिी बच्चे कायथ में व्यस्त, हमें प्ररे रत करते हएु ददखाई दे रहे ह।ंै 2. पाठ का नाम तुम्हें कै सा लगा और क्यों? उ. कदवता का शीषथक मझु े बहतु अच्छा लगा क्योंदक हर एक व्यदक्त को अपने जीवन में कामयाब होना अत्यतं आवश्यक ह।ै एक दवद्ाथी होने के नाते हमंे अपनी पढाई में सफल होना ज़रूरी ह।ै इस शीषकथ को दखे ने से मझु े िी अपने जीवन में कामयाब होने की प्रेरर्ा दमलती ह।ै 5

3. हम में आत्मविश्वास ह,ै तो क्या-क्या कर सकते हंै? ज. अगर हम मंे दवश्वास हो तो अपनी पढ़ाई खबू करेंग।ें दशे को आगे बढ़ाएगँ ें और इस कायथ मंे ज़रूर कामयाब बनेग।ंे 4. कामयाब होने के वलए क्या करना पड़ता है? उ. कामयाब होने के दलए सिी से दमल-जलु कर, हाथ मंे हाथ डालकर चलना पड़ता ह।ै मन मंे दृढ़ संकल्प और आत्मदवश्वास रखना पड़ता तथा महे नत करनी पड़ती ह।ै 5. कविता का सारांश अपने शब्िों मंे बताओ। उ. कदव अपने मन के दृढ़ दवश्वास को बताते हएु कहते हैं दक हम एक ददन कामयाब अवश्य होंगे। हमारे मन में परू ा दवश्वास है दक हम एक ददन अवश्य कामयाब होंग।े हमारे मन मंे ऐसा दृढ़ दवश्वास है दक हम एक ददन ज़रूर सफल होंग।े दशे की चारों ददशाओं मंे शादं त रहगे ी तथा सारे िारतवासी शादं त का जीवन दबताएगँ ।े हमारे मन मंे ऐसा दृढ़ दवश्वास है दक एक ददन हम ज़रूर हाथों मंे हाथ डालकर साथ-साथ चलगें ।े हम आपस में दमल- जलु कर एकता से रहगंे ।े हमारे मन में ऐसा दृढ़ दवश्वास है दक हमंे आज दकसीका डर नही ह।ै हम दनडर ह।ैं हम दकसी के सामने दसर झकु ाने वाले नहीं ह।ै महत्ि – कदव इस कदवता के माध्यम से असफलता, अशादं त, आपसी वमै नस्य और िय के वातावरर् मंे सफलता रूपी आशा की एक दकरर् जगा रहे ह।ंै अपने मन के दृढ़ दवश्वास से सिी को प्रेररत कर रहे ह।ैं अवतररि प्रश्न 1. कदवता पढ़कर आपको कै सा लगा? 2. ‘नहीं डर दकसी का आज’ – पदं क्त में कदव दकस डर की बात कर रहे ह?ंै 3. कदवता के माध्यम से कदव क्या सदं शे दने ा चाहते ह?ंै अ) नीचे िी गयी पंवियों के भाि बताने िाली पंवियााँ कविता में रेखांवकत करो। 1. हम में परू ा विश्वास है। उ. हो, हो! मन में है दवश्वास, परू ा है दवश्वास। 2. हम एक विन अिश्य सफल होंगे। 3. हम सब वमलकर साथ चलंेगें। उ. हम होंगे कामयाब एक ददन। उ. हम चलेगंे साथ-साथ एक ददन आ) नीचे िी गयी पवं ियों में रेखांवकत शब्ि से एक और िाक्य बनाओ। 1. हम होंगे कामयाब एक विन। उ. सम्राट अशोक शादं त की राह में कामयाब हुए। 2. होगी शांवत चारों ओर एक विन। उ. गौतम बदु ्ध ने चारों ओर ज्ञान का प्रचार-प्रसार दकया। 6

3. नहीं डर वकसी का आज। उ. वीर को दकसी का डर नहीं होता ह।ै इ) वचत्र िेखो। उसके बारे में िो पंवियाँा वलखो। जैसे – इस चींटी में आत्मविश्वास है। 1. यह चींटी किोर पररश्रम कर रही ह।ै 2. चींटी का दृढ़ संकल्प ददखाई दे रहा ह।ै ई) नीचे विये गये प्रश्नों के उत्तर वलखो। 1. हम चलंेगे साथ साथ ऐसा क्यों कहा गया होगा? उ. साथ-साथ दमलकर चलने से हम में दवश्वास बढ़ता ह।ै एकता की िावना बढ़ती ह।ै शत्रु हमको दखे कर दरू िागने लगता ह।ै दकसी िी कदिन काम को आसानी से कर सकते ह।ंै 2. “होगी शांवत चारों ओर एक विन” पंवि का भाि बताओ। उ. इस पदं क्त का िाव ह,ै हमारा आत्मदवश्वास, हमारी एकता, दृढ़ इच्छा शदक्त एक ददन इस ददु नया मंे शादं त अवश्य लाएगी। कदव का दवश्वास है दक इन सद्गरु ्ों को अपनाकर चारों ओर शांदत का वातावरर् अवश्य स्थादपत होगा। 3. कवि के मन में वकस बात का विश्वास है? उ. कदव के मन में “कामयाब” होने का दवश्वास ह।ै अवतररि प्रश्न 1. कामयाब, दवश्वास, शांदत, साथ-साथ, हाथों में हाथ – इन शब्दों को पढ़ो और कदवता में रेखादं कत कीदजए। 2. दी गई पदं क्तयों के िाव बताने वाली पदं क्तयाँ कदवता मंे रेखादं कत कीदजए। * आज हमंे दकसी का डर नहीं ह।ै * एक ददन चारों ओर शादं त होगी। 3. कदवता की पंदक्तयों को िम में रदखए। नहीं डर दकसी का आज, एक ददन () हो, हो! मन मंे है दवश्वास, परू ा है दवश्वास () नहीं डर दकसी का आज, एक ददन () नहीं डर दकसी का आज,नहीं डर दकसी का आज, ( ) अध्यापन सकं े त - सनु ो-बोलो और पढ़ो मंे ददए गए अदतररक्त प्रश्न छात्रों की ज्ञान-वदृ द्ध हते ु ददए गए ह।ंै अध्यापक/अध्यादपका छात्रों से दनम्न प्रश्न पछू ें और उनके उत्तर की सराहना करें। छात्रों को बताएँ दक अपने मन के िावों को सदं चत करके आप िी कदव बन सकते ह।ैं 7

अवभव्यवि सजृ नात्मकता अ) नीचे विये गये प्रश्नों के उत्तर वलखो। 1. कोई भी काम विश्वास के साथ क्यों करना चावहए? उ. कोई िी काम दवश्वास के साथ करने से हमें उस कायथ में सफलता दमलती ह।ै कायथ करते समय हमारी उस कायथ मंे अदधक रुदच पैदा हो जाती ह।ै दजससे हमारा मनोबल बढ़ता है और हमारे अदं र आत्मदवश्वास बढ़ता ह।ै आत्मदवश्वास के कारर् हम कदिन से कदिन कायथ कर सकते ह।ंै 2. बच्चों मंे कै से-कै से डर उत्पन्न होते हंै? उ. कु छ बच्चे अधं रे े से डरते ह,ंै तो कु छ असफलता से डरते ह।ंै आज के यगु मंे मक़ु ाबला इतनी बढ़ गयी है दक बच्चे पढ़ाई में रात-ददन व्यस्त रहते ह।ैं उन्हंे इस बात का डर रहता है दक परीक्षा मंे अकं कम आने से वहअपने लक्ष्य मंे दपछड़ न जाए। कु छ बच्चों को झिू बोलने पर पकड़े जाने का डर लगता ह।ै 3. साथ-साथ चलना क्यों ज़रूरी है? उ. साथ-साथ चलने से हमें जीवन मंे सफलता दमलती ह।ै साथ ही हमारे शत्रु का बल परास्त हो जाता ह।ै हमारी एकता से वह ियिीत हो जाता ह।ै इसदलए साथ-साथ चलना ज़रूरी ह।ै आ) कविता का सारांश अपने शब्िों में बताओ। उ. कदव अपने मन के दृढ़ दवश्वास को बताते हएु कहते हंै दक हम एक ददन कामयाब अवश्य होंग।े हमारे मन में परू ा दवश्वास है दक हम एक ददन अवश्य कामयाब होंग।े हमारे मन मंे परू ्थ दवश्वास है दक हम एक ददन ज़रूर सफल होंग।े दशे मंे चारों ओर शादं त रहगे ी तथा सिी िारतवासी शादं त का जीवन दबताएगँ ।े हमंे दवश्वास है दक हम एक ददन हाथों मंे हाथ डालकर साथ-साथ चलेंग।े हम आपस मंे दमल-जलु कर एकता से रहगंे ।े हमंे आज दकसीका डर नहीं ह,ै हम दनडर ह।ैं हम दकसी के सामने दसर झकु ाने वाले नहीं ह।ै विशेषता – कदव इस कदवता के माध्यम से असफलता, अशांदत, आपसी वमै नस्य और िय के वातावरर् मंे सफलता रूपी आशा की एक दकरर् जगा रहे ह।ैं अपने मन के दृढ़ दवश्वास से सिी को प्रेररत कर रहे ह।ंै भाषा की बात अ) नीचे विए शब्िों के अथथ तेलुगु या अंग्रेज़ी मंे वलखकर िाक्यो मंे प्रयोग कीवजए। दवश्वास నమ్మకం हर काम दवश्वास के साथ करना चादहए। शांदत శ ంతి कबतू र शांदत का दतू ह।ै कामयाब సఫలం कदिन पररश्रम हमंे अवश्य कामयाब बनाता ह।ै ददन రోజు महे नत एक ददन अवश्य रंग लाती ह।ै 8

आ) कविता में जो शब्ि बार-बार आये हैं। उन्हंे वलखो। िाक्य मंे प्रयोग करो। उ. जसै े – साथ – मंै अपने दपताजी के साथ बाज़ार गया। हाथ – बाज़ार जाते समय मैं अपने दपताजी का हाथ पकड़े रहता ह।ँ अ) कवि की जगह अगर तुम होते तो कामयाब होने के वलए क्या उपाय बताते? 1. मन मंे दृढ़ संकल्प होना चादहए। 2. सकं ल्प की प्रादि के दलए खबू महे नत करनी चादहए। 3. आशावादी बनना चादहए। 4. महान लोगों की आत्मकथाएँ पढ़कर उनसे प्ररे र्ा लने ी चादहए। 5. समय का सदपु योग करके आज का काम कल पर नहीं छोड़ना चादहए। 6. दसू रों के ऊपर दनिरथ नहीं रहना चादहए। दसू रों के ऊपर दनिरथ रहने से हम कमजोर पड़ जाते ह।ंै अ) कोई भी काम करने में सहयोग का क्या महत्ि है? उ. मनषु ्य ऐसे समाज में रहता ह।ै जहाँ उसे दकसी न दकसी पर दनिरथ होना पड़ता ह।ै मनषु ्य के दलए कु छ कायथ अके ले कर पाना असंिव हो जाता ह।ै इसदलए उसे दकसी-न-दकसी सहयोग या सहारे की ज़रूरत पड़ती ह।ै अतः एकता में ही बल ह।ै वकसी कामयाब व्यवि की जानकारी इकट्ठा करो। पााँच िाक्य वलखो। उ . छात्र स्वयं दलखगें ।े अ) नीचे विये गये िाक्य ध्यान से पढ़ो। हम होंगे कामयाब एक ददन। ददये गए वाक्य में हम का प्रयोग बहुवचन के दलए हुआ ह।ै यदद हम की जगह आप, ये और िे का प्रयोग करते ह,ैं तो वाक्य इस तरह बनंगे े – आप - आप होंगे कामयाब एक ददन। आप - आप चलेगं े साथ-साथ एक ददन। ये - ये होंगे कामयाब एक ददन। ये - ये चलगंे े साथ-साथ एक ददन। वे - वे होंगे कामयाब एक ददन। वे - वे चलंगे े साथ-साथ एक ददन। अब तुम नीचे विये गये िाक्य से भी इसी तरह के िाक्य बनाओ। (हम चलेंगे साथ-साथ एक विन।) 9

क्या मैं ये कर सकता ह/ाँ सकती हँा हााँ ( ) नहीं ( × ) 1. कदवता गा सकता ह।ँ 2. इस तरह की कदवताएँ पढ़कर समझ सकता ह।ँ 3. कदवता का साराशं अपने शब्दों में दलख सकता ह।ँ 4. कदवता के शब्दों से वाक्य बना सकता ह।ँ 5. कदवता हाव–िाव के साथ कक्षा में प्रददशतथ कर सकता ह।ँ श्रुतलेख 10

अवतररि कायथ अपवठत पद्ांश वनम्न अपवठत पद्ांश पढ़कर विकल्प से सही उत्तर का चयन कीवजए। है स्वगथ से िी अच्छा, िारत वतन हमारा, हम हंै दसतारे इसके , यह है गगन हमारा। सदा रहा है जीवन, ऊँ ची दवचारधारा, इनसान मंे ही इसने, िगवान को दनहारा। प्रश्न: 1. स्वगथ से िी अच्छा क्या ह?ै (अ ) अ) िारत आ) दवदशे इ) दवचारधारा ई) इसं ान (आ) 2. हम दकसके दसतारे ह?ंै अ) स्वगथ के आ) िारत रूपी गगन के इ) दशे के ई) गगन के (ई) 3. िारतीयों का जीवन कै सा रहा ह?ै अ) आदरर्ीय आ) अनकु रर्ीय इ) दनम्न दवचारधारा ई) ऊँ ची दवचारधारा 4. पद्ांश को उदचत शीषकथ दीदजए। (इ) उ. हमारा िारत 5. स्वगथ शब्द का दवलोम दलदखए। अ) पाताल आ) धरती इ) नरक ई) आकाश अध्यापन सकं े त - अध्यापक/अध्यादपका दवद्ादथथयों को इसी प्रकार पदित/अपदित पद्ाशं /गद्ांश के प्रश्नों के अभ्यास करवाए।ँ अभ्यास हते ु अन्य पदित/ अपदित गद्ाशं /पद्ाशं प्रत्येक पाि के अभ्यास कायथ मंे ददए गए ह।ंै 0 प्रश्नोत्तर वनम्नवलवखत प्रश्नों के उत्तर िीवजए। 1. आत्मविश्वास का सफलता से क्या सबं ंध है? उ. आत्मदवश्वास हममंे नई चेतना और जागदृ त िर दते ा ह।ै हमें दवश्वास ददलाता है दक हम जो िी कायथ करंेगे उसमंे सफल अवश्य होंग।े अपने कमथ के प्रदत हममंे परू ी श्रद्धा और दवश्वास होने से हम सफलता तक दनदित ही पहचुँ जाते ह।ंै अतः आत्मदवश्वास सफलता तक पहचुँ ने की पहली सीढ़ी ह।ै 2. ‘हम होंगे कामयाब' कविता में कवि का उद्देश्य क्या है? स्पष्ट कीवजए। उ. ‘हम होंगे कामयाब' कदवता में कदव कामयाबी की राह पर अग्रसर होने की प्ररे र्ा दे रहे ह।ंै अपने मन के दवश्वास को बता रहे हंै दक एक ददन चारों ओर शांदत अवश्य होगी और सिी मंे एकता के िाव अवश्य होंग।े सिी दशे वासी दमलकर एक साथ चलंेग।े कदव को यह िी दवश्वास है दक हम सिी दनडर ह।ंै अपने दवश्वास के साथ ही लोगों में एक नई चेतना और दवश्वास जागतृ करना कदव का उद्दशे ्य ह।ै 11

कविता-लेखन जो रचना शब्दों मंे बाँधकर दलखी जाए और गये हो वह कविता ह।ै  कदवता कहानी का रूप नहीं होना चादहए।  कम शब्दों मंे िाव व्यक्त करने चादहए।  कदवता का प्रारम्ि प्रिावशाली होना चादहए।  छंद, अलंकार के प्रयोग से कदवता सनु ्दर बनती ह।ै  कदवता आकदषतथ होनी चादहए।  कदवता सरल व साथकथ होनी चादहए। प्र. िेश की प्रगवत से जुड़ी कविता का सृजन कीवजए। उ. वशक्षा की ज्योवत अदशक्षा का दीप हम बझु ाएँग,े दशक्षा की जोत हम जलाएँग।े दनज िाषा और ज्ञान की उन्नदत कर, दशे को प्रगदत की राह पर ले जाएगँ ।े । कारक कारक सजं ्ञा या सिथनाम के वजस रूप से उसका सबं ध िाक्य के अन्य शब्िों से जाना जाता है, उसे कारक कहते हैं। कारक के भेि विभवि-वचह्न पररभाषा उिाहरण कताथ कारक ने कमथ करने वाले को कताथ कारक समु न ने नतृ ्य दकया। कमथ कारक को कहते ह।ैं समु न ने अपवू ाथ को बलु ाया। करण कारक स,े द्वारा समु न ने चाकू से सेब काटा। सपं ्रिान कारक को, के दलए दिया का फल सजं ्ञा या सवनथ ाम अशं ु ने िावना को पसु ्तक दी। अपािान कारक से (अलग होना) शब्द पर पड़ता ह।ै अदं कता बस से उतरी। सबं ंध कारक का, के , की, रा, रे, री यह पसु ्तक राम की ह।ै अवधकरण कारक म,ें पर कताथ दजस साधन से कायथ समु न बस मंे बिै ी ह।ै सबं ोधन कारक ह,े रे, अरे आदद। करता ह।ै अरे समु न! तमु कब आई? कताथ दजसके दलए कायथ करता ह।ै संज्ञा के दजस रूप से अलग होने का पता लगता ह।ै एक सजं ्ञा का सबं ंध दसू री सजं ्ञा से प्रकट करते ह।ैं दिया के स्थान का पता चलता ह।ै सजं ्ञा का प्रयोग बलु ाने के दलए होता ह।ै 12

कारक कारक – वचह्न पहचान वक्रया के साथ लगाकर पूछे जानेिाले प्रश्न कताथ ने, परसगथ नहीं होता दिया को करनेवाले दकसने, कौन कमथ को, शनू्य कताथ दजस काम को करता दकसे, क्या ह।ै करर् स,े के द्वारा दजस साधन से दिया सपं न्न दकससे, दकसके द्वारा होती ह।ै सपं ्रदान के दलए दजसके दहत की पदू तथ दिया दकसके दलए से होती ह।ै कहाँ से दजससे अलग होने का िाव दकसका, दकसके , अपादान से (अलग होने के अथथ म)ंे दकसकी प्रकट हो। सबं ंध का, के , की दिया को छोड़कर अन्य पद से संबधं बतानेवाला। अदधकरर् म,ंे पर दिया के संचालन का दकसमंे, कहाँ पर, दकस पर अदधकार। सबं ोधन ह,े अरे दजससे संबोदधत दकया जाए। _ 13

अभ्यास कायथ (Work Book) पवठत पद्ांश वनम्न पवठत पद्ांश पढ़कर विकल्प से सही उत्तर का चयन कीवजए। ( ) हम होंगे कामयाब, होंगे कामयाब, ) हम होंगे कामयाब, एक ददन। ई) सदु मत्रानंदन पंत ) हो, हो! मन में है दवश्वास, ) परू ा है दवश्वास, हम होंगे कामयाब एक ददन। ) प्रश्न: 1. इस गीत के गीतकार का नाम बताइए। अ) सिु द्राकु मारी चौहान आ) दगररजा कु मार माथरु इ) महादवे ी वमाथ 2. हम एक ददन क्या होंग?े ( अ) कामयाब आ) नाकामयाब इ) प्रदसद्ध ई) अप्रदसद्ध 3. हमारे मन में क्या ह?ै ( अ) अदवश्वास आ) दवश्वास इ) धोखा ई) छल 4. ‘ददन’ और ‘दवश्वास’ शब्दों के दवलोम बताइए। ( अ) सबु ह, दनशा आ) छल, रात इ) संध्या, प्रातः ई) रात, अदवश्वास 5. ‘हम’ और ‘एक’ शब्दों के वचन बददलए। ( अ) म,ंै अनेक आ) अनके , तमु इ) म,ैं दो ई) तमु , दो प्रश्नोत्तर वनम्न प्रश्नों के उत्तर वलवखए। 1. ‘हम होंगे कामयाब' कदवता मंे कदव के दवचारों से आप कहाँ तक सहमत हंै? स्पष्ट कीदजए। 2. ‘हम होंगे कामयाब’ कदवता के कदव कौन ह?ै सदं क्षि पररचय दीदजए। कविता लेखन प्र. ‘विश्वास’ या ‘सफलता’ से जुड़ी कविता का सृजन संके त वबंिु की सहायता से कीवजए। (मन, दवश्वास, सफलता, बढ़ना।) 14

व्याकरण 1. वनम्न िाक्यों मंे परसगथ (कारक) लगाकर िाक्य पुनः वलवखए। 1. कमल बहन आई। 2. मामा सनु ील घड़ी दी। 3. दपताजी सनु ीता पढ़ाते ह।ैं 4. दगलहरी पेड़ चढ़ गई। 2. वनम्न िाक्यों मंे विभवि लगाकर िाक्य पूरे कीवजए। 1. कदवता पल्लवी गदु ड़या दी। 2. छत तीन बदं र बैिे ह।ैं 3. बाबू जी चश्मा खो गया। 3. वनम्न िाक्यों मंे कारक वचह्न रेखांवकत कीवजए। 1. मैं आददलाबाद के गोंड जनजादत का यवु क ह।ँ 2. वे लोग मोर के पंखों से बनी टोपी पहनते ह।ंै 3. उनके गीत की पदं क्त प्रदसद्ध ह।ै 4. राम ने पेड़ से फल तोड़ा। 4. नीचे विये शब्िों के िचन बिलकर िाक्यों मंे प्रयोग कीवजए। 1. दचदड़या -  2. दमत्र -  3. नदी -  5. वनम्न शब्िों के अथथ वलखकर िाक्यों मंे प्रयोग कीवजए। 1. साथ-साथ -  2. स्वप्न -  3. आज़ाद -  6. वनम्न रेखांवकत शब्िों के वलंग बिलकर िाक्य पुन: वलवखए। 1. बच्चा खले रहा ह।ै 2. मरे ा िाई सातवीं कक्षा मंे पढ़ता ह।ै उ. उ. 3. दपता जी बाज़ार जा रहे ह।ैं 4. लड़का काम कर रहा ह।ै उ. उ. 7. वनम्न िाक्यों में वक्रया शब्ि रेखांवकत कीवजए। 2. हम चलगें े साथ-साथ। 1. हम होंगे कामयाब एक ददन। 4. होगी शादं त चारों ओर। 3. डाल हाथों मंे हाथ। 15

8. वनम्न शब्िों के समास-विग्रह कर समास का नाम वलवखए। 1. आजीवन -  2. नगरवास -  3. सज्जन -  9. वनम्न िाक्यों के नकारात्मक रूप वलवखए। 2. हम साथ-साथ चलंगे ।े उ. 1. हम एक ददन कामयाब होंग।े 4. हम दमल-जलु कर काम करंेग।े उ. उ. 3. हमें परू ा दवश्वास ह।ै उ. 10. वनम्न शब्िों मंे वभन्न शब्ि ढूँाढ़कर वलवखए। 1. ददन ददवस रात ददवा - मस्तक - 2. मन हृदय दहय दनियथ - 3. डर िीरूता िय 11. वनम्न िाक्यों में रेखांवकत शब्ि के विलोम शब्ि पहचानकर कोष्ठक में सही उत्तर वलवखए। 1. परू ा है दवश्वास। ( ) ) अ) अदवश्वास आ) कामयाब इ) नाकामयाब ई) अशादं त ) 2. नहीं डर दकसी का आज। ( ) अ) दवश्वास आ) दनडर इ) अशांदत ई) सिी गलत ) ) 3. होगी शांदत चारों ओर। ( अ) अदवश्वास आ) कामयाब इ) अशादं त ई) नाकामयाब ) ) 12. वनम्न रेखांवकत शब्िों के समानाथथक शब्ि पहचानकर कोष्ठक में सही उत्तर वलवखए। 1. रादत्र मंे चादँ चमक रहा ह।ै ( अ) अधँ कार आ) प्रकाश इ) रौशनी ई) उजाला 2. िारत के वीर सम्माननीय ह।ै ( अ) धीर आ) साहसी इ) गिं ीर ई) सिी गलत 3. हमें परू ा दवश्वास ह।ै ( अ) सधं ्या आ) प्रातः इ) अ और आ ई) सम्परू ्थ 13. वनम्न शब्िों मंे प्रत्यय पहचानकर कोष्ठक मंे सही उत्तर वलवखए। 1. आदथकथ ( अ) इक आ) क इ) दथक ई) अथथ 2. िारतीय ( अ) य आ) ईय इ) तीय ई) िारत 16

3. िौदतक ( ) ई) इक अ) क आ) दतक इ) ितू 14. वनम्न पवं ियााँ परू ी कीवजए। 1. ______________ मन में है दवश्वास। () ई) हो, हो! अ) हा, हा! आ) ह,े ह!े इ) ह, ह! () 2. हम चलेगं े ______________। ई) रात-रात अ) हाथ-हाथ आ) साथ-साथ इ) बात-बात () ई) दो ददन 3. होगी शांदत चारों ओर ______________। अ) चार ददन आ) हर ददन इ) एक ददन 15. वनम्न रेखांवकत अंकों के शब्ि पहचानकर कोष्ठक में सही उत्तर वलवखए। 1. मरे े पास 1000 रुपए ह।ैं ( ) ई) दस हज़ार ) अ) दस आ) हज़ार इ) सौ ) ( 2. होगी शादं त 4 ओर। ई) चालीस अ) चार आ) पाचँ इ) तीन ( ई) तीस 3. यहाँ का वातावरर् 20 दडग्री ह।ै अ) दस आ) दो इ) बीस एकता का वकला बहुत सुरवक्षत होता है। 17

पठन हेतु हाँसी-खुशी चपु हो जा दवक्की, शरे के बच्चे किी रोते ह?ैं मामा, शरे के बच्चे स्कू ल िी नहीं जात।े मनंै े तमु ्हें फू ल लाने के दलए कहा था। यह गमला क्यों उिा लाए? वहाँ दलखा था, - ‘फू ल तोड़ना मना ह।ै इसदलए मंै गमला ही उिा लाया।’ बताओ नरेश! आमलटे दकसे कहते ह?ैं जो आम लटे (दरे ी) से पकता ह,ै उसे आमलटे कहते ह।ैं हमारे गाँव मंे इतनी िंड पड़ती है दक लोग हमारे गावँ में इतनी िंड पड़ती है दक नल का दस-दस कं बल ओढ़कर सोते ह।ंै पानी जमकर बफथ बन जाता ह।ै हमारे गाँव मंे इतनी िंड पड़ती है दक गाय दधू के बदले आइसिीम दते ी ह।ै 18

इकाई-1 2. राजा बिल गया अर्थग्राह्यता प्रचतचिया प्रश्न: 1. चित्र में क्या-क्या चिखाई िे रहा है? उ. चित्र मंे एक लड़का, उसके एक हाथ मंे ग्लोब और दसू रे हाथ मंे पसु ्तक चदखाई दे रही ह।ै 2. लड़का क्या कर रहा है? उ. लड़का हमंे ज्ञान का महत्व बताने की कोचिि कर रहा ह।ै 3. यह लड़का हमें क्या बताना िाहता है? उ. यह लड़का बताना िाहता है चक परू ी दचु नया में ज्ञान का दीप जलाकर हम िांाचत ला सकते हंै और एक संाुदर चवश्व का चनमााण कर सकते ह।ैं 1. जगंा ल = वन, Forest 8. लटू ना = ज़बरदस्ती खींिना, to plunder 9. बेिारा = चजस पर दया आये,poor 2. सोना = स्वण,ा Gold 10. क्रोध = गसु ्सा, anger 11. अमीर = धनवान, arich person 3. सने ा = पलटन, an army 12. गलती = भलू , mistake 13. समझ = सोि, knowing 4. सोिना = चविार करना, to think 14. लौटना = वापस आना, tocome back 5. ज़रूर = अवश्य, surely 6. पड़ोसी = घर के पास रहने वाला, a neighbour 7. आक्रमण = हमला, attack एक बार राजिे नामक लड़का जगंा ल से जा रहा था। रास्ते में उसे एक सोने का चसक्का चमला। सोने के चसक्के को राजिे ने अपने पास रखना उचित नहीं समझा। रास्ते मंे उसे एक साधु चदखाई चदया। राजिे ने वह चसक्का साधु को दने ा िाहा। साधु ने उसे समझाते हुए कहा चक, ‘बेटा यह चसक्का साधओु ां के चलए नहीं ह।ै इसे चकसी गरीब को दे दो।’ राजिे वह चसक्का लेकर आगे िल पड़ा। रास्ते में उसे राजा की बड़ी सने ा चदखायी दी। राजिे ने एक सैचनक से पछू ा तो उसे पता िली चक वे सब राजा के साथ पड़ोसी दिे पर आक्रमण कर उसे लटू ने जा रहे ह।ंै राजिे ने चसक्का राजा को दने ा उचित समझा। उसने चसक्का राजा को दते े हएु कहा, ‘लीचजए महाराज! आप इसे रख लीचजए।’ 19

राजा ने आश्चया ्रककट करते हुए उस बालक से कारण पछू ा। बालक ने कहा , ‘महाराज! एक साधु ने कहा था चक जो सबसे गरीब चदखाई द,े उसे यह चसक्का दे दने ा।’ राजा क्रोध में बोला – ‘मैं महाराजा ह!ँू तमु ्हंे मंै कै से गरीब लगता ह?ूँ ’ राजिे ने िान्त स्वर में कहा- ‘महाराज! यचद आप अमीर होते तो दसू रे दिे को लटू ने के चलए इतनी बड़ी सेना लेकर क्यों जाते?’ राजा की आखूँ ंे खलु गयी। राजिे की बातों का राजा पर गहरा ्रकभाव पड़ा। उसने अपनी सने ा को वापस लौटने की आज्ञा दी। उस चदन से राजा ने अपनी सांपचि गरीबों मंे खिा करना आरंाभ कर चदया। 1. पाठ मंे चिए गए चित्रों के बारे में बातिीत करो। उ. पाठ में चदए गए चित्र मंे जगां ल, पडे ़, फू ल, पक्षी, सोने का चसक्का, लड़का, साधु और घोड़े पर सवार राजा तथा उनकी सने ा चदखाई दे रहे ह।ैं 2. इस पाठ का कोई िूसरा नाम क्या हो सकता है? उ. इस पाठ का दसू रा िीर्का , सोने का चसक्का हो सकता ह।ै क्योंचक परू ा पाठ सोने के चसक्के से ही जडु ़ा हुआ ह।ै 3. राजेश को जंगल मंे क्या-क्या चिखाई चिया होगा? उ. राजिे जब जंगा ल से जा रहा था, तब उसे कई जानवर, पक्षी, झरन,े घने पडे ़ आचद चदखाई चदये होंग।े 4. साधु ने चसक्का गरीब को िेने के चलए क्यों कहा होगा? उ. गरीब के पास रोटी, कपड़ा, मकान जसै ी आवश्यक सचु वधाएूँ भी नहीं होती ह।ंै उसे अपने पररवार का पालन-पोर्ण करना होता ह।ै अतः चसक्का गरीब को दने ा ही उचित ह।ै इसचलए साधु ने चसक्का गरीब को दने े के चलए कहा होगा। 5. अगर हमंे चकसी की कोई िीज़ चमलती है, तो आप क्या करंेगे? उ. यचद मझु े रास्ते में कोई िीज़ चमलती है तो उसे मंै पचु लस थाने मंे दे दगूँ ा ताचक वे उस िीज़ के माचलक का पता लगाकर वो उसे लौटा दगंे ।े अचतररक्त प्रश्न 1. राजिे के स्थान पर आप होते तो उस चसक्के का क्या करते? 2. क्या हमें हमिे ा साधु लोगों की बात माननी िाचहए? 3. क्या राजा बहुत लोभी था? अ) ‘भाई! आपके राजा इतनी बड़ी सेना चलये कहाँा जा रहे हंै?’ राजेश ने यह वाक्य चकस उद्देश्य से कहा? उ. राजिे को पहले यह पता नहीं था चक इतनी बड़ी सने ा लके र राजा पड़ोसी दिे पर आक्रमण करने जा रहे ह।ैं उसने सोिा चक ज़रूर कोई चविेर् बात होगी जो राजा इतनी बड़ी सने ा लके र जा रहे ह।ैं अतः कारण जानने के उद्देश्य से ही राजिे ने यह वाक्य कहा। 20

आ) नीिे चिये गये वाक्य पढ़कर पाठ के आधार पर सही िम में चलखो। 1. ‘लीचजए महाराज! आप इसे रख लीचजए।’ 2. ‘मंै राजा ह,ँा राजा! मंै तुझे गरीब लगता ह?ाँ ’ 3. ‘बेटा! मुझे क्यों िेना िाहते हो?’ 4. ‘भाई ! आपके राजा इतनी बड़ी सेना चलये कहााँ जा रहे हंै?’ 5. ‘इसे तो चकसी गरीब को िे िो, ताचक वह अपना पेट भर सके ।’ उ. 1. ‘इसे तो चकसी गरीब को दे दो, ताचक वह अपना पटे भर सके ।’ 2. ‘भाई ! आपके राजा इतनी बड़ी सने ा चलये कहाूँ जा रहे ह?ंै ’ 3. ‘लीचजए महाराज! आप इसे रख लीचजए।’ 4. ‘बटे ा ! मझु े क्यों दने ा िाहते हो?’ 5. ‘मंै राजा ह,ँू राजा! मैं तझु े गरीब लगता ह।ँू ’ इ) पाठ में सोने के चसक्के के बारे मंे कहा गया है। उस चसक्के का चित्र बनाओ और िो वाक्य चलखो। उ. 1. यह सोने का चसक्का ह।ै 2. आजकल इसका दाम बहतु बढ गया ह।ै 3. एक आम आदमी आजकल सोना खरीद नहीं सकता। ई) नीिे चलखे प्रश्नों के उत्तर चलखो। 1. राजेश कहाँा से जा रहा र्ा? उ. राजिे जगंा ल से जा रहा था। 2. राजेश ने सोने के चसक्के का क्या चकया? उ. राजिे ने सोने का चसक्का एक साधु को दने ा िाहा। साधु ने चकसी गरीब को दने े के चलए समझाया। तब उसने वह चसक्का राजा को चदया। उसकी दृचि मंे राजा चनधना ह,ै क्योंचक वह सपां न्न होने पर भी दसू रे राज्य को लटू ना िाहता ह।ै 3. राजा का नाम क्या र्ा? वह कै सा र्ा? उ. राजा का नाम िरू चसहां था। वह बहुत घमाडं ी राजा था। धन के लालि मंे आकर वह पड़ोसी दिे ों पर आक्रमण करता था। अचतररक्त प्रश्न 1. चदए गए गद्ांिा को ध्यान से पढकर तीन ्रकश्न बनाइए। “महाराज! एक साधु ने कहा था चक जो सबसे गरीब चदखे उसे यह चसक्का दे दने ा।” राजिे करुण स्वर मंे बोला। “मैं राजा ह,ूँ राजा! मैं तझु े गरीब लगता ह?ूँ ” – राजा क्रोध मंे बोला। “महाराज! यचद आप अमीर होते तो दसू रे दिे को लटू ने के चलए इतनी बड़ी सेना लके र क्यों जाते?” राजिे की बात राजा की समझ मंे आ गई। 2. अपने सहपाठी से बनाए गए ्रकश्नों के उिर ्रकाप्त करंे। 3. जगंा ल, चसक्का, साध,ु महाराज, सैचनक, पड़ोसी, आक्रमण, आश्चय,ा गरीब, ्रकिसां ा, सम्पचि, अहसास, राजिे , खि,ा जनता, आरम्भ - पाठ में चनम्न िब्दों को रेखाांचकत कीचजए। अध्यापन संके त - सनु ो-बोलो और पढो में चदए गए अचतररक्त ्रकश्न छात्रों की ज्ञान-वचृ ि हते ु चदए गए ह।ैं अध्यापक/अध्याचपका छात्रों से चनम्न ्रकश्न पछू ें और उनके उिर की सराहना करें। छात्रों को कहानी का मलू भाव बताए।ँू 21

अचभव्यचक्त सृजनात्मकता अ) नीिे चिए प्रश्नों के उत्तर चलखो। 1. चकसी पर आिमण करना उचित नहीं है। क्यों? उ. चकसी पर आक्रमण करना या उसे लटू ना उचित नहीं ह।ै मनषु ्य को अपनी महे नत तथा बचु ि के बल पर धन कमाना िाचहए, दसू रों के धन को लटू ने का चविार नहीं रखना िाचहए। आज हमारे समाज में धन की लालसा बढती जा रही ह।ै बरे ोज़गारीके कारण यवु क भ्रि मागा पर िल रहे ह।ैं इनमंे बदलाव लाना हमारा ्रकमखु किवा ्य ह।ै 2. राजा का स्वभाव कै सा र्ा? अपने शब्िों में चलखो। उ. राजा बहुत ही घमडां ी और लालिी व्यचक्त था। जब रमिे ने उसे चसक्का दने ा िाहा तो उसने घमडंा मंे कहा चक, ‘मैं राजा ह।ँू क्या मैं तमु ्हंे गरीब चदखाई दते ा ह?ँू ’ लालिी इसचलए चक अपने पास सब कु छ होते हएु भी वह दसू रे दिे को लटू ने जा रहा था। आ) ‘राजा बिल गया’ कहानी अपने शब्िों में चलखो। उ. एक बार राजिे नामक लड़का जगंा ल से जा रहा था। रास्ते मंे उसे एक सोने का चसक्का चमला। सोने के चसक्के को राजिे ने अपने पास रखना उचित नहीं समझा। रास्ते मंे उसे एक साधु चदखाई चदया। राजिे ने वह चसक्का साधु को दने ा िाहा। साधु ने उसे समझाते हएु कहा चक ‘बेटा यह चसक्का साधओु ंाके चलए नहीं ह,ै इसे चकसी गरीब को दे दो।’ राजिे वह चसक्का लेकर आगे िल पड़ा। रास्ते मंे उसे एक राजा की बड़ी सने ा चदखायी दी। राजिे ने एक सचै नक से पछू ा तो उसे असचलयत पता िली चक वे सब पड़ोसी दिे पर आक्रमण कर उसे लटू ने जा रहे ह।ंै राजेि ने चसक्का राजा को दने ा उचित समझा। राजिे ने चसक्का राजा को दते े हएु कहा, ‘लीचजए महाराज! आप इसे रख लीचजए।’ राजा ने आश्चया ्रककट करते हएु उस बालक से कारण पछू ा। बालक ने कहा चक ‘महाराज! एक साधु ने कहा था चक जो सबसे गरीब चदखाई द,े उसे यह चसक्का दे दने ा।’ राजा क्रोध में बोला – ‘मैं महाराजा ह!ँू तमु ्हें मैं कै से गरीब लगता ह।ँू ’ राजिे ने िान्त स्वर मंे कहा- ‘महाराज! यचद आप अमीर होते तो दसू रे दिे को लूटने के चलए इतनी बड़ी सने ा लेकर क्यों जाते?’ राजा की आखँू ें खलु गयी। राजिे की बातों का राजा पर गहरा ्रकभाव पड़ा। उसने अपनी सेना को वापस लौटने की आज्ञा दी। उस चदन से राजा ने अपनी सपंा चि गरीबों की सेवा मंे खिा करना आरंाभ कर दी। 22






















































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